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आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
दूध-शरीक बहन
ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन
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"हिंदू धर्म" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
झाँजी
(हिंदू) वो हांडी या आबख़ोरा जिस में सूराख़ कर के ऊपर से रंगीन काग़ज़ चढ़ा कर इस में चिराग़ रोशन कर के लड़कीयां टेसू के दिनों में सर पर लेकर निकलती हैं और मख़सूस गीत गाती और घर घर से आटा या पैसे मांगती हैं
अग्निहोत्र
हवन की प्रथा जिसमें पवित्र आग का बोग दिया जात है और जिसमें पति की सामने उसकी पत्नी अपनी सतीत्वता की सौगंध लेती है, हिंदू विवाह में अग्नि को साक्षी मान कर हवन करना
अंग-मिलाई
(हिंदू) आरसी मसहफ़ की तरह की एक रस्म जिस में शादी के मौक़ा पर दूल्हा दुल्हन को आईने के सामने खड़ा किया और एक दूसरे को दिखाया जाता है
अथर्व-वेद
हिंदुओं के चारों वेदों में से अंतिम या चौथा वेद जिसमें मोहन, उच्चाटन, मारण, जादू-टोने, झाड़-फूंक, ज्योतिष, रोग-निदान आदि के संबंध की बहुत-सी बातें हैं, जिसमें प्रार्थनाएँ और अवलोकन होते हैं
अन्नप्रासन
नोमोलूद बच्चों कोपहिली दफ़ा खाना खिलाने की रस्म जो छुटे महीने होती है, और ख़ैर चटा कर शुरू की जाती है, बोर चटावन, ख़ैर चटाई
अबिद्या
(हिंदू दर्शन) नफ़्स-उल-अमरी के अस्तित्व की अज्ञानता जो पतंजलि के योग शास्त्र के अनुसार मानव दुख और पीड़ा के कारणों में से एक है, बेइल्मी, जहालत
अबीर
अभ्रक का चूर्ण जिसे होली में लोग अपने इष्ट मित्रों के मुख पर मलते हैं, कहीं कहीं इसे भी अबीर कहते हैं, अभ्रक का बुरादा, बुक्का
अर्घ
हिंदू उपासना पद्धति के अनुसार वह जल जिसमें फूल,अक्षत, दूब, दूध, दही, सरसों, तिल आदि सामग्री मिलाकर देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है
अश्नान
स्नान, नहाना, नहाने के धार्मिक अनुष्ठान जो सर्दियों में हिंदू गंगा यमुना आदि पवित्र नदियों में जाकर नहाते हैं, पवित्र स्नान
अश्वमेध
(संगीत) एक ख़ास तान जिसमें षड्ज स्वर नहीं होता जिसमें षड्ज स्वर को छोड़कर शेष छह स्वर लगते हैं
आकाश-दिया
(हिंदू) वह दीपक जो कार्तिक में हिंदू लोग कंडील में रहकर एक ऊँचे बाँस के सिरे पर बाँधकर जलाते हैं (उनकी मान्यता है कि ऐसा करने से दूसरा संसार भी प्रकाशमान होता है)
आर्घ
[हिंदू ] चन्दन के पाउडर फूल और सब्ज़ी आदि, जो बुज़ुर्गों की सेवा में दक्षिणा के तौर पर पेश करते हैं
आरती
तश्तरी में निरंजनी,पैसा,सुपाड़ी,अक्षत डालकर मूर्ति या व्यक्ति के सामने चारों ओर घुमाने की रिति, धूप-दीप से पूजा, आरती हिन्दू उपासना की एक विधि, इसमें जलती हुई लौ या इसके समान कुछ खास वस्तुओं से आराध्य के सामाने एक विशेष विधि से घुमाई जाती है
आहू-ए-ज़र-निगार
(शाब्दिक) सुनहरा हिरन, (अर्थात) वह सुंदर हिरन जिस पर मुग्ध हो कर सीताजी ने रामचंद्रजी से उसके शिकार की इच्छा प्रकट की थी, हर प्यारी चीज़
इक्का
(मुग़ल शाही दौर में) हिंदूस्तानी फ़ौज का वो ओहदादार जो अपनी मुताल्लिक़ा पलटन को पहराचौकी तक़सीम करने पर मुतय्यन होता था, जमादार
इंद्रसभा
राजा इंद्र के दरबार का जहाँ परीयों का नाच वग़ैरा जो ड्रामे के तौर पर स्टेज किया जाता है, राजा इंद्र की परंपरागत सभा जहाँ परियां नाचती थीं
इन्दर
वो चंद बने ठने और आरास्ता पैरास्ता ठाकुरों को नहलाने वाले आदमी जो अंत चौदस के दिन किसी पवित्र कुँवें के बाजे गाजे के साथ चांदी के आ बुख़ूरे में पानी लाकर उन को नहलाते हैं (दिल्ली में इस का ख़ास मेला है)
उलच
(हिंदू) वो रक़म जो लड़के वाले दुल्हन के घर रात पहुंचने के बाद इस पानी के घड़े में डालते हैं जो एक मुलाज़िम दरवाज़े पर लिए खड़ा होता हैऔर बतौर शगून पानी बहाता है
कंगना
(हिंदु) कलाई में पहना जाने वाला एक गहना, कलावे का डोरा जो शादी में फेरा के समय दूल्हा की दाहिनी कलाई और दुल्हन की बाईं कलाई में शगून के तौर पर बांधते हैं, इस में लोहे का छल्ला, टूटी कोड़ी, सुपारी की डली और काला दाना आदि भी बंधा होता है, कंगन, कड़ा
कंगना खोलना
(हिंदू) शादी की एक रस्म जिसमें फेरों के बाद दूलहा दुल्हन का और दुल्हन दूल्हा का कंगना खौलती है
कच्ची-रसोई
केवल पानी में पका हुआ भोजन, वह व्यंजन जो दूध या घी या तेल आदि में न पकाया गया हो, जो तल कर न पकाई गई हो, बिन घी की रोटी
कचा कोढ़
त्वचा संबंधी संक्रामक रोग जिसमें शरीर के किसी अंग पर चकते पड़ने लगते हैं, खुजली, उपदंश या आतशक
कुँजड़ा
तरकारी, फल आदि बोने या बेचने वाले लोगों की एक जाति, कुंजड़ा, (इस जाति के लोग प्रायः अब मुसलमान हो गए हैं)
कटौती
किसी काम या बात में किसी रूप में की जाने वाली या होने वाली कमी, लेन देन का काम सरअंजाम देने का हक़, रियायती हक़, छूट, डिस्काउंट, घटोत्तरी, कमी, मैल का वज़न जो कीसी धात की साफ़ करने में वास्तविक भार से अलग कर दिया जाए, करदा
कठ-फोड़ा
एक प्रकार का छोटा पक्षी जिसकी चोंच नुकीली तथा लंबी होती है, वह अक्सर अपनी चोंच से पेड़ों को छेद कर घर बनाता है, हुदहुद, कठफोड़वा
कुठाली करना
न१।सोने चांदी को कठाली में गलाना। २।(हिंदू) मुरदे को जलाना। ३।(अम) खोखला करना। गढ़ा डाल देना। ४।(अम) पीटना। ज़द वकोब करना
कंठी बाँधना
किसी का चेला होना, भक्त होना, अपना आप किसी संत के चरणों में अर्पित करना, मांस खाने और मधू पीने से बचना, सदाचार अपनाना, भगत बन जाना
कुंड
(तैराकी) तंग और गहिरा गढ़ा जिस में किसी नदी का पानी गिर कर आगे बढ़ता और बीच में चक्कर (भंवर) पैदा करता है, ऐसी जगह तैरना निहायत ख़तरनाक है
कड़ा
(पदार्थ) जिसके कणों, तंतुओं, संयोजक अवयवों आदि की बनावट या संघात इतना घना, ठोस या दृढ़ हो कि उसे काटा, तोड़ा, दबाया या लचाया न जा सके और इसीलिए जिसमें कुछ गड़ाना या घसाना बहुत कठिन हो। कठोर। सख्त। ' कोमल ' या ' मुलायम ' का विपर्याय। जैसे-कड़ी जमीन, कड़ा तख्ता, कड़ा लोहा
कत्तर
कपड़े के तराशने में जो बेकार टुकड़े कपड़े के छोटे-छोटे निकलते हैं इस को कतर कहते हैं, कपड़े या काग़ज़ का छोटा सा पारचा, कतरण, धज्जी
कन्या-दान
दहेज और वो रुपया पैसा जो बेटी का विवाह करने या दहेज मैं देने के लिए जमा किया जाये, वो रुपया जो बेटी के ब्याहने में या दहेज में देते हैं
कनागत
(खगोल शास्त्र) क्वार के महीने का अँधेरा पाख, (प्रायः यह पक्ष उस समय पड़ता है जब सुर्य कन्या राशि में जाते हैं, इसी से 'कन्यागत' नाम पड़ा) पितृपक्ष
कृपा
उदारता या सज्जनतापूर्वक किया हुआ ऐसा कार्य जिससे किसी की भलाई होती हो (काइन्डनेस), निःस्वार्थ भाव से किया जाने वाला उपकार, दया, अनुग्रह, मेहरबानी
कमंडल
ताँबे, पीतल आदि का बना ऐसा लोटेनुमा पात्र जिसे साधु-संन्यासी जल भरने के लिए प्रयोग करते हैं, दरियाई नारियल का बना हुआ एक प्रकार का जल-पात्र
कमली बिछाना
शोक या मातम का संकेत प्रकट करना क्योंकि जिस व्यक्ति का कोई मर जाए उसे क्रियाकर्म तक कमली बिछाकर बैठना पड़ता है
कर्म-काँड
शास्त्रविहित धार्मिक कर्म, वह शास्त्र जिसमें यज्ञ, संस्कार आदि कर्मों का विधान हो, वेद का वह भाग जिसमें नित्य-नैमित्तिक आदि कर्मों का विधान है
कलजुग
(हिंदू) चौथा जुग जो चार लाख बत्तीस हज़ार वर्ष और पाप का ज़माना माना गया है, पापों का युग, बहुत बुरा समय, बुराई और गुनाह का काल, पापयुग, कलहयुग
कलेजा थरथराना
۔ सर्दी से या ख़ौफ़-ओ-वहशत से कलेजा टोॗटा जाता है। (हिंदू।ओ) कलेजा बैठा जाता है। भूक के मारे बुरा हाल हुआ जाता है। भूक के मारे कलेजा टूटा जाता है।
कुल-देवता
वह देवता जिसकी पूजा किसी कुल या परिवार में परंपरागत रूप से होती आ रही हो, कुलदेव, इष्टदेव, अधिदेव
कुल्हिया भरना
(हिंदू) दूधिया शर्बत भर कर किसी देवी पर चढ़ाना , दीवाली की पूजा के मौक़ा पर कलहियों पर खेलें डालना
कुली बखानना
(हिंदू) किसी के बुज़ुर्गों का ज़िक्र बड़ाई से करना, तारीफ़ करना , (तंज़न) किसी के बाप दादा को गालियां देना , बुराई करना
कुश
एक प्रकार की प्रसिद्ध घास जो पवित्र मानी जाती है और जिसका उपयोग धार्मिक कृत्यों, यज्ञों आदि में होता है।
काछ
۔(ह) (हिंदू) मुअन्नस। १।धोती का वो हिस्सा जो पीछे घुरसा जाता है। २।ज़ानू के ऊपर का हिस्सा। जांग। ३।जानगया। ४।लिबास। भेस। रूप
कात्की
(हिंदू) कातिक (रुक) का अश्नान जिस में तक़रीबन हर जगह गंगा के किनारे मेला लगता है, कातिक में अश्नान का मेला
कामधें
(हिंदू) इन्द्र की गाय जिसके लिए कहा जाता है कि उससे जो कुछ माँगा जाया सब देती है; (लाक्षणिक) दुधैल गाय
कायथ
इस जाति के लोग प्रायः लिखने-पढ़ने का काम करते है और पंजाब को छोड़ प्रायः सारे उत्तर भारत में पाए जाते हैं, एक लिपिक जाति, कायस्थ
कोका-बेली
नीले फूलों वाली एक वनस्पति जो पुरानी झीलों या तालाबों में उगती है, नीली कुमुदिनी, गुल-ए-नीलोफ़र
कोख शास्त्र
छिपे या मनोगत का विज्ञान, इल्म-ए-ग़ैब, मैं ने कोख शास्त्र नहीं पढ़ा जो पीठ पीछे की बात बता दूँ
कौरव
राजा कुरु के वंशज या संतान; (महाभारत) कुरुवंशी धृतराष्ट्र के सौ पुत्र- दुर्योधन, दुःशासन आदि सामूहिक रूप से इसी नाम से जाने जाते थे
खप्पर
दरियाई नारियल का वह आधा भाग या उसके आकार का कोई पात्र जिसमें कुछ विशिष्ट प्रकार के साधु भिक्षा लेते हैं।
खाट
पाटियों आदि का बना हुआ तथा रस्सियों आदि से बुना हआ एक प्रसिद्ध चौकोर उपकरण जिस पर लोग बिछौना बिछाकर सोते हैं, वो तख़्ता या पलंग वग़ैरा जिस पर लाश को ले जाते हैं, जनाज़ा
खाट से उतार लेना
(हिंदूओं के यहां) मरीज़ का नज़ा की हालत में नीचे लुटा देना, मरीज़ का मरने के क़रीब होना
खाट से लग जाना
बीमार हो जाना, बिस्तर तक ही सीमित रहना (बीमारी के कारण), बहुत कमज़ोर, दबला-पतला हो जाना
खाट-खटोला
वह सामग्री जो लेटने और सोने के काम आती है, जैसे: तख़्त और पलंग आदि, घर की सामग्री, सामान, अंगड़-खंगड़, बोरिया-बँधना, माल-असबाब
गगन खेलना
लहरों का ऊँचा उठना, पानी का तेज़ उछाल मारना, अधिक ऊँचा उछलना, बहते हुए पानी या नदी आदि का उछलना
गंगा में चराग़ बहाना
(हिंदू) मिन्नत मानने या मिन्नत पूरी होने के मौक़ा पर चिराग़ जला कर दरयाए गंगा में बहाना, चिराग़ गंगा की नज़र करना
गंगा लाब होना
(हिंदू) दरयाए गंगा के किनारे जा कर मरना, गंगा पर जाकर दम देना , मुक्त होना, नजात पाना, बैकुंठ को सुधारना
गंगा-अश्नान
दरयाए गंगा में नहाना ख़ुसूसन हरिद्वार या दूसरे तीर्थ उस्तानों के सालाना मैले वग़ैरा के मौक़ा पर
गंगा-यात्रा
मरणासन्न व्यक्ति को मरने के लिए गंगा-तट पर या किसी पवित्र जलाशय के किनारे ले जाने की पुरानी प्रथा, मृत्यु, स्वर्गवास
गठ-बंधन
(हिंदू) विवाह में वर-वधू के दुपट्टों में गाँठ बाँधने की एक रस्म, कोई धार्मिक कृत्य करते समय उक्त प्रकार से पति-पत्नी के पल्लों में गाँठ लगाने की रीति, विवाह के समय वर के दुपट्टे के एक छोर को कन्या की चादर के एक छोर से गाँठ लगाकर बाँधने की रीति
गुड़ियाँ
۔मुअन्नस गुड़िया की जमा२।(हिंदू) साइन के आख़िर में येक रोज़ जिस में हिन्दुओं के लड़के गुड़ियायाँ लेकर निकलते हैं। इस तारीख़ जो मजमा होता है इस को गढ़ियों का मेला कहते हैं। इस रोज़ पहलवानों की कश्तियां भी हैं।
गुण करना
लाभ पहुँचाना, बीमारी से अच्छा करना, स्वास्थ देना, प्रभावित होना, भलाई करना, नेकी करना, अच्छा सुलूक करना
गणेश
(पुराण) एक प्रसिद्ध हिंदू देवता, शिवजी और पार्वतीजी के बेटे का नाम जिसका सर हाथी की शक्ल का है, गणेश, गणनायक।
गणेश-चौथ
हिंदूओं का एक तहवार जो गणेश जी के नाम से चौथी अगहन (आठवाँ महीना) को मनाया जाता है, इस रोज़ बरत रखना बड़ा पुण समझा जाता है, गणेश चतुर्थी
गुप्तदान
वह दान जिसका दाता प्रकट न हो, वह दान जो ख़ुफ़िया तौर पर की जाए, छिपा कर दिया जाने वाला दान, वह दान जिसे देने वाले के सिवा और कोई न जान सके
गर्भ
स्तनपायी (मादा) प्राणियों के शरीर का वह भीतरी भाग जिसमें शुक्र और रज के संयोग से नये प्राणी उत्पन्न होते, बढ़ते, पनपते और अंत में जन्म लेते हैं। गर्भाशय।
गूलर का फूल
(हिंदू) कहते हैं कि गूलर का फूल दीवाली की रात निकलता है जिसे रातों पर पर या ले ले जाती हैं, जिस मर्द को दिखाई दे जाता है राजा या बादशाह हो जाता है , (मजाज़न) निहायत कमयाब हलका नायाब या नापैद चीज़ नीज़ अजीब-ओ-ग़रीब चीज़
ग़ल्ला डालना
अनाज भरना, अनाज का भंडार जमा करना; (हिंदू) थोड़ा-थोड़ा या एक एक मुट्ठी अनाज प्रतिदिन निकाल कर देवी-देवता के लिए इकट्ठा करते रहना; नगद इकट्ठा करना, चक्की के गड्ढे में मुट्ठी-मुट्ठी अनाज डालना
गुसाईं
۔(ह) मुज़क्कर। (हिंदू) गोसाईं का मुख़फ़्फ़फ़ ।गाइयों का मालिक २। स्वामी। मालिक ३।ज़ाहिद ।जोगी एक क़ुम के हिंदू फ़क़ीर ४। महंत। साईं ।बुज़ुर्ग
गाँठ जोड़ना
(हिंदू) फेरों के समय दूल्हा और दुल्हन के दुपट्टे में मिला कर गाँठ लगाना, गठ-जोड़ लगाना, ब्याह करना
गायत्री
उक्त छंद में रचित एक वैदिक मंत्र, एक प्रकार का वैदिक छंद, एक छंद का नाम जिस के हर एक पद (लफ़्ज़) में छे छे अक्षर होते हैं
गाव-ए-ज़मीं
(हिंदू) वो गाय जिस के सींग पर ज़मीन खड़ी है और जब थक कर ज़मीन को एक सींग से दूसरे सींग पर बदलती है तो भूंचाल आता है, गाव-ए-सिरा
घंटे मोरछल से उठाना
घंटे बजाते और मूरछल करते और रुपया पैसा वग़ैरा किसी बुड्ढे मुर्दे पर से बिखेरते हुए, जलाने के लिए ले जाना, धूम धाम के साथ वृद्ध मुर्दे का अंतिम संस्कार करना
घुन्नी साधना
जानबूझ कर चुप रहना, सुनी अनसुनी कर देना, चुप रहना, जान कर चुप हो जाना, जानबूझ कर जवाब न देना, मक्कारी करना
घपला
गड़बड़, गड्डमड्ड, गोलमाल, ख़लत-मलत, ग़लती, हेरफेर, धांदली, अव्यवस्था, भ्रष्टाचार, बिना क्रम की मिलावट, ऐसी मिलावट या व्यवस्था जिसमें कोई क्रम न हो, ठीक प्रकार से कोई काम न करने के कारण होने वाली अव्यवस्था या गड़बड़ी, दो परस्पर भिन्न वस्तुओं की ऐसी मिलावट जिसमें एक से दूसरे को अलग करना कठिन हो
चंद्रबंसी
(हिंदू) आर्यों के एक प्रसिद्ध परिवार का नाम जिसमें पांडव और कौरव हुए जो स्वयं को चन्द्र देव का वंशज मानते हैं, चंद्रवंश का, जो क्षत्रियों के चंद्रवेश में उत्पन्न हुआ हो
चर्ख़-पूजा
(हिंदी) एक अनुष्ठान जिसमें जमीन पर एक खंभा खड़ा किया जाता है और उस पर एक रस्सी लटका दी जाती है और पुजारी की पीठ पर एक लोहे का हुक लगाया जाता है और उसी रस्सी से बांध दिया जाता है और उसका चेहरा ऊपर उठाया जाता है और अच्छी तरह से घुमाया जाता है जब सूर्य मेष राशि में जाता है तो यह अनुष्ठान समाप्त होता है
चरणामृत
वह पानी जिससे किसी देवता या महात्मा के चरण धोए गए हों और इसीलिए जो अमृत के समान पूज्य समझ कर पिया जाता हो, वो पानी जिससे किसी देवता या भगवान से डरने वाले के पैर धुलाए गए हों
चादर डालना
विधवा (की देख-रेख के लिए) उसके साथ शादी करना या उसकी शादी कर देना (सिखों में एक प्रकार का ब्याह है)
चाब
(हिंदू) एक रस्म का नाम जिस में बच्चा पैदा होने पर अज़ीज़-ओ-अका़रिब की औरतें गाती बजाती पोतड़े लेकर आती
चिता-पिंड
(हिंदू) चावल और दूध का पंडा या बड़ा लड्डू जिसे तोशा-ए-आख़िरत ख़्याल करके तेजी़ के दिन दरिया में बहाते हैं नीज़ जो के आटे की पेंडी जो अर्थी पर रखते और दरिया बुरद करते हैं, वो लड्डू या पेंडी जो मुर्दा जलाते वक़्त बुज़ुर्गों की रूहों के नाम पर तक़सीम किया जाये
चौका
(सैफ बाज़ी) हरीफ़ पर एक ही वार में चार ज़रबें लगाने का तरीक़ा ये ज़रबें दाएं बाएं कनपटी और दोनों पिंडुलीयों पर लगाई जाती हैं
जड़भरत
आंगरिस गोत्री एक ब्राह्मण जो संसार की आसक्ति से बचने के लिए जड़वत रहते थे, इसलिए जड़भरत कहलाते
जनम लेना
हिंदू मान्यताओं के अनुसार कर्मों के लिए दंडित किए जाने के लिए किसी घर या किसी अन्य रूप में पुनर्जन्म होना
जन्म-पत्र
किसी के जन्म-काल के समय के ग्रहों की स्थिति, दशा, अंतर्दशा आदि का विस्तार से उल्लेख करने वाला पत्र, जन्मपत्रिका, ज़ाइचा, लगन कुंडली
जन्माष्टमी
कृष्ण के जन्म की याद में मनाया जाने वाला पर्व, भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी का त्योहार, कृष्ण-जन्माष्टमी
ज़ुबान चढ़ाना
(हिंदू) किसी देवी की यह संकल्प लेना कि अगर मेरा वह कार्य होजाए तो अपनी ज़बान काट कर फ़लां स्थान पर चढ़ा दुंगा, देवी की मूर्ति के सामने अपनी ज़बान काट कर चढ़ाना
जलहरी
जलधरी, शिवलिंग स्थापित करने का पात्र, धातु,पत्थर आदि का बना हुआ वह आधान जिसके बीच में शिंवलिंग स्थापित किया जाता है और जो तीन ओर से गोलाकार होता है औ एक ओर से लंबोतरा अर्घा
ज़ात
(हिंदू) हिंदुओं में मनुष्य समाज का वह विभाग जो पहले पहल कर्मानुसार किया गया था, पर पीछे से स्वभावत: जन्मानुसार हो गया, हिंदुओं के चार सामाजिक जातियों में से एक ब्रह्मण, क्षत्री, वैश्य, शूद्र में से कोई एक समूह या संप्रदाय
जात-धर्म
ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र का अपना अपना अथवा अपनी अपनी जाति के प्रति होनेवाला विशिष्ट कर्त्तव्य।
जात्रा
(हिंदू) दर्शनार्थ देवस्थानों को जाना, धार्मिक उद्देश्य से किया जाने वाला सैर-सपाटा, तीर्थ को जाना, तीर्थाटन, तीर्थ (पवित्र स्थानों को)
जिस ने दिया उस ने पाया
जो ईश्नर के नाम पर देता है उसे लाभ होता है, जो दूसरों को देता है उसे मिलता भी है
जीगड़ भरना
(हिंदू) जेठ के महीने में प्याऊँ या ब्रह्मणों के घर जा कर बतौर पुन्य हिंदू औरतों का पानी भरना
जोग माया जी का पंखा
(हिंदू) जोग माया जी (रुक) के मंदिर (वाक़्य क़ुतुब दिल्ली) पर चढ़ाने के लिए जलूस की शक्ल में ले जाया जाने वाला आरास्ता पंखा
झूला
(सैफ बाज़ी) हरीफ़ पर ज़रब लगाने से क़बल तलवार या ख़ंजर का साधने यानी तवाज़ुन क़ायम करने के लिए ढीले हाथ की एक आज़ाद हरकत
टाँक
पांच सैर वज़न से कमान की कोत जांचने का तरीक़ा (आम तौर पर कमान के चले में एक मुईन वज़न लटका दिया जाता है अगर वज़न से कमान के सिरे मर्कज़ की तरफ़ झुक जाएं तो का मान कमज़ोर तड़प की समझी जाती है, मामूली कमान के लिए पाँच सैर वज़न उस की जांच का मयार समझा जाता है और एक टांक कमान वग़ैरा कहलाता है)
ठंडी कढ़ाई करना
(हिंदू) शादी के आख़िर में हलवा पक्का कर भट्टी बंद कर देना, शादी के खाने पकाने का काम ख़त्म करना
ठा
۔(ह) मुअन्नस। १।(हिंदू) जगह। मकान। मुक़ाम। २।मद्ध्াम आवाज़। मतोसि्इत आवाज़। गवैए दोॗन से निस्फ़ आवाज़ को 'ठा' हैं।
ठाला
(व्यवित) जो कुछ भी काम-धंधा न करता हो। निठल्ला। मुहा०-ठाला बताना या ठाली देना = (वास्तविक काम न करके) व्यर्थ इधर-उधर की बातें करना या बताना। पुं०१. व्यापार की ऐसी स्थिति जिसमें विशेष बिक्री-बट्टा न होता हो। जैसे-आज तो बाजार में ठाला है।
तप
तपस्या; वह व्रत या नियम जिनसे शरीर या चित्त को कष्टप्रद दशाओं में रखकर शुद्ध या निर्मल तथा विषयों से निवृत्त किया जाता है
तंबोल बाँटना
(हिंदू) बहन जब भांजी या भांजे की शादी के मौक़ा पर भाई के घर से जाती है तो भाई बहन की ससुराली औरतों को नक़दी पान खाने को देते हैं
त्याग
किसी वस्तु के प्रति अपनेपन का भाव छोड़ देना अथवा उस वस्तु के प्रति मोह न रखना, ग्रहण के विपरीत कर्म, उत्सर्ग, वैराग्य, विराग, स्वार्थ की उपेक्षा,समर्पण, उदारतापूर्वक दान-देना, मोह-माया का त्याग
त्यागी
त्यागने या छोड़ने वाला, साधू, जोगी, बनबासी, विरक्त, संसार की झंझटों से विरक्त होकर वैभव या सुख-भोग के सब साधनों या सामग्री का त्याग करनेवाला
तेरहवीं
(हिंदू धर्म) किसी के मरने की तिथि से तेरहवें दिन किया जाने वाला पिंडदान संस्कार; तेरही; त्र्योदशी; उठावनी; रस्म-पगड़ी।
त्रिमूर्ति
(हिंदू) तीन देवता (ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश) के चेहरे रखने वाला, ब्रह्रा, विष्णु और शिव ये तीनों देवता
त्रिलोक
(पुराण) तीनों लोक अर्थात पृथ्वी, स्वर्ग और पाताल, स्वर्ग, मर्त्य और पाताल ये तीनों लोक, सारा ब्रह्माण्ड
तेल-फल
हिंदू: तेल और नारीयल वग़ैरा जो शादी से कुछ दिन पहले उपहारस्वरूप दूलहा के हाँ से दुल्हन के वास्ते भेजा जाता है
तुला-परीक्षा
प्राचीन काल में होनेवाली एक तरह की परीक्षा जिससे यह जाना जाता था कि अभियुक्त दोषी है या निर्दोष, उसका तरीक़ा यह था कि अभियुक्त को पहले तौलते हैं फिर मंत्र पढ़ कर दुबारा तौलते हैं अगर वज़न कम हो जाए तो निर्दोष वरना दोषी
ता'ज़िया बनाना
बाँस की कमाचियो पर रंग-बिरंगे काग़ज़, पन्नी आदि चिपका कर मक़बरे के आकार का वह मंडप बनाना जो मुहर्रम के दिनों में मुसलमान लोग हज़रत इमाम हुसैन की क़ब्र के प्रतीक रूप में बनाते है, और जिसके आगे बैठकर मातम करते और मरसिये पढ़ते हैं, ताजि़या का ढाँचा वगै़रा तैयार करना
तान भरना
संगीत: सातों सुरों को तान में अदा करके सम पर आना, गाने में सुंदर और लुभावने ढंग से कुछ सुरों को मुंह से बार-बार निकालना
ताना
۔(ह। फ़ारसी में ताना मानी नंबर १। में है) १।मुज़क्कर। सोॗत के तागे जो कपड़ा बुनने में लंबाई की तरफ़ हूँ। (तनना के साथ) ।२चांदी सोने को आग में रख कर इस के ख़ालिस और ग़ैर ख़ालिस होने का इमतिहान करना। ताऊ देना। तपाना। ३। जांचना। आज़माना। ४। (हिंदू) गर्म पिघलाना।नू
तिरन चढ़ाना
(हिन्दू धर्म) महादेव इत्यादि की मूर्ति या सूर्य की पूजा करते समय चुल्लू या लोटे में पानी ले कर सिर से ऊँचा करना और फिर मंत्र पढ़ते हुए मूर्ति या सूर्य की तरफ़ मुख कर के पानी गिराना
तीन-त्रिलोक दिखाई देना
पृथ्वी और आकाश की सात-सात परतों का रौशन हो जाना, पूर्ण ब्रह्माण्ड का रौशन हो जाना, अर्थात अत्यधिक परेशान होना
तीन-त्रिलोक नज़र आना
पृथ्वी और आकाश की सात-सात परतों का रौशन हो जाना, पूर्ण ब्रह्माण्ड का रौशन हो जाना, अर्थात अत्यधिक परेशान होना
तीनों-तिलोक नज़र आ जाना
पृथ्वी और आकाश की सात-सात परतों का रौशन हो जाना, पूर्ण ब्रह्माण्ड का रौशन हो जाना, अर्थात अत्यधिक परेशान होना
तीनों-दुख
(हिंदू) तीन प्रकार की पीड़ा, दैतिक अर्थात जो शरीर से प्रकट हों, भौतिक जो सांसारिक प्रपंच का परिणाम हों और दैविक जो आकाशीय हो
थापा
(हिंदू) शादी ब्याह या मूंडन के मौक़ा की एक रस्म जिस में घर की दीवार पर हल्दी में अपने हाथ रंग कर छापे लगाते और उन्हें पूजते हैं
थिर
जिसमें चंचलता न हो, थिर और शांत, धीर, जो चलता या हिलता-डूलता न हो, ठहरा हुआ, स्थिर, एक ही अवस्था में रहने वाला, स्थायी
थोथे तीरों से उड़ाना
۔(ओ। हिंदू) कुनद तीरों से उड़ाना ताकि सख़्त तकलीफ़ हो। सज़ाए सख़्त देना। कुनद छुरी से हलाल करना
दुर्गा-पूजा
दुर्गा का पूजन, नवरात्र की पूजा, उत्तर भारत में चैत्र और आश्विन शुक्ल की प्रतिपदा से नवमी तक के नौ दिनों में दुर्गा की स्थापना के बाद होने वाली पूजा-अर्चना, चैत्र और आश्विन के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक के नौ दिन जिनमें लोग दुर्गा या देवी की प्रतिमा स्थापित करके उसका पूजन करते हैं
देव-उठान
विषणु भगवान का सो कर उठना, इस दिन विष्णु भगवान सो कर उठते हैं इससे इसका माहात्म्य बहुत माना जाता है, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी, कार्तिक शुक्ला एकादशी, देवोत्थान
देवठाना
विषणु भगवान का सो कर उठना, इस दिन विष्णु भगवान सो कर उठते हैं इससे इसका माहात्म्य बहुत माना जाता है, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी, कार्तिक शुक्ला एकादशी, देवोत्थान
देव-नागरी
भारत की बहुप्रचलित लिपि जिसमें संस्कृत, हिंदी, मराठी, कोंकणी, डोगरी, नेपाली आदि भाषाएँ लिखी जाती हैं, इसे राष्ट्रीय लिपि भी कहा जाता है
दादा
पितामह, पिता का पिता, आजा, बड़ा भाई, बड़े बूढ़ों के लिये आदरसूचक संबोधन, बड़ी उम्र वाला आदमी, गुरूओं, गुरुजन, उस्ताद, बदमाशों और ग़ुंडों का सरदार, दबंग, गुंडा
दामासाही
बिंदु) एक व्यापारी, दामाशाह, जो दिवालिएपन से मर गया और उसके माल को लेनदारों के बीच वितरित किया गया, रस्सी का वितरण, लेनदारों के बीच संपत्ति का वितरण, किसी दिवालिए महाजन की संपत्ति का लहनदारों के बीच में होने वाला बँटवारा
धनतेरस
कार्तिक मास में कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला एक त्योहार, प्राचीन आयुर्वेदिक आचार्य धन्वंतरि के नाम पर प्रसिद्ध धन्वंतरि त्रयोदशी, वर्तमान समय में ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना,चाँदी और बर्तन खरीदना शुभ होता है
धर्म-शाला
वह स्थान जहाँ नियमपूर्वक धर्मार्थ के विचार से दीन-दुखियों को दान दिया जाता हो, धार्मिक दृष्टिकोण से भोजन बाँटने का स्थान, सदावर्त
नमस्कार करना
(हिन्दू धर्म) (सर झुकाकर और हाथ जोड़कर) राम-राम कहना, सलाम करना कोर्निश या आदाब बजा लाना
नवदुर्गा
(हिंदू) देवी दुर्गा के नौ भिन्न-भिन्न रूप, जिनकी नवरात्रों में प्रतिदिन एक-एक कर पूजा-अर्चना होती है
नहान
नहाने की क्रिया या भाव, नहाने का शुभ अवसर या पर्व, जैसे-छठी का नहान, नवजात शिशु का स्नान जो छट्टी या चलसे को होता है तथा इस अवसर पर हर्षो-उल्लास का उत्सव
नागेसर
(हिंदू) एक प्रकार का सुगंधित फूल और उसका पौधा जिसे हिंदू शुभ समझते हैं और जिससे सुगंधित इत्र बनते हैं, नाग-चम्पा की कली, नाग-मुश्क, नाग-केसर
नादिर-शाह
पारस (फारस) देश का एक कुख्यात क्रूर राजा जिसने मुहम्मद शाह रंगीले के समय में भारत पर आक्रमण किया था
निठल्ला
(व्यक्ति) जिसके हाथ में कोई काम-धंधा या रोजगार न हो, प्रायः खाली बैठा रहने वाला, जिसके पास कोई काम-धंधा न हो, बेरोज़गार, खाली, बेकार
निभाव
निभने या निभाने की क्रिया या भाव, कठिनाई से सहनशीलता-पूर्वक किया जाने वाला निर्वाह, निबाह, गुज़र-बसर, अनुपालन
निरी
۔मुअन्नस१। बिक्री या भीड़ कारणगा हुआ चमड़ा जिस से जूतीयां बनाते हैं।(क़स्बात की ज़बान है) ये जादा जालीना लेना जाने ना पाए। निरी के जूते का चोर है २। (हिंदू) गले की नली
निस्तारा करना
रिहाई दिलाना, रिहा करना , (हिंदू) आवागवन के सिलसिले से आज़ादी दिलाना, क़र्ज़ अदा करना , बदला देना
नौ-खंड
पुराणानुसार या प्राचीन भारतीय मान्यता के अनुसार पृथ्वी के नौ खंड- भरत, किंपुरुष, भद्र, हरि, हिरण्य, केतुमाल, इलावर्त, कुरु और रम्यक
नौटंकी
एक प्रसिद्ध लोक-नाट्य जिसमें संवाद और गीत-संगीत की प्रधानता होती है, इसमें पद्यात्मक संवादों के साथ-साथ कथानक में वीर तथा शृंगार रस पर ज़ोर दिया जाता है
नौ-रोज़ होना
नौरोज़ का पर्व होना तथा नए साल के आगमन पर उत्सव मनाया जाना, (हिंदूओं में) बैसाखी का त्यौहार होना, ऐश होना
नौहा-गर
नोहा या मर्सिया पढ़ने वाला, करबला के शहीदों का नौहः पढ़ने वाला, शोक वाली कविता का पाठ करने वाला या लिखने वाला
पक्का
आवे या पिज़्ज़ा वे वग़ैरा में इतनी देर तक आंच खाया हुआ कि सुर्ख़ हो जाये (मिट्टी का बर्तन या एण्ट वग़ैरा)
पक्का-खाना
(हिंदू) पकवान (तेल या घी में तला हुआ); हिंदुओं में बिरादरी को जो खाना दिया जाता है वह दो तरह का होता है कच्चा और पक्का, पक्के में पकवान और मिठाइयाँ शामिल हैं और कच्चे में रोटी चावल आदि
पंच-अमृत
एक प्रकार का स्वादिष्ट पेय द्रव्य जो दूध, दही, घी, चीनी और मधु मिलाकर तैयार किया जाता है, पुराण, तंत्रादि के अनुसार यह देवताओं को स्नान कराने और चढ़ाने के काम में आता है औरश्रद्धालू स्वयं प्रसाद स्वरूप इसका सेवन भी करते हैं
पछाड़ी
अगाड़ी के विरुद्ध, वो रस्सी जो चौपायों के पिछले पांव में बांधते हैं, अधिकतर उस रस्सी को कहते हैं जो घोड़े के पिछले पांव में बांधते हैं
पंजीरी
(हिंदू) पंजीरी प्रसूता स्त्री कि लिये भी बनती है ओर पठावे में भी भेजी जाती है, जिसे घी में भुनी हुई सूजी, चीनी, पिसी हुई सोंठ, छुहारे, भुनी हुई गोंद और मखाने आदि मिला कर तैय्यार की जाती है, इस से दूध बढ़ता है
पट्टा
एक रस्म जिस में ज़च्चा के मैके वाले पट्टा और शीरीनी लाते हैं एक ज़च्चा की पेशानी और दूसरा बच्चे के सर पर बांधते हैं ये पट्टा सलमा सितारे या ज़रदोज़ी के काम से भी तैय्यार किया जाता है
पट्टा चुकाना
(हिंदू) लड़की की शादी में नाई धोबी वग़ैरा सेवा करने वालों को समधियों से उन की सेवा के हक़ दिलाना, हिंदू में रिवाज है कि लड़की की जन्म के समय से उस की शादी तक उस की सेवा करने वालों को मज़दूरी नहीं दी जाती और इस के बदले शादी के अवसर पर दूल्हा वालों से उचित धनरा
पट्टा फेरना
पट्टा फेर की प्रथा निभाना, हिंदूओं की एक प्रथा जो फेरों के समय होती है, दूल्हा का पड़ा दुल्हन के नीचे और दुल्हन का पड़ा दूल्हा के नीचे बिछा देते हैं
पट्टा-फेर
(हिंदू) शादी की एक रस्म जिस में दूल्हा और दुल्हन के बैठने के पटरे इस तरह बदल देते हैं कि दुल्हन उठ कर दूल्हा की जगह और दूल्हा दुल्हन की जगह बैठ जाता है
पंडित
ब्राह्मणों के नाम के पहले लगने वाला एक आदरसूचक शब्द, कश्मीरी ब्राह्मणों में प्रचलित एक कुलनाम या सरनेम
पत्ती-दार
(व्यक्ति) जिसकी किसी व्यापार या संपत्ति में पत्ती (भाग या हिस्सा हो) या साझेदारी हो, साझीदार, हिस्सेदार
पुत्रिका
पुत्र न होने की दशा में वह पुत्री या लड़की जो पुत्र के समान मानकर ही रखी गई हो, ऐसी कन्या का पुत्र अपने नाना को पिंडदान देने और उसकी संपत्ति पाने का अधिकारी होता है
पुत्रिका-पुत्र
(हिंदू धर्म) बेटी का बेटा, पोता, नवासा जो पुत्र की अनुपस्थिति में शास्त्र के अनुसार से पोते के समान अधिकारी होता है
पन्ना
(खटोमर और अचार साज़ी) पक्की अमली या अमचूर और हड़ को भिगो कर नथारा और हसब स्रोत गर्म मसाले मिला कर ख़ुशज़ायका बनाया हुआ पानी, खटोमर, जल ज़ीरा
प्रणाम
बड़ों के आगे नत मस्तक होकर उनका अभिवादन करने का एक ढंग या प्रकार, (हिंदू) सलाम, आदाब, डन्डोत, वो सलाम जो देवताओं और बुज़ुर्गों को किया जाये, श्रद्धायुक्त होकर किसी के सामने नत होना, नमस्कार, अभिवादन
परोसा
प्रायः एक आदमी के खाने भर का वह भोजन जो उसे अपने साथ ले जाने के लिए दिया अथवा उसके यहाँ भेजा जाता है या निमंत्रण में शामिल न होने वाले के पास भिजवाई जाती है
पुस्तक
हाथ से लिखे हुए या छपे हुए पन्नों का जिल्द बँधा हुआ रूप, (पत्रिका से भिन्न), ग्रंथ, पोथी, किताब, हस्तलेख
पाखंड
स्वार्थसिद्धि के लिए अपनाई गई धार्मिकता, आडंबर, ढोंग, समाज के विरुद्ध किया जाने वाला धूर्ततापूर्ण व्यवहार, छल-कपट, शरारत, दुष्टता, नीचता
पातंजल
पतंजलि द्वारा रचित 'योगशास्त्र', पतंजलिकृत 'योगसूत्र' के अनुसार योग आचरण या योगसाधना करने वाला व्यक्ति
पिटा
एक रस्म जिस में ज़च्चा के मैके वाले पट्टा और शीरीनी लाते हैं एक ज़च्चा की पेशानी और दूसरा बच्चे के सर पर बांधते हैं ये पट्टा सलमा सितारे या ज़रदोज़ी के काम से भी तैय्यार किया जाता है
पिरोता
۔ (ह) मुज़क्कर। पोते का बेटा।१। (हिंदू) आटा। गड़। हल्दी। पान वग़ैरा जो किसी तक़रीब के मौक़ा पर ख़िदमती को देते हैं
पीछा
किसी चीज के पीछे की ओर का विस्तार। मुहा०-(किसी का) पोछा करना = (क) किसी को पकड़ने, भागने, मारने-पीटने आदि के लिए अथवा उसका पता लगाने या भेद लेने के लिए उसके पीछे-पीछे तेजी से चलना या दौड़ना। जैसे-अपराधी, चोर या शिकार का पीछा करना। (घ) किसी का भेद या रहस्य जानने के लिए छिपकर उसके पीछे-पीछे चलना। जैसे-वह जहाँ जाता था, वहीं पुलिस उसका पीछा करती थी। (ग) दे० नीचे ' पीछा पकड़ना '। (किसी काम या बात से) पीछा छुड़ाना अपने साथ होनेवाली किसी अनिष्ट या अप्रिय बात से अपना सम्बन्ध छुड़ाना। पिंड छुड़ाना। जैसे-अफीम या शराब की लत से पीछा छुड़ाना। (किसी व्यक्ति से) पोछा छुड़ाना-जो व्यक्ति किसी काम या बात के लिए पीछे पड़कर बहुत तंग कर रहा हो, उससे किसी प्रकार छुटकारा पाना। पीछा छूटना = (क) पीछा करनेवाले या पीछे पड़े हुए व्यक्ति से छुटकारा मिलना। पिंड छूटना। जान छूटना। (ख) अनिष्ट अथवा अप्रिय काम या बात से छुटकारा मिलना (ग)। किसी प्रकार का या किसी रूप में छुटकारा मिलना। बचाव या रक्षा होना। जैसे-महीनों बाद बुखार से पीछा छटा है। (किसी व्यक्ति का) पीछा छटना = किसी का पीछा करने का काम बंद करना। किसी आशा या प्रयोजन से किसी के साथ लगे फिरने या उसके पीछे-पीछे दौड़ने या उसे तंग करने का काम बंद करना। (किसी काम या बात का) पीछा छोड़ना = जिस काम या बात में बहुत अधिक उत्साह या तन्मयता से लगे रहे हों, उससे विरत होना अथवा उसका आसंग या ध्यान छोड़ना। पीछा दिखाना = (क) सम्मुख या साथ न रहकर अलग या दूर हो जाना। पीठ दिखाना। जैसे-संकट के समय संगी साथियों ने भी पीछा दिखाया। (ख) प्रतियोगिता, लड़ाई-झगड़े आदि में डर या हारकर भाग जाना। पीठ दिखाना। पीछा देना = (दे० ऊपर पीछा दिखाना '। (किसी का) पीछा पकड़ना = किसी आशा से या अपने कोई उद्देश्य सिद्ध करने के लिए किसी का अनुचर या साथी बनना। किसी के आश्रय या सहायता का आकांक्षी बनकर प्रायः उसके साथ लगे रहना। जैसे-किसी रईस का पीछा पकड़ना। (किसी काम या बात का) पीछा भारी होना = (क) पीछे की ओर शत्रु या संकट की आशंका या भय होना। (ख) अधिक उपयोगी या सहायक अंश का पीछे की ओर आधिक्य होना। (ग) किसी काम के अंतिम या शेष अंश का अधिक कठिन या अधिक कष्टसाध्य होना। पिछला अंश ऐसा होना कि सँभलना कठिन हो।
पीली-चिट्ठी
विवाह आदि शुभ कृत्यों का निमंत्रण-पत्र जो प्रायः पीले रंग के कागज पर छपा या लिखा रहता है अथवा जिस पर केसर आदि छिड़का रहता है
फेरा
परिक्रमा; चक्कर, तवाफ़, गश्त करना, गशत, चक्कर, फेरा, हेराफेरी, हलक़ा, दायरा, अहाता घेरा, घर घर जा कर सामान बेचना, देवी-देवता आदि की की जाने वाली परिक्रमा, प्रदक्षिणा
फूल चुनना
गुलचीनी करना, हिन्दुओं में एक रिवाज है कि मृतक की जली हडीयों को बीन कर नदी में डाल देते हैं और इस रिवाज को 'फूल चुनना' कहते हैं
फूलों का गहना
फूलों का ज़ेवर जो शादी में दूलहा दुल्हन को पहनाया जाता है इस में बध्धी तरह कंगन हार वग़ैरा ये चीज़ें होती हैं
फाटक
कारख़ानों, बाड़ों, बड़े मकानों, महलों आदि का बड़ा और मुख्य द्वार। बड़ा दरवाजा। तोरण। मुहा०-(किसी व्यक्ति को) फाटक में देना कारागार या जेल में बंद करना। (किसी पशु को) फाटक में देना-कांजीहौस या मवेशीखाने में बंद करना।
बैकुंठ
जन्नत, बहिश्त, स्वर्ग, वो राहत-ओ-आराम का मुक़ाम जिस के लिए कहा जाता है कि मरने के बाद नेक आमाल की जज़ा में मिलेगा
बैजन्ती-माला
विशन जी का हार जिस में पान जवाहरात हैं जो पान उंसरों से पैदा हुए हैं (नीलम ज़मीन से, मोती पानी से, याक़ूत आग से, पुखराज हुआ से और हीरा पत्थर से
बेड़ा उठाना
किसी मुश्किल काम को पूरा करने की जिम्मेदारी लेना, निश्चय करना, पक्का इरादा करना, करने की ठान लेना, (हिन्दुवों की एक अनुष्ठान से व्युत्पन्न है कि जब वो किसी कठिन अभियान को हल करने के निमंत्रण पर पान का बीड़ा उठा कर वचन देते हैं तो ज़रूर पूरा कर दिखाते हैं)
बरगद
गूलर आदि की जाति का एक बड़ा वृक्ष जो भारत में अधिकता से पाया जता है, बड़ का दरख़्त जिस में लंबे लंबे बालों के गफ्फे से लटके रहते हैं, भारत में पवित्र माना जानेवाला एक पेड़
बसना
आबाद होना,रहना; स्थित होना,टिकना; ठहरना,पड़ाव करना, डेरा डालना,किसी जगह जाकर अस्थायी रूप से ठहरना या रहना
बसेरा देना
(हिन्दू) मृतक के शरीर को नदी तक ले जाते समय बीच-बीच में कंधे से उतारकर ज़मीन पर रखना और गठरी देना
बाग-पकड़ाई
वह अधिकार या नेग जो बारात के चलने के समय दूल्हा के घोड़े की बाग पकड़ने पर उसके बहनोई को दिया जाता है
बान-प्रस्थ
वह ब्रह्मण जो हिंदू शास्त्रानुसार जीवन के तृतीय श्रेणी में हो, जो ब्रह्मण विद्या ग्रहण काल और गृहस्ती की अवधि व्यतीत करके अब साधू या सन्यासी बन कर जंगल में निकल गया हो
बाल-भोग
(हिंदू) बच्चों के नाम की भेंट जो कृष्ण जी को सुबह के वक़्त दी जाती है, देवताओं के आगे सुबह रखा जाने वाला नैवेद्य या प्रसाद, कलेवा, मोहन भोग
बिछिप्त
(हिंदू फ़लसफ़ा) वो शख़्स जो सत के ग़लबे से मक़सद हासिल कर ले लेकिन फिर रज का ग़लबा हो जाने की वजह से महरूम हो जाये
बिरज
भारत में आगरा मथुरा और उन के नवाह का इलाक़ा जिस में गोकुल बिंद्राबन वग़ैरा शामिल हैं और जो सिरी कृष्ण कन्हया (हिंदू के अवतार) की पैदाइश और उन की लीला को वाक़ियात और ज़बान की फ़साहत और सलामत के बाइस बहुत मशहूर और अदबीयात में तलमेह के तौर पर मुस्तामल है
बिरला
अनेक या बहुतों में से ऐसा ही कोई जिसमें किसी विशिष्ट काम को करने की समर्थता तथा साहस होता है, जैसे-कलियुग में परोपकारी कोई विरला ही होता है, विशेष-इसके साथ ' ही ' का प्रयोग होता है
बिशूचिका
(हिंदू देवमाला) एक राक्षसनी जिसने बड़ी तपस्या के बाद बद किरदारों को खा जाने का वरदान प्राप्त किया था
बिहाई
एक देवी जो ख़ुशी और ग़म की बातें कि कर दूध पीते बच्चों को सोते जागते हंसाती और रुलाती है, इस देवी की शक्ल बना कर ज़च्चा ख़ाने में रख देते हैं ताकि वो बच्चे के कान मान उर्फ़ ख़ुशी की बातें कहती रहे , , आम ख़्याल के मुताबिक़ वो ख़ाब जिसे देख कर नौज़ाईदा बच्चे सोते बी हुस्ने य रोने लगते हैं
बीसती
(हिंदूस्तान की मुग़ल हुकूमत में) बीस सवारों का अफ़्सर जिस की फ़ौज और अख़राजात के लिए हुकूमत की तरफ़ से जागीर दी जाती थी
बीस-हज़ारी
(हिंदूस्तान की मुग़ल हुकूमत में) एक मंसब नीज़ मंसबदार जो बीस हज़ार फ़ौज का सालार और चार करोड़ का तनख़वाहदार होता था, बस्त हज़ारी (रुक)
भैंसा-सर
(हिंदू) भैंसे की शक्ल का एक देव जिसे दुर्गा ने क़त्ल किया था (लाक्षणिक) भदेसल, मोटा ताज़ा या हट्टा कट्टा व्यक्ति
भात लगना
(हिंदू)ग़ैर बिरादरी या नीची ज़ात में शादी करने पर बतौर डंड बिरादरी को खाना खिलाना या डंड भरना
मुकुट
श्रेष्ठता का सूचक एक प्रकार का प्रसिद्ध अर्ध गोलाकार शिरोभूषण जो पहले राजा लोग पहनते थे, और जो प्रायः देवी-देवताओं की मूर्तियों के सिर पर बाँधा जाता है, अवतंस, मौलि, ताज, सिरमौर
मुक्लावा
दुल्हन की विदाई जो विवाह के बाद हो, शादी के बाद दूल्हा का पहली बार दुल्हन को अपने घर ले जाना, तथा शादी के बाद मैके आ कर दूसरी बार दुल्हन का ससुराल जाना, चाला
मृग-छाला
हिरण की खाल जो बिछाई या ओढ़ी जाती है जो पवित्र मानी जाती है, आसन के रूप में बिछाई जाने वाली हिरन की खाल, मृगासन, मृगछाला, मृगचर्म
मगन
लीन, डूबा हुआ, बहुत अधिक आनन्द या प्रसन्नता में लीन, मस्त, आनंदित, प्रसन्न, अवशोषित, शोषित, सोखा हुआ
मंगल आचार करना
(हिन्दू) उत्सव मनाना, धम्मा चौकड़ी मचाना, बधाई देना, विवाह का गीत गाना, शादी या किसी उत्सव में भाग लेना
मंगल-कलस
(हिंदू) नेक फ़ाल की सुराही वग़ैरा, एक प्रकार का बर्तन जिसमें शादी के दिन दिया जला कर दुल्हन के दरवाज़े पर इस के लिए शुगून के तौर पर सुहागनों के सर पर रखते हैं
मंगल-कार्य
(हिंदू) किसी उत्सव या त्योहार का अवसर, रसम (आमतौर पर शादी, आदि की) एक मुबारक और धन्य समारोह
मंगलद्वार
मुख्य दरवाज़ा, प्रधान द्वार, उत्सव-समारोहों आदि में बनाया जाने वाला द्वार या दरवाज़ा, महल या दुर्ग का मुख्य द्वार
मंगलसुत्र
(प्रायः) वह धागा जो ब्याह के समय (दूल्हा) दुल्हन के गले में मंत्र पढ़ कर बाँधा जाता है, वह धागा या सकड़ी जो (सुहागन) स्त्रियाँ गले में पहनती हैं (उसकी अनुपस्थिति वैधव्य का सूचक होती है)
मूँडन
सिर के बाल उस्तरे से मूँड़ने की क्रिया, एक संस्कार जिसमें बालक के बाल पहली बार उस्तरे से मूँड़े जाते हैं, उस्तरे से सर के बाल साफ़ करना, आज बच्चे का मूंडन है, अक़ीक़ा
मुंडन
द्विजातियों के १६ संस्कारों में से एक जो बाल्यावस्था में यज्ञोपवीत से पहले होता है जिसमें बालक का सिर मूँड़ा जाता है, बालक के सिर के बाल पहली बार मूँड़ने की रस्म, नामकरण
मुंड-माला
काटे हुए सिर खोपड़ियों की माला जो शिव या काली देवी के गले में होती है, कटे हुए सिरों या खोपड़ियों की माला
मंतर
भारतीय वैदिक साहित्य में देवता से की जानेवाली वह प्रार्थना जिसमें उसकी स्तुति भी हो। विशेष वैदिक काल में मंत्र तीन प्रकार के होते थे। जो छंदोबद्ध या पद्य के रूप में होते थे और जिनका उच्चारण उच्च स्वर से किया जाता था, उन्हें ' ऋचा ' कहते थे। गद्य रूप में होनेवाले और मंद स्वर से कहे जानेवाले मंत्रों को ' यजु ' कहते थे, और पद्य रूप में गाये जानेवाले मंत्रों को ' साम ' कहते थे। इसके सिवा निरुक्त में मंत्रों के तीन और भेद बतलाये गये हैं। जिन मंत्रों में देवता को परोक्ष में मान कर प्रथम पुरुष में उनकी स्तुति की जाती है, वे परोक्ष-कृत ' कहलाते हैं। जिनमें देवताओं को प्रत्यक्ष मान कर मध्यम पुरुष में उनकी स्तति की जाती है. उन्हें ' प्रत्यक्षकृत ' कहते हैं। और जिन मंत्रों में स्वयं अपने आप में आरोप करके और उत्तम पुरुष में स्तुति की जाती है, वे ' आध्यात्मिक ' कहलाते हैं। वैदिक मंत्रों में प्रायःप्रार्थना और स्तुति के सिवा अभिशाप, आशीर्वाद, निंदा, शपथ आदि की भी बहुत सी बातें पाई जाती हैं। वैदिक काल में इसी प्रकार के मंत्रों के द्वारा यज्ञ-संबंधी सब कृत्य किये जाते थे।
मन चलना
۔(हिंदू)१। दिल चाहना।किसी चीज़ की तरफ़ दिल का रग़बत करना२। दिल क़ाबू में ना रहना।दीवाना होजाना। मानी नंबर२ में मन चल जाना मुस्तामल है
मन फट जाना
(किसी से) अप्रसन्न होना, नफ़रत हो जाना, घृणा होना, अन-बन होना, दिल में किसी के लिए जगह ना रहना
मन मार के बैठ रहना
जी मार के बैठ रहना, सब्र कर के बैठना, मायूस हो कर रह जाना, कबीदाख़ातिर हो कर बैठ रहना, बेकसी और बेबसी के आलम में हो बैठना
मनसा-देवी
(हिंदू) वो देवी जो साँप के काटे के वास्ते बनाई जाती है और हिंदू रवायात के मुताबिक़ उस की कुर्बा से ज़हर नहीं चढ़ता
मनहरन
पन्द्रह अक्षरों का एक वर्णिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में पाँच सगण होते हैं, इसे नलिनी और भ्रमरावली भी कहते हैं
मुर्दा जलाना
(हिंदू) मर्दे को लकड़ियों पर रख कर आग लगा कर राख करना (यूरोप में इलेक्ट्रिक मशीनों के द्वारा इस कार्य का समापन किया जाता है)
मराठा
महाराष्ट्र (हिंदूस्तान) में रहने वाली एक वीर जाति का नाम, महाराष्ट्र देश का निवासी, महाराष्ट्र देश का अब्राह्मण निवासी, मरहट्टा,
मलमास
प्रति तीसरे वर्ष पड़ने वाला वह बढ़ा हुआ या अधिक चंद्र मास जो दो संक्रांतियों के बीच में पड़ता है (चंद्रगणना के अनुसार प्रायः तीसरे या चौथे वर्ष बारह की जगह तेरह महीने भी होते हैं। यही तेरहवाँ महीना, जो वर्ष के बीच में पड़ता है, इस मास में कोई शुभ काम करने का विधान नहीं है इस महीने को अपशगुन अर्थात अशुभ भी माना जाता है, अधिक मास, पुरुषोत्तम, मलिम्लुच, अधिमास, असंक्रांत मास, नपुसंक मास भी कहलता है
मूसलों ढोल बजाना
मुनादी करना, पुकार पुकार कर किसी बात की प्रचार करते फिरना, ढिंढोरा पीटना, पुकार पुकार के कहते फिरना
मूसा-कनी
एक किस्म की ख़ुशबूदार घास जिस के पत्ते चूहे के कान से मुशाबेह होते हैं नीज़ एक सब्ज़ी जो ज़मीन पर बिछी होती है, फूल इस का बनफ़्शे के रंग का और शाख़ें बारीक होती हैं, पते इस के छोटे और चूहे के कान से मुशाबेह होते हैं, मोज़नगोश, इज़न अलफ़ार, चूहा कन्नी (Salvinia cueallata)
मुहन्नद
हिंद का अर्थात भारत का, हिन्दी बनाया हुआ तथा उर्दू बनाया हुआ, (प्रायः शब्द), वह शब्द जो किसी दूसरी भाषा का हो, परन्तु उसे हिंदी कर लिया गया हो जैसे, ‘जारूब' से झाडू, ‘आबखोरह' का अमखोरा आदि,
महेशरी
(हिंदू)महेश (रुक) से मुताल्लिक़ या मंसूब, एक फ़िर्क़ा जो महेश की प्रसतिश करता है नीज़ इस फ़िरक़े का कोई फ़र्द , महेश का पुजारी
महा-काली
(पुराण) महाकाल स्वरूप शिव की पत्नी जिनके पाँच मुख और आठ भुजाएँ मानी गई हैं, दुर्गा का एक भयानक रूप, रुद्राणी, शक्ति की एक अनुचरी, महाकाल स्वरूप शिव की पत्नी जिसके पाँच मुख और आठ भुजाएँ मानी जाती हैं, दुर्गा की एक प्रसिद्ध मूर्ति या रूप
महादान
पुराणानुसार तुला पुरुष, सोने की गौ या घोड़ा आदि तथा पृथ्वी, हाथी, रथ, कन्या आदि पदार्थों का दान जिससे स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उन सोलह दानों में से कोई एक जिनसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है, बहुत बड़ा दान
महा-यात्रा
(हिंदू) बनारस की यात्रा, दर्शन उद्देश्य या शरीर त्यागने की कामना से हिमालय या वाराणसी जाना अर्थात दीर्घ यात्रा पर जाना, मरण-दीक्षा-पूर्वक उत्तर की ओर अभिगमन, महाप्रस्थान, महाप्रयाण
मातिर्का
(हिंदू) तांत्रिकों की मात देवियाँ, ब्राह्मी, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, इंद्राणी और चामुंडा
माथे की बिंदी
(हिंदू) पेशानी पर लगाया जाने वाला निशान जो औरतें ख़ूबसूरती के लिए पेशानी के ऐन दरमयान में लगाती हैं
माथे रोली चावल चढ़ाना
(हिंदू) तिलक लगाना, क़श्क़ा खींचना, शादी या विवाह होना, गद्दी पर बिठाना, मस्नद नशीन करना
माथा पीटन करना
۔(अम)ज़ाहिरदारी से सलाम करता।माथा पेटी।(ह)सिफ़त मुअन्नस(हिंदू।हो)वो औरत जिस का माथा चपटा और बदनुमा हो
मामी
ममानी, मामूं की बीवी, मामा की पत्नी, अपने ऊपर लगाया हुआ आरोप या दोष न मानने की अवस्था, क्रिया या भाव, माँ की सी तरफदारी, हिमायत, जानिबदारी, मादराना हिमायत
माही-ज़मीं
(हिंदू) वह मछली जिसके संबंध में माना जाता था कि इसकी पीठ पर एक गाय और गाय के सींग पर ज़मीन खड़ी है; अर्थात : पाताल
मियाँ
स्त्री का पति, स्वामी, मालिक सादात यानी सय्यद बिरादरी के पुरुषों के नाम के बाद लगाया जानेवाला आदरसूचक शब्द
मौत का फ़रिश्ता
यमराज, यमदूत, प्राण हर लेने वाला फ़रिश्ता, इज्राईल दूत जो आत्मा हर लेने पर नियुक्त है
मौता की रस्म
(हिंदू) राजपूतों में एक सज़ा जो गुस्ताख और कलंकी को दी जाती है जिस में मुजरिम को स्याह रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं और कमर में काली तलवार लगा कर मुश्की घोड़े पर सवार किया जाता है और फिर उस को इलाक़े की हद से बाहर निकल जाने का हुक्म दे दिया जाता है
यातायात
एक स्थान से दूसरे स्थान पर आते-जाते रहने की क्रिया या भाव। आना-जाना, आवागमन, आना-जाना; गमनागमन
योग
फलित ज्योतिष के अनुसार कुछ विशिष्ट तिथियों, वारों और नक्षत्रों आदि का एक साथ या किसी निश्चित नियम के अनुसार पड़ना, जैसे: अमृत योग, सिद्धि योग
राज-हंस
वर्षाऋतु में हिमालय पर स्थित मानसरोवर झील की ओर प्रवास करने वाली हंस की एक प्रजाति, जिसे सोना पक्षी भी कहते हैं
राजा-पति
(हिंदू) शादी का एक ढंग जिसके अनुसार औरत और मर्द को एकजा करके पति-पत्नी के रिश्ते से नामित कर देते हैं
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