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आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
दूध-शरीक बहन
ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन
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ताँसना
अनुचित व्यवहार करके किसी को बहुत कष्ट देना और दुःखी करना। सताना। जैसे-वह दिन भर अपनी बहू बेटियों को ताँसती रहती है।
आस लगाना
(संगीत) गाने में गवय्ये को या वाद्य में किसी और वाद्य से राग इत्यादि में सहारा देना, जैसे: मियांँ गाएँ मुसाहिब आस लगाएँ (प्रसिद्ध व्यंग्य)
कोर-कसर
कमी बेशी, बुराई, दोष, ख़राबी, (निकालना, निकलना के साथ), (तुम्हारे मार डालने में इस ने कोई कोर कसर बाक़ी नहीं रखी)
ज़िला'-जुगत
घुमावदार बात जिसमें परोक्ष बात कही गई हो, वह वाक्य या लेख जिसमें विशेषण के रुप में ऐसे शब्द लाऐ जाऐं जो विषय से जो प्रत्यक्ष रुप से संबन्ध रखते हों
तअह्हुल
घर बसाने की अवस्था, ब्याह करना, बाल-बच्चे वाला होने की अवस्था, विवाहित होने या संतान होने की अवस्था
तबख़ीर
गर्मी की शिद्दत से माईअ का बुख़ारात में तबदील होना या भाप बनना, भाप बनाना, वाष्पीकरण,एक रोग जिसमें खाने के पश्चात् आमाशय से भाप उठती है, हल्का बुख़ार
तबादिला
रूप आदि में होनेवाला परिवर्तन, एक वस्तु से दूसरी वस्तु में परिवर्तन, लेन-देन के क्षेत्र में होनेवाला चीजों का विनिमय, जैसे: किताब के तबादले में दस रुपय मिले, कुछ देकर कुछ लेने का कार्य, मुआवज़ा, बदल, अदला बदली
ताक लेना
वस्तूओं का समय पर पहुँचाना, आवश्यक वस्तुओं को समय पर उपलब्ध कराना, निगरानी करना, देख भाल करना
ताज़ा-विलायत
۔(फ) सिफ़त।१।नौवारिद। हाल का आया हुआ। २।वो शख़्स जो किसी दूसरे की ज़बान ना समझे। वहशी। नौ गिरफ़्तार। (फ़िक़रा) ताज़ा वलाएत आधी फ़ारसी आधी हिन्दी मिला कर टूटी फूटी बोलते होंगे।
ताँता
किसी कार्य या घटना का लगातार या निरंतर चलने वाला क्रम, जैसे बातों का ताँता बरसनेवाले पानी का ताँता, मौतों का ताँता
तार-तार
धागा-धागा, लेयर लेयर, टुकड़ा-टुकड़ा, फट जाना, धज्जी-धज्जी उड़ना, ज़ेवर का कोई हिस्सा एक एक छल्ला, ज़ेवर, रेज़ा-रेज़ा, बोसीदा, जर्जर, बहुत ज़्यादा फटा हुआ कपड़ा, विल्कुल फटा पुराना कपड़ा
थिड़ी-थिड़ी करना
۔۱۔(ओ) लानत मलामत करना। नफ़रीं करना। बुरा कहना। २।थुक थुकाना। (फ़ुक़्र हो तख़्त के नीचे जूता नज़र पड़ा और ये ख़्याल मौजूद कि जूता तो यहां से किया ख़ुदा ना करे वो नंगे पैर हूँ। आप ही थड़थड़ी की और इस वहम को निकाला
नाक चोटी से दुरुस्त रहना
(स्त्रीवाची) बनावट और सजावट किए रहना, (वाक्य) नाक चोटी से दुरुस्त रहना मेहंदी लगाना सिखाऊँगी
नाक पुछ जाना
गंभीर रूप से अपमानित होना, बदनामी होना (मुहावरा) दूल्हे को बदनामी और अपमान का कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे पुरे परिवार की बदनामी हो
नाथना
छेद करना, इस प्रकार किए हुए छेद में लंबी रस्सी पहनाना जो लगाम का काम करती है तथा जिससे पशु को वश में रखा जाता है, कुछ विशिष्ट पशुओं के नथने में छेद करना, विद्या और प्रशिक्षण से राम करना, नियंतार्ण में कर लेना, प्रतीकात्मक: वश में करना, नियंत्रण में लाना, आज्ञाकारी बनाना
नादिरी चढ़ाना
गंजफ़े में एक तरह की मात देना जिसमें मनोरंजन के रूप में हारने वाले से एक पते के बराबर मियानी कतरने को कहा करते हैं
नोक-दार
जिसमें नोक हो, नोकवाला, नोकयुक्त, मन में चुभने या भला लगने वाला, चुभता हुआ, बांकपन रखने वाला, तड़क-भड़क वाला और इस कारण मन में चुभने वाला सजीला, आकर्षक, रोब-दाब वाला तथा बांका
पकड़ना
कोई चीज इस प्रकार दृढ़तापूर्वक हाथ में थामना कि वह गिरने, छूटने hos 4ur या इधर-उधर न होने पावे। थामना। धरना।
पका देना
۔ पक्का के तैय्यार करना। (फ़िक़रा) सालन पका दो। २। (कनाएन) सताना। तकलीफ़ देना। जैसे कलेजा पक्का देना
पुकार
(क़ानून) मुस्तग़ीस या मुद्दआलैह या गवाहों में से किसी की तलबी के लिए सदा जो अदालत के बाहर लगाई जाती है
पुकार पड़ी है
۔ ۱۔ शौहरत है । धूम है। २। तलाश है ना जुस्तजू है। (फ़िक़रा) महफ़िल में तुम्हारी पुकार पड़ी है और तुम यहां बैठे हो
पख़्नी
(सर इफ्फी) सके का उल्टा रुख़ जिस पर तारीख़ अदद वग़ैरा कुंदा होता है , (मामारी) पाखा, दीवार या चिनाई का छोटा हिस्सा या अर्ज़ी रुख़
पचक जाना
किसी घटना से धातु के बर्तन में टेढ़ापन आ जाना, या गढ़ा हो जाना, किसी से दब जाना, डर जाना, प्राजित हो जाना
पचना
किसी दूसरे का धन आदि इस प्रकार अधिकार में आना या भोगा जाना कि उसके पहले स्वामी के हाथ में न जाय और उसका कोई दुष्परिणाम भी न भोगना पड़े। जैसे-हराम की कमाई किसी को नहीं पचतो (अर्थात् उसे उसका दुष्परिणाम भोगना पड़ता है)।
पचर-पचर
۔ मुअन्नस। (ओ) सीलन। (फ़िक़रा) बरसात की अंधेरी उस की बेलन की पचर पचर उसकी फपोनदी इन में से कौन सी शैय अच्छी है। ३। आवाज़ के साथ पैक थूकना। आवाज़ के थूकना।
पुचारा फेरना
۔ कूची फेरना। सफेदी करना। हल्का रंग देना। हल्का अहार करना। २। कपड़े के ज़रीया से रंग देना या सफेदी करना। ३। तरग़ीब देना। बहिकाना। उकसाना। ४। दम दिलासा देना। (फ़िक़रा) लड़कों को डेयुढ़ी में लाए पचारा फेरा चुमकारा फिर दम दिलासा दे कर धीरा किया
पछल-पाई
(मरग़बाज़ी) पैर के कांटे से हरीफ़ पर हमला करने के लिए मुर्ग़ का उल्टे क़दम पीछे हटने या मैदान करने का अमल
पंजा टेकना
۔ (कनाएन) गुंजाइश पाना। सहारा लेना। (फ़िक़रा) यारों को पंजा टेकने की ज़रा सी जगह मिल जाये वो अड़ंगा लगाया कि चारों शाने चित्त
पेट का गहरा
۔सिफ़त। मुज़क्कर। राज़ छिपाने वाला। (फ़िक़रा) इस काम को चाहीए आदमी दिल का पक्का पेट का गहिरा भरोसे का पूओरा
पेट में अंगारे भरना
۔(ओ) माले हराम खाने दिल्लीकी निसबत बोलती हैं। (फ़िक़रा) जो लोग नाहक़ यतीमों के माल को ख़ुर्द बुरद करते हैं वो अपने पेट में अंगारे भरते हैं
पेट में घोड़े दौड़ना
पेट में गड़बड़ होना, (फ़िक़रा) बुज़दिलों के दिल में होल समाया, पेट में घोड़े दौड़े, मुँह पर हवाईयां उड़ीं
पेट में पड़ना
۔۱۔किसी खाने की चीज़ का पेट में जाना। हलक़ के नीचे उतरना। (फ़िक़रा) सोॗखी रोटी के टुकड़े भी पेट में पड़ जाएं तो शुक्र करो
पेट में पिट्ठू
(बच्चों का खेल) अगर किसी खेल में बच्चों की तादाद ताक़ हो तो तक़सीम करने में जिस तरफ़ एक कम रहे इस तरफ़ का एक बच्चा अपने आप को एक और खेलने वाला फ़र्ज़ कर के दो के बराबर ख़्याल करता है
पेट में बल पड़ना
۔(हंसी की शिद्दत से) पेट में शिकन पड़ना। हंसते हंसते कमर का दुहरा होजाना। (फ़िक़रा) हंसते हंसते पेट में बिल पड़ गए
पटकन
۔ (ह) (ओ) मुअन्नस। १। बेचैनी। बेकली। (फ़िक़रा) बुख़ार जाता रहा पटकन रह गई। २। धक्का। ३। गिरना। ४। सूजन का कम होना
पटना पट जाना
۔ (ह) पाटना का लाज़िम) १। पोशिश होना। छाया जाना। (फ़िक़रा) छत आज पिट गई। २। अदा होजाना। ।३। तै होना क़ीमत चिकना। (फ़िक़रा) आज रहन का मुआमला पिट गया। ४। भरना उटना। ५। आबपाशी होना। ६। बकसरत होना। (फ़िक़रा) आज आमों से बाज़ार पट्टा है।
पठान का पूत, घड़ी में औलिया घड़ी में भूत
चिड़चिड़े व्यक्ति की दोस्ती का विश्वास नहीं, कभी कृपालु होता है कभी शत्रु
पढ़ना
किसी लिपि या वर्णमाला के अक्षरों या वर्गों के उच्चारण, रूप आदि का ज्ञान या परिचय प्राप्त करना, उक्त के आधार पर किसी भाषा के शब्दों, पदों आदि के अर्थ का ज्ञान या परिचय प्राप्त करना, जैसे-अँगरेजी या हिन्दी पढ़ना
पढ़ा
(ह) सिफ़त। पढ़ा लिखा। तालीम-ए-याफ़ता। पढ़ना का माज़ी। (फ़िक़रा) नौकर ने भी शेअर पढ़े। बूढ्ढा था ख़ूब पढ़ा और शेअर भी ख़ूब थे
पढ़ा गुना
पढ़ा लिखा, विद्वान, अधिक योग्य जिसने शिक्षा के बाद अधिक अध्ययन से अपनी योग्यता में बढ़ोत्री किया हो
पत्तों-वाली
۔ (ओ) कनाएन। मूली। मूली सामान हाज़िरी में दाख़िल है। जो मर दे का खाना है। इस सबब से औरतें मनहूस समझ के सुबह के वक़्त इस का नाम नहीं लेती हैं। (फ़िक़रा) बेगम के दस्तरख़्वान पर पत्तों वाली रखती थी
पत्थर तले हाथ होना
۔ (दबना) लाज़िम। भारी बोझ के नीचे हाथ का दब जाना। २। (मजाज़न)मजबूर होना। बेबस होना। ज़बरदस्त के क़ाबू में आजाना। (फ़िक़रा) जां दे देना बड़ी बात नहीं कुछ ख़ाके सौ रहता। फिर कहता हूँ पत्थर तले हाथ है अरे नादान जब जान ही ना रहेगी ये मज़े कौन उड़ाएगा
पपोलना
पोपले का चुभलाना, पोपले (दंतविहीन व्यक्ति का) का मुँह में कुछ रखकर चुभलाना या मुँह चलाना, मसूड़ों से दबा दबा कर खाना, पोपलों की तरह मुंह से किसी चीज़ को चूसना, पुलपुलाना
पर लग जाना
۔ ۱۔ तरक़्क़ी होजाना। रौनक आजाना। ज़ीनत बढ़ जाना। २। तेज़ रफ़्तारी का किनाया। ३। ग़ायब होजाना। ४। बात या ख़बर का बहुत जल्द फैल जाना। (फ़िक़रा) ख़बर के पर लग गए थोड़ी देर में हर जगह पहुंच गई
पुरचक करना
तरफदारी करना, हिमायत करना (फ़िक़रा) अगर वो मेरी पुरचक भी करेंगी ताहम उन की आँखों में ज़लील होजाऊंगी
परछावाँ पड़ना
छाया पड़ना, साया पड़ना, साहचर्य का प्रभाव होना, सोहबत का असर होना, आसेब का ख़लल होना, थोड़ी सी समानता होना
प्रणाम
बड़ों के आगे नत मस्तक होकर उनका अभिवादन करने का एक ढंग या प्रकार, (हिंदू) सलाम, आदाब, डन्डोत, वो सलाम जो देवताओं और बुज़ुर्गों को किया जाये, श्रद्धायुक्त होकर किसी के सामने नत होना, नमस्कार, अभिवादन
परतवा
मुज़क्कर (ओ) चमक, अक्स, सोहबत का असर, फ़ैज़ सोहबत (फ़िक़रा) साहबज़ादी पर सब पर तिवा बेगम साहिब का पड़ा है, ये लफ़्ज़ मुहन्नद है मताख़रीन फ़ारसी तरकीब से इस्तिमाल नहीं करते
पर्दा पड़ जाना
۔ चिलमन पड़ना। चक पड़ना। २। हिजाब होजाना। ओट होजाना। ३। (आँख। अक़ल। समझ के साथ पर के इज़ाफ़ा से) अक़ल ज़ाइल होजाना। अंधा होजाना। बेवक़ूफ़ होजाना। (फ़िक़रा) जां बोझ कर तेरी अक़ल पर पर्दा पड़ गया
पर्दाख़्ता
सज्जित, पाला हुआ, पोषित, परवरिश क्या हुआ, संवारा हुआ, (मुहावरा) मीर साहिब जिस के साख़ता पर्दाख़्ता थे उसी को नुक़्सान पहुंचाने पर हैं
परदाज़
सृजन, उठान, ढंग, अंदाज़, शौर्य, सज्जा, सजावट, संलग्नता, व्यस्तता, प्रस्तावना, चित्र की महीन रेखाएँ, महीन कारीगरी, तस्वीर का चोकठा, सँवारने वाला, सुसज्जित करने वाला, करने वाला
पर्दा-दार
राज़दार, भेद जानने वाला, त्रुटियों का छिपाने वाला, पर्दा करने वाला, सवारी वग़ैरा जिस पर पर्दा पड़ा हुआ हो, पर्दे से ढका हुआ
परले सिरे का
۔ दिल्ली) बड़ा बदमाश। ख़राब आदमी। २। हद दर्जे का। (फ़िक़रा) आवाज़ से चुपड़ चुपड़ खाना प्रले सिरे की है।
पराया
आत्मीय या स्वजन से भिन्न, पद-पराया समझकर, आत्मीयता के भाव से रहित या विमुख होकर, बेगाना, अजनबी, अनजान, ग़ैर, ग़ैर का, स्त्री के लिए पराई
पलंग के बान तोड़ना
۔ (ओ) बेकार बैठे रहना। (फ़िक़रा) अमीर ख़ानम ने कहा कि बीवी में बेख़बर लिए तो जाने की नहीं ना मेरे जाने से कोई काम अटका रहेगा। ख़ाली पलंग पर बैठी चारपाई के बाण तोड़ा करती हूँ
पलटना
फिर जाना, परिस्थिति आदि में होनेवाला इस प्रकार का बहुत बड़ा परिवर्तन कि उसका प्रवाह, रुख या रूप बिलकुल उलट जाय। अच्छी से बुरी या बुरी से अच्छी स्थिति को प्राप्त होना, बात फेर देना
पुलपुलाना
किसी मुलायम चीज को मुंह में लेकर या हाथ से दबाकर पुलपुला करना। जैसे-आम पुल-पुलाना। अ० पुलपुला होना। जैसे-आम पुलपुला गया है। (पूरब)
पैवंद में पैवंद मिल जाना
۔(ओ) नसल में नसल मिल जाना (फ़िक़रा) इऩ्हें दान वहीज़ की परवाह नहीं वो चाहते हैं हड्डी में पडी पैवंद में पैवंद मिल जाये
पव्वाज
۔ (मुज़क्कर। पाजी की जमा अरबी क़ाअदे से बनानी है। (फ़िक़रा) पहले इस फ़न को शरिफा इख़तियार करते थे। अब पवाज भी शायर होगए
पेशाब-करना
۔۱۔ मौतना। २।बेहक़ीक़त समझना। (फ़िक़रा) में अपनी बात के सामने तुम्हारे हज़ार रुपय पर पेशाब करता हूँ
पैसे की जगह धेला उठाना
۔(ओ) बहुत किफ़ायत शिआरी की जगह (फ़िक़रा) रोयप्पा पैसा तो अलग़ारों है पर दिल नहीं पैसे की जगह धेला उठाती हैं और इस में से भी बच्चे तो दो-चार कौड़ियां बचा रखने का इरादा रखती हैं
पसूजना
सीना, सिलाई करना, कच्ची सिलाई करना, टप्पा डालना, कपड़ों की सिलाई में एक विशेष प्रकार के टाँके लगाना
पस्त करना
۔ मग़्लूब करना। नीचा दिखाना। २। हलकान करना। थका देना। (फ़िक़रा) आज ज़रासी बात पर इस ने अपनी औरत को भुस कर के ऐसा मारा कि सारे बदन में नील पड़ गए। बिलकुल पस्त कर दिया। ३। नीचा करना। (फ़िक़रा) आप ने इस जगह मकान की कुर्सी पस्त करदी। ४। (हिम्मत के लिए) तोड़ देना। (फ़िक़रा) आप के बेजा मुवाख़िज़े ने मेरी हिम्मत करदी।
पसंद
जिसकी ओर आकर्षण हो, अत्यधिक प्रिय, इच्छा के अनुसार, जो मन हृदय को अच्छा या भला लगे, मनभाता, कृपापात्र, बाह्य सौंदर्य या आंतरिक के आधार पर प्राथमिकता योग्य
पहुँचना
(वस्तु अथवा व्यक्ति का) एक विदु से चलकर अथवा और किसी प्रकार दूसरे विन्दु पर (बीच का ऐसा स्थान जहा तसवीर बहुत ऊचा किसी स्थान तक अवकाश पार करके) उपस्थित, प्रस्तुत या प्राप्त होना। जैसे-(क) रेलगाड़ी का दिल्ली पहुँचना। (ख) घड़ी की छोटी सूई का १२ पर पहुँचना। (ग) आदमी का घर या स्वर्ग पहुँचना।
पाइँचा भारी करना
आना जाना छोड़ देना, किसी कार्य को त्यागने का अहद करना, एक जगह जम कर बैठना, बाहर न निकलना, यातायात का त्याग, घर में बैठना, बाहर न निकलने की क़सम खा लेना
पाएँचे छोड़ना
۔ खरुसे हुए या उठाए हुए पाइनचों को छोड़ना। (फ़िक़रा) ऐसी बोलाहट किस काम की आओ देखा ना ताऊ देखा पाइनचे छोड़ छाड़ झट उठ खड़ी हुईं
पाँचों-कपड़े
पगड़ी, अंगरखा, कुर्ता, पाएजामा, मिंदील (पुरुषों के), दुपट्टा, महरम, कुर्ता, पाएजामा, रूमाल (स्त्रीयों के), प्रतीकात्मक: पहनने के कल कपड़े, शरीर का सारा वस्त्र
पात
(नुजूम) कर्राह फ़लक का वो मुक़ाम जहां नछत्तरों के हलक़े ख़त-ए-जदी को काट कर ऊपर चढ़ते या नीचे आते हैं
पानी जलना
۔ लाज़िम। १। पानी का बहुत गर्म होना। २। रतूबत सोख़त होना। (फ़िक़रा) जब पानी थोड़ा और जल जाये शोरबा उतार लो
पानी भर जाना
۔۱۔बेवक़त होजाना। बेरौनक होजाना। हक़ीर होजाना। ख़राब होजाना। तबाह होजाना। ।२। नुक़्सान होजाना। ज़ाए जाना। (फ़िक़रा)मुक़द्दमा बाज़ी में इस साल हज़ार रुपय पर पानी फिर गया। ३। ताँबे या पीतल पर सोने चांदी का पानी चढ़ना। क़लई होजाना। जला आजाना। रौनक आजाना।
पानी हो जाना
۔ ۱۔ पुतला होजाना। पिघल जाना। २। कुंद होजाना। ३। नरम होजाना। मुलाइम होजाना। ४। सर्द होजाना। तेज़ी जाती रहना ५। दुशवार काम का आसान होजाना। (फ़िक़रा) आप के वास्ते मुश्किल से मुश्किल काम पानी है। ६। ग़ुस्सा जाता रहना। नरम पड़ जाना। धीमा होना। श्रम से पसीने पसीने होजाना। शर्मा जाना। इस जगह बेशतर पानी पानी होना बोलते हैं।७। ख़राब होजाना। (मुर्ग़ बाज़ों की इस्तिलाह) मुर्गों का बाहम लड़ जाना। झड़प होजाना।
पाल
कच्चे फलों को पकाने की कृत्रिम विधि; फलों को गरमी पहुँचाकर पकाने के लिए पत्ते बिछाकर रखने की विधि
पाला
वो निशान या मिट्टी रख कर बनाई हुई कब्बडी के मैदान की दरमयानी लकीर जो कब्बडी और दूसरे खेलों में हद्द-ए-फ़ासिल के वास्ते बना लेते हैं
पिच्ची
۔ (ह) किसी चीज़ का चोट पाकर चौड़ा होजाना। किसी सदमा से गोश्त का दब जाना। (फ़िक़रा) पांव पाए तले आकर पची होगया
पिछड़ना
गति, दौड़, प्रतियोगिता आदि में दूसरों के आगे निकल या बढ़ जाने के कारण अथवा और किसी कारण से पीछे रह जाना
पिछला
۔ (ह) सिफ़त। १। पीछे का। आख़िर का। २। मुज़क्कर। सहरी। वो खाना जो रमज़ान में अख़ीर शब में खाते हैं। ३। मुज़क्कर। आमोख़्ता। पढ़ा हुआ। (फ़िक़रा) ये लड़का उगला पढ़ता है पिछला भूलता जाता है। ४। मुज़क्कर। रात का हिस्सा।
पिट्टन
۔ (ह) मुअन्नस। (दिल्ली) पिट्स। मातम। कुहराम। रोना। पीटना। २। मार (फ़िक़रा) आज इस पर पट्टन पड़ी। मानी नंबर२ में बगै़र तशदीद हर्फ़ दोम है
पीट पीट कर
۔(ओ) बड़ी मुश्किल से। निहायत दिक से। (फ़िक़रा) ख़ावंद पीट पीट कर रोटी देता है। २।मारमारकर। (फ़िक़रा) में तमाम बदन पीट पेट के सजा दिया। ३।मातम में सर और सीने पर हयाथ मार के(फ़िक़रा) में कोख जली रात से पेट पीट कर जान खो रही हूँ फ़र्र ज़िंदा जो अना मर्ग की मी्यत पर बैठी रो रही
पीठ पर हाथ फेरना
۔۱۔प्यार करना की जगह। (फ़िक़रा) मुझ को चुमकारा पीठ पर हाथ फेरा। २।हौसला बढ़ाना। हिम्मत बढ़ाना
पीठ पीछे डाल देना
बेपर्वाई करना, तवज्जो न देना, (फ़िक़रा) मैंने यह कभी नहीं कहा कि मज़हब को पीठ पीछे डाल दो
पीठ सीधी करना
۔(कनाएन) आराम लेना। देर तक पीठ झुकाने के बाद आराम लेना। (फ़िक़रा) बड़ी देर तक सबक़ पढ़ा है पीठ सीधी करलूं चलूं।
पीढ़ा
छोटी चौकी के आकार का लकड़ी, धातु या प्लास्टिक का बना वह आसन जिस पर हिंदू लोग विशेषतः भोजन करते समय बैठते हैं, पाटा, पीठ, पीठक
पीना
किसी तरह पदार्थ में मुंह लगाकर उसे धीरे-धीरे चूसते हुए गले के रास्ते पेट में उतारना। जैसे-यहाँ रात भर मच्छर हमारा खून पीते हैं।
पीरी
۔(फ)। मुअन्नस। १।बुढ़ापा। ज़ईफ़ी। २।मुरीद बनाने का पेशा। हिदायत का काम। ३।(उर्दू) उस्तादी। चालाकी। सी्यादी। अब अनुमानों में लखनऊ में मतरूक है। ४।(उर्दू) (तंज़न) इजारा। हुकूमत। दावा। फ़िक़रा) ऐसी ही तेरे बावा की पीरी है जो दूसरे के मिल पर क़बसदा करे। ५।(उर्दू) हनज़न)
पोत पूरा करना
۔ (दिल्ली) (ओ) कमी पूरी करना। किसी ना किसी तरह काम अंजाम देना। (फ़िक़रा) खाने जोड़े के रूपों की अब्बा जान ने हामी भरी है। चचा अब्बा जमी जम हैं नहीं तो उन से भी कुछ लेती और अपना पोत पूरा करदेती
पोदना सा
۔सिफ़त। (बेगमात)। दिल्ली। छोटा सा। ज़रा सा। (फ़िक़रा) बी हमसाई का बच्चा माशा अल्लाह पोद नासा फुदकता फिरता है
फूट-फटक रहना
۔(लखनऊ)। ओ। इन बन रहना। झगड़ा रहना। (फ़िक़रा) ख़ुरशीद मिर्ज़ा और उन की बेगम में आज की नहीं बरसों से फूओट फटक रहती है
फड़कना
शरीर के किसी हिस्से का रुक-रुक कर या अचानक चलायमान होना, सिकुड़ना या फैलना, अंग का वायु-विकार आदि के कारण रह-रहकर थोड़ा उभरना और दबना, शरीर के किसी अंग में स्फुरण होना
फड़फड़ाना
व्याकुल होना, उत्सुक होना, छटपटाना, तड़पना, बेचैन होना, काँपना, फड़कना, धकधक होना, स्फुरण करना, उछलना, फड़-फड़ शब्द होना, हिलना, हरकत करना, पक्षियों का परों को फड़फड़ाना, मृत्यु का समय आना
फूल पान की तरह उलट पलट करना
तीन चार घंटे के सफ़र में थकान कैसी और वो भी कब कि चाहने वाले साथ हूँ हाथों-हाथ लखनऊ पहुंचे फूलपान की तरह उलट-पलट की गई
फल-फुलारी
۔मुअन्नस। मुख़्तलिफ़ मेवे। तरह तरह की तरकारियां। (फ़िक़रा) खाने के लिए जंगल में ख़ुद रो फल फलारी की इफ़रात है
फुल्लियाँ धरना
दाँत निकलने से पहले मसूढ़ों में खुजली होती है और उभर आते हैं, दांत निकलने से पहले दांत निकलने की जगह का सूजन, थलियायाँ धरना
फूसड़ा
(घृणा से) बच्चा, संतान (वाक्य) पच्चीस बरस की उम्र में ख़ुदा-ख़ुदा करके नाक रगड़ के एक फूसड़ा देखा था
फिसल जाना
۔۱۔रपटना। (फ़िक़रा)। कीचड़ से पांव फिसल गया। २। वाअदे से फरजाना। (फ़िक़रा) वो दस मर्तबा क़ौल करके फिसल गया। ३।फ़रेफ़्ता होजाना। ४।दीकझो फिसलना
मज़ाक़
किसी बात या विषय में होनेवाली स्वाभाविक प्रवृत्ति या रुचि, किसी बात का चस्का, परखने का सलीक़ा, दिलचस्पी, उस को शेर ओ सुख़न का मजाक है
मुठया-क़लम
वो क़लम जो मुट्ठी भर से ज़्यादा लंबा ना हो, छोटा क़लम जिस से लिखना मनहूस ख़्याल करते और उस्ताद पर कहते हैं कि गाली पड़ती है
मत मार देना
۔अक़ल ज़ाइल करदेना।(फ़िक़रा)खुदाने इन की ऐसी मत मार दी है कि वो अपने बुरे आमाल को अच्छा समझते हैं
मुतदावल
दस्त-ब-दस्त पहुँचा हुआ, जिसका चलन हो, जिसका रिवाज या चलन हो, प्रचलित, सामान्य, ज़ेर-ए-गर्दिश
मता'
वह चीज़ जिससे लाभ प्राप्त हो जैसे व्यापार का माल, धन और सामाग्री, पूँजी, माल एवं संपत्ति, संपत्ति
मुबारक-सलामत
बधाई देने की प्रक्रिया, एक दुसरे के लिए भलाई की इच्छाओं का प्रकट करना, एक दूसरे को मुबारकबाद देना और उनकी सलामती अर्थात चिरंजीव होन की दुआ करना
मर के रह जाना
۔۱۔मर जाना। ।२।(कनाएन)आने में देर लगाना।(फ़िक़रा) बसंती मासूम को बुलाने गई थी वहीं मरकर रह गई।इस जगह मर रहना भी मुस्तामल
मर पिट कर
۔बमुश्किल तमाम।निहायत कोशिश से ।बड़ी मेहनत से।(फ़िक़रा)तेशा कुंद हो तो तंदरुस्त बढ़ई उम्दा काम तो नहीं बनासके गामगर ख़ैर इस कुंद तेशा से मर पट कर कुछ तो करहि लेगा
मर मिटना
۔۱۔क़तल किया जाना।(फ़िक़रा)हिंदूस्तानी मर मिटे लेकिन भागे नहीं।२।कनाएन कमाल मेहनत वमशक़त बर्दाश्त करना। ।२।आशिक़ होजाना।किसी पर जान देना। ।३।(ओ)फ़ना होजाना।तबाह और बर्बाद होजाना। ।(फ़िक़रा)में तो उन बच्चों के पीछे मरटी
मुर्ग़ी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया
जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं
मर्द-ए-ख़ुदा
भलामानस, शरीफ़ आदमी, बंदा-ए-ख़ुदा, बुज़ुर्ग व्यक्ति, वली, सदात्मा, पुनीतात्मा, ईश्वरभक्त, ईश्वरभीरु, पार्सा
मरम्मत
(लाक्षणिक) वह मार-पीट जो किसी को सीधे रास्ते पर लाने के लिए की जाय, मार, आघात, पिटाई, शारीरिक दंड, पिटाई
मरहला
एक वज़ा की इमारत जो किसी जंगी क़िले के गिर्दागिर्द बनाते हैं और इस पर बैठ कर हरीफ़ से जंग करते हैं
मरासिम
۔(ए।रस्म बमानी आईन वनशां की जमा)मुज़क्कर।बाहमी मेल जोल।बरहमाओ।बतौर जमा मुस्तामल है।(फ़िक़रा) हमारे उन के मरासिम में आगया।
मेहराब
द्वार के ऊपर का अर्धमंडलाकार बनाया हुआ भाग, डाट वाला गोल दरवाज़ा, ताक़, ताकचा, अर्धचन्द्र के आकार की कोई चीज़ या दीवार, कमान, युद्ध का स्थान, मस्जिद में बना कमान की भाँती वह स्थान जहाँ नमाज़ के समय इमाम खड़ा होता है
माज़ी-क़रीब
(व्याकरण) वह अतीत जिससे निकट का भूतकाल समझा जाए, वह अतीत जिसमें काम अभी अभी समाप्त होना पाया जाए, जैसेः आया है, किया है
माथे पर टीका होना
۔(हो)किसी अमर का किसी पर मुनहसिर होना ।(फ़िक़रा)क्या मेरी माथे पर टीका है।इस जगह बेशतर माथे टीका होना है।माथे पर शिकन होना।रंज वांद वो यादबख़श और नागवारी से पेशानी पर बिल पड़ जाना।
मान न मान मैं तेरा मेहमान
बिना निमंत्रण किसी के यहाँ जाने, अकारण किसी की बात में हस्तक्षेप करने या बलपूर्वक किसी काम में सम्मिलित होने वाले के लिए बोलते हैं
मान रखना
۔बात रखना।ख़ातिर वमदारात करना।ताज़ीम वतकरीम करना।इज़्ज़त क़ायम रखना।२।तमन्ना पूरी करना ।मुराद बिरलाना।३।बात मानना।किसी का कहामान लेना।(फ़िक़रा)ख़ुदा अब्बाजान को सलामत रखे वही मेरा मान रखते हैं
मानंद
(फ, बफ्ता सोम सही है (मिला हातफ़ी) बाआन पिसरान माह मानिंद हमख़ील शदनद दुख़्तरे चंद उर्दू में ज़बानों पर बक्सर सोम है) मुज़क्कर नज़ीर, मिसल मुशाबेह (फ़िक़रा) इस का मानिंद पैदा नहीं हुआ
माफी-ज़मीर
۔(ए)मुज़क्कर।दिल की बात।नीयत।ग़रज़ ।मतलब।मुद्दा।मक़सद। (फ़िक़रा)ख़ुदा को मंज़ूर था कि तुम्हारे माफी अलज़मीर को आज़माऐ
मार पड़ना
۔۱۔मारपीट होना।ज़द्द-ओ-कूब होना।(फ़िक़रा)आज लड़कों पर बहुत मार पड़ी।२।ख़ुदा का ग़ज़ब टूटना।आफ़त आना। ।३।सब्र पड़ना।
मार पीछे सँवार
۔(ओ)ज़िल्लत के बाद इज़्ज़त के महल पर बोलती हैं।(फ़िक़रा)वो किसी को मेरे एक आदमी के पीछे मारथवी डालेंगे यही नाका ख़फ़ा होंगे।इस जगह मार के पीछे संवार भी मुस्तामल है।
मार बैठना
۔۱۔ठोंक देना।लक्कड़ी से पेट देना।२।मार लेना।ग़सब कर लेना।(फ़िक़रा)वो पूरी रक़म मार बैठा। ।३।मारना।दफ़ान बेसबब आगए समझे मारने के लिए
मार लाना
۔۱۔मार कर लाना।शिकार कुर्लाना।(फ़िक़रा)शेर कहाँ से मार लाए।२।ग़सब करके लाना।(फ़िक़रा)वो कीहं से ये रक़म मार लाया
मारा जाना
۔۱۔जान से जाना।क़तल होना।हलाक होना। ।२।डूबना ।ज़ाए होना।रुपया का वसूल ना होना।तलफ़ होना।(फ़िक़रा)मेरा रुपया भी मारा गया। ।३।तबाह होना ।बर्बाद होना। मारा।४।(ओ)देखो ज़रूरत मारी जाना।५।(कनाएता)ग़ायब होजाना।(फ़िक़रा)आज सब नौकर कहाँ मारे गए एक भी हाज़िर है।६।मिर
माशा-अल्लाह
अल्लाह रखे, जो ख़ुदा चाहे, बुरी नज़र से बचाने का वाक्य (इसका उपयोग किसी घटना या व्यक्ति के लिए खुशी, प्रशंसा, या आभार व्यक्त करने के लिए किया जाता है)
मिज़ाज
(चिकित्सा) वह अवस्था जो 'अनासिर-ए-अर्बा' के परस्पर मिलने से पैदा होती है, जब यह तत्व आपस में मिलते हैं तो उनमें से हर एक की अवस्था गर्मी और सर्दी और शुष्कता और आर्द्रता के आपस में मिलने से और उनकी क्रियाओं से उनकी तेज़ी दूर हो जाती है और एक नई बीच की अवस्था पैदा हो जाती है यही मिज़ाज है
मिट-गया
उजड़ा, ख़ानाख़राब, नीवां नास गया, मरने जोग, मरने जोगा, मोह , जैसे : मिट गया रोज़ आ आकर सताता है, मिट गए मान जा वग़ैरा
मिट्टी कर देना
۔(ह)ख़राब करदेना।बिगाड़ना।ख़ाक में मिलाना।ख़ीक की तरह बेवुक़त करना। ।२।मेला करना।मिट्टी के रंग का करदेना।(फ़िक़रा)तुम ने दिन भर में सब कपड़े मिट्टी करदिए।।३।बे लुतफ़ करना।खाना ठंडा करदेना।४।बरबबाद करना।लिटाना जैसे रुपया मिट्टी करदेना
रज़ीना
(फ़िक़रा-ए-अरबी उर्दू में मुस्तामल) जो कुछ ख़ुदा की मस्लिहत हो हम इस में ख़ुश, उस की मर्ज़ी का सामने सर-ए-तस्लीम ख़म है (अरबी के फ़िक़रे रुज़ीना बालकज़ा की तख़लफ़ीफ़)
साफ़ रखना
बिना मैल-कुचैल के रखना, बिना धूल-मिट्टी के रखना, (वाक्य) घर को साफ़ रखो; कपड़े को साफ़ रखो; बिना दूषितपन के रखो, जैसे: दिल को साफ़ रखो
हज़ारी 'उम्र हो
(अविर) दुआइया कलिमा जो तस्लीम और आदाब के जवाब में बड़े बूढ़े बतौर-ए-दुआ ज़बान पर लाते हैं यानी हज़ार साला उम्र हो
हथेली सिलसिलाना
हथेली में हल्की सी खुजली मालूम होना, हाथ में सरसराहट प्रतीत होना (जो रुपया मिलने का शगुन समझा जाता है)
हलैला
एक फल जो औषधि में काम आता है, एक बड़े जंगली पेड़ का फल जो यूनानी औषधि में काम आता है, हड़, हरीतकी
हाथ के बेर न खाना
(अवमानना से) किसी से बहुत अधिक घृणा करना, द्वेष करना, बिल्कुल भी मन में न लाना, ख़ातिर में न लाना
हाथ खुला होना
दरियादिली से जरूरतमंद लोगों में पैसे ख़र्च करना, सख़ी होना, बहुत ख़र्च करने की आदत होना, उदारता और दरियादिली की आदत होना, (फ़िक़रा) हाथ खुला हुआ है इधर रुपया आया उधर उड़गया
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