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न घर का , न घाट का

रुक : धोबी का कुत्ता ना घर का ना घाट का

धोबी का कुत्ता घर का न घाट का

हर जगह से ठुकराया हुआ, नाकाम-ओ-नामुराद अर्थात कहीं का भी न रहना

कुत्ता घर का रहा न घाट का

रुक : धोबी का कुत्ता, घर का ना घाट का

धोबी का गधा घर का न घाट का

हर तरफ़ से टकराया हुआ, नाकाम-ओ-नामुराद , उस शख़्स की बाबत कहेंगे जिसे हर तरफ़ से धुतकार देव गया हो

घर का न हुआ दर का

कहीं का न रहा, निकम्मा हो गया

मौत का घर घाट नहीं

मौत हर जगह आती है, इसका कोई स्थान नहीं है

घर जाने का रास्ता न मिलना

घबरा जाना, सिटपिटा जाना, आवारा, चक्कर काटना

घर का राह न मिलना

۔ایسا بدحواس ہوجانا کہ گھر کا رستہ بھی نہ ملے۔ ؎

बिल्ली का गूह न लेपने का न पोतने का

बिलकुल नाकारा और बेकार है

ज़ामिन न होवे बाप का, ये ज़ामिनी घर पाप का

उत्तरदायित्व बनना या ज़मानत देना बहुत बुरा है, इस से इंकार कर देना अच्छा है

ऊँट का पाद न ज़मीन का न आसमान का

जिस व्यक्ति के व्यवहार में गंभीरता न हो उसकी या मूर्ख की बात का कोई असर नहीं होता

रातों का न बातों का

काम का न काज का

न काम का , न काज का , दुश्मन अनाज का

رک : کام کا نہ کاج کا ، دشمن اناج کا جو زیادہ مستعمل ہے

दीन का न दुनिया का

good-for-nothing, neither religious nor worldly-wise

न सर का होश , न पाँव का

बेख़बर होना

तत्ता कौर न निगलने का न उगलने का

उस अवसर पर कहते हैं जब कुछ बन न आए

घर का और दिल का भेद हर एक के सामने न कहें

अपने दिल और घर की बात हर एक से नहीं कहनी चाहिए, गोपनीयता से काम लेना चाहिए

घर का न घाट का

बेठिकाना, अनुपयोगी, किसी लायक़ नहीं, वो जिस का कहीं ठिकाना न हो, धोबी का कुत्ता घर का ना घाट का

नब्ज़ों का न चलना

نبضوں کی حرکت کا محسوس نہ ہونا

सूम के घर का कुत्ता, जाए न जाने दे

कंजूस के कारिंदे भी किसी को देख नहीं सकते

ज़मीन का न आसमान का

न इधर का न उधर का, बे कार, लग़्व

सर का न पाँव का

بے سروپا ، سر نہ پیر ، اوّل نہ آخر

न तीर न कमान नाहक़ का पठान

ज़बरदस्ती की हुकूमत जताने वाले के संबंध में कहते हैं

गूड़ भरा हँसियाँ , न निगलने का , न थूकने का

रुक : गड़ भरा हंसिया है अलख

आँसुओं का तार न टूटना

لگاتار آنسو بہنا

कहीं का न रहना

۱. तबाह-ओ-बर्बाद हो जाना, किसी गों का ना होना, किसी काम या जगह के लायक़ ना होना, ज़लील-ओ-रुस्वा हो जाना , मक़सद को ना पहुंचना

कहीं का न रखा

किसी काम का ना छोड़ा, तबाह कर दिया, बर्बाद कर दिया

आसमान का रक्खा न ज़मीन का

नष्ट कर दिया, तबाह-ओ-बर्बाद कर दिया

हाल का न रोज़गार का

रुक : हाल का ना क़ाल का अलख

नक्टे का खाए उकटे का न खिलाए

कमीने का एहसानमंद नहीं होना चाहिए, अदना का एहसान उठाए कमज़र्फ़ का नहीं

तन पर चीज़ न घर माँ नाज , दूसरे का रूपा गाज

इस शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं जो अपनी हैसियत से बढ़ कर काम करना चाहे

नमाज़ का न रोज़े का

वह जो न नमाज़ पढ़ता हो और न रोज़ा रखता हो, बेनमाज़ी बेरोज़ा के बारे में कहते हैं

काम का न काज का दुश्मन अनाज का

वह व्यक्ति जो खाने में कमी न करे और काम से दूर भागे, सुस्त, काहिल, आलसी

नक्टे का खाए उकटे का न खाए

कमीने का एहसानमंद नहीं होना चाहिए, अदना का एहसान उठाए कमज़र्फ़ का नहीं

रोटी का न कपड़े का सेंत मेंत का भुत्रा

ऐसे नाकारा शख़्स के बारे में कहते हैं जो मुफ़त ख़ोरी के बावजूद रुअब जमाए या एकड़ फ़ूं दिखाए

कुत्ते का गूह न लीपने का ना पोतने का

रुक : बिल्ली का गाह ना लेपने का ना पोतने का , नाकारा चीज़ के बारे में कहते हैं

साँसा भला न साँस का और बान भला न काँस का

चिंता थोड़ी देर की भी बड़ी होती है, मन की सेहत के लिए अच्छी नहीं होती

मैं अब कहीं का न रहा

मैं अब किसी की तरफ़ नहीं रहा, मैं अब किसी लायक़ नहीं रहा, अब मैं किसी को मुँह नहीं दिखा सकता

छत्री का भगत न मूसल का धनक

मूसल का धनुष नहीं बन सकता, उसी प्रकार क्षत्रिय कभी भक्त नहीं बन सकता

क़ाबू का न होना

वश का न होना, अधिकार का न होना, कहने का न होना

पास का कुत्ता न दूर का भाई

जो चीज़ निकट है वह बेहतर है। उपस्थित कुत्ता दूर के भाई से बेहतर है

गोज़-ए-शुतुर ज़मीन का न आसमान का

बेतुकी बात तो बेतुकी है, न इधर की, न उधर की

जिस बहुअर की बहरी सास, उस का कभी न हो घर वास

जिस स्त्री की सास बहरी हो, वह कभी घर में नहीं रुकती

चुटके का खाइए, उकटे का न खाइए

माँग कर खाना बेहतर है उस का एहसान लेने से जो एहसान जताने वाला हो

तिनके का शर्मिंदा न होना

किसी का ज़र्रा भर सुलूक गवार ना करना

हल्क़ का न तालू का ये माल मियाँ काटू का

इस चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं जो किसी के काम ना आए, खाया ना पिया यूं ही कुत्तों को दे कर ज़ाए किया

न जीने की ख़ुशी, न मरने का ग़म

किसी बात की पर्वा नहीं, किसी किस्म की उमनग बाक़ी नहीं

नात का न गोत का बाँटा माँगे कोत का

ग़ैर मुस्तहिक़ हो कर ज़बरदस्ती विरासत में हिस्सादार बनने वाले के लिए मुस्तामल है

नात का न गोत का बाँटा माँगे पोथ का

ग़ैर मुस्तहिक़ हो कर ज़बरदस्ती विरासत में हिस्सादार बनने वाले के लिए मुस्तामल है

मा'मूरी का निशान न रहना

आबादी का अस्तित्व शेष न रहना, चहल-पहल न होना

आता न छोड़िये , जाते का ग़म न कीजिये

आए तो सब आने दो जाए तो कोई चिंता नहीं

न ख़ुदा का दीदार, न हुज़ूर की शफ़ा'अत

दीनदारी का तज़किरा ना होना

मींह का आँख न खोलना

लगातार बारिश होना, झड़ी लगना

तबी'अत का ठिकाना न होना

मिज़ाज में तलव्वुन होना

खिलाए का पाप न पुन

रुक : गधे का खाया पाप ना पुन, बेवक़ूफ़ पर एहसान करने का कोई फ़ायदा नहीं होता

न जीने की शादी, न मरने का ग़म

किसी बात की पर्वा नहीं, किसी किस्म की उमनग बाक़ी नहीं

कोठी कुठले को हाथ न लगाओ, घर बार आप का है

ज़बानी बहुत हमदर्दी मगर कुछ देने को तैय्यार नहीं, क़ीमती चीज़ अपने क़बज़ा में, फ़ुज़ूल चीज़ों से दूसरों को ख़ुश करना होतो कहते हैं

नकटे का खाए ओझे का न खाए

۔مثل۔ کمینہ کا احسانمند نہ ہونا چاہیے۔

फ़रिश्तों का वाक़िफ़ न होना

रुक : फ़रिश्तों को ख़बर ना होना

नुक़्ता का फ़र्क़ न होना

۔ज़रा भी फ़र्क़ ना होना।

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में न घर का , न घाट का के अर्थदेखिए

न घर का , न घाट का

na ghar kaa , na ghaaT kaaنَہ گَھر کا ، نَہ گھاٹ کا

कहावत

न घर का , न घाट का के हिंदी अर्थ

  • रुक : धोबी का कुत्ता ना घर का ना घाट का

نَہ گَھر کا ، نَہ گھاٹ کا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • رک : دھوبی کا کتا نہ گھر کا نہ گھاٹ کا ۔

Urdu meaning of na ghar kaa , na ghaaT kaa

  • Roman
  • Urdu

  • ruk ha dhobii ka kuttaa na ghar ka na ghaaT ka

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न घर का , न घाट का

रुक : धोबी का कुत्ता ना घर का ना घाट का

धोबी का कुत्ता घर का न घाट का

हर जगह से ठुकराया हुआ, नाकाम-ओ-नामुराद अर्थात कहीं का भी न रहना

कुत्ता घर का रहा न घाट का

रुक : धोबी का कुत्ता, घर का ना घाट का

धोबी का गधा घर का न घाट का

हर तरफ़ से टकराया हुआ, नाकाम-ओ-नामुराद , उस शख़्स की बाबत कहेंगे जिसे हर तरफ़ से धुतकार देव गया हो

घर का न हुआ दर का

कहीं का न रहा, निकम्मा हो गया

मौत का घर घाट नहीं

मौत हर जगह आती है, इसका कोई स्थान नहीं है

घर जाने का रास्ता न मिलना

घबरा जाना, सिटपिटा जाना, आवारा, चक्कर काटना

घर का राह न मिलना

۔ایسا بدحواس ہوجانا کہ گھر کا رستہ بھی نہ ملے۔ ؎

बिल्ली का गूह न लेपने का न पोतने का

बिलकुल नाकारा और बेकार है

ज़ामिन न होवे बाप का, ये ज़ामिनी घर पाप का

उत्तरदायित्व बनना या ज़मानत देना बहुत बुरा है, इस से इंकार कर देना अच्छा है

ऊँट का पाद न ज़मीन का न आसमान का

जिस व्यक्ति के व्यवहार में गंभीरता न हो उसकी या मूर्ख की बात का कोई असर नहीं होता

रातों का न बातों का

काम का न काज का

न काम का , न काज का , दुश्मन अनाज का

رک : کام کا نہ کاج کا ، دشمن اناج کا جو زیادہ مستعمل ہے

दीन का न दुनिया का

good-for-nothing, neither religious nor worldly-wise

न सर का होश , न पाँव का

बेख़बर होना

तत्ता कौर न निगलने का न उगलने का

उस अवसर पर कहते हैं जब कुछ बन न आए

घर का और दिल का भेद हर एक के सामने न कहें

अपने दिल और घर की बात हर एक से नहीं कहनी चाहिए, गोपनीयता से काम लेना चाहिए

घर का न घाट का

बेठिकाना, अनुपयोगी, किसी लायक़ नहीं, वो जिस का कहीं ठिकाना न हो, धोबी का कुत्ता घर का ना घाट का

नब्ज़ों का न चलना

نبضوں کی حرکت کا محسوس نہ ہونا

सूम के घर का कुत्ता, जाए न जाने दे

कंजूस के कारिंदे भी किसी को देख नहीं सकते

ज़मीन का न आसमान का

न इधर का न उधर का, बे कार, लग़्व

सर का न पाँव का

بے سروپا ، سر نہ پیر ، اوّل نہ آخر

न तीर न कमान नाहक़ का पठान

ज़बरदस्ती की हुकूमत जताने वाले के संबंध में कहते हैं

गूड़ भरा हँसियाँ , न निगलने का , न थूकने का

रुक : गड़ भरा हंसिया है अलख

आँसुओं का तार न टूटना

لگاتار آنسو بہنا

कहीं का न रहना

۱. तबाह-ओ-बर्बाद हो जाना, किसी गों का ना होना, किसी काम या जगह के लायक़ ना होना, ज़लील-ओ-रुस्वा हो जाना , मक़सद को ना पहुंचना

कहीं का न रखा

किसी काम का ना छोड़ा, तबाह कर दिया, बर्बाद कर दिया

आसमान का रक्खा न ज़मीन का

नष्ट कर दिया, तबाह-ओ-बर्बाद कर दिया

हाल का न रोज़गार का

रुक : हाल का ना क़ाल का अलख

नक्टे का खाए उकटे का न खिलाए

कमीने का एहसानमंद नहीं होना चाहिए, अदना का एहसान उठाए कमज़र्फ़ का नहीं

तन पर चीज़ न घर माँ नाज , दूसरे का रूपा गाज

इस शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं जो अपनी हैसियत से बढ़ कर काम करना चाहे

नमाज़ का न रोज़े का

वह जो न नमाज़ पढ़ता हो और न रोज़ा रखता हो, बेनमाज़ी बेरोज़ा के बारे में कहते हैं

काम का न काज का दुश्मन अनाज का

वह व्यक्ति जो खाने में कमी न करे और काम से दूर भागे, सुस्त, काहिल, आलसी

नक्टे का खाए उकटे का न खाए

कमीने का एहसानमंद नहीं होना चाहिए, अदना का एहसान उठाए कमज़र्फ़ का नहीं

रोटी का न कपड़े का सेंत मेंत का भुत्रा

ऐसे नाकारा शख़्स के बारे में कहते हैं जो मुफ़त ख़ोरी के बावजूद रुअब जमाए या एकड़ फ़ूं दिखाए

कुत्ते का गूह न लीपने का ना पोतने का

रुक : बिल्ली का गाह ना लेपने का ना पोतने का , नाकारा चीज़ के बारे में कहते हैं

साँसा भला न साँस का और बान भला न काँस का

चिंता थोड़ी देर की भी बड़ी होती है, मन की सेहत के लिए अच्छी नहीं होती

मैं अब कहीं का न रहा

मैं अब किसी की तरफ़ नहीं रहा, मैं अब किसी लायक़ नहीं रहा, अब मैं किसी को मुँह नहीं दिखा सकता

छत्री का भगत न मूसल का धनक

मूसल का धनुष नहीं बन सकता, उसी प्रकार क्षत्रिय कभी भक्त नहीं बन सकता

क़ाबू का न होना

वश का न होना, अधिकार का न होना, कहने का न होना

पास का कुत्ता न दूर का भाई

जो चीज़ निकट है वह बेहतर है। उपस्थित कुत्ता दूर के भाई से बेहतर है

गोज़-ए-शुतुर ज़मीन का न आसमान का

बेतुकी बात तो बेतुकी है, न इधर की, न उधर की

जिस बहुअर की बहरी सास, उस का कभी न हो घर वास

जिस स्त्री की सास बहरी हो, वह कभी घर में नहीं रुकती

चुटके का खाइए, उकटे का न खाइए

माँग कर खाना बेहतर है उस का एहसान लेने से जो एहसान जताने वाला हो

तिनके का शर्मिंदा न होना

किसी का ज़र्रा भर सुलूक गवार ना करना

हल्क़ का न तालू का ये माल मियाँ काटू का

इस चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं जो किसी के काम ना आए, खाया ना पिया यूं ही कुत्तों को दे कर ज़ाए किया

न जीने की ख़ुशी, न मरने का ग़म

किसी बात की पर्वा नहीं, किसी किस्म की उमनग बाक़ी नहीं

नात का न गोत का बाँटा माँगे कोत का

ग़ैर मुस्तहिक़ हो कर ज़बरदस्ती विरासत में हिस्सादार बनने वाले के लिए मुस्तामल है

नात का न गोत का बाँटा माँगे पोथ का

ग़ैर मुस्तहिक़ हो कर ज़बरदस्ती विरासत में हिस्सादार बनने वाले के लिए मुस्तामल है

मा'मूरी का निशान न रहना

आबादी का अस्तित्व शेष न रहना, चहल-पहल न होना

आता न छोड़िये , जाते का ग़म न कीजिये

आए तो सब आने दो जाए तो कोई चिंता नहीं

न ख़ुदा का दीदार, न हुज़ूर की शफ़ा'अत

दीनदारी का तज़किरा ना होना

मींह का आँख न खोलना

लगातार बारिश होना, झड़ी लगना

तबी'अत का ठिकाना न होना

मिज़ाज में तलव्वुन होना

खिलाए का पाप न पुन

रुक : गधे का खाया पाप ना पुन, बेवक़ूफ़ पर एहसान करने का कोई फ़ायदा नहीं होता

न जीने की शादी, न मरने का ग़म

किसी बात की पर्वा नहीं, किसी किस्म की उमनग बाक़ी नहीं

कोठी कुठले को हाथ न लगाओ, घर बार आप का है

ज़बानी बहुत हमदर्दी मगर कुछ देने को तैय्यार नहीं, क़ीमती चीज़ अपने क़बज़ा में, फ़ुज़ूल चीज़ों से दूसरों को ख़ुश करना होतो कहते हैं

नकटे का खाए ओझे का न खाए

۔مثل۔ کمینہ کا احسانمند نہ ہونا چاہیے۔

फ़रिश्तों का वाक़िफ़ न होना

रुक : फ़रिश्तों को ख़बर ना होना

नुक़्ता का फ़र्क़ न होना

۔ज़रा भी फ़र्क़ ना होना।

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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