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हाथ को हाथ पहचानता है

जिससे कुछ लेते हैं उसी को देते हैं, जिससे ऋण, उधार लिया जाता है उसी को दिया जाता है

वली को वली पहचानता है

रुक : वली रा वली मी शनासद

हाथ को हाथ नहीं सूझता

अंधेरा घुप्प है।(फ़िक़रा) वो अंधेरा है कि हाथ को हाथ नहीं सुझाई देता।

हाथ को हाथ नहीं सुझाई देता

۔اندھیرا گھپ ہے۔(فقرہ) وہ اندھیرا ہے کہ ہاتھ کو ہاتھ نہیں سجھائی دیتا۔؎

हाथ को हाथ सुझाई नहीं देना

बहुत अंधेरा होना , इंतिहाई तारीकी होना

हाथ को हाथ न सूझना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना देना

हाथ को हाथ न मा'लूम होना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना / नहीं देना

हाथ है

۔ اختیار میں ہے۔؎

साथ को हाथ का दिया ही चलता है

परलोक में दान ही काम आएगा, फ़क़ीरों का वचन

हाथ को हाथ सूझने से रहना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना / नहीं देना

क़द्र उल्लू की उल्लू जानता है, हुमा को कब चुग़द पहचानता है

विशेषज्ञ या निपुण व्यक्ति के गुण-ग्राहक उसके मान-सम्मान से अनभिज्ञ नहीं होते, गुण-ग्राहक ही सम्मान करता है दूसरे को क्या पता

हाथ को हाथ नज़र न आना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना / नहीं देना

हाथ को हाथ सुझाई न देना

be pitch-dark

हाथ को हाथ सूझाई न देना

बहुत अंधेरा होना , इंतिहाई तारीकी होना

हाथ की हाथ को ख़बर न होना

राज़दारी और ख़ामोशी से कोई काम होना, कानों-कान ख़बर ना होना, किसी को इलम ना होना

घर बार तुम्हारा है कोठी कुठले को हाथ न लगाना

झूटी बातों से किसी का दिल ख़ुश करना

कोठी कुठले को हाथ न लगाओ, घर बार तुम्हारा है

ज़बानी बहुत हमदर्दी मगर कुछ देने को तैय्यार नहीं, क़ीमती चीज़ अपने क़बज़ा में, फ़ुज़ूल चीज़ों से दूसरों को ख़ुश करना होतो कहते हैं

घर बार तुम्हारा है कोठी कोठले को हाथ न लगाना

झूटी बातों से किसी का दिल ख़ुश करना

आबरू ख़ुदा के हाथ है

सम्मान का अल्लाह मालिक है, सम्मान बचाना इश्वर के अधिकार में है

करछी हाथ सेलाने ही को करते हैं

करछी का उपयोग हाथों को बचाने के लिए होता है

आबरू तेरे हाथ है

प्रतिष्ठा बचाने वाला तो है

हाथ से दूसरे हाथ को ख़बर न हो

किसी को कानों कान ख़बर नहप हो कि क्या दिया और किस को दिया

हाथ कंगन को आरसी क्या

(शाब्दिक) हाथ के कंगन को देखने के लिए आईने की ज़रूरत नहीं होती, अर्थात: जो बात ज़ाहिर हो उसके खोजने करने की क्या ज़रूरत है, जो चीज़ आँखों के सामने हो उसको क्या बयान करना

ठोढ़ी को हाथ लगाना

cajole or appease (by touching someone's chin), flatter

हाथ मुँह में सुलूक है

आपस में मिल कर खाते हैं, मिल कर खाते कमाते हैं; आपस में अच्छा बरताव रखते हैं

हाथ पाँव में सनीचर है

पांव में चक्कर है , नहूसत है

जीत हिम्मत के हाथ है

जो हिम्मत करता है कामयाबी हासिल करता है

हाथ पैर में सनीचर है

मनहूस है, बहुत नहस है

ख़ुदा के हाथ में है

रुक : ख़ुदा के हाथ

कोठी कुठले को हाथ न लगाओ, घर बार आप का है

ज़बानी बहुत हमदर्दी मगर कुछ देने को तैय्यार नहीं, क़ीमती चीज़ अपने क़बज़ा में, फ़ुज़ूल चीज़ों से दूसरों को ख़ुश करना होतो कहते हैं

हाथ देखन को आरसी क्या

रुक : हाथ कंगन को आर सी किया (है

चरण को हाथ लाना

رک: پان٘و چُھونا.

'इज़्ज़त ख़ुदा के हाथ है

अल्लाह ही सम्मान रखे तो रहे

अपनी बड़ाई अपने हाथ है

अपनी 'इज़्जत अपने हाथ में है, मनुष्य की प्रतिष्ठा एवं सम्मान उसके अपने हाथ में होता है

हाथ बेचा है , ज़ात नहीं बेची है

(ख़िदमत गारों का मक़ूला) नौकरी की है लेकिन बेइज़्ज़ती बर्दाश्त नहीं करेंगे, काम करेंगे मगर गाली नहीं खाएंगे

क़िस्मत के हाथ बात है

वही होता है जो भाग्य की लेख होती है; क़िस्मत का लिखा होता है; भाग्य की लिखावट पूरी होती है

हाथ कंगन को आरसी क्या ज़रूर

रुक : हाथ कंगन को आरसी किया (है)

चराग़ को हाथ देना

चराग़ की रौशनी को बुझाना, दिया बुझाना

क़दम को हाथ लगाना

۱. (एहतिरामन) पांव छूना, पांव को हाथ लगा कर चूमना

हाथ पाँव बचाइए मूज़ी को टरख़ाइए

हिक्मत-ए-अमली या मक्कारी से काम लेना चाहिए जिस से दुश्मन को कुछ ज़रर पहुंचे और ख़ुद महफ़ूज़ रहें

आबरू उस के हाथ है

कठिनाई के समय ईश्वर पर निर्भरता स्पष्ट करने को कहते है

जस अप्जस बिध हाथ है

नेकी बदी ख़ुदा के हाथ में है

हाथ का सच्चा है

क़र्ज़ चुका देता है, लेन-देन का सच्चा है

दाने पानी के हाथ है

भाग्य पर निर्भर है, क़िस्मत की बात है, भाग्य के अधिकार में है

दोनों हाथ मिलते बजती है ताली

रुक दोनों हाथ से ताली बजती है

आब-ओ-दाना के हाथ है

भाग्य या क़िस्मत का मामला है

हुमायूँ को हाथ से न देना

हौसला ना हारना

क्या काँटों में हाथ पड़ता है

क्या ऐब लगता है, क्या नुक़्सान होता है

दोनों हाथ से ताली बजती है

दोस्ती या दुश्मनी तब तक शुरू या ख़त्म नहीं हो सकती जब तक दोनों पक्ष अपना काम नहीं करते

हाथ में चक्की का पाट है

यह बेवक़ूफ़ी की बात है (एक राजकुमार की कहानी में उल्लेख है कि राजा ने अँगूठी को मुट्ठी में बंद कर इशारे किए और पूछा कि बताओ मुट्ठी में क्या है तो उसने कहा चक्की का पाट है)

हाथ बेचा है ज़ात नहीं बेची

though a servant, I shall not be abused

'औरत पर हाथ उठाना बुज़दिली है

स्त्री को नहीं मारना चाहिए

तक़दीर के हाथ बात है

सब कुछ भाग्य पर आधारित है, जो क़िस्मत में लिखा है वही होता है, सारा दार-ओ-मदार नसीबों पर है

सोने की चिड़िया हाथ लगी है

अमीर आदमी क़ाबू में आया है, वकील उस अवसर पर बोलते हैं जब कोई अमीर मुक़द्दमे में फँस जाए, रंडियाँ उस वक़्त बोलती हैं जब कोई अमीर आदमी उन पर फ़िदा हो जाए और ब्राह्मण जब कोई अमीर आदमी मर जाए तो कहते हैं

क्या ख़ूब सौदा नक़्द है इस हाथ दे उस हाथ ले

जैसा करोगे वैसा भरोगे

हाथ पाँव बचाइए मूज़ी को तड़पाइए

हिक्मत-ए-अमली या मक्कारी से काम लेना चाहिए जिस से दुश्मन को कुछ ज़रर पहुंचे और ख़ुद महफ़ूज़ रहें

नौमी गुगा पीर मनाऊँ ना चरख़े को हाथ लगाऊँ

عذرلنگ

हथेली से हाथ को हटना

۔(عو)تعجب حیرت اور حسرت ظاہر کرنے کے لئے ۔؎

दाएँ हाथ का खाया हराम है

प्रतिज्ञा या शपथ की एक अंदाज़ कि जब तक कोई अपने वचन को पूरा नहीं कर लेता तब तक खाना खाना वर्जित है

दाएँ हाथ का खाना हराम है

प्रतिज्ञा या शपथ की एक अंदाज़ कि जब तक कोई अपने वचन को पूरा नहीं कर लेता तब तक खाना खाना वर्जित है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में हाथ को हाथ पहचानता है के अर्थदेखिए

हाथ को हाथ पहचानता है

haath ko haath pahchaantaa haiہاتھ کو ہاتھ پَہچانتا ہے

कहावत

हाथ को हाथ पहचानता है के हिंदी अर्थ

  • जिससे कुछ लेते हैं उसी को देते हैं, जिससे ऋण, उधार लिया जाता है उसी को दिया जाता है

English meaning of haath ko haath pahchaantaa hai

  • one repays him from whom one borrows

ہاتھ کو ہاتھ پَہچانتا ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جس سے کچھ لیتے ہیں اسی کو دیتے ہیں، جس سے قرض لیا جاتا ہے اسی کو دیا جاتا ہے

Urdu meaning of haath ko haath pahchaantaa hai

  • Roman
  • Urdu

  • jis se kuchh lete hai.n isii ko dete hain, jis se qarz liyaa jaataa hai isii ko diyaa jaataa hai

खोजे गए शब्द से संबंधित

हाथ को हाथ पहचानता है

जिससे कुछ लेते हैं उसी को देते हैं, जिससे ऋण, उधार लिया जाता है उसी को दिया जाता है

वली को वली पहचानता है

रुक : वली रा वली मी शनासद

हाथ को हाथ नहीं सूझता

अंधेरा घुप्प है।(फ़िक़रा) वो अंधेरा है कि हाथ को हाथ नहीं सुझाई देता।

हाथ को हाथ नहीं सुझाई देता

۔اندھیرا گھپ ہے۔(فقرہ) وہ اندھیرا ہے کہ ہاتھ کو ہاتھ نہیں سجھائی دیتا۔؎

हाथ को हाथ सुझाई नहीं देना

बहुत अंधेरा होना , इंतिहाई तारीकी होना

हाथ को हाथ न सूझना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना देना

हाथ को हाथ न मा'लूम होना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना / नहीं देना

हाथ है

۔ اختیار میں ہے۔؎

साथ को हाथ का दिया ही चलता है

परलोक में दान ही काम आएगा, फ़क़ीरों का वचन

हाथ को हाथ सूझने से रहना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना / नहीं देना

क़द्र उल्लू की उल्लू जानता है, हुमा को कब चुग़द पहचानता है

विशेषज्ञ या निपुण व्यक्ति के गुण-ग्राहक उसके मान-सम्मान से अनभिज्ञ नहीं होते, गुण-ग्राहक ही सम्मान करता है दूसरे को क्या पता

हाथ को हाथ नज़र न आना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना / नहीं देना

हाथ को हाथ सुझाई न देना

be pitch-dark

हाथ को हाथ सूझाई न देना

बहुत अंधेरा होना , इंतिहाई तारीकी होना

हाथ की हाथ को ख़बर न होना

राज़दारी और ख़ामोशी से कोई काम होना, कानों-कान ख़बर ना होना, किसी को इलम ना होना

घर बार तुम्हारा है कोठी कुठले को हाथ न लगाना

झूटी बातों से किसी का दिल ख़ुश करना

कोठी कुठले को हाथ न लगाओ, घर बार तुम्हारा है

ज़बानी बहुत हमदर्दी मगर कुछ देने को तैय्यार नहीं, क़ीमती चीज़ अपने क़बज़ा में, फ़ुज़ूल चीज़ों से दूसरों को ख़ुश करना होतो कहते हैं

घर बार तुम्हारा है कोठी कोठले को हाथ न लगाना

झूटी बातों से किसी का दिल ख़ुश करना

आबरू ख़ुदा के हाथ है

सम्मान का अल्लाह मालिक है, सम्मान बचाना इश्वर के अधिकार में है

करछी हाथ सेलाने ही को करते हैं

करछी का उपयोग हाथों को बचाने के लिए होता है

आबरू तेरे हाथ है

प्रतिष्ठा बचाने वाला तो है

हाथ से दूसरे हाथ को ख़बर न हो

किसी को कानों कान ख़बर नहप हो कि क्या दिया और किस को दिया

हाथ कंगन को आरसी क्या

(शाब्दिक) हाथ के कंगन को देखने के लिए आईने की ज़रूरत नहीं होती, अर्थात: जो बात ज़ाहिर हो उसके खोजने करने की क्या ज़रूरत है, जो चीज़ आँखों के सामने हो उसको क्या बयान करना

ठोढ़ी को हाथ लगाना

cajole or appease (by touching someone's chin), flatter

हाथ मुँह में सुलूक है

आपस में मिल कर खाते हैं, मिल कर खाते कमाते हैं; आपस में अच्छा बरताव रखते हैं

हाथ पाँव में सनीचर है

पांव में चक्कर है , नहूसत है

जीत हिम्मत के हाथ है

जो हिम्मत करता है कामयाबी हासिल करता है

हाथ पैर में सनीचर है

मनहूस है, बहुत नहस है

ख़ुदा के हाथ में है

रुक : ख़ुदा के हाथ

कोठी कुठले को हाथ न लगाओ, घर बार आप का है

ज़बानी बहुत हमदर्दी मगर कुछ देने को तैय्यार नहीं, क़ीमती चीज़ अपने क़बज़ा में, फ़ुज़ूल चीज़ों से दूसरों को ख़ुश करना होतो कहते हैं

हाथ देखन को आरसी क्या

रुक : हाथ कंगन को आर सी किया (है

चरण को हाथ लाना

رک: پان٘و چُھونا.

'इज़्ज़त ख़ुदा के हाथ है

अल्लाह ही सम्मान रखे तो रहे

अपनी बड़ाई अपने हाथ है

अपनी 'इज़्जत अपने हाथ में है, मनुष्य की प्रतिष्ठा एवं सम्मान उसके अपने हाथ में होता है

हाथ बेचा है , ज़ात नहीं बेची है

(ख़िदमत गारों का मक़ूला) नौकरी की है लेकिन बेइज़्ज़ती बर्दाश्त नहीं करेंगे, काम करेंगे मगर गाली नहीं खाएंगे

क़िस्मत के हाथ बात है

वही होता है जो भाग्य की लेख होती है; क़िस्मत का लिखा होता है; भाग्य की लिखावट पूरी होती है

हाथ कंगन को आरसी क्या ज़रूर

रुक : हाथ कंगन को आरसी किया (है)

चराग़ को हाथ देना

चराग़ की रौशनी को बुझाना, दिया बुझाना

क़दम को हाथ लगाना

۱. (एहतिरामन) पांव छूना, पांव को हाथ लगा कर चूमना

हाथ पाँव बचाइए मूज़ी को टरख़ाइए

हिक्मत-ए-अमली या मक्कारी से काम लेना चाहिए जिस से दुश्मन को कुछ ज़रर पहुंचे और ख़ुद महफ़ूज़ रहें

आबरू उस के हाथ है

कठिनाई के समय ईश्वर पर निर्भरता स्पष्ट करने को कहते है

जस अप्जस बिध हाथ है

नेकी बदी ख़ुदा के हाथ में है

हाथ का सच्चा है

क़र्ज़ चुका देता है, लेन-देन का सच्चा है

दाने पानी के हाथ है

भाग्य पर निर्भर है, क़िस्मत की बात है, भाग्य के अधिकार में है

दोनों हाथ मिलते बजती है ताली

रुक दोनों हाथ से ताली बजती है

आब-ओ-दाना के हाथ है

भाग्य या क़िस्मत का मामला है

हुमायूँ को हाथ से न देना

हौसला ना हारना

क्या काँटों में हाथ पड़ता है

क्या ऐब लगता है, क्या नुक़्सान होता है

दोनों हाथ से ताली बजती है

दोस्ती या दुश्मनी तब तक शुरू या ख़त्म नहीं हो सकती जब तक दोनों पक्ष अपना काम नहीं करते

हाथ में चक्की का पाट है

यह बेवक़ूफ़ी की बात है (एक राजकुमार की कहानी में उल्लेख है कि राजा ने अँगूठी को मुट्ठी में बंद कर इशारे किए और पूछा कि बताओ मुट्ठी में क्या है तो उसने कहा चक्की का पाट है)

हाथ बेचा है ज़ात नहीं बेची

though a servant, I shall not be abused

'औरत पर हाथ उठाना बुज़दिली है

स्त्री को नहीं मारना चाहिए

तक़दीर के हाथ बात है

सब कुछ भाग्य पर आधारित है, जो क़िस्मत में लिखा है वही होता है, सारा दार-ओ-मदार नसीबों पर है

सोने की चिड़िया हाथ लगी है

अमीर आदमी क़ाबू में आया है, वकील उस अवसर पर बोलते हैं जब कोई अमीर मुक़द्दमे में फँस जाए, रंडियाँ उस वक़्त बोलती हैं जब कोई अमीर आदमी उन पर फ़िदा हो जाए और ब्राह्मण जब कोई अमीर आदमी मर जाए तो कहते हैं

क्या ख़ूब सौदा नक़्द है इस हाथ दे उस हाथ ले

जैसा करोगे वैसा भरोगे

हाथ पाँव बचाइए मूज़ी को तड़पाइए

हिक्मत-ए-अमली या मक्कारी से काम लेना चाहिए जिस से दुश्मन को कुछ ज़रर पहुंचे और ख़ुद महफ़ूज़ रहें

नौमी गुगा पीर मनाऊँ ना चरख़े को हाथ लगाऊँ

عذرلنگ

हथेली से हाथ को हटना

۔(عو)تعجب حیرت اور حسرت ظاہر کرنے کے لئے ۔؎

दाएँ हाथ का खाया हराम है

प्रतिज्ञा या शपथ की एक अंदाज़ कि जब तक कोई अपने वचन को पूरा नहीं कर लेता तब तक खाना खाना वर्जित है

दाएँ हाथ का खाना हराम है

प्रतिज्ञा या शपथ की एक अंदाज़ कि जब तक कोई अपने वचन को पूरा नहीं कर लेता तब तक खाना खाना वर्जित है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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