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हाथ को हाथ पहचानता है

जिससे कुछ लेते हैं उसी को देते हैं, जिससे ऋण, उधार लिया जाता है उसी को दिया जाता है

हाथ को हाथ नहीं सूझता

अंधेरा घुप्प है।(फ़िक़रा) वो अंधेरा है कि हाथ को हाथ नहीं सुझाई देता।

हाथ को हाथ नहीं सुझाई देता

हाथ को हाथ सुझाई नहीं देना

बहुत अंधेरा होना , इंतिहाई तारीकी होना

हाथ को हाथ न सूझना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना देना

हाथ को हाथ सूझने से रहना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना / नहीं देना

हाथ है

हाथ को हाथ न मा'लूम होना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना / नहीं देना

हाथ को हाथ नज़र न आना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना / नहीं देना

हाथ को हाथ सुझाई न देना

हाथ को हाथ सूझाई न देना

बहुत अंधेरा होना , इंतिहाई तारीकी होना

पैसा हाथ हाथ का मैल है

हाथ से दूसरे हाथ को ख़बर न हो

किसी को कानों कान ख़बर नहप हो कि क्या दिया और किस को दिया

हाथ की हाथ को ख़बर न होना

राज़दारी और ख़ामोशी से कोई काम होना, कानों-कान ख़बर ना होना, किसी को इलम ना होना

हाथ कंगन को आरसी क्या

(शाब्दिक) हाथ के कंगन को देखने के लिए आईने की ज़रूरत नहीं होती, अर्थात: जो बात ज़ाहिर हो उसके खोजने करने की क्या ज़रूरत है, जो चीज़ आँखों के सामने हो उसको क्या बयान करना

हाथ मुँह में सुलूक है

आपस में मिल कर खाते हैं, मिल कर खाते कमाते हैं; आपस में अच्छा बरताव रखते हैं

करछी हाथ सेलाने ही को करते हैं

करछी का उपयोग हाथों को बचाने के लिए होता है

हाथ पाँव में सनीचर है

पांव में चक्कर है , नहूसत है

हाथ पैर में सनीचर है

मनहूस है, बहुत नहस है

चरण को हाथ लाना

साथ को हाथ का दिया ही चलता है

परलोक में दान ही काम आएगा, फ़क़ीरों का वचन

ख़ुदा के हाथ में है

रुक : ख़ुदा के हाथ

आबरू उस के हाथ है

जस अप्जस बिध हाथ है

नेकी बदी ख़ुदा के हाथ में है

चराग़ को हाथ देना

चराग़ की रौशनी को बुझाना, दिया बुझाना

क़दम को हाथ लगाना

۱. (एहतिरामन) पांव छूना, पांव को हाथ लगा कर चूमना

हाथ कंगन को आरसी क्या ज़रूर

रुक : हाथ कंगन को आरसी किया (है)

हाथ का सच्चा है

क़र्ज़ उतार देता है, लेन देन का खरा है

क्या काँटों में हाथ पड़ता है

क्या ऐब लगता है, क्या नुक़्सान होता है

आबरू ख़ुदा के हाथ है

हाथ बेचा है , ज़ात नहीं बेची है

(ख़िदमत गारों का मक़ूला) नौकरी की है लेकिन बेइज़्ज़ती बर्दाश्त नहीं करेंगे, काम करेंगे मगर गाली नहीं खाएंगे

ठोढ़ी को हाथ लगाना

आब-ओ-दाना के हाथ है

हुमायूँ को हाथ से न देना

हौसला ना हारना

क़िस्मत के हाथ बात है

वही होता है जो नविश्ता-ए-तक़दीर है , क़िस्मत का लिखा होता है , तक़दीर की तहरीर पूरी होती है

हाथ पाँव बचाइए मूज़ी को टरख़ाइए

हिक्मत-ए-अमली या मक्कारी से काम लेना चाहिए जिस से दुश्मन को कुछ ज़रर पहुंचे और ख़ुद महफ़ूज़ रहें

दोनों हाथ से ताली बजती है

दोस्ती या दुश्मनी तब तक शुरू या ख़त्म नहीं हो सकती जब तक दोनों पक्ष अपना काम नहीं करते

क्या ख़ूब सौदा नक़्द है इस हाथ दे उस हाथ ले

जैसा करोगे वैसा भरोगे

दाएँ हाथ का खाया हराम है

प्रतिज्ञा या शपथ की एक अंदाज़ कि जब तक कोई अपने वचन को पूरा नहीं कर लेता तब तक खाना खाना वर्जित है

दाएँ हाथ का खाना हराम है

प्रतिज्ञा या शपथ की एक अंदाज़ कि जब तक कोई अपने वचन को पूरा नहीं कर लेता तब तक खाना खाना वर्जित है

हाथ बेचा है ज़ात नहीं बेची

हाथ मलन को पैसा पाया

जब हाथ घुस गए तब पैसा मिला , जब मेहनत की तब फल पाया

हथेली से हाथ को हटना

मेरी शर्म उस के हाथ है

वह बात रख ले, सफल करदे, लाज रख ले

हाथ देखन को आरसी क्या

रुक : हाथ कंगन को आर सी किया (है

नौमी गुगा पीर मनाऊँ ना चरख़े को हाथ लगाऊँ

दोनों हाथ मिलते बजती है ताली

रुक दोनों हाथ से ताली बजती है

हाथ में चक्की का पाट है

हमाक़त की बात है (एक शहज़ादे के क़िस्से में मज़कूर है कि बादशाह ने अँगूठी मुट्ठी में बंद कर के इशारे दिए और पूछा कि बताओ मुट्ठी में किया है तो इस ने कहा चक्की का पाट है)

घर बार तुम्हारा है कोठी कोठले को हाथ न लगाना

झूटी बातों से किसी का दिल ख़ुश करना

घर बार तुम्हारा है कोठी कुठले को हाथ न लगाना

झूटी बातों से किसी का दिल ख़ुश करना

अपनी बड़ाई अपने हाथ है

अपनी 'इज़्जत अपने हाथ में है, मनुष्य की प्रतिष्ठा एवं सम्मान उसके अपने हाथ में होता है

पैसा हाथ का मैल है

रुपया पैसा महत्वहीन चीज़ है, पैसे की कोई वास्तविकता नहीं है

ताली दोनों हाथ से बजा करती है

मुहब्बत या दुश्मनी दोनों ही तरफ़ से होती है

मिट्टी को हाथ लगाएँ तो सोना हो जाए

रुक : मिट्टी में हाथ डाले तो सोना हो जाये

'इज़्ज़त ख़ुदा के हाथ है

अल्लाह ही सम्मान रखे तो रहे

कोठी कुठले को हाथ न लगाओ, घर बार तुम्हारा है

ज़बानी बहुत हमदर्दी मगर कुछ देने को तैय्यार नहीं, क़ीमती चीज़ अपने क़बज़ा में, फ़ुज़ूल चीज़ों से दूसरों को ख़ुश करना होतो कहते हैं

जीत हिम्मत के हाथ है

जो हिम्मत करता है कामयाबी हासिल करता है

तक़दीर के हाथ बात है

सब कुछ भाग्य पर आधारित है, जो क़िस्मत में लिखा है वही होता है, सारा दार-ओ-मदार नसीबों पर है

मिट्टी को हाथ लगाए तो सोना हो जाए

सोने की चिड़िया हाथ लगी है

अमीर आदमी क़ाबू में आया है, वकील उस अवसर पर बोलते हैं जब कोई अमीर मुक़द्दमे में फँस जाए, रंडियाँ उस वक़्त बोलती हैं जब कोई अमीर आदमी उन पर फ़िदा हो जाए और ब्राह्मण जब कोई अमीर आदमी मर जाए तो कहते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में हाथ को हाथ पहचानता है के अर्थदेखिए

हाथ को हाथ पहचानता है

haath ko haath pahchaantaa haiہاتھ کو ہاتھ پَہچانتا ہے

कहावत

हाथ को हाथ पहचानता है के हिंदी अर्थ

  • जिससे कुछ लेते हैं उसी को देते हैं, जिससे ऋण, उधार लिया जाता है उसी को दिया जाता है

English meaning of haath ko haath pahchaantaa hai

  • one repays him from whom one borrows

ہاتھ کو ہاتھ پَہچانتا ہے کے اردو معانی

  • جس سے کچھ لیتے ہیں اسی کو دیتے ہیں، جس سے قرض لیا جاتا ہے اسی کو دیا جاتا ہے

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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