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रिसाई

दुख और मौत से संबंधित, शोकयुक्त

ज़र्फ़

बर्तन

तिहाई

किसी वस्तु के तीन समान भागों में कोई एक भाग, तीसरा अंश, भाग या हिस्सा, तीसरा हिस्सा

ला'नत

धिक्कार, फटकार, भर्त्सना, अभिशाप, शाप

क़हर ढाना

किसी के लिए संकट पैदा करना, संकटग्रस्त बनाना, किसी पर कोई आफ़त लाना, ज़ुल्म करना, क़हर तोड़ना

मज़दूर

शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर

चले न जाए आँगन टेढ़ा

काम में कुशल न होने पर दूसरे पर आरोप मढ़ना

आगे नाथ न पीछे पगा

जिसके आगे-पीछे कोई न हो, जिसका अपना कोई न हो, असहाय, लावारिस, अकेला

साहिर

जादूगर, वह व्यक्ति जो जादू दिखाता हो

कुड़माई

शादी के पूर्व रिश्ता पक्का करने के लिए की जाने वाली रस्म, सगाई, शादी तै करना, रिश्ता करना

नज़र-भर देखना

भरपूर नज़र से देखना, ग़ौर से देखना, ध्यान से देखना

ख़्वाजा-ताश

एक स्वामी के दास, जो आपस में ख्वाजःताश कहलाते हैं

मैया

कृपा, करुणा, तरस, ममता, दया

क़फ़स

(पक्षियों का) पिंजरा, कबूतरों का दरबा जो बाँस की खपच्चियों से बनाते हैं

हुस्न-ए-तलब

माँगने का अच्छा ढंग, कोई चीज़ इशारे इशारे में माँगना, ऐसे ढंग से चीज़ माँगना कि देने वाला देते हुए ख़ुशी महसूस करे

बसर

गुज़ारा, निर्वाह, जीवन-यापन, जीविका, निबाहना

बसर-औक़ात

जीवनानिर्वाह का अवलंब, जीवन का सहारा, जीविका साधन, आजीविका, वृत्ति, रोजी, रोजगार

मुंतशिर

बिखरा हुआ, छितरा हुआ, फैला हुआ, तितर-बितर, बिखरने वाला, फैलने वाला

पिनक

अफ़ीमची की वह अवस्था जिमसें वह नशे की अधिकता के कारण सिर झुकाकर बैठे रहने की दशा में बेसुध या सोया हुआ सा रहता है, अफ़ीम के नशे में ऊँघना, अफ़ीम के नशे में धुत्त, अफ़ीम की झोंक

आँख ओट पहाड़ ओट

जो वस्तु आँख के सामने न हो यदि वह निकट हो तब भी दूर है

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ईंडवी

ईंडवा का संक्षिप्त

चँकला

(संगीत) अमीर ख़ुसरव की आविष्कार की हूई रागों में से एक राग, ज़ंगूला

जंगलात

(संगीत) राग का नाम, ध्रुपद जो बंगाल में गाया जाता है

तिलांग

(मूसीक़ी) निरत के ओखट अलफ़ाज़ का अठारवां लफ़्ज़ तिला नग है

सेंदूरा

(संगीत) संपूर्ण जाति का एक राग जो हिंडोल राग का पुत्र माना जाता है

साँत

वसंत ऋतु, बसंत, बहार का मौसम, प्रसन्नता

सिंधड़ा

(संगीत) एक राग का नाम

सिंधनू

(संगीत) भैरों राग की एक रागिनी जिसका वक़्त शाम का होता है

सिंधूरी

संगीत में एक प्रकार की रागिनी

अक्शती

(मूसीक़ी) पन की चार सूतियों में से एक सरताई

अंग

जिस्म, शरीर

अंग्रेज़ी-बाजा

अंग्रेज़ी बाजा प्रायः सैन्य या शैक्षणिक संस्थानों का जिसमें ढोल, तबला, बिगुल, बीन, झाँज, बाँसुरी और शहनाई आदि होती है, बैंड, बाजा

अचल-ठाठ

(संगीत) सात शुद्ध सुरों का बुनियादी सरगम, बिलावल ठाठ

अचल-सुर

(संगीत) सरगम के वह सुर जो न तीव्र हैं न कोमल बल्कि देर तक रहने वाले हैं अर्थात सा, बा

'अजम

संगीत: काफ़ी, सारंग

अडाना

अडाना एक राग है जो आधी रात के बाद में गाया जाता है

अड़ाना

टिकाना, ठहराना, रोकना, अटकाना, अड़वाड़ की तरह लगाना, उलझाना, फंँसाना

अंतरा

(शाब्दिक) बीज का, दरमयानी, (संगीत) गाने के मुखड़े (पहले बोल) के बाद का बोल, पहले के सिवा गीत के बाक़ी टुकड़े, गाने का वो टुकड़ा जो इस्ताई से पहले हो

अद्धा

किसी वस्तु का आधा भाग; आधी नाप या तौल

अंदाज़ा

अनुमान, अटकल, किसी कार्य के लिए व्यय आदि का अनुमान

अंदौलत

(संगीत) अंदौलत उसे कहते हैं कि एक सुर अदा करने में दूसरा सुर अदा हो अर्थात हिलते हुए हों, यह गमक के बाईस प्रकारों में से एक हैं

अधाना

(मूसीक़ी) छत्तीस रागिनियों में से वो रागिनी जो रात के दूसरे पहर ख़्याल के तर्ज़ पर गाई जाती और तलवाड़ा ताल पर बजाई जाती है

अनहद-नाद

हठयोग के मुताबिक़ शरीर के अंदर के छः चक्करों में से चौथा चक्कर

अनागत

जो अभी पास या सामने न आया हो, अनुपस्थित, अप्रस्तुत, अविद्यमान, अप्राप्त

अफरोक्ता

(मूसीक़ी) खरिज ग्राम के सातवें मोर छिने का नाम जिस की शक्ल ये है : रेगा मापा धानी सा सानी धा पा मागा रे सा यानी रिखब सत टेप की खरिज तक और टैब की खरिज से वापिस रिखब तक

अंबादी

(मूसीक़ी) वो सर जिस के आने से राग की सूरत ना बिगड़े बल्कि बादी और सम्बादी का मुआविन-ओ-मददगार हो

अबीरी

अबीर से संबंधित, अबीर के रंग का, कालेपन लिए हुए लाल

अभोग

अछूता, वि० अभोग्य

अमरोही

(संगीत) टेप कीम खरज से पहली खरज तक लौटने की प्रक्रिया

अलंकार

सजावट, मंडप

अलाप-चारी

गाने से पहले आवाज को संशोधित करने का कार्य

अलापन

उल्लाप करने की क्रिया या भाव

अंश

एक ही इकाई या वस्तु के कई अंगों या अवयवों में से हर अंग या अवयव। पूरे या समूचे का कोई खंड, टुकड़ा या भाग

आ आ करना

(संगीत) गाने का अभ्यास करना, सुर मिलाना, गाना

आड़

ओट, पर्दा, वो चीज़ जिसके पीछे छुप रहें, रुकावट, बाधा,विघ्न, पीछे, बचने या छुपने के लिए.

आड़-किवाड़

(मूसीक़ी तबले की ताल में आड़ (रुक : नंबर १३) और केवाड़ (रुक) को मिला कर बरती जाने वाली एक ताल जिस में सिम आगे पीछे आता है लेकिन इस की ले आड़ी तिरछी होती है

आड़ा-चौताला

(संगीत) तबले की तालों में से एक ताल, जिसमें लै के चौदह मातरे और ताल के सात मातरे होते हैं, (तैताला ताल की ख़ाली अर्थात काल पर मातरे गिनने से ये ताल बनती है

'आतिल्ला

नुक़्तों से ख़ाली, बिंदुहीन, मुहमला (अक्षर)

आतीत

(संगीत) तबले की ताल में लय की चौथी क़िस्म जिसमें सम ज़रा फ़ासले पर आता है

आदाप

(संगीत) नसबद (यानी जिस में आवाज़ पैदा न हो) की पहली प्रकार

आरोह

(लफ़ज़न) उठना, ऊपर उठना, (मूसीक़ी) सरगम का तरतीबवार ऊपर तक जाना

आरोही

दक्षिण एशियाई शास्त्रीय संगीत में सुरों का बढ़ना

आवाज़ उखड़ना

(संगीत) तान लगाने या अपच लेने में बल लगाने से ध्वनि का फट जाना, ध्वनि बेताल एवं बेसुरी हो जाना

आवाज़ उठाना

(संगीत) गाने में ध्वनि को ऊँचा करना, ऊँचे सुरों में गाना

आवाज़ का खटका

(संगीत) आवाज़ में हल्का सा झटका जो दिल को प्रभावित करे, और अच्छा लगे, दिल में घर कर जाने वाली आवाज़

आवाज़ का पल्ला

(संगीत) वह दूरी जहाँ तक ध्वनि पहुँचे, गाने में ध्वनि की चोट, श्रवण सीमा

आवाज़ में पेच देना

(संगीत) तान लेने में विशेष प्रकार से स्वर का कँपाना जो बहुत अच्छा समझा जाता है

आवाज़ में पत्ती लगना

(संगीत) ध्वनि का असमतल होना, ध्वनि का खड़ खड़ाने लगना, गाने आदि में ऊँची ध्वनि का बिलकुल महीन एवं चंचना हो जाना (ये कभी सुंदर होता है और कभी दोष)

आवाज़ मिलाना

(संगीत) लोगों या मांसिक वेदना व्यक्त करने वालों का सुर से सुर मिलाना

आवाज़ लगना

(संगीत) आवाज़ का अच्छी तरह सुर पर पहुँचना

आवाज़ लगाना

(किसी जानवर का) ऊँचे सुरों में बोलना, हाँक देना

आवाज़ लड़ना

(संगीत) आवाज़ का अच्छी तरह सुर पर पहुँचना

आवान

बहुत से काल, समय, वक़्त

आस लगाना

(संगीत) गाने में गवय्ये को या वाद्य में किसी और वाद्य से राग इत्यादि में सहारा देना, जैसे: मियांँ गाएँ मुसाहिब आस लगाएँ (प्रसिद्ध व्यंग्य)

आस्ताई भरना

(संगीत) गाने का प्रारंभिक सुर निभाना

आसा

भरोसा

आसावरी

(प्राचीन) ससुराल

आहंग

संकल्प, निश्चय

आहुत

हवन के वक़्त आग में डालने का सामान, जिसे आहुति दी गई हो, जो तृप्त किया गया हो

इकशोबनी

(संगीत) नीखाद की दो सुरों में से एक

इस्फ़हान

ईरान का एक प्राचीन और प्रसिद्ध नगर

इस्फ़हानक

(संगीत) बारह स्थानों या पर्दों में से एक स्थान या पर्दा

इसराज

सारंगी की तरह कमानी से बजाया जाने वाला एक प्रकार का बाजा, बंगाली वाद्य जिस को कमानचे से बजाया जाता है

उखड़ना

जड़ से अलग होना, हड्डी टूट जाना, अंतिम सांस, मन न लगना

उठान

तालीम तर्बीयत और अख़लाक़ वग़ैरा के एतबार से

उतरांग

(मूसीक़ी) सरगम की सप्तक के दूसरे हिस्से (पा, धा, नी, सा) का मजमूई नाम जो पंचम और टेप के खरिज सुरों पर मुश्तमिल होता है

उतार

उतरने या ऊपर से नीचे आने का प्रक्रिया

उतार-चढ़ाव

(ठग्गी) चोरी के क़बल सब तरह की होशयारी और देख भाल

उदासी

निरस्ता, मंदता, एकांत, मंदता, अकेलापन

उपज

फ़सल, खेती

उलच

(हिंदू) वो रक़म जो लड़के वाले दुल्हन के घर रात पहुंचने के बाद इस पानी के घड़े में डालते हैं जो एक मुलाज़िम दरवाज़े पर लिए खड़ा होता हैऔर बतौर शगून पानी बहाता है

उलटनी

(मूसीक़ी) एक तान जो यकायक बुलंद सर से हल्के सर की तरफ़ रुजू करने और फिर फ़ौरन बुलंद सर की तरफ़ पलट जाने में 'रुजू' के वक़्त पैदा होती है

उसूल

आदर्श, जड़ें, आधार

उसूल-ए-फ़ाख़्ता

(मूसीक़ी) सतरह तालों कीं गयारहोही ताल का नाम, स्वर फ़ाख़ता

ऊखत

(संगीत) पाँच मार्ग ताल में से एक का नाम जो आजकल प्रयोग नहीं होते और ख़ास गीत गाने में प्रयोग होते थे

ऐमन

दायाँ, दाहिना, जो सीधे हाथ की तरफ़ हो

औखर्शन

(मूसीक़ी) गमक की बाएं समतों में से एक जिस में खुर्शन की तरह एक ज़रब में सात सर ज़ाहिर ना हूँ एक ज़रब एक ही सर ज़ाहिर करे

औज

= ओज

औज़ान

तौलने के पैमाने, तराज़ू के एक पलड़े में तौलने के लिए रखे जाने वाले बाट

ककुभ-बिलावल

माल्कोस ठाठ के एक राग का नाम, एक मिश्रित राग

कंकली

मेघ राग की चौथी रागिनी

कूचक

नन्हा, छोटा, छोटा, लघु

कछुआ

(संगीत) सितार से मिलता-जुलता एक वाद्य यंत्र

कछली

(संगीत) एक तरह का राग

कूट-तान

(संगीत) तान की दूसरी क़िस्म जिसमें सुर सिलसिला वार लगाना ज़रूरी नहीं बल्कि उलट पलट कर तानें पैदा की जाती हैं

कटारी

एक छोटा खंजर

कंठ

۔(ह) मुज़क्कर गले की वो हड्डी जो मर्द के बालिग़ होने पर उभर आती है और इस से आवाज़ में किसी क़दर भारी पन होजाता है। २। कुंठा का मुख़फ़्फ़फ़। जैसे नील कंठ वो परिंद जिस के गले में नीला तविक है।

कड़

(मूसीक़ी) ढोलक के चार तालों में एक ताल (जिस की ईजाद अमीर ख़ुसरो से मंसूब है)

कता

(मूसीक़ी) यकता ला-ए-ठेके की एक ज़रब या ताल

कथाकली

एक शास्त्रीय नृत्य का नाम

क़ैद

घुटन, क़ब्ज़ा

केदारा

(संगीत) दीपक राग की एक रागिनी तथा कल्याण ठाठ का एक राग, केदार

केदारी

(संगीत) केदारी, दीपक राग की एक रागिनी

कंपित

संगीत: राग या रागिनी गाने का एक नियम जिसके तहत सुर को कंपन के साथ निकालना होता है

कूबा

(संगीत) एक प्रकार का प्रसिध्द बाजा, एक क़िस्म का मशहूर बाजा

कमूद

एक प्रकार का कमल जिसका फूल दिन में मुरझा जाता है, कुमुदनी

कमूदनी

कंवल की एक जाति जो दिन में मुरझा जाता है

कम्पोज़

(मुद्रण) टाइप अक्षरों को टाइप करना या संयोजन करना, (संगीत) राग या धुन बनाना, अक्षरांकन, अक्षरयोजन, छापने हेतु टाइप के अक्षरों का जोड़ (छापेख़ाने की पुरानी तकनीक) करना

कम्पोज़ करना

(तबाअत) टाइप के हुरूफ़ को प्लेट पर लफ़्ज़ों की शक्ल में जमाना

कम-सुरा

(मूसीक़ी) साज़ के एक सर के बराबर का दूसरा उतरा हुआ धीमा सुर , सुर के तार की सितार या सारंगी की खूंटी नीज़ हारमोनियम की आवाज़ को कमती बढ़ती करनेवाली खूंटी, कुन सिरा

करताल

लकड़ी, काँसे आदि का बना हुआ ताल देने का एक प्रसिद्ध बाजा जिसका एक-एक जोड़ा हाथ में लेकर बजाते हैं, झाँझ, मजीरा, झींका,वाद्य

कुर्दी

(मूसीक़ी) हिंडोल राग की एक भारजा

कर्दोहा

(मूसीक़ी) सात सुरों की बाईस सुरतियों में से एक , गंधार की २ सुरतियायाँ हैं, रोदरी, कर दोहा

कर्नाटक

(मूसीक़ी) मेघ राग की भारजा

क्रिया

(व्याकरण) वह शब्द जिससे किसी कार्य के किए जाने या होने की अवस्था या भाव प्रकट हो

कूसत

(मूसीक़ी) बारहवीं मुक़ाम रबावी के शोबा-ए-दोम के चौथे नग़मे या आवाज़ का नाम

कूसुम

एक फूल जिससे शहाब निकलता है और लाल कपड़े रंगे जाते हैं अथवा वह रंग जो इस फूल से निकलता है

क़स्र

(उरूज़) रुकन का आख़िरी साकन गिरा कर ओस सा कण से पेशतर वाले हर्फ़ मुतहर्रिक को सा कुन कर देता

कुस्ल

(संगीत) हिंडोल राग का चौथा पत्र है

कहरवा

(संगीत) पाँच मात्राओं का एक ताल, इसमें चार पूर्ण और दो अर्ध मात्राएँ होती हैं, इसमें केवल चार आघात होते हैं । इसके बोल यों हैं: धागे तेटे

काँटा

दरी की बुनावट में इस के बैल बूटों का एक तरीक़ा जिस में नोक निकली होती है

काँड़ा

= काना

क़ानूनचा

संगीत: एक बाजा

कान-रसी

(मूसीक़ी) गाना बजाना सन कर मालूम कर लेना कि ये सुर में है या नहिं, कुन रस्सी

काफ़ी

जितना अपेक्षित या आवश्यक हो, ठीक उतना

काफ़ी-ठाठ

(संगीत) एक ठाठ जो खमाज ठाठ में गंधार उतार देने से बनता है

कामोद

रात के पहले पहर में गाया जानेवाला संपूर्ण जाति का एक राग, जो मालकोस का पुत्र माना गया है

कामोदी

रात के दूसरे पहर में गाई जाने वाली संपूर्ण जाति की एक रागिनी जो कामोद की स्त्री मानी गई है

कामोलक

(संगीत) दीपक राग का चौथा पत्र

काल

(मूसीक़ी) सिम और ताल के दरमयान का वक़फ़ा या सुकून

कालंकन

(संगीत) दीपक राग का पहला पत्र

कालंगड़ा

संपूर्ण जाति का एक राग जिसके गाने का समय रात का अंतिम पहर माना गया है

किदारा

(संगीत) दीपक राग की रागिनी (समय मध्यरात्रि), केदारा (राग)

किर्तरी

(मूसीक़ी) गमक के बाईस सुरों में से एक सुर

कोमल

जिसको देखने, स्पर्श करने, सुनने आदि से सुखद और मधुर अनुभूति होती हो

कौकबा

समूह, जमाअत अर्थात दल

कौंद

(मूसीक़ी) मेघ राग की दिवस=-री रागिनी

खूकर

(मूसीक़ी) माल्कोस का सातवां सुर या पुत्र

खटक

खटकने की क्रिया या भाव।

खटका

आहट, बिजली का स्विच, आशंका

खूँटी

घोड़े वगैरह का क़द

खड़ा-सुर

(संगीत) ऊँचा सुर (मध्देम या कोमल की ज़िद)

खड़ी-ताल

(संगीत) चलती ताल

खंद

दीवार का छोटा ताक़, गढ़ा

खंदाने पड़ना

(मौसीक़ी) आवाज़ का साफ़ ना होना, आवाज़ का खुरखुराना

खेम

क्षेम, कल्याण

खम्माच

रात में गाया जाने वाला राग, मालकोस की एक रागिनी, यह षाड़व जाति की रागिनी है और रात के दूसरे पहर की पिछली घड़ी में गाई जाती है, खम्माज, खमाज

ख़म्सा

पाँच की संख्या से संबंधित, पंचक

खरज

(मूसीक़ी) हिन्दी मूसीक़ी का सब से पहला सुर जो सब से पस्त है, इस में किसी किस्म की तबदीली नहीं हुई इस लिए अचल या क़ायम सुर कहलाता है, (मोर की आवाज़ की मानिंद आवाज़ जिस का मख़रज नाफ़ है)

खुले हाथ से

(मूसीक़ी) ढोलकिया तबले पर पूरे हाथ की घाप के साथ

खुले-बोल

(संगीत) ढोलक या तब्ले पर पूरे हाथ का आघात

ख़ुलासा

किसी घटना, आलेख, या भाषण का संक्षिप्त विवरण, खुला हुआ, सारांश, संक्षेप, सार, संक्षेप, निचोड़, परिणाम, नतीजा, सारांश, तल्खीस

ख़ुश-आहंग

(संगीत) वाद्य-ध्वनि से आनुपातिक

ख़ारिज-अज़-आहंग

जो बात बिना इरादे के हो, जो स्वर स्थान से विचलित हो, बेसूरा

ख़ोल

आतशबाज़ी वग़ैरा की ख़ाली काग़ज़ी पोशिश

गंज-दार

ख़ज़ाना रखने वाला , (मूसीक़ी) एक सुर या राग का नाम

गज-धर

(संगीत) एक प्रकार का राग

ग़ज़ाल

(संगीत) एक ग़ैर-अरबी राग का नाम

गंठना

सिया जाना

गुंडे-दार-आवाज़

(मूसीक़ी) वो आवाज़ जो तान लगाते वक़्त किसी जगह से टूट जाये और गोया चालाकी और ख़ूबसूरती से इस जगह कोई दूसरा पहलू पैदा कर के इस को आख़िर तक पहोनचाए

गत

ज़द-ओ-कोब

गत बाँधना

(मौसीक़ी) ख़ूबसूरती से साज़ के सुर निकालना, साज़ पर राग या ले छेड़ना

गद्दा

रूई का बिस्तर, अटकल बाज़ी

गंधारा

शहर क़ंधार

गंधारी

= गांधारी

गुर

संक्षिप्त नियम

गुर-दरत

(संगीत) दस मात्रों का नाम

गुर-बिराम

(संगीत) नौ मात्रों का नाम

ग्रह

मेषादि राशि

गले में हड्डी न होना

(मौसीक़ी) आवाज़ के उतार चढ़ाओ पर पूरी तरह क़ादिर होना

गले में हड्डी नहीं

۔(मूसीक़ी) किनाया है गले का आवाज़ के उतार चढ़ाओ पर पूरी तरह क़ादिर होने से

गुल-ए-नग़्मा

(संगीत) गीत की सुंदरता या अच्छाई, प्रभावशीलता, मधुर स्वर, नग़्मे की ख़ूबी या हुस्न

गवश्त

(अरबी-ओ-अजमी मूसीक़ी) दो रागों से मुरक्कब एक राग या नग़मे का नाम इस तरह छः मुरक्कब राग हैं जिन्हें ईस्तलाहन आहंग कहते यहं

गहक

(संगीत) गाने में तान लेते वक़्त गले की ख़ास हरकत

गा

कार्तिकेय,विष्णु

गाजा-बाजा

भिन्न प्रकार के वाद्य यंत्रों की आवाज़

गांधार

गांधार नामक राग का दूसरा नाम

गाब-दहार

(मूसीक़ी) एक सुर जो बिक्री की आवाज़ से लिया गया है, ये सुर नौवीं से तेरहवीं दर्जे तक जाता है

ग़ारा

(मूसीक़ी) एक राक का नाम जो सुबह के वक़्त गाया जाता है, सुबह का राग

गिटकिरी लेना

(संगीत) गायक का तान लेने में घुमावदार आवाज़ निकालना, गाने में आवाज़ को लहराना, मुरकी लेना, तान लेते समय सर को एक विशेष ढँग से झटका देना

ग़िनाइया

(मूसीक़ी) मुख़्तलिफ़ बंदिशों पर मुश्तमिल एक मुसलसल नज़म या नज़मों का मजमूआ जो किसी मौक़ा या मौज़ू की मुनासबत से लिहिन से पढ़ने या साज़ों के साथ गाने केलिए मुज़िरों किया गया हो

ग़िनाई-तर्सीम

(मूसीक़ी) नग़मे, राग या मूसीक़ी की आवाज़ को अलामात से ज़ाहिर करना, आहंग निगारी

गीतार

(मूसीक़ी) रुक : गिटार

गोंड

(मूसीक़ी) भैरों ठाठ का एक राग जो बरसात के मौसम में गाया जाता है

गोंड-कली

(संगीत) एक रागिनी का नाम

गोंड-मलार

(संगीत) खमाच ठाठ का एक राग

गोंड-सारंग

(मूसीक़ी) कल्याण ठाठ की एक रागिनी का नाम

गोशा

(मूसीक़ी) राग या रागिनी

गोशा-ए-अज़ल

(मूसीक़ी) एक राग का नाम

गौड़

उक्त देश का निवासी।

गौड़-सारंग

गौड़ और सारंग को मिला कर बनाया हुआ एक राग, ये ग्रीष्म रुत में दोपहर से पहले गाया जाता है

घंटी-तरंग

(संगीत) वह साज़ या बाजा जिसमें से घंटी की सी आवाज़ निकले

घर उठना

۲. मकान का अज़सर-ए-नौ तामीर होना

घराना

खानदान, वंश, घर, कुल, जैसे: वह अच्छे घराने का आदमी है, उस घराने की गायकी प्रसिद्ध है

घोर का तार

(संगीत) संगीत में इस्तेमाल होने वाले एक बाजे में बँधा मोटा तार जिस में से भारी आवाज़ निकलती है

चढ़ाव-उतार

चढ़ना उतरना, ज़्यादती और कमी, बढ़ना और घटना

चढ़ी

(मूसीक़ी) ऊंचे सुर वाली

चढ़ी-उतरी

(संगीत) ऊपर और नीचे का सुर, गाने में आवाज़ का चढ़ाव और उतार

चंद्रकला

साड़ी, पेटीकोट

चूल

चोटी, शिखा

चलत-फिरत

चलना फिरना, रफ़्तार, गशत, उछल कूद, आमद-ओ-रफ़त, चहल पहल

चलती-फिरती

प्रचलित, हल्की फुल्की, आम सी (संगीत के लिए विशिष्ट)

चहार-उसूल

(मूसीक़ी) रुक चतुरंग , वो गाना जिस में चार अंग शामिल हूँ

चाचर-ताल

(संगीत) तबले से संबंधित एक ताल जिसमें दस मात्रे यानी चालीस कलादरत व विराम होते हैं, दीप चन्दी, रूप चन्दी

चाँदनी

चाँद का उजाला, चन्द्रमा का प्रकाश

चार-कला

(संगीत) एक मात्रा

चारगाह

(संगीत) ईरानी संगीत में चार गीत रागिनी हैं, आदमी का शरीर जो आग, पानी, वायु और मिट्टी इन चार तत्त्वों से बना है

चार-ज़र्ब

ख़ालिस सोना

चार-ताल

(संगीत) तबला बजाने का एक ढंग जिसमें चार ताल लगती हैं

चार-लख

चार लाख , (मूसीक़ी) ले के शुमार में एक अर्सा या मुद्दत कि दो द्रुत का एक लिख होता है, आठ द्रुत

चिंद-ताल

(मूसीक़ी , दक्कन) चौताला, जिस पर ध्रुपद गाई जाये

चिपक

(मूसीक़ी) एक ताल का नाम जो मिसल सिवल फ़ाख़ता के तीन ज़रब की है, इस के तबदील होने का ये इमकान है कि अगर चिपक को पलटू तो सिवल फ़ाख़ता और सिवल फ़ाख़ता को पलटू तो चिपक होजाती है

चोखी

चौकस, होशयार, तेज़ आचरण वाला, चिड़चिड़ी

चौ-ताला

चार तालों वाला, जिसमें चार ताल हों

चौतोड़ी

(संगीत) राग की एक क़िस्म

चौथ

सुरों के दरमियान का एक बाद अन्तराल या फ़ासला

चौमास

वर्षा से संबंधित, वर्षाऋतु के चार महीने-आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, और आश्विन

छूट

कबूतरों को उड़ान के मुक़ाबले के लिए छोड़ने का अमल

छायानट

संगीत में एक राग

छीड़

(बुटई) दिन भर की दहाँगी का बचा हुआ काम, रोज़ मरह्ा के मुक़र्ररा काम में पैदा शूदा कमी

छोरी

छोरा (रुक) की तानीस, लड़की, छोकरी कनीज़

जुगनी

संगीत: एक प्रकार का गाना जो पंजाब में गाया जाता है, जोगन का गीत

जंगला

(अह्द अकबरी में) हिंदी नज़ाद घोड़ों में उम्दगी के लिहाज़ से मुतवस्सित दर्जे का घोड़ा

ज़ंगुला-ए-हिजाज़

(संगीत) अरबी संगीत का एक राग, गाने की शैली

ज़ू-गाह

(संगीत) एक ईरानी राग का नाम

जैत

जीत

जतर

(मुक़ामी) काशत की हुई ज़मीन

जती

= यति

ज़मज़मे

ज़मज़मा का परिवर्तित रुप (यौगिक में प्रयुक्त), संगीत, गीत

ज़ेर-अफ़्गन

बिस्तरा

ज़ेर-ओ-बम

ऊँच-नीच, उतार-चढ़ाव

ज़र्ब

मारपीट, मारना

ज़र्ब पड़ना

चोट लगना, ठेस पहुँचना, नुकसान पहुँचना, प्रभावित होना

ज़र्ब-उल-फ़त्ह

जीत का नक़्क़ारा बजना, (संगीत) अमीर ख़ुसरौ का बनाया हुआ एक ताल का नाम

जल्धर

(संगीत) बिलावल ठाठ का एक राग

ज़ुल्फ़-ए-नौ-रोज़

(संगीत) अरबी, ईरानी और हिन्दी संगीत से बनी एक रागिनी का नाम

जात

कदाचित

जावत

जितना। उदा०-जावत गरब गहीलि हुति।-जायसो। अव्य०-यावत्।

जिला'

(क़ानून) इस लफ़्ज़ से अदालते दीवानी दर्जा-ए-आला मजाज़ साअत इबतिदाई और अदालत हाईकोर्ट मामूली इख़्तयारात समाअत इबतिदाई मुराद है

जिंसियत-सुरी

(मूसीक़ी) यक आहंगी, आवाज़ों या सुरों के ज़ेर-ओ-बम की हम आहंगी (Unison) हुआ का दबाओ इतना रखना कि इस सर का नादद वही हो जो नलकी के इबतिदाई सर का है ये अमल हमसरी कहलाता है

जोगिया

गेरू के रंग की तरह का एक प्रकार का लाल रंग जो कुछ मटमैला पन लिये हुए रहता है

जोड़

जुफ्त, दो जो उमूमन हम रन या हम सिलसिला हूँ या एक दूसरे के लिए ज़रूरी या एक दूसरे का जवाब हूँ

जोड़ा

पूरी पोशाक (इस में दो अदद ही की क़ैद नहीं बल्कि शलवार क़मीज़ या करते पाजामे के इलावा बाअज़ औक़ात टोपी पगड़ी या दुपट्टा और जूता तक शामिल होता है), लिबास, ख़िलअत

जोर

(मूसीक़ी) रुक : जोड़

जौनपुरी

(संगीत) एक राग का नाम जो जौनपूर के आख़िरी बादशाह सुलतान हुसैन शर्की का आविष्कार बताया जाता है

झंजोटी लेना

(मूसीक़ी) सुर को ऊंचा उठाना, तेज़ ले में वक़फ़ा देना

झटान

(संगीत) पखावज की ताल का एक बोल

झन

धात की थाली या कोई और बर्तन या तलवार वग़ैरा गिरने या बजने की आवाज़ , घुन्गरूओं वग़ैरा झनकार

झप-ताल

एक ताल जो पांच मात्राओं का होता है और जिस में चार पूरी और दो आधी होती हैं इसमें ज़रब तीन और ख़ाली एक रहता है

झुमरी

वास्तुकला: अस्तरकारी के चूने को ठिकाने का थापी की शक्ल का लकड़ी का औज़ार, दीवार का पलस्तर आदि पीटने की काठ की छोटी मुंगरी, काठ की, मोंगरी, पटना, छत

झील

वह बहुत बड़ा प्राकृतिक जलाशय जो चारों ओर जमीन से घिरा हो, ताल, सरोवर

झोंक

रुक : झूक मातहती

टकोरा

(मूसीक़ी) रुक: टिकरी

टप्पा

(मूसीक़ी) एक किस्म का गाना या गीत

ठेका खाना

(संगीत) तबले की आवाज़ का दूर तक पहुंचना

ठाह

(मूसीक़ी) ज़ोरदार आवाज़ की अलाप

डड़

(संगीत) सितार का एक बोल

डांड

(नद्दाफ़ी) धुनकी के दोनों सुरों के दरमयान का हिस्सा जो गोल डंडे की शक्ल का होता है

ढय्या

(अविर) ढैया दहलीज़ के माअनों में बोला जाता है

तक

हुरूफ़-ए-मुग़य्यरा में से एक, हस्ब-ए-ज़ैल अर्थात जैसा नीचे दिए गए अर्थ में प्रयुक्त

तुक

१ कविता, गीत आदि के चरण का वह अंतिम व्यंजन (या स्वरयुक्त व्यंजन), शब्द या पद जिसके अनुप्रास का निर्वाह आगे के चरणों, पदों आदि में करना आवश्यक होता है

तुक्मा

कबूतरों का मर्ज़ जिस में अँख में सख़्त दाने निकल आते हैं

तका

तिकना (रुक) से मुश्तक़ (तराकीब में मुस्तामल

तग

रुक : जब तक

तंग

(ठग) अन्न खा

तगन

बहर, वज़्न, सुर

तेज़

जल्द गुज़रने या असर करने वाला

तेज़-सुर

(संगीत) तीव्र सुर, ऊँचा सुर

तताला

(संगीत) वह राग जो तीन पलट से मिलकर बना हो, तीन तालों वाला (राग), तब्ले के सात विशेष तालों में से पाँचवीं ताल उधा, तुरहट, तरोट

तेताला

(संगीत) वह राग जो तीन पलट से मिलकर बना हो

तद

तब, उस वक़्त

तदवीन

(संगीत) गाने के बोलों को संपादित या रचना करना

तब्बाल

तबला बजाने वाला, तबलची, नफ़ारची

तब्लक़

(मूसीक़ी) ढोल और इस किस्म के बाजों के मुँह का मंढा हुआ चमड़ा, पुड़ी, गुर्दा

तबलची

ढोल बजाने वाला, ढोल बजाने का उस्ताद या माहिर, तबला बजाने वाला, तबलची

तबला-नवाज़

तबला बजाने वाला, तबलची

तबली उड़ना

(मौसीक़ी) ढोल और इसी किस्म के मंढे हुए बाजे का चमड़ा फट जाना या उतर जाना

तुम्बुरु

तुंबुरु

तमव्वुज

(तबीअयात) रोशनी या आवाज़ वग़ैरा की लहरें

तर्की

(मजाज़न) ऐसी ज़बान जो समझ में ना आए

तरब

(संगीतशास्त्र) सितार या सारंगी के गूँज के तार जो उसकी डंडी की सतह से मिले हुए तने रहते हैं, ये तार वाद्ययंत्र की प्रकृति के लिहाज़ से सात से सत्रह तक उतार-चढ़ाव से लगाए जाते हैं साान्य रूप से नौ होते हैं जिनमें आठ गुमत और एक उनके नीचे ये सभी तार चकारियों की आवाज़ से गूँजते हैं

तरब

नाच का एक भाव

तराना

(तसव्वुफ़) आहन मुहब्बत को कहते हैं जिस के सुनने से सालिक पर मस्ती और बीख़ोदी तारी होती है

त्रिबेनी

त्रिवेणी

तवाज़ुन

(विचार या दिमाग़ वग़ैरा की) समतलता

तवातुर

(लफ़ज़न) किसी बात या वाक़िया को बहुत से लोगों का नक़ल करना या कसरत और तसलसुल से नक़ल किया जाना कि बाइस यक़ीन हो

तहत-उल-अर्ज़

(मजाज़न) खु़फ़ीया, पोशीदा, (साज़िश वग़ैरा) जो अंदर ही अंदर की गई हो, अंग: Subterraneous/Subterranean (English and Hindustani Technical Terms)

ताऊस

मोर

तान की लेना

(मूसीक़ी) अलापना, गाना

तानें निकलना

(संगीत) सुरों का गले या वाद्य यंत्र से निकलना, तानों का गले या साज़ से अदा होना

तान पलटा

(मूसीक़ी) मुख़्तलिफ़ तरीक़े से तान लेने का अंदाज़, ऊंचे और नीचे सुरों के उल्टने पलटने का अमल

तान बँधना

(मूसीक़ी) धन वज़ा होना, नई तान बनना या ईजाद होना

तान भरना

संगीत: सातों सुरों को तान में अदा करके सम पर आना, गाने में सुंदर और लुभावने ढंग से कुछ सुरों को मुंह से बार-बार निकालना

तान लेना

(चादर, कम्बल वग़ैरा) ओढ़ लेना, तानना

तार मिलाना

(मूसीक़ी) जिन आलात मूसीक़ी में तार इस्तिमाल होते हैं उन के तारों को हम आहंग करना

ताल-चाचर

(संगीत) ताल के प्रकारों में से एक प्रकार

ताला

लोहा, पीतल आदि का बना यंत्र जो कुंजी या चाबी की सहायता से खुलता और बंद होता है और जिसे दरवाज़े आदि को बंद करने के लिए लगाया जाता है, एक प्रसिद्ध उपकरण जो ढकने, दरवाजे आदि बन्द करने के लिए होता है और ताली की सहायता से खुलता और बंद होता है,कुंजी से खुलने का आला जो दरवाज़े या संदूक़ वग़ैरा पर हिफ़ाज़त के लिए लगाया जाता है, क़ुफ़ुल

तिकट

रुक : तिक्त

तितार-ख़ानी

(संगीत) अमीर खुसरो की स्थापित की हुई तब्ले की सत्तरह तालों में छट्टी ताल (चार-ताल एक-ताला) बजाने में सम पर आना, दो-दो तालों की गणना

तिपल्ली

(संगीत) तीन ताल या सुरों वाली संगीत की एक क़िस्म

तिर्कट

(मूसीक़ी) रूपक ताल (दो ताला) की दूसरी किस्म के ठेके का एक बोल

तिरप

नृत्य में एक प्रकार का ताल जिसे त्रिसम या तिहाई कहते हैं

तिर्भंगी

एक मात्रिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में 32 मात्राएँ होती हैं और 10, 8, 8, 6, मात्राओं पर यति होती है

तिर्वट

(संगीत) एक प्रकार का राग जो तराने या तिल्लाने का एक भेद है

तिर्सुर

(मूसीक़ी) वो सर जो तीन हर्फ़ों से अदा हो

तीन-ताल

(मूसीक़ी) सर और ले का अंदाज़ जिस में मुक़र्रर ज़रबात होती हैं , तबले की मुक़र्ररा तालों की एक क़िस्म

तीरा-ताल

(संगीत) तेरह तालों (ताल यानी पीतल की छोटी कटोरी) का समूह जो इस तरह है; दो ताल दोनों हाथों के बंद पर और दो हाथों के अँगूठों पर दो दो और सीने पर एक ताल बाँधते हैं

तीरा-ताली

नाचने गाने वालों की एक जमात

तोम

(संगीत) ताल और अलाप के साथ गाया जाने वाला आजमी शैली का एक विशिष्ट लफ़्ज़ जो अमीर ख़ुसरो का आविष्कार (ईजाद) है

थई-थई

संगीत: तबले की थाप की आवाज़, ताल, ताली, नाच-गाना, नाचने में गति की आवाज़, थाप की आवाज़

थय्या

(नानबाई) तंदूर में रोटी लगाने की गोल गुर्दे नुमा गद्दी जो कपड़े के ग़लाफ़ में फोन भर कर बना ली जाती है इस पर बनाई हुई रोटी रख कर तंदूर में लगाते हैं . रफ़ेदा

दुत

एक शब्द जो उपेक्षा, तिरस्कार या निरादर पूर्वक दूर करने या हटाने के समय कहा जाता है

दंतन दिन तिन

(बाजा साज़ी) तबले की ध्वनि के विशेष बोल

दंतन दीन तीन

(बाजा साज़ी) तबले की ध्वनि के विशेष बोल

दफ़ाली

डफ़ाली, डफ़ालची, दफ़ या धपड़ी बजाने वाला या बजाने का काम करने वाला शख़्स, नीज़ धपड़ी बजाने का पेशा करने वालों की ज़ात या क़ौम

दम

लम्हा, आन अर्थात क्षण, पल, वक़्त, हंगाम अर्थात समय, मौक़ा

दमल

(मूसीक़ी)ी तब्ल (रुक)

दम-साज़

(संगीत) साज़ के माध्यम या उस के साथ आवाज़ निकालने वाला, गाने या नफ़ीरी आदि में साथ देनेवाला

दुर्गा

बदसूरत औरत

दरुत

(मूसीक़ी) तेज़ लै, दो मात्रों की लै

दरबारी

दरबार से सम्बन्धित, वह व्यक्ति जो दरबार में निमंत्रित होता हो

दस्त-गाह

सामर्थ्य, शक्ति, कुद्रत, योग्यता, विद्वत्ता, इल्मीयत, कुदरत, सामान, सरमाया, महारत, मश्क़, रसाई, क़ाबिलीयत, ताक़त

दहाल

(मौसेक्) दहाल वो है कि एक ज़रब से सीधे हाथ की ऊंगली कि जिस से तार पकड़ते हैं ओस से इस तरीक़ा पर दो दो सर फिराएं कि दूसरा सर अच्छी सूरत ज़ाहिर करे

दारंग

(मूसीक़ी) मार्ग ताल की एक क़िस्म जो चार मातरे के बराबर होती है . मार्ग की चार किस्में हैं दहरवा, चित्रा, दारिंग, छिन

दास्तान

चर्चा, उल्लेख, ज़िक्र, प्रसिद्धि, शोहरत

दिग

(संगीत) औघट के शब्दों में से एक (औघट कुछ अर्थहीन शब्द हैं जो ताल के वजन की लय और ताल के लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें जोर से बोला जाता है।जिसके अनुसार पखावजी बजाते हैं और नर्तक नृत्य करते हैं।)

दीन-तीन

(संगीत) तबले की आवाज़ के विशेष बोल

दो-गाना

वह गीत जो दो गायक मिल कर गाएं, वह गीत जो गायक और गाइका दोनों मिल कर गाएं

दो-ताल

(संगीत) ताल की एक प्रकार, रवीक

दो-नाई

(संगीत) किसी धात या सरकंडे से बनाई हुई दो नालियों वाली बाँसुरी

धुन

आवाज या शब्द करना।

धन्ना

= धरना

धुनी

नदी

धम

कोई ऐसा शारीरिक या मानसिक काम जिसे लगातार कुछ समय तक करते-करते शरीर में थकावट या शिथिलता आने लगती हो

धम्माल-ताल

(संगीत) एक परकार का ताल

धमार

(मूसीक़ी) गाने बजाने के ओज़ान या तालों में से एक ताल का नाम

धैवत

(संगीत) सात स्वरों में से छठा स्वर जो मदंती, रोहिणी और रम्या नाम की तीन श्रुतियों के योग से बनता है

धंसरी

(संगीत) रागिनी, धनासरी

धा

हिन्दी राग का छटा सुर जो "पा" के बाद आता है

धा लगाना

(मूसीक़ी) सिम (तबे के बोलों में से एक बोल) लगाना

धानी

हल्का हरा

धिलांग

(मूसीक़ी) अंग भाव निरत में नाज़-ओ-अंदाज़ के साथ की जाने वाली हरकात-ओ-सकनात को कहते हैं

धी

बुद्धि। अकल। समझ।

धीमा सुर

(संगीत) हल्की ध्वनि (ज़ोर की आवाज़ के विपरीत)

नक्टा

रुक : नकटा (ब) मानी नंबर ३ (मूसीक़ी) एक किस्म की ठुमरी, गाने की एक तर्ज़, एक ख़ास ले में गाई जाने वाली ठुमरी

नक्टा

जिसकी नाक कट गई हो।

नुक़रा

(सोतयात) हर्फ़ या लफ़्ज़ पर ज़ोर देने के लिए लगाया जाने वाला निशान जो अक्सर हर्फ़-ए-इल्लत की आवाज़ को भी ज़ाहिर करता है

नक़्श

लिखा हुआ, वह जो लिखा हुआ हो, लिखित, नक़्श किया हुआ

नग़्मा

गाया जानेवाला किसी प्रकार का मनोहर और सुरीला गीत या राग-रागिनी

नग़्मा पैदा होना

(मूसीक़ी) किसी साज़ से आवाज़ आना , ुसरीला या मुतरन्निम होना

नग़्मा-परदाज़

गीत गाने वाला, गायक

नुज़हा

(मूसीक़ी) मुस्ततील शक्ल का एक प्यानो या बरबत नुमा साज़

नब्रा

(मूसीक़ी)ले की उठान, आवाज़ को पस्त से बुलंद करने का अमल, रफ़ा स्वत, आवाज़ बुलंदी।

नयास

(मूसीक़ी) जिस सर पर राग-ओ-रागिनी वग़ैरा ख़त्म होती है इस सर को न्यास कहते हैं

नवा

(नफ़सियात) थपकियों की आवाज़ नीज़ थपकियों से शऊर में पैदा होने वाली एक मुसलसल हालत का नाम

नशीद

गान, गाने की आवाज़, अलाप, लै, नग़मा, गीत, तराना

ना

तकिया-ए- कलाम के तौर पर बजाय ''है ना '' जब बात करने वाला सोचने के लिए कुछ वक़्त चाहता है

नागेसर

(हिंदू) एक प्रकार का सुगंधित फूल और उसका पौधा जिसे हिंदू शुभ समझते हैं और जिससे सुगंधित इत्र बनते हैं, नाग-चम्पा की कली, नाग-मुश्क, नाग-केसर

नाज़ुक-अदाई

सुकुमार होने की अवस्था, प्रिय होने की अवस्था या भाव, हाव-भाव

ना-मौज़ूँ

जो पद किसी छंद या अलंकर के अंतर्गत न आते हो

नायिकी

नायक (रुक) का इस्म-ए-कौफ़ीयत, सरदारी (ख़ुसूसन फ़ौज की) नीज़ उसतादी (मूसीक़ी में)

नायी

बाँसुरी बजाने वाला

निखाद

= निषाद

निगार

प्रियतम, सनम, सुन्दरता, उपपत्नी, मन मोहक, महबूब

निधन

मरण, मृत्यु, समाप्ति, अंत, अंजाम, मौत, ख़ातमा, नाश, हलाकत, तबाही, फ़ना, (प्रायः बड़े आदमियों के संबंध में प्रयुक्त) जैसे-महामना माल वीय जी का निधन

निनादी

जिसमें से शब्द निकल रहा हो।

निशाद

भारत के कुछ प्राचीन निवासी या जातियाँ

नी

(मूसीक़ी) सात बुनियादी सुरों (सबतक) में से एक (नखाद) ुसर, आवाज़

नीचे-सुर

(संगीत) मद्धम या धीमे सुर, नर्म आवाज़

नीचा

कम, मध्म, छोटा, पिछड़ा

नीचा-सुर

(मूसीक़ी) मद्धम आवाज़ , वो सर जो आहिस्ता और नीची आवाज़ में गाया जाये, मद्धम सर

नीमनी

(मूसीक़ी) गमक यानी आवाज़ की जुंबिश या हरकत की बाईस किस्मों में से एक क़िस्म

नीम-पुश्त

(मूसीक़ी) ले में सिम क़दरे फ़ासले से आना, आतीत

नीम-रोज़

एक प्रकार की नक़दी

नीम-वक़्फ़ा

(संगीत शास्त्र) सुरों की अदायगी के बीच में आने वाले छोटे अंतराल से भी छोटा अंतराल

नीलांबरी

(संगीत शास्त्र) काफ़ी ठाठ के एक राग का नाम

नीशापूरी

एक अरबी मुसन्निफ़, इस ने पैग़ंबर सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम और सहाबा-ए- किराम के अक़्वाल जमा किए हैं

नोटेशन

(मूसीक़ी) सुरों को अलामात के ज़रीये तहरीर में ज़ाहिर करना, मूसीक़ी को क़लमबंद करने का तरीक़ा

नोम-तोम

(संगीत) आवाज़ जो भजन ठुमरी इत्यादि के आरंभ में बतौर अलाप निकालते हैं

नौबत

नक़्क़ारा (नगाड़ा), नक़्क़ारा, धौंसा, कोस, तब्ल, दमामा, दहल, डंका

नौबत-गाह

(लाक्षणिक) कारागार, बंदीगृह, कैदखाना

नौ-रोज़े-ए-'अजम

(संगीत) रहावी का दूसरा भाग जो छः रागिनियों पर आधारित होता है

नौ-रोज़े-ए-'अरब

(संगीत) 'रहावी' के पहले भाग का नाम जो छः रागिनियों पर आधारित है

नौ-रोज़-ए-ख़ारा

(संगीत) संगित एक प्रकार के अनुभाग का नाम जो पाँच रगनियों पर आधारित है

नौ-रोज़-ए-बुज़ुर्ग

(संगीत) एक ईरानी रागिनी का नाम

नौ-रोज़ी

नौरोज़ से संबंधित, साल के पहले दिन का, जैसे जश्ने-नौरोजी

पक्का गाना

शास्त्रीय गाना जो राग-रागिनियों के रूप में हो, वह गीत जो संगीत की कला की पूर्णता को दर्शाता है

पेचक

उल्ल पक्षी।

पंचम

(संगीत) सरगम या सप्तक का 'प' के रूप में पाँचवाँ स्वर जिसका स्त्रोत दिल और कोयल की कूक का स्वर भी माना जाता है, सितार के तार की वो आवाज़ जिस का सुर माध्यम हो, धीमा सुर, एक राग जो छः ख़ास रागों में तीसरा है मारवा ठाठ से लिया गया है

पची

(सिलाई) मामूली और अदना किस्म का रफू जिस में ताने बाने के तारों को मिलाने का लिहाज़ ना रखा जाये

पंज-नौबत

वह नौबत जो राजाओं और बादशाहों के द्वार पर आठ पहर में पाँचों वक्त बजती थी

पंडित

ब्राह्मणों के नाम के पहले लगने वाला एक आदरसूचक शब्द, कश्मीरी ब्राह्मणों में प्रचलित एक कुलनाम या सरनेम

पड़ी-लकीर

(हिन्दी मूसीक़ी) कोमल सर या मलाईम सर की अलामत, उर्दू में मलाईम ज़ेर या मलाईम पेश की अलामत

परज

(संगीत) छत्तीस रागनियों में से एक

परदे मिलाना

(संगीत) सुर मिलाना

पर्दा बदलना

(मूसीक़ी) एक सुर के बाद दूसरा सुर शुरू करना

पर्दा-ए-याक़ूत

एक सुर का नाम (संगीत)

पूरबी

(क्षति) एक दांव, जब हरीफ़ नीचे हो तो इस के दाहिनी तरफ़ बैठ कर अपना बायां हाथ हरीफ़ के पेट की तरफ़ और अपना दाहिना हाथ हरीफ़ की पुश्त के ऊपर से ला कर मिलाए और अपना दाहिना घटना हरीफ़ की गर्दन पर रख कर पलट दे, हरीफ़ चित्त हो जाएगा

प्रभाती

एक रागिनी जो सुबह के वक़्त गाई जाती है, एक प्रकार का गीत जो प्रातःकाल में गाया जाता है

पुर्वाहत

(संगीत) बीन की एक ज़रब में दो सुर अदा पौने की सूरत-ए-हाल

पलट

(मूसीक़ी) बारह मातरे

पलटा

गर्दिश, इन्क़िलाब, तग़य्युर, एक हालत से दूसरी हालत बदलने की कैफ़ीयत

पलीका

(मौसक़ी) अव्वल और आख़िर मध् ले हो और दरमयान में द्रुत ले हो, या अव्वल और आख़िर बलमपुत् ले हो और दरमयान में मध् ले हो 'मर्द निका' के बरअकस है

पेशकार

(फ।मुमज़्ज़ वमुआविन। शागर। मज़दूर) मुज़क्कर। १।मददगार। मैनेजर। नायब२। मसल ख़वाँ।नायब सरिश्तादार। नायब तहसीलदार

पेश-कारा

(मूसीक़ी) ठेके का एक ख़ास बोल (ठेका : तबले की मुक़र्ररा आवाज़ या बोल जो किस ताल से मुताल्लिक़ हूँ

पश्तो

भारत की पश्चिमोत्तर सीमा (आधुनिक पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम प्रदेशों) से लेकर अफ़गानिस्तान तक बोली जाने वाली एक प्राचीन आर्यभाषा

पहलू-दार

वो चीज़ जिसमें कई कोण हों, जिसमें चारों ओर अलग बँटी हुई सतहें हों, जिसका आंतरिक और बाह्य एक न हो, दिखावटी, नुमाइशी,पेचदार, नौबत की संगत करने वाले दो में से एक नगाड़ा बजाने वाला, कई अर्थों वाला, संदिग्ध, गुप्त, प्रतीकवाद से भरा हुआ, सहारे वाली, सहायक,

पा

पैर; पाँव।

पिच्चक

(संगीत) श्री राग का आठवाँ पुत्र

पिनाक

(संगीत) एक प्रकार का बाजा जिसमें लकड़ी के एक टुकड़े को धनुष की तरह थोड़ा सा झुकाकर एक डोरी से बाँधा जाता है

पिरीती

= प्रोति

पिसी

कोई भी पिसी हुई चीज़, बारीक, घुली मिली

पीलू

रुक : पीलमुर्ग़

पीलक

संगीत: तारदान, टेक, घोड़ी

फूँक देना

(मूसीक़ी) फूंक से बजने वाले साज़ के सर से ज़ाइद अज़िज़ुर व्रत हुआ निकलना

फ़ारसी

ईरान देश की भाषा

बंगाली

बंगला ज़बान

बछार

(मूसीक़ी) ' जात ' की आठ किस्मों में से चौथी क़सम जिस के बोल चार हर्फ़ों से अदा होते हैं (जैसे : तक तक) , ' जात ' ताल के दस पुराणों में से छुट्टी प्राण का नाम है

बटमंजरी

(मूसीक़ी) राग भैरों की भारजा

बडहंस

(संगीत) खमाज ठाठ का एक राग

बड़-हंस

(संगीत) एक राग जो मेघ राग का पुत्र माना जाता है

बड़ाड़

(संगीत-शास्त्र) बिलम्पत लय से उत्पन्न होने वाले तीन भागों में से एक भाग

बढ़त

बढ़ने का अमल, उगना और विकसित होना, परिपक्वता

बतीरा

(मूसीक़ी) हिंदूस्तानी मूसीक़ी का एक साज़

बंदिश

कसाव, गिरिफ़त, पकड़

बधन

रुक, बधना (१) जिस का ये इस्म-ए-कौफ़ीयत है

बँधान

(मूसीक़ी) बढ़त की ज़िद, मद्धम सर

ब्रत-पाबत

(संगीत) गमक के बाईस प्रकारों में से एक प्रकार जो विशेष प्रक्रिया की वजह से सुरों में मिश्रित होती है

बर्नाती

(संगीत) सिरी राग की पहली रागिनी

बर्वा

एक रागिनी का नाम जिसे सन कर जंगली जानवर और सांप राम होजाते हैं, एक किस्म का हिन्दी गीत

बरारा

(संगीत) मेघ राग का पहला पत्र

बरारी

जंगल, रेगिस्तान

बसंत

एक ऋतु जब शीतकाल समाप्त होता है और ग्रीष्म आरंभ नहीं होता; मधुमास; ऋतुराज, वसंत ऋतु

बहर-ए-उसूल

(मूसीक़ी) तान, शेअर की धन

बहादुरी

शूरता, वीरता, शजाअत

बहार

हरियाली, हराभरापन, सौंदर्य

बाँट

दूध देने वाले जानवरों को खिलाने का एक चारा जिस में खली बतोला वग़ैरा शामिल होता है और जिस के खाने से जानवर का दूध बढ़ जाता है

बादा

वह मूल्य जो असल से बढ़ा को लगाई जाए

बादी

आरंभ, शुरु करने वाला, आरंभकर्ता

बायाँ

उल्टा हाथ

बियादी

(मूसीक़ी) वो मुख़ालिफ़ सर जिस के आ जाने से राग में ख़राबी पैदा हो जाये जैसे भैरों राग में तीव्र रिखब

बिरम

(मूसीक़ी) संगीत मकरंद की एक ताल का नाम जिस में दस ज़रबें होती हैं

बिरहंस

(संगीत) एक धुन का नाम

बिरागी

तपस्वी, जिसने दुनिया को त्याग दिया हो

बिराम

(मूसीक़ी) एक मातरे का नाम, इनोवित्

बिलंब

(संगीत) एक धीमी लय जिसकी चाल धीमी और बराबर होती है

बिलम्पत

(संगीत) एक धीमी लय जिसे दोगुने तिगने या चौगुने विलंब की मात्रा बाँध कर बजाया जाता है

बिलावली

भैरों की दूसरी रागिनी

बिशांग

(संगीत) मार्क ताल की पाँच क़िस्मों में से तीसरी क़िस्म

बिहाग

ओड़व-सम्पूर्ण जाति का एक राग जो आधी रात के बाद लगभग २ बजे के गाया जाता है

बिहागड़ा

संगीत में बिहाग राग का एक प्रकार या भेद, बिलावल ठाठ का एक राग जो बिहाग की एक क़िस्म है, बिहाग की तरह ये भी रात के दूसरे पहर में गया जाता है

बोल-बाँट

(मूसीक़ी) गीत के बोलों को छोटे छोटे अरकान में तक़सीम करके राग की ले में मुख़्तलिफ़ अरकान पर ज़ोर देते होएबार बार तकरार करने का अमल (मसलन) ' पिया नहीं आए' एक बोल है. मुग़न्नी "पिया" को मुख़्तलिफ़ अंदाज़ में मुकर्रर-ओ-सहि कररास्तरह अदा करेगा 'पिया' पी आ, पी या, वग़ैरा)

भूक

पेट खाली होने पर अन्न आदि भक्षण करने की तीव्र इच्छा

भनक

(मूसीक़ी) तेज़ या मदहम सौ में से कोई एक

भूपाल

राजकुमार, राजा, भूमि या प्रदेश का स्वामी, भूपति

भूपाली

वर्षा ऋतु में रात के पहले पहर में गाई जानेवाली एक रागिनी जिसे कुछ लोग हिंडोल राग की रागिनी और कुछ मालकोश की पुत्रवधू मानते हैं

भवानी

दुर्गा, पार्वती, दुर्गा देवी, एक हिंदू देवी, शिव या महादेव की पत्नी, भव की भार्या

भाग

किसी चीज़ के कई खंडों, टुकड़ों या विभागों में से हर एक हिस्सा। (पाट) जैसे- पस्तक का पहला और दूसरा भाग छप गया है, तीसरा और चौथा अभी छपना बाकी है।

भारी

अधिक भारवाला। जो आसानी से न उठाया या वहन किया जा सके अथवा जिसे उठाने या वहन करने में अधिक सामर्थ्य या शक्ति व्यय होती हो। जैसे-भारी पत्थर।

भीम-रुत

(मूसीक़ी) राग रागनियां गाने के लिए साल की तक़सीम, छः फसलों में से पांचवीं फ़सल

मक़ाम

मुकाम (स्थान)

मुखड़ा

चेहरा, मुँह, रुख़, मनुष्य का वह अंग जिसमें दोनों आँखें, नाक, गाल, माथा, मुंह, ठुड्डी आदि अवयव होते हैं, बहुत ही सुन्दर मुख के लिए प्रशंसा और प्रेम का सूचक शब्द, प्यारा चेहरा, गीत की पहली पंक्ति

मुख-ताल

संगीत: वो आवाज़ जो गवैए के मुंह से निकले, अंतरा, अस्थाई, टेप, टेक, ख़ास बोल

मुखरूती

(मूसीक़ी) एक साज़ का नाम

मुखारी

मुख की गठन या बनावट, आकार प्रकार, रूप आदि का सूचक किसी वस्तु का ऊपरी या सामनेवाला भाग

मंगल

(सालो तिरी) घोड़ों का एक रंग

मंगला

नर्तकी

मज़ाहरी

(Performing Art) का तर्जुमा, इस से मुराद ड्रामा, रक़्स, मूसीक़ी वग़ैरा है जो नाज़रीन के सामने कर के दिखाए जाएं

मजीदी

तुर्की के शासक अबदुलमजीद के काल का सिक्का जो लग-भग दो रुपया दस आने के बराबर होता था, अरब का एक सिक्का

मुजीब

जवाब देने वाला, स्वीकार करने वाला

मंजीरा

संगीत में ताल देने की धातु की दो छोटी कटोरियाँ जिन्हें आपस में टकराकर बजाया जाता है

मद्धम

(मूसीक़ी) सात सुरों में से चौथे सुर का नाम

मद्धम-ठाठ

(मूसीक़ी) सितार का वो ठाठ जो मद्धम सुरप्र क़ायम किया जाये

मद्धम-सुर

(संगीत) राग का चौथा सुर जो गंधार से एक श्रेणी ऊँचा है, धीमा सुर

मदुमाध

(मूसीक़ी) भैरों राग की पाँच रागिनियों में से एक रागिनी का नाम जो सुबह सवेरे गाई जाती है

मैदान

ऐसा विस्तृत क्षेत्र या भूखंड जो प्रायः समतल हो और जिस पर किसी प्रकार की वास्तु-रचना आदि न हो। दूर तक फैली। WEIG हुई सपाट जमीन। मुहा०-मैदान करना या छोड़ना = किसी काम के लिए बीच में कुछ जगह खाली छोड़ना। मैदान जाना-शौच आदि के लिए, विशेषतः बस्ती के बाहर उक्त प्रकार के स्थान में जाना। पद-खुले मैदान सब के सामने।

मध

इंद्र

मध-माद

(संगीत) काफ़ी ठाठ की एक रागिनी का नाम जो भरत मत में शामिल है जिनमें बैराग का प्रभाव मिलता है

मध्या

मध्यस्थ

मुन'इम

नेमतें देने वाला, पुरस्कारदाता, समृद्ध, मालदार, दौलतमंद, सखी

मन्दा

۔सिफ़त। मुज़क्कर। मुअन्नस के लिए मंदी (हिंदू अम) सस्ता। २।बेरौनक। ३सुस्त

मन-वीना

दिल की वीणा (सितार नुमा साज़) रूपक अलंकार, बीन

मुफ़स्सल

तफसील अर्थात् ब्योरे के रूप हुआ। २ स्पष्ट। पुं० किसी बड़े नगर के आस-पास के प्रदेश या स्थान। किसी बड़े शहर के आस-पास की छोटी बस्तियाँ।

मुरकियाँ

संगीत: मुरकी का बहु. कान की लुर

मुरकी

कान की लौ (इयरलोब)

मुरकी लगाना

(संगीत) गाने में एक सुर से झटके के साथ दूसरे सुर पर जाना, तान लेते समय सुर को एक विशेष प्रकार से झटका देकर बजाना

मर्ग़ूल

घुंगराले बाल

मर्ग़ूला-संज

(संगीत) गिटकिरी लेकर गाने वाला

मूलू

(मूसीक़ी) सींग की बनी हुई ुतरई जो अक्सर फ़क़ीर बजाते हैं, नाक़ूस, संख्

मुल्तानी

(मूसीक़ी) टोडी ठाठ का एक ओडो संपूर्ण राग नीज़ रागिनी

मलहार

संगीत) एक राग का नाम जो विशेष रूप से वर्षा ऋतु में गाया जाता है, मलार, मल्हारने की क्रिया या भाव

मलहारी

(संगीत) मेघ राग की एक रागिनी जो सारंग, सोरठ और बिलावल से बना है

मलार

एक रागिनी जो बरसात में गायी जाती है

मुवाफ़िक़

पद या वैभव इत्यादि के अनुसार, समान, बराबर, उचित

मुश्क-दाना

मसूर के समान एक बूटी का बीज जिसका रंग मटमैला कालिमा लिए हुए होता है और उसके अंदर चिकना सुगंधित गूदा होता है

मसक

मच्छर, पश्शा

मुसल्लस

त्रिकोण, त्रिभुज, तीन कोनों वाला, तिकोना, तीन पंक्तियों वाली कविता, एक पकार की शराब जो सुद्ध करने के बाद एक तिहाई रह जाती है, मशक, संदल और काफ़ूर से मिश्रित एक ख़ुशबू

मूसीक़ाई-पैमाना

विभिन्न सुरों का ऐसा सिसिला जिनके मध्य कोई सादा लेकिन विशेष वक़्फ़ा मौजूद हो एक के बाद जाने पर हमारे कानों को भला मालूम हो,

मुहरा

(मूसीक़ी) गति और परन की तरह तबले से निकलने वाले बोल जो खड़ताल से भी निकाले जाते हैं

मा

ना, नहीं, मत

माजा

(संगीत) मेघ राग की सातवीं भारजा, एक क़िस्म का राग, माँझ

माठा

गंभीर।

मांड

संगीत: एक राग, एक प्रकार का मारवाड़ी गीत

मात्रा

मिक़दार, किसी चीज़ की मुक़र्ररा हद नीज़ थोड़ी सी चीज़

माधौ

माघव

मामूर

निश्चित, तय किया हुआ (किसी कार्य या पद पर) (करना या होना के साथ)

मारू

(मूसीक़ी) सिरी राग की एक रागिनी जो अगन और बोस में तीसरे पहर गाई जाती है

मार्ग

कोई ऐसा द्वार, माध्यम या साधन जिसका अनुसरण, पालन या व्यवहार करने से कोई अभिप्राय या कार्य सिद्ध होता हो

मार्जनी

(संगीत) मध्यम स्वर की एक श्रुति

मा'रूफ़ी

(संगीत) ईरानी और भारतीय संगीत को मिलाकर अमीर ख़ुसरो का तैयार किया हुआ गायन का एक अन्दाज़ (संभवतः सूफ़ियाना कलाम के लिए)

मारा

(संगीत) अरब और ग़ैर-अरब के संगीत में एक मिले-जुले राग का नाम, संगीत-रचना का एक प्रकार

मालकोस

(संगीत) एक राग जो माघ या फागुन में गाया जाता है और उसका समय रात का अंत है

मालेर

(संगीत) राग की एक क़िस्म

माल्वा

(मूसीक़ी) रुक : मालवा

मालसरी

श्री राग की पांँचवीं रागिनी जो अघन स्थिति के अनुसार नवंबर-दिसंबर की दुपहर में गाई जाती है

मालौ

(मूसीक़ी) एक रागिनी का नाम

मिज़राब

तार का बना हुआ एक प्रकार का छल्ला जिसमें मुड़े तार की एक नोक आगे निकली रहती है और जिससे सितार आदि के तार पर आघात करके बजाते हैं, कोण, नाखुना, शारिका

मियाँ की टोडी

(मूसीक़ी) टोडी ठाठ का एक सुबह का खाडो संपूर्ण राग जो मियां तानसेन की इख़तिरा माना गया है, शुद्ध टोडी

मिलान

इत्तिसाल, बाहम वस्ल या पैवस्त होना

मिलाना

एक घड़ी का वक़्त दूसरी सही घड़ीयों के मुताबिक़ करना

मिलाप

मिले हुए होने की अवस्था या भाव, संगम, स्नेहपूर्ण मिलन, जान-पहचान, दोस्त, वह स्थिति जिसमें व्यक्ति आपस में मिल-जुलकर और स्नेहपूर्वक रहते हों, मेल

मिलावट

किसी अच्छी चीज में घटिया चीज केमिलाए जाने की क्रिया या भाव, अप-मिश्रण, घाल-मेल, खोट,घपला, जैसे-मिलावट का घी, दूध या सोना

मिशरमेल

(मूसीक़ी) वो गाना जिस में एक से ज़ाइद राग शामिल हूँ

मीन्ड

सितार का एक पुरज़ा जो बेशतर हाथीदांत का होता है

मोर

(मूसीक़ी) एक किस्म का गीत जो सारंगी के साथ गाने में बहुत पर तासीर होता है

मोर-छन

(मूसीक़ी) एक ुसर को दूसरे ुसर तक दर्जा बदरजा चढ़ाने और उतारने के लिए तीन दर्जों में से एक मसलन सुरज को अगर रिखब तक खींचें अव़्वल दर्जा असली ुसर है, दूसरा इस से ज़्यादा और तीसरा दर्जा दूसरे से ज़्यादा हो कर आख़िर को असली रिखब का ुसर आजाएगा तो ये चढ़ाओ उतार मोरछन कहलाएगा, सुरों की सिलसिला वार आरोही

मोर-बीन

(मूसीक़ी) वो बैन जिस का सिरा मोर के मुँह और गर्दन की शक्ल का बना हो

मोहिला

(मूसीक़ी) हज़रत अमीर ख़सरोऒ की ईजाद करदा एक धुन

मौसिमी-राग

(संगीत) किसी विशेष मौसम या ऋतु से संबंधित या संबंध रखने वाला राग

यती

मनोराग, मनोविकार

यलल

(संगीत) ताल और अलाप में गाया जाने वाला एक वाक्य तथा एक आवाज़ जो सितार की आवाज़ की नक़ल में निकालते हैं

यला

(मूसीक़ी) ताल और अलाप में गाया जाने वाला एक कलिमा

रेख़्ता

उर्दू भाषा, उर्दू भाषा का आरंभिक नाम, मिली-जुली भाषा अर्थात उर्दू

रखप

(संगीत) रिखब

रखाली

(मूसीक़ी) मशरिक़ी बंगाल का एक गीत जो खेतों में काम करते हुए गाते हैं

रंगी-पैमाना

(संगीत) गीत के सुर जिनमें लयबद्धता हो

रूपक

जिसका कोई आकार या रूप हो, रूपी

रूप-चंदी

(संगीत) ताल की एक क़िस्म जिसके मात्रे दस हैं, लेकिन क्योंकि बजाने में बोल वक़्फ़े से आते हैं इसलिए अक्सर इसको चौदह मात्रे का मानते हैं

रेला-फेंकना

(मूसीक़ी) तबले पर बजाई जाने वाली तेज़ गति का बाहर निकलना

रहावी

(संकेतात्मक) गीत, संगीत जो चक्की घूमने की आवाज़ से पैदा होती है

रा

लिए, वास्ते, को।

राग बजाना

(संगीत) बाजे में धुन बजाना

राग-अलाप

(मूसीक़ी) राग के बोल शुरू करने से पहले इस राग के मख़सूस सुरों को दोहराने का नाम जिस में मूसीक़ार अपने गले का कमाल दिखाता है

राग-बाजा

(मूसीक़ी) साज़, सुरेले बाजे जिन में इंसान की आवाज़ के बोल बजीं या जिस की आवाज़ में लै औज़ सुर हो

राग-माला

संगीत की एक पत्रिका का नाम जिसमें चित्रों द्वारा मूल और उपशीर्षक सुरों या शैलियों का इतिहास प्रस्तुत किया गया हो

रागिनी

हनुमत और भरत के मत से प्रत्येक राग की पाँच-पाँच रागिनियाँ और सोमेश्वर आदि के मत से छह-छह रागिनियाँ हैं, परंतु साधारणतः लोक में छह रागों की छत्तीस रागिनियाँ ही मानी जाती हैं

रागीरी

(मूसीक़ी) राग की एक क़िस्म

राज-हंस

वर्षाऋतु में हिमालय पर स्थित मानसरोवर झील की ओर प्रवास करने वाली हंस की एक प्रजाति, जिसे सोना पक्षी भी कहते हैं

रानो

(संगीत) रागिनी की एक क़िस्म

राम

(हिंदू धर्म) ईश्वर, परमेश्वर, ख़ुदा

राम-कली

एक रागिनी जो भैरव राग की स्त्री मानी जाती है, और प्रातः काल में गई जाती है

राम-गीरी

(संगीत) एक रागनी का नाम

राम-सागर

(संगीत) एक रागिनी का नाम

रामिश-ए-जाँ

एक सुर का नाम (ए-ए-यरानी मूसीक़ी) तीस में से आठवीं सुर का नाम

रामिश-ख़्वार

(संगीत) माने हुए सुरों में से एक सुर का नाम

रियाज़ कराना

(मूसीक़ी) शागिर्द से मश्क़ कराना, गायकी की तालीम देना

रौद्री

संगीत: गांधार स्वर की दो श्रुतियों में से पहली श्रुति

लख

۔(ह) मुज़क्कर। लाख का मुख़फ़्फ़फ़। सौ हज़ार की तादाद। १०००००

लगनी

(मूसीक़ी) एक रागिनी का नाम

लच्छे-दार

जिसमें लच्छे पड़े हों, लच्छोंवाला, जिसका सिलसिला जल्दी न टूटे और जिसके सुनने में मन लगता हो, मजेदार या श्रुतिमधुर, पेंचदार, डोरेदार, हलक़ादार, परतदार, मज़ेदार, लपेटवाँ

लच्छी

एक प्रकार का घोड़ा

लय-कार

सुर मिलाने वाला यंत्र जो नफ़ीरी और सितार के साथ राग की आवाज़ की मदद के लिए होता है

लरज़

(साज़ गिरी) सितार या सारंगी की तरबों की गूंज या झनकार जो बाज के तारों को छेड़ने से गूंजती हैं, शुआ, भान, गमक , एक ख़ास किस्म की तरफ़ जिस के ऊपर पुतला पीतली तार पिला हुआ होता है जो एक ख़ास वज़ा की बैन में लगाया जाता है जिस को सिर्फ़ माहिर उस्ताद बजा सकता है

लैली

(मूसीक़ी) बाएं हाथ का तबला, मृदंग

लहन

सुरीली आवाज़, अच्छा गला, गानेवाला स्वर, धुन

लहरा उड़ाना

तानें लेना, सुरीले स्वर से गाना

लहरा बजाना

۱. ज़िद-ओ-कोब करना, ख़ूब मारना पीटना, जुतयाना, तड़ातड़ लगाना, ज़रब-ए-पैहम

लीलावती

हिसाब की एक क़दीम और मशहूर किताब जो भास्कर आचार्य ने अपनी बेटी लीलावती के नाम पर लिखी थी

लौ

(मजाज़न) किसी चीज़ का निचला किनारा

वक़्त की चीज़

वो चीज़ जो वक़्त के लिए मुनासिब हो, वह चीज़ जो मौके़ के मुताबिक़ हो, समय की आवश्यकता के अनुकूल कोई चीज़

वज़्न

(हैयत) कौकब कलब अकबर के अठारह सितारों में से एक सितारे का नाम

वंट

१. कटी दुमवाला

वर्क़ा

(मूसीक़ी) दाएं तबले पर मंढी जाने वाली खाल उसे पड़ा भी कहते हैं

वसंती

वसंत ऋतु में फलने वाली सरसों के फलों की तरह हलके पीले रंग का। वसंती। जैसे-वसंती चोली, वसंती साड़ी। पुं० उक्त प्रकार का रंग।

वादी-सुर

(मूसीक़ी) रुक : वादी मानी नंबर २, वो सर जो सब से ज़्यादा नुमायां हो, अंश सर, राग का मुखिया सर

विराम

क्रिया, गति, चाल आदि में होनेवाला अटकाव।

विवादी

विवाद करने वाला, कहासुनी या झगड़ा करनेवाला, झगड़ालू, फ़सादी, मुकदमा लड़नेवाला

विशद

स्पष्ट रूप से दिखाई देनेवाला, स्वच्छ, निर्मल, साफ़, उज्ज्वल, पाक

विष्णु-ताल

(संगीत) एक ताल का नाम जिसमें छे चोट और दो ख़ाली होते हैं

शंकरा

संगीत: बिलावल ठाठ का एक राग, उक्त राग जो रात के दूसरे पहर में गाया जाता है

शक्ल

छवि, हुलिया, सर से पाँव तक

शुद्ध सारंग

(संगीत) ओड़व षाड़व जाति का एक राग जिसे मध्याहन में गाया जाता है

शुद्ध-कल्याण

(संगीत) रात के पहले पहर में गाया जाने वाला ओड़व संपूर्ण जाति का एक राग

शुध-टोड़ी

(मूसीक़ी) राग की एक क़िस्म

शुध-बिलावल

(संगीत) बिलाल राग की एक क़िस्म जो अपने ख़ालिस सुरों में गाया जाए

शुध-सुर

(संगीत) वह सुर जो अपनी सही स्थिति पर विद्यमान रहता है

शरज

(मूसीक़ी) रुक : खरिज

शुर्ती

(हिंदू) मुक़द्दस किताब जैसे : वेद, उपनशद वग़ैरा

शहनाज़

दुल्हन, नव विवाहिता

शहानी-धुन

(मूसीक़ी) ख़ुसूसन ऐसे राग जिस में किसी बादशाह या अमीर की मद्हसराई होती है, बादशाही राग, बादशाही मूसीक़ी

शाम-ए-कल्याण

संगीत: कल्याण ठाठ से संकलित एक राग जो शाम के समय या प्रथम समय गाया जाता है इसके सब सुर तीव्र हैं इसकी कई रागनियां हैं, ऐमन, शुद्ध कल्याण हिंडोल आदि

शाहाना

बादशाहों के योग्य, शाहों का, शाहों का-सा, राजाओं का सा, राजसी

शिकम

पेट, आमाशय, उदर

शिकारी

(लाक्षणिक) पराजित, गिरफ़्तार

संक्रोन

संगीत: सिरी राग की एक रागिनी

सकारी

वह जो कोई हुंडी सकारता हो या जिसके नाम कोई हुंडी लिखी गई हो

संकीर्ण

(संगीत) वह राग या रागिनी जो दो अन्य रागों या रागिनियों को मिलाकर बने

सुखमणि

सिक्खों का एक छोटा धर्मग्रन्थ जिसका वे प्रायः नित्य पाठ करते हैं

संगत

वह स्थान जहाँ सिख धार्मिक काम करते है, गुरुद्वारा

संगतिया

गाने या बजाने वालों का साथ देने वाला व्यक्ति, गवैया या नाचने वालों के साथ रहकर तबला, मँजीरा, सारंगी आदि बजाने वाला व्यक्ति, साज़िंदा, संगी, साथी, दोस्त

सुघरई

संगीत: एक रागिनी का नाम जो दोपहर में गाई जाती है, सुघड़ई

सच्चे-सुर

(मूसीक़ी) वो सुर जो क़वाइद-ए-मूसीक़ी के मुताबिक हूँ, तीव्र सुर

संचाई

(संगीत) गाने के असली बोल या किसी धुन के असली सुर जिनसे वह पहचाना जाए, गाने का वह टुकड़ा जो अंतरा बोल के बाद हो, पहले के सिवा गीत के बाक़ी टुकड़े धुरपद का एक हिस्सा

संचारी

प्रवेश करने वाला, आया हुआ, आगंतुक

संज

(राजगीरी) एक ईंट के आसार की दीवार, धज्जी की दीवार

सुत

जन्म-कुंडली में लग्न से पाँचवाँ घर जहाँ सन्तान के सम्बन्ध में विचार किया जाता है। वि०१. उत्पन्न। जात। २. पार्थिव। पुं० बीस की संख्या।

संतूर

(मूसीक़ी) संतूर, आलात-ए-मूसीक़ी में से एक ए-ए-यरानी साज़

सत्रक

सचेत, सावधान, चौकन्ना, ध्यान देने वाला

संथ

(मूसीक़ी) मेघ राग से मुताल्लिक़ एक ज़ेली राग

सुद्दा

मवाद-ए-ग़लीज़ जो सख़्त पड़ कर आंतों में गृह की शक्ल का हो जाये

सुंदनी

(संगीत) धेवत में तीन सुरों वाली सुर का नाम

सुंदर-सप्तक

(मूसीक़ी) सरगम में राग और सुरों की बंदिशों को लिखने का एक जामि तरीक़ा, इस में सप्तक के नीचे लकीर लगा कर ख़तकशीदा किया जाता है

संदीपनी

संगीत में, पंचम स्वर की चार श्रुतियों में से तीसरी श्रुति

संध

उद्धिग्न, बौखलाया हुआ

सुधंग

सरल या सीधे स्वभाव वाला, सीधा, अच्छा या सुन्दर ढंग

सूधाल

(मूसीक़ी) वो ज़रब जिस में तीन सुर अदा हूँ

सन्निपात

एक प्रकार का ज्वर जिसमें कफ़, पित्त और वात तीनों बिगड़ जाते हैं, त्रिदोष, सरसाम

सनम

देवमूर्ति, बुत, मूर्ती

सप्त

संगीत: सुरों को पूरा अदा करना

संपूरन

(संगीत) सरगम जिसमें सारे सुर आ जाएँ, सात सुरों का राग, पूरा, पूर्ण

सम

ध्वनि, सुर, ताल

समा

खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देने वाला ख़ाली स्थान; अंबर; आकाश; गगन; नभ; व्योम; फ़लक।

सय्याद

हिरन आदि का शिकार करनेवाला, मृग-लुब्धक, शकुंतिक, बहेलियो, शिकारी, आखेटक, लुब्धक, व्याध, चिड़ीमार, शाकुनिक

सुर

(मूसीक़ी) मुंह या साज़ की ऊओनची नीची आवाज़ के सात दर्जों में से हर एक (जिस से रूओह को हरकत होती है) वो सात दर्जे ये हैं

सर उठाना

सर उभार कर देखना या तवज्जा देना

सुर उतरना

(संगीत) गीत या वाद्य ध्वनि का मद्धम होना, नग़्मे या साज़ की आवाज़ का मद्धम हो जाना

सुर का पक्का

(मूसीक़ी) इल्म-ए-मूसीक़ी के उसोलों से वाक़िफ़, फ़न्ने मौसीक़ी का माहिर, गाने का माहिर

सुर चढ़ना

(मौसीक़ी) सुर का ऊओनचा होना, सुर का बुलंद आहंग होना, पुर तासीर होना, इल-हान का गहिरा असर रखना

सुर जमाना

(मौसीक़ी) आवाज़ या साज़ का पूरी नग़माती ताक़त मुरतकज़ कर देना यहां तक कि इस सुर की लो बंध जाये

सुर देना

(मौसीक़ी) फूंक से बजे वाले साज़ में मज़ीद हुआ भरना

सुर ब्योरा मिलाना

(मौसीक़ी) सुर क़ायम करना, किसी काम में हाथ डालने से पहले उस की ऊओंच नीच समझ लेना

सुर बाँधना

(मौसीक़ी) किसी साज़ का अपने किसी पर्दे पर, सा, का मुक़ाम मुतय्यन करना, जैसे साज़ में मिले हुए, स्केल की रखब (रे) या गंधार (गा) या मद्धम (मा) वग़ैरा को आरिज़ी तरो पर बुनियादी और इबतिदाई सुरका दर्जे देना यानी उस को पहला सुर फ़र्ज़ करना

सुर बिगड़ना

(संगीत) वाद्य यंत्र के पर्दे की ध्वनि विकृत या गलत है वाद्य यंत्र

सुर भरना

(मौसीक़ी) गो्वीए का अपने गले की तर्बीयत या रियाज़ की तौर पर एक ही सुर पर का हम रहना, आवाज़ को गाने के लिए गर्माना (रियाज़ करने के लिए गाने से पहले या सुबह को), खरिज भरना

सर मिलाना

۲. हम-ख़याल होना, हमनवाई करना, साथ देना

सुर लगाना

(मौसीक़ी) गले से किसी सुर के अदा करने या निकालने के बाद सा पुराना , फ़र्याद करना

सुरंग

ज़र-ए-ज़मीन नाली जिस में दुश्मन की फ़ौज को उड़ाने के लिए बारूद भर दिया जाता है

सरगम

संगीत में, षडज से निषाद तक के सातों स्वरों का समूह, स्वर-ग्राम, सप्तक, उक्त स्वर भिन्न भिन्न प्रकारों से साधने की क्रिया या प्रणाली, किसी गीत, तान या राग में लगने वाले स्वरों का उच्चारण सातों सुरों के उतार-चढ़ाव या आरोह-अवरोह का क्रम

सुर-घोटा

(संगीत) बीन के प्रकार के एक बाजे को बजाने की गुंडाकार छः इंच लम्बी छड़ी जो उसके लिए शारिका का काम देती है, कुछ संगीतकार इसे 'मोरक' या 'मोहरक' भी कहते हैं

सुरत

रतिक्रीड़ा, कामक्रीड़ा, कामकेलि, संभोग, मैथुन

सुर्ती

= सुरती

सुरूद

(संगीत) वीणा की तरह का एक प्रकार का वाद्य यंत्र

सुरूद छेड़ना

(मूसीक़ी) सरोद बाजे के मिज़्राब से बजाना

सुर्नौ

(संगीत) पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी सरहदी राज्य वालों का अभ्यास का पुराना बाजा

सर्पुर्दा

संगीत: पारंपरिक रूप से राग और वाद्य के नियमों का एक घटक जो आमिर खुसरौ देहलवी से संबंधित माना जाता है, बिलावल ठाठ का एक राग

सुर-मुखा

(मूसीक़ी) सिरी राग की ज़ेली तक़सीम की एक शक़, भारजा (कहा जाता है कि ये राग महादेव के मुंह से निकला है, बाअज़ का क़ौल है कि नाफ़-ए-ज़मीन से निकला है)

सुर-संगीत

(संगीत) गाना बजाना जो संगीत की शिक्षा के अनुसार हो

सुर-सरंगा

(मूसीक़ी) प्यारे ख़ां नामी का ीजाद क्यू हुआ सितार की क़सम का बाजा जो महावती कच्छी रुद॒राबीन का मुलख्ख़स है, इस में छः तार और ऊओपर सिरे पर एक तूंबा भी होता है

सुर-सागर

सुर का समुंद्र, संगीत विशेषज्ञ, एक तरह का बाजा जिसमें बजाने के लिए तार लगे होते हैं

सरायन्दा

संगीत: गाने वाला, गवय्या

सुरिंग

(संगीत) बाँसुरी की क़िस्म का शिव देवता का मशहूर बाजा

सरोही

राजपूताने का एक नगर जहाँ की बनी हुई तलवार बहुत ही लचीली और बढ़िया होती है

सलफ़

विगत या गुज़रा हुआ (समय), अगला, पहले का, प्राचीन

सलमक

(मूसीक़ी) छः सुरों में से एक सुर का नाम

सा

एक संबंध-सूचक अव्यय जिसका प्रयोग कहीं क्रिया विशेषण की तरह और कहीं विशेषण की तरह नीचे लिखे आशय या भाव सूचित करने के लिए होता है-१. तुल्य, बराबर, सदृश या समान। जैसे-कमल सी आँखें, फूल सा शरीर।

साज़ का पर्दा

(मूसीक़ी) साज़ की तरकीब-ए-मजमूई का कोई जुज़व जिस से सबतक की कोई माबन् आवाज़ देता है

साज़गर

बाजा बनाने वाला, वाद्यकार

साज-गरी

संपूर्ण जाति की एक रागिनी जिसमें सब शुद्ध स्वर लगते हैं

साज़गरी

बाजे बनाने का काम, वाद्यकर्म

साज़िंदे

(संगीत) सारंगी बजानेवाले, संगीतज्ञ, वाद्य यन्त्र बजाने वाले, बाजा बजाने वाले

साधरा

(संगीत) एक राग का नाम

साफ़ी

पाक साफ़ करने वाला

साबान

(मूसीक़ी) मेघ राग का एक सुर

सालू

(पार्चाबाफ़ी) बारीक झुनना, गहरे उन्नाबी रंग का कपड़ा, एक प्रकार का चमकीला गहरा लाल रंग, लाल, केसरी

सावंत

वह भूस्वामी या राजा जो किसी बड़े राजा के अधीन हो और उसे कर देता हो, करद राजा

सिंघड़ा

(संगीत) सींग से बनाया हुआ मुँह से बजाया जाने वाला बाजा

सितार उतारना

(संगीत) सितार के तारों का तनाव, खिंचाव कम करना

सितार चढ़ाना

(मौसीक़ी) सितार नवाज़ी करना, सितार बजाना

सिंदूरा

(मूसीक़ी) एक दिलकश सुर जो राग की एक क़िस्म भी है और कई सुरों को मिला कर बनाया जाता है नीज़ काफ़ी ठाठ की एक रागिनी, सीनदोरा

सिंदी

(मूसीक़ी) सात सुरों से मुताल्लिक़ पंचम सर की एक सुरत का नाम नीज़ ज़ेली सर

सिंधू

नदी, नदी द्वारा सिंचित क्षेत्र

सिंधारा

श्रावण मास के दोनो पक्षों की तृतीया को लड़की की ससुराल में भेजा हुआ पकवान आदि, मिठाइयाँ आदि

सिम्फ़नी

(मूसीक़ी) एक ख़ास नग़मा जो आरकैस्टरा में बजाया जाता है और जिस में कई बिलकुल मुख़्तलिफ़ गतें साथ चलती हैं

सिरी-राग

संगीत: छः रागों में से पांचवीं राग का नाम जो प्रायः अगन-पूस अर्थात नवंबर-दिसंबर (प्रारंभिक शीतकाल) में गाया जाता है

सिह-गाह

(मूसीक़ी) मूसीक़ी की एक रागिनी का नाम

सिह-सागर

(संगीत) मम्मन ख़ान द्वारा अविष्कृत एक वाद्य

सोनहा

एक प्रकार का पक्षी

सोरठ

(संगीत) मेघ राग की दूसरी रागनी का नाम जो भैरों राग की भारजा (भराज) है

सोहा बजाना

(वाद्यकर्म) विवाह या विवाह के अवसर पर वाद्ययंत्र बजाना

हथ-ताल

(संगीत) एक छोटा संगीत यंत्र जो दोनों हाथों से बजाया जाता है, मजीरा, झाँझ

हन

पुराने युग में दक्षिणी भारत में चलने वाला सिक्का, मुद्रा, दौलत, धन

हनूमान-मत

(संगीत) वह संगीत पद्धति जो हनुमान से संबंधित है और जिसके छः राग और हर राग की पाँच रागनियाँ और आठ पितृ होते हैं और इसमें जोश व ख़रोश का पहलू नुमाया होता है

हेम-कल्याण

(संगीत में) कल्याण राग का एक प्रकार या भेद

हमारिया

धीमे सुर में गाया जाने वाला एक राग, जिसे बादशाहों और अमीरों की प्रशंसा गान में प्रयोग किया जाता है, ये अलाप सुर और ताल की क़ैद से आज़ाद होता है.

हमीर

हम्मीर

हलका-फुलका

(मूसीक़ी) जो आसानी से गाया जा सके, आम पसंद का, सादा (गीत, संगीत वग़ैरा)

हवा

हवस, अधिक का लालच, लालच या महत्वाकांक्षा, उत्कंठा, ख़़्वाहिश, अरमान, इच्छा, तलाश, शौक़

हंस

एक ख़्याली परिंद जो दूध को अलग और पानी को अलग कर देता है

हस्तक

नृत्य में, भाव बताने के लिए बनाई जानेवाली हाथ की मुद्रा।

हुसैनी

एक प्रकार का अंगूर, कर्नाटकी संगीत पद्धति की एक रागिनी, फारसी संगीत के बारह मुकामों में से एक, वो शख़्स जिसके दोनों कान मिन्नत के लिए छिदे हों, नाशपाती की एक क़िस्म जिस का छिलका मोटा और सर ज़रा उठा हुआ होता है, हज़रत इमाम हुसैन की तरफ़ मंसूब

हाथ निकालना

हाथ को किसी वस्तू से बाहर लाना

हाथी-चिंघाड़

(मूसीक़ी) संगीत की एक तान जिसमें आवाज़ बहुत तेज़ चिंघाड़ के साथ निकलती है (उस्ताद अली बख़श से मंसूब है)

हारमनी

(संगीतशास्त्र) संगीतात्मकता, संगीत-रचना

हारमोनियम

संदूक के आकार का एक प्रसिद्ध पाश्चात्य बाजा जिसके परदों से उँगलियों से दबाने पर स्वर निकलते हैं

हिजाज़

रस्सी

हिजाज़ी

हिजाज़ का निवासी

हिंडोल

हिंदूस्तानी रागों का पांचवां राग, संगीत में एक प्रकार का राग, विशेष-कहते हैं कि जब यह राग अपने शुद्ध रूप में गाया जाता है, तब हिंडोला अपने-आप चलने लगता है

हिसार

घेरा, चक्र, चहार दीवारी

हीर

۔(फ। बालकसरवयाए मारूफ़। अरबी में इस का मुअर्रब हीतर।हाए हुत्ती से है) सिफ़त१। मख़न्नत। हिजड़ा।ज़नख़ा२। उर्दू। बुज़दिल। बूओदा। डरपोक।

होरी

हिंदूस्तानी राग का एक प्रकार जो ध्रुपद जैसा होता है

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