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हम भी कोई हैं

हम से भी कोई रिश्ता और ख़ुसूसीयत है , हमारा भी बड़ा मर्तबा है

हम भी हैं वो भी हैं

हमारा उन का मुक़ाबला है देखें कौन बढ़ता है

हम भी ज़बाँ रखते हैं

हम भी बोल सकते हैं, हम भी मुँह में ज़बान रखते हैं

हम भी हैं पाँचवें सवारों में

जिस की कुछ वास्तविक्ता न हो और वो स्वयं को ख़्वाह-मख़्वाह बड़े लोगों में शामिल करे

यहाँ तो हम भी हैरान हैं

इस जगह तो हमारी बुद्धि भी काम नहीं करती, यहाँ समझ में कुछ नहीं आता

हम भी हैं पाँचों सवारों में

जिस की कुछ वास्तविक्ता न हो और वो स्वयं को ख़्वाह-मख़्वाह बड़े लोगों में शामिल करे

हम ने भी तुम्हारी आँखें देखी हैं

ہم بھی تمہاری طرح ہوشیار ہیں، اپنی بھی تعریف اور مخاطب کی بھی تعریف اور خوشامد

लोहा करे अपनी बड़ाई, हम भी हैं महा देव के भाई

योग्यता साधारण दावा बहुत बड़ा

लोहा करे अपनी लड़ाई, हम भी हैं महा देव के भाई

योग्यता साधारण दावा बहुत बड़ा

हम तो डूबे हैं सनम तुम को भी ले डूबेंगे

हम ख़ुद तो फँसे हैं तुम को भी फँसाएगे, इसका उपयोग तब किया जाता है जब यह कहा जाता है कि एक व्यक्ति स्वयं मुसीबत में है और दूसरों को भी मुसीबत मे डालेगा

हम नहीं ये भाई फ़त्ह ख़ाँ हैं

ये ज़बरदस्त हैं हमारी तरह कमज़ोर नहीं

वली सब का अल्लाह है हम तो रखवाले हैं

सब का मालिक ईश्वर है हम तो मात्र रखवाले हैं

चमगादड़ के घर मेहमान आए, हम भी लटकें तुम भी लटको

जैसे व्यक्ति के घर जाओगे वैसा ही सम्मान पाओगे, समाज जैसा करे वैसा ही करो

चमगादड़ों के घर मेहमान आए, हम भी लटकें तुम भी लटको

जैसे व्यक्ति के घर जाओगे वैसा ही सम्मान पाओगे, समाज जैसा करे वैसा ही करो

साजन हम तुम ऐक हैं देखत के हैं दो, मन से मन को तौल दो मन कदी न हो

हम तुम असल में एक हैं भले ही दो दिखाई देते हैं

तोता पढ़े मैना पढ़े , कहीं आदमी के बच्चे भी पढ़ते हें

ये व्यंग्य करते हुए उन योग्य बच्चों के बारे में कहा जाना है जो पढ़ने-लिखने से जी चुराते हैं और अपना पूरा मन नहीं लगाते आशय यह है कि जब पक्षी पढ़ सकते हैं तो मनुष्य के लिए पढ़ना क्या कठिन है

आप भी अपने वक़्त के लाल बुझक्कड़ हैं

किसी को साफ़-साफ़ मूर्ख और बेवक़ूफ़ कहने के अवसर पर प्रयुक्त

दुधार गाय की दो लातें भी पड़ती हैं

लाभ पहुँचाने वाले की घुड़कियाँ भी सही जाती हैं, काम करने वाले या कमाऊ व्यक्ति की दो कड़वी बातें भी सही जाती हैं

बारह बरस बा'द कूड़े के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

दुधार गाय की दो लातें भी सहनी पड़ती हैं

लाभ पहुँचाने वाले की घुड़कियाँ भी सही जाती हैं, काम करने वाले या कमाऊ व्यक्ति की दो कड़वी बातें भी सही जाती हैं

मुफ़्त के खाने वाले हम और हमारा भाई

वहां कहते हैं जहां कोई बेशरमी से लोगों का माल खाए

ओढ़नी चादर हुई बराबर, मैं भी शाह की ख़ाला हूँ

थोड़े से सामाजिक मान पर इतराना, बिना कारण किसी बड़े आदमी से संबंध ज़ाहिर करना

ओढ़ी चादर हुई बराबर, मैं भी शाह की ख़ाला हूँ

थोड़ी सी जमा-पूँजी और सामर्थ्य पर घमंड, थोड़ी आर्थिक सामर्थ्य पर इतराना

दूधैल गाय की दो लातें भी सहते हैं

किसी ख़ूबी या लाभ के कारण बुराई या तकलीफ़ सहन कर ली जाती है

ज़रूरत के वक़्त गधे को भी बाप बना लेते हैं

विवशता में हर किसी की चापलूसी करनी पड़ती है, लाचारी की स्थिति में आदमी को सब कुछ करना पड़ता है, विवशता के समय अपने से निम्न व्यक्ति की भी चापलूसी करना पड़ती है

ग़रज़ को लोग गधे को भी बाप बनाते हैं

संकट या आवश्यकता के समय नीच और घटिया आदमी की भी चापलूसी करनी पड़ती है

मिट्टी का घड़ा भी ठोंक बजा कर लेते हैं

साधारण वस्तु की भी देख-भाल कर लेनी चाहिए

वक़्त पर गधे को भी बाप बना लेते हैं

one behaves indulgently towards a fool for reasons of expediency

बारह बरस पीछे कूड़ी के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

वहाँ फ़रिश्तों के भी पर जलते हैं

उस जगह कोई नहीं जा सकता, उनका इतना रौब है कि वहाँ जाने की कोई हिम्मत नहीं कर सकता

अपनी ग़रज़ पर लोग गधे को भी बाप बनाते हैं

संकट या आवश्यकता के समय नीच और घटिया आदमी की भी चापलूसी करनी पड़ती है

उत दाता देवे ऐसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

उत दाता देवे उसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

दीवारों के भी कान होते हैं

walls have ear

यहाँ हज़रत जिब्राईल के भी पर जलते हैं

यहां तक ही रसाई थी (मेराज के वाक़िया की तरफ़ इशारा है, हज़रत जबराईलऑ पैग़ंबर सिल्ली अल्लाह अलैहि वालही वसल्लम के हमराह थे एक मौक़ा पर जा के उन्हों ने कहा कि वो इस से आगे नहीं जा सकते पैग़ंबर सिल्ली अल्लाह अलैहि वालही वसल्लम आगे तन्हा रवाना हुए

दीवार के भी कान हैं

दीवार भी कान रखती है, दीवारों के भी कान होते हैं, यह एक कहावत हैं जिसका अर्थ होता है “सतर्क रहना”, कोई आप की बात सुन सकता है, जहां गोपनीयता रखनी जरूरी समझे वहां इस मुहावरे को प्रयोग में लाया जाता है

पीठ पीछे बादशाह को भी बुरा कहते हैं

चुग़ली में कोई बुरा कहे तो उसकी परवाह नहीं करनी चाहिए

देवता भी बासना के भूके हैं

हर जगह देने लेते से काम निकलता है

सौ बरस बा'द कूड़े घूरे के दिन भी बहोरते फिरते हैं

कोई शैय सदा एक हाल पर नहीं रहती, बुरे दिनों के बाद भले दिन भी आते हैं

ज़रूरत में गधे को भी साला करते हैं

विपत्ति के समय नीच लोगों की भी चापलूसी करनी पड़ती है, विपत्ति के समय सब कुछ करना पड़ता है, मजबूरी में सब कुछ करना पड़ता है

ज़रूरत में गधे को भी बाप बना लेते हैं

विपत्ति के समय नीच लोगों की भी चापलूसी करनी पड़ती है, विपत्ति के समय सब कुछ करना पड़ता है, मजबूरी में सब कुछ करना पड़ता है

ये भी अपने वक़्त के हातिम ताई हैं

(व्यंग्यात्मक) बहुत दानी हैं

यहाँ फ़रिश्तों के भी पर जलते हैं

उस जगह कोई नहीं जा सकता, उनका इतना रौब है कि वहाँ जाने की कोई हिम्मत नहीं कर सकता

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरे हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

माया के भी पाँव होते हैं, आज मेरे कल तेरे

धन किसी के पास सदैव नहीं रहता, आज एक के पास है तो कल दूसरे के पास

सब कोई झूमर पहिरे लंगडी कहे हम-हूँ

हर एक को देख कर वो भी जिसे किसी चीज़ की आवश्यकता न हो रेस करे तो कहते हैं

हम क्या तेरे पट्टी तले के हैं

ہم تجھ سے کسی طرح کم نہیں ہیں

दुधैल गाय की दो लातें भी सही जाती हैं

किसी ख़ूबी या लाभ के कारण बुराई या तकलीफ़ सहन कर ली जाती है

दुधैल गाय की दो लातें भी सही जाती हैं

जिस से नफ़ा पहुंचता है इस की नाज़ बर्दारी बुरी नीहं मालूम होती फ़ायदे के लिए तकलीफ़ उठाना बुरा नहीं लगता

दमड़ी की हाँडी लेते हैं तो उसे भी ठोंक बजा कर लेते हैं

कोई साधारण वस्तु भी लो तो अच्छी तरह जाँच कर लो, हर काम सोच समझ कर करना चाहिए

मिट्टी का बासन भी ठोक बजा कर लेते हैं

साधारण वस्तु की भी देख-भाल कर लेनी चाहिए

आप के भी चचा हैं

आप से ज़्यादा चालाक हैं

अद्धी की हाँडी भी ठोंक बजा कर लेते हैं

किसी बड़े मुआमले में बे सोचे समझे फ़ैसला नहीं किया जाता

हम तो डूबे हैं मगर यार को ले डूबेंगे

दूसरों को मुसीबत में अपने साथ फंसाना

भीत के भी कान होते हैं

अपना भेद किसी से नहीं कहना चाहिए वर्ना पूरी दुनिया में मशहूर हो जाएगा

आप भी कितना बात को पहुँचते हैं

रुक : आप भी ऐसी ही बातों से अलख

हम अभी से फ़ातिहा के लिए हाथ उठाते हैं

(महिला) जब कोई झूट-मूट मरने की धमकी देता है तो औरतें कहती हैं

दूध के दाँत भी अभी नहीं टूटे हैं

अबोधपन या कम-आयु का युग है

तुम को हम से अनेक हैं हम को तुम सा एक, रवी को कंवल अनेक हैं कंवल को रवी एक

वफ़ादार पत्नी अपने पति से कहती है कि तुम्हारे लिए तो मेरे जैसी बहुत सी स्त्रियाँ हैं मगर मेरे लिए तुम एक ही हो जैसे सूरज के लिए कंवल बहुत हैं मगर कंवल के लिए सूरज एक ही है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में तमन्ना के अर्थदेखिए

तमन्ना

tamannaaتَمَنّا

स्रोत: अरबी

वज़्न : 122

बहुवचन: तमन्नाएँ

तमन्ना के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन

व्याख्यात्मक वीडियो

शे'र

English meaning of tamannaa

Noun, Feminine, Singular

تَمَنّا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث، واحد

  • آرزو، طلب، خواہش

    مثال مجاہدین آزادی ہندوستان سرفروشی کی تمنا رکھتے تھے

  • اشتیاق، ارمان، چاؤ
  • توقع، امید
  • (قواعد) فعل ماضی کی چھ قسموں میں سے ایک قسم اس فعل سے عموماً تمنا ظاہر ہوتی ہے، تمنائی

Urdu meaning of tamannaa

  • Roman
  • Urdu

  • aarzuu, talab, Khaahish
  • ishtiyaaq, armaan, chaa.o
  • tavaqqo, ummiid
  • (qavaa.id) pheal maazii kii chhः kismo.n me.n se ek qism is pheal se umuuman tamannaa zaahir hotii hai, tamannaa.ii

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हम भी कोई हैं

हम से भी कोई रिश्ता और ख़ुसूसीयत है , हमारा भी बड़ा मर्तबा है

हम भी हैं वो भी हैं

हमारा उन का मुक़ाबला है देखें कौन बढ़ता है

हम भी ज़बाँ रखते हैं

हम भी बोल सकते हैं, हम भी मुँह में ज़बान रखते हैं

हम भी हैं पाँचवें सवारों में

जिस की कुछ वास्तविक्ता न हो और वो स्वयं को ख़्वाह-मख़्वाह बड़े लोगों में शामिल करे

यहाँ तो हम भी हैरान हैं

इस जगह तो हमारी बुद्धि भी काम नहीं करती, यहाँ समझ में कुछ नहीं आता

हम भी हैं पाँचों सवारों में

जिस की कुछ वास्तविक्ता न हो और वो स्वयं को ख़्वाह-मख़्वाह बड़े लोगों में शामिल करे

हम ने भी तुम्हारी आँखें देखी हैं

ہم بھی تمہاری طرح ہوشیار ہیں، اپنی بھی تعریف اور مخاطب کی بھی تعریف اور خوشامد

लोहा करे अपनी बड़ाई, हम भी हैं महा देव के भाई

योग्यता साधारण दावा बहुत बड़ा

लोहा करे अपनी लड़ाई, हम भी हैं महा देव के भाई

योग्यता साधारण दावा बहुत बड़ा

हम तो डूबे हैं सनम तुम को भी ले डूबेंगे

हम ख़ुद तो फँसे हैं तुम को भी फँसाएगे, इसका उपयोग तब किया जाता है जब यह कहा जाता है कि एक व्यक्ति स्वयं मुसीबत में है और दूसरों को भी मुसीबत मे डालेगा

हम नहीं ये भाई फ़त्ह ख़ाँ हैं

ये ज़बरदस्त हैं हमारी तरह कमज़ोर नहीं

वली सब का अल्लाह है हम तो रखवाले हैं

सब का मालिक ईश्वर है हम तो मात्र रखवाले हैं

चमगादड़ के घर मेहमान आए, हम भी लटकें तुम भी लटको

जैसे व्यक्ति के घर जाओगे वैसा ही सम्मान पाओगे, समाज जैसा करे वैसा ही करो

चमगादड़ों के घर मेहमान आए, हम भी लटकें तुम भी लटको

जैसे व्यक्ति के घर जाओगे वैसा ही सम्मान पाओगे, समाज जैसा करे वैसा ही करो

साजन हम तुम ऐक हैं देखत के हैं दो, मन से मन को तौल दो मन कदी न हो

हम तुम असल में एक हैं भले ही दो दिखाई देते हैं

तोता पढ़े मैना पढ़े , कहीं आदमी के बच्चे भी पढ़ते हें

ये व्यंग्य करते हुए उन योग्य बच्चों के बारे में कहा जाना है जो पढ़ने-लिखने से जी चुराते हैं और अपना पूरा मन नहीं लगाते आशय यह है कि जब पक्षी पढ़ सकते हैं तो मनुष्य के लिए पढ़ना क्या कठिन है

आप भी अपने वक़्त के लाल बुझक्कड़ हैं

किसी को साफ़-साफ़ मूर्ख और बेवक़ूफ़ कहने के अवसर पर प्रयुक्त

दुधार गाय की दो लातें भी पड़ती हैं

लाभ पहुँचाने वाले की घुड़कियाँ भी सही जाती हैं, काम करने वाले या कमाऊ व्यक्ति की दो कड़वी बातें भी सही जाती हैं

बारह बरस बा'द कूड़े के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

दुधार गाय की दो लातें भी सहनी पड़ती हैं

लाभ पहुँचाने वाले की घुड़कियाँ भी सही जाती हैं, काम करने वाले या कमाऊ व्यक्ति की दो कड़वी बातें भी सही जाती हैं

मुफ़्त के खाने वाले हम और हमारा भाई

वहां कहते हैं जहां कोई बेशरमी से लोगों का माल खाए

ओढ़नी चादर हुई बराबर, मैं भी शाह की ख़ाला हूँ

थोड़े से सामाजिक मान पर इतराना, बिना कारण किसी बड़े आदमी से संबंध ज़ाहिर करना

ओढ़ी चादर हुई बराबर, मैं भी शाह की ख़ाला हूँ

थोड़ी सी जमा-पूँजी और सामर्थ्य पर घमंड, थोड़ी आर्थिक सामर्थ्य पर इतराना

दूधैल गाय की दो लातें भी सहते हैं

किसी ख़ूबी या लाभ के कारण बुराई या तकलीफ़ सहन कर ली जाती है

ज़रूरत के वक़्त गधे को भी बाप बना लेते हैं

विवशता में हर किसी की चापलूसी करनी पड़ती है, लाचारी की स्थिति में आदमी को सब कुछ करना पड़ता है, विवशता के समय अपने से निम्न व्यक्ति की भी चापलूसी करना पड़ती है

ग़रज़ को लोग गधे को भी बाप बनाते हैं

संकट या आवश्यकता के समय नीच और घटिया आदमी की भी चापलूसी करनी पड़ती है

मिट्टी का घड़ा भी ठोंक बजा कर लेते हैं

साधारण वस्तु की भी देख-भाल कर लेनी चाहिए

वक़्त पर गधे को भी बाप बना लेते हैं

one behaves indulgently towards a fool for reasons of expediency

बारह बरस पीछे कूड़ी के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

वहाँ फ़रिश्तों के भी पर जलते हैं

उस जगह कोई नहीं जा सकता, उनका इतना रौब है कि वहाँ जाने की कोई हिम्मत नहीं कर सकता

अपनी ग़रज़ पर लोग गधे को भी बाप बनाते हैं

संकट या आवश्यकता के समय नीच और घटिया आदमी की भी चापलूसी करनी पड़ती है

उत दाता देवे ऐसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

उत दाता देवे उसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

दीवारों के भी कान होते हैं

walls have ear

यहाँ हज़रत जिब्राईल के भी पर जलते हैं

यहां तक ही रसाई थी (मेराज के वाक़िया की तरफ़ इशारा है, हज़रत जबराईलऑ पैग़ंबर सिल्ली अल्लाह अलैहि वालही वसल्लम के हमराह थे एक मौक़ा पर जा के उन्हों ने कहा कि वो इस से आगे नहीं जा सकते पैग़ंबर सिल्ली अल्लाह अलैहि वालही वसल्लम आगे तन्हा रवाना हुए

दीवार के भी कान हैं

दीवार भी कान रखती है, दीवारों के भी कान होते हैं, यह एक कहावत हैं जिसका अर्थ होता है “सतर्क रहना”, कोई आप की बात सुन सकता है, जहां गोपनीयता रखनी जरूरी समझे वहां इस मुहावरे को प्रयोग में लाया जाता है

पीठ पीछे बादशाह को भी बुरा कहते हैं

चुग़ली में कोई बुरा कहे तो उसकी परवाह नहीं करनी चाहिए

देवता भी बासना के भूके हैं

हर जगह देने लेते से काम निकलता है

सौ बरस बा'द कूड़े घूरे के दिन भी बहोरते फिरते हैं

कोई शैय सदा एक हाल पर नहीं रहती, बुरे दिनों के बाद भले दिन भी आते हैं

ज़रूरत में गधे को भी साला करते हैं

विपत्ति के समय नीच लोगों की भी चापलूसी करनी पड़ती है, विपत्ति के समय सब कुछ करना पड़ता है, मजबूरी में सब कुछ करना पड़ता है

ज़रूरत में गधे को भी बाप बना लेते हैं

विपत्ति के समय नीच लोगों की भी चापलूसी करनी पड़ती है, विपत्ति के समय सब कुछ करना पड़ता है, मजबूरी में सब कुछ करना पड़ता है

ये भी अपने वक़्त के हातिम ताई हैं

(व्यंग्यात्मक) बहुत दानी हैं

यहाँ फ़रिश्तों के भी पर जलते हैं

उस जगह कोई नहीं जा सकता, उनका इतना रौब है कि वहाँ जाने की कोई हिम्मत नहीं कर सकता

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरे हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

माया के भी पाँव होते हैं, आज मेरे कल तेरे

धन किसी के पास सदैव नहीं रहता, आज एक के पास है तो कल दूसरे के पास

सब कोई झूमर पहिरे लंगडी कहे हम-हूँ

हर एक को देख कर वो भी जिसे किसी चीज़ की आवश्यकता न हो रेस करे तो कहते हैं

हम क्या तेरे पट्टी तले के हैं

ہم تجھ سے کسی طرح کم نہیں ہیں

दुधैल गाय की दो लातें भी सही जाती हैं

किसी ख़ूबी या लाभ के कारण बुराई या तकलीफ़ सहन कर ली जाती है

दुधैल गाय की दो लातें भी सही जाती हैं

जिस से नफ़ा पहुंचता है इस की नाज़ बर्दारी बुरी नीहं मालूम होती फ़ायदे के लिए तकलीफ़ उठाना बुरा नहीं लगता

दमड़ी की हाँडी लेते हैं तो उसे भी ठोंक बजा कर लेते हैं

कोई साधारण वस्तु भी लो तो अच्छी तरह जाँच कर लो, हर काम सोच समझ कर करना चाहिए

मिट्टी का बासन भी ठोक बजा कर लेते हैं

साधारण वस्तु की भी देख-भाल कर लेनी चाहिए

आप के भी चचा हैं

आप से ज़्यादा चालाक हैं

अद्धी की हाँडी भी ठोंक बजा कर लेते हैं

किसी बड़े मुआमले में बे सोचे समझे फ़ैसला नहीं किया जाता

हम तो डूबे हैं मगर यार को ले डूबेंगे

दूसरों को मुसीबत में अपने साथ फंसाना

भीत के भी कान होते हैं

अपना भेद किसी से नहीं कहना चाहिए वर्ना पूरी दुनिया में मशहूर हो जाएगा

आप भी कितना बात को पहुँचते हैं

रुक : आप भी ऐसी ही बातों से अलख

हम अभी से फ़ातिहा के लिए हाथ उठाते हैं

(महिला) जब कोई झूट-मूट मरने की धमकी देता है तो औरतें कहती हैं

दूध के दाँत भी अभी नहीं टूटे हैं

अबोधपन या कम-आयु का युग है

तुम को हम से अनेक हैं हम को तुम सा एक, रवी को कंवल अनेक हैं कंवल को रवी एक

वफ़ादार पत्नी अपने पति से कहती है कि तुम्हारे लिए तो मेरे जैसी बहुत सी स्त्रियाँ हैं मगर मेरे लिए तुम एक ही हो जैसे सूरज के लिए कंवल बहुत हैं मगर कंवल के लिए सूरज एक ही है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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