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रोटी खाने को न होना

नितांत ग़रीब होना

क़सम खाने को न होना

यकसर ख़त्म हो जाना, बुरा-ए-नाम भी ना होना, ज़रा भी बाक़ी ना रहना

तन को कपड़ा न पेट को रोटी

बहुत निर्धन व्यक्ति है, बहुत दयनीय हालत

क़सम खाने को न रहना

यकसर ख़त्म हो जाना, बुरा-ए-नाम भी ना होना, ज़रा भी बाक़ी ना रहना

फ़ातिहा न दुरूद खाने को मौजूद

बिना परिश्रम एवंं कठिनाई के खाने को तैयार, बिना मेहनत मज़दूरी माँगना

खाने को न मिले खली, नाम को बख़्त बली

नाम बड़ा दर्शन छोटे, नाम हालात के बिल्कुल उल्टा

खाने को न मिले, ख़ैर, पर नशे को मिले

मादक द्रव्यों का व्यसनी व्यक्ति भोजन की अधिक परवाह नहीं करता परंतु मादक द्रव्यों के बिना नहीं रह सकता

मुर्ग़ी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी अपनी जां से गई खाने वाले को स्वाद न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वाले को स्वाद न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

बकरी जान से गई, खाने वालों को मज़ा न आया

एक व्यक्ति दूसरे के लिए कोशिश एवं परिश्रम करता मर गया परंतु उसने सम्मान नहीं दिया

फ़रिश्तों को ख़बर न होना

मुतलक़ ख़बर ना होना, किसी को कानों-कान ख़बर ना होना, बिलकुल राज़ होना

मुँह को लगाम न होना

बिना सोचे समझे जो चाहना कह देना

मुर्ग़ी अपनी जान से गई, खाने वालों को स्वाद न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

जान से गई खाने वाले को मज़ा न मिला

इस शख़्स के लिए मस्तसमल जो किसी की ख़िदमत में जान की बाज़ी लगा दे फिर भी इस की क़दर ना हो

मुर्ग़ी अपनी जान से गई, खाने वालों को मज़ा न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी तो जान से गई, खाने वालों को मज़ा न आया

रुक : मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वालों को मज़ा ना आया

घिस कर लगाने को न होना

ज़रा भी न होना

कौड़ी कफ़न को न होना

be penniless, have no money

छेली जान से गई , खाने वालों को स्वाद न आया

जब किसी की मेहनत की कोई दास ना दे तो कहते हैं, हमारी जान गई आप की अदा ठहरी

चिड़िया की जान गई खाने वाले को मज़ा न मिला

रुक : चिड़िया अपनी जान से गई अलख

मछ्ली अपनी जान से गई , खाने वालों को मज़ा न आया

रुक : मुर्ग़ी अपनी जान से गई, खाने वालों को मज़ा ना आया, जो ज़्यादा मुस्तामल है

घिस लगाने को न मिलना या न होना

किसी चीज़ का दुर्लभ होना, मुश्किल से उपलब्ध होना

नाम को भी न होना

बिलकुल ना होना, ज़रा भी ना होना

हवा को ख़बर न होना

किसी का अवगत न होना, किसी का आगाह न होना, किसी को कानों-कान ख़बर न होना

फ़लक को ख़बर न होना

किसी को ख़बर न होना, फ़रिश्तों को ख़बर न होना

जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया

इस शख़्स के लिए मस्तसमल जो किसी की ख़िदमत में जान की बाज़ी लगा दे फिर भी इस की क़दर ना हो

हाथ को हाथ न मा'लूम होना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना / नहीं देना

कौड़ी कफ़न को वास्ते न होना

मुहताज और मफ़लूज अलहाल होना, मुफ़लिस क़ल्लाश होना

किसी को किसी का होश न होना

किसी को किसी की ख़बर ना होना, एक दूसरे लाइलम होना, नफ़सा-नफ़सी का आलम होना

हाथ की हाथ को ख़बर न होना

राज़दारी और ख़ामोशी से कोई काम होना, कानों-कान ख़बर ना होना, किसी को इलम ना होना

नाम को न होना

बिलकुल न होना, ज़रा भी न होना, सर्वथा न होना

पेट को रोटी न तन पर तार

रुक : पेट को टिकिया नहीं सोने को खटीया नहीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में रोटी खाने को न होना के अर्थदेखिए

रोटी खाने को न होना

roTii khaane ko na honaaروٹی کھانے کو نَہ ہونا

मुहावरा

रोटी खाने को न होना के हिंदी अर्थ

  • नितांत ग़रीब होना

روٹی کھانے کو نَہ ہونا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • بالکل مُفلس ہونا.

Urdu meaning of roTii khaane ko na honaa

  • Roman
  • Urdu

  • bilkul muflas honaa

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रोटी खाने को न होना

नितांत ग़रीब होना

क़सम खाने को न होना

यकसर ख़त्म हो जाना, बुरा-ए-नाम भी ना होना, ज़रा भी बाक़ी ना रहना

तन को कपड़ा न पेट को रोटी

बहुत निर्धन व्यक्ति है, बहुत दयनीय हालत

क़सम खाने को न रहना

यकसर ख़त्म हो जाना, बुरा-ए-नाम भी ना होना, ज़रा भी बाक़ी ना रहना

फ़ातिहा न दुरूद खाने को मौजूद

बिना परिश्रम एवंं कठिनाई के खाने को तैयार, बिना मेहनत मज़दूरी माँगना

खाने को न मिले खली, नाम को बख़्त बली

नाम बड़ा दर्शन छोटे, नाम हालात के बिल्कुल उल्टा

खाने को न मिले, ख़ैर, पर नशे को मिले

मादक द्रव्यों का व्यसनी व्यक्ति भोजन की अधिक परवाह नहीं करता परंतु मादक द्रव्यों के बिना नहीं रह सकता

मुर्ग़ी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी अपनी जां से गई खाने वाले को स्वाद न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वाले को स्वाद न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

बकरी जान से गई, खाने वालों को मज़ा न आया

एक व्यक्ति दूसरे के लिए कोशिश एवं परिश्रम करता मर गया परंतु उसने सम्मान नहीं दिया

फ़रिश्तों को ख़बर न होना

मुतलक़ ख़बर ना होना, किसी को कानों-कान ख़बर ना होना, बिलकुल राज़ होना

मुँह को लगाम न होना

बिना सोचे समझे जो चाहना कह देना

मुर्ग़ी अपनी जान से गई, खाने वालों को स्वाद न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

जान से गई खाने वाले को मज़ा न मिला

इस शख़्स के लिए मस्तसमल जो किसी की ख़िदमत में जान की बाज़ी लगा दे फिर भी इस की क़दर ना हो

मुर्ग़ी अपनी जान से गई, खाने वालों को मज़ा न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी तो जान से गई, खाने वालों को मज़ा न आया

रुक : मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वालों को मज़ा ना आया

घिस कर लगाने को न होना

ज़रा भी न होना

कौड़ी कफ़न को न होना

be penniless, have no money

छेली जान से गई , खाने वालों को स्वाद न आया

जब किसी की मेहनत की कोई दास ना दे तो कहते हैं, हमारी जान गई आप की अदा ठहरी

चिड़िया की जान गई खाने वाले को मज़ा न मिला

रुक : चिड़िया अपनी जान से गई अलख

मछ्ली अपनी जान से गई , खाने वालों को मज़ा न आया

रुक : मुर्ग़ी अपनी जान से गई, खाने वालों को मज़ा ना आया, जो ज़्यादा मुस्तामल है

घिस लगाने को न मिलना या न होना

किसी चीज़ का दुर्लभ होना, मुश्किल से उपलब्ध होना

नाम को भी न होना

बिलकुल ना होना, ज़रा भी ना होना

हवा को ख़बर न होना

किसी का अवगत न होना, किसी का आगाह न होना, किसी को कानों-कान ख़बर न होना

फ़लक को ख़बर न होना

किसी को ख़बर न होना, फ़रिश्तों को ख़बर न होना

जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया

इस शख़्स के लिए मस्तसमल जो किसी की ख़िदमत में जान की बाज़ी लगा दे फिर भी इस की क़दर ना हो

हाथ को हाथ न मा'लूम होना

रुक : हाथ को हाथ सुझाई ना / नहीं देना

कौड़ी कफ़न को वास्ते न होना

मुहताज और मफ़लूज अलहाल होना, मुफ़लिस क़ल्लाश होना

किसी को किसी का होश न होना

किसी को किसी की ख़बर ना होना, एक दूसरे लाइलम होना, नफ़सा-नफ़सी का आलम होना

हाथ की हाथ को ख़बर न होना

राज़दारी और ख़ामोशी से कोई काम होना, कानों-कान ख़बर ना होना, किसी को इलम ना होना

नाम को न होना

बिलकुल न होना, ज़रा भी न होना, सर्वथा न होना

पेट को रोटी न तन पर तार

रुक : पेट को टिकिया नहीं सोने को खटीया नहीं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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