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हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मन के अर्थदेखिए
मन के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- दिल, जी, अंतरात्मा, चालीस सेर का भार
- विष्ण।
- #NAME?
- अंतःकरण; चित्त
- दो रतल का एक प्रमाण, सेर, चालीस सेर का प्रमाण, (सर्वनाम) में, अहम्।।
- प्राणियों के अंतःकरण का वह अंश जिससे वे अनुभव, इच्छा, बोध, विचार और संकल्प-विकल्प करते हैं। विशेष-(क) शास्त्रीय दृष्टि से यह उन सभी शक्तियों का उद्गम या मूल है जिनके द्वारा हम सब काम करते, सब बातें जानते और याद रखते तथा सब कुछ सोचते-समझते हैं। इसी लिए वैशेषिक ने इसे उभयात्मक अर्थात् कर्मेन्द्रिय और ज्ञानेंद्रिय दोनों के गुणों से युक्त माना है। यह आत्मा, शरीर तथा हृदय तीनों से मिन्न एक स्वतंत्र तत्त्व है, और अंतः करण की चार वृत्तियों में से एक वृत्ति के रूप में माना गया है। (शेष तीन वत्तियाँ चित्त, बद्धि और अहंकार हैं। परन्त योग-शास्त्र में इसी को चित्त कहा गया है। शरीर के अंत के साथ इसका भी अंत हो जाता है। (ख) भाषिक क्षेत्र में यह अर्थ और प्रयोग की दृष्टि से बहुत व्यापक शब्द है। अनुभूति, अनुराग, उत्साह, प्रकृति, प्रवृत्ति, विचार, संकल्प आदि अनेक प्रसंगों में इसका प्रयोग होता है, और इसके बहुत से मुहावरे उक्त बातों से सम्बद्ध हैं। कुछ अवस्थाओं में यह चित्त और हृदय के पर्याय के रूप में भी प्रयुक्त होता है। पद-मन का मारा = बहुत ही उदास, खिन्न और हतोत्साह। मन का मैला जिसके मन में कपट, द्वेष, वैर आदि दूषित भाव प्रबल होते हों। मन ही मन अपने हृदय में और चुपचाप। बिना किसी से कुछ कहे-सुने। महा०-(किसी से) मन अटकना = शृंगारिक क्षेत्र में, किसी से अनुराग या प्रेम का सम्बन्ध होना। मन अपनाना-अपने मन को अपने वश में करना या धैर्य धारण करते हुए शांत करना। उदा०-सूर श्याम देख
- ब्रह्मा के पुत्र जो मनुष्यों के मूल पुरुष माने जाते हैं। विशेष-(क) वेदों में मनु को ही यज्ञों का आदि प्रवर्तक भी माना गया है। पुराणों में यह भी कहा गया है कि जब एक बार महाप्रलय के समय सारी पृथ्वी जलमग्न हो गई थी तब मनु ही एक नाव पर चढ़कर डूबने से बचे थे, और उन्हीं से सारी मानव जाति उत्पन्न हुई थी। पुराणों में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक महाप्रलय के उपरांत मनु ही मानव जाति की उत्पत्ति करते हैं। इसीलिए प्रत्येक मन्वन्तर के अलग अलग मनुओं के नाम भी पुराणों में मिलते हैं। चौदह मन्वन्तरों के १४ मनुओं के नाम ये हैं, स्वायंभुव, स्वारोचिष, उत्तम, तामस, रैवत, चाक्षुष, वैवस्वत, सावणि, दक्षसावर्णि, ब्रह्म सावर्णि, धर्मसावर्णि, रुद्र सार्वाण, देवसावणि और इन्द्र सावणि। (ख) इस्लामी, मसीही आदि सभी पौराणिक कथाओं में मन के समकक्ष नह और नोहा है।
- इच्छा; चाहत
- आत्मा
- हृदय; दिल
- तौल मापक।
शे'र
अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगी
तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन
मन की दौलत हाथ आती है तो फिर जाती नहीं
तन की दौलत छाँव है आता है धन जाता है धन
गर्म आँसू और ठंडी आहें मन में क्या क्या मौसम हैं
इस बग़िया के भेद न खोलो सैर करो ख़ामोश रहो
English meaning of man
Noun, Masculine
- mind, heart, soul, will
مَن کے اردو معانی
- Roman
- Urdu
اسم، مذکر
- چالیس سیر یا آٹھ دھڑی کا وزن (بعض جگہ کم یا زیادہ بھی ہوتا ہے) نیز وہ باٹ جو چالیس سیر کا ہو
- جو شخص ، ہر کوئی ، جس نے ، (عموماً) ذی روح اور اشخاص کے لیے مستعمل ، عربی حرف جار اردو میں رائج ۔
- (کاشت کاری) سطحِ زمین سے بلند چبوترہ جو کنویں کے چاروں طرف بنا دیا جائے ، کنوئیں کی مینڈ ، جگت ۔
- دل ، جی ، قلب ؛ خاطر ۔
- (طب) ایک سیر کا وزن ، اسی یا اڑسٹھ تولے کا ایک وزن (بعض اطباء تولہ ماشہ کے برابر گردانتے ہیں)
- میں (خود متکلم) ؛ مجھ ، میرا ۔
- (ہندو) خواہش کا پتلا ، خواہش کی مورت (ہندو مذہبی فلسفے میں اس کا ٹوٹنا خواہش کے ختم ہونے اور نجات (عقبیٰ) کے حاصل ہونے کی علامت سمجھا جاتا ہے) ۔
- (ہندو) مرد (جسے برہما نے ستر کاو (عورت) کے ساتھ پیدا کر کے سلسلہء تناسل قائم کیا) ۔
- مکجمکجمپکلمک؛کل
- لاحقہ
- مننا (رک) کا امر ؛ تراکیب میں مستعمل
- ایک بہت قیمتی جواہر کا نام جس کے متعلق کہا جاتا ہے کہ سانپ کے منھ میں سے نکلتا ہے ، سانپ اسے اندھیری رات میں اپنے منھ سے نکال کر باہر رکھ دیتا اور پھر اس کی روشنی میں دور تک پھرا کرتا ہے ، یہ بھی کہا گیا کہ وہ ایک سبز یا خاکستری رنگ کا پتھر ہوتا ہے جس پر تین دھاریاں ہوتی ہیں جو اکثر بڑے سانپ کے مغز یا کھوپڑی سے نکلتا ہے اور دافع زہر سمجھا جاتا ہے ، مار مہرہ ، زہر مہرہ
- ترنجبیں جو حضرت موسیٰ علیہ السلام کی دعا سے اُن کی قوم پر شام کے ایک دشت پُرخار میں پیاس کی شدت کے وقت نازل کی گئی تھی ، دھنیے کے بیج کی طرح سفید غذا جس کا مزہ شہد سے بنے پوئے کا تھا اور بنی اسرائیل کو سلویٰ (بٹیر) کے ساتھ کچھ مدت تک اﷲ تعالیٰ کی طرف سے غذا میں عطا کی جاتی تھی
- ارمان ، خواہش ، مرضی ، ارادہ ۔
- کشمیر میں دو سیر کو کہتے ہیں ۔ کشمیری دو سیر کو ایک من کہتے ہیں ۔
- ایک سونے کا سکہ جو شہنشاہ اکبر نے رائج کیا تھا اور اِلٰہی اور جلالی سکوں کا ۴ ۱ حصہ ہوتا تھا ۔
- ۔ جواہر ، قیمتی پتھر ، نگ ۔ اوڑھنی اس کی میں من جو لگے ہیں ۔
- 2. احسان (عموماً) تراکیب میں مستعمل) ۔
- مہرئہ جاندار ، زہر مہرہ ؛ کوئی زیور ؛ تعویذ ؛ بلور ؛ مقناطیس ؛ منی ؛ ایک منتر کا نام ؛ کوہان ، بکرے کی گردن کاگوشت ؛ ایک رگ ؛ کلائی ؛ بڑا پانی کا برتن ؛ ایک ناگ
- 3. فائدہ ، نفع ؛ مہربان ہونا ؛ مسعود ہونا ؛ ترازو
- جان ، روح ، نفس ، آتما ۔
- 4.۔ ضرر ، نقصان ، کمی
- عقل ، سمجھ ، شعور ، دماغ ؛ مطلب ، منشا ؛ چلن ، طبیعت ، ضمیر ؛ رجحان ، خاصیت
- فلسفہ) انسانوں میں وہ جوہر لطیف یا طاقت جس سے انسان درد ، دکھ ، ارادہ ، سمجھ ، جذبات اور مزاج کو محسوس کرسکے ، اس کے اعمال کے نتیجے میں انسان عالم خیال میں دور دراز مقامات کی سیر کر لیتا ہے ۔
- ۔(ع)۱۔کلمہ صلہ۔ وہ شخص ۔کوئی شخص۲۔ (تشدیدحرف دوم) وہ میٹھی رطوبت جو درخت کے پتوں پر منجمد ہوجاتی ہے۔ ایک قسم کی شیرینی جو مثل شہد کے ہوتی تھی اور بنی اسرائیل کے واسطے درختوں کے پتوں پر جم جاتی تھی۔ فارسی اور اردو میں بتخفیف حرف دوم مستعمل ہے۔
- ۔(ف) واحد متکلم کی ضمیر۔میں۔
- ۔(ھ) مذکر ۱۔ دل۔ جی۔ اس معنی میں فارسی میں بھی مستعمل ہے۲۔ چالیس سیر کا وزن ۔۸۰تولہ کا وزن۔۱۶ چھٹانک کا وزن۔ اس معنی میں عربی میں۔بتشدید حرف آخر ہے۳۔وہ مُہرہ جوسانپ کے پیٹ میں رہتا ہے۔ اور جسکی نسبت عام خیال ہے ہ جس وقت سانپ اس کو شب تاریک میں اُگلتا ہے
اسم، مؤنث
- دیومن گھوڑے کی چھاتی ہر ایک بھونری جو مبارک خیال کی جاتی ہے
Urdu meaning of man
- Roman
- Urdu
- chaaliis sair ya aaTh dha.Dii ka vazan (baaaz jagah kam ya zyaadaa bhii hotaa hai) niiz vo baaT jo chaaliis sair ka ho
- jo shaKhs, har ko.ii, jis ne, (umuuman) zii ruuh aur ashKhaas ke li.e mustaamal, arbii harf jaar urduu me.n raa.ij
- (kaashatkaarii) satta-e-zamiin se buland chabuutara jo ku.nve.n ke chaaro.n taraf banaa diyaa jaaye, kuve.n kii mainD, jagat
- dil, jii, qalab ; Khaatir
- (tibb) ek sair ka vazan, esii ya a.DsaTh tole ka ek vazan (baaaz utba-e-taulaa maashaa ke baraabar gardaante hain)
- me.n (Khud mutakallim) ; mujh, mera
- (hinduu) Khaahish aag ka putlaa, Khaahish kii muurt (hinduu mazahbii falsafe me.n is ka TuuTnaa Khaahish ke Khatm hone aur najaat (aqbaa) ke haasil hone kii alaamat samjhaa jaataa hai)
- (hinduu) mard (jise brahmaa ne sattar kaav (aurat) ke saath paida kar ke silsilaa-e-tanaasul qaayam kiya)
- makajamakajamapakalmak;kal
- laahiqa
- minna (ruk) ka amar ; taraakiib me.n mustaamal
- ek bahut qiimtii javaahar ka naam jis ke mutaalliq kahaa jaataa hai ki saa.np ke mu.nh me.n se nikaltaa hai, saa.np use andherii raat me.n apne mu.nh se nikaal kar baahar rakh detaa aur phir us kii roshnii me.n duur tak phira kartaa hai, ye bhii kahaa gayaa ki vo ek sabaz ya Khaakasatrii rang ka patthar hotaa hai jis par tiin dhaariyaa.n hotii hai.n jo aksar ba.De saa.np ke maGaz ya khopa.Dii se nikaltaa hai aur daaphaa zahr samjhaa jaataa hai, maar mohraa, zahr mohraa
- taranajbii.n jo hazrat muusaa alaihi assalaam kii du.a se un kii qaum par shaam ke ek dasht purKhaar me.n pyaas kii shiddat ke vaqt naazil kii ga.ii thii, dhanii.e ke biij kii tarah safaid Gizaa jis ka mazaa shahd se bane po.e ka tha aur banii.israa.iil ko silvaa (baTer) ke saath kuchh muddat tak allaah taala kii taraf se Gizaa me.n ata kii jaatii thii
- armaan, Khaahish, marzii, iraada
- kashmiir me.n do sair ko kahte hai.n । kashmiirii do sair ko ek man kahte hai.n
- ek sone ka sikka jo shahanshaah akbar ne raa.ij kiya tha aur ilaahii aur jalaalii sakuu.n ka ४ १ hissaa hotaa tha
- ۔ javaahar, qiimtii patthar, nag । o.Dhnii us kii me.n man jo lage hai.n
- ehsaan (umuuman) taraakiib me.n mustaamal)
- mahra jaanadaar, zahr mohraa ; ko.ii zevar ; taaviiz ; bilaur ; maqnaatiis ; manii ; ek mantr ka naam ; kohaan, bakre kii gardan ka gosht ; ek rag ; kalaa.ii ; ba.Daa paanii ka bartan ; ek naag
- faaydaa, nafaa ; mehrbaan honaa ; masu.ud honaa ; taraazuu
- jaan, ruuh, nafas, aatma
- 4.۔ zarar, nuqsaan, kamii
- aqal, samajh, sha.uur, dimaaG ; matlab, manshaa ; chalan, tabiiyat, zamiir ; rujhaan, Khaasiiyat
- falasfaa) insaano.n me.n vo jauhar latiif ya taaqat jis se insaan dard, dukh, iraada, samajh, jazbaat aur mizaaj ko mahsuus karaske, is ke aamaal ke natiije me.n insaan aalam-e-Khayaal me.n duur daraaz muqaamaat kii sair kar letaa hai
- ۔(e)१।kalima silaa। vo shaKhs ।ko.ii shaKhs२। (tashdiidahraf dom) vo miiThii ratuubat jo daraKht ke patto.n par munjmid hojaatii hai। ek kism kii shiiriinii jo misal shahd ke hotii thii aur banii.israa.iil ke vaaste daraKhto.n ke patto.n par jam jaatii thii। faarsii aur urduu me.n bataKhfiif harf dom mustaamal hai
- ۔(pha) vaahid mutakallim kii zamiir।me.n
- ۔(ha) muzakkar १। dil। jii। is maanii me.n faarsii me.n bhii mustaamal hai२। chaaliis sair ka vazan ।८०taulaa ka vazan।१६ chhaTaank ka vazan। is maanii me.n arbii men।batashdiid harf aaKhir hai३।vo muhra jo saa.np ke peT me.n rahtaa hai। aur jiskii nisbat aam Khyaal hai ha jis vaqt saa.np us ko shab taariik me.n ugaltaa hai
- devman gho.De kii chhaatii har ek bhuu nirii jo mubaarak Khyaal kii jaatii hai
मन के पर्यायवाची शब्द
मन के अंत्यानुप्रास शब्द
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ग़ुलामी
ग़ुलाम होने की अवस्था या भाव, दासता, पराधीनता, महकूमी, किसी व्यक्ति का किसी अन्य व्यक्ति के नियंत्रण या स्वामित्व में रहकर उसकी सेवा करने की अवस्था या भाव, नौकरी, बहुत ही तुच्छ सेवा
गु़लामी का तौक़
(लाक्षणिक) अत्यधिक कठोर दासता जिसमें ग़ुलाम आक़ा की इच्छा के विरुद्ध सर न हिला सके, अधीनता की स्थिति और चिन्ह
ग़ुलामी का जुवा
(लाक्षणिक) अत्यधिक कठोर दासता जिसमें ग़ुलाम आक़ा की इच्छा के विरुद्ध सर न हिला सके, अधीनता की स्थिति और चिन्ह
ग़ुलामी का पट्टा
(کنایۃً) نہایت سخت غلامی جس میں غلام آقا کی مرضی کے خلاف سرنہ ہلا سکے ، محکومی حالت اور نشانی .
गाँड़ ग़ुलामी करना
(अश्लील, बाज़ारी) ग़ुलामों की तरह पीछे लगे रहना, बहुत आज्ञाकारी होना, बहुत फ़रमांबरदारी करना
'उम्र भर ग़ुलामी करूँगा
जीवन भर आज्ञाकारी रहूँगा, किसी को कोई एहसान करने के लिए अनुरोध करने के वक़्त कहते हैं
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .
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Guruub
ग़ुरूब
.غُرُوب
setting (of the sun, moon, etc.)
[ Suraj ke ghurub hote hi charon taraf andhera ho jata hai ]
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futuur
फ़ुतूर
.فُتُور
defect, imperfection, unsoundness
[ Jis khane se karahiyat paida ho wo khwah kaisa hi laziz kyun n ho hazm mein usse futoor padta hai ]
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fasaad
फ़साद
.فَساد
riot, quarrel
[ Chhoti si baat par fasad karana shararat-pasand insanon ka kaam hota hai ]
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faqiir
फ़क़ीर
.فَقِیر
beggar, fakir
[ Faqir ne sadaa lagayi Ahmar ne ek katori chawal uske jhole mein daal diya ]
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faasid
फ़ासिद
.فاسِد
bad, evil, corrupt, unsound
[ Insan ke jism mein faasid khun bimari ka sabab banta hai ]
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faroG
फ़रोग़
.فَرُوغ
progress, development
[ Rekhta Foundation Urdu zabaan ke farogh ke liye kaam kar raha hai ]
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faroKHt
फ़रोख़्त
.فَروخْت
sale, disposal
[ Zaid ghulami ki halat mein Makke aa kar farokht huye ]
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faraaGat
फ़राग़त
.فَراغَت
leisure, respite, freedom
[ Ilm zindagi ke akhiri lamha tak hasil kiya jata hai isse faraghat nahin ]
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farz
फ़र्ज़
.فَرْض
responsibility, duty
[ Ham farz apna adaa kar chuke bimar agar mar gaya to timardar ke huqooq framosh na honge ]
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faraaKH
फ़राख़
.فراخ
wide, spacious
[ Chaandni Chwok ek meel lamba nihayat khubsurat aur farakh bazar hai ]
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