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आठ बार नौ त्योहार

सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता

चमनिस्तान

ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़

'औरत

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

ताग़ूत

शैतान, अत्यन्त निर्दय और अत्याचारी व्यक्ति

मन-भावन

मन को भाने या अच्छा लगने वाला

दादरा

संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल

मज़दूर

शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर

ख़ैर-अंदेश

भलाई की बात सोचने वाला, वह शख़्स जो किसी की भलाई चाहे, शुभचिंतक

दूध-शरीक बहन

ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन

रिसाई

दुख और मौत से संबंधित, शोकयुक्त

ज़र्फ़

बर्तन

तिहाई

किसी वस्तु के तीन समान भागों में कोई एक भाग, तीसरा अंश, भाग या हिस्सा, तीसरा हिस्सा

ला'नत

धिक्कार, फटकार, भर्त्सना, अभिशाप, शाप

क़हर ढाना

किसी के लिए संकट पैदा करना, संकटग्रस्त बनाना, किसी पर कोई आफ़त लाना, ज़ुल्म करना, क़हर तोड़ना

चले न जाए आँगन टेढ़ा

काम में कुशल न होने पर दूसरे पर आरोप मढ़ना

आगे नाथ न पीछे पगा

जिसके आगे-पीछे कोई न हो, जिसका अपना कोई न हो, असहाय, लावारिस, अकेला

साहिर

जादूगर, वह व्यक्ति जो जादू दिखाता हो

कुड़माई

शादी के पूर्व रिश्ता पक्का करने के लिए की जाने वाली रस्म, सगाई, शादी तै करना, रिश्ता करना

नज़र-भर देखना

पूरी तरह से देखना, ध्यान से देखना

ख़्वाजा-ताश

एक स्वामी के दास, जो आपस में ख्वाजःताश कहलाते हैं

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"कृषि" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची

चाँगिया

(काशतकारी) हल का वो हिस्सा जिस में मथी तलेटी और भार होती है, अगवासी, उनकोरी, बॉड

चाँचर

खेती: परती छोड़ी हुई जमीन, एक प्रकार की परती भूमी जिसमें चना या और कोई साधारण चीज़ बोई जा सके, कुछ साल से बिना खेती पड़ी हुई भूमी या ख़ाली पड़ा हुआ खेत, पुड़ती, चंचर

चाँचरी

खेतों की पैमाइश की इकाई की अलामत जो किसी मर्कज़ी जगह पर लगाई जाये

चाँडी

(कृषि) बीज बोने का (खुले मुँह का) छोटा नल जो पुल की फली वाले भाग के साथ खड़ा बाँध दिया जाता है (इसका निचला भाग नोकदार बाँस का और ऊपरी भाग फैले हुए मुँह के प्याले के समान होता है), उखरी, बाँसा, परनाल

चाँड़ी

= चोंगी या कीप

चाँदा

चांद

छाँच

(काशतकारी) एक तरह की ज़मीन, रेतली के ख़िलाफ़

छींटना

किसी वस्तु के कणों को इधर उधर गिराकर फैलाना, बिखराना, छितराना, छिड़कना, बिखेरना

जाँड़ी

(कृषि) बाँस की बनी हुई क़ीफ़ की शक्ल की एक लंबी नली जो बीज बोने के काम आती है

थूँथी

(काशतकारी) चने का ख़ौल जिस के बढ़ने और फूलने को दाने की उम्दगी ख़्याल किया जाता है, ठीन, ढोन, ढेरी, ढील बॉस या ढियावान, घीगर, घीन

दंगवारा

(कृषि) खेत की जुताई का साझी किसान, एक किसान द्वारा दूसरे किसान को हल-बैल आदि देकर की जाने वाली सहायता

दाँसा

(कृषि) खेती काटने का धनुषाकार दराँतेदार हथियार, नेपाली और दोसरे पहाड़ी क्षेत्रों में दाऊ और कगरी कहलाता है, दाँती, दराँती, हसिया

पटरौंथा

(काशतकारी) रुक : पटेला, पुत्री, हींगा

संदेसिया

(काशतकारी) गांव की पंचायत का क़ासिद, पयाम बर, ख़बररसां, इत्तलाअ देने वाला

सेंध

चोरी करने के उद्देश्य से दीवार में किया गया बड़ा छेद जिसमें से होकर चोर किसी कमरे या कोठरी में घुसता है, सुरंग, नक़ब, संधि

साँखी

(काशतकारी) दंतीला, दनयाला, पन चनगवार, कठ फा नूड़ी, गद्दण, दंताओली, लगअ, गाहन, पंधी, खेत की जड़ें खोदने और घास साफ़ करने का हल जिस की फॉर दांतेदार होती है

साँसला

(काशतकारी) छदरा बोया हुआ खेत , छदरी बोनी जिस में पौदे मुतफ़र्रिक़ और एक दूओसरे से अलैहदा हूँ

सींगरी

(कृषि) कृषि उपज की एक फली या फलियाँ

'अक़्द-बंदी

ज़मींदार और काश्तकार के बीच होने वाला समझौता या क़रार

अकराया

ज़मीन जो बीज डालने के लिए अच्छी न हो

अक्री

बीज बोने का एक तरीका जिसमें काश्तकार कीप का इस्तेमाल करते हैं

अँकौरी

(काशतकारी) हल का फॉर वाला हिस्सा (अंग या आंग का दहक़ानी तलफ़्फ़ुज़

अख्रा

वो खेत जिस में से फ़स्ली पैदावार काट कर उस की जड़ें ज़मीन में लगी छोड़ दी गई हों, बिना सँवारा और साफ़ किया हुआ खेत

अखरी

(कृषि) बीज बोने का एक प्रकार की कीप

अख्वा

पहली रोईदगी (जो बीज डालने के बाद ज़मीन को शगाफ़ता कर के नमूदार होती है), पौदे का वो सिरा जो ज़मीन को फाड़ कर पहली बार उभरता है

अखानी

एक प्रकार की जौ, बाजरा या जवार जो चारे के लिए बोई जाती है, बदरवा

अगेर

(कृषि) अनाज की बालीं जो कटाई से पहले थोड़ी सी तोड़ कर ज़मींदार को रस्म के तौर पेश की जाती हैं

अंगरू

कंकरीली ज़मीन जिस में मूली, गाजर, शलजम चुक़ंदर वग़ैरा ना बूए जा सकें, बंजर भूमि

अगौरी

(कृषि) अग्रिम लगान जो किसान ज़मींदार को जेठ और आषाढ़ के महीनों में देता है

अघ्नी

(कृषि) एक प्रकार की खरीफ फसल जो शीत ऋतु की शुरुआत में काटी जाती है

अंजना

सुरमा लगाना

अड़ाहा

(कृषि) वह घास आदि जो फ़सल को पूरा पोषण मिलने में बाधक हो

अध-चना

(कृषि) अध-गेहुवाँ

अधियारी

किसी अधिकार या संपत्ति में आधी हिस्सेदारी

अफार

(कृषि) खलियान बनाने और गाहने अनाज की बालियों और पोलियों का अंबार ढेर,

अम्रा

(काशतकारी) चने का खेत, चनरा, चुनियारा

'अमल पट्टा

किसी जायदाद के प्रबंधन आदि के लिए दी गई स्वीकृति या प्रमाण पत्र

'अमल-ए-सनद

किसी जायदाद के प्रबंधन आदि के लिए दी गई स्वीकृति या प्रमाण पत्र

अरना

मरुस्थली भैंसा मोटा-तगड़ा, शक्तिशाली भैंसा

अराज़ी

भूभाग, प्लॉट (प्रायः) खेतीबारी के काम में आने वाली भूमि, खेत, खेतियाँ, खेतों की ज़मीनें

अवाई

(काशतकारी) हल की नोक की बनाई हुई बीज बौने य गहिरी नाली, हल की गहिरी खोद, लागू

अवासी

(कृषि) अनाज के अर्ध-कच्चे दाने जो होले बनाकर खाने योग्य हो गए हैं

असीच

(कृषि) वह भूमि का टुकड़ा जिस की सिंचाई न हो सके या जिसके लिए सिंचाई का कोई माध्यम न हो

आकन

खेत की घास, जड़ें और झाड़ियों का समेटा हुआ ढेर, घोर

आवत

अस्सी बीघे के खेती लायक़ ज़मीन, इतनी कृषि भूमि जिसमें बैल की एक जोड़ी से हल चलाया जा सके

इहरी

(काशतकारी) नमक के महलूल को निथारने या मुक़त्तिर करने की छलनी

ईख-बाड़ी

(कृषि) वो खेत जो गन्ने की उपज के लिए हो

ईख-राज

(कृषि) ईख बोते समय की प्रथा, रीति एवं पूजा

उखराज

(काशतकारी) गिने के पोद खेत में मुंतक़िल करने का ज़माना

उखानी

(काशतकाए) खलियान को उलट पलट करने की पंजेदार छड़ीया दो शाख़ा लक्कड़ी

उखारी

(काशतकारी) गिने की बई पोद या क्यारी

उच्का

पतंग की डोर लपेटने की बुर्जी नुमा बनी हुई चर्ख़ी जिस पर से डोर उचक कर निकलती है

ऊग

(काशतकारी) हिर्स और नाक़ल के जोड़ पर ऊपर के रुख़ से बतौर डाट फंसी हुई एक लंबी चोबी फ़ॉन्ट जो इन दोनों हिस्सों को आपस में गोंधे रखती है, इस ले ईस्तलाहन उस को गंधेल भी कहते हैं (ऊगी, हिन्दी में ऐसी चीज़ को कहते हैं जो किसी चीज़ के ऊपर बह तौर एहरा चढ़ाई जाये और वो नीचे के हिस्से पर जमी रहे

ऊपर-छंट

(कृषि) खेत की कटाई का एक तरीक़ा जिसमें पहले बालीं ऊपर से छाँट ली जाती हैं

ओट

आड़, पर्दा, छिपने की आड़

औखर

दवा दारू, जड़ी बूटी आदि

कंग-बरार

(कृषि) वह ज़मीन जो गंगा की धार से कट कर पानी से अलग निकल आई हो

कच्चे का खेत

(काशतकारी) वो खेत जिस की फ़सल अभी पक्की ना हो, ना पुख़ता खेत

कच्ची-असामी

(कृषि) अपैतृक ज़मींदारी, वह आसामी जो पैतृक न हो

कच्ची-ज़मीन

(काशतकारी) वो पड़ती अराज़ी जो लगान पर ना हो और ज़रूरतमंद को आरिज़ी तौर पर किराए पर दे दी जाती हो

कच्ची-बाल

गेहूं या जौ की हरी बाली जिस में दाना पैदा ना हुआ हो

कुचला-मिट्टी

(कृषि) खेती की चिकनी मिट्टी का एक प्रकार जिसमें पानी आसानी से प्रवेश नहीं करता

कचवाँसी

कृषी: खेत नापने की एक इकाई, ज़मीन के माप बिस्वांसी का बीसवाँ हिस्सा

कचा-बीघा

(काशतकारी) पक्के बीघे का २५ वां हिस्सा, तेराह मुरब्बा गज़ ज़मीन का टुकड़ा

कछूहा

(कृषि) नदी के किनारे की नीची ज़मीन की एक प्रकार

कछार

आसाम राज्य का एक क्षेत्र

कछाली

(काशतकारी) हल की फॉर को नोकिया ज़मीन में धंसने वाला नुकीला हिस्सा, कांटी, फारी नामी

कट-कीने-दार

(काशतकारी) ज़ेली या ज़िमनी काश्तकार

कटना

(ज़ेवर) ज़ेवर में जाली काटने का आहनी क़लम

कटवाँ

जिसके किनारे कटे हुए हों, जिसमेंं कटाव हो, टावदार, जैसे: कटवाँ बेल

कटाई

(बैल बूओटे वग़ैरा बनाने के लिए) पत्थर या धात वग़ैरा की तरशाई

कटील

एक प्रकार की कपास

कठ-फाँवरी

(कृषि) खेत की जड़ें खोदने और घास साफ़ करने का हल जिसकी फार दाँतेदार होती है, दँतीला, कठ-फाँवड़ी

कूड़

(कृषि) हल का वह बड़ा हिस्सा जो लकड़ी का बना होता है, खोड़

कूंड

तालाब, तलरी, नांद, कटौती

कुड़ना

(काशतकारी) खेत के पौदों की जड़ों से घास निकालना और ज़मीन पोली करना

कड़वा-पानी

वो पानी जिस में नमक की मात्रा अधिक हो और सिंचाई के काम ना आए

कुड़ाई

(कृषि) खेत से झाड़-फूंस की सफ़ाई, फ़्लाई

कुड़ाई कड़ना

(कृषि) खेत के पौधों के जड़ों से घास निकालना और मिट्टी-पोली करना

कुंडियाँ

सिटकनियाँ, डंडाले

कढ़ा

औटाकर गाढ़ा किया हुआ।

कतकुना

(काशतकारी) ज़िमनी या ज़ेली इजारा या पट्टा

कुतवार

(कृषि) हिस्सेदारों को वितरित की जाने वाली खड़ी फसल की पैदावार का अनुमान, अंक, अन्न आदि की बँटाई के समय उपज की कूत करने वाला व्यक्ति, वह पुरुष जो बँडाई के लिये खेत की फसल का कनकूत करे

कूता

(कृषि) अनुमान लगाने वाला, जाँचने वाला, आँकने वाला, अंदाज़ा करने वाला, व्यय आदि का अनुमान लगाने वाला

कुताला

(खेती-बाड़ी) खेत जोतने का एक कुदाल की तरह का लंबे फल का फावड़ा

कद्दू

(मजाज़न) कासा-ऐ सर

कद्दू करना

(खेती) मूंज की फ़स्ल बोने से पहले खेत में पानी भर कर हल चलाना, पानी निकाल कर हल चलाना जिससे कि यह धान की खेती के योग्य हो जाए

कन

अनाज का दाना या उसका टुकड़ा।

कन बटाई

(कृषि) फ़सल या पैदावार को अनुमान से भागीदारों में बाँटना

कनक

गेहूं, सोना, धतूरा

कुनेड़

(कृषि) हल से बनती हुई नाली के समांतर दूसरी नाली का चिन्ह डालने वाली हल में लगी हुई खूंटी

कुन्द्रा

(कृषि) वह भूभाग जो पानी की धारा की काट से बच कर ऊपर को उभरता रहे, टीला

कुन्दी

(माही गेरी) छोटी मछलियां पकड़ने का जाल

कुनुसी

(काशतकारी) चाँवल की पोद की एक बीमारी

कनेहा

(काशतकारी) खड़ी फ़सल पर बटाई या लगान के लिए पैदावार का तख़मीना लगाने वाला, कनकोत करने वाला

कनाल

(कृषि) ज़मीन को नापने की इकाई, एक बीघे का चौथाई भाग होता

कुप

घास, भूसा, पुआल आदि का ढेर जो खलिहान में लगाया जाता है, घास, भूसे आदि का ढेर, अनाज का गोदाम

क़ुबूलियत

स्वीकृति, अंगीकार, मंजूरी

कुब्सा

(काशतकारी) स्याही माइल भूरे रंग की मिट्टी का क़ताह-ए-अराज़ी ये पैदावार में दोमट से अच्छी समझी जाती है, कसटया

कबाड़

(काशतकारी) मुख़्तलिफ़ किस्म की तर्कारीयों का खेत

कूमल

कृषी: कुंड, कूएँ की तहा की चट्टान में बनाया हुआ ऐसा बड़ा सूराख़ जिसमें से चट्टान के नीचे का पानी उबल कर ऊपर आए कुछ स्थान पर इसको कोमल कहते हैं

कमीन-चारी

(काशतकारी) गांव के कुमेरों का हक़ ख़िदमत जो फ़सल पर अदा करना ज़रूरी होता है

कमोरा

मिट्टी का बना वह बड़ा पात्र जिसमें दूध, दही, पानी या आवश्यकता पड़ने पर अनाज आदि रखा जाता है, घड़ा, कछरा, मटका

कुर

पानी का याक पैमाना जो शिरा में साढे़ तीस वजिब (बालिशत) लाम्बा, चौड़ा और गहिरा होता है और इस में तक़रीबन ३५० लीटर पानी समाता है

करम

'इनायत अर्थात उपकार, मेहरबानी, मुरव्वत

कुर्रा

(गला बानी) ख़ुशक चारा मसलन भूसा और बाला वग़ैरा जो ख़िज़ां और गर्मी कर मौसम में ढोरों को ख़िलालने के लिए जमा कर लेना जाता है

करस्त

(काशतकारी) खेत की चिनाई का साझी किसान, पिरिस्तो (रुक)

कूरा

अंश। भाग। * पुं० दे० ' कूड़ा '।

कुरिया

ख़ानदानी औरत, ख़ातून , मालिका, मालकिन

कुरी

अरहर की फलियाँ

कुल जम'-बंदी

(कृषी) पूरी मालगुज़ारी, सकल मालगुज़ारी

कलचाई

(काशतकारी) नलाई, निकाई, नलाए का काम, खेत की सफ़ाई

कल्लर

एक जाति जिसके पुरुष और स्त्रियाँ छोटे-छोटे व्यापारों के सिवा शरीर में जोंक लगाने का भी काम करती हैं

कल्लर लगना

गैस का उत्पन्न होना

कल्लर-उठी

(कृषि) शोर ज़मीन, जहाँ नमक पैदा हो जाता है

कवल

(काशतकारी) अनाज की गुदरी यानी तैय्यारी पर आई हुई बाल, जिस के दाने होला बना कर खाए जा सकीं

कुवा चलना

(कृषिकार्य) खेतों को पानी दिया जाना, निकाला जाना, सिंचाई होना

कुवा जोड़ना

(काशतकारी) पानी निकालने का साज़-ओ-सामान तैयार करना, आब-ए-पाशी की तैयारी करना

कुवारी

(कृषि) बहुत नरम या बहुत सूखी भूमि जो खेती के लिए कठिन हो

कुस्या

(काशतकारी) गिने के खेत में नालीयां बनाने का एक किस्म का हल

कसा

(बदन के लिए) सख़्त (ढीला की ज़िद)

कूसा

(काशतकारी) हल का आहनी फल जो ज़मीन में नाली खोदता है

कसीटा

(काशतकारी) स्याही माइल भूरे रंग की मुख़्तलिफ़ किस्म की मिट्टी मिली हुई क़ता अराज़ी, कैसा

काग़ज़ जम'-बंदी

(क़ानून) निकासी का काग़ज़, वो काग़ज़ जिसमें कृषक और खेत की हालत और मूल्य और भुगतान योग्य राशी की प्रविष्टी होती है

काँगियारी

(काशतकारी) एक ज़राअती बीमारी जिस में मर्ज़ के हमला ख़ोशों पर होता है जो स्याह पड़ जाते हैं और उन में दानों की जगह स्याह सफ़ूफ़ भर जाता है, ये सफ़ूफ़ इस मर्ज़ के बज़्ज़ रे होते हैं और ये बज़्ज़ रे हुआ से उड़ कर दूसरे ख़ोशों पर जा पड़ते हैं और वहां तंदरुस्त दानों के अंदर दाख़िल हो जाते हैं, उन के अंदर इस मर्ज़ का फ़ित्र भी परवरिश पाता जाता है और जब ख़ोशे बनने का वक़्त आता है तो उन में दानों की जगह वही स्याह रंग का सफ़ूफ़ भर जाता है

काँड़ल

(कृषि) वह ज़मीन जिसमें लंबी पत्ती की ख़ुद उगने वाली घास जो उत्तर भारत में बैंड कहलाती है, पैदा हो और खेती के काम न आए

काँद

(काशतकारी) वो जड़ें जो ज़मीन से खोद कर निकाली जाएं . लहसुन, प्याज़, गाजर या गांठदार जड़ (जैसे शकरक़ंद

कायू

(कृषि) खेत की ज़मीन समतल करने को हल में लगाईं हुई लकड़ी की सिल्ली (मोटा और भारी तख़्ता या स्लेब) लकड़ी का भारी घीसा जैसा घोड़े को सधाने के लिए प्रयोग किया जाता है

कारेज़ी

(कृषि) वह खेती जो नहर के पानी से की जाए, कारेज़ से संबंधित

कारती

(काशतकारी) मौसम, फ़सल, ज़माना

कालून

(कृषि) दो पाखों वाला बीज; बे दाल वाला बीज, बटाना, कराव, कलाई, मटर

काली-भूमि

(कृषि) एक काला मिट्टी, पत्तों की खाद

काहना

(काशतकारी) खेत की जड़ें खोदने और घास साफ़ करने का हल जिस की फॉर दांतेदार होती है, दनतयाला, गाहन, गाहना या गाहन का दूसरा तलफ़्फ़ुज़

किल्वाई

कीलने की क्रिया, कीलने की मजदूरी

किसान

जिनके घर से गाँव के नाई, बारी आदि कमाई करते हैं

कीच

(काशतकारी) खेत की मिट्टी जो पानी से घुल गई हो और हल चलाने के काबिल ना रही हो

कीमियावी-खाद

(काशतकारी) मुख़्तलिफ़ कीमियावी मुरक्कबात से तैय्यार करदा खाद, मस्नूई खाद (क़ुदरती खाद का बदल)

कीरा

= कीड़ा

कीलिया

मोट के बैलों को हाँकने वाला, पुरबोलवा, पैरहा

कीली वाला

(कृषि) वह व्यक्ति जो कुँवें के बैल जोड़ता है, पानी का चरस डालने और निकालने वाला

कोंगी

(काशतकारी) ज़ंग, मोर्चा-ए-ज़ंगार (अंग : Rust)

कोठारी

कोठार या भंडार का अधिकारी, भंडार घर का प्रबंधकर्ता, भंडारी, प्रतीकात्मक: रखवाला, मुहाफ़िज़

कोढ

(कृषि) खेत में बीज डालने की नाली, माला, माला बासा

कोंदों

(कृषि) एक प्रकार का कठोर तल्ला, चावल (धान) का एक प्रकार जो बहुत छोटा होता है, (यौगिक या समास में प्रयुक्त)

कोसम

एक प्रकार का बड़ा वृक्ष

कोसली

(कृषि) मसूर के दानों का अंकुरण जिसमें दाल के दोनों भाग पत्तों के रूप में निकलते हैं

कोहा

(कृषि) खेत की सीमांकन की मुंडेर, मेंड

कोहार

रुक : कहर

कौलिय्यत

(काशतकारी) एक मुज़ारे का दूसरे मुज़ारे से ज़मीन इजारे पर लेना या असल इजाराहदार के सिवा किसी शख़्स का काशत करना, शिकमी काशतकारी

कौली

गोद

खंख

छूछा, खाली, रिक्त

खटका बाँधना

(कृषि) फुलदार पेड़ में बाँस की पोर आदि पक्षियों के उड़ाने के लिए बाँधना

खुटाना

(काशतकारी) चंडवाना, हल की भार की नोक तेज़ कराना

खुंटा-हल

(कृषि) ऐसा हल जिसके लोहे के फल की नोक घिस कर मोटी हो गई हो या कुंद पड़ गई हो

खुड़

(कृषि) हल का फल, कड़ाड़ि, खड़

खूंड

कृषी: बीज का सूई-नुमा भुटाओ, खोंट

खंडवा

कुआँ जिसकी बँधाई पत्थर के ढोकों से हुई हो यानी बगै़र चूना भरे बना लिया गया हो और जिसमें पानी के साथ रेत भी आती रहे

खड़ा-खेत

(खेती बाड़ी) वह खेत जो अभी कटा न हो, लंबा मैदान, वह खेत जो काटा न गया हो

खड़ी फ़सल

(कृषि) खेत की वह उपज या पैदावार जो तैयार तो हो गई हो परन्तु अभी काटी न गई हो, फ़सल जो कटी ना हो, खड़ी खेती, खड़ा खेत

खड़ी-काश्त

(काशतकारी) खड़ी फ़सल खड़ी खेती, खड़ा खेत

खड़ी-खेती

(काशतकारी) खड़ा खेत, खड़ी काशत, खड़ी फ़सल

खेत उजाड़ना

(कृषी) फ़सल को नष्ट करना

खेत उठाना

खेत लगान पर देना

खेत करना

रात को चांद निकलना, चांदनी फैलना, चांद की रोशनी फैलना

खेत जोतना

(कृषि) खेत में हल चलाना, ज़मीन को खेती योग्य बनाना

खेत पड़ना

युद्ध होना, युद्ध के मैदान मे बहुत से लोगों का मारा जाना

खेत बोना

(कृषि) ज़मीन काशत करना, खेती करना

खेत-गाम

(काशतकारी) खेत रहन बालक़बज़

खत्ती

(कंघी साज़ी) कंघी के दाँतों की लम्बाई के बराबर बैन (दाँते काटने की आरी) की बाड़ पर दोनों ओर लगी हुई लकड़ी की पट्टियाँ जो आरी की काट को दाँतों की हद से आगे नहीं बढ़ने देतीं और रोक के रूप में काम देती हैं, ज़ामिन

खतियाँ

(काशतकारी) ऐसे फल या तरकारियां जो साल भर तक ख़राब ना हूँ ज़ख़ीरा करने के काबिल उम्दा फल

खेतोनी

(कृषि) गाँव के खेतों के विवरण लिखी हुई बही

खतौनी

(कृषि) पटवारियों का वह रजिस्टर जिस में गाँव की ज़मीन का हिसाब किताब के साथ वितरण की स्थिति आदी दर्ज होता है, पटवारी का बही-खाता, ख़सरा

खतौनी करना

(काशतकारी) खाते में लेन-देन का हिसाब चढ़ाना, रक़म को खाते में दर्ज करना

खंद-गोला

(काशतकारी) वो नशीबी मुक़ाम जहां पानी की रवानी कम होजाए और पानी की लाई हुई मिट्टी उस जगह जमने लगे

खदीली

(कृषि) कृषिभूमि का वह भाग जहाँ खाद डाली गई हो या बनाई गई हो, वहाँ सब्ज़ियाँ उगाना बहुत अच्छा होता है, गोहानी

खन

(काशतकारी) खेती के लिए ज़मीन की खुदाई का अमल

खपड़ा

= खपड़ा।

खरपतवार

(कृषि) कूड़ा-कर्कट, स्व-जनित पौधा या बूटी जो लाभरहित, बेकार, पीड़ादायक या फसलों के लिए हानिकारक हो, बहुत अधिक उगने वाला अनावश्यक पौधा

ख़रीफ़-ए-ज़ब्ती

(काशतकारी) ख़रीफ़ की फ़सल की ज़ेली पैदावार अज़ क़िस्म तरकारी वग़ैरा जो तादाद में तक़रीबन पीना लैस किस्म की होती है

खल्ला फिराना

(काशतकारी) भट्टों से गला को अलग करना

खलार

नीचा

खलियान

अव्यव स्थित रूप से लगाया हुआ ढेर, वह समतल भूमि या मैदान जहाँ फसल काटकर रखी, माँडी तथा बरसाई जाती है, ढेर, ख़िरमन, खलिहान

ख़ुश्क-साल

(खेती) वह वर्ष जिसमें वर्षा न हो, वो साल जिस में बारिश न हो

ख़सरा

पटवारी या लेखपाल का वह काग़ज़ जिसमें प्रत्येक खेत का क्षेत्रफल या नाप-जोख आदि लिखी रहती है

खाद छेना

(कृषि) फूलों के पौदों की जड़ों में खाद फैलाना

खादर

गढ़ा

खापट

(काशतकारी) धुन्नूएं के रंगी मिट्टी वाली ज़मीन जो बारिश में लिये की तरह नरम और धूप में लोहे की तरह सख़्त हो जाये, लावे की ज़मीन, इस किस्म की सतह जलद ख़ुशक हो जाती है और पानी सतह से कुछ नीचे जमा रहता है जो पौदों की जड़ों को ख़राब कर देता है

ख़ाम

पक्का का विलोम, कच्चा

ख़ाम-तहसील

(काशतकारी) निगान जो ज़मींदार या ठेकादार के तवस्सुत के बगै़र हुकूमत वसूल करती है

ख़ाम-निकासी

(कृषि) किसी मुल्क या इलाक़े की भूमि और दूसरे कुल पैदावार

खारी-धर्ती

(काशतकारी) शोरीली ज़मीन जिस में कुछ पैदा ना हो, कलर

खारी-पिंगा

(कृषि) कुछ हद तक खारा पानी जो स्वाद में अच्छा और पौधों के लिए लाभदायक हो

ख़ास-ज़मीन

(कृषि) वह ज़मीन जिसका लगान सरकारी अधिकारी सीधे किसान से वसूल करते हैं

ख़ास-तहसील

(क़ानून) ज़मींदार के हस्तक्षेप के बिना किसान से सीधे प्राप्त की जाने वाली भूमि की राशि

खोंट

(बिनोद) देवी देवता पर चढ़ाने की रोटियां

खोद

(काशतकारी) खेत में पौदों की नलाई यानी उन की जड़ों के पास घास निकालना और मिट्टी पोली करना, पनटार , खुदाई

खोंदर

(कृषि) खलियान के चहुँओर बिखरा हुआ अनाज जो बैलों के खोंदने से इधर-उधर फैल जाये

खोंपा

(काशतकारी) हल के आहनी भल (भार) की चोबी बशती जिस बर फल चढ़ा रहता ये तलीटी ज़मीन की खुदाई में बड़ी मदद देता है, चोबन

खोला

बडी और मोटी कील।

गूईं

खेती बाड़ी का शरीक-ए-कार, हमराही, हमउमर दोस्त

गज्जर

(कृषि) गेहूँ का ऐसा खेत जिसमें जौ भी छिड़क दिया गया हो

गंजी-ख़ाना

(काशतकारी) अनाज का कोठा, ख़िरमन , घास जमा रखने की जगह

गंठा

(काशतकारी) रुक : गंटा(२

गुड़ैती

(काशतकारी) गांव के चौकीदार या हरकारे का हक़-ए-ख़िदमत

गूड़ना

(कृषि) अनाज भुस से निकालना, साफ़ करना, गाहना

गूडर

(कृषि) खेत की घास, जड़ें और झाड़ी का समेटा हुआ ढेर, घूर

गंडावन

(कृषि) दाएँ के बैलों के बाँधने की रस्सी

गेंडोली

(काशतकारी) रुक : गीनडोरी, गीनडोली बह मानी एनडवी भी आता है

गुदन

(कृषि) दाँतों दार फार वाला हल जिससे खेत की जड़ें खोदते और घास साफ़ करते हैं, दँतयाला

गदम

(कृषि) दलदली भूमि, गीली भूमि

गंदा

नापाक, नजिस, ग़लीज़, मुअन्नस के लिए गंदी, देखो गंदा गंदी

गुंदाली

(कृषि) एक क़िस्म की नर्म घास, दूब

गुंधेल

(काशतकारी) हिर्स और नागर के जोड़ पर फंसा हुआ चोबी फ़ना जो डांट होता है, हल

गन्टा

कृषी: बीघे का बीसवां हिस्सा या तीन वर्ग गज

ग़ुबार

शत्रुता, दुश्मनी, गु़स्सा

ग़र्क़ी

डूबना, बाढ़, तुग्पानी, जुलाहों के कपड़ा बुनने का गढ़ा ।।

ग़ैर-मुमकिन

जो हो न सके, असंभव, नामुमकिन, जो संभव न हो, न हो सकने वाला, अशक्य

गराई

(काशतकारी) रीत और सुर्ख़ मिट्टी मिली हुई ज़मीन

ग्राफ़

लेखा-चित्र,रेखाचित्र,बिंदुरेखा

गरारी

' गड़ारी

गुलू

हलक़, आवाज़ जैसे, ख़ुशगुलू, सुर

गूल

एक प्रकार का वृक्ष

गुल-ए-ख़ार

(कृषि) भट्ट कुटिया का फूल

गुलौंदा

۔(ह। नौ गुना) मुज़क्कर। महवे का फूल या उस की कली

गुवानेड़

(काशतकारी) गान॒ो के अतराफ़ की खाद वाले कितात-ए-अराज़ी जो तरकारी की काशत के लिए निहायत उम्दा होते हैं लेकिन इन में निगरानी की बड़ी ज़रूरत है

गहरी

गहरा की स्त्रीलिंग, यौगिक शब्द में प्रयुक्त

गाचा

(काशतकारी) रुक : गाजा

गाजा

एक प्रकार का चूर्ण या लेप जो स्त्रियाँ सौंदर्य बढ़ाने के लिए मुंह पर मलती हैं

गाट

(काशतकारी) जोय में दो बैलों को जोतना, दो बैलों का जोड़ा जाना

गादा

(कृषि) कच्चे गेहूँ और जौ की भुनी हुई बाली

गादीली-ज़मीन

(कृषि) नदी की लाई हुई मिट्टी का क्षेत्र ऐसी ज़मीन खेती के लिए बहुत अच्छी होती है

गाभ आना

(कृषिकार्य) फलों का गुच्छा फूटना

गाभा

(ठग्गी) रवीदार नरम बिछौना

गाभा आना

(कृषि) कुछ फलदार वृक्षों का कोंपल (जिसमें फलों या बीजों के गुच्छे परत दर परत लगे होते हैं) का फूटना

गाहन

पकड़ने की क्रिया या भाव

गाहना

(कृषि) खलियान पर बेलन को घुमाना जिस से लंबा टूट कर भूसा बन जाता है और दाने निकल आते हैं, खलियान रौंदना, ग़ल्ले का कुचलना, धान आदि के डंठल झाड़ना

गिंधर

(काशतकारी) गणधर (गिंदर). घो निक्की, घुनकी, एक कीड़ा जो गेहूं के बालों और चने के पौदों को नुक़्सान पहुंचाता है

गिरोह-बंदी

फ़िर्कावारीयत

गोइंडा

गाँव की सीमा।

गोइंड़ा

(काशतकारी) गांव के क़रीब की ज़मीन

गोचनी

(कृषि) चना मिला हुआ गेहूँ

गोजई

ऐसा गेहूँ जिसमें आधे के लगभग जौ मिला हुआ हो

गोजरा

(खेती), अनाज जिस में गेहूं और जौ मिले हुए हूँ, गजई

गोटारा

(काशतकारी) गांव के इर्दगिर्द की ज़रख़ेज़ ज़मीन

गोड़ाई

गोड़ने की मज़दूरी

गोडी

(कृषि) ज़मीन खोदने या मिट्टी को किसी चीज़ से ऊपर नीचे करने का काम (विशेष रूप से बुवाई के लिए)

गोड़ी

खेती, बाग़ या खेत से अपने आप उगा हुआ घास फूस निकालने का अमल, सफ़ाई, गोड़ाई

गोढ़ करना

(कृषि) पौधों की जड़ों के पास की मिट्टी को कुरेदना और पोला करना, गोद करना, गोड़ना

गोढ़ा

(कृषि) वह खेत जो गाँव के क़रीब हों; मकान (चेलों के साथ पेशा की कोठरियों वग़ैरा के)

गोदन

(कृषि) भूमि को खोद कर मृदुल अथवा कोमल करने का कार्य

गोदाई

(कृषि) फ़सल की बुवाई से पहले ज़मीन से घास फूस साफ़ करना, नलाई करना

गोभ

पौधों का एक रोग जिसमें उनकी जड़ों में से नये-नये अंकुर निकलने के कारण उनकी बाढ़ रुक जाती है

गोरट

(काशतकारी) रेतली ज़मीन, गोराय

गोहन

संगी, साथी

गोहानी

कृषी: बैलों से कुचलवा कर अनाज के दाने निकलवाने की क्रिया, गाहना

गौहान

۔(ह। बालफ़तह) मुज़क्कर। गांव

घई

खंभे की जगह लगाई जाने न वाली चाँड़, टेक, थूनी

घूंगी

(काशतकारी) एक कीड़ा जो गेहूं की बालों और चने के पौदों को नुक़्सान पहुंचाता है

घुड़

घोड़ा (रुक) का मुख़फ़्फ़फ़, तराकीब में मुस्तामल

घुंडा-जमना

(कृषि) बाल या भुट्टे पैदा होना

घुंडी

अरंड की शाख़ पर पैदा होने वाली उभरवां चीज़

घुमाव

फेर, चक्कर, मोड़

घूर

सुनारों द्वारा पोले गहनों को भारी करने के लिए भरा जाने वाला रेत या सुहागा आदि।

घर-जोत

अपनी खेती, घर की खेती, मालिक की अपनी खेती

घर-पट्टी

(काशतकारी) ज़मीन पर मकान बनाने का महसूल

घूर-बरार

(क़ानूनी) वो महसूल जो हर हिस्सा दार और इजाराहदार पर इन मसारिफ़ के सबब से जो एक साल में हूँ लगाया जाये

घेरवा

रहन की एक क़िस्म जिस में ज़मीन बतौर ज़मानत के रखी जावे और सूद काबिल-ए-अदा हो

घूरा देना

(काशतकारी) खेत में कूड़ा क्रिकेट डालना खाद डालना

घरामी

(कृषि) वह व्यक्ति या मज़दूर जो गाँव में अपना घर रखता हो

घेरी

सिर का घूमना, चक्कर आना, सिर का चक्कर आना

घाई

ओर, तरफ़

घाब

(काशतकारी) नशीबी ज़मीन जहां पानी जमा हो जाये, दलदली ज़मीन

घामी

(कृषि) बारिश न होना, वर्षा की रोक

घाँस का चक्का

(काशतकारी) मिट्टी का मुरब्बा नुमा टुकड़ा जिस पर घास लगी हुई हो(ऐसे टुकड़े खोद कर जहां घास का मैदान तैय्यार करना हो साथ साथ लगा देते हैं फिर पानी देते हैं तो बहुत जल्द मैदान तैय्यार हो जाता है)

घिन्नी

= घिरनी

चक्कत

(काशतकारी) चक पर क़बज़ा करने का नज़राना जो मालिक को दिया जाए, चिकारा

चकर

चक्रवाक पक्षी

चक्री

वह जो चक्र धारण करे।

चुक्री

भूमि का छोटे भागों में किया जाने वाला विभाजन

चकला-बंदी

(कृषि) हदबंदी, सूबों या ज़मींदारी को चकलों में बाँटना

चका-केवल

काले रंग की मिट्टी जो सूखने पर चिटक जाती और पानी से लसदार होती है, सूखने पर फट जाती है ऐसी भूमी पर हल चलाना कठिन होटा है लेकिन अनाज हर प्रकार का होता है

चुकारा

(काशतकारी) चक पर क़बज़ा करने का नज़राना जो मालिक को दिया जाये, च्कोता, चकित, महसूल, वाजिबात

चंगूरन

(कृषि) च्वाल की पौधे को ख़राब करने वाला एक प्रकार का कीड़ा, कपटा

चुटकना

चुटकी से पकड़कर कोई चीज़ उखाड़ना या तोड़ना

चटकोरिया

(कृषि) ढलवाँ भूमि जिसमें वर्षा का जल चारों ओर से आकर एकत्र हो जाए

चट्टी

वो राशि जो जुर्म या आरोप की सज़ा में या सरकार की सख्ती के दबाओ में भरना पड़े, तावान, जुर्माना, दंड

चैत्रा-धान

(खेतीबाड़ी) घटिया क़िस्म का धान जो चैत यानी गर्मी के महीने में बोया जाता है

चंदोली

(कृषि) हल को पकड़ने का खूँटा जो हल वाले के हाथ में रहता है, मुठिया, हत्थी

चंधेली

(काशतकारी) हल में हिर्स और नागर के जोड़ पर फंसा हुआ चोबी फ़ना जो डांट होता है, ओग, पाथो, चौत, डांट, सीला, पिछवांसी, मांझी, मच को तर

चबावन

(कृषि) अनाज का तैयारी पर आया हुआ दाना जो उभर कर ख़ुशकी पर आजाए और खाने के योग हो

चलती-ज़मीन

ज़ेर काशत ज़मीन जिस पर कुछ बोया हो

चला

कृषि: धान का छिलका

चेहल

चालीस

चहील

चहला। कीचड़।

चाँदा लगाना

ज़ावीए के दर्जे मालूम करने के लिए चांदे का इस्तिमाल करना

चाम

केंचुली

चालानी

(काशतकारी) वो खेत जो एक गांव से मुताल्लिक़ और दूसरे गांव के रक़बे में शरीक किया जाता हो, दाख़िली ख़ारिजी

चासा

उड़ीसा की एक जाति जो खेती-बारी करती है, किसान, खेतिहर, खेती बाड़ी करने वाला

चाह

आरज़ू, इच्छा

चाही-डाल

(आबपाशी) वो चौबचा (जल हुदा) जो नहर के पानी की सतह से ऊंची जगह बना हो जिस में पानी चढ़ा कर ऊंचे क़ताह-ए-आराज़ी में पहुंचाया जाये, डाल, तोड़

चाही-तोड़

(आबपाशी) वो जो बच्चा (जल हुदा) जो नहर के पानी की सतह से ऊंची जगह बना हो जिस में पानी चढ़ा कर ऊंचे क़ताह-ए-आराज़ी में पहुंचाया जाये, डाल, तोड़

चिक्कन

(खेती बारी) ऐसी ज़मीन जिस की ऊपर की सतह गाद की बनी हो जिस में बीज ना फूटे, भबरा, बज मार, इस क़िस्म की मिट्टी शुमाली हिंद और पंजाब में मुल्तानी मिट्टी के नाम से मशहूर है

चिक्टी

(कृषि) काली मिट्टी की नर्म ज़मीन जो बिल में और बैलों के पैरों में चिमट जाए, दलदली ज़मीन, चीकट

चिटका

#NAME?

चिड़िया

(काशतकारी) नागर(गहिरी खुदाई के हल की फॉर वाली लक्कड़ी) की मिठ्या की खूंटी

चिलवन

(काशतकारी) सूराख़दार छाज जो खलियान बरसाने के मौक़ा पर हुआ दुनियए को इस्तिमाल किया जाता है, झपका

चीकट

वो मिट्टी जो तेल के बाइस स्याह और चिकनी हो जाये

चोइली

(कृषि) नीची भूमि जो हमेशा गीली रहे

चौथ

सुरों के दरमियान का एक बाद अन्तराल या फ़ासला

चौथ्या

(काशतकारी) चौथ लेने वाला, चौथे हिस्से का मालिक , पैदावार की तक़सीम में ज़मींदार का हिस्सा , अनाज अपने का पैमाना जो तक़रीबा एक सैर के बराबर होता है , नंबरदार, ज़मींदार

चौपना

(कृषि) क्यारियों या खेतों की सिंचाई, भरना, ऊँचे स्थान पर पहुँचने के लिए बाल्टी या रस्सी से नहर के पानी को बहा देना

चौमता

(कृषि) चार खेतों की सीमाएँ मिलने का स्थान या वह चिह्न जो उस चौहद्दी को स्पष्ट करे, चौहदी, चोगडा

चौही

(खेतीबारी) किसी खेत का वह किनारा जहाँ हल की नोक नहीं पहुँचती, हल में की एक लकड़ी

छक्कड़

(काशतकारी) सैर की पैदावार में ज़मीं दार का १/६ हिस्सा हक़ अराज़ी

छकुर

(कृषि) फसल वितरण जिसमें मालिक को एक छटा मिलता है

छप्पर-बंद

#NAME?

छाकना

तृप्त होना। छकना।

छाज

(मशालची) छत में लटकाने वाला लैम्प ईस्तलाहन छींके का लैम्प कहलाता है जिस के झूले को छींका और सरपोश को छाज कहते हैं

छाँटा देना

(काशतकारी) बाजरे की पोद को हल से नलाई करना यानी जड़ों की घास निकालना

छापा

(काशतकारी) खेत में लकीरें डालने का आला

छींटा

(काशतकारी) किसी एक जिन्स की खेती के दरमयान दूसरी जिन्स के बीज की बिखेर, जैसे धान में अलसी, गेहूं में जो वग़ैरा

छोरा

(खेतीबारी) (दे.) जड़हन

छोलना

छीलना, छिलका उतारना

छोला

छोलने या छीलने का काम करनेवाला व्यक्ति।

जंगल साफ़ करना

(खेती या कृषि) झाड़ियाँ आदि काटकर भूमि को कृषि योग्य बनाना

जन्द्रा

नगीने गिर की सान का अड्डा

जनम-कार

(काशतकारी) सरकार सिरे हासिल शूदा अराज़ी पर हक़ मालिकाना रखने वाला काश्तकार जो बेदखल ना किया जा सके, जन्मी किरसन

ज़बूँ

(काशतकारी) वो ज़मीन जो बहुत कम फ़सल दे, पैदावार के लिहाज़ से कमतर या घटिया ज़मीन

जम'-ए-असल

(कृषी) देश की आय जो देश की ज़रूरत के लिए आरक्षित एवं आबंटित की गई हो, लगान

जम'-ए-फ़स्ल

(कृषी) लगान के अतिरिक्त आय के दोसरे स्रोत जैसे: घाट-उतरवानी पहाड़ और जंगल की से आय आदि

जम'-गुज़ार

(कृषी) जमा वसूल करके खज़ाने के मद में डालने वाला सरकारी करमचारी जो ज़मींदार की तरफ़ से कृषक से (राशि) वसूल करने के लिए अधिकृत होता है

जम'-धारा

(कृषी) वह राशि या दान जो आधिकारिक रूप से गाँव के सामान्य खर्चों के लिए प्रत्येक घर और खेत के हिसाब से लिया जाता है

जम'-बंदी

व्यक्तिगत लगान, मालगुज़ारी का आकलन

जम'-संगीन

(कृषी) वो कर जो लगान के अतिरिक्त सेना या उसी प्रकार की किसी दूसरी ज़रूरत के लिए लिया जाये

ज़मीन उठाना

(कृषि) कृषि योग्य भूमि को खेती के लिए ठेके पर देना, भूमि को लगान पर देना

ज़मीन कमज़ोर होना

(खेती बाड़ी) ऐसी भुमि जिसमें खेती कठिन हो जाये

ज़मीन कमाना

(खेती बाड़ी) भुमि को अच्छी तरह से जोतना, भूमि को उपजाऊ बनाना

ज़मीन की तय्यारी

(कृषि) ज़मीन को बीज डालने के लिए समतल करना

ज़मीन को ढीला करना

(कृषि) ज़मीन नर्म करना, हल चलाना

ज़मीन को पानी देना

(कृषि) खेती की ज़मीन में पानी लगाना, ज़मीन की तर करना, सींचना, आबपाशी करना

ज़मीन तय्यार करना

(काशतकारी) फ़सल उगाने के लिए खाद वग़ैरा डाल कर ज़मीन का काबुल काशत बनाना

ज़मीन तोड़ना

(खेती-बाड़ी) मिट्टी के ढेले तोड़ना, ज़मीन बराबर करना, खेती के योग्य बनाना

ज़मीन हमवार करना

(खेती-बाड़ी) समतल करना, माहौल बनाना, नींव रखना

ज़मीन-ए-ग़ैर-मज़रु'आ

(खेती-बाड़ी) वह भूमि जिसमें कृषि संभव हो लेकिन खेती नहीं की जाती हो, वह भूमि जो उपजाऊ हो लेकिन खेती न की जाती हो

ज़मीन-कनी

(कृषि) भुमि नर्म करना, कृषि के योग्य बनाना

जमोग

(कृषि) राजस्व का एक प्रकार जो किसानों से प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त की जाती है

जमोग-दार

वह व्यक्ति जो किसी ज़मीनदार को दिया हुआ क़र्ज़ उसके किरायेदारों से वसूल करे

जरई

(कश्तकारी) एक किस्म का कपड़ा जो गेहूं की बालों और चने के पौदे को नुक़्सान पहुंचाता है, जोई, घोंगी, घुनगी, गणधर, गिंदर

ज़ैली-काश्तकार

(काशतकारी) शिकमी रईयत, शिकमी असामी, वो काश्तकार जो बावजूद मौरूसी होजाने के ज़्यादा लगान देने वाले के मुक़ाबले में बेदख़ल क्यू जा सकता है जब कि इस का सिवाए काशतकारी के दूसरा कोई हक़ ज़मीन पर ना हो

जुवारा

(काशतकारी) जो या ज्वार के पौदे की शक्ल की घास हा हरियाली

जंस-वार

पटवारी का वह कागज़ जिसमें खेतों में बोई हुई फ़सलों का विवरण लिखा जाता है

जूही

फैलने वाला एक झाड़ या पौधा जो बहुत घना होता है और जिसकी पत्तियाँ छोटी तथा ऊपर नीचे नुकीली होती है

जिंस

प्रकार, क़िस्म, तरह

जिंस गदराना

(काश्तकार) खेती का तैय्यारी पर आना, खेत में अनाज का पकने पर आजाना

जिंस पसरना

(काशतकारी) बोई हुई जिन्स का जमुना और फूट निकलना

जिंसी-बटाई

(काशतकारी) खेती की पैदावार की हिस्सा दारों और कारिंदों में हिस्सा बंदी की तक़सीम

ज़ीना-दार

(खेती बाड़ी) सीढ़ियों की तरह एक दूसरे से ऊंचा खेत

ज़ीना-बंदी

(काशतकारी) खेतों को ज़ीने की तरह एक दूसरे से ऊंचा बनाना

जोगनिया

जोगिन, जोगन, जोगनी

जौनार

वह भूमि जिसमें लगातार खेती की जती हो, वह भूमि जिसमें एक बार गेहूँ और जौ बोए जाएँ और और बाद में दूसरा अनाज बोया जाय, कोई और अनाज बोया जाये

झड़ोई

(काशतकारी) अनाज ख़ुसूसन अरहर, माश और तिल की फलियों को झा नुक्कड़ों में से झाड़ने और उन का छिलका उतारने की छिड़

झपका

झोंका, हवा का झोंका, जल्दी, नए कबूतरों को बाज़ी के लिए उड़ना सिखाने को प्रारंभ में भड़काकर उड़ाने की क्रिया जो मुंडेर और छत तक रहे

झूमर

(काशतकारी) रुक : झूमन

झुमरा

एक प्रकार का बहुत बड़ा हथौड़ा

झलरा

(काशतकारी) घटिया किस्म के बोरे दाने की ज्वार जिस का भट्टा छःदार शाख़ दर शाख़ होता है

झल्लर

(काश्तकार) रहट

झलार

(किसान) एक कुआँ या बड़ा गढ़ा जो दरिया के किनारे खोदा जाता है, जिसका उपयोग किसान खेतों में सिंचाई के लिए करता है

झलौर

(काशतकारी) नशीबी ज़मीन जिस में बरसात का पानी इधर अ से आकर जमा हो जाये, पानी जज़ब होने के बाद काबुल काशत और अच्छी क़सम में शुमार होती है, खादर, तराई

झोरा

(आब-ए-पाशी) चमन की क्यारियों में पानी ले जाने की नाली या नालीयां

झोला

(आब-ए-पाशी) चरस को पानी में डुबकी देने का अमल चरस को झल्लाकर आगे को खींचना

टुंकी

(काशतकारी) टिड्डी (रुक) का एक तलफ़्फ़ुज़ , टोका, गंडा सा

टकीना

(काशतकारी) पर जा वित्त, किराया या महसूल अराज़ी जो कुमेरों से लिया जाये

डंग

(काशतकारी) फल पर सुंडी के कांटे का निशान

डग्गी

(काशतकारी) ऊंचे दरख़्त के फल तोड़ने की आंकड़ेदार लंबी छिड़ जिस में फल लेने को जाली आंकड़े के क़रीब बंधी होती है, डग, डिंगी, डोगस, लगी

डूँगस

(कृषि) ऊँचे पेड़ के फल तोड़ने की आँकड़े वाली लंबी छड़ी जिसमें फल लेने को एक जाली आँकड़े के क़रीब बँधी होती है

डंठली

(खेती बाड़ी) वह खेत जिसमें फसल की कटाई के बाद पौधों की जड़ों के डंठल लगे हुए हों

डंठोली

(कृषि) वह खेत जिसमें फ़सल की पैदावार कटने के बाद पौधो की जड़ों के डंठल लगे हों

डब्री

लक्कड़ी या मिट्टी का पानी वग़ैरा रखने का बर्तन, पियाला, प्याली

डुबसी

(काशतकारी) वो ज़मीन जो पानी के चढ़ आने से ता आब रहा करे

डूबा

डूबा हुआ, ग़र्क़-ए-आब, नष्ट, तबाह-ओ-बर्बाद

डाकर

(कृषि) भूमि का वो क्षेत्र जिस पर नदी का पानी आने से रेत की तह जम गई हो और इस कारन से वो कृषि योग्य न रही हो

डाबी

(कृषि) फसल काटने वालों की मजदूरी, आमतौर पर फसल के दसवें हिस्से के बराबर

डाल

खेत या धरती का वह टुकड़ा जो नहर के पानी की सतह से ऊंचा हो और जहां सिंचाई के लिए पानी चढ़ाव पर ले जाना पड़े

डाल-तोड़

(काशतकारी) वो चौबचा जो नहर के पानी की सतह से ऊओन॒ची जगह बना हो जिस में पानी चढ़ा कर ऊओंचे क़ताह-ए-अराज़ी में पहुंचाया जाये

डाहिया

(काशतकारी) वो काश्तकार जो जंगल काट कर नौ तोड़ क़ताह-ए-अर्ज़ी प्रकाशित और क़बज़ा रखता हो

डौला बनाना

(कृषिकार्य) खेत में ले जाकर संभोग करना; खेल बनाना, काम करना

ढेंकर

(कृषि) खेत झाड़ने को झाड़ी की बनाई हुई बुहारी, झाड़ू

ढेंड

(काशतकारी) हिन्दी में ढेंडा ऐसे ख़ौल या ग़लाफ़ को कहते हैं जिस में बीज बनता है और बढ़ता है जो आम तौर से डोडा कहलाता है काश्तकारों की इस्तिलाह में चुने के ख़ौल को कहते हैं

ढेंडा

(काशतकारी) हिन्दी में ढीनडा ऐसे ख़ौल या ग़लाफ़ को कहते हैं जिस में बज बनता है और बढ़ता है जो आम तौर पर डोडा कहलाता है काश्तकारों की इस्तिलाह में चुने के ख़ौल को कहते हैं

तुख़्म-दान

(हैव इनयात) जिस्म के अंदाज़ वो थैली जिस में अंडे या तौलीदी जर सौम़्य होते हैं, बैज़ा दान कैसा-ए-करम मनी, सा-ए-तुख़्म

तरामिरा

(काशतकारी) एक किस्म के सन का पौदा जिस के बीज को अलसी और रेशे को कतान कहते हैं

तामना

कृषी: खेत जोतने से पहले उसमें की घास आदि खोदकर निकालना

तासी

तीन मर्तबा जुता हुआ खेत

तिकोर

(काशतकारी) ३/१ और ३/२ की नबसत से ज़मींदार और काश्तकार के दरमयान सैर (ख़ुद काशत अराज़ी) की पैदावार की तक़सीम का मुआहिदा

तिरंगल

घास उठाने और उथल हथल करने का तीन शाख़ों वाला पंजे की शक्ल का आला

तिहारा

(काशतकारी) रुक: तिहाड़ा

थाक

एक के ऊपर एक करके रखी हुई चीजों का ढेर। राशि। जैसे-कपड़ों या किताबों का थाक। स्त्रिी० = थकन (थकावट)। क्रि० प्र०-लगना।

दंग

दो पत्थरों के टकराने की आवाज़,

दंतावली

घास इकट्ठा करने वाला पंजा, पांच शाख़ाओं वाला, घास जमा करने का पंजा

दंतोई

(कृषि) डंठली, वह खेत जिसमें फ़स्ल की पैदावार कटने के बाद पौधों की जड़ों के डंठल लगे हुए हों

दूधा

एक प्रकार का धान जो अगहन में तैयार होता है और जिसका चावल वर्षों तक रह सकता है

दबड़ा

एक तरह की घास, एक प्रकार की घास जो चारे के काम में आती है

दुब्सी

(काशतकारी) फ़ीसदी मालगुज़ारी जो ज़मींदारों को माफ़ की जाती है

दब-हरी

(कृषि) बीज को मिट्टी में दबाने वाला हल्की प्रकार का छोटा हल जिसमें फार की जगह तख़्ता लगा होता है जो बोने के बाद खेत में फेरा जाता है जिससे बीज पर मिटटी चढ़ जाती है, दबी हर

दबारा

(कृषि) बरसाती नदी या नाले की ज़मीन जिस पर बरसात में पानी फैल जाये ऐसी ज़मीन दो फ़सली और काश्त के लिए अच्छी होती है

दमका

(खेती-बाड़ी) पहाड़ी टीला जो खेती वाले क्षेत्र के बीच में स्थित हो

दुम-बाली

(कृषि) खलियान को उलट पुलट करने की पाँच शाख़ों वाली लकड़ी, नई ज़मीन, नई ज़मीन तोड़ने का एक प्रकार का हल

दुर्खी

(कृषि) एक प्रकार का कीड़ा जो नील की बूद में पैदा होता है और उसको नष्ट कर देता है

दुर्जी

(कृषि) तंबाकू और नील की ऐसी पौध जो एक मर्तबा कटने के बाद जड़ में से दुबारा फूट कर बढ़ जाए

दर-पट्टी-दार

(काश्तकार) ज़मीन का मालिक जिस ने ज़मीन पट्टीदार से ज़ेली पट्टा पर हासिल की हो, दर पटनी का मालिक

दर-पटनी

(काश्तकार) पटनी अराज़ी का वो हिस्सा जो पटनीदार अपने हक़ में से किसी दूसरे को असली शराइत पर देदे

दरबंदी

चीज़ों की दर या भाव निश्चित करने की क्रिया, ज़मीन की लगान की दर निश्चित करने की क्रिया

देव-गंदुम

(काशतकारी-ओ-तिब्ब) गंदुम स्याह री, दुबला, दैविक, बादनज, तलफा, अनाज की क़सम जो शराब और अदवियात में भी इस्तिमाल होती है. गंदुम दीवाना, शलीम. (Ergot of Rye

दाईं

(काशतकारी) बैलों की जोड़ी या कई जोड़ियां जो खलियान रौंदने के लिए जोई में जुड़ी हूँ

दाईं चलना

(काशतकारी) दाएं चलाना (रुक) का लाज़िम

दाईं चलाना

(कृषि) दो या दो से अधिक बैलों को एक साथ जोत कर खलियान रौंदवाना ताकि गला और भूसा अलग अलग हो जाये

दाउना

(कृषि) दाएँ चलाना, गाहना

दाख़िली-खेड़ा

(काशतकारी) वो खेड़ा या गांव जो किसी बड़े क़स्बे या मौज़ा की इलाके या तहत में हो

दान-पत्र-दार

(कृषि) धार्मिक सेवाओं के लिए मुआवज़े की जागीर की सनद रखने वाला, बैनामा करने वाला, बैनामे का मालिक

दाना-बंदी

(खेत-बाड़ी) खड़ी खेती की पैदावार जांचना, अनुमान लगाना, कच्ची पैमाइश

दाना-बंदी

(खेती बारी) खड़ी फसल से उपज का अंदाज़ करने के लिए खेत को नापने का काम

दामी

कर

दामी लगाना

भू-राजस्व का निश्चित करना

दामी-वासिलात

किसी गाँव की कुल आय और उत्पादन के व्यय इत्यादि का अनुमान, किसी गाँव की कुल आय का जोड़, गाँव का कुल लगान

दावन

रुक : दामन

दाँवरी

(कृषि) वो रस्सी जिस से गला मांडते वक़्त बैलों को बांधते हैं, रस्सी, डोरी

दाहूल

एक लकड़ी जिस को खेत के बीच में खड़ा कर देते हैं और कभी कभी इस में घास और कपड़ा भी लपेट देते हैं और कभी शक्ल आदमी की इस को बनाते हैं इस लिए कि जानवर उस को देख कर भाग जाते हैं, वह कृत्रिम चित्र जो खेतों में जानवरों को डराने के लिए बना देते हैं, दाखूल

दिंगी

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दिहिल

(चौप कारी) चौखट के बाज़ूओं के नीचे की लक्कड़ी जिस हर बाज़ू क़ायम केए जाते हैं, उतरंगे के मुक़ाबले की लक्कड़ी

दो-तनाब

(काशतकारी) वो ज़मीन जिस में दो फ़सलें बोई जाएं, दो फ़सली, दो फिसला

दो-शाख़ा

एक अमूदी दस्ते के ऊपर दो शाख़ों वाली मशाल जिस में ज़्यादा रोशनी के लिए दो शोले जुलते हैं

दो-सरी

(कृषि) वह ज़मीन जिस पर दो बार हल चलाया गया हो, दो बार जोती हुई जमीन

दो-साहा

(कृषि) वह ज़मीन जिसमें साल में दो फ़स्लें होती हैं

दो-साही

(कृषि) एक वर्ष में दो फ़सलों की उपज, दोफसला, दो फ़सलों वाली ज़मीन, वह ज़मीन जिस के नीचे सख़्त ज़मीन और ऊपर रेत हो

दोहली

कृषी: वो ज़मीन जो बिना कर आदि के भिक्षुक को धार्मिक तौर पर दी जाए, वह भूमि जो ब्राह्मण को दी गई हो

धूं

(काशतकारी) चीड़ के दरख़्त का गंदा (बीरू ज़ह), एक रालदार माद्दा

धुनका

खेती: खलियान पलटने की पंजशाख़ा छड़, नई ज़मीन तोड़ने का एक प्रकार का भारी हल

धूप-जलन

(कृषि) फ़स्लों की मशहूर बीमारी जो सूरज की गर्मी से पैदा होती है

धबास

(काशतकारी) करबयाद, बस्ती के क़रीब की ज़मीन जिस में खाद डाली जाती रही हो हर किस्म की खेती के लिए निहायत उम्दा होती है

धाओ

(कृषि) दलदली ज़मीन या ऐसी नरम ज़मीन जो पानी पड़ने से नीचे बैठे, ऐसी ज़मीन खेती के लिए अच्छी नहीं होती

धाँग

धुलवां पहाड़ी, (दरिया का) ऊंचा किनारा हमारे लोगों को ये अंदाज़ा नहीं है कि हमारा मुलक दरिया की धांग के किस क़दद नज़दीक पहूंच चुका था

धार-धोरा

नदी के उतरने पर निकलने वाली जमीन, वो सीमा जो चश्मे के जारी होने से बन जाती है

नकेल

ऊँट, भालू, बैल आदि को नियंत्रण में रखने के लिए नाक में आर-पार पहनाई जाने वाली लकड़ी या लोगे की कील, और ये उनको नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, मुहार

नक़्शा-मिलान

(कृषि) दो मानचित्र की तुलना के बाद तैयार किया गया मानचित्र, गाँव के खेतों की तालिका जिससे माप का अंतर और लगान का अंतर मालूम हो जाता है

नक़ीर

(काशतकारी) खजूर की गुठली में छोटा सा निशान जिस में से पौदा फूटता है

नंगा

जिसके शरीर पर कोई वस्त्र न हो, जो कोई कपड़ा न पहने हो, दिगंबर, निर्वस्त्र, नग्न

नंबरदार

(लाक्षणिक) सरदार, चौधरी, रौबीला व्यक्ति, गाँव का मुखिया

नंबर-दारी

(कृषिकार्य) नंबरदार का पद या कार्य, मुखियापन

नमकियात

चिकित्सा: नमकीन पदार्थ जो शरीर में होते हैं और जीवन के लिए अपरिहार्य होते हैं

नमकी-फ़ौरान

(काशतकारी) ज़र-ए-ज़मीन पानी का नमक की ज़्यादती से सतह इज़मीन पर आजाना जिस के बाइस ज़मीन नाक़ाबिल इक्का शत हो जाती है, कलर, थौर

नलई

(काशतकारी) गेहूं, जौ वग़ैरा का डंठल या डाली , खूंटी, नरई

नल-पट्टी

(खेत-बाड़ी) नहरों या परनालो की दुरुस्ती का कर, जल कर

नहर का पटवारी

(काशतकारी) पटवारी जो नहर के महिकमे में मुलाज़िम होताहै और नहर की आब-ए-पाशी की पड़ताल करता है

नहर का पानी

(कृषि) वह पानी जो नहर के द्वारे खेतों वग़ैरा में पहुँचे (लगाना, लगना के साथ)

नहर की बंदी

(काशतकारी) नहर का पानी बंद करदेना, लोगों को नहर से पानी ना लेने देना

नहर खुदना

(काशतकारी) नहर खोदना (रुक) का लाज़िम , दरिया या झील से नहर निकलवाई जाना

नहर खोदना

(कृषि) नहर निकालना

नहर निकलवाना

(कृषि) दरिया या झील से नहर निकलवाना

नहर बनना

(काशतकारी) नहर बनाना (रुक) का लाज़िम , दरिया या झील से नहर निकलवाई जाना

नहर बनाना

(काशतकारी) फ़राहमी आब के लिए नाली खोदना, दरिया से पानी की शाख़ निकाल कर लाना

नहर-कावी

(कृषि) नहर खोदना; नहर के द्वारा सिंचाई

नहर-पटाई

(कृषि) नहर की सिंचाई

नहर-बंदी

(कृषि) नहर का पानी बंद कर देना, लोगों को नहर से पानी न लेने देना

नहरा

काशतकारी: वो भूभाग जो नदी या नाले के पानी की पहुँच में हो यानी जिस में पानी चढ़ आता हो, नहला

नहरी

Agriculture: the field which is irrigated with canal water,

नहरी-ज़मीन

कृषी: वो भू-भाग या भूमी जिसकी सींचाई नहर के पानी से हो

नहरी-निज़ाम

कृषी: सींचाई जो नहरों के ज़रीये की जाये, तमाम नहरें और उन का प्रबंध

ना-अहलियत

खेती: भूमी जो कम उप्जाऊ या बंजर हो

नाज काटना

(खेती) फ़सल काटना

नाड़ी करना

(काशतकारी) हल में लगी हुई पोंगनी से खेत में बीज डालना

नादिया

(काशतकारी) वो बैल जिस का कोई उज़ू ज़्यादा हो, वो बैल जिस के जिस्म में गांठें हूँ और इस लिए खेती के काबिल ना हो, ऐसे बैल को गहने पाते से आरास्ता करके हिंदू मंगते घरघर भीक मांगते फिरते हैं, महादेव जी की सवारी का बैल

नाधना

आरंभ करना या करने की ठानना

ना-बूद

ग़ायब, अनुपस्थित, अप्राप्य, लुप्त, अंतर्धान

निकम्मी

जो किसी के काम ना आसके, बेकार, नाकारा, बेफ़ाइदा, फ़ुज़ूल, ख़राब, नाक़िस, बुरी, ख़ाली, बेरोज़गार, जो काम से जी चुराए, जो किसी काबिल ना हो, नालायक़, बेवक़ूफ़, कमज़ोर, नाज़ुक, बेजान, वो ज़मीन जो काशत के काबिल न हो

निकाई

(काश्तकारी, खेती) खेत की घास और खरपतवार निकालना, नलाई: (निराई), खेतों से घासफूस और जंगली बूटी निकालने की मज़दूरी

निकाई का वक़्त

(कृषि) खेतों से घास और जंगली बूटियाँ निकालने का ज़माना

निकाना

नाखून गड़ाना या चुभाना

निकास-पत्र

वह पत्र जिसमें किसी दुकान, संस्था आदि के जमा खर्च, बचत आदि का विवरण दिया हो

निकासी

निराई, नलाई, छुटकारा, नजात, ख़लासी, खपत,बिक्री, आमदनी, चुंगी, महसूल, राहदारी, परमिट निकलने या निकालने की क्रिया, ढंग या भाव, किसी से रुपया वसूल करना, शहर से बाहर जाना, पानी के बाहर निकलने का अमल

निकासी-ख़ाम

सकल आस्तियाँ, सकल संपत्ति, कुल परिसंपाति, (खेती) किसानों से जमींदारों को मिलने वाली लेवी की राशि

निज़ाम-ए-तीमार

(कृषि) जागीर का प्रबंध

निज़ाम-ए-माल-गुज़ारी

(काशतकारी) ज़मीन के सरकारी महसूल या लगान का निज़ाम, तरीका-ए-महसूल, निज़ाम मुहासिल

नियामड़

(कृषि) पेड़ जो खेत में स्वयं उग आए और किसान को इस के काटने का हक़ हो

निस्फ़-रीत

(कृषि) वह भूमि जिस पर आधा टैक्स दिया जाए

निहची

(कृषि) निचली भूमि, नीची ज़मीन

निहल

(कृषि) पानी से प्राप्त होने वाली ज़मीन

निहारा

ध्यान से देखा

नीची

(मजाज़न) श्रम-ओ-हया या शर्मिंदगी के सबब झक्की हुई (आँखें)

नीलहन

(कृषि) एक क़िस्म का चावल

नोना

(काशतकारी) ख़ार, शोर, नमक (जो ज़मीन में होता है और उसे नाक़ाबिल इक्का शत बना देता है

नौ-तौड़

नया तोड़ा हुआ

नौ-पैदाइश

(कृषि) दोबारा उगना या उगाना, नवीन उपज, ताज़ा उगावट

नौ-शिकस्त

(कृषि) नौ तोड़, जो नई खेती की गई हो (भूमि के लिए प्रयुक्त), वह भूमि जिसमें पहली बार हल चलाया गया हो

पंच-नामा

पत्र, जिसके अनुसार दो विरोधी पक्षों ने अपना निर्णय कराने के लिए किसी को पंच चुना हो

पुंजा

(कृषिकार्य) वे खेत जिनकी सिंचाई आसानी से न हो सके

पुजार

(काशतकारी) नशीबी ज़मीन जो दरिया या नहर के पानी के रसाओ से ख़ूब सेराब होती रहे, खादर

पट्टा

एक रस्म जिस में ज़च्चा के मैके वाले पट्टा और शीरीनी लाते हैं एक ज़च्चा की पेशानी और दूसरा बच्चे के सर पर बांधते हैं ये पट्टा सलमा सितारे या ज़रदोज़ी के काम से भी तैय्यार किया जाता है

पट्टा करना

(ज़राअत) किसी काश्तकार या ठेकेदार को काशत की ज़मीन लगान या ठेके पर देना

पटमी लगाना

(कृषि) गन्ने बोना, गन्ने के पोरों को (कृषि के लिए) ज़मीन में दबाना

पंटार

(काशतकारी) खेत में पौदों की नलाई यानी उन की जड़ों के पास की घास निकालने और मिट्टी पोली करने का अमल, साड़ी, खोद

पृथिया

(काशतकारी) हल की फॉर की नोक जो मिट्टी खोदती है, प्रोथा

पैदावार-ए-अराज़ी

ज़मीन की पैदावार और याफ़्त

पन्डर

(कृषि) आगामी ख़रीफ़ फ़सल के लिए परती छोड़ा गया खेत, पिंडी

पन-मार

(काशतकारी) पानी का मारा हुआ खेत जो बारिश या आबपाशी की ज़्यादती से ख़राब होगया हो

पनीला

= पनियाँ

परती-क़दीम

वह भूमि जिसमें लंबे समय से खेती नहीं की गई हो, वह ज़मीन जो लंबे समय से बिना खेती किए पड़ी हो

परती-जदीद

(कृषि) वह भूमि जो एक दो फ़सल तक अप्रयुक्त रखी जाये, वह भूमि जो हाल ही में अप्रयुक्त हो गई हो

पैरनी

(कृषि) खेत में बीज की बोवाई

पर्बेदा

(काशतकारी) छिद्री तुख़्म रेज़ि

पलूच

(कृषि) वह खेत जो आने वाली ख़रीफ़ की फ़सल पर ख़ाली छोड़ दिया गया हो, पिंदी, पुंडिर

पली-हार

(काशतकारी) वो ज़मीन जो तीन साल बौने के बाद एक फ़सल के लिए ख़ाली छोड़ दी जाये

पेश-काश्त

(कृषि) खेती करने का पूर्व लगान

पेसी

एक उत्कृष्ट प्रकार का गेहूं जो सफ़ैद और नरम होता है-इस का आटा बहुत अच्छा होता है, रवा

पाछोर

(कृषि) कुँए के चाक (घिरनी) का अड्डा जिस पर चाक लगाया जाता है, मिट्टी का बना हुआ घेरा, पारछा, पाड़, डंडा

पिछौत

ऐसी फ़सल जिसकी बोआई उपयुक्त ऋतु के अंत में या ठीक समय के बाद हुई हो

पिटा

एक रस्म जिस में ज़च्चा के मैके वाले पट्टा और शीरीनी लाते हैं एक ज़च्चा की पेशानी और दूसरा बच्चे के सर पर बांधते हैं ये पट्टा सलमा सितारे या ज़रदोज़ी के काम से भी तैय्यार किया जाता है

पिताई

(कृषि) गन्ने का मुख्य शाख़ा या ऊपर के पत्ते, अगोला

पियाद

रुक : पियादा

पिलौता

(काशतकारी) पीली मिट्टी की ज़मीन जो रीत और चिकनी मिट्टी की मिलवां और क़ुव्वत में अव्वल दर्जे की होती है

पोटया

रुक, पोथी (३)

पोढ़ी

बैठने के लिए एक विशेष प्रकार की छोटी चौकी

पोता

बेटे का बेटा

पोथ

रुक : पोत (२)

पौदर

वह रास्ता जिस पर कोल्हू का बैल घूमता या आता जाता हो

पौधारी

(कृषि) बीज बोने एवं पौध तैयार करने की क्यारी जिसमें ऐसे बीज बोए जायें जिनकी पौध एक स्थान से दूसरे स्थान लगानी आवश्यक हो, पनेहरी

फ़दान

(काशतकारी) ज़रई ज़मीन, खेती बाड़ी , बत्तीस बिसोई, कनाल

फन्ना

(काशतकारी) हल के पिछले हिस्से में बरस (पर बारी) और नागर के जोड़ में फन हुई चोबी मेख़, धान, फनी

फ़रास

खेती: चीर जो गोंद निकालने को दरख़्त की छाल में लगाया जाये

फ़स्लाना

फ़सल पर दिया जाने वाला हक़ या नजानः

फ़स्ली

(काशतकारी) वो खेत जिस में सिर्फ़ ख़रीफ़ की फ़सल काशत की जाये

फार-कुटाई

(कृषि) हल की फर को दरुस्त और तेज़ करने की लोहार की मज़दूरी

फार-पिटाई

(काशतकारी) रुक : फॉर कटाई

फास

काशतकारी, वो ज़मीन जिस में किसी चश्मे के पानी का रिसाव जारी रहे जिसके कारण वो कीचड़ बन जाये और खेती के योग्य न हो, धसन

बज़न

हल चलाते हुए खेत की मिट्टी हमवार करने का तख़्ता, पटेला

बज़्र-गर

बीजरोपक, बोनेवाला, किसान

बैठक

(क्षति) हरीफ़ के लंगोट को एक हाथ से पकड़ कर दूसरे हाथ से दोनों टांगों के बल उस को उठा लेने का अमल

बर्ज़

बोई हुई भुमि या काश्तकारी, कृषि, खेती, ज़िराअत

बरेजा

पान का भीटा

बर्दी

लद्दू बैलों का गिरोह जिन पर पेपारी लोग सामान लादते और लेजाते हैं

बुवार

बीज डालने की रुत, खेत में छिड़काव

बैसाखी

(बक़्क़ाल) बेवक़ूफ़, मूर्ख, अज्ञानी

बाड़ी

बाटिका, बारी, फुलवारी

बाढ़ी

वृद्धि, अधिकता

बालू-तराई

(खेती) दरिया के धारे की भुमि जो रेत और गर्द से पट गई हो दरिया के धारे का रुख़ बदल जाने से ये भुमि खेती के लिए बहुत अच्छी होती है

बिच्का

(कृषि) बनावटी डरावनी शक्ल जो खेत में जानवरों को डराने के लिए लगा देते हैं, उचटा, उचका

बिचार

विचार, चिंतन, सोच, गौर

भसैंडी

(कृषि) ऐसी नुकीली जड़ जो सीधी ज़मीन में उतरती चली जाए जैसे गाजर मूली की जड़

भाजी-दार

(कृषि) हिस्सेदार, साझी, कृषि उत्पादन में समान हिस्सेदार

मु'आफ़ी-ए-इस्तिमरारी

(कृषि) वह भूमि जो हमेशा के वास्ते माफ़ी के रूप में दे दी जाए, स्थायी जागीर

मु'आफ़ी-ए-दाइमी

(कृषि) वह भूमि जो हमेशा के लिए माफ़ कर दी जाए, स्थायी जागीर

मु'आफ़ी-ए-नाजाएज़

(खेती-बाड़ी) अवैध भूमि, गै़रक़ानूनी ज़मीन

मु'आफ़ी-ज़मीन

(काशतकारी) वो ज़मीन जिस पर महसूल माफ़ हो

मु'आफ़ी-दार

जिसे मुआफ़ी की जमीन या जागीर मिली हो, ज़मींदार

मु'आफ़ी-दाराना

मुआफ़ीदार जैसा, (काशतकारी) मुआफ़ीदार (रुक) की हैसियत वाला , बतौर माफ़ी तरह का, जागीरदाराना

मु'आफ़ी-दारी

(काशतकारी) मुआफ़ीदार (रुक) होना , (मजाज़न) जागीरदारी, ज़मींदारी

मु'आमला

= मामला

मक्का

एक प्रसिद्ध खाद्यान्न, मकई

मुक़द्दम-पटवारी

(काशतकारी) पटवारीयों का सरबराह, सीनियर पटवारी

मुक़द्दमी

गांव के कृषी अधिकारी का पद और उसके दायित्व

मुक़र्ररी

ـ जो मामूल के मुताबिक़ हो, मामूल का, रोज़ाना का

मुक़र्ररी-जम'

(कृषी क़ानून) मूल्यांकन की एक निश्चित और स्थायी दर

मुक़र्ररी-दार

कृषी, क़ानून: एक किसान जिस पर एक जमींदार का कब्जा होता है, इस शर्त पर कि वह सालाना एक निश्चित राशि का भुगतान करता है, अर्थात: घरेलू सामान की संपत्ति

मुक़र्ररी-पट्टा

(कृषि; क़ानून) ज़मीन के सीमित हिस्से का पट्टा जो तय लगान के लिए हो

मकाई

खेती: मक्का, मकई, बड़ी ज्वार

मुकासा

(कृषि) जागीर की आमदनी का तयशुदा हिस्सा; (आमतौर पर चौथाई) जो सरकार को देना ज़रूरी है

मुकासा-जागीर

(काशतकारी) वो जागीर जिस की आमदनी का एक मुईन हिस्सा सरकार को अदा करना ज़रूरी हो

मख़्लूत-काश्त

मिश्रित खेती, मिली-जुली खेती, (अर्थशास्त्र) जहाँ खेती स्थानीय जीविका प्रदान नहीं करती है, कृषि की कमी गायों, भैंसों, भेड़, बकरियों, मुर्गियों इत्यादि को पालने से पूरी होती है, आजीविका के इन दो स्रोतों को सामूहिक रूप से मिश्रित खेती कहा जाता है

मुग्गा

(कृषि) पुरानी सड़न जिसमें मूंगफली की गंध आती हो (अनाज आदि)

मुगाना

(कृषि) अनाज आदि को सड़ा या पुराना कर देना, जिससे बदबू आने लगे

मछा-सिया

(काशतकारी) दरिया के किनारे के गांव की ज़मीन की मिल्कियत का वो तरीक़ा जिस की रो से दरिया जो ज़मीन छोड़े इस के मालिक इस गांव के बाशिंदे होते हैं जिधर ज़मीन छोटे

मज़र'आ-ख़ाना

(खेतीबाड़ी) कोठा (अनाज और ग़ल्ला भरने का)

मज़र'आ-दार

(खेतीबाड़ी) खेत का मालिक, ज़मींदार

मज़रा'

खेती: खेती की जगह, खेत या खेती, वो भूमी जो खेती के योग्य हो, छोटा गाँव

मज़ारे'

जिन स्थानों पर खेती की जाती है, बहुत से खेत, वो जगहें जहां खेती बाड़ी हो

मुज़ारे'

(कृषि) खेती बाड़ी करने वाला, खेतिहर, कृषक, किसान, काश्तकार

मुट्ठा

(काशतकारी) हल का वो हिस्सा जिस जगह से उसे पकड़े रहते हैं

मठयार

(कृषि) एक उपजाऊ भूमि क्षेत्र जिसके साथ कुछ रेत अर्थात बालू मिला हो, कृषि योग्य भुमी, उपजाऊ भूमी

मुंडेर

(कृषि) खेत की मेंड़, मुंडेरा

मड़ाई

(काशतकारी) मांडने का काम, गले को छान फटक या रौंद कर साफ़ करने का काम

मूँढ

(कृषि) फ़सल की कटाई में ज़मीन में रह जाने वाली जड़ें

मुढी

(काशतकारी)जड़ के क़रीब की सालिम लक्कड़ी

मेध

(कृषि) उस जगह पर गाड़ा हुआ खंभा जहाँ खेत से ला कर फ़सल फैलाई जाती है, बैल इसी खंभे से बँधे हुए चारों ओर घूम कर पैरों से फलियों के दाने झाड़ते हैं

मन

एक सोने का सिक्का जो शहनशाह अकबर ने राइज किया था और इलाही और जलाली सकूं का ४ १ हिस्सा होता था

मुफ़स्सल जम'

(कृषी) लगान की वो कुल राशि जो ज़मींदार और मालगुज़ार कृषकों से वसूल करके सरकारी खज़ाने में प्रविष्ट करते हैं, जमींदार या मालगुजार द्वारा अधीनस्थ कृषकोंं राजस्व की सकल राशि का वसूलना और सरकारी राजस्व में प्रत्यक्ष रूप से प्रविष्ट करना

मुफ़स्सलात

किसी नगर के आस-पास की छोटी आबादियाँ, गाँव, खेत, देहात और क़स्बा आदि

मुमकिनुज़-ज़रा'अत

(काशतकारी) बौने के काबिल, काशत के लायक़, जहां काशत हो सके

मयावी

(कृषि) खेत के ढेले तोड़ने और ज़मीन बराबर करने का हल

मुर्दा

मरा हुआ, बेजान (ज़िंदा का विलोम)

मुरब्बा'

वह समकोण चतुर्भुज जिसकी सब रेखाएँ बराबर हों, वर्गाकार, चौखटा, चौकोर ठोस जिसके चारों कोण समान हों और चारों कोण स्थायी हों.(गणित)

मैल

कोई ऐसी चीज जिसके पड़ने या लगने से दूसरी चीजें खराब, गंदी या मैली होती हों अथवा उनकी चमक-दमक, सफाई आदि कम होती या बिगड़ जाती हो। मलिन या मैला करने वाला तत्त्व या वस्तु। जैसे-किट्ट, गर्दा, धूल आदि। पद-हाथ-पैर की मैल = बहुत ही उपेक्ष्य और तुच्छ वस्तु। जैसे-वह रुपए-पैसे को तो हाथ-पैर की मैल समझता था।

म्लेछ

असभ्य, जंगली, जंगली मनुष्य, असभ्य आदमी, वह जो अच्छे और बुरे के बीच अंतर न कर सकें

मवात

खेती: बेजान भूमि, वो ज़मीन जिससे कोई लाभ न उठाया जाए, जंगल, मरुस्थल

मुशख़्ख़िस-ए-जम'

(कृषी) निर्धारित राजस्व, राजस्व की शुद्ध राशि

मुशा'

(काशतकारी) वो ज़मीन जो चंद आदमीयों की शिरकत में हो और अभी उस की तक़सीम ना हो गई हो , फ़ाश किया गया, आश्कारा, ज़ाहिर

मुस

(काशतकारी) ज़मीन जो दरिया के बुलंद किनारे के क़रीब हो

मसनू'ई-खाद

(कृषि) विभिन्न प्रकार के रासायनिक तत्त्वों से बनी खाद, नाइट्रोजन, फ़ॉस्फ़ोरस और पोटैशियम उपलब्ध कराने वाली खाद, रासायनिक खाद

मुसनी

(कृषि) वह ज़मीन जिसे पानी दिया गया हो, पानी दी हुई ज़मीन

महसूल

किराया, भाड़ा

महसूल अदा करना

(कृषि) कर देना, लगान या मालगुज़ारी का भुगतान करना

महसूली

(कृषि वो भूमी जिसकी सरकार में मालगुज़ारी अदा की जाती है, वह भूमि जिस पर लगान देना पड़ता हो, ख़राजी

महारा

(कृषि) फ़सल काटने के बाद उसका ढेर बना कर रखा जाना अथवा फ़सल का ढेर

मिठाला

(कृषि) ज़मीन की प्राकृतिक नमी जो पैदावार के लिए बहुत लाभदायक होती है

मिन्हाई-दार

(काशतकारी) लगान के काबिल ज़मीन रखने वाला

मिर्धा

एक क़ौम जैसे बादशाही मिर्धे जो प्यादों का काम दिया करते थे

मिल्की

= मिलकी

मिस्ता जाना

(कृषि) ज़मीन का इस स्थित में पहुँच जाना जिसमें नाइट्रोजन की प्रचुर्ता के कारण पत्ते और शाख़ें अधिक पैदा हो जाएँ मगर फल न लगें

मिस्सा

कई तरह की दालों आदि को पीसकर तैयार किया हुआ आटा जिसकी रोटी गरीब लोग बनाकर खाया करते हैं

मिंहाई

कमी, कटौती, तफ़रीक़, व्यवकलन, लगान में कमी, शुल्क या कर में कमी

मीजू

मसूर, मसूर की दाल

मोदी

आटा, दाल, चावल, आदि बेचनेवाला बनिया, भोजन सामग्री देनेवाला बनिया, परचूनिया, अनाज का व्यापारी, बनिया, परचून की दुकान वाला

मौज़ा'-वार

(कृषी) गाँव के क्रम से, देहात के क्रम के अनुसार, गणना के अनुसार, गाँव-गाँव

मौसम-ए-ख़रीफ़

(कृषि) सावनी फ़सल; पतझड़ का मौसम

रूख

पेड़, वृक्ष

रखौंत

(काशतकारी) महफ़ूत खेती जो किसी ख़ास ज़रूरीयात के लिए लगी रखी जाये और आख़िर फ़सल या ज़रूरत के वक़्त काती जाये

रजिस्टर जमा'-बंदी

(कृषी) पटवारी का रजिस्टर जिसमें भूमि की पैदावार, कृषक का नाम क्षेत्रफल आदि के साथ और लगान की विस्तृत प्रविष्टि होती है इसमें प्रविष्टियाँ नम्बरदार (ज़मींदार) से शुरू हो कर कृषक तक श्रृंखलाबद्ध होती हैं

रत्कर

(कृषिकार्य) नदी की रेत से पैदा हुई ज़मीन

रतून

कृषी: तंबाकू, गन्ना, नील की ऐसी पोद जो एक मर्तबा कटने के बाद जड़ में से दुबारा फूट कर बढ़ जाये

रतवा

(कृषि) खर नाम की घास जो घोड़ों के लिये बहुत अच्छी समझी जाती है, जो बरसात के दिनों या ठंढी जगहों में अधिकता से होती है

रेत्वा

(कृषि) ऐसी भूमि जिसकी मिट्टी में रेत की मात्रा अधिक हो और पानी जल्दी बहुत नीचे उतर जाए, भूड़, रेतुआ

रूस्ली

(कृषिकार्य) वह भूमि जो अच्छी फ़सल न दे

रसोना

(कृषि) बारिश से पहले चावल बोने का कार्य

रहट

खेतों की सिंचाई के लिए कुएँ से पानी निकालने का एक प्रकार का यंत्र जो गोलाकार पहिए के रूप में होता है और जिस पर हाँड़ियों की माला पड़ी रहती है

राँकड़ड़

(कृषि) वह ज़मीन जिसमें पत्थर प्रचुर मात्रा में हो, पथरीली ज़मीन

राँगर

(काशतकारी) वो ज़मीन जिस में सुसंग्रेज़ों की कसरत हो, कंकरेली ज़मीन

रागी

विषय वासना में फँसा हुआ, विषयासक्त

राज-काल

(खेती-बाड़ी) वह मंहगाई या कठिनाई जो सरकार की कार्य शैली या सरकारी ज़रूरतों की उपलब्धि से उत्पन्न हो

राढ़ी

एक प्रकार की मोटी घास

रानी

(काशतकारी) ख़ुद रो पौदे नबातात जिस का बीज ज़मीन में महफ़ूज़ रहता और अपनी फ़सल पर फूट निकलता है

राम-हटाई

(कृषि) मालिक और किसान के बीच बराबर-बराबर फ़सल का बटवारा

रावनी

(कृषि) खेत में हल चलाने और पटरा या सुहागा फेरने के बाद ज़मीं को नर्म करना

रोखर

कृषी: भूमी का वो टुकड़ा जिस पर नदी की लहर आने से बालू की तह जम गई हो और वो खेती के योग्य न रही हो, वह भूमि जिसकी मिट्टी बाढ़ के कारण बलुई हो गई हो

लगान

कृषि पर लगने वाला सरकारी कर, कृषि भूमि पर लगने वाला कर, शुल्क, राजस्व, नावों के ठहरने का स्थान, आरोप, इल्ज़ाम

लगान-दारी

(कृषि) लगान लगाना या लगना

लटन

वह फ़स्ल जो मौसम से पहले बोई जाए (यह अच्छी नहीं होती); (लक्षणिक) ख़राब

लम्बर-दार

गाँव का मुखिया, चौधरी, वह व्यक्ति जो सरकारी राजस्व को भुमिहारों से प्राप्त करके सरकारी कोष में जमा करता है एवं जो सरकारी राजस्व का सभी भागीदारों की ओर से उत्तरदायी होता है

लहार

(काशतकारी) खेत काटने वाले मज़दूर की उजरत जो कटे हुए अनाज की पोलियों का पाँच फ़ीसद होती थी, लाई

ला-ख़राज

वह भूमि जिसका लगान न देना पड़े, ख़िराज अर्थात भूमिकर या लगान से मुक्त (भूमि)।

लाघा

(काशतकारी) रीत के टीलों के साथ साथ काबिल-ए-काशत ज़मीन, रीत के टीले और उन के दरमयान काशत के लायक़ अराज़ी

लालिया

(कृषि) कठोर दाने का लाल रंग का गेहूँ, घटिया

वट

कौड़ी।

वट-बंदी

(काशतकारी) खेत के अतराफ़ मुंडेरें बनाना

वढ

(कृषि) उबड़-खाबड़ ज़मीन

वत्तर

छकड़े तांगे वग़ैरा में बोझ के मुसावी होने की हालत

वारा-बंदी

(काशतकारी) खेतों को नहरी पानी देने के लिए मुख़्तलिफ़ काश्तकारों की बारी मुक़र्रर करना, महकमा-ए-नहर की एक इस्तिलाह, वारा बंदी

शरीक-ए-शिक्मी

(काशतकारी) वो शख़्स जो अंदरूनी तौर प्रकाशित कारी में शरीक हो और जिस के नाम ज़मींदार की तरफ़ से पट्टा ना हो, शरीक विरासत, पट्टीदार, हिस्सादार

शहना

खेत की चौकसी करनेवाला, शस्यरक्षक

शामी

सीरिया देश का रहने वाला या रहने वाली

शिकमी-इजारा-दार

खेत में जलमग्न जलकुंभी को पकड़ना

शिक्मी-पट्टा

(काशतकारी) ख़ास मुद्दत के लिए मुआहिदे पर ज़मीन की मिल्कियत

सूअर-मुखी

एक प्रकार की बड़ी ज्वार

सुख-बासी

(काशतकारी)गांव की तीन पुश्ती वतनी काश्तकार जिस के क़बज़े में कोई अराज़ी मुस्तक़िलन जे़रे काशत रही हो, मौरूसी काश्तकार

संगी-ज़मीन

(कृषि) ज़मीन जो कठोर और बंजर हो, पथरीली ज़मीन

सटकना

धीरे से खिसक जाना

सेत-वारी

कृषी: दरिया के किनारे की ऐसी ज़मीन जिसमें सतह के नीचे के पानी का प्रभाव हो, हरापन लिए हुए बलुई चिकनी मिट्टी

सदार्थ-बृत

(काशतकारी) बादशाह की तरफ़ से अता की हुई मशरूत अलख़दमत मौरूसी जागीर

सुध-कार

(कृषि) ज़मीन का वह कर जो कृषि करने पर लिया जाए, कभी कभार का लगान जो ज़मीन के इस्तेमाल पर लिया जाए

सपाट

(काशतकारी) हमवार क्यू हुआ खेत

सब्ज़-खाद

(कृषि) पत्तों से तैयार की हुई खाद; पत्ती की खाद

सरकन

(कृषि) दलदली ज़मीन या ऐसी रेतीली या नर्म ज़मीन जो उपर के दबाव से नीचे सरक जाये, भास्, धँस

सर-ख़त

(काशतकारी) मालिक ज़मीन और काश्तकार के दरमयान क़ौल-ओ-क़रार की तहरीर

सरदेशमुखी

कृषी: चौथ की तरह का एक प्रकार का राज-कर जो मराठा शासन-काल में जनता पर लगता था

सरदही

कृषी: वह नजर या भेंट जो मध्य युग में जमींदार या उसका कारिंदा किसानों से हर फसल पर लेता था, वो रुपया जो प्रतिशत के हिसाब के गाँव का स्वामी सरकार को अदा करता है

सर्पत

कुश की तरह की एक लंबी घास जो छप्पर आदि छाने के काम में आती है, सेंठा, सरकंडा

सरावन

बहाकर या चुआकर निकालना

सरावल

(काशतकारी) गांव वालों की मुशतर्का ज़रवयात का इंतज़ाम करने वाला शख़्स, सरबराह नीज़ गांव में सरकारी ओहदे दारों के क़ियाम-ओ-ताम के सामान की फ़राहमी का मुनतज़म

सरासरी में

(काशतकारी) वो खेती जो बला तई्ान-ए-लगान की जाये और पैदावार पर लगान मुक़र्रर हो

सरिया

एक प्रकार का मोटा धान जिसका चावल लाल होता है

सुरीठा

(कृषि) मोटे और लंबे गन्नों के प्रकार में द्वितीय श्रेणी का गन्ना उसमें खाँड के कण कम होते हैं, इसलिए अधिकतर चूसने अर्थात चबा कर रस पीने के काम आता है, सरकंडा, पोंडा, थोन

सैलाबी

बाढ़ का, बाढ़ जैसा, बाढ़ से सम्बन्धित, सैलाब संबंधी, सैलाब या बाढ़ का, वो ज़मीन जो अक्सर बाढ़ के चपेट आती है, वो ज़मीन जिस पर बाढ़ का पानी चढ़ आया हो

सैलाबी-नहर

कृषी: बाढ़ के पानी को निकालने के लिए खोदी गई अस्थायी नहर

स्वाँग

किसी दूसरे की वेश-भूषा अपने अंग पर इसलिए धारण करना कि देखने में लोगों को वही दूसरा व्यक्ति जान पड़े, भेस, रूप

सँवारा

(काशतकारी) आला किस्म की गंदुम का बीज पछेती बेजाती के लिए संवरा ६४ बहुत अच्छी साबित हो चुकी है इन इक़साम पर अमराज़ का हमला नहीं होता

सेहून

कृषी: गेहूं का दाना जो पूरा न बने और बाल के अंदर सूख कर काला हो जाए, ज़मीन की कमज़ोरी से दाने में नमी की शक्ति नहीं रहती और वो कच्चा ही सूख जाता है

सुहागा फेरना

(कृषि) ज़मीन समतल करना, खेत के ढेले फोड़ कर सतह को बराबर करना तथा नष्ट और बरबाद करना

सार

जगह वग़ैरा के लिए जैसे नमकसार

साली

बीवी की बहन

सिचन

(कृषि) नमक की क्यारियाँ बनी हुई ज़मीन जो नमक बनने को लगातार सींची जाती रहें

सिंचाई

खेत या बाग़ वग़ैरा में पौदों और दरख़्तों को तपानी देने का काम, आबपाशी

सिमार

(काशतकारी) पानी मारी हुई खेती जो बारिश या दूसरे पानी की किझ से ख़ाब हो गई हो, पुन मार

सियारा

एक प्रकार का फावड़ा जिससे जोती हुई जमीन समतल की जाती है

सिरा

किनारा, अंत, प्रारम्भ

सिराही

(कृषि) मसूर की खेती में ज़मींदार का हक़

सिवाई

एक प्रकार की मिट्टी

सींक

झाड़ु की तीली

सीत

(काशतकारी) शुरू जाड़े की ओस जिस से ज़मीन नम हो जाये और गेहूं चने की पोद परवरिश पाए

सीर

लहसुन और दही से बना हुआ सालन

सीर-दार

(काशतकारी) निज जोत या ख़ुद काशत आराज़ीयात का मुंतज़म

सीला

फ़सल कट चुकने के बाद खेत में बचे और बिखरे हुए अनाज के दाने

सोहाई

खेत में उगी घास निकालने का काम, निराई, इस काम की मजदूरी

सोहास

(काशतकारी) धान जिस से चावल होता है, इस की बेशुमार इक़साम में से एक जो ख़ुशबूदार भी होता है नीज़ कम क़ीमत भी, उस॒वास का चावल

हक़-ए-पटवारी

(कृषि) फ़ीस जो पटवारी को दी जाए

हक़-ए-भेंट

(काशतकारी) ओहदा दारान-ए-माल का शश माही नज़राना जो मालगुज़ार हर फ़सल पर अदा करे

हक़्क़ुत-तहसील

(काशतकारी) वो हक़ जो नंबरदार को लगान वसूल करने और मालगुज़ारी अदा करने की वजह से मिलता है

हक़दार

(काशतकारी) वो काश्तकार जो किसी अराज़ी को एक ख़ास क़ानूनी मुद्दत से अपने क़बज़ा काशत में रखता हो और जब तक सरकारी लगान अदा करता रहे ज़मीन से बेदख़ल ना किया जा सके, दख़ील-ए-कार, मौरूसी काश्तकार

हर-घटीट

(काशतकारी) गांव की मज़रूआ ज़मीन, हल घसीट

हर-घसीट

(कृषि) खेती योग्य भूमि

हर-घापड़

(कृषि) वह खेती योग्य भूमि जो थोड़ी सूख गई हो, हरघसीट

हरदा

(कृषि) जंगली बूटियाँ जो खेत में उगें; अनाज की एक बीमारी जिसमें पौधा पीला पड़ जाता है, एक रोग जो ग़ल्ले के खेत में लग जाता है और बालियों को ख़त्म कर देता है, फफूँदी

हराई

खेत का उतना भाग जितना एक हल के चक्कर में जुत जाता है, बाह, पराजय, हराने का अमल, सताने या थकाने का अमल, सब्ज़ी, शादाबी, तरो-ताज़गी, ख़ुशी, हर्ष, आनंद

हराती

अफग़ानिस्तान के शहर हेरात का निवासी

हरीनी

(काशतकारी) लक्कड़ी की खूंटी जो हल की लंबी लक्कड़ी के बाहरी सिरे पर लगी होती है

हरौता

मौसम की पहली हल चलाई

हल

ज़मीन नापने का पूरानी चाल का लट्ठा, ज़मीन नापने का लट्ठा

हल चलना

(काशतकारी) हल चलाना (रुक) का लाज़िम , खेत में हल से काम लिया जाना, ज़मीन का जूता जाना नीज़ तख़्त-ओ-ताराज हो जाना

हल जोतना

(कृषि) खेत में हल चलाना, हल के ज़रिए ज़मीन को जोतकर खेती के योग्य बनाना; खेती करना

हल फेरना

खेती-हल जोतना, हल चलाना, गुड़ाई करना

हल में जोतना

(काशतकारी) खेत में हल चलाने के लिए हल का जोह जानवर के ऊपर रखना

हल-खियो

(काशतकारी) हल चलाने की रुत, खेत की हिलाई शुरू करने का वक़्त, हर वित्त, हुर्रियत, हरावता

हल-जोता

हल चलाने वाला, किसान, हाली, जोतने वाला, हरवाहा

हल-दार

(कृषि) वो जिसके पास हल हो, हल का मालिक

हल-बरार

हल का किराया या मिआ वज़ह-ए-इस्तिमाल

हल-भोग

(कृषि) दूसरे के खेत पर ज़बरदस्ती क़ब्ज़ा जमाना

हलवाई

मिठाई बनाने और बेचने वाला

हल-शुदा

(काशतकारी) हमवार क्या हुआ (खेत), हल चलाया हुआ (खेत)

हल-सज्जा

(काशतकारी) हल जोतने में बाहमी मदद, हर सजा, रुक : हल स्वत

हल-साझा

(काशतकारी) हरिसिह झन, मुश्तर्क खती या खेत की हिलाई

हल-सारी

(काशतकारी) रुक : हल बंदी

हल-सोत

(काशतकारी) रुक : हर स्वत, फ़सल पर पहली दफ़ा हल चलाना या चलाने में मदद देना

हलायुध

(खेतीबारी) हल धारण करने वाला यानी बलराम, बलराम का एक नाम

हँसली

इंसानी सीने पर उभरी हुई हड्डी जो गर्दन के नीचे दोनों शानों के दरमयान होती है

हसिया

दरांती, घास या तरकारी काटने का औज़ार, रुक: हंसिया

हाड़

हल का फार वाला हिस्सा, अगवासी, अनकोरी

हाड़ी

सड़कों और गलीयों वग़ैरा से हड्डियां, कूड़ा क्रिकेट और दीगर ग़लाज़तें उठाने वाला, मिहतर, ख़ाकरूब, भंगी, चूह्ड़

हिरासा

कृषी: वह कृत्रिम मनुष्य जो खेत आदि में जंगली जानवरों को डराने के लिए बना देते हैं

हीठा

(काशत) रुक: अहीठा, खेत ख़ुसूसन खलियान का निगहबान जो खेत की रखवाली से किसी वक़्त ना हटे यानी किसी को अपना क़ाइम मक़ाम बनाए बगै़र अपनी जगह से ना जाये

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