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आठ बार नौ त्योहार

सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता

चमनिस्तान

ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़

'औरत

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

ताग़ूत

शैतान, अत्यन्त निर्दय और अत्याचारी व्यक्ति

मन-भावन

मन को भाने या अच्छा लगने वाला

दादरा

संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल

मज़दूर

शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर

ख़ैर-अंदेश

भलाई की बात सोचने वाला, वह शख़्स जो किसी की भलाई चाहे, शुभचिंतक

दूध-शरीक बहन

ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन

रिसाई

दुख और मौत से संबंधित, शोकयुक्त

ज़र्फ़

बर्तन

तिहाई

किसी वस्तु के तीन समान भागों में कोई एक भाग, तीसरा अंश, भाग या हिस्सा, तीसरा हिस्सा

ला'नत

धिक्कार, फटकार, भर्त्सना, अभिशाप, शाप

क़हर ढाना

किसी के लिए संकट पैदा करना, संकटग्रस्त बनाना, किसी पर कोई आफ़त लाना, ज़ुल्म करना, क़हर तोड़ना

चले न जाए आँगन टेढ़ा

काम में कुशल न होने पर दूसरे पर आरोप मढ़ना

आगे नाथ न पीछे पगा

जिसके आगे-पीछे कोई न हो, जिसका अपना कोई न हो, असहाय, लावारिस, अकेला

साहिर

जादूगर, वह व्यक्ति जो जादू दिखाता हो

कुड़माई

शादी के पूर्व रिश्ता पक्का करने के लिए की जाने वाली रस्म, सगाई, शादी तै करना, रिश्ता करना

नज़र-भर देखना

पूरी तरह से देखना, ध्यान से देखना

ख़्वाजा-ताश

एक स्वामी के दास, जो आपस में ख्वाजःताश कहलाते हैं

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झँवाना

झांवे से रकड़ कर पांव साफ़ करना

पाँड़

(वह औरत) जिसके स्तन छोटे हों या बिलकुल ना हों या जिसके स्तनों में दूध ना हो (वह औरत) जिसकी बच्चेदानी बहुत छोटी और रति क्रीड़ा के क़ाबिल ना हो

'अक़्ल-वंती

बुद्धीमान (औरत)

अजी

ध्यान दिलाने के लिए कहा जाने वाला एक संबोधक शब्द

अनयाँ-ख़नयाँ

इमकी ढमकी, बेहैसियत या नाक़ाबिल एतबार औरत (औरतें)

अनाड़ी

जो निपुण न हो। अ-कुशल। अ-दक्ष, ना तजुर्बा कार, नासमझ, नादान

अफल

(कार्य या प्रयत्न) जिसका कोई फल या परिणाम न हो, निष्फल, पु० झाऊ का वृक्ष

अम्न-चैन

वैयक्तिक जीवन में सुख-शांति, शांति-सुकून की स्थिति, बेफ़िकरी, सुख-चैन

अरामिल

‘अर्मलः’ का बहु., विधवा स्त्रियाँ, बिना स्त्रियों के पुरुष, बिना पुरुष की स्त्रियाँ, रंडवे (मर्द), बेवा (औरतें)

अहमक़

डाँट-डपट अथवा भर्त्सना के लिए बोला जाने वाला वाक्य, पर्याय: जाहिल, उल्लू, गधा, पागल, अयोग्य इत्यादि

अहमक़ुल्लज़ी

बहुत बेवक़ूफ़, निहायत दर्जा अहमक़

'आक़िर

बाँझ (पुरुष या महिला), वह पुरुष या महिला जिसके बच्चे पैदा न हों

आँचल फाड़ना

(अवामी) एक टोटका है (औरतों का ख़याल है कि अगर बाँझ औरत बच्चे वाली औरत के आँचल का टुकड़ा फाड़ डाले और जला के खा जाए तो ये संतान वली हो जाए, और बच्चे वाली की औलाद मर जाए)

आबरू-बाख़्ता

बाज़ारी, अपमानित, लज्जित, असम्मानित, बे-हैसियत, ज़लील

'आरिज़ा

(कदाचि) बाधा, रोक-टोक, हस्तक्षेप

आवाज़-चुटकी

हलकी चोट

इल्मिल-टिल्मिल

ज़रूरी काम छोड़ना (औरतों की दिनचर्या का)

'इस्मत पर हाथ डालना

(औरत की) सम्मान पर हमला करना, अपमानित करना, बलात्कार करना, इज़्ज़त पर हमला करना

ईंट उलटना

(महिला) परंपरागत रूप से, दुश्मन को मारने के इरादे से मस्जिद में ईंटें उलटी करके रख देना (अनपढ़ महिलाओं का टोटका)

उँगलियाँ चमकाना

(महिलाओं, स्त्रियां या जोकरों का एक-दूसरे से लड़ते समय घमंड और डींगें हांकने आदि से ) हाथ उठाकर अंगुलियों को इधर-उधर घुमाना

उड्डो

आवारा फिरने वाली (औरत

उधाल

बदचलन, आवारा (औरत), दाश्ता

उस्तानी

उस्ताद या गुरु की पत्नी

उहरी की दुहरी करना

(औरत) अभद्र भाषा का प्रयोग करना, उलटी सीधी बात करना, वाद-विवाद करना

कच्चे-दिन

गर्भावस्था के शुरुआती महीने, जब गर्भपात का खतरा ज़्यादा होता है, जो आठ महीने तक होता है, कच्चे दिनों में बहू को गाड़ी में नहीं बैठने दूंगी, गर्भावस्था के दिन

कच्चे-पक्के-दिन

गर्भ के चौथे पाँचवें महीना तक का समय जिसमें गर्भवती को बड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है

कच्चा जाना

गर्भपात होना, अधूरा बच्चा पैदा होना

कच-पेच

(औरत की भषा) एक प्रकार का हाथों का कड़ा

कचरघान

अनेक प्रकार की छोटी-छोटी वस्तुओं का ढेर।

कुछ-ऊपर

(अविर) क़दर-ए-ज़्यादा, कुछ ज़्यादा (किसी अदद के साथ मुस्तामल)

कट-मस्ती

दुष्ट, अधम, दुराचारी, दुष्टाचारी (स्त्री), मस्तानी

कटावन पड़ना

(अविर) असामाल में आते ही छुरी बन जाना, (इस्तिमाल करने वाले के हक़ में) कटने लगना

कठपुतली

काठ की पुतली या गुड़िया जो डोरे या तार की सहायता से नचाई जाती है (पपेट)

कुत्तों के पास जाना

(अविर) बुरा फे़अल करना , बुरे आदमी के पास जाना

कन्कटी

एक रोग जिसमें कान का पिछला भाग कट जाता है

करीमा

(स्त्रीवाची) बड़ी, मेहरबान, मुक्तहस्त, दानी

कलंकन

बदनाम, अपमानित, लांछित, दोषपूर्ण, व्याभिचार, पांसुली (औरत)

कुल-कुला

(दिल्ली, औरत) हर मामले में, बहुत तरह से, ले दे के, केवल, इतना ही

कल्मूही

काले मुँह वाली, बदबख़्त, कम्बख़्त, मनहूस, बुरी औरत, कलंकित, लांछित

कल्ले तले दबा लेना

(महिला) अपनी आवाज़ से दूसरे को बात न करने देना, दूसरे को शोर-ग़ुल मचा कर दबा लेना, अपनी आवाज़ के आगे दूसरे की न सुनना

कल्ला जबड़ा

गाल, कपोल, प्रैकात्मक: चेहरा, हाव-भाव

कल्ला ताज़ा करना

(अविर) कुछ खाना पीना, ख़ुसूसन मुँह में पान का बीड़ा दबाना, पान खाना

कल्ला ताज़ा करना

(अविर) कुछ खाना पीना, ख़ुसूसन मुँह में पान का बीड़ा दबाना, पान खाना

कल्वल टलना

मुसीबत दूर होना, दुख दूर होना

कलाँ-कार

तजरबाकार, हुनरमंद , (अविर) मक्कार, अय्यार, चालाक

काकलूदी

(अविर) रुक : काकुलोती, मामता

कामिन

छिपनेवाला, लुप्त होनेवाला।

काले मुँह वाला

(अविर) चोर, दज़द

काली पीली चील चिलो

बचा खुचा या सदक़े का गोश्त चीलों को खिलाने के लिए बोटियाँ उछाल उछाल कर बच्चे यह आवाज़ लगाते हैं

काली-कलूटी

बहुत गहरी काली, बहुत काली औरत, चमकदार काली औरत

किच्ड़ाना

कीचड़ से युक्त होना

क़िस्मत पर झाड़ू फिरे

(अविर) बुरे हालात से बेज़ार हो कर कहते हैं कि ऐसी ख़राब क़िस्मत, क्या बुरी क़िस्मत है, ऐसी क़िस्मत से भर पाए, रुक : झाड़ू फिरना

कीड़े-पड़ी

(तिरस्कार से) ख़राब, गंदी, असभ्य (औरत)

कोख आबाद रहे

(अविर) एक दुआ, औलाद ज़िंदा रहे

कोख पड़ना

(औरत की भाषा) गर्भवती होना

कोख माँग से ठंडी रहो

(अविर) एक दुआ, साब-ए-औलाद और सुहागन रहो, औलाद और शौहर से ख़ुश-ओ-ख़ुर्रम रहो

खुटले

(हिंदू , अविर) कान के ऊपर के सूराख़ जो ज़ेवर के वास्ते औरतें छिदवाती हैं

खुत्ती

(अविर) ख़ज़ाना, दौलत, रूपियों की थैली

ख़ुदा इस का सहरा दिखाए

(अविर) ख़ुदा करे इस का ब्याह हो, ख़ुदा उसको दूल्हा बना हुआ दिखाए

ख़ुदा की सँवार

(अविर) नफ़ी का जवाब, अल्लाह की मार, फटकार

ख़ंदी

अनवश्यक हर समय हँसने वाली, हँसोड़ (औरत)

खुर्पी

चमड़ा छीलने या काटने का आला

ख़ैर-बरकत

(स्त्री) बरकत, बढ़ती, वृद्धि, लाभ, कल्याण

ख़लल

ग़लती, दोष, त्रुटि, कमी

खूस्ट

बहुत पुरानी, फ़र्सूदा

ख़सम-पेटी

ख़सम को रोने वाली, बेवा, रांड, एक किस्म की गाली

ख़िल'अत पहनाना

(अविर , तंज़न) इंतिहाई बदनामी करना, रुसवाई करना

खोजड़े पीटा

अभागा, निगोड़ा, मुवा (कोसना)

खोदना

(अविर) मुजामअत करना

खोबड़ खाबड़

ऊबड़-खाबड़

गू का कीड़ा

(रूपकात्मक) छोटा नवजात बच्चा, छोटा नौज़ाईदा बच्चा

गज-गामिनी

जिसकी चाल हाथी जैसी हो, हाथी की तरह शान से चलने वाला

ग़ज़ब जोतना

(स्त्रीवाची) उत्पात मचाना

गंजी

एक किस्म का खट्टा पानी जिस में राई या ज़ीरा नमक वग़ैरा अचार की तरह डालते हैं

गूदड़-ख़ैल

नीच क़ौम की और बदशक्ल औरत

गर्मी

गरम होने की अवस्था, गुण या भाव। जैसे आग या धूप की गरमी।

ग़ुलम्टा

ग़ुलाम बच्चे

ग़ुल्ला सी आँखें निकालना

(महिला) क्रोध की अधिकता में एक निश्चित ढंग से देखना

गाईदा

वह (महिला) जिसके साथ मैथुन किया हो, संभोग्या

गाट

(काशतकारी) जोय में दो बैलों को जोतना, दो बैलों का जोड़ा जाना

ग़ाटी

घमंडी (औरत)

गाढा

(अविर) रुक : गाढ़ा

गाती

वह चद्दर जिसे प्राचीन काल में लोग अपने शरीर पर लपेटते थे और अब भी साधु लोग अपने गले में बाँधे रहते हैं, स्त्रियाँ बच्चों के गले में अब भी गाती बाँधती हैं, चद्दर या आँगोछा लपेटने का एक ढंग जिसमें उसे शरीर के चारों ओर लपेटकर गले में बाँधते हैं

गाती बाँधना

दुपट्टे को सीने और कमर से बाँधना

गालों की झुर्रियाँ छुपाना

(महिला) चेहरे से बुढ़ापे के आसार दूर करना, उम्र कम ज़ाहिर करने के लिए मेक-अप वग़ैरा करना

गिठा

(स्त्री) गाँठ, बंधन, गुत्थी

गोन्-मथोन

(अविर) मुंह फुला कर चुप हो जाने वाला

गोर खाए

मर जाए, दफ़ा हो जाए

गोर में गाड़ूँ

(औरत की भाषा) दफ़्न करूँ, मौत के मुँह में दे दूँ

गोर में लात मार कर खड़ा होना

(अविर) मरते-मरते बचना, सख़्त बीमारी के बाद शिफ़ा पाना , मौत के जंगल से छूटना

घुटने से लग कर बैठना

(अविर) घुटने से लगा कर बिठाना (रुक) का लाज़िम .अगर इस तरह ब्याही बेटियां माओं के घुटने से लगी बैठी रहें तो फिर ब्याहने से फ़ायदा

घुटने से लगे रहना

(औरत की भाषा) हर वक़्त क़रीब रहना, अलग न होना

घुटने से लगना

(अविर) लड़की का माँ के घर में रहना, बिन ब्याही रहना

घुन्नी

۔(ह) सिफ़त। मुअन्नस। लखनऊ में घोनी है। १।देखो घना। २।मिग्रापन

चुट

चुटकी (रुक) की तख़फ़ीफ़, मुरक्कबात में मुस्तामल , रुक : चिट गेरा

चट्टम-चोट

(औरत) ज़िद्दम-ज़िद्दा में मुक़ाब्ला, आपस में झगड़ना और झगड़ा करना, उलझना, निरन्तर मारधाड़

चूटीला

(अविर) चोटी में पहना जाने वाला एक ज़ेवर जो हसब-ए-हैसियत चांदी सोने या पीतल वग़ैरा का होता है

चढ़ा-उपरी

(औरत की भाषा) लागडाँट

चुत्थल

ठठोल, ठठोल बाज़, मसखरा, विनोदप्रिय

चुदाना

स्त्री का पुरुष से प्रसंग या संभोग कराना

चूदासी

(बाज़ारी) कामुक और व्यभिचारी (औरत)

चल चख़े मेरे मुँह मत लग

(महिला) चल दूर हो, मेरे साथ बात मत कर (ग़ुस्से में एक औरत दूसरी को कहती है)

चूल्हा जलवाना

(स्त्रीवाची) सेवा लेना, घर के कामकाज कराना

चहार

चार की संख्या, तीन और एक

चारपाई-वाला

(संकेतैत्मक) खटमल

चाले पाड़ना

(अविर) ज़ुलम करना, ग़ज़ब ढाना, क़ियामत बरपा करना

चावल खड़े रहना

(अविर) चावल का अध् गला रहना, चावल में कन्नी बाक़ी रहना

चावल बैठना

(महिला) चावलों का पकने में पचपचा हो जाना, अधिक मुलायम हो जाना

चावल होना

(अविर) चावलों का पक जाना, तैय्यार होजाना, चावलों में कन्नी बाक़ी ना रहना

चिट्ठी-नवीस

ख़त पुत्र लिखने वाला(मर्द या औरत)

चीसा

(ज़नानों की इस्तिलाह) अच्छा

चौखाट

(अविर) वो इंसान जिस के आज़ा क़वी हूँ

चौथा

क्रम में चार के स्थान पर पड़ने वाला, तीसरे के उपरांत का, जिसके पहले तीन और हों

छछलियाँ खिलवाना

किसी को हैरान करना, परेशान करना

छंदन

(अविर) औरतों का एक ज़ेवर जो कांसी या पीतल या रांग का होता है

छबीली-जान

(औरत) ऐसी औरत जो पहन-ओढ़ कर दूसरों को रिझाने के लिए अपने छब दिखाती फिरे

छया

बच्चा

छरंदा

(ज़नाने) चावल, पीतल

छुरियाँ कटाओं पड़ना

ज़हर मार कर जाना, निगलना, चोरी से खाया जाना

छुरियाँ कटावन हो

अंग न लगे, शरीर का अंग न हो, जिस तरह छुरी काटती है उसी तरह हमारा खाया पिया तुम्हारी अंतड़ियाँ काटे

छुरियों का ग़ुस्ल देना

(औरत की ज़बान) छुरियाँ मारना, लहूलुहान करना

छुरी देना

(स्त्रवाची) मारना, वध करना

छुरी-कटारी

वह झगड़ा जिसमें हथियारों की नौबत पहुँचे, जानी दुश्मनी, अन-बन, लड़ाई झगड़ा, तकरार

छुलछुलाना

थोड़ा-थोड़ा करके मूतना, तेज़ी के साथ पेशाब की आवाज़ निकलना, छलछल मूतना, पानी छोड़ना

छलनी में डाल कर छाज में उड़ाना

(स्त्रीवाची) अपमानित करना, बात का बतंगड़ बनाना, थोड़ी सी बुराई को बढ़ा-चढ़ा कर बताना (उदाहरणः छलनी में डालकर इत्यादि)

छल्ला धो कर उठाना

(अविर) मिन्नत का छल्ला पाक कर के रखनाता कि कामयाबी पर ख़ैरात कर दिया जाये

छलहाई

धोके बाज़, चालाक (औरत)

छाईं-फूईं

(अविर) ख़ुदा ना करे, ख़ुदा बचाए, ख़ुदा प्रिय ही रखे (किसी से बचने के मौक़ा पर मुस्तामल)

छातियाँ चढ़ना

(स्त्री) दूध की अधिकता के कारण स्त्री के स्तनों का फूलना

छाती पर फिरना

प्रत्येक समय याद आना (साधारणतया) अपने मरे हुए बच्चे याद आने पर स्त्रियाँ कहती हैं

छाती से लगा रखना

(अविर) बहुत हिफ़ाज़त और देख भाल या प्यारो मुहब्बत से पास रखना, जान के बराबर रखना, आंखों के सामने रखना

छिनाल

व्यभिचारिणी; कुलटा, जिसका संबंध बहुत से पर-पुरुषों से हो

छिनाला

(औरत की) बदकारी, ज़नाकारी

छीता

(हिंदू, औरत) बाप या पति के घर जाने की तारीख़

जच्चा

जननी, प्रसूता, सूतिका, प्रजाता, जातापत्या (ज़ज्जा का बिगड़ा हुआ)

जटा-जूट

जटा को लपेटकर बनाया जानेवाला जूड़ा, लंबे बालों या जटा को समेटकर बनाया जाने वाला जूड़ा, चोटी

ज़नानी

स्त्री, औरत

ज़बान नहीं मानती

ऐसी जगह पर इस का उपयोग किया जाता है जहां यह कहना होता है कि तुम बहुत चटोरे हो जो पाते हो खाते चले जाते हो

ज़बान में खुजली होना

वाद-विवाद करने को जी चाहना, कुछ कहने को जी चाहना

ज़ुबान में भद्रक न होना

कभी कुछ कहना कभी कुछ कहना, एक बात पर बाक़ी न रहना

जमाल

सुंदरता, ख़ूबसूरती, रूप

ज़मीन में गढ़ा हो जाता, मैं धंस जाती

अकस्मात मौत आ जाए

ज़ेर-ए-रान

वश में (सवारी के जानवर या औरत), उपयोग में

ज़रा में ज़रा देना

रत्ती भर वस्तु हो तो उसमें से भी थोड़ा देना

जवाना-मर्ग

युवावस्था में मरने वाला, समय से पहले मर जाने वाला

जान-जवान

नौजवान (औरत या मर्द)

ज़िद्दन

हट करनेवाली, हटीली, अड़ियल औरत

जी ऊपर तल्ले होना

मतली होना, घबराना

जी तले-ऊपर होना

(अविर) क़ै होना, मतली होना, रुक: जी ऊपर तले होना

जी पानी करना

दिल मुलायम करना, दिल मोम करना

जी बुरा होना

नाराज़ होना, बददिल होना, नाख़ुश होना

जी बिखरना

(अविर) मतली होना

जी लहराना

उमंग पैदा होना, ख़ुशी से झूमना

जीजी

चूची, निप्पल, छाती, पिस्तान

जी-जी उठना

(अविर) बाग़ बाग़ होना, निहायत ख़ुश होना

झगड़ा झोना

(महिला) लंबी बात करना, कहानी सुनाना, लंबी कहानी सुनाना

झंडूला

(बालक) जिसके सिर पर जन्म-काल के बाल अभी तक वर्तमान हों, जिसका अभी तक मुंडन संस्कार न हुआ हो

झुंडूला तोड़ना

(महिला) गर्भावस्था के समय शगुन के लिए रेशेदार नारियल फोड़ना

झूमर जढ़ाना

(औरत) शादी में दुल्हन को झुरमुर देना

झूमर लगाना

(महिला) झूमर माथे पर सजाना, झूमर का प्रयोग करना

झलका

त्वचा के जलने पर पड़ने वाला सफ़ेद झिल्ली से युक्त वह छाला जिसमें पानी भरा होता है, फफोला

झुलसना

(अविर) (नाराज़ी के साथ) घर से अलैहदा करना, ब्याहना

झुलसा बताना

(औरत की भाषा) लूका दिखाना, आग लगाना

झाईं-फूईं

भगवान् न करे, ऐसा कभी न हो

झाँक-ताक

(औरत) ग़ौर, ध्यान, चिंता, उपाय

झाड़ना

झटकना

झोंटक-झाँटा

(औरतों का) एक दूसरे के सिर के बाल पकड़ कर खींचना और तोड़ना, लड़ाई, उन लोगों से बिना लड़े नहीं रहा जाता

झोंटे-काटी

(बतौर गाली) आवारा, छिनाल, बहुत अपमानित, तिरस्कृत (औरत) अत्यधिक चालाक और और मक्कार औरत, फाफा कटनी, दल्लाला, दलाला

झोंपा

(मेवे या फल का) गुच्छा, झब्बा

ढेंड

(काशतकारी) हिन्दी में ढेंडा ऐसे ख़ौल या ग़लाफ़ को कहते हैं जिस में बीज बनता है और बढ़ता है जो आम तौर से डोडा कहलाता है काश्तकारों की इस्तिलाह में चुने के ख़ौल को कहते हैं

ढेंडा

(काशतकारी) हिन्दी में ढीनडा ऐसे ख़ौल या ग़लाफ़ को कहते हैं जिस में बज बनता है और बढ़ता है जो आम तौर पर डोडा कहलाता है काश्तकारों की इस्तिलाह में चुने के ख़ौल को कहते हैं

ढय्या

(अविर) ढैया दहलीज़ के माअनों में बोला जाता है

ढाई घड़ी की आना

अचानक मरजाना, ढाई घड़ी के अंदर मर जाना, झटपट मर जाना

ढाएँ

 

ढामरा

पेट, उदर

ढोलना हाथों पर होना

(स्त्रीवाची) क़ुरआन शरीफ़ की क़सम खाना

तबर्रुज

(औरत का) श्रृंगार आदि का (मर्दों पर) प्रकट करना

तबी'अत का गिरा परना

(स्त्रीवाची) थक जाना, थका हुआ होना

तबी'अत तले ऊपर होना

(महिला) मतली आना, जी मतलाना

तर तेहवार

ईद, बक़र'ईद आदि तीज त्योहार

तुरी

घोड़े की लगाम। पुं० घुड़सवार। स्त्री० [सं० त्वरा] जल्दबाजी। शीघ्रता। वि० स्त्री० जल्दी या तेज चलनेवाली। स्त्री० [अ० तुर्रा] १. फूलों का गुच्छा। २. मोतियों, सूतों आदि का वह झब्बा जो शोभा के लिए पगड़ी आदि में लगाया जाता है।

तलाक़ पड़ना

(महिला को) तलाक़ हो जाना, महिला का विवाह के बंधन से स्वतंत्र होना, पति से अलग होना

तार-बितार होना

(अवामी) बुरा हाल होना, पतला हाल होना या हालत बिगड़ जाना, हालत ख़राब होना

तीख़ी

तेज़, शोख़, तुतिया मिर्च, ख़ामपारा, मालज़ादी, बेहूदा बातें करनेवाली, बेहया (औरत), उपद्रवी (औरत), ऊंचा (सुर), तीखा की स्त्रीलिंग.

तीसी

डेढ़ हाथ ऊँचा एक पौधा जिसमें नीले रंग के फूल तथा मटमैले रंग के गोल और घुंडीदार बीज होते हैं, नीलपुष्पी, अलसी, क्षुमा, उमा, पार्वती

तौर बे-तौर होना

۱. हालत ग़ैर होना, करीब-ए-मर्ग होना

थुकथुकाना

बुरी नज़र से बचने के लिए या किसी बुरी बीमारी का नाम लेने या सुनने पर थू थू करना

थपड़ी लड़ना

ताली बजा बजा कर लड़ना, (औरतों या हिजड़ों की तरह) लड़ना झगड़ना

दुखियारी

(स्त्रीवाची) दुख या विपत्ति की मारी, आफ़त की मारी, प्रताड़ित, दुखी दिल रखने वाली पीड़ित, अत्याचार का शिकार, व्यथित, पीड़ित

दन्ती

वो जो सिर्फ़ दाँतों की मदद से निकले

दुनिया का लेखा

(अविर) दुनिया का हाल

दब्बो-दब्बो होना

(अविर) दब्बू दब्बू करना (रुक) का लाज़िम

दुम के पीछे लगा रहना

(स्त्रीवाची) हर समय साथ-साथ रहना

दम-होश

(अविर) जान वदिल से, हज़ार जान से

दरगोर

मर जाये, क़ब्र में जाये, ग़ारत हो, दूर हो, दफ़ान हो, मुँह न दिखा, मुव्वा मरा हुआ

दर्द

तलछट, गाद

दर-दामन

(स्त्री) अचकन, कुर्ता, अंगरखा या ओढ़नी, चादर आदि का दामन अर्थात् आंचल का भाग

दर्दीं लगना

(स्त्रीवाची) दर्द लगना, प्रसव पीड़ा शुरू होना

दुश्मन के कान बहरे

(अविर) ख़ुदा ना करे, ख़ुदा-ना-ख़ासता वग़ैरा

दुश्मनों के मन का चेता होना

(अविर) दुश्मन की मुराद पर आना

दाँत बजाना

दाँतों से आवाज़ निकालना (स्त्रियाँ इस बात को अशुभ या लड़ाई होने एवं आजीविका समाप्त होने का संकेत समझती हैं)

दाना

(सिलाई) वह टुकड़ा या हिस्सा जो कीकरी बनाते समय मोड़ा जाए कीकर का हर पत्ता या पत्ती

दानियाल

रोज़ी-रोटी, जीविका, दाना, अनाज, राशन

दारे से निकाल देना

(स्त्रीवाची) महिलाओं की जमात से निष्कासित कर देना

दिमाग़ पेटी

अत्यंत घमंडी (औरत), नख़रे पेटी

दिमाग़ी

निकम्मा, बेकार

दिल उल्टा

(औतर की भाषा) दीवाना

दिल जला के पका फोड़ा करना

(अविर) बहुत सदमा पहुंचाना

दिल तले ऊपर होना

दिल घबराना, परेशान होना

दिल पकड़े फिरना

मामता के मारे बेचैन रहना

दिल बुड्ढा हो जाना

(और) दिल में जोश न रहना, उमंग जाती रहना

दिल बद-गुमान होना

किसी की तरफ़ से दिल को खटका होना, आशंका होना

दिल में गुमान ले जाना

(अविर) शुबा करना, वहम करना

दिल्ली दिखाना

(अवाम की भाषा) '' बच्चे को खिलाते हुए बच्चे को सर और कानों से पकड़ कर या बग़लों में हाथ दे कर सर से ऊँचा उठा लेते हैं इस कार्य को दिल्ली दिखाना कहते हैं ''

दिवालें

(अवाम की भषा) अँगिया की कटोरियों के नीचे के टुकड़े

दीदे घुटने की क़सम

(स्त्रीवाची) एक प्रकार की शपथ, पर्यायवाची: अगर मैं झूठ बोलूँ तो अंधी, लंगड़ी हो जाऊँ

दीदे घुटनों के आगे आए

एक प्रकार का कोसना, अभिषाप अर्थात: अन्धा लंगड़ा हो जाए

दीदे पटम होना

(अविर) (कोसना, बददुआ) अंधा होजाए, देदे फूओट जाएं

दीदे फूट जाना

(महिला) कोसना, शाप) अंधा हो जाए

दीदा खेल में होना

(अविर) तबीयत का खेल में लगा होना

दीदा छिनाल होना

निडर होना, ढीट होना, चंचल होना

दीदा लगना

नींद आना

दीदा लड़ना

(अविर) मुहब्बत होना

दीदा हरजाई होना

(अविर) आवारा होना

दीदा-फूटे

(औरत) अभिशाप, श्राप, कोसना, अंधा हो जाए, आँखें जाती रहें

दीदों में ख़ाक

बुरी नज़र डालने वाली आँखें अंधी हो जाएँ या मोतियाबिंद हो जाए; किसी बुरी नज़र का प्रभाव न हो, आँखें बुरी नज़र से सुरक्षित रहें

दीदों-फटी

(अविर) बेहया, शोख़ चशम, बेशरम औरत

दीवार

ईंट, मिट्टी आदि की बनी हुई ऊँची भित्ति; दीवाल; भीत

दीवार फर्राना

(महिला) दीवार फाँदना

दो उँगल की बच्ची

(अविर) छोटी सी उम्र की लड़की, दूध पीती बच्ची , तहकीर्ण बोलते हैं

दो दाल अढ़ाई चावल

(अविर) थोड़ी सी जिन्स

दोजिया

गर्भवती स्त्री

दो-पट्टा उठाना

(अविर) कोसने या दुआ करने के लिए दोनों हाथों से दोपट्टे का ऊओंचा करना

दो-वर्क़ी

दो पृष्ठ की पुस्तक, छोटी सी पुस्तक, पुस्तिका, प्रतीकात्मक: योनी, (स्त्री का) गुप्तांग

धप खाना

(महिला) अपनी गुदी पर किसी के हाथ की मार खाना

धम्माल

(लाक्षणिक) झंकार

धम्माल होना

(औरत की भाषा) धमाचौकड़ी होना, उद्यम होना

धमामा हो जाना

(स्त्रीवाची) पेट और पैरों के लिए विशेष दबाव का अधिक हो जाना

धमाल

(मजाज़न) झनकार

धरती-धमक

(मजाज़न) चोंचाल, चंचल (औरत)

धर्म-वंती

धर्मानुकूल आचरण या व्यवहार करने का भाव, धार्मिकता, पुण्यात्मा, तपस्वी (औरत) दोषों और बुराइयों का त्याग, संयम

धी

बुद्धि। अकल। समझ।

नई

ना तजरबाकार (औरत

नक-कटी

नाक कटने की अवस्था या भाव

नक्टी

(अविर) बिल्ली, गरबा

नुक़्ल फ़रमाना

۱. नक़ल की तरह खा लेना, टूँगना, नाशतादान करना

नकाब छोड़ना

जालीदार कपड़ा चेहरे पर डाल लेना, ये प्रथा अधिकतर रुम, सीरिया और आरमीनिया की महिलाएं और कुछ-कुछ फ़िरंगीयों में है, हिंदूस्तान में बुर्क़ा का रिवाज है, नक़ाब-पोशी

नख़रे होना

अनुचित नख़रे होना, नख़रे होना

नंगी

(मजाज़न) मुफ़लिस, क़ल्लाश, नादार (औरत)

नंगी-धड़ंगी

(कन्ना यन) बहुत वाज़िह, साफ़

नंगी-बूची

नंगी बच्ची, बिल्कुल नंगी; ग़रीब अथवा अभूषण के बिना (औरत)

नरौठा

(अविर) सख़्त, अकड़ा हुआ, दर्शित (ख़ुसूसन गोश्त

नले धारना

गर्म पानी से नसों का उपचार करना (महिलाओं के नसों का विशेष उपचार)

नवल

ऐसा नया या नवीन जिसमें कोई नया आकर्षण या नई विशेषता हो। अनोखा और बढ़िया।

नवाई

किसी के आगे नम्र या विनीत होना। स्त्री० [सं० नव नया] नयापन। नवीनता। वि० = नवा (नया)।

नेस्ती

अस्तित्वहीनता, अनस्तित्व, ध्वंस, बरबादी, अशुभ, तबाही, दरिद्रता, कंगाली, आलस्य, सुस्ती

नसीबों वाली

सौभाग्यशाली, ख़ुशनसीब (औरत), भाग्य वाली, क़िस्मत वाली

नुहट्टी

नाख़ुन काटने का यंत्र, नहरनी

नाक चढ़ा

घमंडी, कोमल स्वभाव, नक चढ़ा

ना-काश्ता

वह जमीन जो बोई-जोती न गयी हो, वो भूमी जो खेती के योग्य न हो, बंजर और उजाड़ भूमी, प्रतीकात्मक: बाँझ (औरत)

नाक़िसा

नाक़िस (रुक) की तानीस , मुराद : कमअक़्ल (औरत)

नाड़े बाँध के रुख़्सत करना

(औरत) लड़की को बग़ैर दहेज और ज़ेवर के ब्याह देना, कुछ भी दहेज में न देना, ग़रीबी के कारण लड़की को दहेज न देने के बराबर या कुछ देना

ना-शुक्री

अकृतज्ञन (स्त्री)

निकलना

अंदर या भीतर से बाहर आना या होना। निर्गत होना। जैसे-आज हम सबेरे से ही घर से निकले हैं। संयो॰ क्रि०-आना।-जाना।-पड़ना। मुहा०-(किसी व्यक्ति का घर से) निकल जाना इस प्रकार कहीं दूर चले जाना कि लोगों को पता न चले। जैसे-कई बरस हुए, उनका लड़का घर से निकल गया था। (किसी स्त्री का घर से) निकल जाना पर-पुरुष के साथ अनुचित संबंध होने पर उसके साथ चले या भाग जाना। (कोई चीज कहीं से) निकल जाना = इस प्रकार दूर या बाहर हो जाना कि फिर से आने या लौटने की संभावना न रहे। जैसे-गली, मुहल्ले या शहर की गंदगी निकल जाना।

निकामी

(निकम्मी या निकम्मा जो किसी काम का ना हो (औरत, मर्द दोनों के लिए मुस्तामल)

निगोड़ा

= निगोड़ा

निगोड़ी-नाठी

जिस के आगे पीछे कोई न हो, लावारिस (औरत); गई गुज़री, कम हैसियत

निनानवाँ

जिसका कोई नाम न हो तथा वो जिसका नाम लेना अच्छा न हो, वो जिससे घृणा करनी चाहिए, वो जिसका नाम लेना बुरा या बदशगुनी समझा जाता हो, मनहूस, घृणा का पात्र, प्रतीकात्मक: हैजे़ की बीमारी

निनावी

निनावां (रुक) की तानीस , (अविर) : सूरा-ए-यासीन (जो नज़ा के आलम में सुनाई जाती है)

निनावीं

सूरा-ए-यासीन, पवित्र क़ुरआन की छतीसवीं सूरत जो जिसमें ८३ आयतें हैं

निफ़ाख़्ता

(अविर) मक्कार, दग़ाबाज़, बेवुक़त, नफ़ाक़ता, रुक : निफ़ाख़ती जिस की ये तज़कीर है

निफ़ाख़्ती

(नारी, अवमानना ​​का शब्द) द्वैध, विश्वासघाती, ज़लील, बेशर्म, स्त्री जिसके घर खाने के लिए कुछ न हो

नियारन

(ज़नानों की इस्तिलाह) औरत

निर-आदरी

अप्रतिष्ठित, अनादृत, असम्मानित तथा असहाय, बिना साधन, स्रोतहीन (औरत के लिए प्रयुक्त)

निलज्जी

नलज (रुक) से मंसूब, बेशरमी की, बेइज़्ज़ती की, लाज के बगै़र

नीचा देखना

लज्जित होना, शर्मिंदा होना

नीम-गेसू

जिसके आधे बाल कतरे हुए हों, (औरत) जिसके बाल केवल कंधों तक हों

नोची-खसोटी

लूटी हुई (औरत) जिसे लूटा गया हो, (लाक्षणिक) जिसका बलात्कार किया गया तथा उजड़ी हुई, तबाह-हाल

नौ लक्खा हार पहनाना

(अविर) जूतीयों का हार पहनाना , ज़लील करना, बेइज़्ज़त करना, तहक़ीर करना (तंज़न) मुस्तामल

नौज

ऐसा न हो, ईश्वर न करे, न हो, न सही, ना, नहीं, बिलकुल नहीं, किसी क़ीमत पर नहीं

नौ-बहार

नव वसंत, नयी ऋतु, बहार का नया नया मौसम

पगड़ी-वाला

۔ मुज़क्कर। दिल्ली। ओ।) तबीब। हकीम। बेद। औरतें सुबह को या रात के वक़्त हकीम का नाम लेना मनहूस ख़्याल करती हैं, इस वजह से ऐसे औक़ात में पगड़ी वाला या चीरे वाला कहती हैं

पेड़ू की आँच

(औरत की) ख़ाहिश नफ़सानी, जमा कराने की तलब, शदीद शहवत

पड़ जाये पुटकी

(औरतों का कोसना) ख़ुदा का क़हर नाज़िल हो

पेड़ू फड़काना

(महिला का चलते हुए या नाचते हुए) पेड़ू को उभरना या हिलाना

पतंगछुरी

पीठ पीछे बुराई करने वाला, दो व्यक्तियों या दलों में झगड़ा कराने वाला, चुगुलखोर, पिशुन, चताई

पति-ब्रता

पति में अनन्य अनुराग रखनेवाली और यथाविधि पतिसेवा करनेवाली (स्त्री), जिस (स्त्री) का प्रेमपात्र और उपास्य एकमात्र पति हो, सब प्रकार पति के अनुकूल आचरण करनेवाली (स्त्री), सती, साध्वी, सच्चरित्रा

प्यारों पीटी

(औरतों का कोसना) अपने प्रिय को रोने वाली, वो औरत जिसके प्रिय मर गए हों, निगोड़ी, नाठी

प्यारों-मूई

औरतों का कोसना

पर्दे में बिठाना

(औरत को) बाहर निकलने ना देना, छुपाना , (रुक) पर्दे बिठाना

पर्दगी

पर्दे में रहनेवाली नायिका, द्वारपाल, देरबान, पर्दे में रहने की हालत, पोशीदगी, घूंघट या परदा के पीछे होने की अवस्था

परिचारक

डुग्गी पीटने वाला, ढंडोरची

पलंग-तोड़

वह जो प्रायः पलंग पर पड़े-पड़े समय बिताता हो अर्थात् आलसी या निकम्मा, (वो मर्द या औरत) जो पलंग पर पड़े पड़े खाए और कुछ काम धाम न करे, सुस्त, काहिल, निठल्ला, आलसी, निकम्मा

पेशा कराना

नर्तकी रख कर उनकी कमाई खाना, दलाला का काम करना, जीविका के लिए स्त्री से वैश्यावृत्ति कराना

पेशावर

जिसने किसी व्यावसाय को पेशे के रूप में आय-स्रोत का माद्यम बनाया हो, जिसने किसी कार्य-विशेष को अपनी जीविका का साधन बना लिया हो

पाँचों-कपड़े

पगड़ी, अंगरखा, कुर्ता, पाएजामा, मिंदील (पुरुषों के), दुपट्टा, महरम, कुर्ता, पाएजामा, रूमाल (स्त्रीयों के), प्रतीकात्मक: पहनने के कल कपड़े, शरीर का सारा वस्त्र

पान-दान का ख़र्च

पत्नी (या किसी स्त्री) का जेब ख़र्च, बालाई अर्थात वह ख़र्च जो निश्चित ख़र्च से अधिक हो, ऊपरी ख़र्च

पापनी

ज़ालिम, जफ़ाकार, बदकार (औरत) पापी (रुक) की तानीस

पारस

आधुनिक ईरान देश (फ़ारस) का प्राचीन नाम।

पाँव पर पाँव रखना

सख़्त तक़ाज़ा करना

पास आना

(स्त्री से) सहवास होना

पिछली-टिकिया

۔ मुअन्नस। (ओ) वो मोटी और छोटी टिकिया जो रोटी पकाने के बाद बच्ची हुई ख़ुशकी और आटे को मिलाकर पक्का लेती हैं। औरतों का ख़्याल है कि इस टिकिया के खाने से अक़ल देर में है।

फुपया-सुसर

۔ फिया सुसरा। (अविर) मुज़क्कर। ख़ुसर की बहन का ख़ावंद

फुरैली

(महिलाओं की बोलचाल) प्यास

फैलावा

फैलाव, लंबाई, फैलने की अवस्था

फ़ौज की फ़ौज

गिरोह के गिरोह, झुंड के झुंड, समूह के समूह, बहुत लोग

बच्चा-कुश

बच्चा कुशी करने वाला या वाली, बच्चों को मार डालने वाला (मर्द या औरत), बाल हत्यारा

बड़ भागी

भाग्यशाली; ख़ुशनसीब, ख़ुशक़िस्मत, इक़बालमंद, (औरत)

बूढ़ा चोंडा मुँडवाना

(औरत को) बुढ़ापे में अपमानित कराना

बूढ़ा चोंडा मुँडाना

बुढ़ापे में (स्त्री का) अपमान होना

बूढ़ा चोंडा हिलाना

(स्त्री का) बुढ़ापे में जवानी की तरह चाव-चोंचले दिखाना

बत्तीसी-छत्तीसी

लड़ाका, अय्यार, मक्कार, चालाक औरत

बलाएँ लेना

बलिहारी जाना, वारी जाना, क़ुर्बान होना (स्त्रीयाँ जब किसी संबंधी को प्यार करती हैं या किसी से अधिक प्रसन्न होती हैं तो वह अपने दोनों हाथ उसके सर पर फेर कर अपनी कनपट्टियों पर दोनों हाथों की उँगलियाँ रखकर चटकाती हैं और उससे मुराद होती है कि उसके सर की तमाम बलाऐं हमने अपने सर ले लीं)

बाख़िक़ा

नेत्रहीन, दृष्टिहीन, न देख सकने वाली (आँख या औरत)

बाज़ारी

जो बहुत अच्छा या बढ़िया न हो, बाजारू साधारण

बारहगुना लिखती हूँ

(ऐसा हो जाए या ऐसा न हो तो) जो बारह अपारधियों के अपराध का दंड वह मेरा दंड, शर्त बाँधती हूँ, शर्त लगाती हूँ, एक-एक के बारह-बारह स्वीकार करती हूँ

बारहगुनी लिखती हूँ

(ऐस हो जाए यह ऐसा न हो तो) बारह पापों का दंड सो मेरा दंड, इस बात के हो जने में बारह पापों का अपराध अपने ऊपर लेती हूँ

बारहगुनी लिखना

(ऐस हो जाए यह ऐसा न हो तो) बारह पापों का दंड सो मेरा दंड, इस बात के हो जने में बारह पापों का अपराध अपने ऊपर लेती हूँ

बिटनी

(स्त्री) छाती का मुँह जिससे बच्चा दूध पीता है, स्तन, छाती

बिरहन

हिजर ज़दा या मुबतला फ़िराक़ (औरत)

बिश्टी

आग़ा पीछा (अविर तीन) ढान की तागड़ी, लिन

भक्कस

भसक्कू, हरजाई (औरत)

भग्तन

भक्त स्त्री

भनेली

(औरत की) मुँह बोली बहन, बनाई हुई बहन

भम्बो

(लाक्षणिक रूप से) डरावना, कुरूप, जिससे छुटकारा पाना कठिन है

भैंस की भैंस

मोटी बदशकल (औरत)

भाई

वह व्यक्ति जिसको भाई के रूप में स्वीकार कर लिया गया हो, मुँह बोला भाई

भागना

आपत्ति, भय आदि उपस्थित होने अथवा दिखाई देने पर उससे बचने के लिए कहीं से जल्दी जल्दी चल या दौड़ कर दूर निकल जाना। पलायन करना। जैसे-सिपाही को देखते ही चोर भाग गया। संयो० क्रि०-जाना।-निकलना।-पड़ना मुहा०-सिर पर पैर रखकर भागना = बहुत तेजी से भागना। जल्दी चलकर दूर हो जाना।

भिटनी

(स्त्री) छाती का मुँह जिससे बच्चा दूध पीता है, स्तन, छाती

भौगिनी

नागिन

मैं तेरे सद्क़े

(अविर) निहायत ख़ुशी या ख़ुशामद के मौके़ पर बोला जाता है, में तेरे बलिहारी, बिल जाऊं, क़ुर्बान हूँ, वारी जाऊं, सदक़े जाऊं

मक़बूला कराना

(स्त्रीवाची) स्वीकार करना, स्वीकृति लेना

मूक़र

लदा हुआ; बोझ उठाने वाला; गर्भवती (औरत); दबा हुआ; (लाक्षणिक) पीड़ित; ग़रीब किया गया, मुफ़लिस बनाया गया

मुकल्लफ़ा

रुक : मुकल्लिफ़ (ए) जिस की ये तानीस है , (औरत) जो अपने क़ौल-ओ-फे़अल की ख़ुद ज़िम्मेदार हो

मुख़्तनिक़ा

वो (औरत) जिसे इख़तिनाक़ का आरिज़ा हो

मग़फ़ूरा

क्षमा की गई (औरत), वह जिसको क्षमा किया गया हो; अर्थात: स्वर्गीय

मज़रूबा

۔ ज़रब पड़ा हुआ, ठप्पा लगा हुआ (सिक्का वग़ैरा)

मटौलना

(ज़नानों की इस्तिलाह) हुक़्क़ा

मुंडी-काटा

मुंडी-काटा औरतों का एक वाक्य है, औरतों के मुहावरे में जिस समय कोई उनके विरुद्ध बात कहता है या किसी से अप्रसन्नता प्रकट करता है तो यह वाक्य उसके हित में ज़बान पर लाती हैं

मुंडो

वह स्त्री जिसका सिर मूंडा गया हो।

मेंढयाँ

छोटे बालों की गुँधी हुई लटें, लड़कियों के छोटे छोटे बाल जिन को बड़ा होने के लिए गूँधते हैं

मुतह्हरात

मासूम, पवित्र, पाक-ओ-पाकीज़ा (महिलायें)

मुतास

(स्त्री) मूतने की इच्छा या प्रवृत्ति

मुतासा

वो व्यकित जिसे पेशाब करने की ज़रूरत हो

मदार

दौरा करने का रास्ता; भ्रमणमार्ग

मन

एक सोने का सिक्का जो शहनशाह अकबर ने राइज किया था और इलाही और जलाली सकूं का ४ १ हिस्सा होता था

मनकूहा

जिसका विवाह हो चुका हो, विवाहित, ब्याही हुई

मैना

(अविर) प्यार से उन बच्चों को कहते हैं जो प्यारी प्यारी बातें करते हैं या बहुत ज़्यादा बोलते हैं

मुमानी-जान

ममानी, मोमानी, मामी

मरे पटे

एक अभिशाप वाक्यांश, एक कोसना, गाली

मर्ज़ी की मालिक होना

(औरत का) ख़ुद-मुख़्तार होना, अपनी पसंद पर चलना, जो दिल चाहे वो करना

मर-झल्ला

(अविर) निहायत ज़ईफ़, कमाल-ए-ला ग़र, कमज़ोर, नहीफ़

मर्द

आदमी, इंसान, व्यक्ति, मनुष्य, मानव

मर्द क़ुबूल करना

(स्त्री का) विवाह के लिए सहमत होना, शादी करना

मर्द-ज़ात

मर्द की जाति अथवा मर्द (महिला के तुलना में)

मर्द-जाती

मर्दों की ज़ात, मर्द ज़ात (औरत के मुक़ाबिल)

मर्दुवा

मरद या पुरुष के लिए अपेक्षा-सूचक संज्ञा

मुर्दा निकले

(औरत) मर जाये (प्रभावी क़सम खाने के अवसर पर प्रयुक्त)

मुर्दा-खाने

(अविर) मुर्दार ख़ौर (कोसने के तौर पर मुस्तामल)

मुर्दार

फा. वि.—वह पशु जो अपनी मौत से मर गया हो, मृत पशु, अपवित्र, नापाक, मृतक, प्रिाण (पशु आदि), कुलटा, व्यभिचारिणी, फ़ाहिशा, एक तिरस्कार का शब्द जो क्रोध के समय स्त्री के लिए बोला जाता है।

मरने-जोगा

(लाक्षणिक) बहुत निर्बल, कमज़ोर (औरतें क्रोध की हालत में बोलती हैं)

मरने-जोगी

मिट जाने के योग्य, मरने के योग्य, मरण हार (तिरस्कार के लिए प्रयुक्त)

मेरा हल्वा खाए

कठोर सौगंध, मुझे पीटे, मुझे है है करे, मेरी भत्ती खाए अर्थात अगर मेरा कहा न करे तो मुझे मरा हुआ देखे (उदाहरण के रूप में स्त्रियाँ किसी को किसी काम के लिए विवश करने सौगंध दिलाने के लिए कहती हैं)

मेरी तक़दीर

(महिला) अपनी बदनसीबी ज़ाहिर करने के अवसर पर प्रयुक्त

मेरी बला

(महिला) आमतौर पर क्रोध या इनकार में उपयोग किया जाता है, मुझे क्या?

मेरी बला बुलाए

(स्त्रीवाची) मैं नहीं बुलाती, अरुचि और उपेक्षा के व्यक्त करने के अवसर पर प्रयुक्त

मेरी बला लेती है

(औरत की भाषा) मुझे नहीं चाहिए, किसी चीज़ के लेने से इनकार के अवसर पर प्रयुक्त

मरो

(अविर) दफ़ा हो जाओ, चले जाओ (ग़ुस्से की हालत में मुस्तामल)

मुलम्माँ

अविर) घर में रोज़मर्रा के इस्तिमाल की जिन्स, मसालिहा, ग़ल्ला और घी वग़ैरा जो महीने भर के लिए गोदाम में रखवा दिया जाये, आज़ूका

मलाहत-भरी

साँवली, साँवली रंगत वाली; (लाक्षणिक) आकर्षक (आमतौर पर औरत)

मुश्टंडी

मुश्टंडा (रुक) की तानीस, मोटी ताज़ी, हटी कटी (औरत)

मस्जिद में ईंट उलट कर रखना

(स्त्रीवाची) निर्दोष साबित करने के लिए सौगंध खाना जिसका तरीक़ा यह है कि सौगंध खाने वाला मस्जिद में ईंट उलट कर रख देता है, अगर वह व्यक्ति झूठा है तो नष्ट और बर्बाद हो जाता है

मस्जिद में चराग़ जलाना

(अविर) मिन्नत पूरी होने पर मस्जिद में चराग़-ए-रौशन करना

मुसटंडी

(तहक़ीरन) मोटी और फ़र्बा, हटी कटी, मोटी ताज़ी (औरत)

मुस्मुसी

(औरत तथा चेहरा और सूरत आदि) घुन्नी, देखने में निर्धन और दरिद्र, चुप

मुसलिफ़

(औरत के लिए) उधेड़ उम्र

मुस्वाना

किसी को मूसने में प्रवृत्त करना २ किसी को ऐसी स्थिति में लाना कि वह मूसा जाय।

मुँह चलाना

۱۔ खाना, चबाना, खाने के लिए मुँह को हरकत देना (उमूमन घोड़े के लिए मुस्तामल)

मुँह पका-पका हो जाना

(औरत) चेहरे पर परिपक्वता प्रकट होना, कुँवारी के चेहरे पर औरत-पन झलकने लगना, भोलापन समाप्त होना

मुँह-जली

(औरत) भाग्यहीन, अभागा, हतभाग्य, बार-बार वर्णन की हुई

मुँह-झुलसी

काली-भुजंग, भद्दी, कुरूप, बेडौल, बदसूरत, बदशकल (औरत)

मुहताज-इलैहा

वह (औरत) जिसका कोई इच्छुक हो; वह औरत जिस का कोई अभिलाषी हो

महताला

हीलागर औरत, मक्कार औरत, मक्कारा, दगाबाज़, दलाला, कटनी

महीने से होना

(अविर) हैज़ से होना, अलिफ़ याम से होना, मैले सर या कपड़ों से होना

महीना चढ़ना

मालिक का मासिक वेतन देय होना, वेतन बाक़ी रहना, वेतन न मिलना, मासिक धर्म के दिन टल जाना, गर्भवती हाेना, निश्चित या मामूल के दिन गुज़र जाना

माख़िज़

जिस (औरत) को प्रसवपीड़ा शुरू हुई हो या जो जनने के क़रीब हो

माँग चिरना

(वैश्याएँ) कौमार्य खोना, चीरा टूटना

मामू

साँप (औरतें रात के वक़्त डर के मारे साँप का नाम नही लेतीं मामू या रस्सी कहती हैं)

मामूँ

(औरत) साँप

मा'मूल के दिन

(अविर) हैज़ आने के दिन, अय्याम माहवार, कपड़ों से होने के दिन, फूल आने के दिन

मा'मूल के दिन टल जाना

(अविर) हैज़ का ज़माना टल जाना, हैज़ ना आना , पेट रह जाना, पेट रह जाने की अलामत ज़ाहिर होना

मा'मूल से होना

(अविर) कपड़ों से होना, हैज़ की हालत में होना

मायका

नैहर, पीहर

मा'रूज़-'अलैहा

(न्यायशास्त्र) वह (महिला) जिसे (तलाक के संबंध में) बाहर रखा गया है या निलंबित कर दिया गया हो

माहिरा

कुशल, माहिर (औरत)

मिस्सी की धड़ी

मिस्सी की परत जो औरतें होंटों पर जमाती हैं

मीठे-खट्टे को जी चाहना

(अविर) मुजामअत की ख़ाहिश होना, हमबिसतरी की रग़बत होना

मीठा-बरस

आयु का अठारहवाँ वर्ष (कुछ लोग तेरहवाँ और आठवाँ साल भी कहते हैं)

मीठा-महीना

(अविर) हमल का आठवां महीना

मीठी

नरम लहजे वाली

मीर

सद्र अर्थात अध्यक्ष, सिंहासन अथवा गद्दी पर बैठने वाला (सामान्यतः किसी महफ़िल में)

मीरान

(अविर) रबी अलाख़र का महीना (उमूमन मीराँ जी मुस्तामल)

मीरान जी

(स्त्रीवाची) बारह वफ़ात के बाद का महीना, रबी-उल-आख़िर, ग्यारहवीं का महीना

मोरी-वाली

गंदगी में रहने वाली, निचली जगह की रहने वाली; कमीनी, अपमानित (औरत के लिए प्रयुक्त)

मोलड़

(औरत की भाषा) मोल लिया हुआ, ख़रीदा हुआ ग़ुलाम

मोलड़ा

(अविर) मोलड़ (रुक)की तानीस, ज़रख़रीद लौंडी

मौतूह

(न्यायशास्त्र) संभोग की हुई, मैथुन की हुई, आलिंगन की हुई (स्त्री)

यगानी

(ब) अमज़ । एक सिक्का जो मुहम्मद बिन तुग़ल्लुक़ के अह्द में राइज था और दिरम या फ़लस का पच्चीसवां हिस्सा होता था

यज़ीद के साथ हश्र हो

(कोसना) ख़ुदा तुम्हारा परिणाम बहुत बुरा करे, तुम नरक में जाओ

युवती

जवान, युवा

याही

(अविर) रुक : यही, ये ही, इसी

रूख-चढ़ा

दरख़्त पर चढ़ा हुआ, बंदर, (औरतें प्रायः सुबह के समय बंदर कहना शुभ नहीं समझतीं और उसे रुख-चढ़ा कहती हैं)

रजुल

मनुष्य, मनुज, मानव, आदमी।

रज़ा'ई

जो किसी दूसरी स्त्री के दूध पीने में शरीक हो, जैसे-'रज़ाई भाई' या 'रज़ाई बहन', वह दो लोग (पुरुष/महीला) जिन्होंने एक ही औरत का दूध पिया हो (सगे भाई/बहन के अतिरिक्त)

रवा-रा

(अविर) रवा सा, रवा जैसा, मोटा पैसा हुआ आटा

रस्सी

एक प्रकार की डोरी जो रुई, सन आदि को ऐंठकर बनाई गई हो, डोरी, गुण, रज्जु

रानी-गहन

झगड़ा जो एक अवधी तक घर में रहे तथा चीख़-पुकार, कुहराम

रिज़्क़ पेट में पड़ना

(महिला) भोजन को पेट में पहुँचना

रिज़ाली

कमीनी, ओछी, तुच्छ, नीच, बदज़ात (औरत)

लड़का-बाला

(औरत) बाल-बच्चा, बेटा-बेटी, संतान, औलाद

लुन्डी

(लाक्षणिक) कायर, डरपोक अथवा घटिया

लल्ला

अल्पायु, नवयुवा, कमसिन

लाई-लोजी

(स्त्रीवाची) चाटुकारिता

वूई

(अविर) ओई, हाए

वह-बात

वह पदवी, वह शान, वह सम्मान, ऐसा रुतबा, ऐसी प्रतिष्ठा

वूही

(औरत की भाषा) हाय, ओई

वाज़े'

(किसी चीज़ को इस की जगह पर) रखने वाला

वारी गई थी

(अविर) वो कौन है जो बोले या दख़ल दे नीज़ वो किसी काम की नहीं

वारी वारी जाऊँ

(अविर) रुक : वारी जाऊं , सदक़े जाऊं

वारी हो कर मर जाऊँ

(महिला) तुम्हारे लिए बलिदान दे दूँ , मुसीबत उठाने वाली हो जाओं, अत्यंत मिन्नत, समाजत का शब्द है

वो

(अविर) (इशारे से) ख़ावंद नीज़ बीवी के लिए भी मुस्तामल

शक्ल चुड़ैलों की, दिमाग़ परियों का

(औरत) कूरुपता पर ये दिमाग़ और नाज़ुक-मिज़ाजी (जब कोई बदसूरत औरत बहुत टिमाक से रहे तो कहते हैं)

शब की निय्यत हराम

(अविर) रात को किसी काम का इरादा करना मनहूस ख़्याल किया जता है

शब-बरात का चाँद

अरबी कैलेंडर का आठवां महीना (भारतीय उपमहाद्वीप की महीलाओं में प्रचलित

शाने भारी होना

(महिला) भूत-प्रेत का साया होना

शाह 'अब्बास का 'अलम टूटे

(अविर) हज़रत अब्बास इबन अली के इल्म की मार पड़े, तबाह हो, बर्बाद हो (कलमा-ए-बददुआ

शाह-ए-दरिया

(अविर) एक फ़र्ज़ी जिन जो सात परीयों का लाडला भाई और सिकन्दर शाह से छोटा माना गया है

शाहज़ादा

युवराज, राजकुमार, शहज़ादा, बादशाह का पुत्र

शाह-बरहना

(अविर) एक फ़र्ज़ी जन

शोर करना

(अविर) धमकाना, खड़कना

सूख कर लक़्क़ात हो जाना

(अविर) बहुत ज़्यादा नजीफ़-ओ-का गर हो जाना

सूख कर हदफ़ हो जाना

(अविर) सूओख के कांटा हो जाना, बहुत दुबला होजाना, निहायत कमज़ोर हो जाना, बहुत लागर हो जाना

सत्यानास जाए

बर्बाद हो, अभिशाप या कोसना

सद-रहमत

ईश्वर की वहुत-बहुत कृपाएँ, शाबाश, धन्य-धन्य

सफ़र

इस्लामी केलेंडर का दूसरा महीना

सर बाँधना

घोड़े की बाग इस तरह पकड़ना कि चलते में इस की गर्दन सीधी रहे और इधर उधर ना हो सके

सर-ए-पिस्ताँ

'सर-ए-पिस्ताँ' का संक्षिप्त, स्तन के आगे का भाग कुचाग्र, स्तन की घुंडी, चूँची, चूचुक, भिटनी, स्तनवृन्त, नर्मठ

सर-ए-पिस्तान

स्तन के आगे का भाग कुचाग्र, स्तन की घुंडी, चूँची, चूचुक, भिटनी, स्तनवृन्त, नर्मठ

सल्लमहा

ख़ुदा सलामत रखे (जीवित व्यक्ति (स्त्री) के लिए समृद्धि की दुआ)

सलामती में

(औरत) कुशल रहते हुए जीवन में

सँवार

सँवरने या संवारने की क्रिया, भाव या स्थिति।

सहनक पर हाथ रखना

हज़रत बीबी फ़ातिमा की नियाज़ पर हाथ रख कर क़सम खाना

सुहाग बना रहे

(अविर) शौहर के ज़िंदा रहने, ऐश आराम बाक़ी रहने की दुआ, सुहाग क़ायम रहने की दुआ, मांग भरी रहे, शौहर ज़िंदा रहे

सुहागन

वह स्त्री जिसका पति जीवित हो; सधवा; सौभाग्यवती; सौभाग्यशालिनी

सात पुश्त की नाक कटना

(अविर) पूरे ख़ानदान की आबरू जाना, ख़ानदान की ज़िल होना

सात पुश्त को पुनवाना

ऐसी कोई हरकत होना जिससे बड़ों की बदनामी हो, अपनी ख़राब हरकतों से बाप-दादा को गालियाँ खिलवाना

सात समुंद्र पार

बहुत दूर, दूर-दराज़ क्षेत्र में

सात-अनाज

गेहूँ, धान, जौ, बाजरा, मकई, ज्वार और चने (औरतें उनको पका कर किसी मन्नत पूरी होने के मौक़ा पर बाँटती हैं)

साँप डसे

(अविर, बददुआ) सांप काटे

साँस डकार न लेना

(अविर) इस वक़्त बोलते हैं जब कोई शख़्स किसी की कोई शैय आरियतन लेकर एक अरसा तक वापिस ना करे, ख़ामोशी इख़तियार कर लेना, चुप साध लेना

साहिब-ए-नसीब

भाग्यशाली, खुशक़िस्मत ।।

सिविय्या

सेवा और ख़िदमत करने वाली औरत (औरतों की क़िस्म में से एक औरत जो पवित्र होती है)

सीधा

सच्चा मुख़लिस खरा

हैं

कलमा-ए-तनबीहा जो किसी काम की मुमानअत या रोकने के लिए आता है नीज़ नापसंदीदगी या ग़ुस्से के इज़हार के लिए भी मुस्तामल

हक़-ए-नाज़िरी

(अविर) रुक : हक़ एलिना ज़र यन

हक़्क़ाक़ा दक़्क़ाक़ा

बेशरम, बेहया (औरत

हक़-हैरान

(अविर) हुक्का बिका , शुश्रृ , मबहूत

हगनी मूतनी बंद करना

(महिला) बहुत भयभीत करना और बहुत तंग करना, बहुत परेशान करना

हगनी मूतनी बंद होना

(अविर)हगनी मौतनी बंद करना (रुक) का लाज़िम , बहुत ख़ौफ़ज़दा होना , तंग और नालां होना

हेंगा

खेत की जड़ें साफ़ करने का हल, लोहे का बड़ा समतल पटेला या पटरा, किसानों का गोड़ाई करने का उपकरण, एक लोहे का ढाँचा जिसमें कंघी की तरह बहुत सी नोकें निकली होती हैं और उसे बैल खींचते हैं और ज़मीन को गोड़ने के काम आता है, पाटा, सुहागा

हज़ार मन की

(औरत की भाषा) इज़्ज़त और सम्मान वाली

हज़ारी 'उम्र हो

(अविर) दुआइया कलिमा जो तस्लीम और आदाब के जवाब में बड़े बूढ़े बतौर-ए-दुआ ज़बान पर लाते हैं यानी हज़ार साला उम्र हो

हट की पूरी होना

हठ का पक्का होना (स्त्री का) बहुत हठी होना

हट्टी-कट्टी

मोटी-ताज़ी, ख़ूब बलवान, हृष्टपुष्ट, मोटा-भारी, भारी-भरकम (औरत, लड़की आदि)

हटना

मुल्तवी होना

हड्डौ

(औरत) जिसकी हड्डियाँ निकली हुई हों, निर्बल एवं दुर्बल, बहुत अधिक कमज़ोर लड़की

हंडिया बन जाना

(स्त्रीवाची) खाना पकना

हथनी की हथनी

बड़ी (औरत या लड़की), समझदार और अक़्लमंद (लड़की) अथवा मोटी ताज़ी

हदीस खींचना

तौबा करना, किसी बात को छोड़ना, त्यागना

हप्पा

घूस। रिश्वत। (पश्चिम)

हफ़-नज़र

चशम-ए-बद्दूर, माशा अल्लाह नीज़ आँखों में ख़ाक, रुक : हफ़नज़र

हम अभी से फ़ातिहा के लिए हाथ उठाते हैं

(महिला) जब कोई झूट-मूट मरने की धमकी देता है तो औरतें कहती हैं

हमका

(अविर) हम को, हमें

हमराह-ए-रिकाब

घुड़सवार के साथ चलनेवाला, साथ चलनेवाला।

हय्या

(कलिमा) (गंवार) रुक : हौ्वा , जो बच्चे को डराने के लिए बोलते हैं

हर्बे-ज़र्बे

(स्त्री) हर समय, हर घड़ी, घड़ी-घड़ी, बार-बार

हुर्मत बनाना

आबरू बनाना, इज़्ज़त बनाना

हरा-पानी

(औरत की भाषा) गंदगी जो बच्चे की पैदाइश के बाद माँ के शरीर से निकलती है

हरोला

(ज़नानों की इस्तिलाह) पान

हल्कम

कलांत, हलकान, हैरान-परेशान

हलाल-ज़ादा

वो संतान जो शुद्ध औरत से हो, पुरुष और महिला की शादी के बाद जो बच्चे हों, शादी के बाद पैदा हुआ बच्चा, वैध पुत्र, कुलीन

हुलासी की भट्टी में जाना

(महिला) कमाई का हानि होना

हव्वा

(शाब्दिक) लालिमा लिए हुए कालापन, काले होंटोंं वाली

हवास-कटी

(औरत) हतबुद्धि, परेशान, गुमसुम

हाए मैं मर गई

(महिला) चोट लगने या मुसीबत में पड़ने के अवसर पर प्रयुक्त

हाए-वैला

(अविर) शोर-ओ-गुल, फ़र्याद, हंगामा

हाँडी

खाना पकाने का बर्तन, शीशे का सजावटी पात्र जिसमें बल्ब लगते हैं 

हाथ-में-हाथ-देना

۔۱۔ किसी के सपुर्द करना। किसी को ।

हाल में क़ाल दही में मूसल

(महिलाएँ) किसी किसी अवसर और बिना स्थान के हस्तक्षेप करने वाले व्यक्ति के बारे में कहते हैं

हाल लुटा होना

(अविर) हालत ख़राब होना

हाला से

(अवाम की भाषा) चौड़े चकले, बड़े बड़े, गोल गोल (केवल रुपये के साथ ख़ास)

हाशिया बाँधना

(औरत) बात को बढ़ा चढ़ा के बयान करना

हींगू

बिल्ली, नकटी क्योंकि औरतें रात को ज़च्चा के चिल्ले के अंदर इस का नाम लेना अशुभ समझती हैं इस वजह से ये नाम रखा गया, हींगा की जगह लड़की को हींगू कहती हैं

हो बैठना

बैठ जाना, एक ओर बैठ जाना, किसी स्थान पर जमकर बैठ जाना

होने के दिन

(महिला) मासिक धर्म के दिन, मासिक (आना के साथ प्रयुक्त)

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