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क्या क्या न हो गया

कौन सी बात रह गई, कौन सी रुसवाई ना हुई, बहुत कुछ हुआ

क्या हो

क्या सत्य है, क्या चीज़ हो, क्या सामर्थ्य है

क्या गया

क्या नुक़्सान हुआ, क्या हानि हुई, कुछ हानि नहीं हुई, क्या बिगड़ गया

क्या था और क्या हो गया

समय अस्त-व्यस्त हो गया, बना हुआ काम या बात बिगड़ गई

क्या क्या न किया

۔सब कुछ किया। कौन सी कसर उठा रखी। (मज़मून) हम ने किया क्या ना तिहरे इशक़ में महबूब किया। सब्र एवबऑ किया गिरिया-ए-याक़ूब किया

ये क्या हो गया

अचानक कोई अफ़सोसनाक वाक़िया पेश आने पर बोलते हैं

क्या हो गया

इन्क़िलाब-ए-अज़ीम हो गया की जगह मुस्तामल

क्या क्या न हुआ

कौन सी बात रह गई, कौन सा अपमान न हुआ, कौन सी रुसवाई न हुई

क्या से क्या हो जाना

कुछ का कुछ हो जाना, इन्क़िलाब-ए-अज़ीम हो जाना, बिलकुल बदल जाना

देखिए क्या हो

(मार्गदर्शक विचार) का क्या परिणाम हो, क्या नतीजा निकले, पता नहीं क्या घटित हो, क्या देखने को मिले

क्या मिल गया

क्या फ़ायदा हुआ, क्या हासिल हुआ

क्या क्या अरमान साथ ले गया

ज़िंदगी में इच्छाएं पूरी न हुईं, मृतक के बारे में कहते हैं

क्या का क्या हो जाना

हालात का उलट पलट जाना, कुछ ना कुछ हो जाना, सूरत-ए-हाल में इन्क़िलाब रुनुमा हो जाना

तुम क्या हो

اکیلے تم پر موقوف نہیں.

क्या हो जाएगा

क्या बिगड़ जाएगा, कौन सा नुक़सान होगा, कुछ नहीं होगा

क्या करता क्या न करता

(मजबूरी-ओ-बेबसी के मौक़ा पर मुस्तामल) चारा नहीं था

क्या साँप सूँघ गया

क्यों नहीं बोलते, चुप क्यों हो, उत्तर क्यों नहीं देते

क्या लुत्फ़ हो

बड़ा लुतफ़ हो, बहुत मज़ा आए

लकड़ी क्या जले क्या उजाला हो

एक व्यक्ति किसी की कहाँ तक मदद कर सकता है, अकेला व्यक्ति किस-किस का सहानुभूतिशील बने

ये दो दिन में क्या माजरा हो गया

थोड़े समय में किसी बहुत बड़े परिवर्तन के अवसर पर कहते हैं, दुनिया ही बदल गई

क्या न चाहिए

कौन सी चीज़ है जिसकी आवश्यक्ता नहीं, क्या कहना है, क्या बात है सब कुछ चाहिए, सब ही चीज़ की ज़रूरत है, सब कुछ मौजूद है फिर भला किस चीज़ की ज़रूरत है

क्या आदमी हो

अजीब आदमी हो, ख़ूब आदमी हो (तहसीन-ओ-तंज़ दोनों के लिए)

क्या मज़ हो

रुक : क्या लुतफ़ हो

क्या मज़ा हो

۔ بڑا لطف ہو۔ ؎

क्या अच्छा हो

कितना अच्छा हो, कितना लुत्फ़ आए, मज़ा आजाए

क्या न चाहिए

what is not wanting (to me), what do I not want, I want everything, nothing is wanting (to me), I have everything

तुम क्या क़ाज़ी हो

तुम को इस मुआमले से किया, तुम इस में दख़ल ना दो

तुम भी क्या हो

کہنا کچھ کرنا کچھ ، سامنے کچھ پیچھے کچھ

क्या ख़ूब समझते हो

बहुत अहमक़ हो, (आप के साथ) हमाक़त और नादानी के इज़हार के लिए बजाय '' आप नहीं समझते हैं , आप बिलकुल नहीं समझते हैं '' मुस्तामल है

तुम क्या करते हो

What do you do?

क्या गूह खाते हो

बेहूदा और फ़ुज़ूल बकवास करते हो

मेरा क्या गया

मेरा क्या नुक़्सान हुआ, मेरा क्या बिगड़ा

चोर चोरी से गया तो क्या हेरा फेरी से भी गया

बुरी 'आदत नहीं जाती

क्या ले गया शेर शाह, क्या ले गय सलीम शाह

माल-ओ-दौलत किसी के साथ नहीं जाता

कल क्या हो

ख़ुदा जाने आइन्दा क्या हो

मरता क्या न करता

जिस की जान पर आ बनती है वो सब कुछ कर गुज़रता है, विवशता की स्थिति में सब कुछ करना पड़ता है

क्या कुछ सुना चाहते हो

क्या बुरा-भला सुनने को जी चाहता है, क्या गालियां सुनने को जी चाहता है जो ग़लत काम कर रहे हो

साईं जिस को राख ले मारन हारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

कहो तो सही क्या हो

ख़ूब आदमी हो

जिसकी न फटी हो बिवाई वो क्या जाने पीर पराई

one who has not suffered cannot understand the sorrows of others or sympathize with them

क्या आँखों में ख़ाक डालते हो

क्या खुल्लम-खुल्ला धोखा दे रहे हो, क्यों बहाने बनाते और छल करते हो

क्या आँखों में ख़ाक डालते हो

۔دیکھو آنکھوں میں خاک ڈالنا۔

'आशिक़ी न कीजिए तो क्या घास खोदिये

जिस ने प्रेम नहीं किया वह घसियारे के समान है

जिस की न फटी हो बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई

जिस को कभी दुख नहीं पहुंचा उस को दर्द मंदों के दर्द की क्या पर्वा

जिसकी न फटी हो बिवाई वो क्या जाने पीड़ पराई

one who has not suffered cannot understand the sorrows of others or sympathize with them

चुड़ैल पर दिल आ गया तो फिर परी क्या है

जिस पर आदमी 'आशिक़ हो वो कुरूप भी हो तो सुंदर लगता है

पत्थर को असर क्या हो

۔ मिसल। बेवक़ूफ़ कमअक़्ल पर किसी फ़हमाइश और तालीम का असर नहीं होता।

भूका मरता क्या न करता

कंगाल आदमी निम्न से निम्न काम के लिए भी तैयार हो जाता है

क्या गाते हो

۔ क्या फ़ुज़ूल बिकते हो।

मुर्ग़ा न होगा तो क्या अज़ान न होगी

कोई भी कार्य किसी विशेष व्यक्ति पर आश्रित या टिका, ठहरा या रुका हुआ नहीं है, रहती दुनिया तक काम होते ही रहेंगे

तक़दीर के लिखे को तदबीर क्या करे, गर हाकिम ख़फ़ा हो तो वज़ीर क्या करे

भाग्य नहीं बदल सकता, जो भाग्य में लिखा है वह अवश्य होगा

चुड़ैल पर दिल आ गया तो फिर परी क्या चीज़ है

जिस पर आदमी 'आशिक़ हो वो कुरूप भी हो तो सुंदर लगता है

ये भी न पूछा कि क्या हुआ

सख़्त से सख़्त मुसीबत में जब कोई पुर्साने हाल ना हो तो कहते हैं

आगे रोक पीछे ठोक, ससुरा सरके न जाए तो क्या हो

आगे जा नहीं सकता पीछे से डंडा पड़ता है, करे तो क्या करे, जहाँ किसी ओर रास्ता न मिले तो बिना-साहस हो जाता है

देखने में न सो चखने में क्या

जो चीज़ देखने में अच्छी नहीं वह खाने में कैसे अच्छी होगी

तक़दीर के लिखे को तदबीर क्या करे, हाकिम ख़फ़ा हो तो वज़ीर क्या करे

भाग्य नहीं बदल सकता, जो भाग्य में लिखा है वह अवश्य होगा

मुर्ग़ा बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी

कोई भी कार्य किसी विशेष व्यक्ति पर आश्रित या टिका, ठहरा या रुका हुआ नहीं है, रहती दुनिया तक काम होते ही रहेंगे

मुर्ग़ बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी

कोई काम किसी की ज़ात इख़ास पर मौक़ूफ़ नहीं, दुनिया का काम वक़्त पर होता रहेगा

ऊँट बुड्ढा हो गया पर मूतना न आया

आयु बहुत हो जाने पर भी शिष्टाचार न आया

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में क्या क्या न हो गया के अर्थदेखिए

क्या क्या न हो गया

kyaa kyaa na ho gayaaکیا کیا نَہ ہو گَیا

क्या क्या न हो गया के हिंदी अर्थ

  • कौन सी बात रह गई, कौन सी रुसवाई ना हुई, बहुत कुछ हुआ

کیا کیا نَہ ہو گَیا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کون سی بات رہ گئی ، کون سی رُسوائی نہ ہوئی ، بہت کچھ ہوا.

Urdu meaning of kyaa kyaa na ho gayaa

  • Roman
  • Urdu

  • kaun sii baat rah ga.ii, kaun sii rusvaa.ii na hu.ii, bahut kuchh hu.a

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क्या क्या न हो गया

कौन सी बात रह गई, कौन सी रुसवाई ना हुई, बहुत कुछ हुआ

क्या हो

क्या सत्य है, क्या चीज़ हो, क्या सामर्थ्य है

क्या गया

क्या नुक़्सान हुआ, क्या हानि हुई, कुछ हानि नहीं हुई, क्या बिगड़ गया

क्या था और क्या हो गया

समय अस्त-व्यस्त हो गया, बना हुआ काम या बात बिगड़ गई

क्या क्या न किया

۔सब कुछ किया। कौन सी कसर उठा रखी। (मज़मून) हम ने किया क्या ना तिहरे इशक़ में महबूब किया। सब्र एवबऑ किया गिरिया-ए-याक़ूब किया

ये क्या हो गया

अचानक कोई अफ़सोसनाक वाक़िया पेश आने पर बोलते हैं

क्या हो गया

इन्क़िलाब-ए-अज़ीम हो गया की जगह मुस्तामल

क्या क्या न हुआ

कौन सी बात रह गई, कौन सा अपमान न हुआ, कौन सी रुसवाई न हुई

क्या से क्या हो जाना

कुछ का कुछ हो जाना, इन्क़िलाब-ए-अज़ीम हो जाना, बिलकुल बदल जाना

देखिए क्या हो

(मार्गदर्शक विचार) का क्या परिणाम हो, क्या नतीजा निकले, पता नहीं क्या घटित हो, क्या देखने को मिले

क्या मिल गया

क्या फ़ायदा हुआ, क्या हासिल हुआ

क्या क्या अरमान साथ ले गया

ज़िंदगी में इच्छाएं पूरी न हुईं, मृतक के बारे में कहते हैं

क्या का क्या हो जाना

हालात का उलट पलट जाना, कुछ ना कुछ हो जाना, सूरत-ए-हाल में इन्क़िलाब रुनुमा हो जाना

तुम क्या हो

اکیلے تم پر موقوف نہیں.

क्या हो जाएगा

क्या बिगड़ जाएगा, कौन सा नुक़सान होगा, कुछ नहीं होगा

क्या करता क्या न करता

(मजबूरी-ओ-बेबसी के मौक़ा पर मुस्तामल) चारा नहीं था

क्या साँप सूँघ गया

क्यों नहीं बोलते, चुप क्यों हो, उत्तर क्यों नहीं देते

क्या लुत्फ़ हो

बड़ा लुतफ़ हो, बहुत मज़ा आए

लकड़ी क्या जले क्या उजाला हो

एक व्यक्ति किसी की कहाँ तक मदद कर सकता है, अकेला व्यक्ति किस-किस का सहानुभूतिशील बने

ये दो दिन में क्या माजरा हो गया

थोड़े समय में किसी बहुत बड़े परिवर्तन के अवसर पर कहते हैं, दुनिया ही बदल गई

क्या न चाहिए

कौन सी चीज़ है जिसकी आवश्यक्ता नहीं, क्या कहना है, क्या बात है सब कुछ चाहिए, सब ही चीज़ की ज़रूरत है, सब कुछ मौजूद है फिर भला किस चीज़ की ज़रूरत है

क्या आदमी हो

अजीब आदमी हो, ख़ूब आदमी हो (तहसीन-ओ-तंज़ दोनों के लिए)

क्या मज़ हो

रुक : क्या लुतफ़ हो

क्या मज़ा हो

۔ بڑا لطف ہو۔ ؎

क्या अच्छा हो

कितना अच्छा हो, कितना लुत्फ़ आए, मज़ा आजाए

क्या न चाहिए

what is not wanting (to me), what do I not want, I want everything, nothing is wanting (to me), I have everything

तुम क्या क़ाज़ी हो

तुम को इस मुआमले से किया, तुम इस में दख़ल ना दो

तुम भी क्या हो

کہنا کچھ کرنا کچھ ، سامنے کچھ پیچھے کچھ

क्या ख़ूब समझते हो

बहुत अहमक़ हो, (आप के साथ) हमाक़त और नादानी के इज़हार के लिए बजाय '' आप नहीं समझते हैं , आप बिलकुल नहीं समझते हैं '' मुस्तामल है

तुम क्या करते हो

What do you do?

क्या गूह खाते हो

बेहूदा और फ़ुज़ूल बकवास करते हो

मेरा क्या गया

मेरा क्या नुक़्सान हुआ, मेरा क्या बिगड़ा

चोर चोरी से गया तो क्या हेरा फेरी से भी गया

बुरी 'आदत नहीं जाती

क्या ले गया शेर शाह, क्या ले गय सलीम शाह

माल-ओ-दौलत किसी के साथ नहीं जाता

कल क्या हो

ख़ुदा जाने आइन्दा क्या हो

मरता क्या न करता

जिस की जान पर आ बनती है वो सब कुछ कर गुज़रता है, विवशता की स्थिति में सब कुछ करना पड़ता है

क्या कुछ सुना चाहते हो

क्या बुरा-भला सुनने को जी चाहता है, क्या गालियां सुनने को जी चाहता है जो ग़लत काम कर रहे हो

साईं जिस को राख ले मारन हारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

कहो तो सही क्या हो

ख़ूब आदमी हो

जिसकी न फटी हो बिवाई वो क्या जाने पीर पराई

one who has not suffered cannot understand the sorrows of others or sympathize with them

क्या आँखों में ख़ाक डालते हो

क्या खुल्लम-खुल्ला धोखा दे रहे हो, क्यों बहाने बनाते और छल करते हो

क्या आँखों में ख़ाक डालते हो

۔دیکھو آنکھوں میں خاک ڈالنا۔

'आशिक़ी न कीजिए तो क्या घास खोदिये

जिस ने प्रेम नहीं किया वह घसियारे के समान है

जिस की न फटी हो बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई

जिस को कभी दुख नहीं पहुंचा उस को दर्द मंदों के दर्द की क्या पर्वा

जिसकी न फटी हो बिवाई वो क्या जाने पीड़ पराई

one who has not suffered cannot understand the sorrows of others or sympathize with them

चुड़ैल पर दिल आ गया तो फिर परी क्या है

जिस पर आदमी 'आशिक़ हो वो कुरूप भी हो तो सुंदर लगता है

पत्थर को असर क्या हो

۔ मिसल। बेवक़ूफ़ कमअक़्ल पर किसी फ़हमाइश और तालीम का असर नहीं होता।

भूका मरता क्या न करता

कंगाल आदमी निम्न से निम्न काम के लिए भी तैयार हो जाता है

क्या गाते हो

۔ क्या फ़ुज़ूल बिकते हो।

मुर्ग़ा न होगा तो क्या अज़ान न होगी

कोई भी कार्य किसी विशेष व्यक्ति पर आश्रित या टिका, ठहरा या रुका हुआ नहीं है, रहती दुनिया तक काम होते ही रहेंगे

तक़दीर के लिखे को तदबीर क्या करे, गर हाकिम ख़फ़ा हो तो वज़ीर क्या करे

भाग्य नहीं बदल सकता, जो भाग्य में लिखा है वह अवश्य होगा

चुड़ैल पर दिल आ गया तो फिर परी क्या चीज़ है

जिस पर आदमी 'आशिक़ हो वो कुरूप भी हो तो सुंदर लगता है

ये भी न पूछा कि क्या हुआ

सख़्त से सख़्त मुसीबत में जब कोई पुर्साने हाल ना हो तो कहते हैं

आगे रोक पीछे ठोक, ससुरा सरके न जाए तो क्या हो

आगे जा नहीं सकता पीछे से डंडा पड़ता है, करे तो क्या करे, जहाँ किसी ओर रास्ता न मिले तो बिना-साहस हो जाता है

देखने में न सो चखने में क्या

जो चीज़ देखने में अच्छी नहीं वह खाने में कैसे अच्छी होगी

तक़दीर के लिखे को तदबीर क्या करे, हाकिम ख़फ़ा हो तो वज़ीर क्या करे

भाग्य नहीं बदल सकता, जो भाग्य में लिखा है वह अवश्य होगा

मुर्ग़ा बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी

कोई भी कार्य किसी विशेष व्यक्ति पर आश्रित या टिका, ठहरा या रुका हुआ नहीं है, रहती दुनिया तक काम होते ही रहेंगे

मुर्ग़ बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी

कोई काम किसी की ज़ात इख़ास पर मौक़ूफ़ नहीं, दुनिया का काम वक़्त पर होता रहेगा

ऊँट बुड्ढा हो गया पर मूतना न आया

आयु बहुत हो जाने पर भी शिष्टाचार न आया

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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