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कहाँ

किधर, किस जगह, कब, एक प्रश्नवाचक अव्यय जिसका प्रयोग मुख्यतः स्थान के संबंध में जिज्ञासा या प्रश्न के प्रसंग में होता है

कहाँ-की

کہاں کا کی تانیث، کیسی، تراکیب میں مستعمل

कहाँ-का

of what place? what type?

कहाँ है

(कलमा-ए-इस्तिफ़हाम-ए-इन्कारी) यानी इलम-ओ-फ़िक्र, दानाई, साज़ो सामान, ज़हानत, लियाक़त वग़ैरा कहाँ है, कहीं भी तो नहीं है

कहाँ से

किधर से, कैसे, किस तरह, क्यों कर

कहें

say, speak, tell

कहूँ

say, speak, tell

कहीं

किसी तरह

कहाँ-कहाँ

(disapproving) where are you going?

कहाना

کہانی ، ضرب المثل ، کہاوت.

कहानी

कोई झूठी या मनगढंत बात। मुहा०-कहानी जोड़ना = आवश्यकता से अधिक और प्रायः अरुचि कर या निरर्थक वृत्तांत।। पद-राम-कहानी लंबा-चौड़ा वृत्तांत।

कैहाँ

युग, संसार

कहाँ पर

where? at what place? to what degree? how far?

कहाँ जाऊँ

क्या ईलाज करूं, क्या तदबीर करूं

कहाँ जाऊँ

۔کیا علاج کروں۔ کیا تدبیر کروں۔

कहाँ के हैं

कौन सी भूमि और कौन से देश के निवासी हैं, किस गुप्त शहर के हैं, ऐसे कौन हैं

कहाँ-लग

رک : کہاں تک.

कहाँ मुँह

किसी योग्य नहीं, किसी भी प्रकार की योग्यता नहीं, साहस या हिम्मत नहीं

कहाँ चले

जब कोई व्यक्ति लंबे समय के बाद या अनुचित समय पर आता है तो उस से कहते हैं, किस उद्देश्य से आए, किस कार्य से परेशानी की, अनुचित समय पर कहाँ आए

कहाँ का कहाँ

बे-ठिकाने, काले-कोसों

कहाँ ये कहाँ वो

इन का क्या मुक़ाबला, उन का कोई मुक़ाबला नहीं

कहाँ-कहाँ की

۔کس کس جگہ کی۔ بنات النعش) اس لڑکے کی خاطر نہیں معلوم میں نے کہاں کہاں کی خاک چھانی۔

कहाँ से कहाँ

بہت دور ، نامعلوم جگہ.

कहाँ तलक

कब तक, कितनी देर तक, किस समय तक, यहाँ तक कि

कहाँ बुढ़िया, कहाँ राज कन्या

निम्न और उच्च के बीच क्या संबंध, बड़े और छोटे के बीच क्या प्रतियोगिता

कहां सर फोड़ूँ

(बेबसी ज़ाहिर करने के लिए) कहाँ जाऊं, क्या करूं, किधर जाऊं, कुछ तदबीर बिन नहीं आती

कहाँ भूल पड़े

कैसे आना हुआ, जब कोई दोस्त अर्सा के बाद इत्तिफ़ाक़न आ जाता है तो अज़राह-ए-शिकायत कहते हैं

कहाँ बी-बी कहाँ बाँदी

अदना को उच्च से क्या लेना-देना

कहाँ का रहा

नाकारा हो गया, बेकार हो गया, किसी काम का न रहा

कहाँ ननवा तेली, कहाँ राजा भोग

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा तीली

कहाँ ननवा तेली, कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा तीली

कहाँ राम राम , कहाँ टें टें

रुक: कहाँ राजा भोज कहाँ गंगा तीली

कहाँ के इरादे हैं

किधर जाते हो, कहाँ का इरादा है

कहाँ हो कहाँ न हो

who knows where (he, etc.) may be

कहाँ गंगवा तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंवा तीली

कहाँ से टपक पड़ा

how does (he, she, etc.) happen to be here?

कहाँ से टपक पड़े

अचानक कहाँ से निकल पड़े, अचानक कहाँ से आ पहुँचे (अचानक कोई आ जाए तो कहते हैं)

कहाँ से टपक पड़ी

how does (he, she, etc.) happen to be here?

कहाँ भूल गए

कैसे आना हुआ, जब कोई दोस्त अर्सा के बाद इत्तिफ़ाक़न आ जाता है तो अज़राह-ए-शिकायत कहते हैं

कहाँ से कहाँ ले ठिकाने

۔بہت دوٗر کی جگہ۔ ؎

कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली

उच्च कुल के व्यक्ति एवं तुच्छ व्यक्ति का क्या मुक़ाबला

कहाँ गंगा तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंग॒वा, तीली

कहाँ का आना कहाँ का जाना

कैसा आना जाना कैसा मिलना जुलना, कैसी मुलाक़ात, कैसा वास्ता, अर्थात : न कहीं आना है न कहीं जाना है

कहां गांगला तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंग॒वा, तीली

कहाँ सो रहा

कहाँ देर लगाई, क्यों बेपरवाही की, क्यों देर की

कहाँ की बात कहाँ ले जाना

किसी बात का ग़लत अर्थ निकालना, ग़लत तात्पर्य समझना

कहाँ से आया

۔ بے وقعت ہے۔ ناچیز ہے کیا۔ وقعت رکھتا ہے۔ ؎

कहाँ गंगू तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंवा तीली

कहाँ मर रहा

कहाँ देर लगाई, क्यों देर लगाई

कहाँ का इरादा है

(इरादा की जगह इरादे भी प्रयुक्त है) कहाँ का मक़सद है, किधर जाते हो, कहाँ चले

कहाँ जाता है

ज़रूर सज़ा पाएगा कहाँ बच के जाएगा

कहाँ मर गया

कहाँ नापैद हो गया, कहाँ ग़ायब हो गया, कहाँ चला गया

कहाँ से रंगा के आए हैं

(व्यंग्यात्मक) आप में कौन सी ख़ूबी है, आप में कौन सा गुण है

कहाँ ला कर फंसाया

बुरे से पाला डाला, बुरी जगह गिरफ़्तार कराया, किस मुसीबत में डाला, किस बला में मुबतला किया

कहाँ के तीस मार ख़ाँ हैं

कहाँ के ज़बरदस्त दिलावर हैं

ख़ाँ

'खान' का लघु, दे. 'खान'

कहाँ चले आते हो

۔ تمہارے آنے کا موقع نہیں ہے۔

कहाँ चले आते हो

तुम्हारे आने का काम नहीं है, पर्दा है, पर्दे वाले बैठे हैं

ख़ूँ

‘खू़न' का लघु. रक्त, खू़न, लहू

कहाँ जाऊँ, चूहे का बिल नहीं मिलता

सख़्त नाचारी ज़ाहिर करने को कहते हैं, कभी भी पनाह नहीं मिलती

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कहाँ-की के अर्थदेखिए

कहाँ-की

kahaa.n-kiiکہاں کی

वज़्न : 122

मूल शब्द: कहाँ जाऊँ

کہاں کی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کہاں کا کی تانیث، کیسی، تراکیب میں مستعمل
  • تحقیر کے واسطے کہتے ہیں، بیجا اور بے موقع کی جگہ

Urdu meaning of kahaa.n-kii

  • Roman
  • Urdu

  • kahaa.n ka kii taaniis, kaisii, taraakiib me.n mustaamal
  • tahqiir ke vaaste kahte hain, bejaa aur be mauqaa kii jagah

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कहाँ

किधर, किस जगह, कब, एक प्रश्नवाचक अव्यय जिसका प्रयोग मुख्यतः स्थान के संबंध में जिज्ञासा या प्रश्न के प्रसंग में होता है

कहाँ-की

کہاں کا کی تانیث، کیسی، تراکیب میں مستعمل

कहाँ-का

of what place? what type?

कहाँ है

(कलमा-ए-इस्तिफ़हाम-ए-इन्कारी) यानी इलम-ओ-फ़िक्र, दानाई, साज़ो सामान, ज़हानत, लियाक़त वग़ैरा कहाँ है, कहीं भी तो नहीं है

कहाँ से

किधर से, कैसे, किस तरह, क्यों कर

कहें

say, speak, tell

कहूँ

say, speak, tell

कहीं

किसी तरह

कहाँ-कहाँ

(disapproving) where are you going?

कहाना

کہانی ، ضرب المثل ، کہاوت.

कहानी

कोई झूठी या मनगढंत बात। मुहा०-कहानी जोड़ना = आवश्यकता से अधिक और प्रायः अरुचि कर या निरर्थक वृत्तांत।। पद-राम-कहानी लंबा-चौड़ा वृत्तांत।

कैहाँ

युग, संसार

कहाँ पर

where? at what place? to what degree? how far?

कहाँ जाऊँ

क्या ईलाज करूं, क्या तदबीर करूं

कहाँ जाऊँ

۔کیا علاج کروں۔ کیا تدبیر کروں۔

कहाँ के हैं

कौन सी भूमि और कौन से देश के निवासी हैं, किस गुप्त शहर के हैं, ऐसे कौन हैं

कहाँ-लग

رک : کہاں تک.

कहाँ मुँह

किसी योग्य नहीं, किसी भी प्रकार की योग्यता नहीं, साहस या हिम्मत नहीं

कहाँ चले

जब कोई व्यक्ति लंबे समय के बाद या अनुचित समय पर आता है तो उस से कहते हैं, किस उद्देश्य से आए, किस कार्य से परेशानी की, अनुचित समय पर कहाँ आए

कहाँ का कहाँ

बे-ठिकाने, काले-कोसों

कहाँ ये कहाँ वो

इन का क्या मुक़ाबला, उन का कोई मुक़ाबला नहीं

कहाँ-कहाँ की

۔کس کس جگہ کی۔ بنات النعش) اس لڑکے کی خاطر نہیں معلوم میں نے کہاں کہاں کی خاک چھانی۔

कहाँ से कहाँ

بہت دور ، نامعلوم جگہ.

कहाँ तलक

कब तक, कितनी देर तक, किस समय तक, यहाँ तक कि

कहाँ बुढ़िया, कहाँ राज कन्या

निम्न और उच्च के बीच क्या संबंध, बड़े और छोटे के बीच क्या प्रतियोगिता

कहां सर फोड़ूँ

(बेबसी ज़ाहिर करने के लिए) कहाँ जाऊं, क्या करूं, किधर जाऊं, कुछ तदबीर बिन नहीं आती

कहाँ भूल पड़े

कैसे आना हुआ, जब कोई दोस्त अर्सा के बाद इत्तिफ़ाक़न आ जाता है तो अज़राह-ए-शिकायत कहते हैं

कहाँ बी-बी कहाँ बाँदी

अदना को उच्च से क्या लेना-देना

कहाँ का रहा

नाकारा हो गया, बेकार हो गया, किसी काम का न रहा

कहाँ ननवा तेली, कहाँ राजा भोग

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा तीली

कहाँ ननवा तेली, कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा तीली

कहाँ राम राम , कहाँ टें टें

रुक: कहाँ राजा भोज कहाँ गंगा तीली

कहाँ के इरादे हैं

किधर जाते हो, कहाँ का इरादा है

कहाँ हो कहाँ न हो

who knows where (he, etc.) may be

कहाँ गंगवा तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंवा तीली

कहाँ से टपक पड़ा

how does (he, she, etc.) happen to be here?

कहाँ से टपक पड़े

अचानक कहाँ से निकल पड़े, अचानक कहाँ से आ पहुँचे (अचानक कोई आ जाए तो कहते हैं)

कहाँ से टपक पड़ी

how does (he, she, etc.) happen to be here?

कहाँ भूल गए

कैसे आना हुआ, जब कोई दोस्त अर्सा के बाद इत्तिफ़ाक़न आ जाता है तो अज़राह-ए-शिकायत कहते हैं

कहाँ से कहाँ ले ठिकाने

۔بہت دوٗر کی جگہ۔ ؎

कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली

उच्च कुल के व्यक्ति एवं तुच्छ व्यक्ति का क्या मुक़ाबला

कहाँ गंगा तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंग॒वा, तीली

कहाँ का आना कहाँ का जाना

कैसा आना जाना कैसा मिलना जुलना, कैसी मुलाक़ात, कैसा वास्ता, अर्थात : न कहीं आना है न कहीं जाना है

कहां गांगला तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंग॒वा, तीली

कहाँ सो रहा

कहाँ देर लगाई, क्यों बेपरवाही की, क्यों देर की

कहाँ की बात कहाँ ले जाना

किसी बात का ग़लत अर्थ निकालना, ग़लत तात्पर्य समझना

कहाँ से आया

۔ بے وقعت ہے۔ ناچیز ہے کیا۔ وقعت رکھتا ہے۔ ؎

कहाँ गंगू तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंवा तीली

कहाँ मर रहा

कहाँ देर लगाई, क्यों देर लगाई

कहाँ का इरादा है

(इरादा की जगह इरादे भी प्रयुक्त है) कहाँ का मक़सद है, किधर जाते हो, कहाँ चले

कहाँ जाता है

ज़रूर सज़ा पाएगा कहाँ बच के जाएगा

कहाँ मर गया

कहाँ नापैद हो गया, कहाँ ग़ायब हो गया, कहाँ चला गया

कहाँ से रंगा के आए हैं

(व्यंग्यात्मक) आप में कौन सी ख़ूबी है, आप में कौन सा गुण है

कहाँ ला कर फंसाया

बुरे से पाला डाला, बुरी जगह गिरफ़्तार कराया, किस मुसीबत में डाला, किस बला में मुबतला किया

कहाँ के तीस मार ख़ाँ हैं

कहाँ के ज़बरदस्त दिलावर हैं

ख़ाँ

'खान' का लघु, दे. 'खान'

कहाँ चले आते हो

۔ تمہارے آنے کا موقع نہیں ہے۔

कहाँ चले आते हो

तुम्हारे आने का काम नहीं है, पर्दा है, पर्दे वाले बैठे हैं

ख़ूँ

‘खू़न' का लघु. रक्त, खू़न, लहू

कहाँ जाऊँ, चूहे का बिल नहीं मिलता

सख़्त नाचारी ज़ाहिर करने को कहते हैं, कभी भी पनाह नहीं मिलती

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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