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आप भले तो जग भला

यदि मनुष्य स्वयं अच्छा हो तो दुनिया उसके साथ अच्छा व्यवहार करती है, भले के लिए सब भले

आप भले अपना घर भला

अपना घर स्वर्ग है, लोगों से मेल जोल रखने की निंदा और अलग थलग जीवन बसर करने की प्रशंसा के अवसर पर प्रयुक्त

आप मूए तो जग मुवा

स्वयं मर गये तो कहिये कुल दुनिया मुर गई किसी बात से कुछ उद्देश्य नहीं

आप सुखी तो जग सुखी

अपने आप को सुख है तो मानो ज़माने भर को सुख है

आप डूबे तो जग परलो

जब ख़ुद ही तबाह हो गए या मर गए तो दूसरों के लाभ और जीने से क्या मतलब, तुम बर्बाद हुए तो संसार नष्ट हुआ

आप डूबे तो जग डूबा

जब ख़ुद ही तबाह हो गए या मर गए तो दूसरों के लाभ और जीने से क्या मतलब, तुम बर्बाद हुए तो संसार नष्ट हुआ

जग जला तो जलने दे, मैं आप ही जलती हूँ

मैं स्वयं परेशानी में हूँ दूसरों की परेशानी का क्या करूँ

आता तो सब ही भला, थोड़ा बहुता, कुच्छ, जाते तो दो ही भले, दालिद्दर और दुःख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

आता तो सब ही भला थोड़ा बहुत कुछ, जाते दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

आता तो सभी भला थोड़ा बहुत कुछ, जाता बस दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

पानी तो बहता भला खड़ा गंधेला होए

काम होता रहे तो अच्छा है

तलवरिया वही भला जो रन में हाथ दिखाए, बैरी के टुकड़े करे और आप तुरत बच जाए

तलवरिया वो है जो लड़ाई में शत्रु का विनाश करे और स्वयं बच जाए

मैं न समझूँ तो भला क्या कोई समझाए मुझे

ज़िद्दी आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं, आदमी ख़ुद ना समझना चाहे तो कोई नहीं समझा सकता

ख़ुदा आप का भला करे

दुआइया कलिमा नीज़ तकिया-ए-कलाम के तौर पर गुफ़्तगु में इस्तिमाल करते हैं यानी अल्लाह आपको ख़ुश रक्ख्াे

भला रह तो सही

(धमकी के तौर पर) ठहर तो जा, देख तो सही

चातुर तो बैरी भला, मूरख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

भला जो चाहे आप का देना न रखे बाप का

उधार की निंदा है अपनी भलाई चाहते हो तो बाप का भी ऋण भुगतान करो

तन उजला मन साँवला बगुले का सा भेक, तो से तो कागा भला अन्दर-बाहर एक

मक्कारों पर व्यंग के तौर पर कहते हैं

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

तन उजला मन साँवला बगुले का सा भेक, तू से तो कागा भला जो अन्दर-बाहर एक

मक्कारों पर व्यंग के तौर पर कहते हैं

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न मीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

सूई की जगह भाला घुसेड़ना

सामान्य सी बात या वस्तु को महत्व देना, मामूली सी बात या चीज़ को अहमियत देना, ज़बरदस्ती करना

आप भी बड़े भले मानस हैं

बड़े दुष्ट हो

वो तो बड़े ही भले मानुस हैं

वह बहुत नटखट हैं अर्थात बहुत भले हैं

दिन भले आवेंगे तो घर पूछ्ते चले आएँगे

जब क़िस्मत अच्छी होती है तो नेक काम ख़ुदबख़ुद बिन जाते हैं, क़िस्मत पर शह कर रहना

भूले बाहमन गाए खाई अब खाऊँ तो राम दुहाई

इस बार चूक हुई भविष्य में कभी न होगी

भूले बामन गाए खाई अब खाऊँ तो राम दुहाई

इस बार चूक हुई भविष्य में कभी न होगी

आप भूले उस्ताद को लगाए

अपनी भूल-चूक दूसरों के सर थोपने के अवसर पर प्रयुक्त

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी भले

ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न हैं, ईश्वर का दिया सर आँखों पर

पहले लिख पीछे दे फिर भूले तो काग़ज़ से ले

۔مقولہ۔ لین دین میں لکھ لینے سے بھوٗل چوک نہیں ہوتی۔

तड़के का भूला साँझ को आए तो भूला नहीं कहलाता

रुक : सुबह का भोला शाम को आए, अगर कोई शख़्स थोड़ा सा भटक कर राह रास्त पर आजाए तो उसे गुमराह नहीं समझना चाहिए

भले मियाँ इल्यास आप गए सो गए खोया आस पास

दूसरे के किए वजह से मुश्किल में पड़ना , आप भी ख़राब हुए औरों को भी ख़राब किया जब किसी के सबब से और पर सदमा आता है तो कहते हैं

फ़ज्र का भूला शाम को घर आवे तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति बिना कारण अनुचित काम करे और फिर उससे आलग हो जाए तो उस पर गुनाह साबित नहीं होता

मैं भली तू शाबाश

एक दूसरे की आलोचना

आप भी कितने भले आदमी हैं

बड़े दुष्ट हो

भले दिन आएँगे तो घर पूछते चले आएँगे

जब भाग्य अच्छा होता है तो काम अपने आप बन जाते हैं एवं हालत सुधर जाती है

दिन भले आएँगे तो घर पूछते चले आएँगे

जब भाग्य अच्छा होता है तो काम अपने आप बन जाते हैं एवं हालत सुधर जाती है

भूला जोगी, दूनी लाभ

उस अवसर पर बोलते हैं जहाँ कोई लाभ उठाने के लिए भूल कर ग़लती करे

सवेरे का भूला साँझ को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर ग़लती करने वाला जल्द ही उस की तलाफ़ी कर दे तो काबिल-ए-माफ़ी है, इंसान गुनाह करके तौबा करे तो ग़नीमत है, अगर बिगड़ने के बाद सुधर जाये तो बुरा नहीं

जिस घर में सन्पत नहीं ता से भला बदेस

(हिंदू) इस वतन से परदेस बेहतर है जहां रोटी मयस्सर ना आए, या इस घर से निघरा रहना अच्छा जहां ना इत्तिफ़ाक़ी हो वार हो वक़्त लड़ाई रहे

दिन का भूला रात को घर आया तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

शाम का भूला सुब्ह को आए तो उसे भूला नहीं कहते

जो आदमी थोड़ी सी ठोकर खाकर सँभल जाए तो उसे रास्ते से भटका हुआ नहीं समझना चाहिए

सुब्ह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

सुब्ह का भोला शाम को घर आ जाए तो उसे भोला नहीं कहना चाहिए

better late than never

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

मैं तो तेरी लाल पगिया पर भूली रे राघोर

(ओ) ज़ाहिरी शान-ओ-शौकत से लोग धोका खा जाते हैं

बोले की न चाले की, मैं तो सोते की भली

बहू की सुस्ती एवं काम न करने पर कहते हैं

बोले की न चाले की, मैं तो सूते के भली

बहू की सुस्ती एवं काम न करने पर कहते हैं

दिन का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

दिन का भूला रात को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे एहसास हो जाए और वह ग़लती छोड़ दे तो क्षमा के योग्य है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में फ़ुर्सत के अर्थदेखिए

फ़ुर्सत

fursatفُرْصَت

स्रोत: अरबी

वज़्न : 22

फ़ुर्सत के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

शे'र

English meaning of fursat

Noun, Feminine

  • leisure, spare time, freedom, relief, respite, rest

    Example Sumaiya ko din-bhar chulha-chauka se fursat nahin milti

  • time, spare time, leave
  • leisure, ease
  • freedom (from), relief
  • recovery, respite, reprieve, rest

فُرْصَت کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • مہلت، موقع محل، وقت

    مثال سمیہ کودن بھر چولھا چوکا سے فرصت نہیں ملتی

  • خالی وقت، چھٹی
  • اطمینان، سکون
  • چھٹکارا، فراغت، رخصت
  • افاقہ، آرام

Urdu meaning of fursat

  • Roman
  • Urdu

  • mohlat, mauqaa mahl, vaqt
  • Khaalii vaqt, chhuTTii
  • itmiinaan, sukuun
  • chhuTkaaraa, faraaGat, ruKhast
  • ifaaqa, aaraam

फ़ुर्सत के पर्यायवाची शब्द

खोजे गए शब्द से संबंधित

आप भले तो जग भला

यदि मनुष्य स्वयं अच्छा हो तो दुनिया उसके साथ अच्छा व्यवहार करती है, भले के लिए सब भले

आप भले अपना घर भला

अपना घर स्वर्ग है, लोगों से मेल जोल रखने की निंदा और अलग थलग जीवन बसर करने की प्रशंसा के अवसर पर प्रयुक्त

आप मूए तो जग मुवा

स्वयं मर गये तो कहिये कुल दुनिया मुर गई किसी बात से कुछ उद्देश्य नहीं

आप सुखी तो जग सुखी

अपने आप को सुख है तो मानो ज़माने भर को सुख है

आप डूबे तो जग परलो

जब ख़ुद ही तबाह हो गए या मर गए तो दूसरों के लाभ और जीने से क्या मतलब, तुम बर्बाद हुए तो संसार नष्ट हुआ

आप डूबे तो जग डूबा

जब ख़ुद ही तबाह हो गए या मर गए तो दूसरों के लाभ और जीने से क्या मतलब, तुम बर्बाद हुए तो संसार नष्ट हुआ

जग जला तो जलने दे, मैं आप ही जलती हूँ

मैं स्वयं परेशानी में हूँ दूसरों की परेशानी का क्या करूँ

आता तो सब ही भला, थोड़ा बहुता, कुच्छ, जाते तो दो ही भले, दालिद्दर और दुःख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

आता तो सब ही भला थोड़ा बहुत कुछ, जाते दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

आता तो सभी भला थोड़ा बहुत कुछ, जाता बस दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

पानी तो बहता भला खड़ा गंधेला होए

काम होता रहे तो अच्छा है

तलवरिया वही भला जो रन में हाथ दिखाए, बैरी के टुकड़े करे और आप तुरत बच जाए

तलवरिया वो है जो लड़ाई में शत्रु का विनाश करे और स्वयं बच जाए

मैं न समझूँ तो भला क्या कोई समझाए मुझे

ज़िद्दी आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं, आदमी ख़ुद ना समझना चाहे तो कोई नहीं समझा सकता

ख़ुदा आप का भला करे

दुआइया कलिमा नीज़ तकिया-ए-कलाम के तौर पर गुफ़्तगु में इस्तिमाल करते हैं यानी अल्लाह आपको ख़ुश रक्ख्াे

भला रह तो सही

(धमकी के तौर पर) ठहर तो जा, देख तो सही

चातुर तो बैरी भला, मूरख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

भला जो चाहे आप का देना न रखे बाप का

उधार की निंदा है अपनी भलाई चाहते हो तो बाप का भी ऋण भुगतान करो

तन उजला मन साँवला बगुले का सा भेक, तो से तो कागा भला अन्दर-बाहर एक

मक्कारों पर व्यंग के तौर पर कहते हैं

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

तन उजला मन साँवला बगुले का सा भेक, तू से तो कागा भला जो अन्दर-बाहर एक

मक्कारों पर व्यंग के तौर पर कहते हैं

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न मीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

सूई की जगह भाला घुसेड़ना

सामान्य सी बात या वस्तु को महत्व देना, मामूली सी बात या चीज़ को अहमियत देना, ज़बरदस्ती करना

आप भी बड़े भले मानस हैं

बड़े दुष्ट हो

वो तो बड़े ही भले मानुस हैं

वह बहुत नटखट हैं अर्थात बहुत भले हैं

दिन भले आवेंगे तो घर पूछ्ते चले आएँगे

जब क़िस्मत अच्छी होती है तो नेक काम ख़ुदबख़ुद बिन जाते हैं, क़िस्मत पर शह कर रहना

भूले बाहमन गाए खाई अब खाऊँ तो राम दुहाई

इस बार चूक हुई भविष्य में कभी न होगी

भूले बामन गाए खाई अब खाऊँ तो राम दुहाई

इस बार चूक हुई भविष्य में कभी न होगी

आप भूले उस्ताद को लगाए

अपनी भूल-चूक दूसरों के सर थोपने के अवसर पर प्रयुक्त

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी भले

ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न हैं, ईश्वर का दिया सर आँखों पर

पहले लिख पीछे दे फिर भूले तो काग़ज़ से ले

۔مقولہ۔ لین دین میں لکھ لینے سے بھوٗل چوک نہیں ہوتی۔

तड़के का भूला साँझ को आए तो भूला नहीं कहलाता

रुक : सुबह का भोला शाम को आए, अगर कोई शख़्स थोड़ा सा भटक कर राह रास्त पर आजाए तो उसे गुमराह नहीं समझना चाहिए

भले मियाँ इल्यास आप गए सो गए खोया आस पास

दूसरे के किए वजह से मुश्किल में पड़ना , आप भी ख़राब हुए औरों को भी ख़राब किया जब किसी के सबब से और पर सदमा आता है तो कहते हैं

फ़ज्र का भूला शाम को घर आवे तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति बिना कारण अनुचित काम करे और फिर उससे आलग हो जाए तो उस पर गुनाह साबित नहीं होता

मैं भली तू शाबाश

एक दूसरे की आलोचना

आप भी कितने भले आदमी हैं

बड़े दुष्ट हो

भले दिन आएँगे तो घर पूछते चले आएँगे

जब भाग्य अच्छा होता है तो काम अपने आप बन जाते हैं एवं हालत सुधर जाती है

दिन भले आएँगे तो घर पूछते चले आएँगे

जब भाग्य अच्छा होता है तो काम अपने आप बन जाते हैं एवं हालत सुधर जाती है

भूला जोगी, दूनी लाभ

उस अवसर पर बोलते हैं जहाँ कोई लाभ उठाने के लिए भूल कर ग़लती करे

सवेरे का भूला साँझ को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर ग़लती करने वाला जल्द ही उस की तलाफ़ी कर दे तो काबिल-ए-माफ़ी है, इंसान गुनाह करके तौबा करे तो ग़नीमत है, अगर बिगड़ने के बाद सुधर जाये तो बुरा नहीं

जिस घर में सन्पत नहीं ता से भला बदेस

(हिंदू) इस वतन से परदेस बेहतर है जहां रोटी मयस्सर ना आए, या इस घर से निघरा रहना अच्छा जहां ना इत्तिफ़ाक़ी हो वार हो वक़्त लड़ाई रहे

दिन का भूला रात को घर आया तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

शाम का भूला सुब्ह को आए तो उसे भूला नहीं कहते

जो आदमी थोड़ी सी ठोकर खाकर सँभल जाए तो उसे रास्ते से भटका हुआ नहीं समझना चाहिए

सुब्ह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

सुब्ह का भोला शाम को घर आ जाए तो उसे भोला नहीं कहना चाहिए

better late than never

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

मैं तो तेरी लाल पगिया पर भूली रे राघोर

(ओ) ज़ाहिरी शान-ओ-शौकत से लोग धोका खा जाते हैं

बोले की न चाले की, मैं तो सोते की भली

बहू की सुस्ती एवं काम न करने पर कहते हैं

बोले की न चाले की, मैं तो सूते के भली

बहू की सुस्ती एवं काम न करने पर कहते हैं

दिन का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

दिन का भूला रात को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे एहसास हो जाए और वह ग़लती छोड़ दे तो क्षमा के योग्य है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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