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he-man

जवान मर्द

हाँ में हाँ

ہم زبانی ، ہم خیالی ، تائید ۔

हाँ में हाँ मिलाना

۔बगै़र समझे बूझे इक़रार करदेना। कोरा ना तक़लीद करना।

में-ही

اسی طرح، اسی ڈھنگ پر، اسی کی مانند، اسی حالت میں، جوں کے توں، بغیر کسی تبدیلی کے

हाए मैं मर गई

(महिला) चोट लगने या मुसीबत में पड़ने के अवसर पर प्रयुक्त

घड़ी में घड़ियाल है

तुरंत या अचानक कुछ से कुछ हो जाता है, अचानक ज़माना बदल जाना

मग़्ज़ में कीड़ा है

दिमाग़ ख़राब है, घमंडी है, अहंकारी है

मिज़ाज क्या है इक तमाशा है, घड़ी में तोला घड़ी में माशा है

दम दम अपना प्राकृतिक स्वभाव बदलने वाला है, घड़ी में ख़ुश घड़ी में क्रोधित

घोड़ा घुड़साल ही में क़ीमत पाता है

हर चीज़ की क़द्र या क़ीमत उस की निर्धारित जगह पर ही होती है

दमड़ी में मुँह लाल है

Street cry, Lips reddened for a farthing.

चाँदनी में फ़स्द खुलवाना मना' है

चाँदनी में फ़स्द (रक्त-मोक्षण) नहीं खुलवाते क्योंकि ख़्याल है कि घाव अच्छा नहीं होता

घी खिचड़ी में दा'वा है

यह कहावत उस के संबंध में कहते हैं जिसे बहुत कुछ मिल जाए फिर भी अधिक का दावा करे, घर की स्वामित्व चाहते हैं

इत्तिफ़ाक़ ही में क़ुव्वत है

सहमति हो तो कोई मुक़ाबला नहीं कर सकता

दोनों जहाँ में बेड़ा पार है

दुनिया और आख़िरत दोनों अच्छा है, दुनिया और आख़िरत दोनों सँवर गए

हराम में बड़ा मज़ा है

ममनू बात के करने में बहुत लुतफ़ आता है, चोरी का गड़ मीठा (रुक)

मुवा साँप गले में पड़ा है

बड़ा दिक़ होना, कुछ तदबीर नहीं चलना, बरी-उल-ज़मा नहीं हो सकना

टका हो जिस के हाथ में वो बड़ा है ज़ात में

मालदारी आदमी को बड़ी जाति का बना देती है, पैसे वाले का ही सम्मान सब जगह होता है

रूपया में बड़ी ताक़त है

रुपय पैसे से हर काम निकाला जा सकता है, दौलत का बड़ा असर होता है

रूपया में बड़ी ताक़त है

रुपय पैसे से हर काम निकाला जा सकता है, दौलत का बड़ा असर होता है

देखने और सुनने में बड़ा फ़र्क़ है

किसी चीज़ की प्रशंसा या किसी घटना का वर्णन करते हुए कहते हैं

गुद्दी में 'अक़्ल है

देर फ़हम है, क़ुव्वत निकल जाने के बाद बात समझता है, अहमक़ है, बेवक़ूफ़ है

दिमाग़ में गीदड़ ने काट खाया है

दीवाना है, पागल हो गया है, सीढ़ी हो गया है

मुँह ही मुँह में बड़बड़ाना

رک : منھ ہی منھ میں باتیں کرنا ۔

मुँह ही मुँह में पढ़ना

धीमे स्वर में पढ़ना, इस तरह पढ़ना कि कोई और आवाज़ न सुने

नंगा खड़ा उजाड़ में, है कोई कपड़े ले

निर्धन और धनहीन से किसी को क्या लेना है

हाँडी में जो हो सो वही डोई में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

सर में फोड़ा नहीं है

नाहक़ की तकलीफ़ क्यूँ उठाऊँ

कायथ और कश्मीरी में बड़ा इत्तिफ़ाक़ है

दोनों संप्रादायों में एकरूपता है

पराई सराए में कौन धुआँ करता है

कोई दूसरे की मदद नहीं करता

दिल ही दिल में कुढ़्ना

ख़ामोशी से रंज सहना, जी जलाना, कुढ़ते रहना

नंगा नाचे जंगल में , है कोई कपड़े ले

ننگ دھڑنگ ، بالکل ننگا

कलेजे में बरछी गड़ी है

۔(کنایۃً) روحانی ایذا برقرار ہے۔ ؎

देखो ऐड़ी में गू लगा है

जहाँ नज़र लगने का डर हो, कहते हैं

वेद में लबेद है

सलाह सख़्ती से अप्रिय लगती है

मुक़द्दर में ख़ुदा जाने कया है

नहीं मालूम क़िस्मत में क्या लिखा है, क्या पेश आने वाला है किसी को नहीं मालूम

बिद्दिया में बेद है

بحث علماء ہی میں ہوا کرتی ہے ، عالم لوگ ہی بحث کرتے ہیں .

पुड़िया में आता है

अर्ज़ां शैय जो महंगी हो जावे इस मौक़ा पर बोलते हैं मसलन जो घटड़ी में आती हो वो लिफाफों में मिलने लगे जैसे गंदुम नख़ूद वग़ैरा

कुल्हिया में गुड़ थोड़ा ही फूटता है

बुरा काम छुप कर नहीं हो सकता, भेद छुप नहीं सकता

मुँह में ज़बान है

۔ (کنایۃً) کہنے اور بولنے کی طاقت ہونا۔ جواب دینے کے قابل ہونا۔ بولنے بات کرنےکی جرأت ہونا۔ ؎

मुँह में ज़बान है

कहने और बोलने की ताक़त है, जवाब देने के काबिल हैं

मक़दूर की माँ गोड़े ही रगड़ती है

तुम्हारा कुछ ज़ोर नहीं चलेगा, तुम कुछ नहीं बना सकते

वो किस शुमार-ओ-क़तार में हे

वह किसी संख्या में नहीं, उसकी कुछ शक्ति नहीं

गूँगे ने सपना देखा, मन ही मन पछताए

गूँगे को दुख होता है कि वह अपना सपना किसी को सुना नहीं सकता

आग में जो चीज़ पड़ी वो आग है

संगत का प्रभाव बहुत अधिक होता है

पाँव में मेहंदी लगी है

۔ (مقولہ)۔عو۔ جب کوئی آدمی کہیں آنے جانے میں بیجا عذر یا تامل کرتا ہے اس سے یا اس کو طنزاً کہتی ہیں۔ ؎

मश'अल की बू दिमाग़ में समाई है

ग़रीबी में अहंकार रखता है, रस्सी जल गई बल नहीं गया

मुक़द्दर में जो है मिलता है

जो कुछ क़िस्मत में हो ज़रूर मिलता है, कमी-बेशी नहीं हो सकती

जो दिल में है वही ज़बान पर, जो दिल में है वही मुँह पर

۔ظاہر و باطن یکساں ہے۔ ؎ ؎

पाप का घड़ा धार में डूबता है

अत्याचार आख़िर डुबो ही रखता है

लेने-देने के मुँह में ख़ाक मोहब्बत बड़ी चीज़ है

जब कोई कुछ माँगे तो कंजूस कहते हैं

क्या काँटों में हाथ पड़ता है

क्या ऐब लगता है, क्या नुक़्सान होता है

मुफ़्त की दा'वत में फ़क़त रोटी ही गोश्त है

मुफ़्त की साधारण वस्तु भी अच्छी होती है

नीच ज़ातों में अब भी बड़ा ऐका है

निम्न श्रेणी के व्यक्तियों में एकता है

जो तेरे दिल में है वही मेरे दिल में

जो बात मेरे दिल में थी वही तुम ने कही

मुँह में ज़बान हलाल है

۔مُنھ میں زبان سچ اورحق بات کےلئے ہے۔ آدمی حلال چیز ہی کو مُنھ میں لے جاتاہے۔ اگر یہ حرام ہوتی تو مُنھ میں نہ رہتی۔

मुँह में ज़बान हलाल है

मुँह में जीभ सच बोलने के लिए है, अगर (झूठ की तरह) हराम होती तो मुँह में नहीं रहती, सच कहो, न्याय से बात कहो

तन गुदड़ी , मन तागा , कोई कुछ ही लिखे मन लागा

दिल बदन को ठीक रखता है बगै़र दल के बदन कुछ नहीं फ़क़ीरों का क़ौल है

साजन हम तुम ऐक हैं देखत के हैं दो, मन से मन को तौल दो मन कदी न हो

हम तुम असल में एक हैं भले ही दो दिखाई देते हैं

दिल ही दिल में दु'आएँ देना

चुपके चुपके किसी की बेहतरी के वास्ते दुआएं माँगना, भलाई चाहना

यहाँ ज़रूर कुछ दाल में काला है

यहाँ कुछ धोखे की बात है

he-man के लिए उर्दू शब्द

he-man

he-man के देवनागरी में उर्दू अर्थ

संज्ञा

  • जवान मर्द
  • मर्दाना शख़्स
  • मज़बूत शख़्स
  • पहलवान
  • जवाँहिम्मत

he-man کے اردو معانی

اسم

  • جوان مرد
  • مردانہ شخص
  • مضبوط شخص
  • پہلوان
  • جواں ہمت

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he-man

जवान मर्द

हाँ में हाँ

ہم زبانی ، ہم خیالی ، تائید ۔

हाँ में हाँ मिलाना

۔बगै़र समझे बूझे इक़रार करदेना। कोरा ना तक़लीद करना।

में-ही

اسی طرح، اسی ڈھنگ پر، اسی کی مانند، اسی حالت میں، جوں کے توں، بغیر کسی تبدیلی کے

हाए मैं मर गई

(महिला) चोट लगने या मुसीबत में पड़ने के अवसर पर प्रयुक्त

घड़ी में घड़ियाल है

तुरंत या अचानक कुछ से कुछ हो जाता है, अचानक ज़माना बदल जाना

मग़्ज़ में कीड़ा है

दिमाग़ ख़राब है, घमंडी है, अहंकारी है

मिज़ाज क्या है इक तमाशा है, घड़ी में तोला घड़ी में माशा है

दम दम अपना प्राकृतिक स्वभाव बदलने वाला है, घड़ी में ख़ुश घड़ी में क्रोधित

घोड़ा घुड़साल ही में क़ीमत पाता है

हर चीज़ की क़द्र या क़ीमत उस की निर्धारित जगह पर ही होती है

दमड़ी में मुँह लाल है

Street cry, Lips reddened for a farthing.

चाँदनी में फ़स्द खुलवाना मना' है

चाँदनी में फ़स्द (रक्त-मोक्षण) नहीं खुलवाते क्योंकि ख़्याल है कि घाव अच्छा नहीं होता

घी खिचड़ी में दा'वा है

यह कहावत उस के संबंध में कहते हैं जिसे बहुत कुछ मिल जाए फिर भी अधिक का दावा करे, घर की स्वामित्व चाहते हैं

इत्तिफ़ाक़ ही में क़ुव्वत है

सहमति हो तो कोई मुक़ाबला नहीं कर सकता

दोनों जहाँ में बेड़ा पार है

दुनिया और आख़िरत दोनों अच्छा है, दुनिया और आख़िरत दोनों सँवर गए

हराम में बड़ा मज़ा है

ममनू बात के करने में बहुत लुतफ़ आता है, चोरी का गड़ मीठा (रुक)

मुवा साँप गले में पड़ा है

बड़ा दिक़ होना, कुछ तदबीर नहीं चलना, बरी-उल-ज़मा नहीं हो सकना

टका हो जिस के हाथ में वो बड़ा है ज़ात में

मालदारी आदमी को बड़ी जाति का बना देती है, पैसे वाले का ही सम्मान सब जगह होता है

रूपया में बड़ी ताक़त है

रुपय पैसे से हर काम निकाला जा सकता है, दौलत का बड़ा असर होता है

रूपया में बड़ी ताक़त है

रुपय पैसे से हर काम निकाला जा सकता है, दौलत का बड़ा असर होता है

देखने और सुनने में बड़ा फ़र्क़ है

किसी चीज़ की प्रशंसा या किसी घटना का वर्णन करते हुए कहते हैं

गुद्दी में 'अक़्ल है

देर फ़हम है, क़ुव्वत निकल जाने के बाद बात समझता है, अहमक़ है, बेवक़ूफ़ है

दिमाग़ में गीदड़ ने काट खाया है

दीवाना है, पागल हो गया है, सीढ़ी हो गया है

मुँह ही मुँह में बड़बड़ाना

رک : منھ ہی منھ میں باتیں کرنا ۔

मुँह ही मुँह में पढ़ना

धीमे स्वर में पढ़ना, इस तरह पढ़ना कि कोई और आवाज़ न सुने

नंगा खड़ा उजाड़ में, है कोई कपड़े ले

निर्धन और धनहीन से किसी को क्या लेना है

हाँडी में जो हो सो वही डोई में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

सर में फोड़ा नहीं है

नाहक़ की तकलीफ़ क्यूँ उठाऊँ

कायथ और कश्मीरी में बड़ा इत्तिफ़ाक़ है

दोनों संप्रादायों में एकरूपता है

पराई सराए में कौन धुआँ करता है

कोई दूसरे की मदद नहीं करता

दिल ही दिल में कुढ़्ना

ख़ामोशी से रंज सहना, जी जलाना, कुढ़ते रहना

नंगा नाचे जंगल में , है कोई कपड़े ले

ننگ دھڑنگ ، بالکل ننگا

कलेजे में बरछी गड़ी है

۔(کنایۃً) روحانی ایذا برقرار ہے۔ ؎

देखो ऐड़ी में गू लगा है

जहाँ नज़र लगने का डर हो, कहते हैं

वेद में लबेद है

सलाह सख़्ती से अप्रिय लगती है

मुक़द्दर में ख़ुदा जाने कया है

नहीं मालूम क़िस्मत में क्या लिखा है, क्या पेश आने वाला है किसी को नहीं मालूम

बिद्दिया में बेद है

بحث علماء ہی میں ہوا کرتی ہے ، عالم لوگ ہی بحث کرتے ہیں .

पुड़िया में आता है

अर्ज़ां शैय जो महंगी हो जावे इस मौक़ा पर बोलते हैं मसलन जो घटड़ी में आती हो वो लिफाफों में मिलने लगे जैसे गंदुम नख़ूद वग़ैरा

कुल्हिया में गुड़ थोड़ा ही फूटता है

बुरा काम छुप कर नहीं हो सकता, भेद छुप नहीं सकता

मुँह में ज़बान है

۔ (کنایۃً) کہنے اور بولنے کی طاقت ہونا۔ جواب دینے کے قابل ہونا۔ بولنے بات کرنےکی جرأت ہونا۔ ؎

मुँह में ज़बान है

कहने और बोलने की ताक़त है, जवाब देने के काबिल हैं

मक़दूर की माँ गोड़े ही रगड़ती है

तुम्हारा कुछ ज़ोर नहीं चलेगा, तुम कुछ नहीं बना सकते

वो किस शुमार-ओ-क़तार में हे

वह किसी संख्या में नहीं, उसकी कुछ शक्ति नहीं

गूँगे ने सपना देखा, मन ही मन पछताए

गूँगे को दुख होता है कि वह अपना सपना किसी को सुना नहीं सकता

आग में जो चीज़ पड़ी वो आग है

संगत का प्रभाव बहुत अधिक होता है

पाँव में मेहंदी लगी है

۔ (مقولہ)۔عو۔ جب کوئی آدمی کہیں آنے جانے میں بیجا عذر یا تامل کرتا ہے اس سے یا اس کو طنزاً کہتی ہیں۔ ؎

मश'अल की बू दिमाग़ में समाई है

ग़रीबी में अहंकार रखता है, रस्सी जल गई बल नहीं गया

मुक़द्दर में जो है मिलता है

जो कुछ क़िस्मत में हो ज़रूर मिलता है, कमी-बेशी नहीं हो सकती

जो दिल में है वही ज़बान पर, जो दिल में है वही मुँह पर

۔ظاہر و باطن یکساں ہے۔ ؎ ؎

पाप का घड़ा धार में डूबता है

अत्याचार आख़िर डुबो ही रखता है

लेने-देने के मुँह में ख़ाक मोहब्बत बड़ी चीज़ है

जब कोई कुछ माँगे तो कंजूस कहते हैं

क्या काँटों में हाथ पड़ता है

क्या ऐब लगता है, क्या नुक़्सान होता है

मुफ़्त की दा'वत में फ़क़त रोटी ही गोश्त है

मुफ़्त की साधारण वस्तु भी अच्छी होती है

नीच ज़ातों में अब भी बड़ा ऐका है

निम्न श्रेणी के व्यक्तियों में एकता है

जो तेरे दिल में है वही मेरे दिल में

जो बात मेरे दिल में थी वही तुम ने कही

मुँह में ज़बान हलाल है

۔مُنھ میں زبان سچ اورحق بات کےلئے ہے۔ آدمی حلال چیز ہی کو مُنھ میں لے جاتاہے۔ اگر یہ حرام ہوتی تو مُنھ میں نہ رہتی۔

मुँह में ज़बान हलाल है

मुँह में जीभ सच बोलने के लिए है, अगर (झूठ की तरह) हराम होती तो मुँह में नहीं रहती, सच कहो, न्याय से बात कहो

तन गुदड़ी , मन तागा , कोई कुछ ही लिखे मन लागा

दिल बदन को ठीक रखता है बगै़र दल के बदन कुछ नहीं फ़क़ीरों का क़ौल है

साजन हम तुम ऐक हैं देखत के हैं दो, मन से मन को तौल दो मन कदी न हो

हम तुम असल में एक हैं भले ही दो दिखाई देते हैं

दिल ही दिल में दु'आएँ देना

चुपके चुपके किसी की बेहतरी के वास्ते दुआएं माँगना, भलाई चाहना

यहाँ ज़रूर कुछ दाल में काला है

यहाँ कुछ धोखे की बात है

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