"लखनऊ" टैग से संबंधित शब्द
"लखनऊ" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
'ओहदा
ज़िम्मा, ज़िम्मादारी, सुपुर्दगी, सांपना, उत्तरदायित्व, जवाबदेही
कच्ची-करना
लज्जित करना, झुटलाना, शर्मिंदा करना, कोताही करना
कच्याना
कोंपलें फूटने के क़रीब होना
कचूह
(लखनऊ) हरा की ताकीद के लिए
कंजिया
वो दाना जो आँख के पपोटे के नीचे निकल आता है, गोहाई, रंजन हारी
कुट्टा देना
(कबूतरबाज़) पंख कटे कबूतर को इस मक़सद से हिलाना कि उस को देखकर उड़ते हुए कबूतर आएँ
कँटिया
۔(ह। नून गुना। बर वज़न बट॒या) मुअन्नस। (लखनऊ) कांटा की तसग़ीर। दीकझो कट॒या नंबर १।२
कूड़े कर डालना
۔(अम) (लखनऊ) औने पौने बीच डालना। २।पराया माल बीच कर इस का रुपया अपने फ़ुर्सा में लाना
कड़क-बिजली
(चिकित्सा) एक यंत्र जिसके द्वारा बिजली उत्पन्न करके वात, लकवा आदि के रोगियों के शरीर में दौड़ाई जाती है
कड़ा
(पदार्थ) जिसके कणों, तंतुओं, संयोजक अवयवों आदि की बनावट या संघात इतना घना, ठोस या दृढ़ हो कि उसे काटा, तोड़ा, दबाया या लचाया न जा सके और इसीलिए जिसमें कुछ गड़ाना या घसाना बहुत कठिन हो। कठोर। सख्त। ' कोमल ' या ' मुलायम ' का विपर्याय। जैसे-कड़ी जमीन, कड़ा तख्ता, कड़ा लोहा
कुंडा
(क़ुफ़ुल साज़ी) क़ुफ़ुल के खुलने और बंद होने वाला हिस्सा जो उमूमन क़ौस की शक्ल का होता है और इसी की बंदिश रुकावट का काम देती है
कड़ा लगाना
छत डालना, ईंट, चूना एवं पत्थर का घर बनाना, गुंबदाकार छत का मकान बनाना
कंदूरी
खाना खाने का कपड़ा, दस्तरखान । ।
कपड़ा लेना
हाइज़ा औरत का सीलान ख़ून की रुकावट के लिए कपड़ा बाँधना
कफ़न-खसोट
शव के ऊपर डाला गया कपड़ा तक उतार लेने वाला,कफ़न-चोर
कफ़्श-ख़ाना
नम्रता से किसी से अपने मकान को कहते हैं जैसे कि आपके जूतियाँ रखने का स्थान, ग़रीबख़ाना
कब्ड़न
तरकारी बेचने वाली औरत, सब्ज़ी का व्यापारी करने वाली औरत, काछन
कमली कथरी करना
अस्बाब और कपड़े वग़ैरा समेट लेना, माल अस्बाब छीन लेना, लूओटना, खसोटना
कम-सूझ
जिसे अच्छी तरह दिखाई ना दे
क्या चूड़ियाँ टूट जाएँगी
कोई हानि अथवा नुक़्सान नहीं हो जाएगा, हाथ नहीं दुख जाऐंगे
कर्मुल
कनपेड़ा, कान का एक रोग जिसमें कान की जड़ के पास चिपटी गिल्टी निकल आती है, यह गिल्टी पक भी जाती है, क्रिया बहुवचन में आता है, दिल्ली वाले 'कुनफ़ूड' कहते हैं
करारा
(वस्तु) जो खाने में स्वादिष्ट हो तथा कुरकुर बोले।
कल्वार
एक जाति जिसका धंधा शराब बनाना और बेचना है, कलाल
कश्त की सहनक
(लखनऊ) एक मिन्नत जिस में औरतें मुराद पूरी होने के बाद क़वुर्मा या क़लीया पकाती हैं और चंद पानों में रख कर हज़रत फ़ातिमा ज़हरा की फ़ातिहा कराती हैं
कसक उठना
अचानक दर्द महसूस करना, टीस होना, चुभन होना
कसा जाना
तना हुआ होना, किसी चीज़ का चुस्त बाँधा जाना, दबा हुआ होना
काजल घुल्लाना
आँखों में सुरमा या काजल लगाना, आँखों में गहरा गहरा काजल लगाना
काँटा
दरी की बुनावट में इस के बैल बूटों का एक तरीक़ा जिस में नोक निकली होती है
काती
एक किस्म की कुप्पी जिस में बारूद रखते हैं
काँधा देना
(ताबूत को) काँधे पर उठाना, जनाज़े को काँधा देना
कासनी-पोटिया
सफ़ेद कबूतर जिसके सीने के पर बैंगनी रंग के होते हैं
कील का खट्का नहीं
ज़रा भी अंदेशा नहीं , ऐसा इंतिज़ाम और रोब दाब है कि कोई कील तक नहीं चरा सकता
कोहरा
पर्यावरण में फैले हुए या हवा में घुले-मिले रासायनिक प्रदूषकों के संघनन से उत्पन्न बादल की तरह का वातावरण
कौड़ी फिरना
लोगों का किसी बात पर एकत्र हो जाना होना
खजूरी-चोटी
ख़ास वज़ा की लहरिया गुँधी हुई चोटी जिस की गनधावट खजूर के पत्तों से बनी हुई पट्टी की बनावट से मुशाबेह हो, मेंढी
खुटकी
जानवर के बच्चे का अंडे से बाहर निकलने के लिए चोंच मार कर तड़काना, तोड़ना
खड़काना
(मजाज़न) हरकत देना, हरकत में लाना, इस्तिमाल में लाना
खड़-खड़ा
काठ का एक प्रकार का ठाँचा जिसमें जोतकर गाड़ी के लिये घोड़े सधाए या निकाल जाते है
खदबदाना
पकते या उबलते समय किसी तरल पदार्थ का खदबद शब्द या ध्वनि करना, उबलना या पकना, खौलना
ख़ुमरा
मुस्लमानों की एक जाति का नाम जो बोरे एवं चटाई बुननए का काम करते हैं
ख़याल
किसी चीज़ को कल्पना के लिए या दिमाग़ में लाने और उसके रूप या अवस्था को उसमें निर्मित करने की क्रिया, तसव्वुर अर्थात विचार या कल्पना
ख़र्ची जाना
मर्दों का किसी वेश्या के पास जाना
ख़ुर्दिया
(लखनऊ) ख़ुरदा फ़रोश, रेज़गारी बेचने वाला, सर्राफ
खलना
अप्रिय या बुरा लगना, नापसंद होना, बोझ लगना, चुभना, अखरना, खटकना
ख़ुश्कीदा
(साईंस) ख़ास तरीक़ा पर सुखाय गए या सूओखे हुए
ख़श्ख़ाशी
प्रतीकात्मक: जड़ के बराबर से कटे हुए बाल (दाढ़ी, ख़त और सर के बाल) (लखनऊ) के शीआ प्रायः डाढ़ी मुंडवाते याख़ुशख़ाशी कतरवते हैं
ख़ाक भर जाना
۔(लखनऊ) उड़ती हुई ख़ाक का किसी बंद मकां में जमा होजाना
खींच
खींच-तान (दे०)। उदा०-अति सोक सोच संकोच के खींच-बीच नरपति परे।-रत्ना
गुज्जी-गर्मी
(लखनऊ) बरसात की वह गर्मी जो वायु के बंद होने से होती है, तपन
गटगटाना
मस्ती की हालत में कबूतर का बोलना
गड़े मुर्दे उखाड़ना
पुराने फ़ित्ने को जगाना, दबी दबाई बात को छेड़ना
गंडेरी-दार
कोई ऐसी चीज़ जो रंग-बिरंग की हो, विभिन्न रंगों का
गत चलना
धुन पर नाचना, चाल दिखाना, एक अनुमान के साथ पाँव रखना
गेंद
बच्चों के खेलने के लिए कपड़े, चमड़े, रबड़, लकड़ी आदि का बना हुआ एक प्रसिद्ध छोटा गोला
गमला
नाँद के आकार का मिट्टी, धातु या लकड़ी का बना हुआ एक प्रकार का पात्र जिसमें फूल-पत्तियाँ, पौधे आदि लगाये या रखे जाते हैं
गर्दन नापना
दर्ज़ी का गर्दन की नाप लेना
गुल-ए-लाला
इस पौधे का फूल जो गहरे लाल रंग का और बहुत सुन्दर होता है, पोस्ते के पौधे की तरह का एक पौधा, एक दोरंगा फूल जो अंदर लाल और बाहर पीला होता है
गले-बाज़
मधुर ध्वनि वाला, अच्छी आवाज़ वाला, अच्गाछी आवाज़ वाला गायकार
गुल्ली-डंडा
हाथ भर लंबा डंडा और चार-छः अंगुल गोल लंबोतरी गुल्ली, जिससे बच्चे खेलते हैं
गला करना
बच्चों के लटके हुए कव्वे को उँगलियों या रूमाल की सहायता से मूल स्थान पर ले जाना, गले में रुमाल या उँगली डालकर कव्वे को ऊपर उठाना
गला-काटी
एक प्रकार का बाजा जो सारंगी जैसा होता है
गेहवाँ-रंग
गेहूँ के रंग का, गंदुमी रंग, गेहुँआ रंग का
गाढ़ा वक़्त
कठिन समय और परेशानी का ज़माना, संकट के दिन, तंगी के दिन
गिद
चील की तरह का एक पक्षी जो इससे बड़ा और मुर्दा खाता है, गिद्ध
गिलहरा
एक प्रकार का धारीदार, मोटा सूती कपड़ा
घूम जाना
एक झलक दिखाकर गुज़र जाना, नज़र से फिर जाना
घर बैठना
۶. औरत का शौहर की मौत या तलाक़ के बाद दूसरे मर्द से निकाह कर लेना या किसी मर्द की रिफ़ाक़त हासिल कर लेना
घर बोलना
चहचहाना, चमकदार और शोभित होना
घसन-पट्टी
मार कुटाई, ज़ूद कोब , दम देना, फिसलाना, बहलाना, बहिकाना
घिर्नी
रस्सी वग़ैरा बटने या कपड़ा बनने की कल
घोड़याँ
घोड़ी (रुक) की जमा , शादी ब्याह के मौक़ा पर गाय जाने वाले गीत
घोले में डालना
टाल मटोल करना, वादे करके किसी को दौड़ाना, दिक़्क़त में डालना, बखेड़े में डालना, मुश्किल में फँसाना
घोलम-घाला
घोली हुई अफ़यून, घोला, किसी कड़ी मुश्किल में फँस जाना
जुगत-रंग
۔मुज़क्कर। (लखनऊ) लतीफ़ा गो। बज़्लासंज। । दिल्ली में इस जगह जगत बाज़ बोलते हैं
जुड़वाई
जुड़वाने या जोड़ लगवाने की क्रिया, भाव या मज़दूरी, जुड़ने की हालत, मिलवाना, चिपकाना
जले-तन
वह व्यक्ति जिससे किसी की बात सहन न होती हो, गर्म स्वभाव वाला, झल्ला
जलातन
वो व्यक्ति जिस से क्सीि की बात बर्दाश्त ना होती हो, झल्ला
जाम्दानी
(आब बरारी) पानी के मटके रखने की जगह, भंडार
ख़ाना
जाल मारना
धोखा देना, चाल करना, जाल में फाँसना, क़ैद करना, शिकार करना
झक्काड़
(लखनऊ) बड़ा झगड़ने वाला, झगड़ालू, लड़ाकू
झाड़ का इज़ार बंद
एक किस्म का इज़ारबंद जिस के बड़े बड़े फंदे होते हैं
झालना
किसी पात्र का मंह धातू का टाँका लगाकर चारों ओर से अच्छी तरह बंद करना। जैसे-गंगा जल से भरी हुई लुटिया झालना।
झाला
रुक : झाल (१) मानी नंबर ७
टपकना
(क़तरा फल आंसू ख़ून या बूंद वीरा का) गिरना
टर्ख़ो
(ओ) (लखनऊ) बूढ़ी मुबतज़ल औरत , नापायदार, पोच नीज़ वो चीज़ जो बहुत थोड़ी हो
टर्वास
۔(ह) मुअन्नस। (लखनऊ) बेहूदा कलाम
टाँचना
काट या छीलकर किसी चीज को कोई रूप देना, तराशना, काटना, छीलना, छाँटना
टारा
(लखनऊ) वह कबूतर जो उड़ने में मज़बूत हो और देर तक उड़े
टिकाना
किसी चीज़ को किसी दूसरी चीज़ के सहारे रखना
टिकानी
वह लकड़ी या आड़ जो पहिए की धुरे निकालने की स्थिति में गाड़ी को सीधा खड़ा रखने के लिए धुरे के नीचे लगाई जाती है
टिम्मा-भिम्मा
(अवाम) कमीने लोग, अब्रे ग़ैरे
ठेका भरना
(किसी जानवर घोड़े, शेर आदि का) उछलना, कूदना, कुदकना
ठाठ बाँधना
पट्टे-बाज़ों के नियम से खड़ा होना, महिमा दिखाना
ठीकरे मुँह पर टूटना
(ओ) उस शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस के मुंह पर लड़कपन सागी बाक़ी ना हो
ठीसरा
विडंबना एंव व्यंग्य की बातें, शरारत की बातें
डंडूका
(लखनऊ) टूटी हुई तलवार जिस का सिर्फ़ टुकड़ा क़बज़ा में लगा रह गया हो
डबल-धेला
(लखनऊ) पैसे के निस्फ़ का सका
डोरा
(पटवा गिरी) ज़ेवर में डाला हुआ रेशमी या सोओती तागे का हिंद जिस की विजय से ज़ेवर गले में या कलाई में पहना जा सके
डोला उछलना
۲. (हुक्का रतन) डोली पर चढ़ कर जाना
डोला देना
(लखनऊ) धनवान व्यक्ति को बिना निकाह के अपनी बेटी देना, अपनी बेटी को बादशाह की सेवा में भेंट के रूप में देना
डोला निकालना
लखनऊ) दूल्हे के घर दुल्हन को विदा करना, विदा करना
ढुढ
(लखनऊ) जानवरों की दम के पर निकालने की जगह
ढब-ढबाना
(लखनऊ) पेरने में हाथ पांव पांव मारना
ढब्ली
(लखनऊ) लोहे का सूराख़दार टुकड़ा जो इस ग़रज़ से जुड़ के नीचे लगा देते हैं कि जड़ ना बढ़े
तकी लगाना
۔(लखनोऔ घोॗरना। देर तक देखते रहना। ग़ौर से किसी तरफ़ देखते रहना
तड़ना
अग्नेयास्त्र आदि की आवाज़, तड़ाक बड़ाक, बादल की गरज
तड़पाना
किसी को बहुत अधिक मानसिक या शारीरिक कष्ट देकर तड़पने में प्रवृत्त करना
तंता-तोड़ी
(ग़ुस्से या बिगाड़ में एक व्यक्ति की दूसरे से) अलगाव, संबंध विच्छेद, तनातनी
तपक
पुरानी चाल की बन्दूक। कड़ाबीन।
तुल की तराज़ू
वह तराज़ू जिसमें दोनों ओर वे दो पल्ले रहते हैं जिस में से से एक पर मनुष्य या बाट और दूसरे पर दान करने के लिए तौली जानेवाली चीज़ रखी जाती है
तलवार का घाट
तलवार का वो हिस्सा जहां से धार के लिए ख़म शुरू होता है, सेना-ए-शमशीर
तलवार का पट्ठा
(लखनऊ) तलवार की चौड़ी धार, तलवार की धार का चौड़ा भाग, सीना-ए-शमशीर (तलवार का सीना)
तलाजी
۔मुअन्नस। (लखनऊ) बक़ूलात जिन को घी या तेल में भोॗन कर खाते या गोश्त में डालते हैं
तेवर जलना
(किसी दुख या गर्मी से) आँखों में रौशनी न रहना, प्रकाश रहित रह जाना
तेवर बुझना
आँख या अनुमान से दिल के दुख का प्रकट होना, दुखी होना
तेवर मिले होना
۔(लखनऊ) अंदाज़-ए-निगाह से आसार-ए-कुदूरत वनागवारी ज़ाहिर होना।
तस्मिया-ख़्वानी
बच्चे को पढ़ने बिठाने का संस्कार, विद्यारम्भ।।
तसर्रुफ़ी
वो खाना जो नौकरों चाकरों के लिए तैय्यार किया जाता है
ताड़ी
ताड़ के वृक्ष से निकलने वाला मादक रस
तिजारी
हर तीसरे दिन आने वाला ज्वर या बुख़ार जो मलेरिया का एक प्रकार है
तोतिया तूफ़ान जोड़ना
आरोप लगाना, झूटा आरोप धरना
तोप दम करना
किसी को तोप से उड़ादेना, नाश कर देना, बरबाद करना, तबाह करना
थल
(ज़र दोज़ी) करण या मुक़य्यश के बने हुए तारे की शक्ल की फूल जिन्हें पोशाक में टान लेते हैं
दौड़ाक
(लखनऊ) प्रतियोगिता आदि में दौड़ लगाने वाला
धागा
सूत आदि का पतला बटा हुआ डोरा, तागा
नक बहना
वो शख़्स जिस की नाक बहा करे या बहती रहे
नक-दम
हैरान, परेशान, तंग, चिंतित
नेकी उतरे
۔(ओ) (लखनऊ) ख़ुदा की संवार हो।नेकी उतरे तुम्हारे ढंगों पर ये क्या कर दिया
नक़ीब
(तसव्वुफ़) ओलयाए किराम के सिलसिला-ए-आली में वो तीन सौ वली जो तू स्यान-ए-इला-ए-अलदीनतोसी से निसबत रखते हैं
नंदोला
मिट्टी की बड़ी अथवा छोटी नाँद, नदोला (नाँद की लघुरूप)
ननहियाल
माँ के बाप का घर, माँ का ख़ानदान, नाना का घर या रिश्ते वाले, माँ के माता-पिता का घर या घराना, नाना-नानी का घर
नरकुल
नरकट, बंशी, बाँसुरी, सरकंडा, बेंत, किल्क
नल-खोंचा
छड़ी जिस में सुरेश लगा कर चिड़ियां पकड़ते हैं
नहान
नहाने की क्रिया या भाव, नहाने का शुभ अवसर या पर्व, जैसे-छठी का नहान, नवजात शिशु का स्नान जो छट्टी या चलसे को होता है तथा इस अवसर पर हर्षो-उल्लास का उत्सव
नाक छिनकना
नाक साफ़ करना, नाक से हवा गुज़ार कर गंदगी साफ़ करना, नाक सिनकना
नाँघना
लाँघना, फलाँगना, फाँदना, पार करना
निबहरा
वो स्थान जहां कसरत से नीम के पेड़ हों, नीम के पेड़ों का झुंड
नोक रह जाना
नाक रह जाना, इज़्ज़त रह जाना, बात रह जाना
नौ-सौ
गिनती में आठ सौ निना नौवीं और एक, सौ कम हज़ार (९००)
पख़ पख़ी छूटना
ज़ड़ लगना, झुक होना, बकबक लगना
पुचारा देना
किसी चीज़ को हल्का हल्का फैलाना
पछुआ
۔ (ह) मुअन्नस। १। पच्छिम की हुआ। देखो पुरवा। २। (लखनऊ) (ओ) अंगया का वो हिस्सा जो पीठ की तरफ़ मोंढे के पीछे रहता है। इस मानी में लखनऊ में बालकसर और दिल्ली में बालफ़तह है
पेटू
जिसे सदा पेट भरने की ही फ़िक्र रहे, पेटार्थी
पेट पाटना
कठिनाई से गुज़रना, कठिनाई के साथ समय व्यतीत करना
पुटकी डालना
अंधा कर देना, आँखें बंद कर देना
पट्टे छोड़ना
सर के बालों का बढ़ने देना, सर के बालों को कानों के ऊपर छोड़ना
पट्टा
एक रस्म जिस में ज़च्चा के मैके वाले पट्टा और शीरीनी लाते हैं एक ज़च्चा की पेशानी और दूसरा बच्चे के सर पर बांधते हैं ये पट्टा सलमा सितारे या ज़रदोज़ी के काम से भी तैय्यार किया जाता है
पट्टियाँ
पट्टी का बहुवचन, घाव पर बांधने वाली पट्टियाँ
पट्टी निकालना
औरतों का सर के बालों की एक ख़ास तरह से सजाना
पटाख़
(लखनऊ) दिल्ली में पटाक़ है, तड़ाक, तड़ाक-पड़ाक़, तुरंत, फ़ौरन,
पड़ाक़ा
एक किस्म की आतिशबाज़ी जिस के छूटते वक़्त आवाज़ होती है, पटाख़ा
पड़ा-गिरा
۔ सिफ़त-ए-मुज़क्कर। (लखनऊ) बीमार। मुज़्महिल। बेहक़ीक़त। नाचीज़। हक़ीर। दिल्ली वाले गृह पड़ा बोलते हैं
पढ़े
(लखनऊ) पढ़ा ''मीर अनीस की मर्सिया ख़्वानी मशरिक़ में से तलूअ होने लगी थी जब कोई आकर तारीफ़ करता कि आज फ़ुलां मजलिस में क्या ख़ूब पढ़े हैं तो उन्हें ख़ुश ना आता था (आब-ए-हयात
पतंग ढा जाना
۔ (लखनऊ) पतंग का बेक़ाबू होकर गिरजाना
पतंग ढा देना
बढ़े होई कंकवे को गिरा देना
पतंग मिलाना
किसी पतंग का दूसरी पतंग के बराबर करना या दूसरे पतंग की तरफ़ झुकाना
पत्ता बोलना
मुँह में एक मुड़ी हुई पत्ती डालना और उस जानवर की तरह बोलना या ध्वनि निकालना जिसको जाल में फँसाना हो
पत्थर बरसना
बहुत ज़्यादा पत्थर मारे जाना, मुसीबत आना, सताया जाना
पनीर जमाना
किसी बात की बुनियाद डालना, कोई ऐसा काम शुरू करना जिससे बहुत से काम निकलें
प्रगत मिलना
दो दिलों में एकता और एकजुट होना, दो दिलों में इत्तिफ़ाक़-ओ-इत्तिहाद होना
परचख़ उड़ जाना
टुकड़े-टुकड़े हो जाना, पुर्जे़ पुर्जे़ होजाना
परछा करना
۔ (लखनऊ) १। फ़ैसला करना। झगड़ा चुकाना। मुआमला तै करना।
२। हुजूम कम करना। भीड़ हटाना। भीड़ छांट के मैदान साफ़ करना।
परवाहा
तबाक़ की शक्ल का सिला हुआ और बाल भरा हुआ नमदा जो पलंग के सिरहाने की तरफ़ पायों के नीचे रखते हैं
परियों का तबक़ छोड़ना
(लखनऊ) परीयों की नयाज़ करके फूल वग़ैरा रख के दरिया में छोड़ना, नज़र विनयाज़ करना
पलकें कुतरना
बुरी दृष्टि से बचाना (कुछ औरतें अपने बच्चों को दृष्टि से बचाने के लिए उनकी पलकों की नोकें काट देती हैं), औरतें सुंदर बच्चों की पलकें बुरी सृष्टि से बचने के लिए काट देती हैं
पहर बजना
एक पहर गुज़रने की सूचना के लिए नौबत घंटा या घड़ियाल बजना
पानी उठना
अब्र उठना, घटा आना, बारिश के आसार होना.
पानी के मोल
۔ सिफ़त। (दिल्ली) मजाज़न। बहुत सस्ता। निहायत अरज़ाँ। लखनऊ में इस जगह आग के मूल है।
पानी के नीचे ना पानी के ऊपर। लखनऊ) ना उल्टी मानती हो ना सीधी
पाला
वो निशान या मिट्टी रख कर बनाई हुई कब्बडी के मैदान की दरमयानी लकीर जो कब्बडी और दूसरे खेलों में हद्द-ए-फ़ासिल के वास्ते बना लेते हैं
पिटा
एक रस्म जिस में ज़च्चा के मैके वाले पट्टा और शीरीनी लाते हैं एक ज़च्चा की पेशानी और दूसरा बच्चे के सर पर बांधते हैं ये पट्टा सलमा सितारे या ज़रदोज़ी के काम से भी तैय्यार किया जाता है
पिद्दे की ज़ामनी
۔ (लखनऊ) ऐसे शख़्स की ज़िम्मेदारी जो नाक़ाबिल एतबार हो
पियाला उठाना
भीख माँगना, भिक्षा माँगना, भीख माँगने का काम चुनना या भिखारी बनना
फूट
ख़रबूज़े की तरह का एक फल जो पक कर हल्के पीले रंग का हो जाता है और खुल जाता है
फूट-फटक रहना
۔(लखनऊ)। ओ। इन बन रहना। झगड़ा रहना। (फ़िक़रा) ख़ुरशीद मिर्ज़ा और उन की बेगम में आज की नहीं बरसों से फूओट फटक रहती है
फ़त्ह-पेच
पगड़ी बांधने का एक ख़ास तरीक़ा
फंदीत
(मजाज़न) दूसरों को फांस कर लाने वाला शख़्स, किसी का एजैंट
फर्राटा
घोड़े के नथनों में से ज़ोर से हुआ निकलने या जानवर के ज़ोर से दौड़ने की आवाज़
फलयनदा
۔(ह) मुज़क्कर (लखनऊ) बड़ी जामुन
फवया
۔(ह) मुज़क्कर। (लखनऊ) फोहा
फिर से
फिर से, पुनः, दुबारा, नए सिरे से
फोड़ा छेड़ना
(लखनऊ) फोड़े से थोड़ा-थोड़ा मवाद आना, फोड़े में नशतर देना, प्रतीकात्मक: कोई दुखदाई घटना बयान करना
फोड़ा लपकना
फोड़े में जलन होना, फोड़ा टपकना
मच्छियाँ लेना
चुम्मियाँ लेना, प्यार करना, चूमना
मंझोली
(लखनऊ) पस्ताकद औरत, मियानाक़द औरत
मुठिया
(ज़रदोज़ों की इस्तिलाह) वो क़लम नुमा चीज़ या शैय जिस में आरी की सोई लगाई जाती है
मैदानी
(प्रदेश) जो समतल हो विशेषतः जिसमें पहाड़ आदि न हों।
मनमाना
(व्यक्ति) जो अपनी इच्छा को सर्वोपरि महत्त्व देता हो, और किसी की इच्छा बात या राय को कुछ भी महत्त्व न देता हो
मुलमची
मुलम्मा करने वाला, किसी चीज पर सोने, चाँदी आदि का काम करने वाला
मुल्लो
प्रलोभन पक्षी, वो परिंदा (प्रायः उल्लू) जिसके हाथ पांव बांध कर लासा लगा कर जाल में डाल देते हैं ताकि ऊपर से परिंद (बाज़ आदि) उसे देख कर आ फंसे, मुल्ला
मसलना
किसी नरम चीज को हाथ, हथेली या उँगलियों से दबाते हुए रगड़ना। मलना।
मुँह खोलना
संकेत है अधिक बोलने एवं किसी को बुरा भला कहने से, ज़बान चलाना
मुँह झटालना
(लखनऊ) बासी मुँह थोड़ा सा खाना खा लेना
मान-पान
मान-सम्मान, इज़्ज़त, आबरू, मान-तान, मान-जान
मा'शूक़-ए-तन्हाई
(लखनऊ) अर्थात: हुक़्क़ा गुड़गुड़ी
मियाँ
स्त्री का पति, स्वामी, मालिक
सादात यानी सय्यद बिरादरी के पुरुषों के नाम के बाद लगाया जानेवाला आदरसूचक शब्द
मोगरा
(धुलाई पारचा) कुंदी करने का चोबी औज़ार जिस को मुजाज़ा कुंदी कहते हैं
यहाँ
इस स्थान पर, इस दुनिया में, इस जगह पर, इस तरफ़, इस अवसर पर
रचना
किसी चीज के बनाये जाने का ढंग या प्रकार जो उसका स्वरूप निश्चित करता है। बनावट।
रंज खेना
(अवाम; लखनऊ) दुख सहन करना
लट-बहर
प्रतीकात्मक: दुनिया के काम-धंदे, रिश्ते और जरूरतें
लथेड़ना
अच्छे तथा साफ-सुथरे कपड़ों को धूल-मिट्टी में लेट अथवा खेल-कूद कर बहुत अधिक गंदा करना।
लप्पा
एक प्रकार का गोटा। (जरी का)। पुं० = लप।
लुब्दी
۔ (ह) मुअन्नस। (लखनऊ) पक्के हुए चावलों में शीशा और तज कोट छानकर मिलाते और गोल गोल बना लेते हैं। इस से डोर पर मांझा देते हैं। २।किसी गीली पिसी हुई चीज़ की गोली। ३।कुत्ते का गोॗ। देखो लगदी
लसर्का
(ज़रबाफ़ी) हतोड़े की ज़रब खा कर चपटा हुआवा तार जो क़रीब ९ गिरह लंबा होता है
लाढ़्या
गेहूँ के रूप में जौ बेचने वाला
लाला
(कनाएन) लब-ए-माशूक़ नीज़ आशिक़ का दागदार दिल
लाला-शाही
۔(लखनऊ) मुज़क्कर। पीने का तंबाकू जो क़ंद स्याह के शेर में पक्का कर बनाते हैं
लोहा बरसना
तलवार चलना, तलवार बाज़ी होना, गोलीयाँ बरसना, मारकाट होना, आपस में युद्ध होना, घमासान मचना
वाही बकना
बेकार की बातें करना, व्यर्थ बकना, झूठ कहना
सब्ज़ी-फ़रोश
साग-तरकारी या सब्ज़ी बेचने वाला, कुंजड़ा, खटक
साग़री
जानवर विशेष रूप से घोड़े या गधे की चूतड़, गुदा, मलद्वार
हक़ीक़त लिखना
तहरीर लिखना, पत्र लिखना (जिसका अभ्यास बच्चों को प्रारंभिक स्थिति में कराया जाता है
हटपटाना
मुज़्तरिब होना, बेचैन होना
हड्डियों का माला हो जाना
۔(लखनऊ) कमाल लागर और नातवां होजाना
हुमासना
۔(ह) (लखनऊ) किसी वज़नी चीज़ को इस लिए उठाना कि इस के नीचे कोई चीज़ रखें
हरियाली
हरा होने की हालत, हरापन, सरसब्ज़ी, ताज़गी, तरावट, तरो ताज़गी
हरोलना
गले को हाथ से साफ़ करना, अरोरना हिलोरना
हँसली जाना
बच्चे की हँसली (गले की हड्डी) का अपने स्थान से खिसक कर ऊपर या नीचे हो जाना (जिस के कारण बहुत दर्द होता है)
हाल लाना
मस्ती लाना, मस्ती में आना या मस्ती में नाचना, क़व्वाली या राग सुनकर हु-हक़ करना, लोट लोट जाना, ख़ुशी से झूमना, नाचना
हालों का ता'ज़िया
ताज़ीये को बाँसों के ढाँचे पर टाट चढ़ा कर मिट्टी चिपका देते हैं और इस पर हालों बोते हैं वो उग आती है तो ताज़िया सुन्दर और मनमोहक लगता है, जौ का ताज़िया
होला निकल जाना
۔(लखनऊ) पलीथन निकल जाना। मशक्कत और मेहनत से पुतला हाल होजाना