अधिक खोजे गए शब्द

सहेजे गए शब्द

आठ बार नौ त्योहार

सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता

चमनिस्तान

ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़

'औरत

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

ताग़ूत

शैतान, अत्यन्त निर्दय और अत्याचारी व्यक्ति

मन-भावन

मन को भाने या अच्छा लगने वाला

दादरा

संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल

मज़दूर

शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर

ख़ैर-अंदेश

भलाई की बात सोचने वाला, वह शख़्स जो किसी की भलाई चाहे, शुभचिंतक

दूध-शरीक बहन

ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन

रिसाई

दुख और मौत से संबंधित, शोकयुक्त

ज़र्फ़

बर्तन

तिहाई

किसी वस्तु के तीन समान भागों में कोई एक भाग, तीसरा अंश, भाग या हिस्सा, तीसरा हिस्सा

ला'नत

धिक्कार, फटकार, भर्त्सना, अभिशाप, शाप

क़हर ढाना

किसी के लिए संकट पैदा करना, संकटग्रस्त बनाना, किसी पर कोई आफ़त लाना, ज़ुल्म करना, क़हर तोड़ना

चले न जाए आँगन टेढ़ा

काम में कुशल न होने पर दूसरे पर आरोप मढ़ना

आगे नाथ न पीछे पगा

जिसके आगे-पीछे कोई न हो, जिसका अपना कोई न हो, असहाय, लावारिस, अकेला

साहिर

जादूगर, वह व्यक्ति जो जादू दिखाता हो

कुड़माई

शादी के पूर्व रिश्ता पक्का करने के लिए की जाने वाली रस्म, सगाई, शादी तै करना, रिश्ता करना

नज़र-भर देखना

पूरी तरह से देखना, ध्यान से देखना

ख़्वाजा-ताश

एक स्वामी के दास, जो आपस में ख्वाजःताश कहलाते हैं

"धर्मशास्त्र" टैग से संबंधित शब्द

"धर्मशास्त्र" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची

'अक़्द-ए-मुव्वालात

(न्यायशास्त्र) किसी अज्ञात कुल के व्यक्ति का दूसरे को अपना सरदार और उत्तराधिकारि बनाने की प्रतिज्ञा और वचन

'अक़ार

घर का अस्बाब, मता , (फ़िक़्ह) ग़ैर मनक़ूला जायदाद जैसे : ज़मीन, मकान, बाग़ वग़ैरा

अजनबी

अंजान, परदेसी

अजर-ए-मुसम्मा

जो मज़दूरी निश्चित हुई हो, किसी कार्य का निश्चित वेतन

'अज़ीमत

फ़तह करने या हासिल करने की कोशिश (पर, के साथ)

अत्तहिय्यात

वो कलिमात जो नमाज़ में दूसरी और आख़िरी रकात के सजदा-ए-आख़िर के बाद बैठ कर पढ़े जाते हैं और अत्तहिय्यात से शुरू होते हैं

'अदम-ए-तक़लीद

(धर्मशास्त्र) किसी धार्मिक विषयों में विवेकपूर्ण निर्णय करने वाला या इस्लामी धर्मशास्त्र सम्बन्धी संप्रदाय का अनुकरण न करना

अदा

(इस्लामी धर्मशास्त्र) निश्चित समय पर पूजा-अर्चना करना, वह प्रार्थना जो निश्चित समय पर की जाए

अम्र-ए-मा'रूफ़

(धर्मशास्त्र) धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने का हुक्म देना

अम्र-बिल-मा'रूफ़

(धर्मशास्त्र) धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने का हुक्म देना

अल-अहया

(धर्मशास्त्र) बाप-दादा से मिली हुई संपत्ति के बटवाके में लिखावट के नीचे उत्तराधिकारीयों में से हर एक के भाग का विवरण दिखाने के लिए उन के नामों के ऊपर खिंची हुई रेखाओं रुप वाला वाक्य

अल-मबलग़

(धर्मशास्त्र) विरासत के बंटवारे में खिंची हुई रेखाओं के साथ लिखा गया जीवित व्यक्तियों के ऊपर या नीचे छोड़ी हुई संपत्ति की मात्रा के लिए बहुत कम खिंची हुई रेखा के साथ लिखा जाने वाला वाक्य, जिसके नीचे कुल छोड़ी पूँजी लिखी जाती है

असह

ज़्यादा सही या विश्वसनीय बात, अत्यधिक शुद्ध, बहुत ही ठीक, बहुत ही सही

असहाब-उल-फ़राइज़

क़ुरआन के अनुसार एक मृत व्यक्ति का पैतृक सम्पत्ति पानेवाला

असील

(मुर्ग़बाज़ी) नर चील या गिद्ध के साथ मुर्ग़ी का जोड़ा लगने से जन्म लेने वाली नस्ल का पक्षी, (मांसल, भारी, गठा हुआ शरीर, ऊँचे हाड़, सुते हुए परों का बहुत जीवट और लड़ाकू होता है, उसकी आँखें मोती के गोल दाने के समान, तोते की आँखों के समान, कल्ला लंबा-चौड़ा मांस-रहित, कलग़ी छोटी और मोटी होती है, मादा अंडे कम देती है)

अहल-ए-निसाब

फ़िक़्ह: वो शख़्स जिसके पास इतना माल हो जिस पर ज़कात या कर अनिवार्य हो जाती है

अहल-ए-रद

(फ़िक़्ह) वो वारिस जिन को मुक़र्रर हिस्से वाले वारिसों के हिस्सा पाने के बाद बाक़ी जायदाद मिल सकती है

अहवत

दो या दो से अधिक वस्तुओं में जो सावधानी के निकट हो, जिसमें त्रुटि से बचने की अधिक संभावना हो,अधिक विवेकपूर्ण क्रिया

'आक़िला

बुद्धिमती स्त्री, वह शक्ति जिससे पदार्थों का ज्ञान किया जा सके, अक़्लमंद औरत, समझदार औरत

आजिल

जिसमें विलंब हो, जिस में मोहलत और देर हो

आब-ए-क़लील

(फ़िक़्ह) ''कर'' से कम पानी (फ़िक़्ह की शराइत के साथ)

आब-ए-कसीर

(फ़िक़्ह) कर भर या इस से ज़्यादा पाक और ग़ैर मुज़ाफ़ पानी

आमीन

(शाब्दिक) हे ईश्वर बचा रु सुरक्षित रख

आमीन-बिल-जहर

नमाज़ में इमाम और दुसरे उपस्थित लोगों का पुकार के 'आमीन' कहना

आमीन-बिस्सिर्र

नमाज़ में इमाम के सूरा हम्द पढ़ने के बाद मुक़तदियों अर्थात दुसरे नमाज़ियों का आहिस्ता से आमीन कहना (जो इमाम अबू हनीफ़ा का पंथ या मस्लक है)

'आरियत

अस्थायित्व, नापाइदारी, किसी वस्तु का माँगा हुआ होना, उधार, क़र्ज़

आहू-ए-हरम

लाक्षणिक: प्रेमिका

इ'आदा

गूँज

इक़ामत

(धर्मशास्त्र) ठहरे होने की अवस्था, घर में रहना, सफ़र का विलोम

इक़ाला

कही हुई बात से इंकार करना, क्र्य-विक्रय के अनुबंध को रद्द करना, ऋण के अनुबंध को रद्द करना, किसी काम का विचार छोड़ देना

इज्तिहाद

(शाब्दिक) प्रयत्न करना, कोशिश करना

इन्क़िता'

सिलसिले का अंत

इफ़राद

फ़िक़्ह: हरम से बाहर आकर उम्रे का एहराम बांधना और इसके अनिवार्य कार्य पूरे-पूरे करना

इबाक़

(धर्मशास्त्र) मालिक के यहाँ से बालिग़ ग़ुलाम या लौंडी का भाग जाना

इलमाम

शाब्दिक: यात्रा से आकर उतरना, दर्शन करके आना, फ़िक़्ह: हज की रस्में पूरी करने के बाद घर पहुंचना

इस्तिख़्राज

निकलना या बाहर होना

इस्तिबरा

मूत्र या शौच पश्चात पवित्र होने की विधी, (मूत्र या शौच के पश्चात ) पाकी, सफ़ाई एवं पवित्रता

इस्तिंबात

मालूम बातों से नामालूम बात जानने की प्रकिया, चंद बातों को मिला कर अक़्ल की मदद से किसी निष्कर्ष पर पहुँचना

इस्तिराहत

सुख चाहना, आराम की इच्छा करना, मुख, चैन, विश्राम, आराम

इस्तिस्क़ा

(अर्थात) (ईश्वर से) वर्षा की प्रार्थना करना, पानी बरसने की इच्छा, वर्षा चाहना

इस्तिस्हाब

(फ़िक़्ह) जिस मसले के मुताल्लिक़ कोई हुक्म सरिया ना हो इस पर वैसे ही किसी दूसरे मसले की रो से (जिस के मुताल्लिक़ हुक्म सरिया हो) हुक्म लगाना या फ़तवा देना

इस्तिहबाब

शाब्दिक: पसंदीदा या प्रिय होना, फ़िक़्ह: किसी अमर का अच्छा होना अर्थात शरीयत की अनुसार पुण्य या मस्नून होना

इस्तिहसान

अच्छा जानना, अच्छा समझना, पसंद करना, उपकार, भलाई

इस्तिहाज़ा

मासिक धर्म अधिक मात्रा में आने का रोग, अति रजस्राव, अत्यार्तव

'उज़्र

बहाना, टाल-मटोल, हीला

उम्म-उल-वलद

(लफ़ज़न) बेटे की माँ, (फ़िक़्ह) वो कनीज़ जिस के बतन से इस के आक़ा का बच्चा पैदा हो

'उम्रा

(विधिशास्त्र) इस्लाम में कोई चीज़ किसी को पूरी उम्र के लिए दे देना इस शर्त पे कि मरने के बाद वापस ले लूँगा

'उर्फ़

(पारिभाषिक) सामान्य रूप से प्रसिद्ध, अवाम में जाना-पहचाना

ए'तिकाफ़

एकान्त में ईश्वर की तपस्या, एकान्तवास, गोशानशीनी

एहतियात

सूझ-बूझ से समझ-सोच कर क़दम उठाना या फ़ैसला करना, क़दम उठाने से पहले पूरा-पूरा ध्यान, सोच-विचार, समझदारी, सूझ-बूझ

एहराम

(सूफ़ीवाद) बड़ी चादर, (प्रायः केसरी रंग की) जो सूफी, संत एवंं फक़ीर आदि आधा लुंगी के तौर पर बाँधते है तथा आधा शरीर के उपरी भाग पर लपेट लेते हैं (प्रायः वारसी अनुयायी)

एहसार

(फ़िक़्ह) वो रुकावट जिस की वजह से आज़िम हज या मुहर्रम सफ़र मुल्तवी करदे (जैसे मर्ज़ या दुश्मन वग़ैरा)

'औल

दान, बख्शिश

औलिया

ऋषिगण, पीर, साधु-संत, संत; महात्मा, सिद्ध पुरुष,मुसलमानी धर्म के अनुसार बहुत बड़े भक्त या पहुँचे हुए फकीर, सीधा-सादा जिसमें दिखावा और छल न हो, उत्तराधिकारी

कंज़

खज़ाना, निधि

कुफ़्र

अल्लाह ताला की कृपा की शुक्र न करना, ईश्वर के दिए हुए उपहारों की अकृतज्ञता

क़बीह

लज्जाजनक, निंदित, शर्म किए जाने योग्य

कलाला

वो शख़्स जिस के वालिद और औलाद ना हो, वो शख़्स जिस के वारिसों में बाप दादा, बेटा बेटी और पोता पोती ना हो

क़स्म

फ़िक़्ह: हिस्सा करना, बांटना, तक़सीम करना

क़स्र

(उरूज़) रुकन का आख़िरी साकन गिरा कर ओस सा कण से पेशतर वाले हर्फ़ मुतहर्रिक को सा कुन कर देता

क़सामत

शपथ का प्रशासन

क़ा'दा

फ़िक़्ह: नमाज़ में 'अल-तहियात' पढ़ते समय बैठना

क़ाने'

जो कुछ मिल जाय उसी पर संतुष्ट रहनेवाला, आत्मसंतोषी, स्थितप्रज्ञ, निस्पृह, कालतुष्ट

काफ़िर-ए-ज़िम्मी

(फ़िक़्ह) वो काफ़िर जो हुकूमत-ए-इस्लाम को जिज़्या अदा करे और इस बिना पर हुकूमत उस के जान-ओ-माल और आबरू की ज़िम्मेदार हो

काफ़िर-ए-हर्बी

(फ़िक़ह) वह काफ़िर जिसकी वजह से धर्म के मामलों में व्यवधान उत्पन्न हो और इस आधार पर उससे लड़ना अनिवार्य हो जाए

क़ाम

(धर्मशास्त्र) नमाज़ का आरंभ, क़द-क़ामतिस्सलाह, इक़ामत अर्थात नमाज़ के लिए तकबीर

क़ामत

बदन, क़द, डील डौल

क़ारिन

(फ़िक़्ह) हज और उमरा अखटा अदा करने वाला, वो शख़्स जो हज और उमरे दोनों के लिए एहराम बांधे

किताबत-ए-हाल्ला

(धर्मशास्त्र) किताबत का एक प्रकार, नगद राशि के बदले सेवक या सेविका की आज़ादी

किफ़ाअत

समगोत्र होना, समजातीय होना, एक समान होना, बराबर होना, (धर्मशास्त्र) मर्द और औरत का कुछ विषयों में (वंश एवं गोत्र के अनुसार) बराबर होना, समान होना

किफ़ालत-बिन्नफ़्स

व्यक्तिगत ज़मानत, व्यक्तिगत गारंटी, व्यक्तिगत सुरक्षा

क़ियास

किसी कार्य के लिए व्यय आदि का अनुमान, अंदाज़ा

क़ियासी

कयास या अनुमान के आधार पर स्थिर किया हुआ

क़ौमा

नमाज़ का एक आवश्यक भाग, नमाज़ में झुकने के बाद खड़ा होना

ख़ता पकड़ना

(इस्लामिक धर्मशास्त्र) कोई ग़लती निकालना, ग़लत व्याख्या की ओर संकेत करना

ख़फ़ीफ़

हल्का, कम (भार में)

ख़फ़ीफ़ा

छोटी, अदना, हल्की, कम वज़न, माममूली, एक दीवानी न्यायालय, जिसमें छोटे केस सरसरी सुने जाते हैं, जिनकी अपील नहीं होती

ख़ुमुस

पांचवां भाग, पंच, १/५

खुरूज

निकलना, निःसरण, शासन के विरुद्ध विद्रोह, बगावत।

ख़ारिज

जो शामिल न हो, बाहर, दाख़िल या शुमूल का विलोम (लाक्षणिक)

ख़िताब-ए-'आम

(धर्मशास्त्र) आम जनता से संबोधन

ख़ियार

नेक लोग, पुनीतात्मा, महातमा लोग

ख़ियार-उल-बुलूग़

वह विकल्प और अधिकार जो लड़की को बालिग़ और वयस्क होने पर हासिल होता है कि वह वयस्क होने से पहले की अपनी शादी को रद्द करे या बाक़ी रखे

ग़ैर-मुक़ल्लिद

(फ़िक़्ह) अहलसन्नत का वो पंथ जो चारों इमामों के फ़िक़्ह की पालन करना ज़रूरी नहीं मानता

ग़ुलू

बढ़ा चढ़ा कर बताना, ऐसी अत्युक्ति जो न बुद्धि के अनुसार ठीक हो न प्राकृतिक हो, अति करना, हद से गुज़र जाना, शूरू गोगा, ग़लग़ला, चर्चा, जवानी की शुरूआत और जोश, ज़ोर

ग़ुस्ल

नहाने की क्रिया, पूरे शरीर को धोना, नखशिख-मार्जन, स्नान, नहाना

चहार-इमाम

(धर्मशास्त्र) सुन्नी लोगों के चार इमाम (इमाम अबू हनीफ़ा, इमाम शाफ़ई, इमाम मालिक और इमाम हंबल)

ज़कात

सफ़ाई, निर्मलीकरण

ज़कात-उल-इख़्तियार

(फ़िक़्ह) रुक : ज़कात-ए-इख़तियारी

ज़कात-ए-इख़्तियारी

(फ़िक़्ह) शरीयत के मुक़र्ररा तरीक़े पर ज़बह करना (मसलन हलक़ पर छुरी फेर कर)

ज़कात-ए-इज़्तिरारी

(न्यायशास्त्र) विवश्ता या मजबूरी की अवस्था में और विधी से हलाल करना, उदाहरण के लिए शिकार के शरीर के किसी हिस्से पर घाव पहुँचाना

ज़मान-ए-इस्ति'क़ाक़

(फ़िक़्ह) बैअ में अदायगी की ज़मानत

ज़र्ब

मारपीट, मारना

ज़र्ब-ए-तयम्मुम

(फ़िक़्ह) तयम्मुम के लिए दोनों हथेलियों को एक साथ मिट्टी पर मुक़र्रर तरीक़े से मारना

जलसा

(धर्मशास्त्र) नमाज़ में सिज्दा करने के बाद पहली बार बैठना

जल्सा-ए-इस्तिराहत

(धर्मशास्त्र) नमाज़ में सजदा करने के बाद दूसरी बार बैठना यानी दूसरे सजदे के बाद खड़ा होने से पहले ज़रा देर बैठना

ज़वात-ए-अम्साल

(फ़िक़्ह) वो चीज़ें जिन के तलफ़ कर देने से क़ीमत की अदायगी के बजाय वैसी ही चीज़ें वापिस करना लाज़िम हो

ज़ुहर

तीसरा पहर, दोपहर के बाद का वक़्त, दोपहर की नमाज़ का समय

ज़िम्मा-ए-असील

(फ़िक़्ह) असल मदयून की ज़िम्मेदारी या जवाबदेही

ज़िम्मा-ए-कफ़ील

(फ़िक़्ह) ज़मानत के सबब से ज़ामिन पर आइद होने वाली ज़िम्मेदारी या जवाबदेही

ज़िम्मी

(फ़िक़्ह) वह व्यक्ति जो ईश्वर को एक न मानने वाला नागरिक जो इस्लामी शासन की सूरक्षा में रहता हो और उसने तावान को स्वीकार कर लिया हो, राजस्व देने वाला

ज़िहार

(शाब्दिक) पीठ, पुश्त, एक जैसी पीठ होना, एक जैसा होना

त'अद्दी

अन्याय

त'अव्वुज़

(लाक्षणीक) वो काग़ज़ जिस में ख़ाना-पुरी इश्वरीय नामों की हो या कोई मंत्र लिखा हो जिसको उद्देश्श्य प्राप्ति के लिए कभी नदी में बहाते कभी चलाते कभी कुँए में डालते कभी ज़मीन में दफ़न करते हैं

त'अहहुद

अक़द

तकफ़ीर

मुसलमान पर कुफ्ऱ का फ़त्वा लगाना, काफ़िर ठहराना, काफ़िर कहना

तकरार-ए-वाजिब

(फ़िक़्ह) नमाज़ में किसी वाजिब को मुकर्रर करना

तक़लीद

(विधिक) वंचना, छल, धोखा

तख़्लील

(फ़िक़्ह) ख़िलाल करना, वुज़ू के दौरान में नम उंगलीयों के ज़रीये हाथ पांव की उंगलीयों के दरमयानी ख़ला में मस्ह करना

तजसीस

पलस्तर करना, इमारत को चूने से पक्का करना

तज़ायुद

(फ़िक़्ह) नीलाम

तदाख़ुल

(तारीख़) किसी ज़माना मुद्दत मज़हब या तहज़ीब का दूसरे ज़माना मुद्दत या तहज़ीब से इबतिदाई मिलाप या टुकड़ाऊ

तनज़ीही-कराहत

(फ़िक़्ह) मकरूह जो हलाल से क़रीब हो, रुक : तन्ज़ीही मानी नंबर

तफ़र्रु'

(फ़िक़्ह) (दलील से) मसला को निकालना

तफ़्वीज़

(धर्मशास्त्र) स्त्री को बिना मह्र के ब्याह देना, तलाक़ का अधिकार स्त्री को सौंपना

तफ़ाज़ुल

फ़ज़लेत, बुजु़र्गी, एक दूसरे पर बरतरी

तफ़ावुत

फ़र्क, मतभेद

तंबीह

चेतावनी, प्रबोध, आगाही, भर्सना, तर्जन, डाँट-डपट, हलकी, सजा, ताक़ीद, सख्ती

तमत्तो'

(फ़िक़्ह) हज और उमरा मिला कर अदा करना

तयम्मुम न जाना

(धर्मशास्त्र) तयम्मुम बरक़रार रहना, तयम्मुम न टूटना

तरख़्ख़ुस

इजाज़त, रुख़्सत, आसानी; (धर्मशास्त्र) नमाज़ आदि में आसानी अर्थात क़सर की अनुमति

तरफ़ैन

दोनों पक्ष, दोनों पार्टियाँ, उभय पक्ष, हर दो जानिब, हर दो दिशा, दोनों फ़रीक़ मुकद्दमा आदि में

तलब-ए-इश्हाद

(फ़िक़्ह) रुक : तलब-ए-इस्तिशहाद

तलब-ए-ख़ुसूमत

(फ़िक़्ह) वो दावे जो अज़ रोय क़ानून हो, मुक़द्दमा जो कोई मुस्तहिक़ शिफ़ा दायर करे

तलाक़

बोल-चाल में, किसी चीज़ को सदा के लिए छोड़ या त्याग देने की क्रिया या भाव, छोड़ना, त्यागना

तलाक़-ए-अहसन

(धर्मशास्त्र) वह तलाक़ जिसमें मर्द अपनी औरत को एक तलाक़ पाकी की हालत में दे दे जिसमें उससे संबंध ना बनाए हों और यह एक तलाक़ देकर छोड़ दे तो इद्दत ख़त्म होने के साथ निकाह टूट जाता है

तलाक़-ए-किनाया

(फ़िक़्ह) रुक : तलाक़ बालकनायात

तलाक़-ए-खुल'

(फ़िक़्ह) तलाक़ जिस में औरत अपने शौहर से बोजोह राज़ी ना हो और महर माफ़ कर के या कुछ और माल दे के तलाक़ ले ले

तलाक़-ए-जब्री

(फ़िक़्ह) वो तलाक़ जो जबरन दी जाये, ये वाक़्य नहीं होती

तलाक़-ए-बत्ता

(फ़िक़्ह) बाक़ौल तिरमिज़ी इख़तिलाफ़ किया है अहल-ए-इलम ने तलाक़ बता में कि हज़रत अली से मर्वी है कि वो तीन तलाक़ हैं और हज़रत अमरओ से कि वो एक तलाक़ है जबकि हज़रत रुका ना की हदीस से ये बात बातफ़ाक़ साबित है कि हज़रत रुका ना की तलाक़ को हुज़ूर सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम ने एक उस वक़्त क़रार दिया जब कि उन्हों ने हलफ़ के साथ बयान दिया कि मेरी नीयत तीन तलाक़ की नहीं थी

तलाक़-ए-बाइन

(फ़िक़्ह) क़तई तलाक़, तीन मर्तबा की तलाक़

तलाक़-ए-बिद'अत

(धर्मशास्त्र) इस तलाक़ की तीन दशाएँ हैं; (१) माहवारी के समय तलाक़ दी हो (२) ऐसे शुद्ध समय में तलाक़ दी हो जब मिलन हो चुका था (३) तीन तलाक़ें एक साथ दे दी हों

तलाक़-ए-रज'ई

वह तलाक़ जिसमें पुरुष स्त्री से पुनः विवाह कर सकता है।

तलाक़-ए-सुन्नत

(फ़िक़्ह) रुक : तलाक़ हुस्न

तलाक़-ए-हसन

(धर्मशास्त्र) औरत के तीन विभिन्न मासिक धर्मों के उपरांत अलग-अलग बार तीन तलाक़ें देना, इसे तलाक़-ए-सुन्नत भी कहते हैं

तलाक़-बिल-किनायात

(फ़िक़्ह) ये तलाक़ ऐसे लफ़्ज़ से होती है कि मौज़ू तलाक़ के लिए ना हो मगर तलाक़ का एहतिमाल रखता हो, वो तलाक़ जो साफ़ लफ़्ज़ों में ना हो

तवक़्क़ुफ़

देर, विलंब

तवग़्ग़ुल

(फ़िक़्ह) तबदीली करना या दूसरे मानी पहनाना

तवर्रुक

(फ़िक़्ह) कादा में बायां पांव निकाल कर बाएं जानिब के पहलू पर बैठना

तस्मिया

(फ़िक़्ह) (नमाज़ वग़ैरा में) 'बिस् उल़्ला-ए-अलर्रह॒मान-ए-अलरहीम' पढ़ना

तस्मी'

(लफ़ज़न) सुनना, सुनाना, (फ़िक़्ह) नमाज़ में रुकवा से खड़े होते वक़्त सम्अ अललहु लिमन हमिदह कहना

तहलील

नमाज़ पूरी करना और अंत में सलाम फेरना, नमाज़ पूर्ण करना

ता'तील

छुट्टी, अवकाश, छुट्टी का दिन, मोहलत, फ़ुर्सत, निठल्लापन, बेकारी, कारख़ाने, दफ़्तर या स्कूल के बंद होने का दिन

ता'दील-ए-अरकान

फिकह: नमाज़ के हर एक क्रिया को धीरे-धीरे ठीक-ठीक करना

ता'लीक़

(तिब्ब क़दीम) किसी दवा को गर्दन या किसी दूसरे उज़ू में बांधना या लटकाना

ताहिर

पवित्र, पाक दामन, पाक, शुद्ध, अशुद्धता से मुक्त, गंदगी और दोषों से मुक्त, जिस का दिल और विवेक बुरे ख़्यालात, बुरे विचारों, से मुक्त हो, नेक, परहेज़गार

तीन-तलाक़

शौहर का बीवी से बिलकुल अलगाव, तीन बार तलाक़ कह देने की क्रिया, तलाक़ बाइन

तौक़ी'

(बादशाह या हाकिम-ए-वक़त की जानिब से) संदेह फ़रमान वग़ैरा जो दस्तख़ती या महर शूदा हो

तौकील

(फ़िक़्ह) अपने काम को किसी के सपुर्द कर देना, वकील बनाना

थूनी

रुक : थमोनी

दु'आ-ए-क़ुनूत

(अहल-ए-सुन्नत) एक निश्चित दुआ' (अरबी भाषा में) जो वित्र की नमाज़ की तीसरी रक'अत में पढ़ी जाती है

दु'आ-ए-तल्क़ीन

(फ़िक्ह-ए-जाफ़रिया) वो दुआ जो मुर्दे को क़ब्र में लुटाने के बाद इस के दोनों शानों को मुक़र्रर तरीक़े से हिला कर पढ़ी जाती है

दम

लम्हा, आन अर्थात क्षण, पल, वक़्त, हंगाम अर्थात समय, मौक़ा

दम-ए-क़िरान

(फ़िक़्ह) रुक: दम तमत्ता

दम-ए-जब्र

(फ़िक़्ह) रुक: दम तमत्तो

दम-ए-शुक्र

(फ़िक़्ह) रुक: दम तमत्ता, बतौर तशक्कुर या शुक्राने में क़ुर्बानी (देना

दह-दर-दह

(फ़िक्ह) हौज़ वग़ैरा जिस की लंबाई और चौड़ाई और गहराई दस दस गर हो, इस का पानी (शरई) मुरब्बा दस हाथ से दस हाथ (दस गज़ मुरब्बा और बालिश भर गहिरा पानी जो अहल-ए-इस्लाम के हाँ पाक है

दीन-ए-क़ाइमा

(धर्मशास्त्र और दर्शनशास्त्र) माना हुआ, हावी, व्यावहारिक, मौजूद, माना हुआ

दो-मिस्ल

(इस्लामिक न्यायशास्त्र) वास्तविक मानव छाया की कुछ छाया

नकीरैन

(फ़िक़्ह) वे दो फ़िरिश्ते जो मरने वाले से क़ब्र में सवाल-जवाब करते हैं, मुन्कर नकीर

नजासत

गंदगी, मैलापन, अपवित्रता, नापाकी, विष्ठा, ग़िलाज़त, घूरा, खाद

नजिस-उल-'ऐन

(फ़िक़्ह) वह चीज़ जो सिर से पाँव तक अपवित्र हो, जिसका छूना भी वर्जित हो, वो चीज़ जो कभी पवित्र न हो सके जिसका हर एक अंग अपवित्र हो, जैसे, शराब, मदिरा, सूअर, अपवित्र शरीर आदि

नजिस-'ऐन

(फ़िक़्ह) रुक : नजिस-उल-ऐन

नजिस-ख़फ़ीफ़

(न्यायशास्त्र) वह चीज़ जो गंदगी से भरी हो

नजिस-ग़लीज़

(धर्मशास्त्र) नापाकी और गंदगी में लिपटी चीज़, वह चीज़ जिस पर किसी सख़्त क़िस्म की गंदगी पड़ी हो

नजिस-रक़ीक़

(धर्मशास्त्र) गंदगी जो नमी या गीलेपन की शक्ल में हो, वह गंदगी जो सूखी हुई न हो बल्कि पानी की शक्ल में हो

नुदबा

मृतक के लिए रोना, उसके शोक के शेर पढ़ना।

नफ़क़ा

बच्चों पर व्यय होने वाला धन, पत्नी का जेब ख़र्च, गुज़ारा भत्ता, बीबी-बच्चों का रोटी-कपड़ा

नफ़्ली

(फ़िक़्ह) नफ़ल (रुक) से मंसूब या मुताल्लिक़ , जो फ़र्ज़ या वाजिब ना हो, रज़ाकाराना (इबादत या काम वग़ैरा)

नफ़्स-'अक़्द

(फ़िक़्ह) किसी की बीवी बनना, किसी मर्द से निकाह करना , अपने नफ़स को शौहर के हवाले करना

नफ़्स-मिल्क

(फ़िक़्ह) मिल्कियत या हक़

नफ़िल-नमाज़

(धर्मशास्त्र) वह नमाज़ जो फ़र्ज़, वाजिब और सुन्नत के अलावा (सवाब हासिल करने या शुक्राने के लिए) पढ़ी जाए

नमाज़ बातिल होना

(फ़िक़ह) नमाज़ में कोई ऐसा कार्य होना जिससे नमाज़ टूट जाती है, नमाज़ का टूट जाना

नवाफ़िल

वे नमाजें जो केवल सवाब के लिए पढ़ी जाएँ, फ़र्ज या वाजिब न हों

नवाही

‘नहुइ' का बहु., वे विषय जो धर्मानुसार निषिद्ध हैं, वो कर्म, धर्म ने जिन से मना किया है, नाजायज़ काम

नस

किसी अमर को ख़ूब दरयाफ़त करना ताकि उस की असलीयत वाज़िह हो जाये

नस-ए-शर'ई

(फ़िक़्ह) शिरा की रो से वाज़िह अहकाम या अमर

नस-जली

(फ़िक़्ह) बिलकुल वाज़िह और साफ़ आयत या अमर

नुसूस

स्पष्ट प्रमाण, साफ़ साफ़ खुली दलील, उचित सबूत

नुसूस-ए-किताब

(न्यायशास्त्र) वह नियम जो क़ुरआन के अनुसार स्पष्ट हों, वह तर्क जो दिव्य पुस्तकों यानी क़ुरआन से स्पष्ट हों

नुसूस-ए-शर'इय्या

(न्यायशास्त्र) (इस्लाम) वह प्रमाणिक तर्क जो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्पष्ट हों, निश्चित तर्क

नह्य

निषेध, रोक, निषेधाज्ञा

नहारी

वह हलका भोजन जो सबैरे किया जाता है, जलपान, कलेवा, नाश्ता, मुसलमानों के यहाँ बनने वाला एक प्रकरा का शोरबेदार सालन जो रात भर पकता है और जिसके साथ खमीरी रोटी खाई जाती है, नौकरों, मज़दूरों को जलपान आदि के निमित्त दिया जाने वाला धन, दिन के वक़्त शिकार करने वाले परिंदे

नाक़िस-उल-मीरास

(धर्मशास्त्र) वो जिसे विरासत में कम हिस्सा मिले, (लाक्षणिक) औरत, स्त्री

नाक़िस-उल-हुज़ूज़

(ज्ञान) औरतें जिनके विरसे के हिस्सों में कमी हो, वह जिनको शरई हिस्सा ना मिले, (क्योंकि मर्द को दोहरा और औरत को एक हिस्सा मिलता है

ना-जाइज़-औलाद

(अर्थात) असंवैधानिक

नापाकी

(मुस्लिम धर्मशास्त्र) ऐसी स्थिति जिस में स्नान वाजिब (अनिवार्य) होता है

नाफ़िला

शत्रु का माल जो युद्ध में हाथ आए

नाबालिग़

जो बालिग़ न हो, जो अभी जवान ना हुआ हो, अवयस्क, अल्पवयस्क, कमसिन, कमउमर, नादान, अनुभवहीन

ना-मुक़ल्लिद

(धर्मशास्त्र) पैरवी न करने वाला, पैरवी करने वाला न हो, अर्थात: जो चार इमामों में से किसी पर भी विश्वास नहीं करता, अहल-ए-हदीस, हदीस पर चलने वाले

ना-मस्मू'

फ़िक़्ह: जो सूना न हो, जो स्वीकार्य न हो, जो ध्यान देने योग्य न हो

ना-महरम

(फ़िक़्ह) वह मर्द जिससे सत्री का पर्दा वाजिब (अनिवार्य) हो, वो शख़्स जिससे निकाह (विवाह) जायज़ हो, जिसकी तरफ़ देखना धर्मानुसार मना हो

ना'ल

(फ़िक़्ह) औरत (शाज़)

नासिख़

रद्द करने वाला, मंसूख़ करने वाला, मिटाने वाला, नीस्त करने वाला

नासिबी

हज्रत अली को बुरा कहने वाला संप्रदाय, उक्त संप्रदाय का व्यक्ति

निकाह

इस्लामी पद्धति के अनुसार किया जाने वाला विवाह; शादी; परिणय, पाणि-ग्रहण, विवाह, ब्याह

निकाह-नामा

वह पत्र जिसमें निकाह की शर्तें, निकाह की तारीख़ और जगह, महर की मात्रा, गवाहों के नाम लिखे जाते हैं

निकाह-फ़ुज़ूल

ऐसा निकाह जो वली के अतिरिक्त कोई अन्य व्यक्ति कर दे ऐसा निकाह मुवक्किल की अनुमति के अधीन होगा (फ़िक़ह) अगर उसने अनुमति दे दी तो मान्य रहेगा अन्यथा समाप्त हो जाएगा

निकाह-बातिल

(फ़िक़्ह) ऐसा निकाह जो फ़ी नफ़सहा कुलअदम हो, ऐसा निकाह जो ग़ैर मोस्सर हो और इस से फ़रीक़ैन के दरमयान कोई अज़दवाजी हक़ क़ायम नहीं होता, इस निकाह की हसब-ए-ज़ैल सूरतों हैं । (१) मुहर्रमात में से किसी से निकाह (२) काफ़िर का मुस्लमान औरत से निकाह (३) निकाह शूदा औरत से निकाह । ए

निकाह-सहीह

(फ़िक़्ह) वो निकाह जो शरई हैसियत से जुमला अरकान पर पूरा उतरे, क़ानूनी और शरई तौर पर दरुस्त निकाह

निजासत-ए-ख़फ़ीफ़ा

(फ़िक़्ह) नजासत इहक़ीक़ी की दो किस्मों में से एक, मसलन हलाल जानवरों का पेशाब और हराम जानवरों की बैट वग़ैरा, हल्की किस्म की नजासत, ऐसी नजासत जो ग़लीज़ा ना हो

निजासत-ए-ग़लीज़ा

(फ़िक़्ह) नजासत इहक़ीक़ी की दो किस्मों में से एक, वो नापाकी जो सख़्त हो , जैसे : ख़ून, आदमी का पेशाब, पाख़ाना, मनी , शराब , स्वर का गोश्त वग़ैरा, (नजासत ख़फ़ीफ़ा के मुक़ाबिल)

निफ़ाक़

(धर्मशास्त्र) दिल में कुफ़्र रखना और मुँह से ईमान की गवाही देना

निय्यत

इरादा, योजना, नमाज़ शुरू करना

निय्यत करना

निश्चय करना, संकल्प करना, योजना बाँधना, दिल में ठानना

निय्यत तोड़ना

संकलप बदल देना

निसाब

आरंभ, शुरू, सिरा

निसाब-ए-ज़कात

(मुस्लिम धर्मशास्त्र) वह धन, पशु या सोना-चाँदी या व्यापारिक पूँजी आदि जिस पर ज़कात देना अनिवार्य है और वह 52.5 तोला चाँदी और 7.5 तोला सोना होता है

नीय्यत बाँधना

एहराम बांधना

पाक

किसी चीज के ठीक तरह से पके या पचे हुए होने की अवस्था या भाव।

पाँच-वक़्त

पाँच बार मुसलमानों द्वारा पढ़ी जानी वाली नमाज़

पीछे

अनुपस्थित या अविद्यमान होने की अवस्था में। किसी के सामने न रहने की दशा में। जैसे-किसी के पीछे उसकी बुराई करना बहुत अनुचित है। पद-पीठ पीछे = दे० ' पीठ ' के अन्तर्गत यह पद।

फ़ै

ढलती हुई छाओं

फ़क़ाहत

इस्लामी न्यायशास्त्र में न्यायिक कुशाग्र बुद्धि, न्यायशास्त्रीय ज्ञान तक पहुंच, बुद्धिमत्ता, मनीपा, मेधा, अक़्लमंदी

फ़र'

शाख़, टहनी, पेड़ की डंठल

फ़ुरू'

(इल्म-ए-उरूज़) अरकान-ए-मज़ा जफ़-ओ-ओज़ान-ए-मज़ाहफ़ा को फ़रवा कहते हैं

फ़र्ज़

ज़रूरी, आवश्यक, अनिवार्य

फ़र्ज़-ए-किफ़ाया

वह कर्तव्य या कार्य जो एक आदमी के अदा करने से सबकी ओर से अदा हो जाए, जैसे—किसी सभा में किसी के सलाम का जवाब एक आदमी दे दे तो सब की ओर से हो जाता है, वो काम जिसका करना बहुत ज़रूरी न हो या ज़रूरी हो मगर एक के करने से सब की ओर से हो जाता है

फ़िक़्ह

जानकारी, ज्ञान

बै'-ए-सलिम

(फ़िक़्ह) नर्ख़ होने के बाद कल या जुज़ु क़ीमत पहले अदा कर देने और सामान बाद में लेने का अमल

बै'-बिल-ख़ियार

विकल्प का सौदा

बै'-बिल-वफ़ा

(फ़िक़ा हनफ़ी) कोई चीज़ नक़द या सामग्री के बदले गिर्वी रखी जाए और ये शर्त लीखी जाए कि जैसे दो वर्ष के अंदर रुपया अदा करके न छुड़ा लें तो गिर्वी रखी हुई चीज़ विक्रय अर्थात बिकी हुई मानी जाएगी

बाइन

(लफ़्ज़ा) जुदा होने की वाला, (फ़िक़्ह) की तलाक़ की एक क़िस्म जिस के बाद फिर रुजू करने की इजाज़त नहीं

बाइन होना

(धर्मशास्त्र) तीन तलाक़ के तौर पर विवाह से मुक्त हो जाना

बाज़ि'अ

(शाब्दिक) टुकड़े करने वाला, काट देने वाला (धर्मशास्त्र) वह चोट जिससे खाल फट जाए

बातिन

अंतरमन, अंतरात्मा, अन्तःकरण, छुपा, मन, हृदय, दिल, भीतर, ज़मीर, रुहानी क़ुव्वत, रूहानियत, अंदरूनी हालत जो बाहर से दिखाई न दे, किसी चीज का भीतरी भाग, इश्वर का विशेषतः नाम

बालिग़

(व्यक्तिगत) वयस्क, समझदारी की आयु तक पहुँचा हुआ

मु'अक़्क़िबात

(धर्मशास्त) वह तस्बीह जो नमाज़ के बाद दुआ पूरी होने के लिए पढ़ी जाएँ; तस्बीह जो एक के बाद एक पढ़ी जाएँ जैसे: सुब्हानल्लाह अलहम्दुलिल्लाह और अल्लाहुअकबर

मुअज्जल

बैंकारी: बैंक में रखी जाने वाली राशि का वो प्रकार जो एक विशेष अवधी के लिए रखी जाये

मु'अल्लक़ा

बीच में लटकी हुई चीज़

मु'ईर

आरीৃ देने वाला , (फ़िक़्ह) माल वग़ैरा मुस्तआर देने वाला शख़्स

मक्की

'अरब के मशहूर शहर मक्का से संबंधित कोई शैय, मक्सका शहर का रहने वाला, जो इस्लाम के पवित्र शहर मक्का में पैदा हुआ हो

मुंकर

۔(ए। बालज़म वफ़तह सोम) सिफ़त। ख़राब खोटा। मकरूह। नामशरू जैसे ख़ताए मुन॒कर॒। २।मुज़क्कर। इन दो फ़रिश्तों में से एक का नाम जो क़ब्र में मर्दों से बाज़पुर्स करते हैं। इस मानी में तन्हा मुस्तामल नहीं मुनकिर नकीर की तरकीब से मुस्तामल है। ३।मुअन्नस। हदीस की एक क़िस्म। देखो मारूफ़। ४।बक्स

मकरूह

मुकरा

मकरूह-ए-तंज़ीही

(फ़िक़्ह) वो नापसंदीदा फे़अल जिस से बचने में अज्र-ओ-सवाब तो है लेकिन जो शख़्स ना बच्चे वो गुनाहगार भी नहीं, ऐसा मकरूह फे़अल जो हलाल से क़रीब हो (मकरूह तहरीमी के मुक़ाबिल)

मकरूह-ए-तहरीम

(फ़िक़्ह) वो कलिमा / बात जिस से बचना हर मुस्लमान के लिए वाजिब है, वो मकरूह फे़अल जो हराम के क़रीब हो, निहायत नाजायज़ बात या अमल

मकरूहात

व्यर्थ के काम, ओछी या घृणित बातें या बेहूदा काम

मुकल्लफ़

۔(ए)सिफ़त।(अलिफ़) बरोज़न मुक़द्दस।लुगवी मानी तकलीफ़ दिया गया।मजाज़न वो शख़्स जो आक़िल बालिग़ हो२।(उर्दू) पुरतकल्लुफ़ आरास्ता(ब) बक्सर हर्फ़ सोम शदद। लुगवी मानी रंज वमशक़त देने वाला २।(उर्दू) बुलाने वाला। दावत देने वाला। मानी नंबर २ में बेशतर उल-मुकल्लिफ़ लिख कर दावत के ख़तों में नाम लखत

मुक़ल्लिद

तक्लीद करनेवाला, अनुकारी, अनुकरण करनेवाला, अनुयायी, पैरौ, शिष्य, चेला, मुरीद, मुसल्मानों का वह समुदाय जो खुदा और रसूल के अतिरिक्त चारों इमामों को भी मानता है

मक़ा'इद

‘मअद’ का बहु, बैठने के स्थान।

मुक़ाबला

(लाक्षणिक) मुलाक़ात

मक़ामी

मुकाम-संबंधी, ठौर संबंधी, मूल निवासी, स्थानीय, देसी, लोकल, ठहरा हुआ, स्थिर

मूक़िनीन

(धर्मशास्त्र) धार्मिक मामलों में पूर्ण विश्वास रखने वाले

मुंकिर-ए-हदीस

(फ़िक़्ह) हदीस को तस्लीम न करने वाला, हदीस को दीन के मुआमलात में हुज्जत तस्लीम न करने वाला

मुक़ीम

(फ़िक़्ह) जो अपने घर हो और सफ़र में ना हो

मुख़म्मसा

(फ़िक़्ह) माँ, बहन या दादा के मुताल्लिक़ तक़सीम जायदाद का मसला जिस पर पाँच सहाबा हज़रत अलेऊ, हज़रत इसमाणुओ, हज़रत इबन मसावदओ, हज़रत ज़ेदओ और हज़रत इबन अब्बास ओ में इख़तिलाफ़ था

मुख़्लिफ़

(फ़िक़्ह) हुक्म के ख़िलाफ़ करने वाला, ख़िलाफ़वरज़ी करने वाला

मग़रूर

जिसे ग़ुरूर हो, ग़ुरूर वाला, घमंडी, अभिमानी, इतराने वाला, अहंकारी

मग़रिब

यूरोप और वो देश जो पश्चिम में स्थित हैं

मग़रिबैन

दोनों पश्चिमी दिशा, पश्चिम से पश्चिम की ओर, मुराद : सारी दुनिया, संपूर्ण दुनिया

मुग़ल्लिज़ा

(फ़िक़्ह) तलाक़ की एक क़िस्म जिस में तीनों तलाक़ें वाक़्य हो जाएं और रुजू या निकाह की गुंजाइश ना रहे, औरत अपने साबिक़ा शौहर पर सिर्फ़ हलाला की सूरत में हलाल हो सके

मुग़ीबा

(फ़िक़्ह) वो औरत जिस का शौहर सफ़र में हो

मुज़्तजा'

(फ़िक़्ह) पहलू के बल सोने वाला, जिस पर हालत इज़तिजा तारी हो

मुज़्तरिब

(फ़िक़्ह) वो हदीस या कथन जिसके वर्णन करने वालों में भिन्नता पाई जाए

मुज्तहिद

कोशिश करने वाला, परिश्रमी

मुज्तहिद-ए-मुतलक़

(फ़िक़्ह) वो मुज्तहिद जो उसूल में किसी का मुक़ल्लिद ना हो, वो मुज्तहिद जिसे इजतिहाद मुतलक़ का दर्जा हासिल हुआ हो , मुराद : आइमह-ए-अर्बा यानी इमाम अबूहनीफ़ा, इमाम शाफ़ई, इमाम मालिक और इमाम अहमद इबन हनबलऒ में से कोई एक

मुज़दल्फ़ा

एक मुक़ाम का नाम जो मक्के के क़रीब अर्फ़ात और मिना के मध्य स्थित है जहां हाजी शैतान को मारने कंकरीयां चुनते हैं

मुज़व्वजा

(धर्मशास्त्र) जिससे विवाह किया गया हो, विवाहित

मुजाज़

(फ़िक़्ह) जिसे रिवायत, इमामत या बैअत की इजाज़त दी गई हो

मुज़ाज'अत

((न्यायशास्त्र)) एक दूसरे के साथ सोना, आपस में एक जगह सोना, संभोग

मुज़ाफ़

(क़वाइद) वो इस्म जिसे इज़ाफ़त या निसबत दी जाये, मुताल्लिक़ या मंसूब किया जाये , वो इस्म जो दूसरे इस्म के साथ लगाया जाये

मुज़ारबत

(फिक़्ह) किसी को व्यवसाय के लिए इस शर्त पर माल देना कि लाभ में साझा रहेगा, कारोबार में ऐसी साझेदारी कि माल एक का हो और मेहनत दूसरे की

मज़ारिब-मुज़ारब

(फ़िक़्ह) कारोबार में वो शरीक जो सिर्फ़ मेहनत करे और माल दूसरे शरीक का हो

मज़ाहरत

(फ़िक़्ह) रुक : मज़ाहिर(२)

मंज़िल

(हैयत) दुब अकबर की दम के तीन सितारे

मुतल्लक़ा

छोड़ी हुई (किताब के लिए प्रयुक्त)

मुतल्लक़ा-सलासा

(धर्मशास्त्र) वह औरत जिसको तीन तलाक़ें दी गई हों

मुतव्विफ़

परिक्रमण करने वाला, किसी के चारों ओर फिरने वाला, फ़िक़्ह: जिसने का'बा की परिकर्मा की हो

मुतहय्यरा

'मुतहय्यर' का स्त्रीलिंग

मैता

मरा हुआ, मृतक, मुर्दः

मताफ़

परिक्रमा करने का स्थान, मक्का में काबे के इर्द-गिर्द वह जगह जो तवाफ़ (परिक्रमा) करने के लिए तय है, तवाफ़ करने की जगह

मुद्दत-ए-'इद्दत

तलाक़ (या विध्वा होने) के बाद की वह अवधि जिसमें स्त्री को दूसरा निकाह (विवाह) करना वैध नहीं और वह मुतल्लक़ा (तलाक़ पा चुकी महिला) के लिए तीन मासिक-धर्म या तीन मास है और विध्वा के लिए चार-मास और दस दिन, गर्भवती स्त्री के लिए दोनों स्थिती में प्रसव तक है

मंदूबा

मंदूब फिकः: सुन्नत, पसंदीदा, वैध

मुन'अक़िद

आयोजित

मुन'अक़िदा

(नुतफ़ा वग़ैरा) ठहराने वाला

मुनक़्क़ला

(चिकित्सा) सर की वह चोट जिसमें खोपड़ी टूट जाए अथवा वह चोट जिसमें हड्डी टूट कर उसकी नोक बाहर निकल आए

मुनकर-नकीर

दो फ़िरिश्ते जो मुसलमानों के मतानुसार क़ब्र में मृतकों से पूछताछ करते हैं

मुनकर-नकीर

दो फ़िरिश्ते जो मुसलमानों के मतानुसार क़ब्र में मृतकों से पूछताछ करते हैं

मुनकरात

हराम या नाजायज़ बातें, जिन चीजों और कामों को करने से मना किया जाता है, ग़ैरक़ानूनी कार्य

मनकूहात

वो औरतें जिन से निकाह किया गया हो

मुनफ़रिद

(कनाएৃ) पुख़्ता, हक़ीक़ी (ज़बान)

मन्हिय्यात

वे वस्तुएँ जिनका खान पान धर्म में वर्जित हो, वे कर्म जो धर्म में वर्जित हों

मनाकीर

इंकार अर्थात अस्विकृत किए हुए, (धर्मशास्त्र) वो परंपराएँ या प्रथाएँ जो दैवीय आज्ञाओं के विरुद्ध हैं, अनुचित, धर्म-विरुद्ध बातें या चीज़ें, वर्जित, निषेध

मुनाबज़ा

(फ़िक़्ह) बैअ की एक किस्म कि बाए जब बैअ को मुशतरी के पास फेंक दे तो बैअ लाज़िम हो जाये । मना किया हज़रत सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम ने मिला मसह और मुनाबज़ा से

मुनासख़ा

एक क़ाइदा जिसके द्वारा दाय भाग होता है।

मनासिक

मूल तत्व

मफ़'ऊला

मफ़ऊल (रुक) की तानीस, (फ़िक़्ह) वो औरत जिस से इग़लाम या बदफ़ेली की गई हो

मफ़क़ूद

फ़िक़्ह: वो शख़्स जो घर से चला जाये और उसके मरने-जीने का कोई समाचार न हो

मफ़्क़ूद-उल-ख़बर

(फ़िक़्ह) वो मुस्लमान जिसको गैर-इस्लामी मुल्क में क़ैद रखा गया हो और उसका हाल मालूम न चले

मुफ़्तरज़ात

वह चीज़ें जो कल्पना की गई हों, कल्पित बातें, ख़याली मंसूबे

मुफ़्ती

धर्म शास्त्री, क़ाज़ी के ऊपर का अधिकारी, फ़तवा देने वाला

मुफ़्ती-ए-दीं

धर्म गुरु

मुफ़ल्लज

(धर्मशास्त्र एवं चिकित्सा) दाँतों के मध्य रिक्त स्थान

मुफ़व्वज़ा

सौंपना, सिपुर्द की हुई वस्तु, प्रेषित किया हुआ, हवाले किया हुआ

मुफ़स्सल

तफसील अर्थात् ब्योरे के रूप हुआ। २ स्पष्ट। पुं० किसी बड़े नगर के आस-पास के प्रदेश या स्थान। किसी बड़े शहर के आस-पास की छोटी बस्तियाँ।

मुफ़ावज़ा

चिट्ठी या पत्र जो बड़े की तरफ़ से छोटे को लिखा जाये

मम्नू'

जिसे किसी बात से रोका जाए

मुमय्यज़

(फ़िक़्ह) रहन रखी जाने वाली चीज़ जो दूसरी चीज़ से हो मगर वो रहन ना हो मसला फल रहन रखे जाएं दरख़्त रहन ना हो

मरदूदुश्शहादत

वह जिसकी गवाही स्वीकार योग्य न हो, वह व्यक्ति जिसकी गवाही मानी न जा सके

मुर्दार-माल

शिरा के ख़िलाफ़ हासिल की हुई दौलत, माले हराम, नाजायज़ तरीक़ों से हासिल की हुई दौलत

मे'राज़

(फ़िक़्ह) एक बेपर का तीर जो निशाने पर अर्ज़ से जा कर लगे तो शिकार (फ़िक़्ह में हराम और अगर उस की नोक में तेज़ी हो और नोक की जानिब से लगे तो शिकार हलाल है)

मुरातलहा

दो वस्तुओं का विनिमय जिसमें भार की समानता को दृष्टिगत रखा जाए (फ़िक़ह)

मुराहिक़ा

(फ़िक़्ह) मुराहिक़ (रुक) की तानीस, ऐसी लड़की कि इस के मिसल और औरतों से जमा हुआ हो और वो सन बलूग़ में मसलन नौ बरस या ज़्यादा की हो लेकिन अलामात बलूग़ ज़ाहिर नहीं

मूरिस-ए-फ़ासिद

नाना, मातामह

मैल करना

(फ़िक़्ह) रुजू होना

मुल्तक़त

बीना हुआ, चुना हुआ, उठाया हुआ, रफू किया हुआ

मुल्तज़िम

घाट या सड़क वग़ैरा का महसूल वसूल करने वाला अफ़्सर या कारिंदा

मुवद्दा'

सौंपा हुआ, धरोहर के रूप में रखा हुआ

मवाक़ीत

‘मीक़ात’ का बहु., वादे के स्थान, काम के समय, अनुमान लगाई हुई या निश्चित की हुई जगहें

मुवाफ़ात

(फ़िक़्ह) हज के लिए जाना , आना, पहुंचना , वफ़ादारी करना, वफ़ादारी, वफ़ा करना

मंसूख़

(लाक्षणिक) त्यागा हुआ, झूठा, न होने के जैसा

मस्तक़रिज़

(फ़िक़्ह) क़र्ज़ लेने वाला, उधार लेने वाला, क़र्ज़दार, मक़रूज़

मस्तूर

छुपा हुआ, गुप्त, पोशीदा, पंक्तियों में उल्लेखित, लिखा गया, पर्दा नशीन अर्थात महबूब

मस्तूर-उल-हाल

जिसकी स्थित छिपी हुई हो, जिसका हाल छिपा हो

मुस्तलज़्ज़ात

वांछित चीज़ें जिनसे स्वाद प्राप्त हो, फ़िक़्ह: वो चीज़ें जिनसे स्वाद प्राप्त कीया जाये, वांछित चीज़ या बातें, मज़ेदार चीज़ें

मुसतहब

वह कृत्य जिसके करने से पुण्य की प्राप्ति हो और न करने पर कोई दोष न लगे, वह प्रार्थना जिसे पैग़म्बर मोहम्मद साहब ने स्वयं की हो, उसकी अच्छाइयाँ बताई हों, परंतु उसके करने को स्पष्ट रूप से न कहा हो

मुस्तहसन

वह इबादत या प्रार्थना जो पैग़म्बर मोहम्मद साहब ने उत्तम या श्रेष्ठ बताया हो

मुस्तामिन

फ़िक़्ह: वो मुस्लमान जो किसी गैर-मुस्लिम देश में उनकी इजाज़त से पनाह ले, वो ग़ैर-मुस्लिम जो गैर-मुस्लिम देश से मुस्लिम-देश (शांति की संधि करने के बाद) शरण ले

मुस्तौलिदा

इस्तीलाद चाहने वाली , (फ़िक़्ह) वलद बनाई हुई, गोद ली हुई बच्ची (ख़ातून)

मुसद्दर

सादर क्या हुआ , (फ़िक़्ह) जिसे ओ्वलीत हासिल हो, मुक़द्दम क्या हुआ

मंसब-ए-इफ़्ता

(इस्लामिक धर्मशास्त्र) धार्मिक मामलों में शरीअत के अनुसार फ़तवा जारी करने का पद

मस्बूक़

पहले गुज़रा हुआ, पहले आया हुआ, गुज़रा हुआ, पीछे रह जाने वाला, भूतपूर्व

मुस्लम-फ़ीह

(फ़िक़्ह) वो (चीज़) जिस की क़ीमत कल या जुज़ु पहले अदा करदी जाये और वो (चीज़) बाद में उठाई जाये

मुसल्लस

त्रिकोण, त्रिभुज, तीन कोनों वाला, तिकोना, तीन पंक्तियों वाली कविता, एक पकार की शराब जो सुद्ध करने के बाद एक तिहाई रह जाती है, मशक, संदल और काफ़ूर से मिश्रित एक ख़ुशबू

मस्लहत-ज़रूरी

(फ़िक़्ह: इस्लामिक क़ानून अर्थात शरीयत की शैली)दंड की नीति एक प्रकार की , जिसके बिना जीवन संभव न हो अथवा संभव हो लेकिन इसके दोष से मनुष्य के भौतिक जीवन में हानि पहुँचती हो

मस्लहत-तहसीनी

(धर्मशास्त्र) एक प्रकार की सज़ा जिस में बुरा भला कहा जाता है और बेइज़्ज़त किया जाता है

मस्लहत-हाजी

(फ़िक़्ह) सज़ा की एक क़िस्म जो इंसानी ज़िंदगी में तंगी पैदा करे और दुशवारी का सबब क़रार दी जाये

मंसूस

वह बात जो क़ुरान और हदीस से स्पष्ट रूप से प्रमाणित हो

मंसूस करना

(धर्मशास्त्र) सहमत होना, सहमति देना, स्पष्ट करना

मंसूस होना

(फ़िक़्ह) प्रमाण पत्र द्वारा प्रमाणित होना, स्पष्ट होना

मंसूस-'अलैह

(फ़िक़्ह) जिस के मुताल्लिक़ तसरीह की गई या करानी आयत या हदीस मौजूद हो

मस्ह

ग़ुस्ल (स्नान) या वुज़ू के समय हाथ को किसी विशेष अंग पर फेरना

मुसाफ़िहात

(धर्म शास्त्र) व्यभिचारी स्त्रियाँ, अवैध संभोग करने वाली स्त्रियाँ, खुल्लम-खुल्ला अवैध संभोग करने वाली व्यभिचारी स्त्रियाँ औरतें

मुसालिह

(फ़िक़्ह) वो वारिस या शरीक जो दीन मुश्तर्क या तर्के में से किसी शैय मालूम को लेकर अलैहदा हो जाये और दूसरे वारिस या शरीक इस पर राज़ी हूँ, सुलह करने वाला

मुसिन्ना

(फ़िक़्ह) दो बरस का (क़ुर्बानी का जानवर)

मूसिया

वसीयत (मृत्यु से पूर्व दिया गया निर्देश) लिखने वाली स्त्री, वसीयत करने वाली औरत, मृत्यु के समय ये कहने वाली महिला कि मेरी मृत्यु के बाद ऐसा किया जाए

मूसी

(फ़िक़्ह) वसीयतकर्ता, मरने से पहले ये कहने वाला कि मेरी मृत्यु के पश्चात ऐसा करना

मसील

(धर्मशास्त्र) पानी बहने की जगह, वह जगह जहाँ पर बारिश वग़ैरा का पानी हो

महजूर

(धर्मशास्त्र) जिसके तसर्रुफ़ क़ौली का लागू होना मना हो

महज़ूरात

(फ़िक़्ह) वो बातें या काम जो ममनू हूँ, ममनूआत

मुहदस

नवजात

मह्र

वह राशि या संपत्ति जो मुसलमान वर निकाह के समय वधू को देने का वचन देता है

महर-ए-मुअख़्ख़र

(फ़िक़्ह) महर जो तलब करने पर वाजिब हो (मुअज्जल (रुक) के मुक़ाबिल), इंदत्तलब

महर-ए-मु'अज्जल

(फ़िक़्ह) वो महर जो निकाह के साथ ही ख़लवत से पहले अदा किया जाता है

मह्र-ए-मुअज्जल

वह मह्र जिसका भुगतान निकाह के समय न किया जाए बल्कि किसी समय भी अदा किया जाए

मह्र-ए-मिस्ल

वह मह्र जो लड़की के बाप के कुन्बे की दूसरी लड़कीयों के मह्र के बराबर क़ाजी के क़लम से उल्लिखित हो

मह्र-ए-शर'ई

वह मह्र जो इस्लामी धर्मशास्त्र के अनुसार पुरुष की क्षमता के अनुरूप हो

मा'क़ूद

विवाहित, ब्याह किया हुआ

मा'रूज़-'अलैहा

(न्यायशास्त्र) वह (महिला) जिसे (तलाक के संबंध में) बाहर रखा गया है या निलंबित कर दिया गया हो

माल-ए-बिज़ा'अत

(धर्मशास्त्र) कारोबारी सामान जिस पर अपना निजी धन लगाया जाए

माल-ए-मुज़ारबत

(फ़िक़्ह) वो सामान-ए-तिजारत जो एक शख़्स दूसरे को फ़रोख़त करने के लिए दे और इस के नफ़ा में शरीक हो

मिस्कीन

आजिज़, लाचार, दुर्बल, बिलकुल निर्बल, ख़ाकसार

मीरास-ए-असीर

(फ़िक़्ह) उस मुस्लमान की मीरास जो कुफ़्फ़ार की क़ैद में हो और इस का हिस्सा-ए- मीरास इस के वापिस आने तक महफ़ूज़ रखा जाये

मीरास-ए-ख़ुंसा

(फ़िक़्ह) हीजड़े की मीरास जो उसे मर्द या औरत क़रार देने की सूरत में मिलती है

मीरास-ए-मफ़्क़ूद

(फ़िक़्ह) उस शख़्स की मीरास जिस की ज़िंदगी और मौत की कोई इत्तिला ना हो सके

मीरास-ए-हम्ल

(फ़िक़्ह) वो जायदाद जो इस वारिस को मिले जो मूरिस की वफ़ात के वक़्त बतन-ए-मादर में मौजूद हो और ज़िंदा पैदा हुआ हो

मो'तक़िद

धर्म विश्वास या एतिक़ाद रखने वाला, श्रद्धालु, श्रद्धावान, मानने वाला, दिल से भरोसा रखने वाला

मो'तज़िद

(फ़िक़्ह) मदद लेने वाला , क़ुव्वत हासिल करने वाला

मो'तदा-ग़ैर

(धर्मशास्त्र) औरत जो इद्दत (मुसलमानों में पति के मरने या तलाक़ देने के बाद का वह समय जिसमें स्त्री पुनर्विवाह नहीं कर सकती) में हो

मो'तदा-बाइन

(फ़िक़्ह) मुतल्लक़ा जो इद्दत में हो

मो'तदा-वफ़ात

(धर्मशास्त्र) पत्नि जो पती की मृत्यु के कारण होने वाली वो निश्चित अवधि जिसमें वो विवाह नहीं कर सकती

मो'तमिर

सर पर पगड़ी बांधने वाले को मो'तमिर कहा जाता है

मो'तिक़

(विधिशास्त्र) नौकरानी या ग़ुलाम को आज़ाद करने वाला

मोहक्कम

(धर्म शास्त्र) वह जिसे न्ययिक बनाया गया हो, पंच

मौक़ूज़ा

मृत, लकड़ी से मारा हुआ, (धर्मशास्त्र) पत्थर या लकड़ी से मारा हुआ जानवर

मौक़ूफ़-'अलैह

जिस पर किसी काम का फ़ैसला मुनहसिर किया जाये , सालस पंच, सरपंच , (फ़िक़्ह) वो जिसे फ़ायदा पहुंचाने के लिए वक़्फ़ किया जाये

मौक़ूफ़ा

समर्पण किया हुआ, समर्पित, (धर्मशास्त्र) भगवान के नाम पर या अच्छे कामों के लिए छोड़ा हुआ धन-संपत्ती

मौक़िफ़ैन

(फ़िक़्ह) अर्फ़ात और मुज़दल्फ़ा दो मुक़ाम जहां हज के दिनों में क़ियाम लाज़िमी होताहै , मवाक़िफ़

मौतूह

(न्यायशास्त्र) संभोग की हुई, मैथुन की हुई, आलिंगन की हुई (स्त्री)

रुक्न

बाहरी भाग

रुजू' करना

सहायता चाहना

रज'अत

(तसव्वुफ़) रजत कहते हैं बसबब-ए-कहर-ए-इलहा के मुक़ाम-ए-वसूल से बितरीक़-ए-इन्क़िता फिर जाना

रज्म-ए-ज़ानी

(धर्मशास्त्र) व्यभिचारी पुरूष और महिला को दी जाने वाली सज़ा

रफ़'

उठाने जाने या बुलंद किए जाने का अमल या सूरत-ए-हाल

रिवायत लाना

(धर्मशास्त्र) इस्लामी परिभाषा में पैग़म्बर मोहम्मद के मुख से सुनी हुई बात का वर्णन किसी दूसरे से उन्हीं के शब्दों में करना

लग़्व

असंगत और बेतुका, बिलकुल झूठी और व्यर्थ की बात, असत्य, झूठ, अनर्थ, बेतुका, वाहियात, अर्थहीन, व्यर्थ, बेकार, बकवास, जो किसी काम का न हो

लाहिक़

(क़वाइद) वो लफ़्ज़ जो किसी लफ़्ज़ के शुरू या बाद में दर्ज हो लाहिक़ा या साबिक़ा

लाहिक़

(क़वाइद) वो लफ़्ज़ जो किसी लफ़्ज़ के शुरू या बाद में दर्ज हो लाहिक़ा या साबिक़ा

लि'आन

एक दूसरे को शापित करना

व'ईद

सज़ा का वादा, दंड की धमकी, धमकी, सरज़निश, अज़ाब का डरावा, सज़ा देने का वादा, अज़ाब का वादा

वुक़ू'-ए-इजमा'

(धर्मशास्त्र) किसी एक बात पर लोगों का एक मत होना

वक़्ती-'उज़्र

(फ़िक़्ह) उज़्र जो शरई ज़िम्मेदारीयों या इबादत से आरिज़ी तौर पर रोक दे (जैसे हैज़-ओ-नफ़ास वग़ैरा)

वक़्फ़

(शाब्दिक) खड़ा होना, ठहरना, स्थापित करना, क़याम करना, रुकना, अंतराल, ठहराव, सुकून

वुक़ूफ़

(शाब्दिक) ठहराव, क़ियाम

वक़्फ़ करना

व्यस्त कर देना, संलग्न कर देना, लीन कर देना

वुक़ूफ़-ए-'अरफ़ात

(धर्मशास्त्र) हज का एक मुख्य अनुष्ठान, नौ ज़िलल-हिज्जा को अराफ़ात के मैदान में तीर्थयात्रियों का ठहरना होता है, और इसके छुट जाने पर हज नहीं होता है

वक़्फ़-ए-'आम्मा

(फ़िक़्ह) अराज़ी या चीज़ें जो आम आदमी के इस्तिमाल और फ़ायदे के लिए हूँ , जैसे : मस्जिद, क़ब्रिस्तान वग़ैरा

वक़्फ़-ए-मुवक़्क़ती

(धर्मशास्त्र) ऐसा दान (सदक़ा) जो एक विशेष समय के लिए किया जाए

वकील करना

फ़िक़्ह: अपना वकील बनाना

वुजूब-ए-'इद्दत

(फ़िक़्ह) इद्दत का लाज़िम आना , इद्दत वाजिब हो जाना

वुजूब-ए-मह्र

मह्र का भुगतान करना आवश्यक हो जाना

वुजूब-ए-शर'ई

(फ़िक़्ह) वो वाजिब जिस का अमलन तारिक़ मुस्तहिक़ मुज़म्मत-ओ-अज़ाब हो , जो दलील ज़न्नी से साबित हो , जिस के इनकार से कुफ्र लाज़िम ना आए कभी कभी फ़र्ज़ पर भी वाजिब का इतलाक़ कर दिया जाता है

वतन-ए-असली

(तसव्वुफ़) जगह जहां से सब इंसानों की रूहें दुनिया में आई हैं और जहां लूट कर जाना है, आलम-ए-बाला, आलम-ए-अर्वाह

वतन-ए-इक़ामत

(इस्लामिक न्यायशास्त्र) अस्थाई रूप से निवास करने का या रहने का स्थान, अर्थात: स्थान जहाँ पंद्रह दिन या उससे अधिक समय का निवास हो

वदी'अत-ए-मु'अय्यन

(धर्मशास्त्र) अमानत जो तय अवधि और शर्तों पर रखी जाए

वला

आसक्ति, मोह, इश्क़ ।।

वली-ए-क़रीब

(फ़िक़्ह) (किसी लड़की या नाबालिग़ का) नज़दीकी सरपरस्त , क़रीबी सरपरस्त

वली-ए-निकाह

(फ़िक़्ह) हर आक़िल-ओ-बालिग़ मुस्लमान जिस को बलिहाज़ अहकाम शिरा हक़ वलाएत पहूँचता हो, वली निकाह हो सकता है, जो बालिग़ का निकाह कराने का इख़तियार रखता हो

वली-ए-मजाज़

(धर्मशास्त्र) वह अभिभावक जिसे अधिकार दिया गया हो, किसी नाबालिग़ का अधिकृत अभिभावक

वली-ए-मुजीर

(फ़िक़्ह) मुराद : नाबालिग़ का सरपरस्त जिसे किसी वली की अदमे मौजूदगी के सबब सरकारी तौर पर उजरत पर नामज़द किया गया हो और नाबालिग़ ही के माल से उसे इस काम की उजरत दी जाये

वली-ए-हक़ीक़ी

(धर्मशास्त्र) वास्तविक अभिभावक

वस्फ़-ए-ख़ारिजी

(फ़िक़्ह) शर्त, लाज़िमी अमर

वसायत

शाब्दिक: जो कुछ कि आज्ञा किया गया, वसीयत, फ़िक़्ह: वकालत, अवयस्क की अभिभावकता, अभिभावक होना (शी'आ), वसी (हज़रत अली) का पद

वसिय्यत बातिल करना

(फ़िक़्ह) वसीयत ख़त्म कर देना, वसीयत पर अमल रोक देना

वसिय्यत-उल-वाजिबा

मिस्र के क़ानून के अंतर्गत वह क़ानूनी विरासत जो बिना वसीयत किए हुए भी मृतक के वारिसों को दिया जाएगा

वसिय्यत-ए-इख़्तियारिया

(फ़िक़्ह) वो वसीयत जो करने वाले की मर्ज़ी पर मुनहसिर हो

वसिय्यत-कुनिंदा

(धर्मशास्त्र) वसीयत करने वाला

वसिय्यत-कर्दा

(न्यायशास्त्र) जिसके पक्ष में वसीयत की गई हो

वसिय्यत-मुरत्तबा

(फ़िक़्ह) किसी मुईन शैय की आमदनी से वज़ीफ़ा दिए जाने की वसीयत

वसी

(अहल-ए-तशीअ) वो शख़्स जिस (की जा नशीनी) के लिए वसीयत की गई , मुराद : हज़रत अली करम अल्लाह वजहा

वसी-क़ाज़ी

(फ़िक़्ह) वो शख़्स जिसे अदालत ने मरने वाले शख़्स के तर्के के इंतिज़ाम के लिए मुक़र्रर क्या हो

वसी-मुख़्तार

(फ़िक़्ह) रुक : वसी असली

वाजिब

ईश्वर, प्रभु

वाजिब-किफ़ाई

(फ़िक़्ह) बदले के तौर पर लाज़िम, ऐसा वाजिब जिसे अगर कोई एक (शख़्स) भी अदा कर दे तो दूसरे पर वाजिब नहीं रहता (जैसे ग़ुसल मी्यत वग़ैरा)

वाजिब-किफ़ाया

(फ़िक़्ह) रुक : वाजिब कफ़ाई

वाजिब-फ़िल-'अमल

जिसको करना अनिवार्य हो, जिस पर अमल करना लाज़िम हो

वाजिबात तर्क होना

ज़रूरी और अनिवार्य कार्य छूट जाना

वारिस-ए-कबीर

(फ़िक़्ह) बालिग़ वारिस (वारिस इसग़ीर के मुक़ाबिल)

वारिस-सग़ीर

(धर्मशास्त्र) नाबालिग़ वारिस

वाहिब

देनेवाला, प्रदान करनेवाला, दाता ।

विलायत-ए-'आम

(फ़िक़्ह) रुक : वलाएतिआमा

विलायत-ए-इजबार

(फ़िक़्ह) वली के बगै़र औरत का निकाह ना होना

विलायत-ए-नफ़्स

(फ़िक़्ह) रुक : वलाएत-ए-निकाह

विलायत-ए-निकाह

(फ़िक़्ह) निकाह वग़ैरा के लिए वली होने की हालत या मंसब, सरपरस्ती

शैख़ैन

प्रतीकात्मक: हज़रत अबु-बकर और हज़रात उम्र

शिर्क-ए-महज़

(फ़िक़्ह) जो मुहब्बत ख़ुदा के वास्ते लाज़िम है वो वालदैन के हक़ में मरई रखना शिर्क महिज़ है

शिरकत-ए-मुफ़ावज़ा

(फ़िक़्ह) वो हिस्सादारी जिस में दोनों शरीक माल, उम्र, हैसियत और दीन में बराबर हूँ मसलन मुस्लमान और काफ़िर, आज़ाद और ग़ुलाम में शिरकत जायज़ नहीं

शिरकत-ए-मुशा'ई

(फ़िक़्ह) वो हिस्सादारी जिस में माल मुशतर्का हो और मुनक़सिम ना हो

शिरकत-ए-मिल्क

(फ़िक़्ह) दो शख़्स विरासत की वजह या ख़रीदारी से एक चीज़ के मालिक हो जावें और इस शिरकत में हर एक अन्न में से अजनबी होता है यानी हर एक को दूसरे के हिस्से में तसव्वुफ़ जायज़ नहीं बगै़र उस की इजाज़त के

शिरकत-ए-वुजूह

(धर्मशास्त्र) वह हिस्सेदारी जिसमें दोनों साझेदार माल क़र्ज़ के तौर पर खरीदें और बेचें और नक़द कुछ नहीं लगाएं और असल क़ीमत मालिक के हवाले करके लाभ आपस में बाँट लें और इसमें हर एक दूसरे का वकील और कफ़ील होता है

शिरकत-ए-सनाइ'

(धर्मशास्त्र) एक साझेदारी जिसमें दो कारीगर इस शर्त पर साझेदार हों कि दोनों मिलकर काम किया करें और मज़दूरी जो कुछ मिले उसको दोनों विभाजित कर लिया करें या काम दोनों बराबर करें लेकिन मज़दूरी की राशि में से एक को अधिक मिले और दूसरे को कम

स'ई

अग्रिम धन राशि

स'ईद

मृत्तिका, मिट्टी, पृथ्वी, ज़मीन।

सद-ए-ज़राइ'

(उसूल-ए-फ़िक़्ह) ऐसी जायज़ बातों से रोकना जिन के ज़रीये किसी नाजायज़ काम के इर्तिकाब का ख़तरा हो

सनद-ए-मुत्तसिल

(फ़िक्ह) क़रीबी दलील, तसलसुल से मिलने वाली तसदीक़ या सबूत, जिस सनद के दरमयान कोई रावी झूओटा ना हो

सनद-ए-मनादिला

(फ़िक्ह) फ़ज़ीलत की सनद जिस के साथ दस्तार बंदी होती है, उलूम-ए-हदीस-ओ-फ़िक़्ह के हामिल के एक अह्द, दस्तार-ए-फ़ज़ीलत

सुन्नत

ख़तना, खत्नः, मुसलमानी

सुन्नत-ए-इब्राहीमी

बक़रा'ईद पर पैग़म्बर इब्राहीम की प्रथा के अनुसार जानवर की क़ुर्बानी अर्थात बाली देना

सुन्नत-ए-मुवक्किदा

(फ़िक्ह) पाँच वक़्त की नमाज़ में वो बारह रकातें जिन के अदा करने की ताकीद फ़रमाई गई है

सुन्नत-ए-मुस्तहबा

(फ़िक्ह) पसंद की हुई शैली

सुन्नत-ए-रसूल

पैगंबर मुहम्मद का तरीका और जीने का ढंग

सुन्नती

पैग़ंबर मोहम्मद की सुन्नत का पालन करने वाला

सफ़ीर-ए-महज़

(फ़िक़्ह) गवाह, हाज़िर मुद्दई का वकील, आरज़ी शाहिद

सबील

मार्ग, सड़क, रास्ता, उपाय, निकालना, द्वार, साधन, तरीक़ा, यत्न, तदबीर, पद्धति, शैली, तर्ज, प्रबंध, व्यवस्था, पानी पिलाने का स्थान, पियाऊ, छबील, मुहर्रम में शर्बत पिलाने का स्थान

सवाद-ए-आ'ज़म

महानगर, बड़ी संख़्या, बहुसंख्यक

साहिब-ए-फ़र्ज़

(फ़िक़्ह) तर्के के वो वारिस जिस के हिस्से की हद मुक़र्रर हो जैसे : बीवी शौहर या माँ बाप

सिर्री

फ़िक़्ह: सिर्र, जिससे ये मंसूब है, वो नमाज़ जिसमें इमाम शांत हो कर क़ुरआन की आयतें पढ़ता है

सीग़ा जारी होना

۱. (फ़िक्ह-ए-जाफ़रिया) निकाह पढ़ा जाना, अक़द होना

हज-ए-मुफ़रद

(फ़िक़्ह) वो हज जो बुला उमरा अदा किया जाये, सिर्फ़ हज, मुतलक़-ए-हज

हज्ज-ए-क़िरान

(फ़िक़्ह) वो हज जिस में उमरा और हज दोनों एक ही एहराम से अदा किए जाएं

हुदूद-ए-शर'इय्या

शरई सज़ाएं, वो सज़ाएं जो क़ानून इस्लाम के मुताबिक़ हूँ, रुक हद मानी नंबर १३

हदस

(फ़िक़्ह) वह चीज़ जिससे वुज़ू टूट जाए, शौच, पाद आदि जिसके होने से वुज़ू टूट जाता है

हदस-ए-अकबर

बड़ी घटना, बिल्कुल असामान्य बात

हदस-ए-असग़र

(फ़िक़्ह) छोटी नजासत हकमेह, बे वुज़ू होने की हालत, बोल-ओ-बराज़-ओ-रिया के इख़राज से वुज़ू टूट जाने की हालत

हसन

सुंदरता, ,मनोरमता, अच्छाई, प्रसन्नता

हाजिब

द्वारपाल, प्रहरी, दरबान, चोब- दार, दंडधारी, भ्रू, भौं।

हाज़िल

रात का दरमयान नीज़ रात का आग़ाज़ या बाक़ीमांदा हिस्सा

हिबा-ताम

(धर्मशास्त्र) वो उपहार जो किसी भी सूरत में पूर्ण हो

बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone