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यूँ भी हो , वूँ भी

इअस तरह से भी मुम्किन हो इस तरह से भी, यानी दोनों तरह दरुस्त हो (बात वग़ैरा)

यूँ भी

ऐसे भी, इस तरह भी

वूँ भी

वैसे भी, इसी तरह भी

सुफ़्त भी हो मुफ़्त भी बड़े पने का भी हो

माल-ए-मुफ़्त की निसबत बोलते हैं

कुछ भी हो

come what may, no matter what happens

सुनते भी हो

मुतवज्जोह हो जाओ

पीठ पीछे कुछ भी हो

जो हानि समक्ष न हो उसका अधिक दुख नहीं होता

यूँ भी देखा वूँ भी देखा

नैरंगे-ए-ज़माना देखी, ख़ुशी देखी गम भी देखा, इअस तरह और इस तरह हर तरह इमतिहान करलिया, देखने में कोई दक़ीक़ा ना छोड़ा, हर तरह से दुनिया को देखा

तुम भी क्या हो

کہنا کچھ کرنا کچھ ، سامنے کچھ پیچھے کچھ

यूँ भी बुरे , वूँ भी बुरे

ऐसे भी ुबरे वैसे भी ुबरे, हर हाल में ुबरे

वो भी घड़ी हो

ईश्वर करे कि वह समय भी आए

यूँ भी वाह वाह, वूँ भी वाह वाह

دونوں طرح سے خوب ہے، ہر طرح سے خوشی کی جگہ

तुम भी बहुत दूर हो

خوب آدمی ہو

जिस तरह भी हो

in whatever way possible, however possible

वो भी दिन हो

कोई ऐसा समय भी आएगा जब अपनी इच्छाएँ पूरी होंगी

तुम थूकते हो हम थूकते भी नहीं

हम को तुम से भी अधिक घृणा है, जब किसी व्यक्ति को किसी वस्तु अथवा किसी अन्य व्यक्ति से संबंधित अधिक घृणा दर्शाना हो तो कहते हैं

भूक में भजन भी न हो

भूखे आदमी से इबादत और पूजा भी नहीं हो सकती

यूँ भी है और यूँ भी

इस तरह भी है इस तरह भी (ज़ौ मानी बात कहने के मौक़ा पर मुस्तामल)

ये भी हो सकता है

यह भी संभव है, इस का भी संभावना है

कोई तुम भी तमाशा हो

तुम भी अजीब आदमी हो

तुम भी कोरे चालीस सेरे बेवक़ूफ़ हो

तुम बेहद बेवक़ूफ़ हो

आप के भी सदक़े हो जाइए

बड़े मूर्ख हैं

आटा नहीं तो दलिया जब भी हो जाएगा

थोड़ा-बहुत लाभ हो जाएगा

फ़ाक़ों में हराम भी हलाल हो जाता है

मजबूरी में सब जायज़ हो जाता है

अमीर के पास क़ब्र भी न हो

निर्धन के लिए धनवान का पड़ोसी होना अच्छा नहीं होता

यूँ भी वाह वा और वूँ भी वाह वा

दोनों तरह से ख़ूब है, हर तरह से ख़ुश की जगह, दोनों तरह कामयाबी, इअस तरह भी ख़ूब इस तरह भी ख़ूब

यूँ भी गुज़र गई मिरी वूँ भी गुज़र गई

ऐसे भी गुज़र गई वैसे भी गुज़र गई, बहरहाल किसी तरह बसर-ए-औक़ात होगई

मोम हो तो पिघले, कहीं पत्थर भी पिघला है

कठोर दिल व्यक्ति के संबंध में कहते हैं

यूँ भी सही

۔ इस तरह भी मंज़ूर है

सहरी भी न खाऊँ तो काफ़िर न हो जाऊँ

ایک ماما سحری کھا لیتی تھی روزہ نہ رکھتی تھی ، ایک دن مالک نے پوچھا تو یہ جواب دیا ، یعنی دین کی مطلب کی بات مان لی اور تکلیف کی بات چھوڑ دی.

बैठे बैठे तो क़ारून का ख़ज़ाना भी ख़ाली हो जाता है

बेकार बैठ कर ख़र्च करने से कितना ही धन-दौलत या जायदाद हो समाप्त हो जाता है इस लिए कमाई करनी चाहिए

वो बात कहते हो कि गधे को भी हँसी आए

नादानी की बात, सरासर नादानी की बात कहना, बहुत मूर्खता की बात करते हो

मुझ को चाहते हो तो मेरे कुत्ते को भी चाहो

अगर मुझ से मुहब्बत है तो मेरी ज़रीत से भी मुहब्बत रखनी होगी

दिन भले ही न हो जाएँ या फिर भी न जाएँ

अगर काम हो जाये तो नसीबा ही ना जाग जाये

तुरत-फुरत हो वो भी कार मदद करे जिस की सरकार

जिस काम में ईश्वर की सहायता हो वह जल्द हो जाता है

रोज़ रोज़ की दवा भी ग़िज़ा हो जाती है

आम तौर पर दवा इस्तिमाल की जाये तो इस का असर नहीं होता, मामूल की चीज़ की एहमीयत बाक़ी नहीं रहती

किसी ने ये भी न पूछा कि तुम किस बाग़ की मूली हो

किसी ने परवाह भी नहीं की, रास्ते सुरक्षित हैं कहीं लूट मार नहीं होती

नमाज़ नहीं रोज़ा नहीं सहरी भी न हो तो निरे काफ़िर बन जाएँगे

अगर बहुत सा असंभव हो तो थोड़ा सा सही, ऐसे अवसर पर उपयोगित जब किसी धार्मिक शिक्षा पर प्रक्रिया अपने पक्ष में हो

यूँ भी होता है

यूँ भी है, ऐसे भी होता है, इस तरह भी होता है

यूँ से वूँ हो जाना

एक हालत से दूसरी हालत और स्थिति में बदल जाना

हज़ार लाठी टूटी हो फिर भी घर भर के बर्तन तोड़ने के लिए काफ़ी है

पति भले ही दुबला-पतला हो, लेकिन पत्नी को मारने के लिए काफी है; टूटा हुआ हथियार भी काम आता है

रोज़े रखें न नमाज़ पढ़ें, सहरी भी न खाएं तो काफ़िर हो जाएं

نفس پرورں کا مقولہ ہے.

उत भी तू मत बैठ पियारे जित बैठे हों बैरी सारे

जहाँ शत्रु हों वहाँ रुकना ठीक नहीं है

होंट हिले न जीबा खोली , फिर भी सास कहे बड़ बोली

ना होंट हिलते हैं ना ज़बान हरकत करती है फिर भी सास बोलने का इल्ज़ाम लगा देती है, जहां ख़्वाहमख़्वाह का इल्ज़ाम लगे वहां बोलते हैं

रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो महज़ काफ़िर हो जाए

ये कहावत उन लोगों की है जो इंद्रियों के वश में रहते हैं, रोज़ा नमाज़ न सही मगर सहरी ज़रूर खानी चाहिए

होंट भींचना

होंट बंद कर लेना , चुप हो जाना

होंट भिंचना

होंट जुड़ जाना , बात तक ना हो सकना

होंट भींच लेना

होंट बंद कर लेना , चुप हो जाना

होंट भिंच जाना

होंट जुड़ जाना , बात तक ना हो सकना

उत दाता देवे ऐसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में यूँ भी हो , वूँ भी के अर्थदेखिए

यूँ भी हो , वूँ भी

yuu.n bhii ho , vuu.n bhiiیُوں بھی ہو ، وُوں بھی

वाक्य

यूँ भी हो , वूँ भी के हिंदी अर्थ

  • इअस तरह से भी मुम्किन हो इस तरह से भी, यानी दोनों तरह दरुस्त हो (बात वग़ैरा)

یُوں بھی ہو ، وُوں بھی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ِاس طرح سے بھی ممکن ہو اس طرح سے بھی ، یعنی دونوں طرح درست ہو (بات وغیرہ) ۔

Urdu meaning of yuu.n bhii ho , vuu.n bhii

  • Roman
  • Urdu

  • ias tarah se bhii mumkin ho is tarah se bhii, yaanii dono.n tarah darust ho (baat vaGaira)

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यूँ भी हो , वूँ भी

इअस तरह से भी मुम्किन हो इस तरह से भी, यानी दोनों तरह दरुस्त हो (बात वग़ैरा)

यूँ भी

ऐसे भी, इस तरह भी

वूँ भी

वैसे भी, इसी तरह भी

सुफ़्त भी हो मुफ़्त भी बड़े पने का भी हो

माल-ए-मुफ़्त की निसबत बोलते हैं

कुछ भी हो

come what may, no matter what happens

सुनते भी हो

मुतवज्जोह हो जाओ

पीठ पीछे कुछ भी हो

जो हानि समक्ष न हो उसका अधिक दुख नहीं होता

यूँ भी देखा वूँ भी देखा

नैरंगे-ए-ज़माना देखी, ख़ुशी देखी गम भी देखा, इअस तरह और इस तरह हर तरह इमतिहान करलिया, देखने में कोई दक़ीक़ा ना छोड़ा, हर तरह से दुनिया को देखा

तुम भी क्या हो

کہنا کچھ کرنا کچھ ، سامنے کچھ پیچھے کچھ

यूँ भी बुरे , वूँ भी बुरे

ऐसे भी ुबरे वैसे भी ुबरे, हर हाल में ुबरे

वो भी घड़ी हो

ईश्वर करे कि वह समय भी आए

यूँ भी वाह वाह, वूँ भी वाह वाह

دونوں طرح سے خوب ہے، ہر طرح سے خوشی کی جگہ

तुम भी बहुत दूर हो

خوب آدمی ہو

जिस तरह भी हो

in whatever way possible, however possible

वो भी दिन हो

कोई ऐसा समय भी आएगा जब अपनी इच्छाएँ पूरी होंगी

तुम थूकते हो हम थूकते भी नहीं

हम को तुम से भी अधिक घृणा है, जब किसी व्यक्ति को किसी वस्तु अथवा किसी अन्य व्यक्ति से संबंधित अधिक घृणा दर्शाना हो तो कहते हैं

भूक में भजन भी न हो

भूखे आदमी से इबादत और पूजा भी नहीं हो सकती

यूँ भी है और यूँ भी

इस तरह भी है इस तरह भी (ज़ौ मानी बात कहने के मौक़ा पर मुस्तामल)

ये भी हो सकता है

यह भी संभव है, इस का भी संभावना है

कोई तुम भी तमाशा हो

तुम भी अजीब आदमी हो

तुम भी कोरे चालीस सेरे बेवक़ूफ़ हो

तुम बेहद बेवक़ूफ़ हो

आप के भी सदक़े हो जाइए

बड़े मूर्ख हैं

आटा नहीं तो दलिया जब भी हो जाएगा

थोड़ा-बहुत लाभ हो जाएगा

फ़ाक़ों में हराम भी हलाल हो जाता है

मजबूरी में सब जायज़ हो जाता है

अमीर के पास क़ब्र भी न हो

निर्धन के लिए धनवान का पड़ोसी होना अच्छा नहीं होता

यूँ भी वाह वा और वूँ भी वाह वा

दोनों तरह से ख़ूब है, हर तरह से ख़ुश की जगह, दोनों तरह कामयाबी, इअस तरह भी ख़ूब इस तरह भी ख़ूब

यूँ भी गुज़र गई मिरी वूँ भी गुज़र गई

ऐसे भी गुज़र गई वैसे भी गुज़र गई, बहरहाल किसी तरह बसर-ए-औक़ात होगई

मोम हो तो पिघले, कहीं पत्थर भी पिघला है

कठोर दिल व्यक्ति के संबंध में कहते हैं

यूँ भी सही

۔ इस तरह भी मंज़ूर है

सहरी भी न खाऊँ तो काफ़िर न हो जाऊँ

ایک ماما سحری کھا لیتی تھی روزہ نہ رکھتی تھی ، ایک دن مالک نے پوچھا تو یہ جواب دیا ، یعنی دین کی مطلب کی بات مان لی اور تکلیف کی بات چھوڑ دی.

बैठे बैठे तो क़ारून का ख़ज़ाना भी ख़ाली हो जाता है

बेकार बैठ कर ख़र्च करने से कितना ही धन-दौलत या जायदाद हो समाप्त हो जाता है इस लिए कमाई करनी चाहिए

वो बात कहते हो कि गधे को भी हँसी आए

नादानी की बात, सरासर नादानी की बात कहना, बहुत मूर्खता की बात करते हो

मुझ को चाहते हो तो मेरे कुत्ते को भी चाहो

अगर मुझ से मुहब्बत है तो मेरी ज़रीत से भी मुहब्बत रखनी होगी

दिन भले ही न हो जाएँ या फिर भी न जाएँ

अगर काम हो जाये तो नसीबा ही ना जाग जाये

तुरत-फुरत हो वो भी कार मदद करे जिस की सरकार

जिस काम में ईश्वर की सहायता हो वह जल्द हो जाता है

रोज़ रोज़ की दवा भी ग़िज़ा हो जाती है

आम तौर पर दवा इस्तिमाल की जाये तो इस का असर नहीं होता, मामूल की चीज़ की एहमीयत बाक़ी नहीं रहती

किसी ने ये भी न पूछा कि तुम किस बाग़ की मूली हो

किसी ने परवाह भी नहीं की, रास्ते सुरक्षित हैं कहीं लूट मार नहीं होती

नमाज़ नहीं रोज़ा नहीं सहरी भी न हो तो निरे काफ़िर बन जाएँगे

अगर बहुत सा असंभव हो तो थोड़ा सा सही, ऐसे अवसर पर उपयोगित जब किसी धार्मिक शिक्षा पर प्रक्रिया अपने पक्ष में हो

यूँ भी होता है

यूँ भी है, ऐसे भी होता है, इस तरह भी होता है

यूँ से वूँ हो जाना

एक हालत से दूसरी हालत और स्थिति में बदल जाना

हज़ार लाठी टूटी हो फिर भी घर भर के बर्तन तोड़ने के लिए काफ़ी है

पति भले ही दुबला-पतला हो, लेकिन पत्नी को मारने के लिए काफी है; टूटा हुआ हथियार भी काम आता है

रोज़े रखें न नमाज़ पढ़ें, सहरी भी न खाएं तो काफ़िर हो जाएं

نفس پرورں کا مقولہ ہے.

उत भी तू मत बैठ पियारे जित बैठे हों बैरी सारे

जहाँ शत्रु हों वहाँ रुकना ठीक नहीं है

होंट हिले न जीबा खोली , फिर भी सास कहे बड़ बोली

ना होंट हिलते हैं ना ज़बान हरकत करती है फिर भी सास बोलने का इल्ज़ाम लगा देती है, जहां ख़्वाहमख़्वाह का इल्ज़ाम लगे वहां बोलते हैं

रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो महज़ काफ़िर हो जाए

ये कहावत उन लोगों की है जो इंद्रियों के वश में रहते हैं, रोज़ा नमाज़ न सही मगर सहरी ज़रूर खानी चाहिए

होंट भींचना

होंट बंद कर लेना , चुप हो जाना

होंट भिंचना

होंट जुड़ जाना , बात तक ना हो सकना

होंट भींच लेना

होंट बंद कर लेना , चुप हो जाना

होंट भिंच जाना

होंट जुड़ जाना , बात तक ना हो सकना

उत दाता देवे ऐसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

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