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थे

was

थें

رک : تھے ، سے .

थेगली

= थिगली

थेथली

تھیتھلا (رک) کی تانیث ، اُتھلی ، خالی ، بے وزن ، ہلکی (بات وغیرہ) .

थेंथर

थका हुआ, सुस्त, काहिल, परेशान, हैरान

थेंवरा

तख़्ता बाग़ का, फूलों का तख़्ता

थेट्रीकल

رک : تھیٹری .

थेर

calm, stagnant, firm, stable

थेट

आरंभ का, मूल, असली, विशेष

थेटर

नाटक, वो जगह या मकान जहां नाटक खेला जाये, तमाशा गाह, नाच घर, बड़ा थैला

थेरना

قیام کرنا ، رک : ٹھیرنا .

थेलना

رک : ٹھیلنا ؛ ٹھلنا .

थेजना

ठहरना, थमना

थेथ्ली रकाबी फुलफुला भात, लो पंचों हाथों हाथ

थोड़ी चीज़ पर बहुत दिखावा

थेथला

कम गहरा, उथला

नज़दीक थे

नज़दीक से, क़रीब से

इसी थे

اسی غرض یا وجہ سے ، اسی لیے .

एकस थे एक

ایک سے بڑھ کر ایک

कौन दिन थे

۔कैसे अच्छ्াे दिन थे।

दस कमाते थे बीस खाते थे बरसात के बा'द घर आते थे

बहुत फ़ुज़ूल ख़र्च करते थे

क्या दिन थे

कैसा अच्छा ज़माना था, अजब ज़माना था

वो कौन दिन थे

वह क्या अच्छा समय था, वह क्या शानदार और सुंदर दिन थे

तुम सदक़े गए थे

دوست سے اظہار نفرت یا اظہار الفت کے وقت بھی بطور استعارہؑ عداوت آمیز بولتے ہیں

सर थे पग लगों

سرتا پا ، سر سے پان٘و تک .

ख़ुदा रखते थे

हमारा भी अल्लाह है, हमारा भी कोई मुहाफ़िज़ है

वो दिन क्या थे

۔क्या अच्छा ज़माना था

क्यों हम न कहते थे

didn't I/we tell or warn you?

क्या कम थे

पहले ही बहुत थे, काफ़ी था, अब और हो गया (ज़्यादती ज़ाहिर करने के मौक़ा पर मुस्तामल)

वो दिन भी ग़नीमत थे

۔वो ज़माना अच्छा था।

मुख थे फूल झड़ना

रुक : मुँह से फूल झड़ना

क्या आग लेने आए थे

जब कोई शख़्स आकर फ़ौरन चला जाता है इस के बारे में तंज़न कहते हैं

क्या आग लेने आए थे

۔جب کوئی شخص فوراً آکر چلا جاتا ہے اس کی نسبت طنزاً کہتے ہیں۔

क्या क्या इरादे थे

बहुत इरादे थे, हसरत न निकली

दाँत थे तो चने न थे, चने हुए तो दाँत नहीं

जब जवानी थी तो कुछ सामर्थ्य न था और जब सामर्थ्य हुआ तो जवानी न रही, बेवक़्त इच्छा प्राप्त होने पर बोलते हैं

तुम सदक़े क्यों न हुए थे

دوست سے اظہار نفرت یا اظہار الفت کے وقت بھی بطور استعارہؑ عداوت آمیز بولتے ہیں

क्या पटाक पड़े थे

कैसा हंगामा होता था, क्या उत्साह या ख़ुशी हुई थी, कुछ भी न था

जीते थे तो राह बताते थे अब तो मरे पड़े हैं

कभी हमारी गिनती भी बुद्धिमानों में थी अब तो बेकार हो गए हैं

सूरत में लाल लगे थे

बहुत सुंदर था (सामान्यतः क्या के साथ प्रयुक्त)

वो भी क्या दिन थे

क्या अच्छा समय था

जब चने थे तब दाँत न थे, जब दाँत हुए तब चने नहीं

जवानी में निर्धनता थी आनंद न उठाया, दीर्घायु में धन मिला अब आनंद उठाने का बल ही नहीं

जब चने न थे तो दाँत थे , जब चने हुए तो दाँत नहीं

रुक : जब चुने थे अलख , बेवक़त किसी चीज़ का हासिल होना

इतनी बी ले कर आए थे

रुक : उतनी ही थी

जिस दिन खील बतासे बरसे थे

कमअक़्ल या नासमझ आदमी जब बात नहीं समझता या जब लोग इस को बनाते हैं, उस वक़्त बोलते हैं

आग लेने आए थे क्या आए क्या चले

बहुत थोड़े समय के लिए आना, आते ही लौट जाना

सर थे

سر سے ، سر کے اُوپر سے .

कभी तो हमारे भी कोई थे

पुराना संबंध भुला दिया

छब्बे होने गए थे दूबे रह गए

तरक़्क़ी की कोशिश में तनज़्ज़ुल नसीब हो तो ये मिसल बोली जाती है, बिलउमूम चौबे के साथ मुस्तामल

वो कम्बल ही गए जिसमें तिल बँधते थे

अब वह वस्तु ही नहीं जिसके कारण से लोग मुतवज्जा होते थे

सदा मियाँ घोड़े ही तो रखते थे

जब कोई व्यक्ति अपनी बिसात से बाहर क़दम रखता है और अपनी बड़ाई बयान करता है तो व्यंगात्मक तौर पर कहते हैं

दरख़्त बोए थे आम के , हो गए बबूल

जब नफ़ाह की उम्मीद पर काम करने से नुक़्सान होजाए तो कहते हैं

चौबे गए थे छब्बे होने दूबे हो आए

कोई तरक़्क़ी के लिए कुछ काम करे और बजाय तरक़्क़ी के तनज़्ज़ुल हो जाये तो कहते हैं

वो कमली ही नहीं जिस में तिल बँधते थे

अब वह वस्तु ही नहीं जिसके कारण से लोग मुतवज्जा होते थे

वो मंढी ही जाती रही जहाँ अतीत रहते थे

वही नहीं रहे जिन से लाभ उठाते थे, वो बुनियाद ही समाप्त हो गई है

वो तो हम समझे ही थे

हमें तो पहले से मालूम था

वो कमली ही जाती रही जिसमें तिल बँधते थे

अब वो चीज़ ही नहीं जिस के कारण लोग मुतवज्जा होते थे अर्थात ध्यान देते थे, हुस्न जाता रहा एवं वो ज़माना जाता रहा

गए वो दिन जो ख़लील ख़ाँ फ़ाख़्ता मारते थे

خوش اقبالی کا زمانہ جاتا رہا ، اب ادبار کا زمانہ ہے.

आपस थे

आपस में, एक-दूसरे के साथ, परस्पर, मिलकर

दादा जान पराए बर्दे आज़ाद करते थे

शेखी मारने वाले के संबंध में कहते हैं

रोने ही को थे इतने में आ गया भाई

रोने के लिए बहाना मिल गया, ख़फ़ा तो थे ही तकरार से और भी इशारा हो गया ज़बरदस्ती किसी से छेड़छाड़ करना यानी ऊओंगते को ठेलते का बहाना हो गया

दुश्मन की गली क्यों गए थे, अपना दोस्त गिरवी था

ज़रूरत के हिसाब से किसी ऐसे स्थान पर जाने के मौक़े पर इस्तेमाल किया जाता है जहाँ जाना उचित न हो

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में थे के अर्थदेखिए

थे

theتھے

वज़्न : 2

English meaning of the

Verb, Archaic

  • was
  • were

تھے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل، قدیم/فرسودہ

  • رک : تے (= سے) .

Urdu meaning of the

  • Roman
  • Urdu

  • ruk ha tay (= se)

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थे

was

थें

رک : تھے ، سے .

थेगली

= थिगली

थेथली

تھیتھلا (رک) کی تانیث ، اُتھلی ، خالی ، بے وزن ، ہلکی (بات وغیرہ) .

थेंथर

थका हुआ, सुस्त, काहिल, परेशान, हैरान

थेंवरा

तख़्ता बाग़ का, फूलों का तख़्ता

थेट्रीकल

رک : تھیٹری .

थेर

calm, stagnant, firm, stable

थेट

आरंभ का, मूल, असली, विशेष

थेटर

नाटक, वो जगह या मकान जहां नाटक खेला जाये, तमाशा गाह, नाच घर, बड़ा थैला

थेरना

قیام کرنا ، رک : ٹھیرنا .

थेलना

رک : ٹھیلنا ؛ ٹھلنا .

थेजना

ठहरना, थमना

थेथ्ली रकाबी फुलफुला भात, लो पंचों हाथों हाथ

थोड़ी चीज़ पर बहुत दिखावा

थेथला

कम गहरा, उथला

नज़दीक थे

नज़दीक से, क़रीब से

इसी थे

اسی غرض یا وجہ سے ، اسی لیے .

एकस थे एक

ایک سے بڑھ کر ایک

कौन दिन थे

۔कैसे अच्छ्াे दिन थे।

दस कमाते थे बीस खाते थे बरसात के बा'द घर आते थे

बहुत फ़ुज़ूल ख़र्च करते थे

क्या दिन थे

कैसा अच्छा ज़माना था, अजब ज़माना था

वो कौन दिन थे

वह क्या अच्छा समय था, वह क्या शानदार और सुंदर दिन थे

तुम सदक़े गए थे

دوست سے اظہار نفرت یا اظہار الفت کے وقت بھی بطور استعارہؑ عداوت آمیز بولتے ہیں

सर थे पग लगों

سرتا پا ، سر سے پان٘و تک .

ख़ुदा रखते थे

हमारा भी अल्लाह है, हमारा भी कोई मुहाफ़िज़ है

वो दिन क्या थे

۔क्या अच्छा ज़माना था

क्यों हम न कहते थे

didn't I/we tell or warn you?

क्या कम थे

पहले ही बहुत थे, काफ़ी था, अब और हो गया (ज़्यादती ज़ाहिर करने के मौक़ा पर मुस्तामल)

वो दिन भी ग़नीमत थे

۔वो ज़माना अच्छा था।

मुख थे फूल झड़ना

रुक : मुँह से फूल झड़ना

क्या आग लेने आए थे

जब कोई शख़्स आकर फ़ौरन चला जाता है इस के बारे में तंज़न कहते हैं

क्या आग लेने आए थे

۔جب کوئی شخص فوراً آکر چلا جاتا ہے اس کی نسبت طنزاً کہتے ہیں۔

क्या क्या इरादे थे

बहुत इरादे थे, हसरत न निकली

दाँत थे तो चने न थे, चने हुए तो दाँत नहीं

जब जवानी थी तो कुछ सामर्थ्य न था और जब सामर्थ्य हुआ तो जवानी न रही, बेवक़्त इच्छा प्राप्त होने पर बोलते हैं

तुम सदक़े क्यों न हुए थे

دوست سے اظہار نفرت یا اظہار الفت کے وقت بھی بطور استعارہؑ عداوت آمیز بولتے ہیں

क्या पटाक पड़े थे

कैसा हंगामा होता था, क्या उत्साह या ख़ुशी हुई थी, कुछ भी न था

जीते थे तो राह बताते थे अब तो मरे पड़े हैं

कभी हमारी गिनती भी बुद्धिमानों में थी अब तो बेकार हो गए हैं

सूरत में लाल लगे थे

बहुत सुंदर था (सामान्यतः क्या के साथ प्रयुक्त)

वो भी क्या दिन थे

क्या अच्छा समय था

जब चने थे तब दाँत न थे, जब दाँत हुए तब चने नहीं

जवानी में निर्धनता थी आनंद न उठाया, दीर्घायु में धन मिला अब आनंद उठाने का बल ही नहीं

जब चने न थे तो दाँत थे , जब चने हुए तो दाँत नहीं

रुक : जब चुने थे अलख , बेवक़त किसी चीज़ का हासिल होना

इतनी बी ले कर आए थे

रुक : उतनी ही थी

जिस दिन खील बतासे बरसे थे

कमअक़्ल या नासमझ आदमी जब बात नहीं समझता या जब लोग इस को बनाते हैं, उस वक़्त बोलते हैं

आग लेने आए थे क्या आए क्या चले

बहुत थोड़े समय के लिए आना, आते ही लौट जाना

सर थे

سر سے ، سر کے اُوپر سے .

कभी तो हमारे भी कोई थे

पुराना संबंध भुला दिया

छब्बे होने गए थे दूबे रह गए

तरक़्क़ी की कोशिश में तनज़्ज़ुल नसीब हो तो ये मिसल बोली जाती है, बिलउमूम चौबे के साथ मुस्तामल

वो कम्बल ही गए जिसमें तिल बँधते थे

अब वह वस्तु ही नहीं जिसके कारण से लोग मुतवज्जा होते थे

सदा मियाँ घोड़े ही तो रखते थे

जब कोई व्यक्ति अपनी बिसात से बाहर क़दम रखता है और अपनी बड़ाई बयान करता है तो व्यंगात्मक तौर पर कहते हैं

दरख़्त बोए थे आम के , हो गए बबूल

जब नफ़ाह की उम्मीद पर काम करने से नुक़्सान होजाए तो कहते हैं

चौबे गए थे छब्बे होने दूबे हो आए

कोई तरक़्क़ी के लिए कुछ काम करे और बजाय तरक़्क़ी के तनज़्ज़ुल हो जाये तो कहते हैं

वो कमली ही नहीं जिस में तिल बँधते थे

अब वह वस्तु ही नहीं जिसके कारण से लोग मुतवज्जा होते थे

वो मंढी ही जाती रही जहाँ अतीत रहते थे

वही नहीं रहे जिन से लाभ उठाते थे, वो बुनियाद ही समाप्त हो गई है

वो तो हम समझे ही थे

हमें तो पहले से मालूम था

वो कमली ही जाती रही जिसमें तिल बँधते थे

अब वो चीज़ ही नहीं जिस के कारण लोग मुतवज्जा होते थे अर्थात ध्यान देते थे, हुस्न जाता रहा एवं वो ज़माना जाता रहा

गए वो दिन जो ख़लील ख़ाँ फ़ाख़्ता मारते थे

خوش اقبالی کا زمانہ جاتا رہا ، اب ادبار کا زمانہ ہے.

आपस थे

आपस में, एक-दूसरे के साथ, परस्पर, मिलकर

दादा जान पराए बर्दे आज़ाद करते थे

शेखी मारने वाले के संबंध में कहते हैं

रोने ही को थे इतने में आ गया भाई

रोने के लिए बहाना मिल गया, ख़फ़ा तो थे ही तकरार से और भी इशारा हो गया ज़बरदस्ती किसी से छेड़छाड़ करना यानी ऊओंगते को ठेलते का बहाना हो गया

दुश्मन की गली क्यों गए थे, अपना दोस्त गिरवी था

ज़रूरत के हिसाब से किसी ऐसे स्थान पर जाने के मौक़े पर इस्तेमाल किया जाता है जहाँ जाना उचित न हो

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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