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मुँह किस का है

۔کسی کا حوصلہ نہیں۔ کسی کی مجال نہیں۔ ؎

किस का मुँह है

۔۔ किसे ताक़त है।

आज किस का मुँह देखा है

جب سارا دن پریشانی میں گزرے تو یہ کہا جاتا ہے

ये किस का मूत है

(हक़ार ता) ये किस का नुतफ़ा है, ये किस का नुतफ़ा-ए-बद है, ये किस का जाया है

किस चिड़िया का नाम है

रुक : किस जानवर का नाम है.(लाइलमी और ना वाक़फ़ीयत के इज़हार के लिए मुस्तामल)

किस धान का चाँवल है

किस बाग़ की मूली है

किस चक्की का पीसा खाया है

۔(عو) زیادہ موٹے آدمی سے کہتی ہیں۔ کس چَکّی کے آٹے کی تاثیر ہے جو ایسے موٹے ہوگئے ہو۔

किस चक्की का पिसा खाया है

किसी की अच्छी सेहत को देख कर कहा जाता है

ख़ल्क़ का हल्क़ किस ने बंद किया है

कोई किसी की ज़बान को नहीं रोक सकता

दरिया का फेर किस ने पाया है

बुद्धिमान आदमी की बात की तह किसी की समझ में नहीं आती

मुफ़्त का माल किस को बुरा लगता है

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे कोई नहीं छोड़ता

किस बला का है

ग़ज़ब का है, इंतिहा का है, बहुत ज़्यादा है (ख़ूबी या बुराई की ज़्यादती के इज़हार के लिए मुस्तामल)

बादशाहों और दरियाओं का फेर किस ने पाया है

बादशाह और दरिया की वास्तविक्ता या तह जानना कठिन है

सहर किस का मुँह देखा

कुछ लोगों का विचार है कि अगर सुबह को उठ कर किसी भाग्यशाली का मुंह देखिए तो तमाम काम संवर जाते हैं और कंजूस या अभागे का मुंह देखिए तो तमाम काम बिगड़ जाते हैं

किस के मान का है

किसी की नहीं मानता यानी किस के क़ाबू और इख़्तियार का नहीं

किस जानवर का नाम है

किसी शख़्स या चीज़ को बेवुक़त ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

आप का मुँह है

आप का पास है

क्या मुँह का निवाला है

लंबे समय तक याद रखेंगे या कृपालु रहेंगे, मुद्दत तक याद रखेंगे या एहसानमंद रहेंगे

आप का मुँह है

आपका पास है

हाकिम के मारे और कीचड़ के फिसले का किस ने बुरा मनाया है

हाकिम किसी को ज़द-ओ-कोब करे तो इस की तसल्ली के लिए कहते हैं

सुब्ह किस का मुँह देखा था

जब कोई काम बिगड़ जाये या खिलाफ-ए-मर्ज़ी हो या कोई नागहानी सदमा पहुंचे तो ये फ़िक़रा कहते हैं, मतलब ये होता है कि सुबह जागने के बाद सब से पहले किस मनहूस के चेहरे पर नज़र पड़ी थी जिस की नहूसत का ये असर हुआ है

शेरों का मुँह किस ने धोया

कोई सोते से उठ कर बिना मुँह धोए खाने बैठ जाए तो उपहास में कहते हैं

सुब्ह किस का मुँह देखा था

what an inauspicious day!

आज किस का मुँह देख कर उठा हूँ

بھوکا رہنے یا پریشان رہنے پر کہا جاتا ہے

मुँह का निवाला तो नहीं है

सहज कार्य नहीं है

क्या मुँह का निवाला है

क्या कोई आसान काम है, ये काम मुश्किल है देर तलब है, ये काम कुछ आसान नहीं है

आज सुब्ह किस का मुँह देखा था

प्रातः काल को किस अशुभ का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भुखा रहना पड़ा

पानी का हगा मुँह पर आता है

भेद खुल जाता है, दोष प्रकट हो कर रहता है, किये का फल मिल कर रहता है

माल का मुँह करता है, जान का मुँह नहीं करता

कंजूस के बारे में कहा जाता है कि धन के मुक़ाबले में वह जान की परवाह नहीं करता, चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए

आज किस का मुँह देख के उठा हूँ

प्रातःकाल को प्रथम बार किस अभागे का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भूखा रहना पड़ा

किस शख़्स का मुँह देख के उठा हूँ

जब किसी दिन तकलीफों पर तकलीफें पेश आएं तो कहते हैं यानी सुबह पहले पहल किस मनहूस का मुँह देखा था

आज सुब्ह किस कंजूस का मुँह देखा था

प्रातःकाल को प्रथम बार किस अभागे का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भूखा रहना पड़ा

किस शख़्स का मुँह देख कर उठा हूँ

जब किसी दिन तकलीफों पर तकलीफें पेश आएं तो कहते हैं यानी सुबह पहले पहल किस मनहूस का मुँह देखा था

तबाक़ का मुँह ले रखा है

भद्दा है, बदसूरत है

चाँद का थूका मुँह पर आता है

अच्छे आदमी पर आरोप लगाने वाला ख़ुद अपमानित होता है

सीधे का मुँह कुत्ता चाटता है

ग़रीब पर सब का ज़ोर चलता है , कमज़ोर को हर कोई सुनाता है

कुत्ते तेरा मुँह नहीं, तेरे साईं का मुँह है

मालिक के हेतु उसके बुरे दास को भी झेलना पड़ता है

पानी का हगा मुँह पर नहीं आता है

आसमान का थूका मुँह पर आता है, किए का फल मिलता है, दोष प्रकट हुए बिना नहीं रहता

आसमान का थूका मुँह पर आता है

उच्च स्तर पर किसी भी प्रकार का हमला करने से निम्न स्तर की अपमान होती है, पवित्र को बदनाम करने वाला ख़ुद ही बदनाम होता है

चाँद का थूका मुँह पर आता है

अच्छे आदमी पर आरोप लगाने वाला ख़ुद अपमानित होता है

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

۔(مثل)بدزبان کی بذبانی کے روک نہ سکتے کے محل پر بولتے ہیں۔

मारते का हाथ पकड़ा जा सकता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से भी नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मुँह किस का है के अर्थदेखिए

मुँह किस का है

mu.nh kis kaa haiمُنْھ کِس کا ہے

مُنْھ کِس کا ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ۔کسی کا حوصلہ نہیں۔ کسی کی مجال نہیں۔ ؎

Urdu meaning of mu.nh kis kaa hai

  • Roman
  • Urdu

  • ۔kisii ka hauslaa nahiin। kisii kii majaal nahiin।

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मुँह किस का है

۔کسی کا حوصلہ نہیں۔ کسی کی مجال نہیں۔ ؎

किस का मुँह है

۔۔ किसे ताक़त है।

आज किस का मुँह देखा है

جب سارا دن پریشانی میں گزرے تو یہ کہا جاتا ہے

ये किस का मूत है

(हक़ार ता) ये किस का नुतफ़ा है, ये किस का नुतफ़ा-ए-बद है, ये किस का जाया है

किस चिड़िया का नाम है

रुक : किस जानवर का नाम है.(लाइलमी और ना वाक़फ़ीयत के इज़हार के लिए मुस्तामल)

किस धान का चाँवल है

किस बाग़ की मूली है

किस चक्की का पीसा खाया है

۔(عو) زیادہ موٹے آدمی سے کہتی ہیں۔ کس چَکّی کے آٹے کی تاثیر ہے جو ایسے موٹے ہوگئے ہو۔

किस चक्की का पिसा खाया है

किसी की अच्छी सेहत को देख कर कहा जाता है

ख़ल्क़ का हल्क़ किस ने बंद किया है

कोई किसी की ज़बान को नहीं रोक सकता

दरिया का फेर किस ने पाया है

बुद्धिमान आदमी की बात की तह किसी की समझ में नहीं आती

मुफ़्त का माल किस को बुरा लगता है

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे कोई नहीं छोड़ता

किस बला का है

ग़ज़ब का है, इंतिहा का है, बहुत ज़्यादा है (ख़ूबी या बुराई की ज़्यादती के इज़हार के लिए मुस्तामल)

बादशाहों और दरियाओं का फेर किस ने पाया है

बादशाह और दरिया की वास्तविक्ता या तह जानना कठिन है

सहर किस का मुँह देखा

कुछ लोगों का विचार है कि अगर सुबह को उठ कर किसी भाग्यशाली का मुंह देखिए तो तमाम काम संवर जाते हैं और कंजूस या अभागे का मुंह देखिए तो तमाम काम बिगड़ जाते हैं

किस के मान का है

किसी की नहीं मानता यानी किस के क़ाबू और इख़्तियार का नहीं

किस जानवर का नाम है

किसी शख़्स या चीज़ को बेवुक़त ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

आप का मुँह है

आप का पास है

क्या मुँह का निवाला है

लंबे समय तक याद रखेंगे या कृपालु रहेंगे, मुद्दत तक याद रखेंगे या एहसानमंद रहेंगे

आप का मुँह है

आपका पास है

हाकिम के मारे और कीचड़ के फिसले का किस ने बुरा मनाया है

हाकिम किसी को ज़द-ओ-कोब करे तो इस की तसल्ली के लिए कहते हैं

सुब्ह किस का मुँह देखा था

जब कोई काम बिगड़ जाये या खिलाफ-ए-मर्ज़ी हो या कोई नागहानी सदमा पहुंचे तो ये फ़िक़रा कहते हैं, मतलब ये होता है कि सुबह जागने के बाद सब से पहले किस मनहूस के चेहरे पर नज़र पड़ी थी जिस की नहूसत का ये असर हुआ है

शेरों का मुँह किस ने धोया

कोई सोते से उठ कर बिना मुँह धोए खाने बैठ जाए तो उपहास में कहते हैं

सुब्ह किस का मुँह देखा था

what an inauspicious day!

आज किस का मुँह देख कर उठा हूँ

بھوکا رہنے یا پریشان رہنے پر کہا جاتا ہے

मुँह का निवाला तो नहीं है

सहज कार्य नहीं है

क्या मुँह का निवाला है

क्या कोई आसान काम है, ये काम मुश्किल है देर तलब है, ये काम कुछ आसान नहीं है

आज सुब्ह किस का मुँह देखा था

प्रातः काल को किस अशुभ का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भुखा रहना पड़ा

पानी का हगा मुँह पर आता है

भेद खुल जाता है, दोष प्रकट हो कर रहता है, किये का फल मिल कर रहता है

माल का मुँह करता है, जान का मुँह नहीं करता

कंजूस के बारे में कहा जाता है कि धन के मुक़ाबले में वह जान की परवाह नहीं करता, चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए

आज किस का मुँह देख के उठा हूँ

प्रातःकाल को प्रथम बार किस अभागे का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भूखा रहना पड़ा

किस शख़्स का मुँह देख के उठा हूँ

जब किसी दिन तकलीफों पर तकलीफें पेश आएं तो कहते हैं यानी सुबह पहले पहल किस मनहूस का मुँह देखा था

आज सुब्ह किस कंजूस का मुँह देखा था

प्रातःकाल को प्रथम बार किस अभागे का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भूखा रहना पड़ा

किस शख़्स का मुँह देख कर उठा हूँ

जब किसी दिन तकलीफों पर तकलीफें पेश आएं तो कहते हैं यानी सुबह पहले पहल किस मनहूस का मुँह देखा था

तबाक़ का मुँह ले रखा है

भद्दा है, बदसूरत है

चाँद का थूका मुँह पर आता है

अच्छे आदमी पर आरोप लगाने वाला ख़ुद अपमानित होता है

सीधे का मुँह कुत्ता चाटता है

ग़रीब पर सब का ज़ोर चलता है , कमज़ोर को हर कोई सुनाता है

कुत्ते तेरा मुँह नहीं, तेरे साईं का मुँह है

मालिक के हेतु उसके बुरे दास को भी झेलना पड़ता है

पानी का हगा मुँह पर नहीं आता है

आसमान का थूका मुँह पर आता है, किए का फल मिलता है, दोष प्रकट हुए बिना नहीं रहता

आसमान का थूका मुँह पर आता है

उच्च स्तर पर किसी भी प्रकार का हमला करने से निम्न स्तर की अपमान होती है, पवित्र को बदनाम करने वाला ख़ुद ही बदनाम होता है

चाँद का थूका मुँह पर आता है

अच्छे आदमी पर आरोप लगाने वाला ख़ुद अपमानित होता है

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

۔(مثل)بدزبان کی بذبانی کے روک نہ سکتے کے محل پر بولتے ہیں۔

मारते का हाथ पकड़ा जा सकता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से भी नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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