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कौड़ी के काम का नहीं

۔بالکل نکمّا اور بے مصرف ہے۔ ؎

कौड़ी काम का नहीं

बिलकुल निकम्मा है, बिलकुल बेमुसर्रफ़ है

कौड़ी के काम का

محض بے کار، نکمّا، بے تصرّف، ناکارہ، ہیچ کار

किसी काम का नहीं

۔محض نکمّا اور بیکارہے۔

कौड़ी काम का न होना

be good-for-nothing, be of no use or worthless

गंगा के मेले में चक्की रहे का क्या काम

बड़े लोगों के मजमा में अदना की कौन सुनता है , बेमहल और बे मौक़ा काम की क़दर नहीं होती

मूरख को मत सौंप तू चतुराई का काम, गधा बिकत मिलते नहीं बध घोड़े के दाम

मूर्ख को बुद्धि का काम नहीं सौंपना चाहिए, गधे का मूल्य बड़े घोड़े के बराबर नहीं मिलता

पैसे के काम का न होना

be useless

काले के काटे का मंतर नहीं

जिसे नाग डस ले उस का कोई उपचार नहीं

जिस के काटे का मंतर नहीं

वह समस्या जिस का समाधान न हो, एक ऐसा प्रभाव जो लागू न हो सके, ऐसी चीज़ जिस के बराबर कुछ न हो

दाम का काम बात से नहीं हो जाता

सिर्फ बातों से काम नहीं चलता रुपया ख़र्च करने से ही काम होता है

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

ककड़ी के चोर का ख़ून नहीं करते

किसी साधारण अपराध के लिए कड़ा दण्ड नहीं देना चाहिए

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आते

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आता

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

रेत की दीवार , ओछा यार , किसी काम का नहीं

दोनों को उस्तिवार और क़ियाम नहीं

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

काल के आगे किसी का बस नहीं चलता

मृत्यु सब को विवश कर देती है

मौत के आगे किसी का बस नहीं चलता

मृत्यु सब को विवश कर देती है

दीमक के खाए पेड़, सोच के मारे देह किसी काम के नहीं रहते

दीमक का खाया दरख़्त और फ़िक्र का मारा हुआ बदन बे कार होते हैं

सावन के रपटे और हाकिम के डपटे का कुछ डर नहीं

सावन में फिसलने और हाकिम के डाँटने की कुछ परवाह नहीं करनी चाहिये

लात का आदमी बातों से नहीं मानता، लातों के भूत बातों से नहीं मानते

उसके बारे में कहा जाता है कि जिसकी दुष्टता और अवज्ञा बिना सख़्ती के न जाए, दुष्ट आदमी जूते या मार से ही ठीक रहता है

ठीक नहीं ठेके का काम, ठेका दे कर मत खो दाम

ठेके का काम अच्छा नहीं बनता, रुपया बर्बाद करना होता है

कौड़ी कफ़न के वास्ते नहीं

۔نہایت محتاج اور مفلوک ہے۔ ؎

वहम का 'इलाज हकीम लुक़्मान के पास भी नहीं

वहम का कोई ईलाज नहीं, वहम ला इलाज बीमारी है

बनी के सब साथी हैं, बिगड़ी का कोई नहीं

अच्छे समय में सब दोस्त होते हैं बुरे समय में कोई ख़बर नहीं लेता

जिस का मुँह नहीं देखा उस के तलवे देखे

जिस से हमेशा घृणा थी उसी से मन्नत करनी पड़ी

मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

देने के नाम बदन का मैल भी नहीं देते

बड़े बख़ील हैं

मारते के हाथ पकड़े जाते हैं कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

मुँहफट की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

मौत के आगे किसी का बस नहीं चलता, मौत के आगे सब हारे

मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मृत्यु सब को हरा देती है, प्रत्येक जीव को मरना है, मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मौत से कोई नहीं बच सकता, हर जानदार को मरना है, कोई मौत से नहीं बच सकता

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

बनी के सौ साले, बिगड़ी का एक बहनोई भी नहीं

अच्छे समय में सब अपना मतलब निकालते हैं और बुरे समय में कोई काम नहीं आता

बुढ़िया के मरने का रंज नहीं फ़रिश्तों ने घर देख लिया

एक बार के नुक़्सान का ग़म नहीं, चिंता ये है कि आगे के लिए नुक़्सानात का ख़तरा पैदा हो गया

जिस के माँ बाप जीते हैं वो हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

खाए का मुँह और नहाए के बाल नहीं छुपते

आसूदगी चावर ख़ुशी हाली छिपी नहीं रहती

जिस के माँ बाप जीते हों वो हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

सुख के चने अच्छे दुख का पुलाव नहीं अच्छा

आराम के साथ सूओखी रोटी मयस्सर आना मुसीबत के पुलाव से बेहतर है

बनी के सौ साले हैं और बिगड़ी का एक बहनोई नहीं होता

अच्छे समय में सब अपना मतलब निकालते हैं और बुरे समय में कोई काम नहीं आता

चाक का गुड़ कलरी के होले भादों की धूप बादशाह को नहीं मिलती

ये चीज़ें ग़रीबों के ही हिस्से की हैं, बादशाह इन चीज़ों को हक़ीर समझते हैं और उनका लुतफ़ नहीं उठा सकते

क़ब्र में रख के ख़बर को न आया कोई, मूए का कोई नहीं, जीए के सब कोई

मरने के बाद क़ब्र पर भी कोई नहीं जाता

कौड़ी काम का न रखना

किसी काम का न रखना, निकम्मा कर देना

क़ब्र में रख के ख़बर को न आया कोई, मूए का कोई नहीं, जीते-जी का सब कोई

मरने के बाद क़ब्र पर भी कोई नहीं जाता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कौड़ी के काम का नहीं के अर्थदेखिए

कौड़ी के काम का नहीं

kau.Dii ke kaam kaa nahii.nکَوڑی کے کام کا نَہیں

کَوڑی کے کام کا نَہیں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ۔بالکل نکمّا اور بے مصرف ہے۔ ؎

Urdu meaning of kau.Dii ke kaam kaa nahii.n

  • Roman
  • Urdu

  • ۔bilkul nikammaa aur bemusarraf hai।

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कौड़ी के काम का नहीं

۔بالکل نکمّا اور بے مصرف ہے۔ ؎

कौड़ी काम का नहीं

बिलकुल निकम्मा है, बिलकुल बेमुसर्रफ़ है

कौड़ी के काम का

محض بے کار، نکمّا، بے تصرّف، ناکارہ، ہیچ کار

किसी काम का नहीं

۔محض نکمّا اور بیکارہے۔

कौड़ी काम का न होना

be good-for-nothing, be of no use or worthless

गंगा के मेले में चक्की रहे का क्या काम

बड़े लोगों के मजमा में अदना की कौन सुनता है , बेमहल और बे मौक़ा काम की क़दर नहीं होती

मूरख को मत सौंप तू चतुराई का काम, गधा बिकत मिलते नहीं बध घोड़े के दाम

मूर्ख को बुद्धि का काम नहीं सौंपना चाहिए, गधे का मूल्य बड़े घोड़े के बराबर नहीं मिलता

पैसे के काम का न होना

be useless

काले के काटे का मंतर नहीं

जिसे नाग डस ले उस का कोई उपचार नहीं

जिस के काटे का मंतर नहीं

वह समस्या जिस का समाधान न हो, एक ऐसा प्रभाव जो लागू न हो सके, ऐसी चीज़ जिस के बराबर कुछ न हो

दाम का काम बात से नहीं हो जाता

सिर्फ बातों से काम नहीं चलता रुपया ख़र्च करने से ही काम होता है

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

ककड़ी के चोर का ख़ून नहीं करते

किसी साधारण अपराध के लिए कड़ा दण्ड नहीं देना चाहिए

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आते

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आता

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

रेत की दीवार , ओछा यार , किसी काम का नहीं

दोनों को उस्तिवार और क़ियाम नहीं

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

काल के आगे किसी का बस नहीं चलता

मृत्यु सब को विवश कर देती है

मौत के आगे किसी का बस नहीं चलता

मृत्यु सब को विवश कर देती है

दीमक के खाए पेड़, सोच के मारे देह किसी काम के नहीं रहते

दीमक का खाया दरख़्त और फ़िक्र का मारा हुआ बदन बे कार होते हैं

सावन के रपटे और हाकिम के डपटे का कुछ डर नहीं

सावन में फिसलने और हाकिम के डाँटने की कुछ परवाह नहीं करनी चाहिये

लात का आदमी बातों से नहीं मानता، लातों के भूत बातों से नहीं मानते

उसके बारे में कहा जाता है कि जिसकी दुष्टता और अवज्ञा बिना सख़्ती के न जाए, दुष्ट आदमी जूते या मार से ही ठीक रहता है

ठीक नहीं ठेके का काम, ठेका दे कर मत खो दाम

ठेके का काम अच्छा नहीं बनता, रुपया बर्बाद करना होता है

कौड़ी कफ़न के वास्ते नहीं

۔نہایت محتاج اور مفلوک ہے۔ ؎

वहम का 'इलाज हकीम लुक़्मान के पास भी नहीं

वहम का कोई ईलाज नहीं, वहम ला इलाज बीमारी है

बनी के सब साथी हैं, बिगड़ी का कोई नहीं

अच्छे समय में सब दोस्त होते हैं बुरे समय में कोई ख़बर नहीं लेता

जिस का मुँह नहीं देखा उस के तलवे देखे

जिस से हमेशा घृणा थी उसी से मन्नत करनी पड़ी

मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

देने के नाम बदन का मैल भी नहीं देते

बड़े बख़ील हैं

मारते के हाथ पकड़े जाते हैं कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

मुँहफट की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

मौत के आगे किसी का बस नहीं चलता, मौत के आगे सब हारे

मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मृत्यु सब को हरा देती है, प्रत्येक जीव को मरना है, मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मौत से कोई नहीं बच सकता, हर जानदार को मरना है, कोई मौत से नहीं बच सकता

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

बनी के सौ साले, बिगड़ी का एक बहनोई भी नहीं

अच्छे समय में सब अपना मतलब निकालते हैं और बुरे समय में कोई काम नहीं आता

बुढ़िया के मरने का रंज नहीं फ़रिश्तों ने घर देख लिया

एक बार के नुक़्सान का ग़म नहीं, चिंता ये है कि आगे के लिए नुक़्सानात का ख़तरा पैदा हो गया

जिस के माँ बाप जीते हैं वो हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

खाए का मुँह और नहाए के बाल नहीं छुपते

आसूदगी चावर ख़ुशी हाली छिपी नहीं रहती

जिस के माँ बाप जीते हों वो हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

सुख के चने अच्छे दुख का पुलाव नहीं अच्छा

आराम के साथ सूओखी रोटी मयस्सर आना मुसीबत के पुलाव से बेहतर है

बनी के सौ साले हैं और बिगड़ी का एक बहनोई नहीं होता

अच्छे समय में सब अपना मतलब निकालते हैं और बुरे समय में कोई काम नहीं आता

चाक का गुड़ कलरी के होले भादों की धूप बादशाह को नहीं मिलती

ये चीज़ें ग़रीबों के ही हिस्से की हैं, बादशाह इन चीज़ों को हक़ीर समझते हैं और उनका लुतफ़ नहीं उठा सकते

क़ब्र में रख के ख़बर को न आया कोई, मूए का कोई नहीं, जीए के सब कोई

मरने के बाद क़ब्र पर भी कोई नहीं जाता

कौड़ी काम का न रखना

किसी काम का न रखना, निकम्मा कर देना

क़ब्र में रख के ख़बर को न आया कोई, मूए का कोई नहीं, जीते-जी का सब कोई

मरने के बाद क़ब्र पर भी कोई नहीं जाता

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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