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काम को काम सिखाता है

काम करने ही से आता है, अभ्यास से कौशल पैदा होता है, मनुष्य अनुभव से सीखता है

काम अपना ही काम है

जो काम स्वयं किया जाए वही अच्छा होता है

ख़ाम को काम सिखा लेता है

जिसको काम नहीं आता काम पड़ने पर सीख जाता है, अनुभव आदमी को परिपक्व बनाता है, तजरबा आदमी को पक्का बना देता है

है आदमी है काम नहीं आदमी नहीं काम

इंसान के दम क़दम से काम है, इंसान नहीं होता तो काम भी नहीं होता, सारी रौनक इंसान के दम से है, करने वाले के लिए बहुत काम होता है जो न करना चाहे उस के लिए कुछ काम नहीं

क्या काम है

۔کچھ کام نہیں۔ کیا واسطہ۔ کیا علاقہ۔ شادی کے موقع پر رنج کی باتوں کا کیا کام ہے۔ ؎

काम को नाँ , खाने को हाँ

काम चोर काम करने पर आमादा नहीं होता मगर खाने पर मौजूद रहता है

देखे को बुढी काम को आँधी

औरत तो बुढ़िया है मगर काम बहुत करती है

खाने को बिस्मिल्लाह काम को अस्तग़्फ़िरुल्लाह

काम चोर, काम से बचने के लिए बहाने बाज़ी और खाने को सब से पहले मौजूद

खाने को बिस्मिल्लाह काम को न'ऊज़ुबिल्लाह

काम चोर, काम से बचने के लिए बहाने बाज़ी और खाने को सब से पहले मौजूद

ख़ुदा से काम है

बंदा और अल्लाह के दरमयान ताल्लुक़ है , मुराद : आलिम नज़ा, दम-ए-वापसीं

ख़ुदा काम आता है

ईश्वर ही मदद करता है

ख़ुदा काम आता है

۔خدا مدد کرتا ہے۔ ع

काम को कोढ़ी, मुँह बज्र

जो काम करने से बचे या दूर भागे परंतु खाने के लिए उपस्थित हो उसके प्रति कहते हैं

क्या बड़ा काम है

आसान काम है, बहुत सरल है, कुछ मुश्किल नहीं, इस काम में कोई दिक़्क़त नहीं

कोई जिए कि मरे उन को अपने काम से काम

۔मक़ूला। ख़ुदग़रज़ आदमी की निसबत कहते हैं जिस को किसी के रंज विरह हित की पर्वा ना हो।

काम चोर निवाले को हाज़िर

उसके संबंध में कहते हैं जो काम के समय टल जाए और खाने के लिए हाज़िर हो जाए

किस काम को निकला था

जब ग़फ़लत या भूल या बीख़ोदी के सबब अपने असल मक़सूद को भूल कर आदमी दूसरा काम कर बैठता है तो अफ़सोस के साथ ये कलिमा ज़बान पर लाता है

ज़ब्त को काम फ़रमाना

बर्दाश्त करना, ज़ब्त करना

ग़ैरत को काम फ़रमाना

غیرت کھانا

कुत्ते को मस्जिद से क्या काम

बुरे आदमी को नेक काम से कोई ताल्लुक़ नहीं होता

कान पड़ी काम आती है

सुनी सुनाई बात कभी न कभी काम आ ही जाती है, सुनी हुई अच्छी बात किसी वक़्त याद आ सकती है

काम को ऊँ हूँ , खाने को हूँ हूँ

रुक : काम चोर नवाले हाज़िर

काम प्यारा है, चाम प्यारा नहीं

मनुष्य की क़दर काम से होती है, शक्ल-ओ-सूरत से नहीं

हम को यार की यारी से काम , यार की बातों से क्या काम

अपने काम से काम रखना, अपना फ़ायदा हासिल करना, दूसरे की नुक़्सान की पर्वा ना करना, अपना उल्लू सीधा करना

बुड्ढे की सीख करे काम को ठीक

बुज़ुर्गों की सलाह बहुत लाभदायक होती है

ज़बान हिलाने से काम निकलता है

थोड़ी सी कोशिश से काम होता है

ख़ुदा से काम पड़ा है

इस की रहमत पर भरोसा है

काम से काम है

۔اپنے مطلب سے غرض ہے اور کسی بات کی پرواہ نہیں۔ ؎

आदमी प्यारा नहीं काम प्यारा होता है

निकम्मे आदमी को कोई पसंद नहीं करता, मेहनती और काम करने वाले आदमी को हर कोई महत्व देता है

गृहस्ती का काम राँड का चर्ख़ा है

गृहस्ती का धुंद ख़त्म नहीं होता

मुफ़्लिसी में खोटा पैसा काम आता है

ज़रूरत पर वो चीज़ भी काम आती है जिसे आदमी नाचीज़ समझ कर फेंक देता है, यगाना कैसा ही बुरा क्यों ना हो आड़े वक़्त में ज़रूर मदद है।

रूपये का काम रूपये से चलता है

कारोबार रुपये से होता है, दौलत के बिना काम नहीं चलता

दिन का काम रात को अंजाम देना

असमय काम करना, बेवक़्त काम करना

आदमी के काम आदमी आता है

एक मनुष्य दूसरे मनुष्य की सहायता करता है

दस्तार गुफ़तार अपने ही काम आती है

अपनी पगड़ी और अपनी ज़बान दोनों का ख़याल करने में अपना ही भला है

गाड़ी भर आश्नाई काम की नहीं मगर रत्ती भर नाता काम आता है

ज़रा सी क़राबत बहुत सी दोस्ती पर ग़ालिब होती है, वक़्त पड़ने पर रिश्तेदार ही काम आते हैं, बुरे वक़्त पर अपने ही साथ देते हैं

काम दूल्हा दुल्हन ही से पड़ता है

आपस का मामा आपस ही में तै होजाता है

क़ाज़ी की मूँछ है बेगार का काम

यह कहावत अन्यायी न्यायाधीशों के संबंध में कही जाती है कि वे वादी और प्रतिवादी से मज]दूरी लिया करते हैं

आदमी का आदमी से काम निकलता है

आदमी ज़रूरत के वक़्त आदमी ही से संपर्क करता है

अल्लाह से काम पड़ा है

जान के लाले पड़े हैं (गंभीर आपदा और संकट के अवसर पर)

दस्तार और गुफ़्तार अपनी ही काम आती है

अपने हाथ से अपनी पगड़ी (दोपट्टा) बांधना चाहिए और अपनी बात ख़ुद ही कहना मुनासिब है दोसे के ज़रीये दोनों ठीक नहीं क्यों कि अपनी बात या मतलब को जैसे ख़ुद कह सकता है इस तरह दूसरे से अदा नहीं हो सकता

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

दोस देना दूसरे को काम करना ख़ुद

स्वयं अपराध करना और आरोप दूसरे पर लगाना, ख़ुद क़सूर करना इल्ज़ाम दूसरे को लगाना

शैतान का काम वरग़लाना है

शैतान धोखा देकर पाप कराता है

कुछ लेते हो, कहा अपना काम क्या है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं आती

लेने को तैयार, देने से नकारना

साँप का सर भी कभी काम आता है

कोई चीज़ ज़ाए नहीं करनी चाहिए . कभी ना कभी काम आजाती है, दाश्ता आबिद बिकार, गरचा बूद सर मार

जा की जा से लगन है वाही वा को राम, रूँग-रूँग से बिसरा हो ना काहू से काम

जिसको जिससे प्रेम होता है वह उसी की धुन में रहता है किसी और से उसे कोई संबंध नहीं रहता

मुफ़्त में निकले काम तो काहे को दीजिए दाम

जो चीज़ मुफ़्त या निशुल्क मिलती हो उस पर रुपया नहीं ख़र्च करना चाहिए

रूठे को मनाए नहीं , फटे को सिलाए नहीं तो काम कैसे चले

रूओठे को मनाना और फटे को सुलाना चाहीए वर्ना दुनिया में गुज़ारा नहीं

खोटा पैसा कभी काम आता है

रुक : खोटा, पैसा बुरे वक़्त के काम आता है

यार के फ़े'लों से क्या है, यार की यारी से काम

मित्र की मित्रता से उद्देश्य है उसके कार्यों से क्या मतलब, यह कहावत दोस्त के दोषों पर ध्यान न देने के अवसर पर बोलते हैं

खोटा पैसा खोटा बेटा बुरे वक़्त पर काम आता है

अपनी निकम्मी चीज़ भी कभी आवश्यकता के समय काम आ जाती है

जज्मान चाहे स्वर्ग को जाए चाहे नर्क को, मुझे दही पूरी से काम

कोई बने या बिगड़े अपने लाभ से काम

वक़्त पर गाँठ का पैसा ही काम आता है

मनुष्य को अपव्यय अर्थात आवश्यकता से अधिक ख़र्च नहीं करना चाहिए बल्कि रुपया जमा करना चाहिए

आदमी को आदमी से सौ दफ़'आ काम पड़ता है

जब कोई किसी का काम करने से बचे तो उसे मनाने के लिए कहते हैं कि मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है

दूल्हा मरे या दुल्हन , नाई को अपने टके से काम

ख़ुदग़रज़ आदमी किसी के नफ़ा नुक़्सान से मतलब नहीं रखता, उसे सिर्फ़ अपना फ़ायदा अज़ीज़ होता है

जिस का काम उसी को छाजे और करे तो ठेंगा बाजे

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

जो काम हिकमत से निकलता है वो हुकूमत से नहीं निकलता

जो बात रणनीति से हो सकता है वह ज़ोर और ताक़त से नहीं किया जा सकता

खोटा बेटा खोटा पैसा बा'ज़ वक़्त काम आ जाता है

ज़रूरत के वक़्त नाकारा और निकम्मी चीज़ भी काम आ जाती है, किसी वस्तु को निकम्मी समझकर मत फेंको, किसी समय वह भी काम आ सकती है

खाने को सब से पहले मौजूद काम के नाम मूत

काम चोर, खाने को ती्यार काम से बेज़ार

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में काम को काम सिखाता है के अर्थदेखिए

काम को काम सिखाता है

kaam ko kaam sikhaataa haiکام کو کام سِکھاتا ہے

अथवा : कार को कार सिखाता है

कहावत

काम को काम सिखाता है के हिंदी अर्थ

  • काम करने ही से आता है, अभ्यास से कौशल पैदा होता है, मनुष्य अनुभव से सीखता है

کام کو کام سِکھاتا ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کام کرنے ہی سے آتا ہے، مشق سے مہارت پیدا ہوتی ہے، انسان تجربے سے سیکھتا ہے

Urdu meaning of kaam ko kaam sikhaataa hai

  • Roman
  • Urdu

  • kaam karne hii se aataa hai, mashq se mahaarat paida hotii hai, insaan tajurbe se siikhtaa hai

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काम को काम सिखाता है

काम करने ही से आता है, अभ्यास से कौशल पैदा होता है, मनुष्य अनुभव से सीखता है

काम अपना ही काम है

जो काम स्वयं किया जाए वही अच्छा होता है

ख़ाम को काम सिखा लेता है

जिसको काम नहीं आता काम पड़ने पर सीख जाता है, अनुभव आदमी को परिपक्व बनाता है, तजरबा आदमी को पक्का बना देता है

है आदमी है काम नहीं आदमी नहीं काम

इंसान के दम क़दम से काम है, इंसान नहीं होता तो काम भी नहीं होता, सारी रौनक इंसान के दम से है, करने वाले के लिए बहुत काम होता है जो न करना चाहे उस के लिए कुछ काम नहीं

क्या काम है

۔کچھ کام نہیں۔ کیا واسطہ۔ کیا علاقہ۔ شادی کے موقع پر رنج کی باتوں کا کیا کام ہے۔ ؎

काम को नाँ , खाने को हाँ

काम चोर काम करने पर आमादा नहीं होता मगर खाने पर मौजूद रहता है

देखे को बुढी काम को आँधी

औरत तो बुढ़िया है मगर काम बहुत करती है

खाने को बिस्मिल्लाह काम को अस्तग़्फ़िरुल्लाह

काम चोर, काम से बचने के लिए बहाने बाज़ी और खाने को सब से पहले मौजूद

खाने को बिस्मिल्लाह काम को न'ऊज़ुबिल्लाह

काम चोर, काम से बचने के लिए बहाने बाज़ी और खाने को सब से पहले मौजूद

ख़ुदा से काम है

बंदा और अल्लाह के दरमयान ताल्लुक़ है , मुराद : आलिम नज़ा, दम-ए-वापसीं

ख़ुदा काम आता है

ईश्वर ही मदद करता है

ख़ुदा काम आता है

۔خدا مدد کرتا ہے۔ ع

काम को कोढ़ी, मुँह बज्र

जो काम करने से बचे या दूर भागे परंतु खाने के लिए उपस्थित हो उसके प्रति कहते हैं

क्या बड़ा काम है

आसान काम है, बहुत सरल है, कुछ मुश्किल नहीं, इस काम में कोई दिक़्क़त नहीं

कोई जिए कि मरे उन को अपने काम से काम

۔मक़ूला। ख़ुदग़रज़ आदमी की निसबत कहते हैं जिस को किसी के रंज विरह हित की पर्वा ना हो।

काम चोर निवाले को हाज़िर

उसके संबंध में कहते हैं जो काम के समय टल जाए और खाने के लिए हाज़िर हो जाए

किस काम को निकला था

जब ग़फ़लत या भूल या बीख़ोदी के सबब अपने असल मक़सूद को भूल कर आदमी दूसरा काम कर बैठता है तो अफ़सोस के साथ ये कलिमा ज़बान पर लाता है

ज़ब्त को काम फ़रमाना

बर्दाश्त करना, ज़ब्त करना

ग़ैरत को काम फ़रमाना

غیرت کھانا

कुत्ते को मस्जिद से क्या काम

बुरे आदमी को नेक काम से कोई ताल्लुक़ नहीं होता

कान पड़ी काम आती है

सुनी सुनाई बात कभी न कभी काम आ ही जाती है, सुनी हुई अच्छी बात किसी वक़्त याद आ सकती है

काम को ऊँ हूँ , खाने को हूँ हूँ

रुक : काम चोर नवाले हाज़िर

काम प्यारा है, चाम प्यारा नहीं

मनुष्य की क़दर काम से होती है, शक्ल-ओ-सूरत से नहीं

हम को यार की यारी से काम , यार की बातों से क्या काम

अपने काम से काम रखना, अपना फ़ायदा हासिल करना, दूसरे की नुक़्सान की पर्वा ना करना, अपना उल्लू सीधा करना

बुड्ढे की सीख करे काम को ठीक

बुज़ुर्गों की सलाह बहुत लाभदायक होती है

ज़बान हिलाने से काम निकलता है

थोड़ी सी कोशिश से काम होता है

ख़ुदा से काम पड़ा है

इस की रहमत पर भरोसा है

काम से काम है

۔اپنے مطلب سے غرض ہے اور کسی بات کی پرواہ نہیں۔ ؎

आदमी प्यारा नहीं काम प्यारा होता है

निकम्मे आदमी को कोई पसंद नहीं करता, मेहनती और काम करने वाले आदमी को हर कोई महत्व देता है

गृहस्ती का काम राँड का चर्ख़ा है

गृहस्ती का धुंद ख़त्म नहीं होता

मुफ़्लिसी में खोटा पैसा काम आता है

ज़रूरत पर वो चीज़ भी काम आती है जिसे आदमी नाचीज़ समझ कर फेंक देता है, यगाना कैसा ही बुरा क्यों ना हो आड़े वक़्त में ज़रूर मदद है।

रूपये का काम रूपये से चलता है

कारोबार रुपये से होता है, दौलत के बिना काम नहीं चलता

दिन का काम रात को अंजाम देना

असमय काम करना, बेवक़्त काम करना

आदमी के काम आदमी आता है

एक मनुष्य दूसरे मनुष्य की सहायता करता है

दस्तार गुफ़तार अपने ही काम आती है

अपनी पगड़ी और अपनी ज़बान दोनों का ख़याल करने में अपना ही भला है

गाड़ी भर आश्नाई काम की नहीं मगर रत्ती भर नाता काम आता है

ज़रा सी क़राबत बहुत सी दोस्ती पर ग़ालिब होती है, वक़्त पड़ने पर रिश्तेदार ही काम आते हैं, बुरे वक़्त पर अपने ही साथ देते हैं

काम दूल्हा दुल्हन ही से पड़ता है

आपस का मामा आपस ही में तै होजाता है

क़ाज़ी की मूँछ है बेगार का काम

यह कहावत अन्यायी न्यायाधीशों के संबंध में कही जाती है कि वे वादी और प्रतिवादी से मज]दूरी लिया करते हैं

आदमी का आदमी से काम निकलता है

आदमी ज़रूरत के वक़्त आदमी ही से संपर्क करता है

अल्लाह से काम पड़ा है

जान के लाले पड़े हैं (गंभीर आपदा और संकट के अवसर पर)

दस्तार और गुफ़्तार अपनी ही काम आती है

अपने हाथ से अपनी पगड़ी (दोपट्टा) बांधना चाहिए और अपनी बात ख़ुद ही कहना मुनासिब है दोसे के ज़रीये दोनों ठीक नहीं क्यों कि अपनी बात या मतलब को जैसे ख़ुद कह सकता है इस तरह दूसरे से अदा नहीं हो सकता

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

दोस देना दूसरे को काम करना ख़ुद

स्वयं अपराध करना और आरोप दूसरे पर लगाना, ख़ुद क़सूर करना इल्ज़ाम दूसरे को लगाना

शैतान का काम वरग़लाना है

शैतान धोखा देकर पाप कराता है

कुछ लेते हो, कहा अपना काम क्या है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं आती

लेने को तैयार, देने से नकारना

साँप का सर भी कभी काम आता है

कोई चीज़ ज़ाए नहीं करनी चाहिए . कभी ना कभी काम आजाती है, दाश्ता आबिद बिकार, गरचा बूद सर मार

जा की जा से लगन है वाही वा को राम, रूँग-रूँग से बिसरा हो ना काहू से काम

जिसको जिससे प्रेम होता है वह उसी की धुन में रहता है किसी और से उसे कोई संबंध नहीं रहता

मुफ़्त में निकले काम तो काहे को दीजिए दाम

जो चीज़ मुफ़्त या निशुल्क मिलती हो उस पर रुपया नहीं ख़र्च करना चाहिए

रूठे को मनाए नहीं , फटे को सिलाए नहीं तो काम कैसे चले

रूओठे को मनाना और फटे को सुलाना चाहीए वर्ना दुनिया में गुज़ारा नहीं

खोटा पैसा कभी काम आता है

रुक : खोटा, पैसा बुरे वक़्त के काम आता है

यार के फ़े'लों से क्या है, यार की यारी से काम

मित्र की मित्रता से उद्देश्य है उसके कार्यों से क्या मतलब, यह कहावत दोस्त के दोषों पर ध्यान न देने के अवसर पर बोलते हैं

खोटा पैसा खोटा बेटा बुरे वक़्त पर काम आता है

अपनी निकम्मी चीज़ भी कभी आवश्यकता के समय काम आ जाती है

जज्मान चाहे स्वर्ग को जाए चाहे नर्क को, मुझे दही पूरी से काम

कोई बने या बिगड़े अपने लाभ से काम

वक़्त पर गाँठ का पैसा ही काम आता है

मनुष्य को अपव्यय अर्थात आवश्यकता से अधिक ख़र्च नहीं करना चाहिए बल्कि रुपया जमा करना चाहिए

आदमी को आदमी से सौ दफ़'आ काम पड़ता है

जब कोई किसी का काम करने से बचे तो उसे मनाने के लिए कहते हैं कि मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है

दूल्हा मरे या दुल्हन , नाई को अपने टके से काम

ख़ुदग़रज़ आदमी किसी के नफ़ा नुक़्सान से मतलब नहीं रखता, उसे सिर्फ़ अपना फ़ायदा अज़ीज़ होता है

जिस का काम उसी को छाजे और करे तो ठेंगा बाजे

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

जो काम हिकमत से निकलता है वो हुकूमत से नहीं निकलता

जो बात रणनीति से हो सकता है वह ज़ोर और ताक़त से नहीं किया जा सकता

खोटा बेटा खोटा पैसा बा'ज़ वक़्त काम आ जाता है

ज़रूरत के वक़्त नाकारा और निकम्मी चीज़ भी काम आ जाती है, किसी वस्तु को निकम्मी समझकर मत फेंको, किसी समय वह भी काम आ सकती है

खाने को सब से पहले मौजूद काम के नाम मूत

काम चोर, खाने को ती्यार काम से बेज़ार

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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