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आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
दूध-शरीक बहन
ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन
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'अतिया-दार
(क़ानून) वह व्यक्ति जिसे अंग्रेज़ी सरकार से विशेष अनुदान मिला हो और जिसका नाम सूचीबद्ध किया गया है, समनुदेशिती
'अदालत-सेशन
फ़ौजदारी की अदालत जिसमें संगीन अप्राध के मुक़दमे ज्यूरी या असेसरों द्वारा न्याय किया जाए, सत्र-न्यायालय
अपील मंज़ूर करना
क़ानून: यह फ़ैसला करना कि अपील करने वाले को उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार हासिल है
'अमल-ए-इस्तिद्लाल
(कानून) विशेष मामलों को छोड़कर, किसी निर्णयित मामले से कानून का नियम प्राप्त करने में उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया और तर्क की विधि
'अमल-ए-दस्तक
(क़ानून) दस्तक जारी करना बबाअस ना दाख़िल होने रुपया के, एक तहरीरी हुक्म जिस को अफसर-ए-मजाज़ किसी जायदाद के नीलाम में ख़रीदने वाले को क़बज़ा हासिल करने की इजाज़त दे, किसी चीज़ की निकासी की इजाज़त, एक तिहरीज़ जिस से किसी चीज़ का क़बज़ा दिया जाये, हक़ का सार्टीफिकेट, जायदाद वसूल करने की इजाज़त की बाबत हुक्म जारी कराना
'अर्ज़ी-ए-दा'वा
वो तहरीर या आवेदन जिसमें मुद्दई (वादी) अपने दावे का लिखित विवरण अदालत में पेश करे, नालिश के ब्यौरे का काग़ज़, वादपत्र
अह्काम-ए-दर्मियानी
(क़ानून) वह आदेश जो शासक मुक़दमे की समाप्ति से पहले कभी कभी मुक़दमे की आदेश में लिखवाए, अंतिम निर्णय से पहले आंशिक आदेश
'आइली-क़वानीन
परिवार कानून जो कि विवाह, रिश्तेदारी और परिवार में बच्चों की स्वीकृति के संबंध में उत्पन्न होने वाले लोगों के संबंधों को विनियमित करता है
आबाद-कारी
(क़ानून) वह हक़ जो बंजर या ग़ैर आबाद ज़मीन को खेती योग्य या रहने योग्य बनाने से हासिल हो, मिल्कियत को तरक़्क़ी देना
'आम-कारिंदा
(विधिक) उस व्यक्ति से तात्पर्य है जिसे किसी विशेष कार्यों के संबंध में सचीव के रूप में कार्य करने का अधिकार दिया गया हो, जैसे: किसी संस्था का प्रबंधक
'आरिज़ा-ए-हद्द-ए-समा'अत लाहिक़ होना
(क़ानून) वक़्त गुज़र जाने से समाअत का तर्क हो जाना, मीयाद गुज़रने से समाअत ना होना
इ'आनत-ब-मशवरा
साज़िश में शिरकत, जसीए: इस मुक़द्दमे में मुल्ज़िम नंबर ४ ख़ुद क़ातिल नहीं है मगर इआनत बमशवरा के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार किया गया है
इक़ाला
कही हुई बात से इंकार करना, क्र्य-विक्रय के अनुबंध को रद्द करना, ऋण के अनुबंध को रद्द करना, किसी काम का विचार छोड़ देना
इख़्तियार-ए-समा'अत
(क़ानून) न्यायपालिका के क़ानून के अनुसार किसी मामले को सुनने और तय करने का शासक का अधिकार, मुक़दमा सुनने का अधिकार
इंतिक़ाली-बही
संपत्ति के हस्तांतरण का रजिस्टर, (क़ानून) वह रजिस्टर जिसमें विवरण के साथ संपत्ति के हस्तांतरण के नोट दर्ज किए जाएँ
इंतिक़ाली-रुसूम
(कानून) अदालती कार्यवाही में संपत्ति के हस्तांतरण को दर्ज करने के लिए भुगतान किया जाने वाला शुल्क
इब्तिदाई-रुसूम
(क़ानून) अदालती मसारिफ़ जो किसी मुआमले के शुरू ही में अदा करने पड़ें, कोर्ट फ़ीस, पहला सरकारी हक़ , पहला मेहनताना, नज़राना , हक़ ज़मींदारी
इबरा-नामा
एक निर्दोष-पत्र जिसके द्वारा किसी को बरी या छूट दी जाती है, लिखित-पत्र का अप्रमाणित हो जाना, विशेषाधिकार या दावे से त्याग का प्रमाण-पत्र
'इबारत-ए-ज़हरी
(क़ानून) वो इबारत जो किसी तहरीर की पुश्त पर लिखी जाती है जो हुंडी सुमन वग़ैरा की पुश्त पर लिखते हैं . इस से वो इबारत भी मुराद है जो किसी ओहदादार रजिस्टी की तरफ़ से ऐसे पर्चा पर लिखी जाये जो ऐसी दस्तावेज़ के साथ बतौर ज़मीमा मुंसलिक हो या जिस में वो दस्तावेज़ मलफ़ूफ़ हो
इस्तिक़ाला
(शाब्दिक) वादे से फिरना, (क़ानून) किसी से वचन को छोड़ देने का निवेदन करना, अनुबंध को ख़त्म करना
इस्तिर्दाद
किसी भी क़ानून के कार्यान्वयन को अस्वीकार करने या स्थगित करने के लिए अस्वीकृति का अधिकार, राष्ट्रपति का अधिकार आदि
'इस्मत
आबरू, पवित्र, पतिव्रत; सतीत्व, पाक दामन, पाप से दूर, निष्पाप और निष्कलुष बने रहने की स्थिति और प्रवृत्ति
'उज़्र-दारी
आपत्ति करना, उज्र लगाना, किसी दूसरे के मुक़ाबले में अपने हक़ की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करना।
कच्ची-क़ुर्क़ी
वह क़ुर्क़ी, जो प्रायः महाजन लोग अपने मुक़दमे का फ़ैसला होने से पहले ही इस आशंका से जारी कराते हैं कि कहीं मुक़दमे के फ़ैसला होने तक प्रतिवादी अपना माल-असबाब इधर-उधर न कर दे
क़त्ल-ए-'अमद
जान-बूझकर हत्या, प्रयतित वध, वध करने के निश्चय से वध, जानबूझ कर किसी हथियार से मार डालना,
क़ैदी-फ़ौजदारी
(विधिक) वह क़ैदी जो फ़ौजदारी के अपराध का दोषी ठहराया गया हो या उस पर कोई फ़ौजदारी का जुर्म लगा हो, वह क़ैदी जो फ़ौजदारी के जुर्म में जेल में क़ैद हो
क़ुर्क़-अमीन
वह शासनिक कर्मचारी जो न्यायालय के आदेशानुसार अपराधियों, देनदारों आदि का माल कुर्क करता हो
काग़ज़ जम'-बंदी
(क़ानून) निकासी का काग़ज़, वो काग़ज़ जिसमें कृषक और खेत की हालत और मूल्य और भुगतान योग्य राशी की प्रविष्टी होती है
क़ानून-ए-मी'आद-ए-समा'अत
(क़ानून) वो क़ानून जो इस मुद्दत का तई्ान करता है जिस के गुज़रने के बाद कोई मुक़द्दमा या और कार्रवाई अदालत में समाअत के लिए पेश नहीं होसकती
किफ़ालत-उल-माल
(क़ानून) ऐसी दस्तावेज़ या जो ऐसी दस्तावेज़ समझे जाने की हैसियत रखती हो जिस से कोई क़ानूनी हक़ पैदा किया जाये या बढ़ाया जाये, मुंतक़िल किया जाये या मुक़य्यद किया जाये या ज़ाइल किया जाये या छोड़ दिया जाये, जिस के ज़रीये से कोई शख़्स मुक़र्रर हो कि में क़ानूनन ज़िम्मेदार हूँ या इक़रार करे के फ़ुलां क़ानूनी हक़ मेरा है
किफ़ालत-ए-ख़ास
(क़ानून) वो कफ़ालत है कि जब कोई शख़्स किसी शैय के ना देने पर रख छोड़ने का दावादार इस वजह से हो कि इस ने शैय मज़कूरा पर मेहनत या रुपया सिर्फ़ किया है
क़िसास
(इस्लामी शरिया क़ानून) जान के बदले जान और ख़ून के बदले ख़ून लेना, यानी जितनी तकलीफ़ किसी को पहुँचाई जाए, उसके बदले में उतनी ही तकलीफ़ ज़ालिम को पहुँचाई जाए, खून के बदले में खून, प्रतिहिंसा
ख़ुद-हाकिमी
सत्ता की सारी शक्तियाँ और न्याय व्यवस्था किसी एक शख़्स का अपने हाथ में लेना, आप ही हाकिम होना
ख़फ़ीफ़ा
छोटी, अदना, हल्की, कम वज़न, माममूली, एक दीवानी न्यायालय, जिसमें छोटे केस सरसरी सुने जाते हैं, जिनकी अपील नहीं होती
ख़ारिज करना
۔۱۔निकालना। बाहर करना। जुदा करना। अलैहदा करना। २।(क़ानून) मुक़द्दमा डिसमिस करना। दरख़ास्त नामंज़ूर करना
ख़ास-कारिंदा
(क़ानून) ख़ास कारिंदा से वो शख़्स मुराद है जो किसी ख़ास फे़अल या अफ़आल के मुताल्लिक़ बहैसीयत कारिंदा अमल करने के लिए मुक़र्रर किया जाये मिला वकील या मुलाज़िम
गुम-नामा
(विधिक) अभिलेख जो किसी सरकारी काग़ज़ इत्यादि गुम हो जाने के बारे में शपथ-पत्र के रूप में लिखा जाए
गवाह-ए-'ऐनी
(क़ानून) गवाह-ए-रवैय्यत, चशमदीद गवाह, वो गवाह जिस ने किसी बात (वाक़िया) को अपनी आँख से देखा हो
घूर-बरार
(क़ानूनी) वो महसूल जो हर हिस्सा दार और इजाराहदार पर इन मसारिफ़ के सबब से जो एक साल में हूँ लगाया जाये
ज़बान-बंदी
किसी घटना के संबंध में लिखी जाने वाली किसी साक्षी या गवाह की गवाही, अभिव्यक्ति, बयान दर्ज करना, भाषण-प्रतिबंध, बोलने की मनाही, चुप रहने की आज्ञा, मौन, चुप्पी, जादू या मन्त्र-जाप की शक्ति से अपने विरुद्ध कुछ कहने से रोकना
ज़मानत
वह रक़म जो किसी की ज़िम्मेदारी लेते समय अधिकारी के पास जमा की जाती है, किसी व्यक्ति या कार्य की विश्वसनीयता, प्रतिभूति, गारंटी, ज़िम्मादारी सिक्योरिटी
ज़रर-ए-अराज़ी
(क़ानून) वो नुक़्सान जो अराज़ी को पहुंचे इस में अराज़यात-ए-नहर से मिट्टी खोदना या घांस या पौदों को काटना और अराज़यात-ए-नहर पर बिलाइजाज़त दरख़्तों का लगाना या फ़सल होना भी दाख़िल है
ज़रर-ए-कल
(कानून) मशीन का नुक़्सान, इस में तमाम आलात-ए-ज़ाबता-ए-हरकत दाख़िल हैं मसलन बोझ खींचने की कलीं, ज़ंजीरीं, फाटक, शहतीरयां तख़्ते, तमाम पुल उठाने के आलात, अलाम बंद के आलात, तमाम पन की कलीं
ज़रर-ए-ता'मीरात
(क़ानून) वह नुक़सान जो निर्माण को पहुँचे, इसमें तमाम तरह के पक्के निर्माण और उसके विभिन्न अंग शामिल हैं आम इससे कि नहर पर हों या खाल या ख़लासी नाव चलाने का काम या नाली पनचक्की या नाली निकासी पर हों
ज़रर-ए-शदीद
(क़ानून) बड़ी चोट, बहुत ज़्यादा चोट जैसे: देखने या सुनने की शक्ति खो देना, हड्डी या दाँत तोड़ देना आदि
ज़रर-ए-सरीह
(विधिक) यह हानि धमकी या मार-पीट या घाव या बेकार करने किसी अंग से हो सकता है, धमकी के द्वारा या भय दिखा कर
ज़ुल्म
किसी प्रबल या शक्तिशाली व्यक्ति का अनीति या अन्यायपूर्ण ऐसा कार्य जिससे असहायों, दुर्बलों तथा निरीहों को कष्ट होता हो, अत्याचार, प्रताड़ना, अन्याय
ज़ैली-रहन
(क़ानून) यदि गिरवी रखने वाला अपनी संपत्ति किसी अन्य व्यक्ति को गिरवी रखता है, तो यह कार्रवाई उप-बंधक कहलाएगी
जवाब-ए-दा'वा
(क़ानून) नालिश के दावे का उत्तर, जिसमें यह दिखाया जाता है कि वाद अमुक कारणों से झूठा है, वह लिखित पत्र जो वादी के अभियोगों के उत्तर में प्रतिवादी न्यायालय में देता है, प्रतिवादी द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया प्रत्युत्तर, दावे का क़ानूनी जवाब
जवाब-दही
किसी बात, कार्य या उसके परिणाम के प्रति जवाब देने की स्थिति, उत्तरदायित्व, ज़िम्मेदारी, जवाबदारी, हिसाबदही
ज़ेहनी-अमानत
(क़ानून) ज़ेहनी अमानत उस समय कही जाती है जब स्थापित करने वाले का स्पष्ट या वास्तविक (क़ानून) अभिप्राय प्रकट न होता हो लेकिन इक्विटी (न्याय सम्बंधी नियम) उसके शब्दों या कार्यों का यह अर्थ बताती है कि अमानत स्थापित हुई
जिला'
(क़ानून) इस लफ़्ज़ से अदालते दीवानी दर्जा-ए-आला मजाज़ साअत इबतिदाई और अदालत हाईकोर्ट मामूली इख़्तयारात समाअत इबतिदाई मुराद है
डकैती
संपत्ति लूटने के लिए अकेले या दल-बल के साथ किया जाने वाला सशस्त्र धावा, डाका, लूटपाट करने का काम
डाकरिया
(क़ानून) बाहन, एक मज़बूत ज़रख़ीर मटेली सतह ज़मीन जो बड़े बड़े ढीलों में से तोड़ी ग़नी हो जो बौने के लिए बहुत बारिश चाहती हो
डिग्री जारी कराना
(क़ानून) तामील-ए-हुकम कराना, फ़रमान पर अमल कराना, रुपया या जायदाद हासिल करने के वास्ते हुक्म जारी कराना
डिग्री-दार
वह व्यक्ति जिसके पक्ष में दीवानी अदालत की डिगरी हुई हो, वह जिसके पक्ष में किसी मुकदमे का निर्णय हुआ हो
तकमील-ए-तफ़्तीश
(क़ानून) मुक़द्दमे के हर पहलू की दरयाफ़त करना, कोई मुआमला मुताल्लिक़ा मुक़द्दमा बगै़र दरयाफ़त के ना छोड़ना
तक़्सीम-ए-ग़ैर-मुकम्मल
(क़ानून) नाक़िस तक़सीम, वो तक़सीम जो मुकम्मल ना की गई हो जैसे शामलात जो कई मालिकान में मुश्तर्क होती है और इस का महसूल सब शुरका मिल कर अदा करते हैं
तक़्सीम-ए-मुकम्मल
(क़ानून) वो तक़सीम जो पूरे पूरे हिस्सों में हो और हर एक हिस्सा से बिलकुल अलैहदा अलैहदा हो और उन को अलैहदा अलैहदा जायदादें बना देवी
तक़्सीम-ए-महाल
(क़ानून) मुहाल की तक़सीम-ए-मुहाल वो क़ताह-ए-ज़मीन है जो अजज़ए मौज़ा से बनाया गया हो और जिस की जमा जुदागाना मुशख़्ख़स हुई हो
तंक़ीह
आज-कल विधिक क्षेत्रों में, दीवानी मकदमों आदि के सम्बन्ध में दोनों पक्षों के कथन और उत्तर के आधार पर न्यायालय का यह निश्चित करना कि मुख्यतः कौन-कौन सी बातें विचारणीय हैं।
तम्लीक-ए-कुल्ली
क़ानून: सम्पूर्ण संपत्ति, किसी चीज़ का पूर्ण स्वामी होना, पूर्ण स्वामित्व प्राप्त करना
तर्क-ए-फ़े'ल
(क़ानून) किसी काम को छिड़ दयान, ना करन अक़ाम का इस हाल मान कहा जा सकता है जब कि इस तर्क से कोई जुर्म पैदा हो जाये
तलब-ए-इस्तिश्हाद
(क़ानून) गवाह करने या हाज़िर करने की तलब, वो तलब जो शिफ़ा वग़ैरा का दावा करने में मल्हूज़ रखी जाती है, लोगों को गवाही में बुलाने में मुद्दई या शफ़ी इस का लिहाज़ या रियायत करता है, गवाही तलबी
तलबाना
भू-राजस्व समय से न जमा किए जाने पर लगने वाला अर्थदंड, गवाहों को बुलाने के लिए न्यायालय में जमा किया जाने वाला ख़र्च, सिपाहीयों का दैनिक खर्च
तसन्नो'
(विधिक) छल, धोखा, तलबीस ऐसे बनाव-सिंगार को कहते हैं जिससे धोखा दिया जा सके, बदले जाने या परिवर्तन का भाव
तहक़ीर-ए-'अदालत
न्यायालय की अवमानना, कोई ऐसा कार्य जिससे न्यायालय की अवहेलना हो और न्यायालय की प्रतिष्ठा एवंं उसकी गरिमा के विरुद्ध हो
तहदिया
(क़ानून) तहदेह से वो चारा-ए-कार मुराद है जो अदालतें शख़्स मुतज़र्रर को अता करती हैं या . . . वो ज़िम्मेदारी मुराद है जो हमला आवर शख़्स पर अदालत क़ायम करे
तहवील-ए-अमानती
(क़ानून) एक फ़रीक़ की तरफ़ से दूसरे को किसी ग़रज़ से माल का इस मुआहिदे पर हवाला किया जाना कि बाद हुसूल ग़रज़ वापिस कर दिया जाएगा
ता'सीब-ए-महज़
(क़ानून) बाप का असबा (मर्दे का सब से क़रीबी रिशादार) की हैसियत से वारस्त का मुस्तहिक़ होना जब मय्यत का बेटा या पोता परोता और बेटी या पोती मौजूद ना हो
तौज़ी'
(क़ानून) लगान का हिसाब किताब, जमाबंदी, फ़र्द हिसाब (जिस में ज़र मुतालिबा, तहसील वसूल और बाक़ी दर्ज हो)
तौसीक़
किसी क़ौल-ए-बयान की सेहत के बारे में विश्वास दिलाना या उसका समर्थन करना, प्रमाणित करना, समर्थन करना
तौहीन-ए-'अदालत
कोई ऐसा शब्द कह देना या ऐसा काम करना जिससे न्यायालय का अपमान हो एवं उसकी गरिमा को ठेस पहुँचे, न्यायालय की अवमानना
दख़्ल-दिहानी
(क़ानून) अदालती आदेश द्वारा किसी को किसी संपत्ति पर कब्ज़ा या अधिकार दिलाने का काम; दाख़िल-ख़ारिज; (डिलेवरी ऑव पज़ेशन), कब्ज़ा दिलाना, किसी जायदाद आदि पर किसी एक की जगह दूसरे को हक़दार और मालिक बनाना
दख़्ल-नामा
अधिकार प्राप्त करने का सरकारी आदेश, क़ब्ज़े का प्रमाण पत्र, क़ाबिज़ होने का सरकारी हुक्म, परवाना
दस्तूर-साज़
संविधान बनाने वाला, वह सभा जो मुल्क का दस्तूर (प्रारम्भिक क़ानून) बनाए, बुनियादी क़वानीन तैय्यार करने वाला
दस्तावेज़
(क़ानून) वह कागज़ जिस पर दो या अधिक व्यक्तियों के पारस्परिक लेन-देन, व्यवहार समझौते आदि की शर्ते लिखी हों और जिस पर संबद्ध लोगों के हस्ताक्षर प्रमाण स्वरूप अंकित हों, डीड, जैसे: तहरीर, दानपत्र, रेहन-नामा आदि
दाख़िल-ए-दफ़्तर
(सरकारी काग़ज़ात, रजिस्टर या फाइल आदि में) शामिल, पंजीकृत, उल्लिखित (आवेदन, मुक़दमा या नाम आदि)
दाख़िल-ख़ारिज
(कानून) किसी व्यक्ति के नाम को मालिक के रूप में हटाने और आधिकारिक दस्तावेजों में किसी अन्य व्यक्ति के नाम का प्रतिस्थापन, पहले व्यक्ति के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति की नियुक्ति, संपत्ति का हस्तांतरण
दाख़िला-बही
(क़ानून) किताब जिस में दाख़िला की रसूओमात बजनसहही मुंदर्ज होती हैं, इस से ये मुराद है कि जो रोओ पिया दाख़िल हो ज़ाहिर होजाए कि किस के नाम से और किस बाबत सयाहा हुआ
नुक़्ता-ए-ए'तिराज़
(विधिक) सभाओं या संसद में किसी भाषण या संदर्भ के बीच उठाया गया प्रश्न, आपत्ति का बिंदु, विरोध का बिंदु
नक़्द-ए-क़ानूनी
(क़ानून) क़ानूनी तौर पर मंज़ूर शूदा सके या नोट जो हर किस्म की अदायगी में दिए जाएं या जिन का क़बूल करना क़ानूनन ज़रूरी हो, ज़र क़ानूनी, क़ानूनी सिक्का
नेक-निय्यत
अच्छे इरादे वाला, जिसकी नियत अच्छी हो, धर्मात्मा, सत्य-संकल्प, अन्तःशुद्ध, ईमानदार, दियानतदार, धर्मनिष्ठ, ईमानदार और सच्चा
नक़्ल-कार्रवाई
(क़ानून) वो रजिस्टर जिसमें मुक़द्दमे के अंतर्गत आने वाली सारी वास्तविक्ताएँ और साक्ष्य लिखे जाते हैं जो जज के लिए सहायक होते हैं
नज़र-ए-सानी
सुधार के उद्देश्य से दोबारा देखना, कोई किया हुआ काम इस दृष्टि से दोबारा देख जाना कि उसमें कहीं कोई त्रुटि या भूल तो नहीं रह गई है, पड़ताल करना, संशोधन एवं रद्दीकरण,
नज़ाइरी
नज़ाइर (रुक) से मंसूब या मुताल्लिक़ , (क़ानून) मुक़द्दमात के हवाला जाती फ़ैसले जिन में नज़ीर पाई जाये
नज़ीर
उदाहरण; मिसाल; दृष्टांत, मिसाल, नमूना, सदृश, समान, किसी मुकदमे में दावे की पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया गया उच्च या सर्वोच्च न्यायालय का पूर्व फ़ैसला
नंबरी नालिश
नियमित नालिश (शिकायत, मुक़द्दमा दायर करना, अदालत में दावा करना), वह नालिश जो अलग-अलग बिखरी हुई न हो
निशान-ए-तिजारत
(क़ानून) कोई निशान (अलामत,नक़्श, ठप्पा, महर वग़ैरा) जो ये ज़ाहिर करने के लिए मुक़र्रर किया जाये कि ये माल किसी ख़ास शख़्स या कारख़ाने का बनाया हुआ है या किसी ख़ास शख़्स की तिजारत के लिए मख़सूस है , किसी इदारे या माल इतजारत का शनाख़ती निशान जो बिलउमूम रजिस्टर्ड होता है, ट्रेड मार्क
नीम-शरीक
(क़ानून) आधा शरीक ऐसा शख़्स नौ मिसल शरीक के हो, शरीक निंबा जो कारोबार में पूरी शराकत ना रखता हो , शरीक नुमा साझी
नौ-बार
(लफ़ज़ा) मौसम का पहला फल , (क़ानून) ईसाईयों में मज़हबी औक़ाफ़ की पहले साल की जुमला आमदनी जो रोमा के पापाए आज़म के नज़र की जाती थी नीज़ निज़ाम जागीरदारी में एक असामी के मरने के बाद अराज़ी की एक साल की आमदनी जो बादशाह को पेश की जाती थी (First Fruits का तर्जुमा)
पुकार
(क़ानून) मुस्तग़ीस या मुद्दआलैह या गवाहों में से किसी की तलबी के लिए सदा जो अदालत के बाहर लगाई जाती है
पंच-ए-सुलतानी
(क़ानून) वो सालस जो बादशाह (या अदालत) की तरफ़ से मुक़र्रर कर दिया जाये, बादशाही फ़ैसलाकुन
फ़र्ज़-ए-अस्ली
(क़ानून) फ़र्ज़-ए-असली से वो फ़र्ज़ मुराद है जो बुला ताल्लुक़ किसी और फ़र्ज़ के वजूद पज़ीर होता है
फ़र्ज़-ए-इज़ाफ़ी
(क़ानून) फ़र्ज़-ए-इज़ाफ़ी से वो फ़र्ज़ मुराद है जो किसी दूसरे फ़र्ज़ की ख़िलाफ़वरज़ी की वजह स वजूद में आता है
फ़र्ज़-ए-मुतलक़
(क़ानून) फ़र्ज़-ए-मुतलक़ से वो फ़र्ज़ मुराद है जिस के मुक़ाबला में किसी मुईन शख़्स या अश्ख़ास को कोई हक़ हासिल ना हो, मसलन : टैक्स अदा करने का फ़र्ज़
फ़र्द-ए-क़रार-दाद-ए-जुर्म
क़ानून: वो काग़ज़ जिसमें जुर्म ठहराने का शीर्षक और वो धारा या फौजदारी वो धारायं वर्णित होती हैं जिसकी निसबत बयानात से आरोपी को अपराधी होना समझा जाता है, धाराएं लगाने के पश्चात अपराधी से जवाब और सफ़ाई ली जाती है, अभियोगपत्र, चार्जशीट, आरोप पत्र
बुझौता
(क़ानून) सालाना हिसाब का औसत जो पटवारी ग के मालिकों से करते हैं, देही मिल्कियत का गोशवारा, हिसाब
बंद-ओ-बस्त-ए-दवामी
खेतों और ज़मीनों को वह बंदोबस्त जो एक बार हो जाय और फिर कभी न बदले, जैसे—बंगाल का बंदोबस्त ।
बाज़ू-दा'वा
(क़ानून) वह दावा जो अपहरण की गई औरत वापस दिलाने के लिए उसके वारिस की तरफ़ से किया जाये, अपहरित युवती का दंड या अर्थदंड
मु'आहदा-ए-इब्रा
(क़ानून) वह अनुबंध जिसके तहत एक पार्टी दूसरे को नुक़सान से आज़ाद करने का निश्चय करे जो कि उसको स्वयं मामले के काम से या किसी और व्यक्ति के काम से पेश आया हो
मु'आहदा-ज़मानत
(क़ानून) वो मुआहिदा जो एक शख़्स सालस के अह्द के अफ़ा-ए-या ज़िम्मेदारी के अदा करने के लिए बशर्त क़ासिर होने उस शख़्स सालस के किया जाये
मुक़र्ररी-दार
कृषी, क़ानून: एक किसान जिस पर एक जमींदार का कब्जा होता है, इस शर्त पर कि वह सालाना एक निश्चित राशि का भुगतान करता है, अर्थात: घरेलू सामान की संपत्ति
मुख़्तार-ए-'आम
वह व्यक्ति जिसे किसी रियासत में सारे अधिकार प्राप्त हों, वह प्रतिनिधि जिसे किसी तरफ से सब प्रकार के कार्य विशेषतः आर्थिक या क़ानूनी कार्य करने का अधिकार प्राप्त हो
मजमू'आ-ए-क़वानीन
क़ानून का संग्रह, वह किताब जिसमें बहुत से क़ानून हों, यह फ़ौजदारी और दीवानी दोनों होते हैं
मजमा'-ए-ख़िलाफ़-ए-क़ानून
ऐसे लोगों का जमाव जिनसे किसी झगड़े की संभावना हो, अवैध समुदाय, पाँच या पाँच से अधिक लोगों का इकट्ठा होना जो अवैध हो
मज्लिस-ए-'आम
(क़ानून) नाटक से मुताल्लिक़ ऐक्ट यानी क़ानून के मुताबिक़ हर मुक़ाम या अहाता जिस में आम लोग रुपया दे कर तमाशा देखने को जाएं
मुज़ाहमत
रोकने या बाधा देने की क्रिया या भाव, प्रतिरोध, विरोध, रोक टोक, अटकाव, हस्तक्षेप, रोक-टोक, मनाही, आपत्ति, बाधा
मुंतक़ल-इलैह
कानून: जिसकी ओर हस्तान्तरि किया गया हो जिसके नाम कोई वस्तु लिखी हो या दी हो, वह व्यक्ति जिसके नाम कोई चीज़ मुंतक़िल की जाए
मंतिक़ी-ता'बीर
(क़ानून) वो तरीक़ अमल जिस में क़ानून के एक जुज़ु के दूसरे जुज़ु से ताल्लुक़ पर ग़ौर करने के बाद क़ानून की ताबीर की जाये
मुद्द'आ-'अलैह
वो व्यक्ति जिसके ख़िलाफ़ नालिश की गई हो या मुक़द्दमा दायर किया गया हो, वो शख़्स जिस पर दावा किया गया हो
मुद्द'आ-'अलैह-तरतीब
(क़ानून) जब कई मुद्दआलैह होते हैं तो उन के नाम यके बाद दीगरे बिलतर्तीब दर्ज होते हैं नंबर १, २, ३ और वक़्त तहरीर फ़ैसला के सिर्फ़ नंबरों से पुकारे जाते हैं, नाम वग़ैरा की चंदाँ ज़रूरत नहीं होती
मदयून-ए-डिग्री
(क़ानून) जो फ़ैसले में क़र्ज़दार क़रार दिया गया हो, वो शख़्स जिस पर डिग्री या हुक्म सादर हुआ हो
मुदाख़लत-ए-बेजा बख़ाना
(क़ानून) मुदाख़िलत बेजा, किसी के घर में दाख़िल हो जाना, जो जुर्म है , बिलाइजाज़त घर में घुस जाना
मुराफ़'आ
अपील, पुर्नावचार-प्रार्थना, पुनर्याय-प्रार्थना, छोटी अदालत में मुकदमा हार जाने पर बड़ी अदालत में पुनर्विचार के लिए दिया जानेवाला प्रार्थना-पत्र
मुश्तरका-क़ब्ज़ा
(क़ानून) वो क़बज़ा जिस में दो अश्ख़ास एक ही वक़्त किसी शैय या जायदाद के मुश्तर्क क़ाबिज़ हूँ और मुशतर्का क़बज़ा की नौईयत ये है कि हर शरीक कल जायदाद का क़ाबिज़ है लेकिन वो किसी जायदाद को इस तरह इस्तिमाल नहीं कर सकता कि दूसरे शुरका इस के इस्तिमाल से रोके जाएं
मुस्तग़ीस
फ़ौजदारी में दावा दाइर करनेवाला, दावेदार, मुद्दई, अभियोक्ता, फ़रियादी, वह जो किसी पर या किसी प्रकार का इस्तिग़ासा या अभियोग उपस्थित करे
मुस्तशार-ए-क़ानूनी
(क़ानून) वो शख़्स या वकील जिस से क़ानूनी मुआमलात में मश्वरा लें या करें, वकील, कानूनी सलाहकार
मुंसिफ़
(क़ानून) दीवानी विभाग का एक न्यायाधीश जो छोटे छोटे मुकदमों का निर्णय करता है और जो सब जज से छोटा होता है
महफ़ूज़-जंगल
(क़ानून) वो जंगल जो हिफ़ाज़त किया गया हो, बंद जंगल । रिज़र्व फ़ारसट का तर्जुमा किया गया महफ़ूज़ जंगलात
मुहामात
निगाह रखना, हिफ़ाज़त करना , धकेलना, पसपा करना , नागवार होना , बाज़ रखने की क़ुदरत होना , मेहमान की अच्छी तरह ख़ातिरदारी करना , (क़ानून) वकालत, बैरिस्ट्री
मा'नवी-अमानत
(क़ानून) माअनवी अमानत उस वक़्त कही जाती है जब क़ायम कनुंदा-ए-अमानत ने अपना मंशा-ए-बालसराहत ज़ाहिर ना क्या हो लेकिन इस की इस नीयत का क़ियास किया जा सकता हो कि अमानत क़ायम की जाये
मा'मूली-हर्जा
(क़ानून) वो हर्जा जो ओस वक़्त तजवीज़ किया जाता है जब क़ानूनी हक़ पर हमला हुआ हो और शख़्स मतफ़रर को नुक़्सान पहुंचा हो
माल-ए-अम्वात
मुर्दो का माल, लावारिसी माल, वह संपत्ति और नकदी जो मृतक पीछे छोड़ता है, संपत्ति जिस का कोई वारिस न हो
माल-ए-मंक़ूला
वह संपत्ति जो हटायी जा सके, जैसे-रुपया, मवेशी आदि, चल संपत्ति، वह संपत्ति जिसका उपयोग कहीँ पर भी हो सके अर्थात चलायमान जैसे धन, आभूषण, बर्तन, घर का सामान, पशु-पक्षी इत्यादि
माल-ज़ामिन
नक़दी की गारंटी देने वला, रुपये के भुगतान करने का उत्तरदायी (किराए या ऋण के भुगतान के लिए) वह व्यक्ति जो किसी दोसरे की ऐसे गारंटी ले कि अगर वह व्यक्ति चला जाएगा तो मैं उसकी भरपाई करुँगा
मालिक-ए-अद्ना
(क़ानून) वो शख़्स जो रिवाजी लगान मालिक आला को देता है, ये क़ाबिज़ अराज़ी होता है या ख़ुद काशत करता है या मज़ारा से करवाता है, छोटा मालिक
मालिक-ए-अराज़ी
(क़ानून) वो शख़्स जिस का मुवाख़िज़ा अदाए लगान मालिक-ए-अदना या रईयत पर आयद होता है, ज़मींदार, जागीरदार
मीरास-ए-'इमरानी
(क़ानून) वो तमाम चीज़ें जो किसी विशेष समाज के लोग अपने पुर्वजों से किसी सामाजिक मान-मर्यादार के रूप में विरासत में पाते हैं
मोहमल-'उज़्र
(क़ानून) उज़्र लिंग, बेतुका बहाना , ऐसा बयान जिस से इबहाम पैदा हो और जो मुक़द्दमे की कार्रवाई में रुकावट का बाइस हो
मौक़ूफ़-इलैह
जिसके लिए अर्पित किया गया हो, अर्पित किए हुए धन या संपत्ति का लेने वाला; (लाक्षणिक) मस्जिद का प्रबंधक
रुसूम-ए-'अदालत
वह धन जो न्यायालय में कोई मुक़दमा आदि दायर करने अथवा कोई अपील देने के समय विधि के अनुसार सरकारी कोष में दिया जाता और जिसकी प्राप्ति के प्रमाण स्वरूप टिकट आदि मिलते हैं, सरकारी व्यय, कोर्ट-फ़ीस, न्यायलय शुल्क, स्टैंप ख़र्च
लाट-बंदी
चीजों के अलग-अलग विभाग करके उनकी राशि या वर्ग बनाने की क्रिया या भाव, (कानून) किसी संपत्ति को भागों में इस तरह विभाजित करना कि उसे अनुबंधित या नीलाम किया जा सके, प्रत्येक शेयरधारक को अलग अलग हिस्सा मिल सके
वकील-ख़ास
(क़ानून) वो वकील जो मुक़द्दमे के इन वाक़ियात तहरीरी को देख कर जो इस के सामने पेश किए जाते हैं ज़बानी या तहरीरी हिदायात करता या राय देता है और दीवानी और फ़ौजदारी के मुक़द्दमात के प्लैडिंग मुरत्तिब करता है
वकील-सरकार
सरकारी वकील, वो वकील जो सरकार की तरफ़ से मुक़द्दमों की (फ़ौजदारी) पैरवी करे, सरकारी मुकद्दमों में पैरवी करनेवाला वकील
वतन
(विधिक) जीविका, जो पुराने समय में सरकारी सेवा के बदले में पटवारी, माली और कोतवाल अदि को पैसे और ज़मीन के रूप में मिलता था, एक तरह की सरकारी भेंट
वतन-दार
(सियास्यात) वो लोग जिन्हें सरकारी ख़िदमात के इव्ज़ तनख़्वाह के बजाय ज़मीन या नक़दी अता हुई हो नीज़ माली, कोतवाली या पटवारी वग़ैरा
वसी-मूसी
(क़ानून) वह व्यक्ति जिसे वसीयत करने वाले ने अपनी ओर से अपनी जायदाद के प्रबंधन के लिए नियुक्त किया हो
वाक़ि'आ-ए-मुत'अल्लिक़ा
(क़ानून) हर वो वाक़िया जिस के इस्बात या तरदीद से वाक़िफ़ तनक़ीही के इस्बात या तरदीद पर असर पड़े
वा'दा-ए-मु'आफ़
(क़ानून) वो मुजरिम जिस से किसी के ख़िलाफ़ गवाही देने या असल हक़ीक़त पूरी की पूरी बता देने पर माफ़ कर देने का वाअदा किया जाये और बाद अज़ीं इस का जुर्म माफ़ कर दिया जाये, सुलतानी गवाह
शख़्स
व्यक्ति, मुतनफ़्फ़िस अर्थात प्राणी, एक आदमी, इसी प्रकार दो चार छः इत्यादि (जहाँ गिनती करना उद्देश्य हो और कोई विशेष आदमी मस्तिष्क में न हो)
शख़्स-ए-हक़ीक़त-दार
(क़ानून) हावी तमाम अश्ख़ास-ए-दावे दारान इस्तिहक़ाक़ मुआवज़ा पर है, ये ऐक्ट हुसूल अराज़ी में दर्ज है, हक़ीक़त रखने वाला शख़्स
शफ़ी'-ए-ख़लत
ऐसा शख़्स जिस को जायदाद मबीआ में किसी किस्म का हक़-ए-आसाइश हासिल हो, या उस की मिल्कियत में शरीक हो, शिरकत की ज़मीन (मुशतर्का) का शिफ़ा रखने वाला
शरीक-ए-जुर्म
जो किसी अपराध में अपराधी का सहायक हो, अपराध में साथी, (क़ानून) जुर्म में शामिल, अपराध करने में में मदद देने वाला, वो व्यक्ति जिस ने जुर्म में किसी का साथ दिया हो
शहादत-ए-ज़बानी
(क़ानून) तमाम बयानात गवाहों के जो अदालत की इजाज़त या हुक्म से उमूर वाक़ाती तहक़ीक़ तलब के बाब में इस के रूबरू किए जाएं नीज़ वो गवाही जो तहरीर या इशारात की मदद से दी जाये
शहादत-ए-मंक़ूली
(क़ानून) ऐसी नक़ल मुसद्दिक़ा जो बमूजब क़वाइद मजऱ् ये वक़्त हासिल की गई हो नीज़ ऐसी नक़ल जो बज़रीया छापा या अक्स या और किसी तरीक़े से ली जाये
शहादत-ए-मा'हूदा
(क़ानून) इस्लाम धर्म में बनाई गई ऐसी गवाही जो दो मर्दों की हो या एक मर्द और दो औरतों की हो
सनद-ए-ख़ून-बहा
(क़ानून) क़ातिल की तरफ़ से जायदाद वग़ैरा की रसीद जो मक़्तूल के वारिसों को बतौर तावान दी गई हो
समा'अत के क़ाबिल
सुनने के काबिल , (क़ानून) वो मुक़द्दमा जो क़ानूनन सुने जाने के लायक़ हो, पेशी के काबिल, ऐसा मुक़द्दमा जो हाकिम के इख़तियार-ए-समाअत में हो
सरकारी-काग़ज़
स्टैंप का काग़ज़, वो काग़ज़ जिसकी सरकार मालिक हो और दूसरा निजी काम में न ला सके, सरकारी कार्यालय या विभाग का कागज, प्रामिसरी नोट
सरकारी-वकील
क़ानून: हुकूमत के कार्यों में बचाव करने का सदस्य, वो क़ानूनदां और वकील जो सरकार की तरफ़ से किसी मुक़द्दमे में बचाव की भूमीका अदा करता है
सरीह-अमानत
(क़ानून) सरिया अमानत से वो अमानत मुराद है जो क़ायम कनुंदा अमानत अपने अलफ़ाज़ या अफ़आल से बालसराहत ज़ाहिर हो
सवारी-ए-'आम
(क़ानून) वो सवारी जिस पर मुसाफ़िर रोज़मर्रा चढ़ते उतरते हूँ और जिस की बाबत ज़ाद-ए-राह का दावा हो सके
साहिब-ए-ज़मीन
(क़ानून) इस से हर ऐसा शख़्स मुराद है जिस के तहत में कोई रईयत ज़मीन पर क़ाबिज़ हो और जिस को रईयत मज़कूर इस ज़मीन की बाबत लगान अदा करने की ज़िम्मेदार हो या बसूरत ना मौजूद होने किसी ख़ास मुआहिदे के ज़िम्मेदार अदाए लगान मज़कूर होती
साहिब-ए-दस्तख़त
(क़ानून) वो मआशदार जो अपने शिकमी दारों की मआश भी अपनी महर-ओ-दस्तख़त से उन की इजाज़त से उठाता हो
सिक्का-सनद
(क़ानून) दस्तावेज़ जिस पर बादशाही सनद या मोहर हो; तहरीर जिस पर शासन काल की मोहर हो जैसे स्टाम्प या वचन पत्र आदि
हुक़ूक़-ए-ज़ौजिय्यत
वह अधिकार जो पत्नी को पति पर और पति को पत्नी पर प्राप्त है, वह हुक़ूक़ जो बीवी या शौहर होने से पैदा होते हैं, दाम्पत्य अधिकार
हज्ब
छुपाना, पर्दा करना, अंदर आने से रोकना, (क़ानून) किसी वारिस के वजूद से दूसरे वारिस की कुल या जुज़ो-ए-तरिका से महरूमी
हत्क-ए-'इज़्ज़त का दा'वा
(क़ानून) मुक़द्दमा जो बेइज़्ज़ती रुसवाई या भेद खोलने या इल्ज़ाम लगाने की सज़ा या हर्जाने के लिए किया जाये, अज़ाला-ए-हैसियत-ए-उर्फ़ी का दावा
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