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कोशिश
कोई काम करने के लिए विशेष रूप से किया जानेवाला प्रयत्न, मेहनत, दौड़ धूप, प्रयत्न, प्रयास, चेष्टा, उद्योग, श्रम, उद्यम, उपाय, परिश्रम
आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
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"जंगलात" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
अमीरी
अमीर अथवा धनी होने की अवस्था या भाव, दौलतमंदी, संपन्नता, ठाठ-बाठ, रईसाना, धनाढ्यता; वैभवशालिता,
इब्राहीम-अदहम
एक मशहूर सूफ़ी फ़क़ीर जो अदहम (बिन मंसूर बिन यज़ीद) के बेटे थे, कहा जाता है कि ये अबतदान बलख़ के बादशाह थे, ख़ाब में किसी आसमानी बशारत पर फ़क़ीरी इख़तियार की और तलाश-ए-हक़ में निकल खड़े हुए . हल्का-ए-सोफिया-ओ-फ़ुक़रा में दाख़िल होने के बाद शाम में सुकूनत इख़तियार की, मेहनत मज़दूरी ज़रीया-ए-मआश था . यूनानियों के ख़िलाफ़ जिहाद करते हुए ७८४-ए- में शहादत पाई
इस्म-ए-मस्दर
(सिर्फ़) वो इस्म जो किसी काम या हरकत का नाम हो मगर इस के मानी में ज़माना ना पाया जाये, (दूसरे लफ़्ज़ों में) किसी काम का नाम जिस से इस्म और फे़अल मुश्तक़ हूँ (बनावट के लिहाज़ से इस्म की दूसरी क़सम)
कटौती
किसी काम या बात में किसी रूप में की जाने वाली या होने वाली कमी, लेन देन का काम सरअंजाम देने का हक़, रियायती हक़, छूट, डिस्काउंट, घटोत्तरी, कमी, मैल का वज़न जो कीसी धात की साफ़ करने में वास्तविक भार से अलग कर दिया जाए, करदा
कुंडली
जन्म-पत्री का मुख्य और मूल भाग जो गोलाकार या वर्गाकार होता है, ज़ाइचा, छोटा हलक़ा, दायरा, किसी प्रकार की गोल आकृति, रचना या रेखा, साँप के गोलाकार बैठने की मुद्रा
काट लगाना
शिगाफ़ लगाना, (जंगलात) वी की शक्ल में दरख़्त के तने की खाल छील देना ताकि उस का दूध सिमट कर वहाँ आए और जम जाए
ख़फ़ीफ़-पैदावार
(जंगलात) जंगल की पैदावार जिस में लक्कड़ी और ईंधन के इलावा सब किस्म की हैवानी, नबाती और मादिनी पैदावार शामिल है
ख़ुश्क-सड़न
(जंगलात) लहड़ी में पैदा हो जांई वाली फपोनद जिस की वजह से लक्कड़ी का रंग तबदील हावजारा है इस ए से लक्कड़ी मलाईम हो जाती है और लक्कड़ी ख़ुशक हालत में भुरभुरी हो जाती है और उंगलीयों से मिलने पर आटा बिन जाती है
गुजारे की पाड़
(बंधानी) ऊओपर की मंज़िल की पाड़ जिस का नीचे की मंज़िल या सतह ज़मीन से कोई ताल्लुक़ ना हो और ऊओपर की तामीर में ऊओपर ही ऊओपर मुख़्तसर बांधी जाये
गुलू-गीर
गले या गर्दन में फंसा हुआ, गले में अटक जाने वाला, लालची, इल्ज़ाम लगाने वाला, गले से लिपटा या लटका हुआ, गला पकड़ने या घोटने वाला, एक दांव जो गर्दन के सामने किया जाता है, हलक़ूम
गाँजा
भांग की जाति का एक प्रसिद्ध पौधा जिसकी मादक सूखी कलियाँ या फूल चिलम में रखकर तमाकू की तरह पीये जाते हैं
घात
५. वह स्थान या स्थिति जिसमें कोई व्यक्ति, किसी पर शारी रिक आघात या प्रहार करने के लिए छिपकर और ताक लगाये बैठा रहता है
चक्कर-बंदी
(बनातात) ख़ालियों (Vacuoles) की दोनों के मिलने से एक मुकम्मल ता पैदा हो जाने का अमल , सिलसिला क़ायम होना
छीन-बाँध
(बन्नोट) हरीफ़ को दांव से गांठने और हथियार छीनने का अमल यानी दांव कर के पकड़ लेने और इस के हथियार पर क़बज़ा कर लेने का तरीक़ा
ज़र-ए-रवाँ
(बैंकिंग) बैंक में जमा किया गया वह रुपया जिसके वापिस लेने के वास्ते पहले से कोई सूचना देनी ज़रूरी नहीं जिस वक़्त जितना चाहें रुपया ले सकते हैं
ज़ैली-सुर
(तबीअयात) निहायत मदहम आवाज़ जो आम हालत में ना सुनी जा सकती हो ख़फ़ीफ़ आवाज़ (बुनियादी सुर के मुक़ाबिल)
ज़ाहिर करना
छुपी हुई वस्तु, बात या भेद से पर्दा उठा देना, खोलना, इफ़शा करना, दिखाना, भेद खोलना, व्याख्या करना, स्पष्ट करना, अर्थ स्पष्ट करना
ढोलू
(बंधानी) बेलन जो बिरंगे के ऊपर अर्ज़ में डाला जानिए और वज़नी चीज़ को ऊपर लिए हुए बिरंगे पर घूमता हुआ आगे बड़हे
तक्दिमा
۔(अरबी में 'तक़॒दिमह' बरोज़न तसफ़ीया है। पेश करना। दरपेश होना। वो चीज़ जो फैश की गई हो। इस्तिलाह। वो रुपया जो पेशतर से कारीगरों को दें। फ़ार सीमीं 'पेशदाद' कहते हैं।) मुज़क्कर। अंदाज़े की तफ़सील। तख़मीना। बजट। हिसाब की जांच० (बनाना। लिखना वग़ैरा के साथ(हम तक़द्दुमा इतना ही बनाएंगे जितनी तनख़्वाह देना मंज़ूर है
तुम ने कहा और मैं ने मान लिया
तुम्हारी बात का मुझे विश्वास नहीं, तुम्हारी प्रतिज्ञा का मुझे भरोषा नहीं
तय्यारी की कटाई
(जंगलात) उस वक़्त की कटाई जब ख़ास दरख़्त की क़ुदरती पैदाइश मुश्किल या सुस्त हो या ज़मीन की हालत तुख़्म क़बूल करने और इस के मोलके पैदा करने के लईए नामौज़ूं हो
तवातुर
(लफ़ज़न) किसी बात या वाक़िया को बहुत से लोगों का नक़ल करना या कसरत और तसलसुल से नक़ल किया जाना कि बाइस यक़ीन हो
थामू
(गाड़ी बानी) गाड़ी की रफ़्तार को धीमा करने या रोकने की आड़ या अड़ंगा जो पहीए की बाल यानी पट्ठी के ऊपर गुटके की शक्ल में लगा होता है जिस को किसी तरीक़े से बाल के ऊपर मज़बूती से ठहरा देने से गाड़ी का पहीया चलने से रुकता है और रफ़्तार धीमी पड़ जाती है या बंद हो जाती है, अड़ंगा, ब्रेक, दंदीली , गाड़ी की कमानियों को सहारने की कमानी जो उन के सुरों को पकड़े रहती है, बांक औलाया
थामूँ
(बंधानी) पोली ज़मीन के गढ़े के पाखों की मिट्टी के रोक की आड़ ये लक्कड़ी के शहतीर या तख़्ते होते हैं जो पाखे से लगा कर जमा दिए जाते हैं ताकि या खे की मिट्टी दबने ना पाए, थामो, लॉग
दब-लक़
(बंधानी) दाब की लॉग, वो छोटा या बड़ा टेकन जो दाब के सिरे के नीचे भारी इश्यार का वज़न बांटने के लिए लगाया जाये, इस लॉग (टेकन) से बड़ी से बड़ी वज़नी शीबा आसानी और थोड़ी ताक़त से उभर या उछल जाती है
दुर्गा-पूजा
दुर्गा का पूजन, नवरात्र की पूजा, उत्तर भारत में चैत्र और आश्विन शुक्ल की प्रतिपदा से नवमी तक के नौ दिनों में दुर्गा की स्थापना के बाद होने वाली पूजा-अर्चना, चैत्र और आश्विन के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक के नौ दिन जिनमें लोग दुर्गा या देवी की प्रतिमा स्थापित करके उसका पूजन करते हैं
नुक्कड़
किसी सड़क या गली का वह स्थान जहाँ एक मार्ग समाप्त होता है और दूसरा शुरू होता है, कोना, किनारा, मोड़, सिरा, नाका
निकारी
(बनाई) पारचा बाफ़ों की इस्तिलाह में ऐसे मज़दूर को कहते हैं जो कारख़ाने के कामों से नावाक़िफ़ हो और काम सिखाने के लिए कारख़ाने में दाख़िल किया गया हो
प्रतिसर्ग
(हिंदु) पहला जन्म जिसमें मूल तत्व से दुनिया पैदा की गई, दूसरा जन्म जिसमें ब्रह्मा जी के द्वारा संपूर्ण जगत को पैदा किया गया, तत्व का फिर असली हालत में आ जाना; प्रलोक; क़यामत
पाल
कच्चे फलों को पकाने की कृत्रिम विधि; फलों को गरमी पहुँचाकर पकाने के लिए पत्ते बिछाकर रखने की विधि
पीछा न छोड़ना
۔۱۔साथ ना छोड़ना। सर होना। साथ साथ रहना। तआक़ुब से बाज़ ना आना। २। मुसलसल रहना। लगातार रहना। दुनिया भर की तदबीरें करचुकी बुख़ार है कि एक दिन को पीछा नहीं छोड़ता (बनात उलनाश
फुट्के भर में
۔ लम्हा भर में। (बनात उलनाश) पंप के ज़रीया से चाहो तो फटके भर में सारे मकान को हुआ से ख़ाली क्रुद्व
बंदर का घाव
वो ज़ख़म जो कभी अच्छा ना हो (बंदर अपने ज़ख़म को बार बार खुजाता रहता है इस लिए वो कभी मुंदमिल नहीं होता)
बराँगा
(बंधानी) किसी प्रकार की मोटी लकड़ी जो किसी भारी चीज़ को आगे को सरकाने और लुढ़काने को इसके नीचे तूल में डाली जाए, बर्गा
बीड़ा
उक्त प्रथा के आधार पर, परवर्ती काल में, कोई काम करने के लिए किसी को नियुक्त करने के संबंध में होनेवाला पारस्परिक निश्चय। मुहा०-बीड़ा देना = (क) किसी को कोई काम करने का भार सौंपना। (ख) नाचने-गाने, बाजा बजाने आदि का पेशा करनेवालों को कुछ पेशगी धन देकर यह निश्चय करना कि अमुक दिन या अमुक समय पर आकर तुम्हें अपनी कला का प्रदर्शन करना होगा।
मुतारहा
बात कहना, करना, परस्पर तरह पर ग़ज़लें कहना, प्रतिकात्मक: परामर्श करना, खुशामद करना, वार्तालाप करना
मेरे मुँह में ख़ाक
۔(ओ) ये जुमला नज़र ना लगने के लिए कहा करती हैं। (बनातुन्नाश) छः बरस मेरे ब्याह को हुए मेरे मुनह में ख़ाक मैंने तो किसी दुख या बीमारी की शिकायत हमसाई से नहीं सुनी
मुर्दों की हड्डियाँ चचोड़ना
अपने पूर्वजों के कर्मों पर गर्व महसूस करना, पुराने लोगों के कामों पर नाज़ करना, बुज़ुर्गों के कामों पर फ़ख़्र करना
मेल खाना
۔मुनासिब होना। मौज़ूं होना। मुताबिक़ होना। (बनातुन्नाश) इन लड़कीयों से मेरी तबीयत मेल नहीं खाती।
मस्तूर-दरख़्त
(जंगलात) वह वृक्ष जिस की वृद्धि ज़मीन में बहुत ज़्यादा नीचे होने के कारण व्यावहारिक रूप से रुक गई हो
मौसम-ए-बहार की लकड़ी
(जंगलात) लक्कड़ी में सालाना हलक़ों का वो हिस्सा जिस में बकसरत मुसामात (पुरनयां) हूँ जो अवाइल मौसम में बनता है
यक-तुख़्म-बर्ग
(बनातयात) यक दाला जिन्स से ताल्लुक़ रखने वाला पौदा जो ऐसे जनीन पैदा करता है जिस में सिर्फ़ एक बीज पत्ती होती है और जब के पत्तों की रगें मुतवाज़ी होती हैं
रुस्तम-कीली
(बनोट) क्षति का एक दांव जिस की सूरत ये होती है कि जब हरीफ़ सामने खड़े हो कर पहलवान की दोनों कलाईआं पकड़ ले तो पहलवान को चाहिए कि अपने बाएं हाथ से हरीफ़ का बायां हाथ जिस से कि इस ने कलाई पकड़ रखी है इस तरह पकड़े कि हरीफ़ का अंगूठा अपने अंगूठे से दबाये और फिर हरीफ़ की उंगलियां अपनी उंगलीयों से मज़बूत पकड़ कर अपने दाएं हाथ को हरीफ़ की बाएं कलाई के बाहर से ऊओपर ला कर नीचे को दबाता हुआ मुड़े, हरीफ़ की पुश्त यकदम पहलवान की तरफ़ हो जाएगी
रुस्तम-घात
(बनोट) क्षति का एक दांव जिस की सूरत ये है कि जब हरीफ़ सामने खड़ा हो तो पहलवान को चाहिए कि हरीफ़ की बाएं कलाई अपने दाहिने हाथ से पकड़ ले और '' देव पछाड़ '' की तरह बैठ कर अपना बायां हाथ हरीफ़ की दाहिनी रान में पुश्त की तरफ़ से अंदर को डाल कर हरीफ़ का बायां हाथ (जिस को दाहिने हाथ से पकड़ा है) पकड़ ले और दाहिने हाथ से छोड़कर हरीफ़ की गर्दन ऊओपर से दबा कर बाएं हाथ से हरीफ़ के बाएं हाथ को खेंछे और चित्त कर दे
रिज़ा-जामा-वार
(बनाई) रज़ा ग़ालिबन रेज़ा का ग़लत तलफ़्फ़ुज़ है इस से मुराद जामा वार का छोटी बूओटी का मामूली थान है, कारीगर बड़े और आला किस्म के थान के मुक़ाबले में कम दर्जा के थान को रेज़ा कहते हैं
लग लिपट कर
۔(ओ) मेहनत करके। कोशिश करके। (बनातुन्नाश) उस वक़्त में होसके तो लग लिपट कर इलम-ओ-हुनर हासिल करलीं। २।मुशतर्का क़ो्वत से मजमूई क़ो्वत से
लपेट
(क्षति) ख़ुद हरीफ़ के ऊपर होने की हालत में इस के दाहिनी तरफ़ बैठ कर अपने दाहिने हाथ से इस का बाज़ू लपेट कर अपना बायां पैर उस की पुश्त की तरफ़ लंबा कर के एक दम ज़ोर से खींचते हुए पीछे मुड़ कर उसे चित्त करना और दाहिना पांव इस के सीने पर रख देना
लाख को ख़ाक समझना
बहुत दियानतदार होना, ईमानदारी और स्पष्टता के चरम पर होना, (बनातुन नाश) मामा इतनी बड़ी ईमानदार है, है तो ग़रीब मगर लाख को ख़ाक समझती है, बहुत ईमानदार होना
शस-ज़र्बी
(बनबासी) जोगियों के यहाँ दिल और ज़बान से ईश्वर के स्मरण या इश्वर की प्रशंसा का ढंग जिसमें छः कलमों का पहेली के रूप में जप करते हैं, सात नाम
सेहर-ए-सामरी
सामिरी का जादू जिसने धातु के बछड़े में प्राण डाल दिये थे, बहुत बड़ा जादूगर, गुमराह करने वाला
सामी
पुरातत्त्व के अनुसार प्राचीन साम (देखें) नामक भू-भाग के निवासी जिनके अंतर्गत अरब, इब्रानी, एसी रिया (या असुरिया) और फिनीशिया तथा बैबिलोन के लोग आते हैं
हुलिया बदलना
भेस, रूप और आकार बदलना (कृत्रिम रूप से एक विशेष उद्देश्य के लिए), हुलिया बिगड़ना, स्थिति ख़राब होना
हिम्मत सर्द हो जाना
۔हिम्मत पस्त होजाना।(बनातुन्नाश) हुस्न आरा के सोई चुभी इससे ज़री उस की हिम्मत सर्द होगई
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क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा