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आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
दूध-शरीक बहन
ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन
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तेँदू
मझोले आकार का एक वृक्ष जो भारतवर्ष, लंका, बरमा और पूर्वी बंगाल के पहाड़ी जंगलों में पाया जाता है, इस पेड़ का फल जो नींबू की तरह का हरे रंग का होता है और पकने पर पाला हो जाता और खाया जाता है, इसकी छाल काली होती है जो जलाने से चिड़चिड़ाती है, आबनूस
रेवंद
रेबास की जड़, हिमालय पर ग्यारह-बारह हजार फुट की ऊंचाई पर होने वाला एक तरह का पेड़, एक दस्तआवर दवा, रेवंदखताई
संगतरी
(वनस्पतिविज्ञान) नींबू की प्रजाति का फल, खट्टा नींबू, अधिक पत्तों वाला ग्रंथि छिलका, अंदर से रसभरा और रेशों वाला
सँफल
(नबातात) एक मज़बूत दरख़्त, कठर बैल, कीथ, सैफ़ुल, केत जिस का फल खाया जाता है और लक्कड़ी दूसरे कामों में आती है
'अक्सी-तरकीब
(वनस्पतिविज्ञान) संश्लेषण, पौधे अपने हरे रंग वाले अंगो जैसे पत्ती, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस बाहर निकालते हैं
अकोल
(नबातीयात) एक ख़ारदार दरख़्त जिस का तेल रिवायती तौर पर जादू और टोटके में काम आता है, (लातीनी) ALANGIUM - HEXAPETALUM या ALANGIUM - LECAPETALU
अकोहर
(वनस्पतिविज्ञान) अकोहर, यह बड़े क्षुप या छोटे वृक्ष के रूप में पाया जाता है, इसके तने की मोटाई 2.5 फुट होती है तथा यह भूरे रंग की छाल से ढका रहता है, पुराने वृक्षों के तने तीक्ष्णाग्र होने से काँटेदार या कंटकीभूत होते हैं
अख़रसाज
(वनस्पतिविज्ञान) तामारिक्स जीनस की झाड़ी या छोटा पेड़ जिसमें सुई के आकार के छोटे पत्ते और छोटे सफेद या गुलाबी रंग के फूलों के पंख होते हैं, ज्यादातर तटीय क्षेत्रों
अज़्फ़ार-उल-क़ित
(वनस्पतिविज्ञान) बिल्ली का पंजा, एक वन क्षेत्रों में पेदा होने वाली जड़ी बूटी है, जिसकी बेल बिल्ली के पंजे जैसी दिखती है
अजायन
(नबातीयात) नियम के बराबर क़द, और आम के ऐसे मगर इस से किसी क़दर छोटे पत्तों का यक सायादार दरख़्त, जिस की फली कोई आध गज़ लंबी और पतली एंगी के बक़दर मोटी होती है, ख़ुशक होने पर बिखर जाती है और पोले दूत उतरते हैं, जलाने में तेज़ शोला नहीं उठता, में मस्तामल
अतीस
अतिविषा,अतीस, दो चार फुट ऊँचा क्षुप, काण्ड सरल और शाखाएं चपटी होती हैं पत्ते चार इंच लम्बे अण्डाकार या हृदयाकार होते हैं, पुष्प पीले कुछ नीलिमा युक्त होते हैं, जड़ दवाई के काम आती है
अबरंजीं
कँटीले तने पर स्थित एक प्रकार की घाँस के जैसा दो बित्ते का आधारित एक मरुस्थलीय पौधा, चौड़े और सफेद पत्तियों पर, औषधियों में प्रयुक्त
'अमल-ए-ज़ीरगी
परागण, पौधों में पराग कण का नर-भाग से मादा-भाग पर स्थानातरण, पुष्पीय पौधों में प्रजनन कोशिकाओं के संभोग के लिए नर प्रजनन कोशिकाओं को प्रजनन कोशिकाओं, यानी फलों के पत्तों के मुकुट में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया
अर्क़ीतून
(वनस्पतिविज्ञान) बरडॉक, इस की जड़ें लंबी और सफेद रंग की सफेद होती हैं, दिखने में आकर्षक नहीं होती, गोखुरु की भांती का कांटॆदार पौधा
अर्गट
(नबातीयात) राई या जोईदार गले वो दाना जिस में फपोनदी की ज़ात का एक ख़ास जरसूमा (कीड़ा) लगने से इस की हिम्मत और माहीयत बदल गई हो
अरनी-छोटी
(वनस्पतिविज्ञान) छोटेअग्निमन्थ का झाड़, 2-3 गज ऊंचा, जड़ मोटी, कड़वी और भूरे रंग की, पत्ते 1 से 2 इंच तक लंबे जिन पर सुगंध युक्त सफेद रंग के फूल लगते हैं, इसके फल काले रंग के होते हैं जिनमें चार-चार बीज निकलते हैं
अरनी-बड़ी
(वनस्पतिविज्ञान) अरणी, अग्निमन्थ, आग जलाने वाली लकड़ी, अग्निकाष्ठ, पत्ते कटे हुए कंगूरेदार, शाखाओं में आमने-सामने मजबूत कांटे, लकड़ी मजबूत व सफेद रंग की, उसपर बैंगनी रंग की धारियां, चैत्र-वैशाख में इसके फूल लगते हैं, इसकी लकड़ी को परस्पर में रगड़ने से अग्नि उत्पन्न होती है
अर्माल
पोए के साग के समान एक ख़ुशबूदार लकड़ी, जिसका पौधा एक गज़ का, पत्ते ख़ाकी और मोटे और फूल का रंग आसमानी होता है (दवाओं में प्रयुक्त)
अर्शा
(नबातीयात) क़द आदम तक बुलंद एक हिंदूस्तानी पौदा जिस की शाख़ें घास की तरह गिरहदार, पत्ते भी घास की तरह, फूल गुल बनफ़्शा के मानिंद मगर रंगा रंग और बीच में एक बाल, और फल इलायची की तरह सहि पहलू होता है, दवाव में मुस्तामल
अरूसा
(वनस्पतिविज्ञान) वसाका, अडूसा एक द्विबीजपत्री झाड़ीदार पौधा है. यह एकेन्थेसिया परिवार का पौधा है, इसकी पत्तियाँ लम्बी होती हैं और तनों की पर्वसन्धियों पर सम्मुख क्रम में सजी रहती हैं, इसके फूल का रंग सफेद एवं पुष्पमंजरी गुच्छेदार होती है, यह एक औषधिय पौधा है
अरिनी
मुझे (अपना जमाल) दिखा दे (हज़रत मूसा अलैहि अस्सलाम ने कोह तौर पर ख़ुदए ताला से दरख़ास्त की थी : रब अर्नी अन्ज़र इलेक् (= ऐ ख़ुदा में तुझे देखना चाहता हूँ मुझे अपना जमाल देखा दे), जवाब में एक दरख़्त से आवाज़ आई 'लनतरानी' (= तुम मुझे देखने की ताब नहीं लासकते) इस के बाद मूसा अलैहि अस्सलाम के इसरार पर एक बिजली चमकी, जिस की जलालत से हज़रत मूसा बेहोश हो गए)
अलसी
(वनस्पतिविज्ञान) अलसी, तीसी, समशीतोष्ण प्रदेशों का एक पौधा, छोटे नाजुक पत्तों का एक पौधा जिसमें नीले रंग के फूल होते हैं और छोटे चपटे और भूरे रंग के बीज होते हैं
आबरून
(वनस्पतिविज्ञान) एक प्रकार का पौधा जो दीवारों की जड़ों में और छायादार स्थानों में उगता है और पत्तियाँ हमेशा हरी रहती हैं और कभी गिरती नहीं हैं
इज़्ख़िर
इसकी पत्तियों और टहनियों से रोई होती हैं, और उनमें से कड़ी सुगंध निकलती है, पत्तियाँ आठ दस-इंच लंबे सीकों में लगती हैं, इसमें सफेद रंग के फूल और बेर के समान लंबी फलियाँ लगती हैं, पत्तियाँ मसाले के काम में तथा छाल और जड़ दवा के काम में आती है, एक ओषधि, सिरकंडे की जड़, मिर्चिया गंदा, गंधेल
इजल
(वनस्पति-विज्ञान) पानी के पास या उसके अंदर उगने वाला लाल फूलों की बालियों का एक पौधा जिसकी डंडी लाल और पत्ते कनेर के पत्तों से मिलते-जुलते मगर लंबाई में उससे कम ऊपर से चिकने और नीचे से खुरदुरे होते हैं, स्वाद तेज़, कसैला और कड़वा, बीज का दवाओं में प्रयोग,
इत्तिफ़ाक़ी जड़
(वनस्पतिविज्ञान) दूसरी जड़ जो असल जड़ के साथ किनारे के ऊपर तिरछी उगती है और असल जड़ होती है, जैसे मकई के पौधे की जड़ें
इफ़राज़
(नबातात-ओ-हैव इनयात) जज़ब या ज़म होने के बाद ग़िज़ा से बने हुए तमाम मादों को उन के मर्कज़ (रगों या रेशों) में पहुंचाने का निज़ाम या अमल, जिस्म नबाती-ओ-हैवानी में ग़िज़ा से बना हुआ माद्दा
इस्रौल
(नबातीयात) एक पौदा जिस की जड़ साँप से मुशाबेह होती है और उमूमन हिंदूस्तानी पहाड़ों की ढलान पर उगता है, चंदारा बूटी, साँप बूटी, पागल बूटी, (लातीनी Rauwolfia Serpentina Benth (Apocynaceae)
उटंगन
(वनस्पति विज्ञान) एक ख़ादार पेड़ जिसके बीज धनिए के समान और पत्तियाँ कंगुरादार होती हैं और शरीर से छू जाएँ तो खुजली होने लगती है
उडोनी
(नबातीयात) सबज़ चमकीली पत्तियों और बारीक रेशों की तक़रीबन दस इंच बुलंद एक बूटी जिस में सुनहरे और सुर्ख़ फूल लगते हैं, इस का जो हर "ओडानाई डीन" कहलाता है, और अक्सर मग़रिबी इलाक़ों में घरेलू दवा के तौर पर मुस्तामल है
'उदूल
(नबातीयात) उस्तुवाना नुमा शाख़ें मौलिद ख़लीयों से कम-ओ-बेश ज़ावीया क़ायमा पर वाक़्य होती हैं लेकिन असल महवर को जा नब्बन धकेल कर उसी सतह में आ जाती हैं उसे उदूल कहा जाता है (अंग Evection) (एलजी, ६३)
'उन्क़ूद
नख़ा या हराममग़ज़ जो गुच्छे की मानिंद नरम और सफ़ैद गूदा होता है और दिमाग़ से लेकर रीढ़ में गर्दन से कमर तक होता है
उप्पी
(नबातीयात)क़द आदम या इस से भी ऊंचा एक हिंदूस्तानी दरख़्त, किस की शाख़ पू चील के नाखुनों की तरह कांटे और मोतिया के पत्तों की तरह पत्ते होते हैं, फल गोल और सफ़ैद मोती की तरह शार शार दाने प्रॉपर लगे हुए, दवाओं में मुस्तामल
उस्तोख़ुद्दुस
तक़रीबन एक हाथ लंबा एक पौदा जिस के पत्ते पहाड़ी पू देने के पत्तों से मुशाबेह होते हैं. (पौदीने से किसी क़दर तवील और बारीक, बू तेज़, मज़ा तल्ख़ . बीज छोटे और पीले स्याही माइल. पत्ते को मिलने से काफ़ूर की सी ख़ुशबू आती है), (लातीनी) Lavandula Stoechas
कूकुरमुत्ता
कुकुरमुत्ता, एक छोटा जंगली पौधा, जिसमें से दुर्गन्ध निकलती है, साँप की छतरी, साँप की टोपी, खुमबी, मशरूम
कटोरिया
फूलों का एक विशिष्ट गुलदस्ता, फूलदारी जो एक एकल फूल की तरह दिखता है, जिसमें चार या पाँच पंखुड़ियाँ होती हैं जो एक पियाले का आकार लिए होती हैं
कफ़चा-नुमा
(शाब्दिक) चमचा जैसा (वनस्पति) बिना डंठल के वह पत्ता जो ऊपरी भाग पर चौड़ा और गोल हो और आधार पर क्रमशः तंग होता जाए, जैसे: पोई का साग
कफ़-तराश
(वनस्पतिविज्ञान) फ़ोम वाले पत्तों की एक क़िस्म जिसमें छेद ज़्यादा गहरे हों और अधिकतर पत्ते के क़ाएदे तक पहुँच जाएँ जैसे भग के पौधे का पत्ता आदि
कफ़-शिगाफ़
(नबातीयात) कफ़दार पत्ते की एक क़िस्म जिस में शिगाफ़ की गहराई हाशिया से पते के क़ाअदे के फ़ासले की निस्फ़ या निस्फ़ से कम हो मसलन कपास वग़ैरा (लात : Palmatifid)
कुल्फ़ा
एक प्रकार का साग जिसके पत्ते दलदार डंठल के पास नुकीले और सिरे पर चौड़े होते हैं, इसके पत्ते दो अंगुल लंबे और डंठल में दो आमने सामने लगते हैं, इसके फूल पीले रंग के होते हैं
कसीर-छटाई
बहुत ज़्यादा काट छांट , (नबातीयात) दरख़्तों की छटाई की एक क़िस्म जिस में कुल मग़्लूब-ओ-मस्तूर और कुछ मस्तूर शुदणी दरख़्त छांटे जाते हैं
काई का दरख़्त
(नबातीयात) दरख़्त की छाल पर दीवार पर या पत्थ्াरों और चट्टानों पर जम जाने वाला सूखा मादा जिन में दरहक़ीक़त नन्हे नन्हे पौदे होते हैं, काई नुमा नबातीयात जो पत्थर या दरख़्त के तने पर उगती है, लचन, कुशता अलाजोज़
काई-घास
(नबातीयात) बारीक पोस्त या झिल्ली के मानिंद एक ख़ुशबूदार स्याह-ओ-सफ़ैद रंग की रोईदगी जो बलूत या सनोबर के दरख़्तों पर लिपटी रहती है, उशना, छड़ीला
का'बी
(क्षति) एक दांव जिस में हरीफ़ को पीछे आकर एक हाथ से हरीफ़ की पुश्त का जानगया पकड़ कर दूसरे हाथ से दाहिना या बायां मोज़ा पकड़ कर खींच लेते हैं
का'बी-बाफ़्त
(नबातीयात) ऐसी बाफ़्त जिस की छे मुरब्बा सतहें हूँ, एक खिलियाती परत, ख़लीयों का इस्फ़ंज नुमा मजमूआ जो पत्तों और गूदे वग़ैरा में होता है, असफ़नजीह (अंग: Parenchyma)
कीसा-बार
(नबातीयात) पियाला, करा या थाली से मुशाबेह जिस्म जो बैज़ा दानों पर मुश्तमिल होता है. (अंग : Ascocarp)
ख़ुद-'अक़ीम
(नबातीयात) ख़ुद ख़ेज़ या ख़ुद बार की ज़िद, ऐसे दरख़्त जिन में मस्नूई, बांझ तरीक़े से तुख़्म रेज़ि की जाये (अंग : Self Sterile
ख़ुरफ़ा
एक मशहूर साग जिसके पत्ते अंडाकार गोलाई लिए हुए मोटे हैं, शाख़ें हरी लालिमा लिए, तरी से भरी हुई और जल्द टूट जाने वाली होती हैं, इसके फूल सफेद और बीज काले रंग के होते हैं तरकारी के तौर पर खाने और दवाओं में भी काम आता है, पोई का साग
ख़्वाबी-हरकत
(वनस्पति) फूल का खिलना बंद होना, फूल का खिलना और पत्तों का झड़ना आदि सब प्रकाश की तीव्रता और ऊष्णता की कमीबेशी (स्वल्पता या बाहुल्य) से होते हैं, यह क्रिया ख़्वाबी-हरकत कहलाती है
ख़श्बनी-नाली
(वनस्पति विज्ञान) यह पतली ट्यूबलर कोशिकाएँ होती हैं जो एक दूसरे के समानांतर व्यवस्थित होती हैं, जिसकी बीच की दीवार विलीन हो जाती है और इस तरह एक निरंतर ट्यूब जैसा छिद्र बन जाता है, छिद्रों के माध्यम से ही लवण और जल अन्य कोशिकाओं तक पहुँच सकते हैं
गरदिंदा
(जन्तुविज्ञान और वनस्पति विज्ञान ) जो किसी सहारे पर आज़ादी से इधर उधर या ऊपर नीचे हरकत कर सके
ग़लैफ़
(नबातीयात) बीज के गर्दन एक सख़्त ग़लाफ़ पाया जाता है जो दो परतों पर मुश्तमिल होता है इस की बैरूनी सख़्त और भूरे रंग की परत को पोस्त और अंदरूनी को ग़लीफ़ (Tegmen) कहते हैं,ज़ेर क़शर
ग़ुसना
छोटी शाख़, शाख़ में फूटी हुई कोन्पल, (नबातीयात) जिस्म नबाती जिस में जड़, तना, फूल और पता ना हो (मसलन काई वग़ैरा), (अंग : Thallus)
गाल
उक्त अंगों के बीच का वह भाग जो मुंह के अन्दर होता है और जिससे खाने, पीने, बोलने आदि में सहायता मिलती है। मुहा०-गाल में चावल भरना या भरे होना ऐसी स्थिति होना कि जान-बूझकर चुप रहना पड़े अथवा बहुत धीरे-धीरे रुक-रुक कर मुंह से बातें निकलें। (किसी के) गाल में जाना = किसी का कौर या ग्रास बनना। किसी के द्वारा खाया जाना। जैसे-काल (या शेर) के गाल में जाना। गाल में भरना = कोई चीज खाने के लिए मुँह में भरना या रखना।
गिर्द-ए-उनूस
(नबातीयात) ऐसा फूल जिस में फूल के बुक़चे जोफ़ को घेर लेते हैं और जिस में मस्नद-ए-गुल, पत्तियां और हामिल ज़र बुक़चे के नीचे मुंसलिक होते हैं, ऐसा फूल जिस में बैज़ ख़ाना अरा के बालाई हिस्से पर और दूसरे ज़हरावी पत्ते बैज़ ख़ाने के नीचे वाक़्य होते हैं
गिर्द-ए-मादा
(नबातीयात) वो (ज़रीर या हामिल-ए-ज़र) जो बकचा-ए-गुल या बैज़ा दान के गर्द मुहीत होता, होल-ए-बुक़ची
गिर्द-ए-सुर्रा
नबातीयात) बज़र्रा दान फ़ित्रा, फ़ित्र का कैसा-ए-समर, एक करा नुमा या नाशपाती की शक्ल का गीसी समर या बाअज़ कैसी फ़ित्रात में एक क़तई छोटे सूराख़ की ख़ुसूसीयत रखने वाला हिस्सा
गिर्द-ए-हाशिया
(नबातीयात) होल-ए-अरो किया, सतून-ए-अरो किया की बैरूनी तहा या नसीज, इन अर विक्की पौदों की जड़ या डंठल जिस से शाख़ और जड़ें नशो-ओ-नुमा पाती है
गिर्द-बार
नबातीयात) पक्के हुए फल की तुख़्म दानी की जदार जिस में हमेशा अलग अलग ग़ैर मुमय्यज़ तहें होती हैं, बरसमरा, मियाँ-ए-पोस्त, अंदरूनी समर
चक्कर-बंदी
(बनातात) ख़ालियों (Vacuoles) की दोनों के मिलने से एक मुकम्मल ता पैदा हो जाने का अमल , सिलसिला क़ायम होना
चुसीना
वो शाख़ या कोंपल जो तने के ज़र-ए-ज़मीन हिस्से से या जड़ के किसी और हिस्से से या ग़ैरमामूली सूरतों में दूसरी शाख़ से फूट आती है, ज़ेर बच्चा
जड़-पोश
(नबातीयात) जड़ के रास पर पाया जाने वाला ग़लाफ़ जो मुर्दा ख़लीयों पर मुश्तमिल होता है, अंग : Root cap
जड़-बाल
(नबातीयात) पौदों की जड़ों पर उगने वाले मुलाइम रोईं (उन के ख़लीए नियम मुसामदार होते हैं और पानी को नमक के मुक़ाबले में ज़्यादा आसानी से गुज़ार लेते हैं)
जुदा-सिंफ़ी
अलग-अलग व्यक्तियों में नर और मादा प्रजनन अंग का अलग-अलग होना, अलग पौधों पर अलग-अलग फूलों में नर और मादा प्रजनन अंग का होना
ज़मीनी-तुराब
(नबातीयात) गहरे भूओरे रंग का नामियाती मादा जो ज़मीन के दीगर अजज़ा के साथ मिला होता है और ज़मीन की ज़रख़ेज़ी का बाइस होता है
ज़ेर-उनूस
(वनस्पति) ऐसा फूल जिसमें अंडाशय कोष पुष्पासन के उपारी भाग पर और दोसरे पुष्प पत्ते अंडाशय कोष के नीचे स्थित होते हैं
ज़र-रेशा
(वनस्पति विज्ञान) नर फूल के प्रजनन अंग, जो फूलों के केंद्र में रेशेदार संरचनाएँ होती हैं यह तीन भागों पर आधारित होते हैं डंडी या रिशतक और ज़रदान
ज़रावंद
एक दवा जो गोल और लम्बे दानों के आकार की होती है, गोल को ‘मुदव्वर’ और लंबे को ‘तवील' कहते हैं।
ज़हर-बस्ता
(नबातीयात) पौदों की वो हालत या कैफ़ीयत जिस में रशतक (जो ज़र रेशे की नाज़ुक डंडी है) ज़रदान की पुश्त से जुड़ा हुआ होता है इस किस्म के जमाओ में इंसान हरकत नहीं कर सकता
ज़हरी-बतनी
(नबातीयात) पौदे के तौलीदी आज़ा ज़र्दा निक का, ऊपरी और क़ुरस नुमा ढक्कन की शक्ल का ख़लीया. जब ज़र्दा निक पुख़्ता हो जाता है तो इस की दीवार का बालाई ढक्कन नुमा ख़लीया अलैहदा हो जाता है और तुख़्म हैव इंसा माँ ख़लीए ढक्कन के अलैहदा हो जाने पर आज़ाद हो जाते हैं, ज़र्द उनकी ख़लीया
ज़िद-ए-सनोबरी
(वनस्पति विज्ञान) उल्टे हृदय का रूप अर्थात ऊपर की ओर गोल और कटा हुआ और नीचे की ओर शंकुवाकार
ज़िद्द-ए-बैज़वी
(वनस्पति विज्ञान) अंडे के आकार का लेकिन सबसे ऊपर गोल और चौड़ा और जड़ में नोकीला, जैसे जंगली बादाम
ज़ियाई-तालीफ़
(वनस्पतिविज्ञान) एक तरह की क्रिया जिससे हरे पौधे सूर्य की रौशनी की उर्जा प्रयोग करके हवाई कार्बन डाई अकसाईड और पानी से कार्बो हाईड्रेटस और ऑक्सीजन बनाते हैं
ज़ियाई-मैलान
रोशनी के जे़रे असर नाजाम पाने वाली पौदों की अम्माली हरकत या झुकाव जैसे रोशनी के मख़रज की जानिब हरकत करना लेकिन तेज़ रोशनी से दूर हो जाना
ज़िया-तर्कीबी
एक तरह की क्रिया जिससे हरे पौधे सूर्य की रौशनी की उर्जा प्रयोग करके हवाई कार्बन डाई अकसाईड और पानी से कार्बो हाईड्रेटस और ऑक्सीजन बनाते हैं
ज़िया-तालीफ़
एक तरह की क्रिया जिससे हरे पौधे सूर्य की रौशनी की उर्जा प्रयोग करके हवाई कार्बन डाई अकसाईड और पानी से कार्बो हाईड्रेटस और ऑक्सीजन बनाते हैं
ज़िया-तालीफ़ी
एक तरह की क्रिया जिससे हरे पौधे सूर्य की रौशनी की उर्जा प्रयोग करके हवाई कार्बन डाई अकसाईड और पानी से कार्बो हाईड्रेटस और ऑक्सीजन बनाते हैं
जिंसियत-ज़वाजियत
(नबातीयात) दो सनफ़ी फूल की वो हालत जब इस में ज़रदान और कलग़ीयाँ एक ही वक़्त में पुख़्ता हो जाते हैं, हम ज़ेरगी, दरों ज़ौ अजीत, यकसाँ गुमटी मिलाप
जिंसियत-ज़वाजी
(नबातीयात) दो यकसाँ ज़वाजों का हामिल जिन में जिन्स, क़ामत या साख़त की तफ़रीक़ नहीं की जा सकती, जो मुशाबेह ज़वाजों के इत्तिहाद से पैदा होता है, एक ही जिन्स के फूल रखने वाला, ऐसे फूल का जिस के कैसा ज़र और बकचा-ए-गुल बैयकवक़त बाहमी अमल करें, यकसाँ गली, हम ज़ेर
जिंसी-पौदा
(वनस्पतिविज्ञान) वह पौधा जो प्रजनन जाति से संबंध रखता है क्योंकि उस में जातिय अंग पाए जाते हैं
ज़ीनिया
(नबातीयात) एक मुरक्कब पौदा जिस में गहरे सुरख़ और दूसरे रंगों के फूओल आते हैं नीज़ इस पौदे का फूल
ज़ीरा-दाने
(वनस्पति विज्ञान) बहुत छोटे दाने जो ज़ीरा थैलियों में भरे होते हैं और सुक्षमदर्शी के बिना देखने से चूर्ण के रूप में दिखाई देते हैं, पराग के दाने, पराग
जोग-बज़र
(नबातीयात) इस तरीक़े में मेल खाने वाले ज़वाजा हमशकल होते हैं मसला इसपायरोगीर और मेवकर् उन के मिलाप से जो ख़लीया हासिल होता है वो जोग बज़्र कहलाता है
झालर-दार-सिरा
(हैव इनयात , नबातीयात) वो ज़ाइद या सिरा जो बालदार या रेशादार हो जिस के इर्दगिर्द या हाशीए पर बाल या रेशा हो (अंग: Fimbriated end)
टोपी
चौब के सिरे में डाला जाने वाला खे़मे का वसती सूराख़ जिस के गर्द मज़बूती के लिए चमड़े की गोट मिली होती है
डिबिया
छोटा डिब्बा, डिब्बी, चिराग़, फसल का एक छोटा हिस्सा गांव के निवासियों और कर्मचारियों को दिया जाता है
तुफ़ंगी-सूराख़
(लफ़ज़न) तफ़ंग की गोली से पैदा शूदा सूराख़ , (नबातीयात) पत्तों की एक बीमारी से पैदा शूदा धब्बा या सूराख़ जो बंदूक़ की गोली के मुशाबेह होता है बाअज़ औक़ात पत्तों पर जो धब्बे पड़ जाते हैं इस जगह की मुर्दा बाफ़्त झड़ जाती है और इस तरह वहां पर एक गोल सा सूराख़ बिन जाता है बिलकुल ऐसे जिस तरह बंदूक़ की गोली से किया गया हो इन सूराखों को तफ़ंगी सूराख़ (Shotholes) कहते हैं इस किस्म के सूराख़ गुलाब और चीरी जैसे पौदों में आम तौर पर दिखाई देते हैं
तबाक़-नुमा
थाली जैसा, गोल, चौड़ा, (वनस्पति) पंखुड़ी का एक प्रकार जो थाली के आकार का नज़र आता है, जैसे: चंबेली, सदाबहार आदि
तैराकिया
छूते बीज या बज़र्रा(नबाती) या छोटा अज़वीए (हैवानी) जो समुंद्र हैं तैरता रहता है और मौज़ूं हालात में नशो विनिमा पाता है
तश्बीब
अग्नि प्रजव्लित करना, जवानी के ज़माने का वर्णन करना, जवानी या इशक़ के ज़माने का ज़िक्र करना, कसीदे में शुरू के शे’र जिनमें कोई दृश्य या किसी घटना का वर्णन होता है.
तौलीद-ए-सिंफ़ी
(नबातीयात) पौदे की अफ़्ज़ाइश का एक तरीक़ा जिस में मिसल हैवानों की तौलीद के पौदे की तौलीद टहनी (यानी फूल) हिस्सा लेती है सनफ़ी तौलीद (Sexual reproduction) कहलाता है, रुक: सनफ़ी तौलीद
दूध-नाली
(नबातीयात) दूध के ख़लयात में पाई जाने वाली नसें जो इन पौदों में पाई जाती हैं जिन में दूधिया रस होता है
दन्दाना
कुंजी या चाबी के सिरे के एक या दोनों किनारों पर छोटे बड़े कटाऊ जो नाले के अंदरूनी पुर्ज़ों के लिहाज़ से होते हैं
दूब
बहुतायत में उगने वाली हरे रंग की एक प्रसिद्ध घास जो ज़मीन पर जाल की रूप में फैलती है, विशेषतः घोड़ा और दूसरे पशु उसे चाव से खाते हैं, (यह साधारणतः तीन प्रकार की होती हैं हरी, सफ़ेद और गाँडर), धोबी घास, हरियाली, दूर्वा
दुरून-बार
(वनस्पतिविज्ञान) आख़िरी परत जिसमें बीज होता है दुरूँ बार कहलाती है . . . वह आम ज़बान में गुठली कहलाती है
दूर-नामी
(नबातीयात) हर छिलके की बालाई सतह पर दो बेज़िद इन लगे होते हैं चूँकि बेज़िद उन से आइन्दा बीज बनते हैं इस लिए बैज़दार छिलके, बीच सहार छिलके भी कहलाते हैं
दूरस
(नबातात) इन पौदों या दरख़्तों का क़दीम नाम जो दाफा जनों समझे जाते हैं, पौदों की कसमें, कुंदुश, जरबक्, कुटकी
दाग़-बीमारी
(नबातीयात) फलियों और पौदों और पत्तों की बीमारी जिस में इन चीज़ों पर धब्बे पैदा होने लगते हैं (Spect)
दिगर-ज़वाजी
(नबातीयात) बेक़ाइदा बकचा-ए-गुल और डंठल रखने वाला (पौदा) , तना सिल्ली अमल में एक बैज़ कुरा का किसी नर अंसर से बारवर होना
दिफ़ा'ई-तवाफ़ुक़
(नबातीयात) दो तुख़्मों और ब्रहना तुख़्मों के दरमयान बुनियादी इमतियाज़ (यानी मादगीं की तकवीन) बिलाशुबा एक तो उफ़क़ के तौर पर पैदा हुआ जिस से बैज़ दान और बीज की बेहतर हिफ़ाज़त हासिल हो गई
दो-फाड़
(वनस्पति विज्ञान) दो हिस्से का, दो टुकड़े, जो निर्धारित तक या उसके समीप तक दो भागों में बँटा हो
दो-मुजानिबी
(वनस्पति विज्ञान) द्विसंगत, गुच्छा (रेशे और तंत्रिकाओं का लच्छा) जो लकड़ी की रेशा के अंदर और बाहर की ओर होता है तथा उसका समानांतर रूप
नुक़्ता-ए-चश्म
(वनस्पति विज्ञान) फफूंदी से पैदा होने वाले रोग में से एक जिससे पत्तों और शाख़ों पर पीले गोल धब्बे पड़ जाते हैं, कुछ एक प्रकार की काइयों पर प्रकाशमय रंग
नुक़्ता-ए-तमास
(नबातीयात (पौदे में दो ख़लीयों को मिलाने वाला नुक़्ता जहां ज़वाजों से मिलाप कर के जोग बज़र्रा तैय्यार होता है उन के तमास पर की दीवार के जज़ब होजाने पर एक छोटी सी संजोग नली बनती है
नख़ुज़-नरीना
(नबातीयात) नर फूल जिस में इबतिदाई दौर में कलग़ी लब के नीचे महफ़ूज़ रहती है जिस में ज़र रेशे पुख़्ता होजाने पर उन के ज़रदान फटते हैं और ज़ीरा दाने आज़ाद करदिए जाते हैं, ऐसे फूल का लब दो पंखुड़ीयों से मिल कर बनता है, बालाई लब कमान की तरह ख़मीदा होता है जिस में ज़र रेशे और कलग़ी महफ़ूज़ होते हैं । (अंग : Protandrous)
नख़ुज़-मादीना
(नबातीयात) ऐसे फूल जिन के अंदर बैज़ा दान होता है । इन में फल पत्ते ज़र रेशों से पहले पुख़्ता होजाते हैं ऐसे पौदों की फोलदारी बीलची होती है, मुक़द्दम बुक़चा, मुक़द्दम मादीना
नख़ुज़-रेशा
(नबातीयात) बीज से निकली हुई एक छोटी नली जो पहले रशतक नुमा होती है और फिर एक छोटी सबज़ ख़लवी तख़्ती में बदल जाती है । (अंग : Protonema)
नख़ुज़-सुतून
(नबातीयात) तने के वस्त में पाई जाने वाली ईसाली बाफ़्तें जो ख़शबा के मर्कज़ी ठोस तूदे पर मुश्तमिल होती हैं । (अंग : Protostele)
नज़र-वाला
ऐसा व्यक्ति जिस को बुरी नज़र लगी हो, नज़र लगने वाला, नज़राया हुआ व्यक्ति, बुरी नज़र जिसको लगी हो, (बनात उलनाश) नज़र वाले के पाओं तले की मिट्टी या लहसुन प्याज़ मिर्च नमक चूल्हे में जलाते हैं
नब्ज़ी-नज़रिया
(नबातीयात) पौदों को पानी पहुंचाने का एक नज़रिया जिस के मुताबिक़ सऊद रस (पानी का चढ़ाओ) दरों ओमा की बैरूनी जानिब वाक़्य होने वाली क्षरा की अंदरूनी परतों के ख़लीयों की धड़कनों या नबज़ी हरकात के बाइस अमल में आता है (Pulsation Theory)
नबातियात
वनस्पति विज्ञान जिस में पौधों के विभिन्न भागों जैसे संरचना, वृद्धि एवं विकास, प्रजनन, बीमारियों, रासायनिक गुणों और विकासवादी संबधों का अध्ययन होता है, उद्भिज्ज-विज्ञान, वृक्षायुर्वेद
नमक खाना
किसी की दी हुई रोटी खाना नीज़ दूसरों के टुकड़ों पर पलना, साख़ता-ओ-पर्दाख़्ता होना , नौकरी करना, मुलाज़िम होना
नर-दरख़्त
(नबातीयात) वो पौदा या वो दरख़्त जिस में एक ही फूल हामिल ज़र हिस्सा और बकचा-ए- गुल रखता हो, दो जनिया
नर-दर्जा
(नबातीयात) फूल पौदे में नर बनने की हालत, नर बनने का वक़्त जब ज़ीरा दाने ज़र दानी नली के सिरे पर छोटे छोटे ढेरों की शक्ल में जमा हो जाते हैं
नवाबी-कारख़ाना
۔ अमीरों का कारख़ाना(नबात उलनाश) मानी हर चंद नवाबी कारख़ाना देखे हुए थी। लेकिन असग़री की शुस्ता तक़रीर सन कर दंग होगई
नस्क़
प्रबंध, व्यवस्था, इंतिज़ाम, क्रम, सिलसिला, तर्तीब, प्रबंध, संचालन, क्रमबद्ध, यह शब्द प्रायः अकेला नहीं बोलते, नज़्म के साथ मिलाकर 'नज़्म-ओ-नस्क' बोलते हैं
नागोर
(नबातीयात) कसीर तादाद शाख़ों का एक बड़ा दरख़्त जिस के पत्ते चौड़े, लंबे और नोकदार, फूल ख़ोशादार और फल गोल होते हैं
नाली
(जल्द साज़ी) किताब के मुँह पर वर्क़ों का तदरीजी नशेब-ओ-फ़राज़ जो पुश्ते को उभारने और गोलाई देने के लिए बनाया जाता है
नाहम-तौलीदी
(नबातीयात) जिन में नर और माद्दा ज़वाजे ग़ैर यकसाँ तौर पर अमल करते हैं (पौदों के लिए मुस्तामल)
नियाज़बू
(वनस्पति विज्ञान) ख़ुशबूदार फूलों और पत्तियों वाला एक पौधा जिसकी पत्तियाँ भोजन में ख़ुशबू के लिए प्रयोग होती हैं इसका संबंध Ocimum जाति से है, नाज़ बू, काली तुलसी
निरा
(पदार्थ) जिसमें कोई ऐसा तत्त्व न मिलाया गया हो, जिससे उसकी उपयोगिता या महत्त्व घटता हो। विशुद्ध।
नीम-तुफ़ैली
के द्वारा, (वनस्पति विज्ञान) जो किसी दूसरे पर किसी हद तक निर्भर रहे, (आमतौर पर) दूसरों से थोड़ा बहुत भोजन लेने वाला (पौधा आदि)
नोक-दार
जिसमें नोक हो, नोकवाला, नोकयुक्त, मन में चुभने या भला लगने वाला, चुभता हुआ, बांकपन रखने वाला, तड़क-भड़क वाला और इस कारण मन में चुभने वाला सजीला, आकर्षक, रोब-दाब वाला तथा बांका
नौ सौ चूहे खा के बिल्ली हज को चली
यह कहावत ऐसे व्यक्ति के संबंधित कहते हैं जो जीवन भर पाप करे और अंततः पवित्र बन जाए
नौ-आबाद
वह प्रदेश या इलाक़ा जो हाल में ही बसाया गया हो, नवबसित, वह बंजर ज़मीन जो हाल में ही काश्त के लिए तोड़ी गयी हो, हाल का बसाया हुआ, ताज़ा आबाद किया हुआ
नौ'ई-नाम
(नबातीयात) पौदे वग़ैरा का इलमी या इस्तिलाही नाम जिस से इस की क़सम ज़ाहिर होती है, पौदे का इस्तिलाही नाम जो (अंग्रेज़ी में) छोटे हुरूफ़ में लिखा जाता है
पकाना रींधना
۔ (ओ) (रींधना।(ह)। उबालना।) पकाना। तैय्यार करना।(नबात उलनाश) बाज़ों को काम करना ऐब है, बाज़ों को दूसरे का पक्का या रीनधा खाना आर है
परजाता
मझोले आकार का एक पेड़ जिसमें शरद ऋतु में छोटे-छोटे सुगंधित फूल लगते हैं, हरसिंगार का फूल, हर-सिंगार, पारिजात
परत
किसी प्रकार के तल या स्तर का ऐसा विस्तार जो किसी दूसरी चीज के तल या स्तर पर कुछ मोटे रूप में चढ़ा, पड़ा या फैला हुआ हो, तह, जैसे-सफाई न होने के कारण पुस्तकों पर धूल की एक परत चढ़ चुकी थी, क्रि० प्र०-चढ़ना, पड़ना
पेश-जाल
(नबातीयात) दरों बज़री परत बढ़ कर एक सादा या किसी क़दर शाख़दार नली बनाती है जिस को पेश जाल कहते हैं (promycelium
पेश-शाख़ा
(नबातीयात) बाफ़्त की एक बहुत छोटी चपटी लोहिया तख़्ती जिस की चौड़ाई सिर्फ़ १/४ या १/३ होती है, वो गोल काबी ख़लीयों पर मुश्तइल होती है जिन में कई (Chloroplasts) हैं, अंग : Prothallus
पानी का शबाब
(नबातीयात) नीलगूं सबज़ एलजी का मज़हर, (Water bloom) कलर विफल यानी ख़ुज़रा, केरोटनाइड से ताल्लुक़ रखने वाला माद्दा
पोल्या
(नबातीयात) फल की एक शक्ल, कुसूम विश्, डोंगी, (अंग : Cypsela) ये फल दो फल पता मिल फुले और अदना बैज़ ख़ाने से तैय्यार होता है जिस में सिर्फ़ एक ख़ाना और काउद््ी बेज़िद इन होता है गर्दा समुरा बीज से अलैहदा रहता है फल के सर पर मुस्तक़िल बालदार रेशों का ताज होता है, मसला सोनिकस, डंडेलियां
पौहिली
(नबातीयात) एक कांटेदार पत्तों वली मौसम रबी की जड़ी बूटी, इस का बीज ज़मीन से जनवरी के आख़िर में उग आता है ये ज़्यादा तर बारानी इलाक़े की ज़मीन मीयों होती है और गंदुम का सब से ज़्यादा नुक़्सान करती है
फ़ौफ़ल-नुमा
(नबातीयात) नाशगुफ़्ता फल जिस का गर्द समुरा और बीज का पोस्त बाहम मिला होता है , मसलन : मकई, गंदुम धान वग़ैरा, समर दाना
बज़्र
(नबातीयात) जिन पौदों में फूल नहीं लगते इन में पैदा होने वाले तुख़्म नुमा दाने जिन के ज़रीये तौलीद होती है
बंद बेजा
(नबातात) इस ख़ानदान का पौदा जिस के तौलीदी आज़ा यानी तुख़्म (angiosperms) इस के बैज़ ख़ाने में बंद रहते हैं
बसला
(नबातीयात) प्याज़ वग़ैरा और इस से मुशाबहत रखने वाले पौदों का ज़ेर ज़मीनी बल्ब नुमा तना जिसे पहीले जड़ से ताबीर किया जाता था लेकिन अब माहिर इन नबातीयात इसे ज़ेर ज़मीनी कली या एक छोटा तना शुमार करने हैं
बादरोज
(वनस्पतिविज्ञान) मुन्जरिकी या मुरसा, बबुई तुलसी एक पौदा जिस की हरी शाख़ या पति सूँघने से छींक आती है और उसका अर्क बिच्छू और भिड़ के विष को मार देता है
बिज़्रा
(नबातीयात) बगै़र फूलों के पौदों में पाए जाने वाले ज़र्रा नुमा अजसाम जिन से नए पौदों की तौलीद होती है
बिज्वा
(नबातीयात) नशव-ओ-नुमा की पहली मंज़िल में दाख़िल होजाने वाला बीच जबकि वो अखवे की सूरत इख़तियार कर लेता है
बॉटनी
वनस्पति विज्ञान जिस में पौधों के विभिन्न भागों जैसे संरचना, वृद्धि एवं विकास, प्रजनन, बीमारियों, रासायनिक गुणों और विकासवादी संबधों का अध्ययन होता है
मु'अय्यन-मु'अय्यनात
۔ ۲ ۔ (रियाज़ी) ऐसी मिक़दारों का ताय्युन करने वाला जिन्हें अनासिर कहा जाता है, इन अनासिर के मख़सूस हासिल-ए-ज़र्ब के मजमुए को ज़ाहिर करने की सफ़ बंदी है
मु'अल्लक़
(नबातीयात) वो बैज़ा दान जो बैज़ा ख़ाने के रास से नमूदार हो कर इस के कहफ़े में लटकता हुआ वाक़्य हो
मु'आविन-कली
(वनस्पति विज्ञान) कली से जुड़ी हुई या उसके साथ निकलने वाली कली जो कुछ विशेष पौधों की टहनियों
मुकाऊ
(नबातीयात) एक शाख़दार और बालदार यक साल बूटी जो बालाई जानिब बोटीह और क़ाअदे की जानिब चोबी होती है
मको
(वनस्पतिविज्ञान) छोटे-छोटे पत्तों वाली एक बूटी जो साग के रूप में पका कर खाई जाती है अथवा उसका फल जिसमें मटर के दानों से कुछ छोटे मलगजे भूरे रंग के गोल-गोल फल लगते हैं, पत्ते और फल दोनों सूजन ख़त्म होने और पुराने बुख़ार के साध्य के लिए दवा के रूप में प्रयुक्त
मख़्लूत-फूल-दारी
(नबातीयात) बाअज़ औक़ात फूलदारी दो किस्म की सादा फूल दारीयों पर मुश्तमिल होती है, ऐसे फूलदारी को मख़लूत फूलदारी कहा जाता है
मग़्ज़ जल जाना
۔(कनाएन) ग़रूर होजाना। (नबात उलनाश) चार दिन से आप के हाँ नौकर है तो इस का मग़ज़ जल गया है२।दीवाना होजाना। पागल होजाना
मतबू'
किसी प्रेस या कार्यालय के ओर से छापी हुई पुस्तके, सहमत, स्वीकार्य, छापा हुआ, पसंदीदा, दिल पसंद, अच्छा लगने वाला
मंफ़ी-नस्ल
(नबातीयात) फ़तरीना की एक क़िस्म जो मनफ़ी तौलीद में नर तसव्वुर किया जाता है और मुसबत फ़तरीना के क़रीब उगता है (Negative Strain)
मुमिस
चूसने वाला (वनस्पति विज्ञान) एक शोषक अंग्रेज़ी जो परजीवी पौधे अपने आतिथेय से भोजन प्राप्त करने के लिए उतपन्न करते हैं,परजीवी जड़ (Haustoria)
मुरक्कब-फल
(नबातीयात) पूरी फोलदारी से तैय्यार होने वाले वो फूल जो जसामत में बढ़ कर और आपस में मिल कर एक फल की सूरत इख़तियार कर लेते हैं (Comosite Fruits)
मुरक्कबा
(नबातीयात) तर्कारीयों का सब से बड़ा ख़ानदान इस में डेज़ी, कुकर विंदा, गेंदा, और तारा फूल वग़ैरा शामिल हैं उन के छोटे छोटे फूल इस तरह गुच्छे में लगते हैं कि एक ही फूल मालूम होता है
मरेजाना
(नबातीयात) बसंती गुलाब के ख़ानदान से एक जड़ी बूटी नीज़ अर्ग़वानी या सफ़ैद फूल जो ख़राब मौसम की आमद पर खुलना बंद हो जाते हैं
मेसेलियोम
(नबातीयात) छोटा सफ़ैद रेशा जिस से साँप की छतरी (खम्बी) के किस्म के पौदे उगते हैं, फ़ित्र विम्मा, अरहोन
मेहमीज़
मेंढ़क या बाअज़ परिंद के पैर की छोटी उंगली जो पैर के पिछले हिस्सा या अंगूठे के अंदरूनी हिस्सा से कांटे की शक्ल में जुड़ी होती है
मिदक़्क़ा
कूटने का आला, मोसुल, दस्ता-ए-हावन , (नबातीयात) बकचा-ए-गुल जो तीन अजज़ा-ए-(स्वत, डोडी, मसह) पर मुश्तमिल होता है (Pistil)
मिसमारक
(वनस्पतिविज्ञान) वह छोटी सी डंडी या सूई जो उस बड़ी डंडी का हिस्सा होती है जिस पर घास वग़ैरा के फूल लगते हैं
मिसमारा
(वनस्पतिविज्ञान) किसी शाखारहित लंबे से डंठल पर लगे हुए फूलों का गुच्छा या उसके समान नज़र आने वाला जो टहनी से निकला हो
मो'तदिल-नबात
(वनस्पतिविज्ञान) पानी वाले पौधे और सूखे पौधे के बीच का पौधा जो ऐसी ज़मीन में उगता है जिसमें औसत मात्रा की नमी हो, बीच का पौधा
यक-ज़ा
(शाब्दिक) एक समय में केवल एक बच्चा जनने वाला, (वनस्पति विज्ञान) एक ही धुरा या तने पर आधारित डालियाँ, एक बार मे एक जनने वाला
यक-तुख़्म-बर्ग
(बनातयात) यक दाला जिन्स से ताल्लुक़ रखने वाला पौदा जो ऐसे जनीन पैदा करता है जिस में सिर्फ़ एक बीज पत्ती होती है और जब के पत्तों की रगें मुतवाज़ी होती हैं
यक-बरादरी
(वनस्पति) जिसका नर रेशा पीले तार के माध्यम से एक गुच्छे या सेट की सूरत में इकट्ठा हो, इस तरह से इकट्ठा किया हुआ नर रेशा
यकबारा
(नबातीयात) यक समुरा, सिर्फ़ एक बार फल देने वला, एक बार बीच पैदा कर के ख़स्ता या ख़राब हो जाने वाला (पौदा)
यक-साला
एक साल का, एक साल की उम्र का, एक साल की आयुवाला, एक वर्ष में एक बार होनेवाला, एक वर्ष में समाप्त होनेवाला
रग-सफ़ाई
(नबातीयात) सबज़ पौदे के पते पर वाइरस से मुतास्सिर होने का अमल जो दाग़ या चितकबरी सूरत में ज़ाहिर होता है
रंगीला-मजमू'आ
(नबातीयात) पेड़ पत्तों पर सबज़ कलियां, ग़ैर चित्तीदार तने, सफ़ैद आसाब नुमा डोरे . चौड़े पत्ते जिन पर सुरख़ धब्बे हूँ
रंद
दुर्ग की दीवार में का वह मूखा या झरोखा जिसमें से बाहर गोले फेके जाते थे, प्रतीकात्मक: हर दीवार में आर-पार मूखा
वहम का पुतला
बहुत वहमी, शक्की, असत्यधर्मी, मिथ्याधर्मी, जो पूरी तरह से वहम में फंस गया है, (बनातुन्नाश) देहात वालियों की ख़ाबों में इतना असर करगई थी कि बस वहम आग का पुतला बिन गई थीं
वि'आई-समर
(नबातीयात) ऐसे फुलदार दरख़्त जिन की तुख़्म दांयां ऐसे खोलूं में घिरी होती हैं जो उन का हिस्सा नहीं होते, मलफ़ूफ़ समुरा
शम'-दानी
(नबातीयात) एक किस्म का पौदा जिस पर सारी की चोंच सा फल आता है नीज़ एक किस्म का फूलदार दरख़्त (लात Geranium अज़ीव Geranion
शवंदर
(चिकित्सा और वनस्पति) चुक़ंदर का एक लाल प्रकार, छोटा पत्ते कटे हुए तथा जंगली शलजम जो तरकारी के रूप में प्रयोग होता है तथा औषधियों के काम भी आता है
शाख़ीना
शाख़ (रुक) से मंसूब , (नबातीयात) पत्ते की शक्ल का चपटा तना, वो तना जिस में पत्ते की सी ख़ुसूसीयात पाई जाती हैं
शीज़
वनस्पति विज्ञान: आबनूस की लकड़ी जो अत्यधिक कठोर और काली होती है जिससे प्रायः प्याले और दूसरी उत्तम सामग्री बनाई जाती है
सूई मुरकना
(नबातीयात) बीज के फुटाओ की नोक या सिलाई का उलट कर ककड़ा जाना यानी चकरा कर घुंडी बन जाना जो ऊओपर की मिट्टी के पीड़ा ने या फटाओ की राह में कंकर वग़ैरा के आ जाने से होता है और अंदर ही अंदर घट कर ख़राब हो जाता है
सूँघना
गन्ध लेना, बास लेना, महक मालूम करना, किसी वस्तु या पदार्थ की गंध जानने के उद्देश्य से उसे नाक के पास ले जाकर साँस खींचना, किसी खाद्य पदार्थ को बहुत कम खाना, पहचानना,
सँभालो
(नबातीयात) एक दरख़्त का नाम जिस के पत्ते अनार के पत्तों से मुशाबा होते हैं, हर शाख़ पर पाँच पाँच पते इस तरह लगते हैं कि पंजे की शक्ल हो जाती है, सँभाली
सुर्पुन
(नबातीयात) मेहंदी के पौदे की तरह का एक पौदा जिस की पत्तियां बर्ग-ए-पीद से और भोओक् सीसम के फूओल से मुशाबा होता है, सुलतानी चंपा (लात :colophyllum Inophyllum
सरयान
(नबातीयात) पौदे की ज़रूरत से ज़ाइद पानी को पत्तों और दीगर हवाई हिस्सों से बुख़ारात की शक्ल में ख़ारिज करने का अमल
सुस्ताना
(नबातीयात) पौदे की वो इबतिदाई हालत जब वो बीज के अंदर निहायत ही तख़फ़ीफ़ शुदा हालत में ज़रूरी ग़िज़ाई मादों के साथ बैरूनी सख़्त ग़लाफ़ के अंदर महफ़ूज़ होता है
सेह-बर्गा
(वनस्पति विज्ञान) तीन पँखुड़ियों वाला एक फूल, तीन पँखुड़ियों वाले एक फूल का नाम, एक पौधा जिसकी पत्तियाँ समान रूप से तीन भागों में बटी होती हैं
सहमक
(वनस्पतिविज्ञान) एक ख़ास क़िस्म के पौधों के तने की बुनाई में हज़्मा को सहारा देने वाला पतला रेशा, पत्ती
सिंगाड़ा
(वनस्पति विज्ञान) एक जलीय पौधे का मशहूर फल, सींग की तरह के कई काँटे होते हैं इस लिए सिंगाड़ा कहते हैं, सिंघाड़ा
सितारे
(नबातीयात) ख़लवी तक़सीम के वक़्त मर्कज़ी जिस्म दो हिस्सों में बट जाता है और उन से शुवाई डोरे निकलते हैं जिन को सितारे कहते हैं ये सितारे कितबों की तरफ़ हरकत करते हैं और नए ख़लीयों की तरफ़ दाख़िल हो जाते हैं
सितारा-नुमा-शिगाफ़
(वनस्पति विज्ञान) बहुत सारे छेद जो पेड़ की बाहरी सतह पर पड़ जाते हैं इसमें पेड़ के रेशे अलग हो जाते हैं यह पेड़ का एक दोष है
सियाह-सड़ांद
(चिकित्सा और वनस्पतिविज्ञान) कीटाणुओं के कारण पौधों में पैदा होने वाला रोग या बीमारी जिसमें चीज़ काली पड़ जाती है और बदबू पैदा हो जाती है
सोंचल
(नबातीयात) एक ख़ुदरो जुड़ी बूओटी जो धान की फ़सल में उग आती है और धान की निस्बत तेज़ी से बढ़ती है, ये कीड़े मकोड़ों के फलने फूओलने में मदद देती है जो बाद में धान की फ़सल को नुकसान पहुंचाते हैं
सोना पाठा
(नबातीयात) बड़ा झाड़दार दरख़्त जिस के नियम की तरह पत्ते सैनिक के दोनों तरफ़ लगते हैं इस में पतली और खोखली फलियां लगती हैं, बकायन का दरख़्त
सोना-मोती
(वनस्पतिविज्ञान) बाबूना एक प्रकार का छोटा पौधा जिसकी पत्तियाँ पीली नली के समान होती हैं, पीले पुष्पों वाला
हुजैरा
छोटा हुजरा , (नबातीयात) बैज़ा-ए-ख़लीया जो बारवर ना हुआ हो, बैज़ कर्राह, बैज़ा कर्राह, अंग : (Oosphere) का तर्जुमा
हमेशा-बहार
(नबातीयात) हमेशा हराभरा रहने वाले एक पेड़ का नाम जो पहाड़ों जंगलों और दीवारों की जड़ों में उगता है, शाख़ें पतली और पते छोटे होते हैं दो इक़साम का पाया जाता है एक का फूल ज़र्द-ओ-सुर्ख़ी माइल और दूसरे का सफ़ैद ज़रदी माइल होता है, सदाबहार, हैयुलआलम, हमेशा जवान
हवाई छतरी
रक्षा छतरी जिसकी सहायता से मानव ऊँचाई से सामान्तया हवाई जहाज़ से कूदकर रक्षा के साथ ज़मीन पर पहुँचता है, परिछत्र
हवाई फुकना
(नबातीयात) आबी पौदों में वो थैली सी चीज़ें जिन में वो जज़र के दौरान हवा में ऑक्सीजन ज़ख़ीरा कर लेते हैं और जिन से उन्हें तैरने में मदद भी मिलती है नीज़ तनफ़सी अंबान, हुआ कीसा
हवाई-जड़
(वनस्पतिविज्ञान) पौधों की ऐसी जड़ें जो पौधे के ज़मीन से ऊपर के किसी हिस्से से उगें, आमतौर पर ये पत्ते से उगती हैं और संयोग से उगी हुई अस्थिर जड़ें कहलाती हैं, बहुत कम ऐसा होता है कि यह पौधे को भोजन देने में सहायता करें यानी इनमें प्रकाश संश्लेषण के लिए क्लोर
हवाई-दाब
(नबातीयात) नबाती इंतिशार का एक तरीक़ा जिस में पौदे की शाख़ या टहनी को नमुदार वास्ते में इस वक़्त तक दबाये रखते हैं जब तक उस की जड़ें नहीं निकल आतीं, जड़ों के निकलने के बाद उसे मुकम्मल पौदे के तौर पर उगाया जा सकता है (अंग : Air layering)
हवाई-पौदा
(नबातीयात) एक ऐसा पौदा जो नबातात के तनों या पत्तों पर तो चिमट कर रहे लेकिन वो तफ़ीलीह पौदा ना हो यानी वो मेज़बान पौदे से किसी किस्म का ग़िज़ाई फ़ायदा ना उठाता हो उसे एपी फ़ाइट भी कहते हैं
हवाई-मसाम
(नबातीयात) छोटा सा सूराख़ जो बालाई बुरा दमा के कसीर-उल-अज़ला रकबों में हर रक़बे के वस्त में पाया जाता है (Air Pore)
हवाई-शाख़
(नबातीयात) फ़तरीना से निकलने वाली इस्तादा शाख़ जिस पर ग़ैर सनफ़ी तौलीदी साख़तें (बज़र्रा दान) पाई जाती हैं , बज़र्रा दान बर्दार
हवाई-सूराख़
(नबातीयात) ख़लीए में वो बारीक चिमनी जैसा सूराख़ जिस के ज़रीये हुआ अंदर और बाहर नफ़ुज़ होसकती है (अंग : Airpore)
हवा-पौदा
(नबातीयात) वो पौदा जो बगै़र मिट्टी के उगता है, बरनबात, आकास बैल, तफ़ीली पौदा , इन पौदों का मजमूई नाम जो दूसरों के सहारे पलते हैं और अपनी सारी ग़िज़ा फ़िज़ा से हासिल करते हैं , हवाई पौदा (अंग : Air plant
हशरात-परवरी
(नबातीयात) कीड़े मकोड़ों की परवरिश, बाअज़ पौदे मुख़्तलिफ़ किस्म की च्यूँटियों को पनाह देते हैं और उन्हें ग़िज़ा फ़राहम करते हैं ताकि वो जानवरों के हमलों से महफ़ूज़ रह सकीं ये चीवंटियां पौदे को नुक़्सान नहीं पहनचातीं बल्कि हिफ़ाज़त करती हैं मसलन आम, लीची और अमरूद वग़ैरा के पौदे
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