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आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
दूध-शरीक बहन
ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन
"जीवविज्ञान" टैग से संबंधित शब्द
"जीवविज्ञान" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
अंग-बिद्या
शरीर-रचना विज्ञान, शरीर रचना, विज्ञान की वह शाखा जिस में अंगों की प्रकृति पर रूप-स्वरूप और आकार- प्रकार आदि से बहस की जाती है
अँतड़ियाँ
आमाशय के अंदर की वह लंबी नली जो प्राणियों की नाभि से गुदा तक गई है तथा जिससे होकर मल बाहर निकलता है
'असबी-निज़ाम
(जीवविज्ञान) जिस तंत्र के द्वारा विभिन्न अंगों का नियंत्रण और अंगों और वातावरण में सामंजस्य स्थापित होता, तंत्रिका प्रणाली, तंत्रिका तंत्र
अंसिजा
(लफ़्ज़ा) बनावट के तार, (तशरीह अलाबदान) वो मुहीन नसें और रेशे जिन से अज़लात और आसाब की साख़त-ओ-हाफ़ित होती है, (अंग्रेज़ी) Nerv
उस्तोख़ुद्दुस
तक़रीबन एक हाथ लंबा एक पौदा जिस के पत्ते पहाड़ी पू देने के पत्तों से मुशाबेह होते हैं. (पौदीने से किसी क़दर तवील और बारीक, बू तेज़, मज़ा तल्ख़ . बीज छोटे और पीले स्याही माइल. पत्ते को मिलने से काफ़ूर की सी ख़ुशबू आती है), (लातीनी) Lavandula Stoechas
क़ुत्ब
पृथ्वी का धुरा, ध्रुव, एक तारा जो अपने स्थान पर स्थिर रहता है, ध्रुव तारा, एक प्रकार के मुसलमान ऋषि जिनके सिपुर्द कोई बड़ा इलाक़ा होता है
क़मा'
(हयातयात) कैफ़ी साख़त , जिस्म की या हलक़ की कोई क़ीफ़ नुमा नाली, सांस की नाली जो फेफड़ों तक जाती है
काज़िब-ज़ाइदा
(जीवविज्ञान) कोशिकाओं को गति देने और खाद्य पदार्थ पहुँचाने वाला अस्थाई जीवद्रव्य जो कोशिका से बाहर निकल आता है
ख़ैतिय्या
जीव-जंतु: रेशा-नुमा कीड़ा, तागे जैसा पतला कीड़ा, सुई कीड़ा गोल कीड़ा, ऐसा कीड़ा जिसके एक या अधिक सोते होते हैं
ख़ैती-रेज़े
(जीवविज्ञान) सूत्रकणिका, जीवाणु एवं नील हरित शैवाल को छोड़कर शेष सभी सजीव पादप एवं जंतु कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य में अनियमित रूप से बिखरे हुए दोहरी झिल्ली आबंध कोशिकाएं
ख़ुयूत-ए-लौनिय्या
(जीवविज्ञान) गुणसूत्र, डीएनए के लंबे तार की तरह होते हैं, जिनमें कई जीन का समावेश होता है
ख़ुर्द-नामियात
(जीवविज्ञान) बायोलॉजी की एक ब्रांच है जिसमें प्रोटोजोआ, ऐल्गी, बैक्टीरिया, वायरस जैसे सूक्ष्म जीवाणुओं का अध्ययन किया जाता है
ख़ुर्द-हयातियात
बायोलॉजी की एक ब्रांच है जिसमें प्रोटोजोआ, ऐल्गी, बैक्टीरिया, वायरस जैसे सूक्ष्म जीवाणुओं का अध्ययन किया जाता है
ख़लिय्यात-ए-आकिला
(जीवविज्ञान) शरीर के अंदर एक प्रकार की कोशिका जो जीवाणुओं और अन्य छोटी कोशिकाओं और कणों को निगलने और अवशोषित करने में सक्षम होता है
खुली-आँत
(जीवविज्ञान) बड़ी आंत, बड़ी आंत, कोलन से शुरू होती है, जो लगभग 5 फीट लंबा होता है और मलाशयऔर गुदा में समाप्त होती है
गुर्ज़
लोहे का एक्भारी हथियार का नाम जो ऊपर से गोल मोटा और नीचे से पतला होता है, एक प्राचीन अस्त्र, गदा नामक अस्त्र, गदा
चन्दगीरा
(जीवविज्ञान) जलव्याल (हाइड्रा) निडेरिया संघ का जन्तु, इनके अध्ययन के लिए सूक्ष्मदर्शी यंत्र की आवश्यकता पड़ती है और प्रजनन की क्रिया अलैंगिक जनन से होती है
जरायु
वह पारदर्शी झिल्ली जिसमें माँ के गर्भ में या जन्म के समय बच्चा लिपटा रहता है, आँवल, खेढ़ी, उल्व
जल-परी
एक कल्पित जल-जंतु जिसका कमर से ऊपरी भाग स्त्रियों का-सा और नीचे का भाग मछलियों का सा माना जाता है और वो तत्यंत सुंदर होती है, दुसरे और अंतिम चरण के दीमक को 'जल-परी' कहते हैं
ज़ैली-जमा'अत
(हयातयात) हैवानात या नबातात के इन गिरोहों में से कोई गिरोह जो जमात की मज़ीद तक़सीम से बनाए जाएं, ज़ेर जमात
तुफ़ैली
(हयातयात) वो जानदार मख़लूक़ (कीड़ा, पौदा वग़ैरा) जो दूसरे की वजह से ज़िंदा हो, जिस का वजूद दूसरे पर मुनहसिर हो
तवाफ़ुक़
(हयातयात) मुवाफ़िक़त या मुताबिक़त का वो इंतिख़ाबी अमल जिस का इन्हिसार कश्मकश हयात पर होता है जिस में हर नसल में बैरूनी हालात का असर कमज़ोर को नीस्त वनाबूद करके गोया लाशऊरी तौर पर इन अफ़राद को मुंतख़ब कर लेता है जो किसी मुफ़ीद तग़य्युर की वजह से ज़िंदा रहने के ज़्यादा अहल होते हैं
तहव्वुल
(हयातयात) किसी हयाती निज़ाम में नामियाती मुरक्कबात की तख़रीब-ओ-तामीर के मजमूई अवामिल को तहोल कहते हैं
दो-जन्मा-जानवर
(जीवविज्ञान) उभयचर वर्ग पृष्ठवंशीय प्राणियों का एक वर्ग है जो जीववैज्ञानिक वर्गीकरण के अनुसार मत्स्य और सरीसृप वर्गों के बीच की श्रेणी में आता है और इस वर्ग के कुछ जंतु सदा जल पर तथा कुछ जल और थल दोनों पर रहते हैं
दो-मूहा
(हयातयात) वह जानवर जिसकी खपरी में एक मुँह ऊपर और एक मुँह नीचे होता है इस दोमुँहा कहते हैं इन जानवरों के सर नहीं होता
नुक़्ता-ए-पज़ीरा
(जीव-विज्ञान) प्राणियों के अंडाशय में वह स्थान जहाँ नर शुक्राणु विकसित होकर अंडे में प्रवेश करता है
नख़ुज़-डोर
(हयातयात) छड़ी की तरह जनीनी उज़ू जो क़दीम जानवरों और बाअज़ अदना किस्म के हैवानात में उम्र भर बरक़रार रहती है जैसे इफ्फी आक्सी नामी मछली में, पुश्त हबल, पुश्त रीसमान (अंग : Notochord)
नख़ुज़-माई
(हयातयात) नख़ज़मायह (रुक) से मंसूब या मुताल्लिक़, मादा-ए-हयात का, मादा-ए-॔ावलीह से मुताल्लिक़ (अंग : Protoplasmic)
नख़ुज़-माया
(हयातयात) जानदारों के ख़लीयों में भरा हुआ कीमीयाई माद्दा ये नियम माएअ ख़ाकी रंग का ग़ैर शफ़्फ़ाफ़ होता है जिस की यकसानियत तबदील होती रहती है और ये जेली नुमा हालत जेल से नियम स्याल हालत उसूल में तबदील होता रहता है, मादा ॔हयात, ख़लीया का ज़िंदा मादा, मादा ॔ावलीन (अंग : Protoplasm)
नबातियाती-बाग़
(हयातयात) एक ऐसा बाग़ जिस में इलम-ए-नबातात के लिहाज़ से मुख़्तलिफ़ और अहम दरख़्त लगाए गए हूँ
नूर-रुख़ी
(हयातयात) यक ख़लीए या अज़वीए का ये ख़ास्सा कि वो रोशनी की मौजूदगी में कशिश (मुसबत तास्सुर) या दफ़ा (ज़याई तास्सुर) का मज़हर होता है
नवात-दार
नवात रखने वाला, (हयातयात) मर्कज़ी, सदरी नीज़ झिल्ली वाला, रेशेदार, नबाती या हैवानी ख़लीए पर मुश्तमिल
नाहिज़ात
(हयातयात) जानवरों और पौदों पर मोहलिक असर डालने या तेज़ी से हमला करनेवाली चीज़ें, इन की दो इक़साम हैं, कबीर और तिब्बी
निज़ाम-ए-'असबी
(जीवविज्ञान) जिस तंत्र के द्वारा विभिन्न अंगों का नियंत्रण और अंगों और वातावरण में सामंजस्य स्थापित होता, तंत्रिका प्रणाली, तंत्रिका तंत्र
पट्टी किश्त का तरीक़ा
(हयातयात) एक तरीक़ा जिस में शीशे की पट्टी हर एक ख़ास अमल के ज़रीये जरासीम या ख़िरद नामियों को उगाया जाता है ताकि उन की बालीदगी वग़ैरा का बाआसानी मुशाहिदा किया जा सके
मु'आनक़ा
(जीवविज्ञान) वज घेरा या क्षेत्र जहाँ मिलन होता है जहाँ एक तंत्रिका कोशिका दोसरे तंत्रिका कोशिका की ओर तंत्रिकीय सहवासीय उत्तेजना प्रेषित करता है
मेकानिकी-इन्हिज़ाम
(हयातयात) वो इन्हिज़ाम जिस में ख़ुराक को दाँतों या किसी और तरीक़े से पहले छोटे छोटे टुकड़ों में काटा और फिर पैसा जाता है
मुंज़बित
आधिकारिक तौर पर, नियमित, विनियमित, संपादित, निर्णित, नियंत्रित, नेता, मार्दर्शक, मजबूत, मुकम्मल, चुस्त, मिला हुआ, ढका हुआ
मेटाफ़ेज़
(हयातयात) बिलवासता तक़सीम के अमल में वो मरहला जो अव्वल मरहले (Anaphase) के बाद आता है और जिस में अलग होने वाले लोनयात (Chromosomes) तर्तीब पाते हैं और तकले के इस्तिवा से मुल्हिक़ होते हैं
मंफ़ी-सबाग़त
(जीवविज्ञान) नकारात्मक दाग संरचना, ऐसी दाग संरचना जिसमें रोगाणु कोशिकाएं नहीं रंगी जाती लेकिन कोशिका की पृष्ठभूमि पर एक रंगीन परत बनती है और इस पृष्ठभूमि में रंगहीन कोशिकाएं स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं और उनकी विशेषताएं स्पष्ट हो जाती हैं।
मरकज़ाई
(तबीअयात) वो जो जौहरी क़ुव्वत से चलता हो, जौहरी हथियारों या उन के इस्तिमाल से मुताल्लिक़, जौहरी, ऐटमी (Nuclear)
मरकज़ी-जाल
(हयातयात) लेनिन जाल और इस के साथ लगे हुए करोमीटन के दानों पर मुश्तमिल जाल (Chromatin Network)
मरकज़ी-प्रोटीन
(जीवविज्ञान) किसी भी प्रोटीन कि संरचनात्मक रूप से न्यूक्लिक एसिड के साथ जुड़े रहे हैं, या तो डीएनए या आरएनए हैं
मुर्दा-बाश
(ख़िरद हयातयात) वो जरासीम जो सड़े गले पौदों या मुर्दा जानवरों पर बसर करते हैं (लात : Saprophytes)
मेलानियन
(हयातयात) इंसानों और हैवानों के बालों, ख़ारिजी जल्द और आँखोँ में मौजूद स्याह सबग़े (जिस्मी रंग) जो बाअज़ औक़ात किसी बीमारी या धूप की तेज़ी की वजह से ज़रूरत से ज़्यादा पैदा होने लगते हैं
मसनू'ई-वास्ता
(हयातयात) वो बनावटी किशत जिस में कोई जिस्म नामी नशो-ओ-नुमा पाता है या वो माद्दा जिस में उन्हें मुताले के लिए महफ़ूज़ किया जाता है
मिज़ाज
(चिकित्सा) वह अवस्था जो 'अनासिर-ए-अर्बा' के परस्पर मिलने से पैदा होती है, जब यह तत्व आपस में मिलते हैं तो उनमें से हर एक की अवस्था गर्मी और सर्दी और शुष्कता और आर्द्रता के आपस में मिलने से और उनकी क्रियाओं से उनकी तेज़ी दूर हो जाती है और एक नई बीच की अवस्था पैदा हो जाती है यही मिज़ाज है
मोज़े-रूअत
(हयातयात) मुरक्कब आँख में बनने वाली शबिया या अक्स जो हज़ारों आँख पारों(Omma- tadiam) के काम करने से तशकील पाता है (अंग : Mosaic Vision)
मोनाद
(फ़लसफ़ा) अदद, वाहिद, इकाई , नाक़ाबिल इतक़सीम इकाई, जुज़ु इलाएतजज़ा, जौहर वाहिद (मसलन ऐटम, ख़ुदा, रूह) , (हयातयात) अव्वलीन इकाई या वो (फ़र्ज़ी) अव्वलीन नामियाती वजूद जिस से ज़िंदगी का आग़ाज़ हुआ
मौरूसिया
(हयातयात) जैन, क्रोमोसोम की इकाई या अंसर जो किसी मौरूसी ख़ुसूसीयत को वालदैन से औलाद तक मुंतक़िल करती है और औलाद में किसी मख़सूस ख़ुसूसीयत की निम्मो को मुतय्यन करती है, कोणीय, नसबा
लसक़
चिपक्ना चिम्टना, चस्पीदा होना , (हयातयात) जरासीम या दीगर ख़लीयों का किसी सद जीसीए के वरूद के बाइस सिमट कर यकजा हो जाना
वक़्फ़ा-ए-तौलीद
(हयातयात) मुद्दत जो एक ख़लीए के मुकम्मल होने और दुबारा तक़सीम होने में दरकार होती है (अंग : Generation time)
वक़्फ़ा-ए-हिज़ानत
अंडे सीने के अमल की मुद्दत , (हयातयात) बीमारी की अलामत ज़ाहिर होने की मुद्दत, जरासीम के पनपने का अर्सा (अंग : Incubation period)
शकर-पसंद
(हयातयात) वो जरासीम जो शुक्र के कसीर महलूल में परवरिश पाते हैं बाअज़ जरासीम शुक्र के कसीफ़ महलूल में उगने के आदी होते हैं, ऐसे जरासीम को शुक्र पसंद कहा जाता है
सादिक़-जरासीम
(जीवविज्ञान) असली कीटाणु, शुद्ध कीटाणुओं में, वे आकार और कार्य दोनों के संदर्भ में रोगाणु कहलाने के योग्य होते हैं
हैअत-ए-सुकूत
(जीवविज्ञान) पश्चता प्रावस्था, लैग प्रावस्था, वृद्धि वक्र की वह अवस्था जिसके दौरान जीव अपनी संख्या में वृद्धि तो नहीं करता लेकिन उसके लिये तैयारी करता है
हयातिय्यात
जीवशास्त्र, जीवविज्ञान प्राकृतिक विज्ञान की तीन विशाल शाखाओं में से एक है। यह विज्ञान जीव, जीवन और जीवन के प्रक्रियाओं के अध्ययन से सम्बन्धित है। इस विज्ञान में हम जीवों की संरचना, कार्यों, विकास, उद्भव, पहचान, वितरण एवं उनके वर्गीकरण के बारे में पढ़ते हैं
हयातियाती-क़ाबू
(जीवविज्ञान) कीटाणुओं को रसायनिक तत्वों से मारने के बजाय अन्य पदार्थों से प्राप्त तत्वों से मारने का तरीक़ा
हयातियाती-तरीक़ा-ए-'इलाज
(जीवविज्ञान) कीटाणुओं को रसायनिक तत्वों से मारने के बजाय अन्य पदार्थों से प्राप्त तत्वों से मारने का तरीक़ा
हयातियाती-हमलान
(जीवविज्ञान) एक जैविक पदार्थ जो उस अनुपात को बदलता है जिस पर रासायनिक प्रतिक्रिया होती है लेकिन वो स्वयं प्रतिक्रिया के अंत में अपरिवर्तित रहता है
हरकी-क़िस्म
(जीवविज्ञान) ब्लड सेल्स में क्रोमोसोम के साइज, आकार और संख्या की पहचान और उनका मूल्यांकन करने वाला नक्शा
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