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किस ने

कौन, किस व्यक्ति ने

किस ने कहा था

ज़रूरी नहीं, मत कीजिए, किस ने सलाह दी थी

कस न आयदा ब जंग उफ़्तादा

कमज़ोर या आजिज़ से कोई जंग नहीं करता

कस न गोयद कि दोग़ मन तुर्श अस्त

अपनी छाछ को कोई बुरा नहीं कहता

कस-ना-शनास

آدمی کو نہ پہچانے والا.

'अक्स-ए-अना

अहंकार की परछाई, अहम् , अहंकार

कस नमी पुरसद कि भय्या कौन हो ढाई हो या तीन या पौन हो

जब कोई व्यक्ति दरिद्र हो तो उसकी कोई नहीं पूछता कि तुम कौन हो या तेरी क्या हैसियत है

किस नींद सुलाया

۔کیسا بے خبر کردیا۔ ؎

किस नींद सोया है

۔کیسا بے خبر ہے۔ ؎

किस नींद सोता है

۔کس قدر بے خبر ہے۔ کس طرح کی غفلت میں ہے۔ ؎

किस ख़ुदा ने बताया

किस शिरा का हुक्म है, बजा आवरी क्यों फ़र्ज़ है, क्या ज़रूरी है, फ़ुज़ूल काम करने के मौक़ा पर मुस्तामल

किस ख़ुदा ने कहा

किस शिरा का हुक्म है, बजा आवरी क्यों फ़र्ज़ है, क्या ज़रूरी है, फ़ुज़ूल काम करने के मौक़ा पर मुस्तामल

नाव किस ने डुबोई ख़्वाजा ख़िज़्र ने

इस मौके़ पर मुस्तामल जब ख़ुद रहबर और रहनुमा ही तबाही का बाइस बिन जाये, जिस से भलाई की उमीद हो इसी से नुक़्सान पहुंच जाये

कल किस ने देखी है

देर न करो स्पष्ट नहीं कल क्या हो

ये तस्वीर किस ने ली

who took this picture?

शेरों का मुँह किस ने धोया

कोई सोते से उठ कर बिना मुँह धोए खाने बैठ जाए तो उपहास में कहते हैं

भेड़ पे ऊन, किस ने छोड़ी

जो व्यक्ति हर जगह लूटा जाए उसके प्रति कहते हैं

कमाऊ को किस ने न चाहा

जिससे फ़ायदा हो वह प्रिय होता है

भैंस पे दूध किस ने छोड़ा

मूर्ख धनवान के प्रति बोलते हैं

जंगल में मोर नाचा किस ने देखा

परदेस में कोई बड़े काम करने का आनंद घर वाले नहीं देख सकते, जब कोई अपना धन परदेस में व्यय करे और अपने लोग उससे लाभांवित न हों तो यह बोलते हैं

बोलते की ज़बान किस ने पकड़ी है

किसी व्यक्ति को आलोचना करने या बुरा भला कहने से कौन रोक सकता है

दूध की मक्खी किस ने चक्खी

ख़राब वस्तु का कोई उपयोग नहीं करता

कमाउ ख़सम किस ने न चाहा

जिस के अस्तित्व से लाभ हो वही प्रिय होता है

कमाऊ ख़सम किस ने न चाहा

۔مثل جس کی ذات سے فائدہ ہو وہی عزیز ہوتا ہے۔

साहिब को किस ने बुलाया है

दोस्त अरसा-ए-दराज़ के बाद मुलाक़ात के वक़्त इज़हार-ए-इश्तियाक़-ओ-शिकायत के तौर पर मुस्तामल

किस की माँ ने धौंसा खाया है

किस माँ को आफ़त आयी है जो अपनी संतान को खोना चाहेगी? किसकी दुर्भाग्यशाली माँ अपने बच्चों की तबाही चाहेगी, इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति अपने लिए ख़ुद मुसीबत नहीं बनाता, अपना नुक़सान या अपनी बर्बादी नहीं चाहता

फ़क़ीर की ज़बान किस ने कीली है

फ़क़ीर जो चाहे कह सकता है, उसे कोई भी नहीं रोक सकता

आप को किस ने बुलाया है

किसी निःसंकोच मित्र या साथी के बहुत दिन में सूरत दिखाने के अवसर पर उलाहना देने के लिए प्रयुक्त

दरिया का फेर किस ने पाया है

बुद्धिमान आदमी की बात की तह किसी की समझ में नहीं आती

का टापू में मोर नाचा किस ने देखा

विदेश में कुछ भी करो जब अपने देश में कुछ करो तो हम समझें कि हाँ कुछ किया, परदेस में किसी बड़े काम के करने का आनंद परिवार या देश के लोग वाले नहीं उठा सकते, जब कोई व्यक्ति अपना धन किसी ऐसी जगह ख़र्च करे जहाँ जहाँ देश के नागरिक या रिश्तेदार उसे न देख सकें तो क

ख़ल्क़ का हल्क़ किस ने बंद किया है

कोई किसी की ज़बान को नहीं रोक सकता

दूध में की मक्खी किस ने चक्खी

ख़राब वस्तु का कोई उपयोग नहीं करता

किस के कान में फ़रिश्ते ने नहीं फूँका

मुराद: हर शख़्स को ख़ुशफ़हमी होती है

बादशाहों और दरियाओं का फेर किस ने पाया है

बादशाह और दरिया की वास्तविक्ता या तह जानना कठिन है

राँड का रोना , बाज़ार का सौदा , किस ने सुना

इन दोनों की दादरसी नहीं होती

मछली के बच्चे को पैरना किस ने सिखाया

अपने पुश्तैनी या ख़ानदानी काम से हर व्यक्ति स्वयं अच्छी तरह परिचित होता है, उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं

मछली के बच्चे को तैरना किस ने सिखाया

अपने पुश्तैनी या ख़ानदानी काम से हर व्यक्ति स्वयं अच्छी तरह परिचित होता है, उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं

मुफ़्लिस की जवानी और जाड़ों की चाँदी किस ने देखी

जाड़े की चांदनी से लुतफ़ नहीं उठाया जा सकता, बेफ़ाइदा चीज़ जिस से लुतफ़ ना उठा या जा सके तो ये कहावत कहते हैं

किस के कान में फ़रिश्ते ने नहीं फूँका है

۔دیکھو فرشتے کا کان میں پھونکنا۔

भेड़ पे ऊन किस ने छोड़ी, भेड़ जहाँ जाए वहीं मुँडे

जो व्यक्ति हर जगह लूटा जाए उसके प्रति कहते हैं

सब कुत्ते काशी गए तो हंडिया किस ने चाटी

अगर सब नेक हैं तो शरारत किस ने की , शरीर अपनी हरकत से बाज़ नहीं आता

भेड़ पे ऊन किस ने छोड़ी, भेड़ तो जहाँ जाएगी मूँडी जाएगी

जो व्यक्ति हर जगह लूटा जाए उसके प्रति कहते हैं

दीमक के दाँत, साँप के पाँव और च्यूँटी की नाक किस ने देखी

ये चीज़ें ज़ाहिरन मादूम हैं मगर काम अंसा देती हैं कि जिन जानवरों के दांत पांव और नाक ज़ाहिर होते हैं, इन से ऐसा बिन नहीं आता

हाकिम के मारे और कीचड़ के फिसले का किस ने बुरा मनाया है

हाकिम किसी को ज़द-ओ-कोब करे तो इस की तसल्ली के लिए कहते हैं

बाज़ार की गाली किस की, जिसने सुनी उसकी

सार्वजनिक लांछन अथवा गाली की परवाह नहीं करनी चाहिए जो उत्तर दे वही दोषी होता है

कोस न चली बावा प्यास लगी

काम शुरू' करते ही अथवा थोड़ा सा काम करने के बाद ही थकावट की शिकायत करना

किसी ने ये भी न पूछा कि तुम किस बाग़ की मूली हो

किसी ने परवाह भी नहीं की, रास्ते सुरक्षित हैं कहीं लूट मार नहीं होती

कोस न चली बाबुल प्यासी

काम शुरू' करते ही अथवा थोड़ा सा काम करने के बाद ही थकावट की शिकायत करना

आई न गई किस रिश्ते बहन

बिना जान पहचान के अत्यधिक प्रभाव की अभिव्यक्ति

ग़ुलाम आब-कश बायद न ख़िश्त-ज़न

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) ग़ुलाम या दास अच्छा हो तो है वरना बोझ होता है

साँसा भला न साँस का और बान भला न काँस का

चिंता थोड़ी देर की भी बड़ी होती है, मन की सेहत के लिए अच्छी नहीं होती

ना'रा-कश

رک : نعرہ زن

कस-ओ-ना-कस

अच्छा-बुरा, हर प्रकार का व्यक्ति, बड़ा-छोटा, हर आदमी, ऐरा ग़ैरा, हर एक, हर कोई

हर-कस-ओ-ना-कस

हर एक, हर कोई, हर छोटा बड़ा

ना-कस

अधम, नीच, कमीना, पतित, गहत

नौ दिन चले अढ़ाई कोस

बहुत मंदगामी, सुस्ती पर व्यंग के तौर पर वाक्य है

ठग न देखे देखे क़साई, शेर न देखे देखे बिलाई

यदि तुम ने ठग नहीं देखा तो क़साई को देख लो और यदि शेर नहीं देखा तो बिल्ली को देख लो

आए कनागत फूले काँस वामन उछ्लें नौ नौ बाँस

कनागत के दिनों में ब्रहमणों को बड़ी ख़ुशी होती है क्यूँकि इन दिनों में उनकी बड़ी आव-भगत की जाती है

सौ-सौ कोस नज़र न आना

दिखाई न देना, कहीं पता न लगना, कहीं न मिलना

आए कनागत फूला काँस बामन उछ्लें नौ नौ बाँस

कनागत के दिनों में ब्रहमणों को बड़ी ख़ुशी होती है क्यूँकि इन दिनों में उनकी बड़ी आव-भगत की जाती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ज़र्द के अर्थदेखिए

ज़र्द

zardزَرْد

स्रोत: फ़ारसी

वज़्न : 21

ज़र्द के हिंदी अर्थ

क्रिया-विशेषण, विशेषण

शे'र

English meaning of zard

Adverb, Adjective

زَرْد کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل متعلق، صفت

  • ہلدی، گیندے، سرسوں وغیرہ کا یا ان سے ملتا جلتا رن٘گ، پیلا، خلط صفرا

Urdu meaning of zard

  • Roman
  • Urdu

  • haldii, gende, sarso.n vaGaira ka ya un se miltaa jultaa rang, piila, Khalat sufara

ज़र्द के पर्यायवाची शब्द

खोजे गए शब्द से संबंधित

किस ने

कौन, किस व्यक्ति ने

किस ने कहा था

ज़रूरी नहीं, मत कीजिए, किस ने सलाह दी थी

कस न आयदा ब जंग उफ़्तादा

कमज़ोर या आजिज़ से कोई जंग नहीं करता

कस न गोयद कि दोग़ मन तुर्श अस्त

अपनी छाछ को कोई बुरा नहीं कहता

कस-ना-शनास

آدمی کو نہ پہچانے والا.

'अक्स-ए-अना

अहंकार की परछाई, अहम् , अहंकार

कस नमी पुरसद कि भय्या कौन हो ढाई हो या तीन या पौन हो

जब कोई व्यक्ति दरिद्र हो तो उसकी कोई नहीं पूछता कि तुम कौन हो या तेरी क्या हैसियत है

किस नींद सुलाया

۔کیسا بے خبر کردیا۔ ؎

किस नींद सोया है

۔کیسا بے خبر ہے۔ ؎

किस नींद सोता है

۔کس قدر بے خبر ہے۔ کس طرح کی غفلت میں ہے۔ ؎

किस ख़ुदा ने बताया

किस शिरा का हुक्म है, बजा आवरी क्यों फ़र्ज़ है, क्या ज़रूरी है, फ़ुज़ूल काम करने के मौक़ा पर मुस्तामल

किस ख़ुदा ने कहा

किस शिरा का हुक्म है, बजा आवरी क्यों फ़र्ज़ है, क्या ज़रूरी है, फ़ुज़ूल काम करने के मौक़ा पर मुस्तामल

नाव किस ने डुबोई ख़्वाजा ख़िज़्र ने

इस मौके़ पर मुस्तामल जब ख़ुद रहबर और रहनुमा ही तबाही का बाइस बिन जाये, जिस से भलाई की उमीद हो इसी से नुक़्सान पहुंच जाये

कल किस ने देखी है

देर न करो स्पष्ट नहीं कल क्या हो

ये तस्वीर किस ने ली

who took this picture?

शेरों का मुँह किस ने धोया

कोई सोते से उठ कर बिना मुँह धोए खाने बैठ जाए तो उपहास में कहते हैं

भेड़ पे ऊन, किस ने छोड़ी

जो व्यक्ति हर जगह लूटा जाए उसके प्रति कहते हैं

कमाऊ को किस ने न चाहा

जिससे फ़ायदा हो वह प्रिय होता है

भैंस पे दूध किस ने छोड़ा

मूर्ख धनवान के प्रति बोलते हैं

जंगल में मोर नाचा किस ने देखा

परदेस में कोई बड़े काम करने का आनंद घर वाले नहीं देख सकते, जब कोई अपना धन परदेस में व्यय करे और अपने लोग उससे लाभांवित न हों तो यह बोलते हैं

बोलते की ज़बान किस ने पकड़ी है

किसी व्यक्ति को आलोचना करने या बुरा भला कहने से कौन रोक सकता है

दूध की मक्खी किस ने चक्खी

ख़राब वस्तु का कोई उपयोग नहीं करता

कमाउ ख़सम किस ने न चाहा

जिस के अस्तित्व से लाभ हो वही प्रिय होता है

कमाऊ ख़सम किस ने न चाहा

۔مثل جس کی ذات سے فائدہ ہو وہی عزیز ہوتا ہے۔

साहिब को किस ने बुलाया है

दोस्त अरसा-ए-दराज़ के बाद मुलाक़ात के वक़्त इज़हार-ए-इश्तियाक़-ओ-शिकायत के तौर पर मुस्तामल

किस की माँ ने धौंसा खाया है

किस माँ को आफ़त आयी है जो अपनी संतान को खोना चाहेगी? किसकी दुर्भाग्यशाली माँ अपने बच्चों की तबाही चाहेगी, इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति अपने लिए ख़ुद मुसीबत नहीं बनाता, अपना नुक़सान या अपनी बर्बादी नहीं चाहता

फ़क़ीर की ज़बान किस ने कीली है

फ़क़ीर जो चाहे कह सकता है, उसे कोई भी नहीं रोक सकता

आप को किस ने बुलाया है

किसी निःसंकोच मित्र या साथी के बहुत दिन में सूरत दिखाने के अवसर पर उलाहना देने के लिए प्रयुक्त

दरिया का फेर किस ने पाया है

बुद्धिमान आदमी की बात की तह किसी की समझ में नहीं आती

का टापू में मोर नाचा किस ने देखा

विदेश में कुछ भी करो जब अपने देश में कुछ करो तो हम समझें कि हाँ कुछ किया, परदेस में किसी बड़े काम के करने का आनंद परिवार या देश के लोग वाले नहीं उठा सकते, जब कोई व्यक्ति अपना धन किसी ऐसी जगह ख़र्च करे जहाँ जहाँ देश के नागरिक या रिश्तेदार उसे न देख सकें तो क

ख़ल्क़ का हल्क़ किस ने बंद किया है

कोई किसी की ज़बान को नहीं रोक सकता

दूध में की मक्खी किस ने चक्खी

ख़राब वस्तु का कोई उपयोग नहीं करता

किस के कान में फ़रिश्ते ने नहीं फूँका

मुराद: हर शख़्स को ख़ुशफ़हमी होती है

बादशाहों और दरियाओं का फेर किस ने पाया है

बादशाह और दरिया की वास्तविक्ता या तह जानना कठिन है

राँड का रोना , बाज़ार का सौदा , किस ने सुना

इन दोनों की दादरसी नहीं होती

मछली के बच्चे को पैरना किस ने सिखाया

अपने पुश्तैनी या ख़ानदानी काम से हर व्यक्ति स्वयं अच्छी तरह परिचित होता है, उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं

मछली के बच्चे को तैरना किस ने सिखाया

अपने पुश्तैनी या ख़ानदानी काम से हर व्यक्ति स्वयं अच्छी तरह परिचित होता है, उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं

मुफ़्लिस की जवानी और जाड़ों की चाँदी किस ने देखी

जाड़े की चांदनी से लुतफ़ नहीं उठाया जा सकता, बेफ़ाइदा चीज़ जिस से लुतफ़ ना उठा या जा सके तो ये कहावत कहते हैं

किस के कान में फ़रिश्ते ने नहीं फूँका है

۔دیکھو فرشتے کا کان میں پھونکنا۔

भेड़ पे ऊन किस ने छोड़ी, भेड़ जहाँ जाए वहीं मुँडे

जो व्यक्ति हर जगह लूटा जाए उसके प्रति कहते हैं

सब कुत्ते काशी गए तो हंडिया किस ने चाटी

अगर सब नेक हैं तो शरारत किस ने की , शरीर अपनी हरकत से बाज़ नहीं आता

भेड़ पे ऊन किस ने छोड़ी, भेड़ तो जहाँ जाएगी मूँडी जाएगी

जो व्यक्ति हर जगह लूटा जाए उसके प्रति कहते हैं

दीमक के दाँत, साँप के पाँव और च्यूँटी की नाक किस ने देखी

ये चीज़ें ज़ाहिरन मादूम हैं मगर काम अंसा देती हैं कि जिन जानवरों के दांत पांव और नाक ज़ाहिर होते हैं, इन से ऐसा बिन नहीं आता

हाकिम के मारे और कीचड़ के फिसले का किस ने बुरा मनाया है

हाकिम किसी को ज़द-ओ-कोब करे तो इस की तसल्ली के लिए कहते हैं

बाज़ार की गाली किस की, जिसने सुनी उसकी

सार्वजनिक लांछन अथवा गाली की परवाह नहीं करनी चाहिए जो उत्तर दे वही दोषी होता है

कोस न चली बावा प्यास लगी

काम शुरू' करते ही अथवा थोड़ा सा काम करने के बाद ही थकावट की शिकायत करना

किसी ने ये भी न पूछा कि तुम किस बाग़ की मूली हो

किसी ने परवाह भी नहीं की, रास्ते सुरक्षित हैं कहीं लूट मार नहीं होती

कोस न चली बाबुल प्यासी

काम शुरू' करते ही अथवा थोड़ा सा काम करने के बाद ही थकावट की शिकायत करना

आई न गई किस रिश्ते बहन

बिना जान पहचान के अत्यधिक प्रभाव की अभिव्यक्ति

ग़ुलाम आब-कश बायद न ख़िश्त-ज़न

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) ग़ुलाम या दास अच्छा हो तो है वरना बोझ होता है

साँसा भला न साँस का और बान भला न काँस का

चिंता थोड़ी देर की भी बड़ी होती है, मन की सेहत के लिए अच्छी नहीं होती

ना'रा-कश

رک : نعرہ زن

कस-ओ-ना-कस

अच्छा-बुरा, हर प्रकार का व्यक्ति, बड़ा-छोटा, हर आदमी, ऐरा ग़ैरा, हर एक, हर कोई

हर-कस-ओ-ना-कस

हर एक, हर कोई, हर छोटा बड़ा

ना-कस

अधम, नीच, कमीना, पतित, गहत

नौ दिन चले अढ़ाई कोस

बहुत मंदगामी, सुस्ती पर व्यंग के तौर पर वाक्य है

ठग न देखे देखे क़साई, शेर न देखे देखे बिलाई

यदि तुम ने ठग नहीं देखा तो क़साई को देख लो और यदि शेर नहीं देखा तो बिल्ली को देख लो

आए कनागत फूले काँस वामन उछ्लें नौ नौ बाँस

कनागत के दिनों में ब्रहमणों को बड़ी ख़ुशी होती है क्यूँकि इन दिनों में उनकी बड़ी आव-भगत की जाती है

सौ-सौ कोस नज़र न आना

दिखाई न देना, कहीं पता न लगना, कहीं न मिलना

आए कनागत फूला काँस बामन उछ्लें नौ नौ बाँस

कनागत के दिनों में ब्रहमणों को बड़ी ख़ुशी होती है क्यूँकि इन दिनों में उनकी बड़ी आव-भगत की जाती है

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