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याद हो कि न हो

۔معلوم نہیںیاد ہے یا بھول گئے۔

न हो

कहीं ऐसा न हो कि (संदेह या शंका प्रकट करने के लिए प्रयुक्त)

याद हो कि न याद हो

(किसी को कुछ याद दिलाने के मौके़ पर प्रयुक्त) मालूम नहीं याद है कि भूल गए, क्या पता तुम्हें याद है या तुम्हारे दिमाग़ से उतर गया

हो न हो

definitely, of course, whatever might happen, it may happen or not

क्यूँ न हो

शाबाश, क्या कहना, अवश्य, ज़रूर, वाह वाह, क्यों नहीं, ऐसा ज़रूर हो

ये न हो

कोई भी नहीं, एक भी नहीं मिल सकता, इधर न उधर, दोनों नहीं, दोनों में से कोई भी नहीं

कहाँ हो कहाँ न हो

who knows where (he, etc.) may be

खड़का न हो

ज़रा सी आहट हो तो चोर भाग जाता है

हुआ न हो

अब तक नहीं हुआ और ना आइन्दा होगा, नहीं होगा

बुरा न हो

(तंज़िया) ख़ानाख़राब हो, आफ़त टूटे, नास जाये

ये वो न हो

۔ये वो बात नहीं। ये वैसा मुआमला नहीं।

याद से ग़ाफ़िल हो जाना

ख़्याल या ध्यान न रखना, भूल जाना

आग और ख़स एक-जा हो तो मुमकिन नहीं कि न जले

اگر مرد اور عورت اکٹھے ہوں تو ضرور زنا کی نوبت آتی ہے

याद भली भगवान की और भली न को, राजा की कर चाकरी जो परजा ताबे' हो

ईश्वर की याद सब से बेहतर है इस से बेहतर और कुछ नहीं

कफ़न नसीब न हो

(कोसना) बे गुरू-ओ-कफ़न रहे

ईमान नसीब न हो

दीन-ओ-इस्लाम से महरूम हो जाउं, (ख़ुदा य ताला) मेरे मज़हब को क़बूल ना करे (किसी बात का यक़ीन दिलाने के लिए किस्म के तौर पर मुस्तामल)

भूखे भजन न हो

भूखे आदमी से पूजा भी नहीं हो सकती

पश्म-कंदा न हो सकना

कुछ ना बिगड़ सकना, ज़र्रा भर नुक़्सान ना पहुंचना, कुछ ना हो सकना

क्या क्या न हो गया

कौन सी बात रह गई, कौन सी रुसवाई ना हुई, बहुत कुछ हुआ

हारी मानते हो न जीती

रुक : हारी जीती एक ना / नहीं मानना

नज़र न हो जाए

बुरी नज़र न लगे, बुरी नज़र दूर हो, अल्लाह बुरी नज़र से बचाए

कुछ न कुछ हो रहना

۔تھوڑی بہت کامیابی ہونا۔ ؎

मोम तो नहीं हो कि पिघल जाओगे

۔ مقولہ۔ ہمت ہارنے والے سے بطور طنز کہتے ہیں۔

कस नमी पुरसद कि भय्या कौन हो ढाई हो या तीन या पौन हो

जब कोई व्यक्ति दरिद्र हो तो उसकी कोई नहीं पूछता कि तुम कौन हो या तेरी क्या हैसियत है

मोम तो नहीं हो कि पिगल जाओगे

नाज़ुक और नामर्द ना बनू, हिम्मत से काम लो, डट के मुक़ाबला करो

मोम तो नहीं हो कि पिघल जाओगे

नाज़ुक और नामर्द ना बनू, हिम्मत से काम लो, डट के मुक़ाबला करो

वहाँ मारिए जहाँ पानी न हो

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

क़िब्ला हो तो मुँह न करूँ

कमाल-ए-बेज़ारी ज़ाहिर करने के मौक़ा पर कहते हैं

किसी ने ये भी न पूछा कि तुम किस बाग़ की मूली हो

किसी ने परवाह भी नहीं की, रास्ते सुरक्षित हैं कहीं लूट मार नहीं होती

कहीं ऐसा न हो जाए

उम्मीद के विपरीत कुछ न हो जाए, सामान्यतः चिंता के मौक़े पर हम ऐसा कहते हैं

भूक में भजन भी न हो

भूखे आदमी से इबादत और पूजा भी नहीं हो सकती

दमड़ी की दाल बुवा पतली न हो

बहुत अधिक कंजूसी करने वाले पर कटाक्ष

नाक न हो तो गू खाएँ

महिलाओं की निंदा में प्रयुक्त, अर्थात अगर इज़्ज़त की परवाह न हो तो ख़राब से ख़राब बैठें

नाक न हो तो गुह खाएँ

आबरू की पर्वा ना करें (औरतों की बद अकली के इज़हार के लिए मुस्तामल)

ऐसा न हो

कहीं एसा न हो, समभवतः, ईश्वर न करे

मरते वक़्त ईमान नसीब न हो

(ओ) इस बात पर यक़ीन दिलाना कि जो कुछ में कह रहा हूँ वो बिलकुल ठीक है (बतौर बददुआ मुस्तामल)

सुख में रब को याद करे तो दुख काहे हो

अगर आराम के ज़माने में ख़ुदा को याद करें तो कभी तकलीफ़ ना हो

सहरी भी न खाऊँ तो काफ़िर न हो जाऊँ

ایک ماما سحری کھا لیتی تھی روزہ نہ رکھتی تھی ، ایک دن مالک نے پوچھا تو یہ جواب دیا ، یعنی دین کی مطلب کی بات مان لی اور تکلیف کی بات چھوڑ دی.

आता हो तो हाथ से न दीजे, जाता हो तो उसका ग़म न कीजे

ملتی چیز کو چھوڑنا اور گئی ہوئی چیز پر افسوس کرنا نہ چاہئے

वहाँ गर्दन मारिए जगाँ पानी न हो

इस को निहायत सख़्त और संगीन सज़ा देनी चाहिए

ज़ामिन न हो जैसे गिरह से दीजिये

किसी का जिम्मेदार बनने से अच्छा है कि गिरह से दे दे, पक्का आश्वासन देने से रोकड़ देना अच्छा है

नेक बीबियों के साथ हश्र न हो

(ओ) बख़शिश ना हो (एक कोसना

हाँसी में खाँसी न हो जाए

सुख में दुःखी न हो जाये

हड़ लगे न फिटकरी रंग चोखा हो

मुफ़्त काम हो और उम्दा हो , खर्चे और ज़हमत के बगै़र काम बिन जाये

का'बा हो तो उस की तरफ़ मुँह न करूँ

किसी जगह से इस क़दर बेज़ार और तंग होना कि अगर वो जगह मुक़ाम मुक़द्दस और ख़ुदा का घर भी बिन जाये तो उधर का रुख़ ना करना ग़रज़ निहायत बेज़ार तंग और आजिज़ हो जाने के मौक़ा पर ये फ़िक़रा बोला जाता है

वो बाल खींचूँ कि जिस की जड़ दूर हो

सारे छुपे छुपाए दोष प्रकट कर दूँ, सारी दुनिया में अपमान का माध्यम एवं तिरस्कीर एवं अपयश का कारण बनूँ

झूटा मरे न शहर पाक हो

झूटे की मज़म्मत में कहते हैं

अमीर के पास क़ब्र भी न हो

निर्धन के लिए धनवान का पड़ोसी होना अच्छा नहीं होता

मुँह का थोबड़ा न हो जाए

ऐसा न हो कि पिट जावे

दिन भले ही न हो जाएँ या फिर भी न जाएँ

अगर काम हो जाये तो नसीबा ही ना जाग जाये

ऊँट बुड्ढा हो गया पर मूतना न आया

आयु बहुत हो जाने पर भी शिष्टाचार न आया

मरते वक़्त कलिमा-ए-मोहम्मद न नसीब हो

(कोसना) एक प्रकार की क़सम और बद-दुआ, इस बात पर ज़ोर देना कि जो कुछ मैं कह रहा हूँ वो बिलकुल ठीक है

साठ सास नंद हों सौं, माँ की होर न अनसों हो

चाहे साठ सास / सासें और नंद हूँ माँ के बराबर नहीं हो सकतीं

साठ सास नंद हों सौं, माँ की होर न अनसों हो

चाहे साठ सास / सासें और नंद हूँ माँ के बराबर नहीं हो सकतीं

साठ सासें नंद हों सौं, माँ की हवा न अनसों हो

चाहे साठ सास / सासें और नंद हूँ माँ के बराबर नहीं हो सकतीं

उस जातक सूँ करो न यारी, जिस की माता हो कलहारी

उस लड़के से कभी मित्रता या प्रेम मत करो जिसकी माँ लड़ाका अर्थात झगड़ालू हो

जिस की न फटी हो बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई

जिस को कभी दुख नहीं पहुंचा उस को दर्द मंदों के दर्द की क्या पर्वा

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

उस जातक से करो न यारी, जिस की माता हो कलहारी

उस लड़के से कभी मित्रता या प्रेम मत करो जिसकी माँ लड़ाका अर्थात झगड़ालू हो

कर्दनी ख़्वेश आमदनी पेश, न की हो तो कर देख

जैसी करनी वैसी भरनी, बुरे काम का परिणाम बुरा होता है, न देखा हो तो करके देख लो

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में याद हो कि न हो के अर्थदेखिए

याद हो कि न हो

yaad ho ki na hoیاد ہو کہ نَہ ہو

वाक्य

याद हो कि न हो के हिंदी अर्थ

  • मालूम नहीं याद है या भूल गए

یاد ہو کہ نَہ ہو کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • معلوم نہیں یاد ہے یا بھول گئے

Urdu meaning of yaad ho ki na ho

  • Roman
  • Urdu

  • ۔maaluum nahii.n yaad hai ya bhuul ge

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याद हो कि न हो

۔معلوم نہیںیاد ہے یا بھول گئے۔

न हो

कहीं ऐसा न हो कि (संदेह या शंका प्रकट करने के लिए प्रयुक्त)

याद हो कि न याद हो

(किसी को कुछ याद दिलाने के मौके़ पर प्रयुक्त) मालूम नहीं याद है कि भूल गए, क्या पता तुम्हें याद है या तुम्हारे दिमाग़ से उतर गया

हो न हो

definitely, of course, whatever might happen, it may happen or not

क्यूँ न हो

शाबाश, क्या कहना, अवश्य, ज़रूर, वाह वाह, क्यों नहीं, ऐसा ज़रूर हो

ये न हो

कोई भी नहीं, एक भी नहीं मिल सकता, इधर न उधर, दोनों नहीं, दोनों में से कोई भी नहीं

कहाँ हो कहाँ न हो

who knows where (he, etc.) may be

खड़का न हो

ज़रा सी आहट हो तो चोर भाग जाता है

हुआ न हो

अब तक नहीं हुआ और ना आइन्दा होगा, नहीं होगा

बुरा न हो

(तंज़िया) ख़ानाख़राब हो, आफ़त टूटे, नास जाये

ये वो न हो

۔ये वो बात नहीं। ये वैसा मुआमला नहीं।

याद से ग़ाफ़िल हो जाना

ख़्याल या ध्यान न रखना, भूल जाना

आग और ख़स एक-जा हो तो मुमकिन नहीं कि न जले

اگر مرد اور عورت اکٹھے ہوں تو ضرور زنا کی نوبت آتی ہے

याद भली भगवान की और भली न को, राजा की कर चाकरी जो परजा ताबे' हो

ईश्वर की याद सब से बेहतर है इस से बेहतर और कुछ नहीं

कफ़न नसीब न हो

(कोसना) बे गुरू-ओ-कफ़न रहे

ईमान नसीब न हो

दीन-ओ-इस्लाम से महरूम हो जाउं, (ख़ुदा य ताला) मेरे मज़हब को क़बूल ना करे (किसी बात का यक़ीन दिलाने के लिए किस्म के तौर पर मुस्तामल)

भूखे भजन न हो

भूखे आदमी से पूजा भी नहीं हो सकती

पश्म-कंदा न हो सकना

कुछ ना बिगड़ सकना, ज़र्रा भर नुक़्सान ना पहुंचना, कुछ ना हो सकना

क्या क्या न हो गया

कौन सी बात रह गई, कौन सी रुसवाई ना हुई, बहुत कुछ हुआ

हारी मानते हो न जीती

रुक : हारी जीती एक ना / नहीं मानना

नज़र न हो जाए

बुरी नज़र न लगे, बुरी नज़र दूर हो, अल्लाह बुरी नज़र से बचाए

कुछ न कुछ हो रहना

۔تھوڑی بہت کامیابی ہونا۔ ؎

मोम तो नहीं हो कि पिघल जाओगे

۔ مقولہ۔ ہمت ہارنے والے سے بطور طنز کہتے ہیں۔

कस नमी पुरसद कि भय्या कौन हो ढाई हो या तीन या पौन हो

जब कोई व्यक्ति दरिद्र हो तो उसकी कोई नहीं पूछता कि तुम कौन हो या तेरी क्या हैसियत है

मोम तो नहीं हो कि पिगल जाओगे

नाज़ुक और नामर्द ना बनू, हिम्मत से काम लो, डट के मुक़ाबला करो

मोम तो नहीं हो कि पिघल जाओगे

नाज़ुक और नामर्द ना बनू, हिम्मत से काम लो, डट के मुक़ाबला करो

वहाँ मारिए जहाँ पानी न हो

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

क़िब्ला हो तो मुँह न करूँ

कमाल-ए-बेज़ारी ज़ाहिर करने के मौक़ा पर कहते हैं

किसी ने ये भी न पूछा कि तुम किस बाग़ की मूली हो

किसी ने परवाह भी नहीं की, रास्ते सुरक्षित हैं कहीं लूट मार नहीं होती

कहीं ऐसा न हो जाए

उम्मीद के विपरीत कुछ न हो जाए, सामान्यतः चिंता के मौक़े पर हम ऐसा कहते हैं

भूक में भजन भी न हो

भूखे आदमी से इबादत और पूजा भी नहीं हो सकती

दमड़ी की दाल बुवा पतली न हो

बहुत अधिक कंजूसी करने वाले पर कटाक्ष

नाक न हो तो गू खाएँ

महिलाओं की निंदा में प्रयुक्त, अर्थात अगर इज़्ज़त की परवाह न हो तो ख़राब से ख़राब बैठें

नाक न हो तो गुह खाएँ

आबरू की पर्वा ना करें (औरतों की बद अकली के इज़हार के लिए मुस्तामल)

ऐसा न हो

कहीं एसा न हो, समभवतः, ईश्वर न करे

मरते वक़्त ईमान नसीब न हो

(ओ) इस बात पर यक़ीन दिलाना कि जो कुछ में कह रहा हूँ वो बिलकुल ठीक है (बतौर बददुआ मुस्तामल)

सुख में रब को याद करे तो दुख काहे हो

अगर आराम के ज़माने में ख़ुदा को याद करें तो कभी तकलीफ़ ना हो

सहरी भी न खाऊँ तो काफ़िर न हो जाऊँ

ایک ماما سحری کھا لیتی تھی روزہ نہ رکھتی تھی ، ایک دن مالک نے پوچھا تو یہ جواب دیا ، یعنی دین کی مطلب کی بات مان لی اور تکلیف کی بات چھوڑ دی.

आता हो तो हाथ से न दीजे, जाता हो तो उसका ग़म न कीजे

ملتی چیز کو چھوڑنا اور گئی ہوئی چیز پر افسوس کرنا نہ چاہئے

वहाँ गर्दन मारिए जगाँ पानी न हो

इस को निहायत सख़्त और संगीन सज़ा देनी चाहिए

ज़ामिन न हो जैसे गिरह से दीजिये

किसी का जिम्मेदार बनने से अच्छा है कि गिरह से दे दे, पक्का आश्वासन देने से रोकड़ देना अच्छा है

नेक बीबियों के साथ हश्र न हो

(ओ) बख़शिश ना हो (एक कोसना

हाँसी में खाँसी न हो जाए

सुख में दुःखी न हो जाये

हड़ लगे न फिटकरी रंग चोखा हो

मुफ़्त काम हो और उम्दा हो , खर्चे और ज़हमत के बगै़र काम बिन जाये

का'बा हो तो उस की तरफ़ मुँह न करूँ

किसी जगह से इस क़दर बेज़ार और तंग होना कि अगर वो जगह मुक़ाम मुक़द्दस और ख़ुदा का घर भी बिन जाये तो उधर का रुख़ ना करना ग़रज़ निहायत बेज़ार तंग और आजिज़ हो जाने के मौक़ा पर ये फ़िक़रा बोला जाता है

वो बाल खींचूँ कि जिस की जड़ दूर हो

सारे छुपे छुपाए दोष प्रकट कर दूँ, सारी दुनिया में अपमान का माध्यम एवं तिरस्कीर एवं अपयश का कारण बनूँ

झूटा मरे न शहर पाक हो

झूटे की मज़म्मत में कहते हैं

अमीर के पास क़ब्र भी न हो

निर्धन के लिए धनवान का पड़ोसी होना अच्छा नहीं होता

मुँह का थोबड़ा न हो जाए

ऐसा न हो कि पिट जावे

दिन भले ही न हो जाएँ या फिर भी न जाएँ

अगर काम हो जाये तो नसीबा ही ना जाग जाये

ऊँट बुड्ढा हो गया पर मूतना न आया

आयु बहुत हो जाने पर भी शिष्टाचार न आया

मरते वक़्त कलिमा-ए-मोहम्मद न नसीब हो

(कोसना) एक प्रकार की क़सम और बद-दुआ, इस बात पर ज़ोर देना कि जो कुछ मैं कह रहा हूँ वो बिलकुल ठीक है

साठ सास नंद हों सौं, माँ की होर न अनसों हो

चाहे साठ सास / सासें और नंद हूँ माँ के बराबर नहीं हो सकतीं

साठ सास नंद हों सौं, माँ की होर न अनसों हो

चाहे साठ सास / सासें और नंद हूँ माँ के बराबर नहीं हो सकतीं

साठ सासें नंद हों सौं, माँ की हवा न अनसों हो

चाहे साठ सास / सासें और नंद हूँ माँ के बराबर नहीं हो सकतीं

उस जातक सूँ करो न यारी, जिस की माता हो कलहारी

उस लड़के से कभी मित्रता या प्रेम मत करो जिसकी माँ लड़ाका अर्थात झगड़ालू हो

जिस की न फटी हो बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई

जिस को कभी दुख नहीं पहुंचा उस को दर्द मंदों के दर्द की क्या पर्वा

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

उस जातक से करो न यारी, जिस की माता हो कलहारी

उस लड़के से कभी मित्रता या प्रेम मत करो जिसकी माँ लड़ाका अर्थात झगड़ालू हो

कर्दनी ख़्वेश आमदनी पेश, न की हो तो कर देख

जैसी करनी वैसी भरनी, बुरे काम का परिणाम बुरा होता है, न देखा हो तो करके देख लो

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