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मन में

हृदय में, विचार में

मन में आना

जी में आना, ख़याल में आना

मन में लाना

ख़ातिर में लाना, दिल में जगह देना, एहमीयत देना

मन में बसे , पिसने दिसे

मन में बसे, सपने दिसे

जो वस्तु मनभावन होती है हर समय उसी का ध्यान रहता है और वही वस्तु सपने में भी दिखाई देती है

मन में बसे सो सपने दिसे

जो वस्तु मनभावन होती है हर समय उसी का ध्यान रहता है और वही वस्तु सपने में भी दिखाई देती है

मन में कहना

दिल में कहना, ख़ुद से कहना, अपने आप से कहना

मन में हँसना

दिल में हँसना, दिल ही दिल में ख़ुश होना

मन में डूबना

आत्मलीन होना, आत्म-पहचान करना, आत्म-मूल्यांकन (स्वयं के साथ प्रयुक्त)

मन में समाना

ख़्याल में आना, धुन समाना, मुसम्मम इरादा करना

मन में छटाँग

۔بہت میں سے تھوڑا کی جگہ۔(مراۃ العروس) اگر سچ پوچھو تو بھی من میں چھٹانک بھی نہیں ہوا۔

मन में बिचारना

दिल में सूचना, ख़्याल करना

मन में मूर्ख़ जून में दुखी कोई नहीं

स्वंय को कोई मूर्ख नहीं समझता है और न कोई जान से तंग आता है

मन में जागा करना

दिल में जगह बनाना, दिल में घर करना, प्यार पैदा करना

मन में खोट होना

नियत में खोट होना, नियत ख़राब होना

मन में रूस पकड़ना

दिल में ग़ुस्सा करना, ब्रहमी दिखाना

मन में गाँती टसटस रोवे, चूहा ख़सम कर सुख से सोवे

दिखाने को रोती है दिल में प्रसन्न है क्यूँकि पति बच्चा है इस लिए कोई रोक टोक करने वाला नहीं है

मन में बसी , सीने में धंसी

जो बात दिल को पसंद आजाए इस का ख़्याल हरवक़त रहता है

मन में खुब-खुब जाना

दिल को लगना, दिल में उतर जाता, दिल को बहुत पसंद आना

मन में चोर पैदा होना

बद-गुमानी पैदा होना, दिल में फ़र्क़ आना, बदज़नी होना

मन में शैख़ फ़रीद, बग़ल में ईंटें

बाहर कुछ अंदर कुछ, दिखावा करते हैं, ढोंगी हैं

मन में शैख़ फ़रीद, बग़ल में ईंट

बाहर कुछ अंदर कुछ, दिखावा करते हैं, ढोंगी हैं

मन में लड्डू फूटना

मन में अधिक प्रसन्न होना, दिल में बहुत ख़ुश होना

मन में माया , मोह का सर निकालना

दिल में धन-दौलत की लालच या हवस पैदा होना

मन के मन में

دل ہی دل میں ، دل یا روح کی گہرائی میں

मन ही मन में

in one's heart of hearts, quietly

तन कसरत में मन 'औरत में

कसरत करने वालों का ध्यान सामान्यतः स्त्रियों की ओर रहता है

मन का मन में रहना

۔ارمان یا خواہش کاپورا نہ ہونا۔؎

मन की मन में रहना

दिल की इच्छा दिल में ही रह जाना, इच्छा पूरी न होना, उत्सुकता और इच्छा का व्यर्थ जाना, उद्देश्य पूरा न होना

मन ही में

दिल में; अपने आप को

मन की बात मन में रखना

दिल की बात न कहना, दिल की इच्छा किसी से न कहना, इच्छा व्यक्त न करना

सर सज्दों में, मन बदियों में

बज़ाहिर नेक बहातन बद, इस मौक़ा पर मुसतामल जब कि बज़ाहिर कोई बड़ा नेक बने मगर दिल में ख़यासत भरी हो

बात मन में बसना

बात याद रहना, बात दिल को बहुत पसंद आना

मन हाथ में लेना

आज्ञाकार बनाना, आज्ञा पालन करना

चातुर का क़र्ज़ मन में निस्तार

चालाक व्यक्ति ऋण ले कर वापस नहीं करता

चोर का मन बुक़्चे में

चोर का ख़्याल हर समय चोरी की तरफ़ रहता है

तन-मन में आग लगना

रुक : तन बदन में आग लगना

ठूँठ चतेरा मन में झींके

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई क़ाबिल आदमी काम ख़राब होते देखे मगर दख़ल ना दे

तन मन में एक होना

बहुत दोस्ती होना, बड़ी मित्रता होना

जो मन में बसे सो सपने दिसे

जो वस्तु मनभावन होती है हर समय उसी का ध्यान रहता है और वही वस्तु सपने में भी दिखाई देती है

पापी के मन में पाप ही बसे

उद्दंड व्यक्ति हर समय उद्दंडता ही की बातें सोचता रहता है

मन चंगा तो कठौती में गंगा

यदि दिल पक्का और आस्था दृढ़ एवं सच्ची है तो सब जगह ईश्वर है

चोर के मन में चोरी बसे

हर कोई दूसरे व्यक्ति को भी अपने ही जैसा समझता है

सब्र कर मन में ता सुख रहे तन में

सब्र से तस्कीन-ए-क़लब हासिल होती है

बनिये की गौन में नौ मन का धोका

मामला थोड़ा सा है मगर भूल बहुत बड़ी है

तेरे दया धरम नहीं मन में, मुखड़ा क्या देखे दरपन में

जिस के दिल में दया करुणा और तरस नहीं वो मनुष्य नहीं, शीशे में मनुष्य की छवि देख कर स्वयं को मनुष्य मत समझो

साँच बराबर तप नहीं और झूट बराबर पाप, जाके मन में पाप है ताके मन में आप

सच से बढ़ कर कोई तपस्या नहीं और झूठ से बढ़ कर कोई गुनाह नहीं

चोर का मन बुक़्चे में, नज़र गठरी पर

चोर का ख़्याल हर समय चोरी की तरफ़ रहता है

डोली आई डोली आई मेरे मन में चाव, डोली में से निकल पड़ा भोंकड़ा बिलाव

पत्नी का रूप देख कर सभी कामनाएँ टूट गईं

राम राम तो कहो मन मेरे , पाप कटेंगे छन में तेरे

ए मेरे दिल ख़ुदा का नाम तो ले तेरे सारे गुनाह पल भर में बख़्शे जाऐंगे

काम क्रोध, मध, लोभ की जब मन में होवे खान, का पंडित का मूर्खा दोऊ एक समान

काम वासना, क्रोध, घमंड और लोभ अर्थात लालच अगर दिल में हों तो ज्ञानी एवं अनपढ़ दोनों बराबर हैं

साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच

जिन की जीभ पर ईश्वर का नाम है और उन के दिल में घमंड और धोका कपट और हसद है उन को अंत में नरक ही मिलेगा

जल में बसे कोधनी और चंदा बसे आकास, जो जन जा के मन बसे सो जन ता के पास

कमल का फूल पानी में रहता है और चाँद आसमान पर, जो किसी के दिल में रहता है वो मानो उन के पास है

साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय

अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न आए चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न उपजे चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

प्रीत न टूटे अन-मिले उत्तम मन की लाग, सौ जुग पानी में रहे चकमक तजे न आग

सच्चा प्रेम अनुपस्थिति में नहीं जाती जिस तरह चक़माक़ पानी में रहने से आग नहीं खोता

जल में बसे कमोदनी और चंदा बसे अकास, जो जन जा के मन बसे सो जन ता के पास

कमल का फूल पानी में रहता है और चाँद आसमान पर, जो किसी के दिल में रहता है वो मानो उन के पास है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मन में के अर्थदेखिए

मन में

man me.nمَن میں

मन में के हिंदी अर्थ

क्रिया-विशेषण

  • हृदय में, विचार में

English meaning of man me.n

Adverb

  • in the heart or mind

مَن میں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل متعلق

  • دل میں، خیال میں

Urdu meaning of man me.n

  • Roman
  • Urdu

  • dil men, Khyaal me.n

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मन में

हृदय में, विचार में

मन में आना

जी में आना, ख़याल में आना

मन में लाना

ख़ातिर में लाना, दिल में जगह देना, एहमीयत देना

मन में बसे , पिसने दिसे

मन में बसे, सपने दिसे

जो वस्तु मनभावन होती है हर समय उसी का ध्यान रहता है और वही वस्तु सपने में भी दिखाई देती है

मन में बसे सो सपने दिसे

जो वस्तु मनभावन होती है हर समय उसी का ध्यान रहता है और वही वस्तु सपने में भी दिखाई देती है

मन में कहना

दिल में कहना, ख़ुद से कहना, अपने आप से कहना

मन में हँसना

दिल में हँसना, दिल ही दिल में ख़ुश होना

मन में डूबना

आत्मलीन होना, आत्म-पहचान करना, आत्म-मूल्यांकन (स्वयं के साथ प्रयुक्त)

मन में समाना

ख़्याल में आना, धुन समाना, मुसम्मम इरादा करना

मन में छटाँग

۔بہت میں سے تھوڑا کی جگہ۔(مراۃ العروس) اگر سچ پوچھو تو بھی من میں چھٹانک بھی نہیں ہوا۔

मन में बिचारना

दिल में सूचना, ख़्याल करना

मन में मूर्ख़ जून में दुखी कोई नहीं

स्वंय को कोई मूर्ख नहीं समझता है और न कोई जान से तंग आता है

मन में जागा करना

दिल में जगह बनाना, दिल में घर करना, प्यार पैदा करना

मन में खोट होना

नियत में खोट होना, नियत ख़राब होना

मन में रूस पकड़ना

दिल में ग़ुस्सा करना, ब्रहमी दिखाना

मन में गाँती टसटस रोवे, चूहा ख़सम कर सुख से सोवे

दिखाने को रोती है दिल में प्रसन्न है क्यूँकि पति बच्चा है इस लिए कोई रोक टोक करने वाला नहीं है

मन में बसी , सीने में धंसी

जो बात दिल को पसंद आजाए इस का ख़्याल हरवक़त रहता है

मन में खुब-खुब जाना

दिल को लगना, दिल में उतर जाता, दिल को बहुत पसंद आना

मन में चोर पैदा होना

बद-गुमानी पैदा होना, दिल में फ़र्क़ आना, बदज़नी होना

मन में शैख़ फ़रीद, बग़ल में ईंटें

बाहर कुछ अंदर कुछ, दिखावा करते हैं, ढोंगी हैं

मन में शैख़ फ़रीद, बग़ल में ईंट

बाहर कुछ अंदर कुछ, दिखावा करते हैं, ढोंगी हैं

मन में लड्डू फूटना

मन में अधिक प्रसन्न होना, दिल में बहुत ख़ुश होना

मन में माया , मोह का सर निकालना

दिल में धन-दौलत की लालच या हवस पैदा होना

मन के मन में

دل ہی دل میں ، دل یا روح کی گہرائی میں

मन ही मन में

in one's heart of hearts, quietly

तन कसरत में मन 'औरत में

कसरत करने वालों का ध्यान सामान्यतः स्त्रियों की ओर रहता है

मन का मन में रहना

۔ارمان یا خواہش کاپورا نہ ہونا۔؎

मन की मन में रहना

दिल की इच्छा दिल में ही रह जाना, इच्छा पूरी न होना, उत्सुकता और इच्छा का व्यर्थ जाना, उद्देश्य पूरा न होना

मन ही में

दिल में; अपने आप को

मन की बात मन में रखना

दिल की बात न कहना, दिल की इच्छा किसी से न कहना, इच्छा व्यक्त न करना

सर सज्दों में, मन बदियों में

बज़ाहिर नेक बहातन बद, इस मौक़ा पर मुसतामल जब कि बज़ाहिर कोई बड़ा नेक बने मगर दिल में ख़यासत भरी हो

बात मन में बसना

बात याद रहना, बात दिल को बहुत पसंद आना

मन हाथ में लेना

आज्ञाकार बनाना, आज्ञा पालन करना

चातुर का क़र्ज़ मन में निस्तार

चालाक व्यक्ति ऋण ले कर वापस नहीं करता

चोर का मन बुक़्चे में

चोर का ख़्याल हर समय चोरी की तरफ़ रहता है

तन-मन में आग लगना

रुक : तन बदन में आग लगना

ठूँठ चतेरा मन में झींके

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई क़ाबिल आदमी काम ख़राब होते देखे मगर दख़ल ना दे

तन मन में एक होना

बहुत दोस्ती होना, बड़ी मित्रता होना

जो मन में बसे सो सपने दिसे

जो वस्तु मनभावन होती है हर समय उसी का ध्यान रहता है और वही वस्तु सपने में भी दिखाई देती है

पापी के मन में पाप ही बसे

उद्दंड व्यक्ति हर समय उद्दंडता ही की बातें सोचता रहता है

मन चंगा तो कठौती में गंगा

यदि दिल पक्का और आस्था दृढ़ एवं सच्ची है तो सब जगह ईश्वर है

चोर के मन में चोरी बसे

हर कोई दूसरे व्यक्ति को भी अपने ही जैसा समझता है

सब्र कर मन में ता सुख रहे तन में

सब्र से तस्कीन-ए-क़लब हासिल होती है

बनिये की गौन में नौ मन का धोका

मामला थोड़ा सा है मगर भूल बहुत बड़ी है

तेरे दया धरम नहीं मन में, मुखड़ा क्या देखे दरपन में

जिस के दिल में दया करुणा और तरस नहीं वो मनुष्य नहीं, शीशे में मनुष्य की छवि देख कर स्वयं को मनुष्य मत समझो

साँच बराबर तप नहीं और झूट बराबर पाप, जाके मन में पाप है ताके मन में आप

सच से बढ़ कर कोई तपस्या नहीं और झूठ से बढ़ कर कोई गुनाह नहीं

चोर का मन बुक़्चे में, नज़र गठरी पर

चोर का ख़्याल हर समय चोरी की तरफ़ रहता है

डोली आई डोली आई मेरे मन में चाव, डोली में से निकल पड़ा भोंकड़ा बिलाव

पत्नी का रूप देख कर सभी कामनाएँ टूट गईं

राम राम तो कहो मन मेरे , पाप कटेंगे छन में तेरे

ए मेरे दिल ख़ुदा का नाम तो ले तेरे सारे गुनाह पल भर में बख़्शे जाऐंगे

काम क्रोध, मध, लोभ की जब मन में होवे खान, का पंडित का मूर्खा दोऊ एक समान

काम वासना, क्रोध, घमंड और लोभ अर्थात लालच अगर दिल में हों तो ज्ञानी एवं अनपढ़ दोनों बराबर हैं

साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच

जिन की जीभ पर ईश्वर का नाम है और उन के दिल में घमंड और धोका कपट और हसद है उन को अंत में नरक ही मिलेगा

जल में बसे कोधनी और चंदा बसे आकास, जो जन जा के मन बसे सो जन ता के पास

कमल का फूल पानी में रहता है और चाँद आसमान पर, जो किसी के दिल में रहता है वो मानो उन के पास है

साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय

अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न आए चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न उपजे चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

प्रीत न टूटे अन-मिले उत्तम मन की लाग, सौ जुग पानी में रहे चकमक तजे न आग

सच्चा प्रेम अनुपस्थिति में नहीं जाती जिस तरह चक़माक़ पानी में रहने से आग नहीं खोता

जल में बसे कमोदनी और चंदा बसे अकास, जो जन जा के मन बसे सो जन ता के पास

कमल का फूल पानी में रहता है और चाँद आसमान पर, जो किसी के दिल में रहता है वो मानो उन के पास है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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