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ग़ौ

हँगामा, शोर-गुल, चीख़, कड़क

ग़ाई

मक़सदी इंतिहाई, आख़िरी, असली, हक़ीक़ी

गेहूँ दे कर गाजरें खाएँ

(किसी ज़रूरत से) उम्दा चीज़ दे कर अदना चीज़ (बदले में) लेना बेवक़ूफ़ी है

गेहूँ दीगर गाजर खाएँ

अच्छी चीज़ देकर बेकार लेना मूर्खता है

बोएँ जौ और काटें गेहूँ

अजीब बात है की हराई और बदले में मिली नेकी

ये गेहों दे के गाजरें खाएँ

پرلے درجے کے بیوقوف ہیں

बेझड़ा की पिसन्हारी गेहूँ के गीत गावे

तुच्छ व्यक्ति श्रेष्ठ कार्य का साहस करे

बेझड़ पिसन्हारी गेहूँ के गीत गावे

तुच्छ व्यक्ति श्रेष्ठ कार्य का साहस करे

सदा दिवाली संत के जो घर गेहूँ होय

नेक आदमी हमेशा लोगों को खिलाता पिलाता है यदि हर समय ख़र्च के लिए उसके पास कुछ हो

गेहूँ की हज़्म नहीं होती

दौलत या किसी प्रकार की तरक़्क़ी हो जाने पर स्वभाव का बदल जाना

गेहूँ की बाल नहीं देखी

अभी अनुभवहीन और अनाड़ी है, घर से बाहर भी नहीं निकले

कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जंदरी ढीली

बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने

कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जिंदरी ढीली

बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने

जौ जट बाँट खाए और गेहूँ खाए डोम

मेहनत कोई करे फ़ायदा कोई उठाने

कुछ गेहूँ गीले कुछ जंदरे ढीले

۔جَنْدرےٖ بالفتح وسکون سوم وکسر چہارم۔ چَکّی کے پُرزے۔ جانگر چکّی کے پُرزے) مثل۔ عو۔ بہانہ کرنے والے کی نسبت بولتی ہیں۔

गेहूँ के खेत में करंजुवा उगा

अच्छ्াे की औलाद बुरी होती है, भलाई जय बजाय बुराई पल्ले पड़ी

घर में चने का चून नहीं, गेहूँ की दो पो लाइयो

ग़रीब बड़बोले के संबंध में कहते हैं

उत मत गेहूँ बुवा रे चेले, जित हों थल पाथर और ढेले

जिस ज़मीन में पत्थर और ढेले हों वहाँ गेहूँ नहीं बोना चाहिए

उत मत गेहूँ बुवा रे चेले, जित हों थाल और पाथर ढेले

जिस ज़मीन में पत्थर और ढेले हों वहाँ गेहूँ नहीं बोना चाहिए

जिस को गेहों की नहीं , वो चने ही की से राज़ी

जैसे अच्छी चीज़ नहीं मिल सकती वो बरी पर ही गुज़ारा कर लेता है

सस्ता गेहूँ घर-घर पूजा

सस्ते समय में लोग ख़ुश होते हैं

'इबादत-गाहों

places of worship

कुछ गेहूँ गीले कुछ जाँगर ढीले

۔جَنْدرےٖ بالفتح وسکون سوم وکسر چہارم۔ چَکّی کے پُرزے۔ جانگر چکّی کے پُرزے) مثل۔ عو۔ بہانہ کرنے والے کی نسبت بولتی ہیں۔

कुछ गेहूँ गीले कुछ जंदरे ढीले

(अविर) हीले करनेवाली और बहानाबाज़ औरत के बारे में कहते हैं

कुछ गेहूँ गीले कुछ जाँगर ढीले

(अविर) हीले करनेवाली और बहानाबाज़ औरत के बारे में कहते हैं

गेहूँ भी गीले , जाँगर भी ढीले

काम भी मुश्किल और कोशिश भी पूरी तरह नहीं तो फिर मक़सद कैसे हासिल हो

बेझर की पिसन्हारी गेहूँ के गीत गावे

तुच्छ व्यक्ति श्रेष्ठ कार्य का साहस करे

घुन की तरह गेहूँ के साथ पिसना

किसी की वजह से सज़ा पाना

गेहूँ की रोटी को फ़ौलादी पेट चाहिए

नेअमत खा कर बचाने को बड़ा हौसला चाहिए, दौलत या मर्तबा पाने के बाद अपनी हद से ना बढ़ना पड़े हौसलामंद आदमी का काम है

गेहूँ की रोटी को फ़ौलाद का पेट चाहिए

नेअमत खा कर बचाने को बड़ा हौसला चाहिए, दौलत या मर्तबा पाने के बाद अपनी हद से ना बढ़ना पड़े हौसलामंद आदमी का काम है

गेहूँ-जंगली

गेहूँ से मिलती-जुलती एक लंबी कठोर घास

गेहूँ की बाली

गेहूँ का गुच्छा

बोया गेहूँ उप्जा जौ

की थी नेकी बदले में ब्वॉय मिली

क़त्ल-गाहों

क़साईख़ाना, बूचड़ख़ाना

गेहूँ के साथ घुन भी पिसना

बुरे के साथ अच्छ्াा भी नुक़्सान उठाता है, ज़बरदस्त के साथ कमज़ोर भी मारा जाता है

गेहूँ के साथ घुन पिस गया

ज़बरदस्त के साथ कमज़ोर भी मारा गया

ता'लीम-गाहों

शिक्षण स्थान, प्रशिक्षण स्थान, अध्ययनकक्ष, कक्षा

सर-चश्मा-गाहों

at sources of springs

गेहूँ के साथ घुन भी पिस जाता है

the innocent suffer along with the wicked

गेहूँ

उक्त पौधे के छोटे लंबोतरे दाने या बीज, रबी की फ़सल का एक प्रसिद्ध अनाज, खाद्यान्न, गंदुम, कनक

गिहूं

गेहूँ, गंदुम

गेंहूँ

رک : گیہوں.

घी खिचड़ी में दा'वा है

यह कहावत उस के संबंध में कहते हैं जिसे बहुत कुछ मिल जाए फिर भी अधिक का दावा करे, घर की स्वामित्व चाहते हैं

घी खावत बल तन में आवे, घी आँखन की जोत बधावे

घी खाने से शरीर में बल आता है और आँखों की ज्योति बढ़ती है

घी छोड़ना

सालन आदि भूनते समय घी का मसालों से अलग होकर दिखाई देना

घी सँवारे सालन को और बड़ी बहू का नाव

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

घी कहाँ गया खिचड़ी में

जो माल अपने या अपनों के ऊपर ख़र्च हो जाए या जो धन किसी अपने ही काम में प्रयोग हो उस का दुख नहीं होता

घी कहाँ गया खिचड़ी में

जो माल अपने या अपनों के ऊपर ख़र्च हो जाए या जो धन किसी अपने ही काम में प्रयोग हो उस का दुख नहीं होता

घी सँवारे सालन बड़ी बहू का नाम

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

घी सँवारे सालना बड़ी बहू का नाम

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

गोश्त खाए गोश्त बढ़े, घी खाए बल होय, साग खाए ओझ बढ़े बूता कहाँ से होय

मांस खाने से मांस बढ़ता है, घी खाने से बल बढ़ता है और साग खाने से पेट बढ़ता है परंतु बल नहीं होता

मास खाए मास बढ़े, घी खाए बल होय, साग खाए ओझ बढ़े बूता कहाँ से होय

मांस खाने से मांस बढ़ता है, घी खाने से बल बढ़ता है और साग खाने से पेट बढ़ता है परंतु बल नहीं होता

घी सँवरे सालना और बड़ी बहू का नाम

काम कोई करे और नाम किसी का हो तो कहते हैं

मुँह में घी शक्कर

ख़ुदा तुम्हारा कहना मुबारक करे, ख़ुदा करे ऐसा ही हो, सुबहान अल्लाह क्या मुवाफ़िक़ मुराद बात कही ख़ुदा तुम्हें जज़ाए ख़ैर दे (आप, तेरे, तुम्हारे के साथ मुस्तामल)

गोश्त खाए गोश्त बढ़े , घी खाए बल होए , साग खाए ओझ बढ़े तो बल कहाँ से होए

गोश्त खाने से आदमी मोटा होता है, घी खाने से ताक़त आती है, सबज़ीयां खाने से पेट बढ़ता है मगर ताक़त नहीं अति

घी का लड्डू टेढ़ा भी भला

अगर ज़्यादा फ़ायदा हो तो मामूली नुक़्सान में भी बराई नहीं होता

घी संवारे काम, बड़ी बहू का नाम

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

पाँचों उँगलियाँ घी में और छटा सर कड़ाई में

हर तरह चैन ही चैन है, उद्देश्य दिल की इच्छा के अनुसार प्राप्त है

घी कड़कड़ाना

घी दाग़ करना, घी से बघार करना

घी सँवारे सालन को और बड़ी बहू का नाम

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में गेहूँ की बाली के अर्थदेखिए

गेहूँ की बाली

gehuu.n kii baaliiگیہُوں کی بالی

गेहूँ की बाली के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • गेहूँ का गुच्छा

گیہُوں کی بالی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • خوشۂ گندم.

Urdu meaning of gehuu.n kii baalii

  • Roman
  • Urdu

  • Khoshaa-e-gandum

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ग़ौ

हँगामा, शोर-गुल, चीख़, कड़क

ग़ाई

मक़सदी इंतिहाई, आख़िरी, असली, हक़ीक़ी

गेहूँ दे कर गाजरें खाएँ

(किसी ज़रूरत से) उम्दा चीज़ दे कर अदना चीज़ (बदले में) लेना बेवक़ूफ़ी है

गेहूँ दीगर गाजर खाएँ

अच्छी चीज़ देकर बेकार लेना मूर्खता है

बोएँ जौ और काटें गेहूँ

अजीब बात है की हराई और बदले में मिली नेकी

ये गेहों दे के गाजरें खाएँ

پرلے درجے کے بیوقوف ہیں

बेझड़ा की पिसन्हारी गेहूँ के गीत गावे

तुच्छ व्यक्ति श्रेष्ठ कार्य का साहस करे

बेझड़ पिसन्हारी गेहूँ के गीत गावे

तुच्छ व्यक्ति श्रेष्ठ कार्य का साहस करे

सदा दिवाली संत के जो घर गेहूँ होय

नेक आदमी हमेशा लोगों को खिलाता पिलाता है यदि हर समय ख़र्च के लिए उसके पास कुछ हो

गेहूँ की हज़्म नहीं होती

दौलत या किसी प्रकार की तरक़्क़ी हो जाने पर स्वभाव का बदल जाना

गेहूँ की बाल नहीं देखी

अभी अनुभवहीन और अनाड़ी है, घर से बाहर भी नहीं निकले

कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जंदरी ढीली

बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने

कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जिंदरी ढीली

बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने

जौ जट बाँट खाए और गेहूँ खाए डोम

मेहनत कोई करे फ़ायदा कोई उठाने

कुछ गेहूँ गीले कुछ जंदरे ढीले

۔جَنْدرےٖ بالفتح وسکون سوم وکسر چہارم۔ چَکّی کے پُرزے۔ جانگر چکّی کے پُرزے) مثل۔ عو۔ بہانہ کرنے والے کی نسبت بولتی ہیں۔

गेहूँ के खेत में करंजुवा उगा

अच्छ्াे की औलाद बुरी होती है, भलाई जय बजाय बुराई पल्ले पड़ी

घर में चने का चून नहीं, गेहूँ की दो पो लाइयो

ग़रीब बड़बोले के संबंध में कहते हैं

उत मत गेहूँ बुवा रे चेले, जित हों थल पाथर और ढेले

जिस ज़मीन में पत्थर और ढेले हों वहाँ गेहूँ नहीं बोना चाहिए

उत मत गेहूँ बुवा रे चेले, जित हों थाल और पाथर ढेले

जिस ज़मीन में पत्थर और ढेले हों वहाँ गेहूँ नहीं बोना चाहिए

जिस को गेहों की नहीं , वो चने ही की से राज़ी

जैसे अच्छी चीज़ नहीं मिल सकती वो बरी पर ही गुज़ारा कर लेता है

सस्ता गेहूँ घर-घर पूजा

सस्ते समय में लोग ख़ुश होते हैं

'इबादत-गाहों

places of worship

कुछ गेहूँ गीले कुछ जाँगर ढीले

۔جَنْدرےٖ بالفتح وسکون سوم وکسر چہارم۔ چَکّی کے پُرزے۔ جانگر چکّی کے پُرزے) مثل۔ عو۔ بہانہ کرنے والے کی نسبت بولتی ہیں۔

कुछ गेहूँ गीले कुछ जंदरे ढीले

(अविर) हीले करनेवाली और बहानाबाज़ औरत के बारे में कहते हैं

कुछ गेहूँ गीले कुछ जाँगर ढीले

(अविर) हीले करनेवाली और बहानाबाज़ औरत के बारे में कहते हैं

गेहूँ भी गीले , जाँगर भी ढीले

काम भी मुश्किल और कोशिश भी पूरी तरह नहीं तो फिर मक़सद कैसे हासिल हो

बेझर की पिसन्हारी गेहूँ के गीत गावे

तुच्छ व्यक्ति श्रेष्ठ कार्य का साहस करे

घुन की तरह गेहूँ के साथ पिसना

किसी की वजह से सज़ा पाना

गेहूँ की रोटी को फ़ौलादी पेट चाहिए

नेअमत खा कर बचाने को बड़ा हौसला चाहिए, दौलत या मर्तबा पाने के बाद अपनी हद से ना बढ़ना पड़े हौसलामंद आदमी का काम है

गेहूँ की रोटी को फ़ौलाद का पेट चाहिए

नेअमत खा कर बचाने को बड़ा हौसला चाहिए, दौलत या मर्तबा पाने के बाद अपनी हद से ना बढ़ना पड़े हौसलामंद आदमी का काम है

गेहूँ-जंगली

गेहूँ से मिलती-जुलती एक लंबी कठोर घास

गेहूँ की बाली

गेहूँ का गुच्छा

बोया गेहूँ उप्जा जौ

की थी नेकी बदले में ब्वॉय मिली

क़त्ल-गाहों

क़साईख़ाना, बूचड़ख़ाना

गेहूँ के साथ घुन भी पिसना

बुरे के साथ अच्छ्াा भी नुक़्सान उठाता है, ज़बरदस्त के साथ कमज़ोर भी मारा जाता है

गेहूँ के साथ घुन पिस गया

ज़बरदस्त के साथ कमज़ोर भी मारा गया

ता'लीम-गाहों

शिक्षण स्थान, प्रशिक्षण स्थान, अध्ययनकक्ष, कक्षा

सर-चश्मा-गाहों

at sources of springs

गेहूँ के साथ घुन भी पिस जाता है

the innocent suffer along with the wicked

गेहूँ

उक्त पौधे के छोटे लंबोतरे दाने या बीज, रबी की फ़सल का एक प्रसिद्ध अनाज, खाद्यान्न, गंदुम, कनक

गिहूं

गेहूँ, गंदुम

गेंहूँ

رک : گیہوں.

घी खिचड़ी में दा'वा है

यह कहावत उस के संबंध में कहते हैं जिसे बहुत कुछ मिल जाए फिर भी अधिक का दावा करे, घर की स्वामित्व चाहते हैं

घी खावत बल तन में आवे, घी आँखन की जोत बधावे

घी खाने से शरीर में बल आता है और आँखों की ज्योति बढ़ती है

घी छोड़ना

सालन आदि भूनते समय घी का मसालों से अलग होकर दिखाई देना

घी सँवारे सालन को और बड़ी बहू का नाव

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

घी कहाँ गया खिचड़ी में

जो माल अपने या अपनों के ऊपर ख़र्च हो जाए या जो धन किसी अपने ही काम में प्रयोग हो उस का दुख नहीं होता

घी कहाँ गया खिचड़ी में

जो माल अपने या अपनों के ऊपर ख़र्च हो जाए या जो धन किसी अपने ही काम में प्रयोग हो उस का दुख नहीं होता

घी सँवारे सालन बड़ी बहू का नाम

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

घी सँवारे सालना बड़ी बहू का नाम

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

गोश्त खाए गोश्त बढ़े, घी खाए बल होय, साग खाए ओझ बढ़े बूता कहाँ से होय

मांस खाने से मांस बढ़ता है, घी खाने से बल बढ़ता है और साग खाने से पेट बढ़ता है परंतु बल नहीं होता

मास खाए मास बढ़े, घी खाए बल होय, साग खाए ओझ बढ़े बूता कहाँ से होय

मांस खाने से मांस बढ़ता है, घी खाने से बल बढ़ता है और साग खाने से पेट बढ़ता है परंतु बल नहीं होता

घी सँवरे सालना और बड़ी बहू का नाम

काम कोई करे और नाम किसी का हो तो कहते हैं

मुँह में घी शक्कर

ख़ुदा तुम्हारा कहना मुबारक करे, ख़ुदा करे ऐसा ही हो, सुबहान अल्लाह क्या मुवाफ़िक़ मुराद बात कही ख़ुदा तुम्हें जज़ाए ख़ैर दे (आप, तेरे, तुम्हारे के साथ मुस्तामल)

गोश्त खाए गोश्त बढ़े , घी खाए बल होए , साग खाए ओझ बढ़े तो बल कहाँ से होए

गोश्त खाने से आदमी मोटा होता है, घी खाने से ताक़त आती है, सबज़ीयां खाने से पेट बढ़ता है मगर ताक़त नहीं अति

घी का लड्डू टेढ़ा भी भला

अगर ज़्यादा फ़ायदा हो तो मामूली नुक़्सान में भी बराई नहीं होता

घी संवारे काम, बड़ी बहू का नाम

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

पाँचों उँगलियाँ घी में और छटा सर कड़ाई में

हर तरह चैन ही चैन है, उद्देश्य दिल की इच्छा के अनुसार प्राप्त है

घी कड़कड़ाना

घी दाग़ करना, घी से बघार करना

घी सँवारे सालन को और बड़ी बहू का नाम

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

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