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हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में चित के अर्थदेखिए
चित के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- अंतःकरण की चार वृत्तियों में से एक जो अंतरिद्रिय के रूप में मानी गई है और जिसके द्वारा धारण, भाबना आदि की क्रियाएँ सम्पन्न होती है। जी। दिल। मुहा०-चित्त उचटना = किसी काम, बात या स्थान से जी विरक्त होना या हटना। दिल को भला न लगना। चित्त करना = जी चाहना। इच्छा होना। जैसे-उनसे मिलने को मेरा चित्त नहीं करता। चित्त चढ़ना = दे० “ चित्त पर चढ़ना '। चित्त चिहुँटना-प्रेमासक्त होने के कारण मन में कष्टदायक स्मृति होना। उदा०-नहिं अन्हाय नहि जाय घर चित चिहुँठयो तकि तीर। बिहारी। चित्त चुराना = मन को मोहित करना। चित्त देना ध्यान देना। मन लगाना। उदा० चित्त दै सुनो हमारी बात।-सूर। चित्त घरना = (क) किसी बात पर ध्यान देना। मन लगाना। (ख) कोई बात या विचार मन में लाना। उदा०-हमारे प्रभु औगुन चित न धरौ-सूर। चित्त पर चढ़ना = (क) मन में बसने के कारण बार-बार ध्यान में आना। (ख) स्मृत्ति जाग्रत होना। याद आन, या पड़ना। चित्त बॅटना = एक बात या विषय ओर ध्यान रहने की दशा में कुछ समय के लिए दूसरी ओर ध्यान जाना जो बाधा के रूप में हो जाता है। चित्त में जमना, धंसना या बैठना = अच्छी तरह हृदयंगम होना। दृढ़ निश्चय के रूप में मन में बैठना। चित्त में होना या चित्त होना = इच्छा होना। जी चाहना। चित्त लगना = किसी काम या बात में मन की वृत्ति लगना। ध्यान लगना। जैसे-चित्त लगाकर काम किया करो। चित्त से उतरना = (क) व्यान में न रहना। भूल जाना। जैसे-वह बात हमारे चित्त मे उतर गई थी। (ख) पहले की तरह आदरणीय या प्रिय न रह जाना। जैसे-अब तो वह हमारे चित्त से उतर गया है। चित्त से न टलना ध्यान में बराबर बना रहना। न भूलना।
- नृत्य में, शृंगारिक प्रसंगों में अनुराग, प्रसन्नता आदि प्रकट करने वाली चितवन या दृष्टि। + वि० चित।
- दिल
- -प्रसादन-पुं० [प० त०] योग में चित्त का एक संस्कार जो करुणा, मैत्री, हर्ष आदि के उपयुक्त्त व्यवहार द्वारा होता है
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- चेतना। जान।
- चिंतन।
- चिंता।
- सोची, विचारी या अनुभूत की हुई कोई बात। विचार। अनुभूति।
विशेषण
- (व्यक्ति) जिसे कोई चिंता न हो। फलतः निश्चित या बेफिक्र
- चुनकर इकट्ठा किया हआ। ढेर के रूप में लगाया हुआ।
- जिसका चितन न हो सके।
- ढका हुआ। आच्छादित। वि० [सं० चित्र] इस प्रकार जमीन पर लंबा पड़ा हुआ कि पीठ या CA पीछे की ओर के सब अंग जमीन से लगे हों और छाती, पेट, मुंह आदि ऊपर हों। पीठ के बल सीधा पड़ा हआ। ' औंधा ' या ' पट ' का विपर्याय। विशेष-प्राचीन काल में चित्र प्रायः कपड़ों पर बनाये जाते थे। इसी लिए उन्हें चित्र-पट कहते थे। जिस ओर चित्र बना रहता था उस ओर का भाग चित्र कहलाता था, और उसके विपरीत नीचेवाला भाग पट (कपड़ा) कहलाता था। इसी चित्र-पट में के चित्र और पट शब्द से विशेषण रूप में ' चित ' और ' पट ' शब्द बने हैं। मुहा०-(किसी को) चित करना = कुश्ती में पछाड़कर जमीन पर सीधा पटकना जो हराने का सूचक होता है। चित होना = बेसुध होकर या और किसी प्रकार सीधे पड़ जाना। जैसे-इतनी भाँग में तो तुम चित हो जाओगे। पद-चारों खाने (या शाने) चित = (क) हाथ-पैर फैलाये बिलकुल पीठ के बल पड़ा हुआ। (ख) लाक्षणिक रूप में, पूरी तरह से परास्त या हारा हुआ। क्रि० वि०पीठ के बल। जैसे-चित गिरना या लेटना। पुं० [हिं० चितवन] चितवन। दृष्टि। नजर। पुं० = चित्र।
- पीठ के बल सीधा पड़ा हुआ; जिसका मुँह-पेट ऊपर की ओर हो।
शे'र
वो अपने मतलब की कह रहे हैं ज़बान पर गो है बात मेरी
है चित भी उन की है पट भी उन की है जीत उन की है मात मेरी
English meaning of chit
چِت کے اردو معانی
- Roman
- Urdu
اسم، مذکر
- داغ ، دھبا ؛ عیب ، رک : چِت پِت
- پشت کے بل پڑا ہوا ، اس طرح لیٹا ہوا کہ رخ اوپر ہو ؛ پٹ کا اُلٹ .
- دل ، من ، نیت ، خیال ، دھیان ، ضمیر
- سمجھ ، عقل ، دماغ ، دانائی ، شعور : ادراک
- افقی طور پر پڑا ہوا
- (کُشتی) پچھڑا ہوا ، شکست خوردہ
- ذہن ، حافظہ ، یادداشت
اسم، مؤنث
- نظر ، نگاہ ، جتون
Urdu meaning of chit
- Roman
- Urdu
- daaG, dhabbaa ; a.ib, ruk ha chitt pat
- pusht ke bil pa.Daa hu.a, is tarah leTaa hu.a ki ruKh u.upar ho ; piT ka ulaT
- dil, man, niiyat, Khyaal, dhyaan, zamiir
- samajh, aqal, dimaaG, daanaa.ii, sha.uur ha idraak
- uphuqii taur par pa.Daa hu.a
- (kshati) pichh.Daa hu.a, shikast Khuurdaa
- zahan, haafiza, yaadadaasht
- nazar, nigaah, jatuun
चित के पर्यायवाची शब्द
चित के विलोम शब्द
चित के यौगिक शब्द
चित से संबंधित मुहावरे
चित से संबंधित कहावतें
चित के अंत्यानुप्रास शब्द
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चित
अंतःकरण की चार वृत्तियों में से एक जो अंतरिद्रिय के रूप में मानी गई है और जिसके द्वारा धारण, भाबना आदि की क्रियाएँ सम्पन्न होती है। जी। दिल। मुहा०-चित्त उचटना = किसी काम, बात या स्थान से जी विरक्त होना या हटना। दिल को भला न लगना। चित्त करना = जी चाहना। इच्छा होना। जैसे-उनसे मिलने को मेरा चित्त नहीं करता। चित्त चढ़ना = दे० “ चित्त पर चढ़ना '। चित्त चिहुँटना-प्रेमासक्त होने के कारण मन में कष्टदायक स्मृति होना। उदा०-नहिं अन्हाय नहि जाय घर चित चिहुँठयो तकि तीर। बिहारी। चित्त चुराना = मन को मोहित करना। चित्त देना ध्यान देना। मन लगाना। उदा० चित्त दै सुनो हमारी बात।-सूर। चित्त घरना = (क) किसी बात पर ध्यान देना। मन लगाना। (ख) कोई बात या विचार मन में लाना। उदा०-हमारे प्रभु औगुन चित न धरौ-सूर। चित्त पर चढ़ना = (क) मन में बसने के कारण बार-बार ध्यान में आना। (ख) स्मृत्ति जाग्रत होना। याद आन, या पड़ना। चित्त बॅटना = एक बात या विषय ओर ध्यान रहने की दशा में कुछ समय के लिए दूसरी ओर ध्यान जाना जो बाधा के रूप में हो जाता है। चित्त में जमना, धंसना या बैठना = अच्छी तरह हृदयंगम होना। दृढ़ निश्चय के रूप में मन में बैठना। चित्त में होना या चित्त होना = इच्छा होना। जी चाहना। चित्त लगना = किसी काम या बात में मन की वृत्ति लगना। ध्यान लगना। जैसे-चित्त लगाकर काम किया करो। चित्त से उतरना = (क) व्यान में न रहना। भूल जाना। जैसे-वह बात हमारे चित्त मे उतर गई थी। (ख) पहले की तरह आदरणीय या प्रिय न रह जाना। जैसे-अब तो वह हमारे चित्त से उतर गया है। चित्त से न टलना ध्यान में बराबर बना रहना। न भूलना।
चित-पट
एक प्रकार का खेल या बाज़ी जिसमें किसी फेंकी हुई वस्तु के चित या पट पड़ने पर हार जीत का निर्णय होता है
चित-चोर
चित्त को चुराने वाला, जी को लुभावने वाला, मनोहर, मनभावना, मोहित करने वाला, मन को आकर्षित करने वाला, प्यारा, प्रिय
चित्रनी
(कामशास्त्र तथा साहित्य) चार प्रकार की नायिकाओं या स्त्रियों में वह नायिका जो अनेक प्रकार की कलाओं तथा बनाव-सिंगार करने में निपुण हो
चितवन
दृष्टि, निगाह, त्यौरी, नज़र, अवलोकन, कटाक्ष, कानखी, किसी की ओर प्रेमपूर्वक या स्नेहपूर्वक देखने की अवस्था, ढंग या भाव
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

Today's Vocabulary
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falaahii
फ़लाही
.فَلاحی
related to welfare, welfare, well-being
[ Hamein falaahi kaamon mein badh chadh kar hissa lena chahiye ]

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laazimii
लाज़िमी
.لازِمی
necessary, compulsory
[ School ke sabhi talba ke liye uniform pahanna lazimi aur zaroorii hai ]

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rifaah-e-'aam
रिफ़ाह-ए-'आम
.رِفاہ عام
common, general welfare
[ Hamen janib-dari (Discrimination) se upar uth kar rifah-e-aam ke liye kaam karna chahiye ]

Today's Vocabulary
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mutaalba
मुतालबा
.مُطالَبہ
asking for, demanding
[ Walidain ka mutalba hai ki school ki fees kam ki jaye ]

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iKHtiyaarii
इख़्तियारी
.اِخْتِیاری
optional
[ Kuch schoolon mein Urdu zaban ikhtiyari mazmoon ke taur par padhayi jati hai ]

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'uryaaniyat
'उर्यानियत
.عُرْیانِیَت
nudity
[ Uryaniyat azadi nahin, gumrahi hai ]

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jaanib-daarii
जानिब-दारी
.جانِب داری
partiality, favour
[ Sawal-jawab karne ke liye mamur logon se ghair-janib-dari ki ummid ki jati hai ]

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KHair-KHvaah
ख़ैर-ख़्वाह
.خَیر خواہ
well-wishing, benevolent
[ Aaj ke zamane mein khair-khwah log mushkil se milte hain ]

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taadiibii
तादीबी
.تادِیبی
disciplinary, ameliorative
[ Idaare ke bad-unwan mulazimeen wa arakeen ke khilaf tadibi karwayi ki jayegi ]

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in'aam
इन'आम
.اِنْعام
reward, award, prize
[ Rahim ko ek lakh rupye inaam mein mile ]

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