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कोशिश
कोई काम करने के लिए विशेष रूप से किया जानेवाला प्रयत्न, मेहनत, दौड़ धूप, प्रयत्न, प्रयास, चेष्टा, उद्योग, श्रम, उद्यम, उपाय, परिश्रम
आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
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"पहलवानी" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
आड़े-पट
(उखाड़ा) क्षति का एक पैंतरा: जब हरीफ़ सामने खड़ा हो तो ज़फ़र को चाहिए कि हरीफ़ के दोनों हाथ पकड़ कर अपनी दाहिनी तरफ़ को झटका दे कर छोड़ दे और फ़ौरन दाहिने हाथ से पूरे ज़ोर से बाएं रान और बाएं हाथ से दाहिनी रान पकड़ कर और अपना सर हरीफ़ की दाहिनी रान और पसली के क़रीब सीना का ज़ोर देता हुआ अपनी बाएं तरफ़ खींच कर चित्त करदे
क़ैंची बाँधना
पहलवानी: प्रतिद्वंदी की दोनों टांगों में अपनी दोनों टांगें डाल कर विवश कर देना, पूर्ण रूप से टांगों में टांगें फंसा लेना
क़ैंची लगाना
कुश्ती: एक दांव जिसमें प्रतिद्वंदी की पीठ पर सवार हो कर उसकी बग़लों में से अपने दोनों हाथ निकाल कर उसकी गर्दन के पीछे पर बांध लेते हैं
क़ुफ़्ल मारना
दो लड़ने वाले बटेरों में से किसी एक बटेर का अपने सामने वाली बटेर की चोंच को अपनी चोंच में लेकर दबा लेना
कर्नाटक की कीली
(पहलवानी) दुश्मन के शरीर में हाथ या टाँग का अड़ंगा डालने का दाँव इस तरह कि वह गठरी की तरह बन जाए
कूले पर लादना
(कुश्ती) कुश्ती का एक दांव जिसमें हरीफ़ के हाथ पकड़ कर पट्ठे के सहारे उठा कर पटक देते हैं, पट्ठे के ज़रीये गिराना
क़ला-जंग
(कुश्ती) एक दाँव जिस में प्रतियोगी के दाएँ कंधे को पकड़ कर और दाएँ टाँग को उठा कर उसे फेंक देते हैं
कुश्ती
एक प्रसिद्ध भारतीय खेल या व्यायाम जिसमें दो व्यक्ति अपने शारीरिक बल तथा दाँव-पेंच से एक दूसरे को गिराकर चित करने का प्रयत्न करते हैं, पहलवानों की लड़ाई, व्यायाम-युद्ध, अखाड़ेबाज़ी, मल्लयुद्ध, बाहुयुद्ध, ज़ोर-आज़माई, गुत्थमगुत्था, दंगल
काठा
फल जिसका जारो छिलका बहुत कड़ा और मोटा हो, अथवा जिसका गूदा काठ के समान कड़ा हो, जैसे-काठा बादाम, काठा केला
काठा करना
(कुश्ती) काठा का दाँव लगाना, काठा का पेज डालना, प्रतिद्वंद्वी को गिरा कर उसके हाथों को जाँघों के बीच दबा कर बैठना और फिर पलटवार करके पीठ के बल गिराना
कीली करना
(पहलवानी) पहलवानों का कुश्ती के समय वो पेच करना जिसे कीली कहते हैं, टाँगों में हाथ डाल कर मारना
कोड़ा
चमड़े या सूत को बटकर बनाया हुआ एक मोटा चाबुक या साँटा जिससे जंगली जानवरों, कैदियों आदि को मारते-पीटते हैं।
कौली पकड़ना
(कुश्ती) प्रतिद्वंद्वी की कमर को हाथ के कोहनी से पकड़ लेना और फिर दाँव करना या उछाल कर गिरा देना
खड़ी-सकी
(पहलवानी) जब दुश्मन दाहिने पैंतरे पर खड़ा होकर अपना दाहिना हाथ बढ़ाए तो जीतने वाले को चाहिए कि अपने बाएं हाथ से दुश्मन के दाहिने हाथ की कलाई पकड़े और अपना दाहिना हाथ दुश्मन के दाहिने बाज़ू के अंदर से निकाल कर अपनी तरफ़ को दुश्मन की कोहनी पर रखे और अपने बाज़ू को
गधा-लोट
(पहलवानी) पहलवानी का एक दाँव जिसके लगाने से ज़मीन पर गिरा हुआ पहलवान अपने दुश्मन की पकड़ से निकल कर उठ कर खड़ा हो जाता है
गँवार-बंद
(कुश्ती) एक दाँव जो इस तौर पर है कि जब दुश्मन सामने खड़ा होकर अपने दोनों हाथों से गर्दन पकड़ ले तो चाहिए कि अपना हाथ दुश्मन के दोनों हाथों के ऊपर से लाकर एकदम झुक कर दुश्मन की दाहिनी टाँग में डालकर अपनी दाहिनी तरफ़ मुड़े दुश्मन के दोनों हाथ बे क़ाबू होकर दुश्
घात
५. वह स्थान या स्थिति जिसमें कोई व्यक्ति, किसी पर शारी रिक आघात या प्रहार करने के लिए छिपकर और ताक लगाये बैठा रहता है
चक्कर
(मुर्ग़बाज़ी) आन के कोने पर गोल निशान जिसे अक्सर मिल दिल कर या आहिस्ता आहिस्ता मॉल्स करके दवाओं से ठीक किया जाता है बसूरत-ए-दीगर ये मुर्ग़ का एक ऐब शुमार होता है
चक्की फिराना
(पहलवानी) सोंटा चलाने और गदा हिलाने की तरह की एक चीज़ है, भारी चक्की गर्दन में डाल कर पहलवान केवल गर्दन के बल से उसे नचाते हैं
चर्ख़ा गाँठना
(कुश्ती) कुहनियाँ पकड़ कर झुका लेना और पेट और टाँगों के नीचे एक टाँग अड़ा कर दूसरी टाँग गर्दन पर से लाकर ज़मीन पर पलट देना
चित
अंतःकरण की चार वृत्तियों में से एक जो अंतरिद्रिय के रूप में मानी गई है और जिसके द्वारा धारण, भाबना आदि की क्रियाएँ सम्पन्न होती है। जी। दिल। मुहा०-चित्त उचटना = किसी काम, बात या स्थान से जी विरक्त होना या हटना। दिल को भला न लगना। चित्त करना = जी चाहना। इच्छा होना। जैसे-उनसे मिलने को मेरा चित्त नहीं करता। चित्त चढ़ना = दे० “ चित्त पर चढ़ना '। चित्त चिहुँटना-प्रेमासक्त होने के कारण मन में कष्टदायक स्मृति होना। उदा०-नहिं अन्हाय नहि जाय घर चित चिहुँठयो तकि तीर। बिहारी। चित्त चुराना = मन को मोहित करना। चित्त देना ध्यान देना। मन लगाना। उदा० चित्त दै सुनो हमारी बात।-सूर। चित्त घरना = (क) किसी बात पर ध्यान देना। मन लगाना। (ख) कोई बात या विचार मन में लाना। उदा०-हमारे प्रभु औगुन चित न धरौ-सूर। चित्त पर चढ़ना = (क) मन में बसने के कारण बार-बार ध्यान में आना। (ख) स्मृत्ति जाग्रत होना। याद आन, या पड़ना। चित्त बॅटना = एक बात या विषय ओर ध्यान रहने की दशा में कुछ समय के लिए दूसरी ओर ध्यान जाना जो बाधा के रूप में हो जाता है। चित्त में जमना, धंसना या बैठना = अच्छी तरह हृदयंगम होना। दृढ़ निश्चय के रूप में मन में बैठना। चित्त में होना या चित्त होना = इच्छा होना। जी चाहना। चित्त लगना = किसी काम या बात में मन की वृत्ति लगना। ध्यान लगना। जैसे-चित्त लगाकर काम किया करो। चित्त से उतरना = (क) व्यान में न रहना। भूल जाना। जैसे-वह बात हमारे चित्त मे उतर गई थी। (ख) पहले की तरह आदरणीय या प्रिय न रह जाना। जैसे-अब तो वह हमारे चित्त से उतर गया है। चित्त से न टलना ध्यान में बराबर बना रहना। न भूलना।
ज़फ़र-कीली
(क्षति) क्षति का एक दांव जिस में अपने बाएं हाथ से हरीफ़ के दाहिने हाथ का अंगूठा पुशत की तरफ़ से मज़बूत पकड़ते हैं और दाहिने हाथ से हरीफ़ के इस हाथ की उंगलियां पकड़ कर अपनी बाएं तरफ़ एक दम ज़ोर से मोड़ते हैं कि हरीफ़ चित्त लेट जाता है
ज़फ़र-घात
(क्षति) क्षति का एक दांव जिस में अपने दाहिने हाथ से हरीफ़ की दाहिनी रान का जानगया और बाएं हाथ से बाएं रान का जानगया पीछे खड़े हो कर पकड़ते हैं और थोड़ा खींचते हैं जब हरीफ़ रुकने के लिए ज़ोर करे तो फ़ौरन हरीफ़ के बाएं तरफ़ मुड़ कर अपना मुंह हरीफ़ की दाहिनी तरफ़ करते हैं और बाएं घुटने से हरीफ़ की गर्दन बाते हुए फ़ौरन ज़ोर से दोनों हाथों से उलट कर चित्त करदेते हैं
ज़फ़र-पेच
(क्षति) एक पेच का नाम जिस में हरीफ़ के पीछे आन कर हरीफ़ का बायां पूंचा अपने दाहिने हाथ से हरीफ़ की दाहिनी तरफ़ पकड़ते हैं और हरीफ़ का बायां पैर अपने बाएं हाथ से गट्टा के पास से उठा कर अपनी दाहिनी टांग हरीफ़ की दोनों टांगों के दरमयान में से हरीफ़ की दाहिनी टांग में इस तरह मारते हैं कि हरीफ़ चित्त गिर पड़ता है
ज़फ़र-बंद
(क्षति) क्षति का एक दांव जिस में हरीफ़ जब नीचे हो तो इस के बाएं तरफ़ बैठ कर अपने दाहिने पीर को हरीफ़ की बग़ल के पास हरीफ़ के बाज़ू में डाल कर और बाएं हाथ से हरीफ़ के सर को दबा कर अपने बाएं घुटने और रान से भी सर को दबा कर अपने दाहिने पंजे को अपने बाएं पैर के घुटने में लगा कर एक दम हरीफ़ की दाहिनी तरफ़ को बैठ जाते हैं जिस से हरीफ़ चित्त हो जाता है
ज़फ़री-घिस्सा
(क्षति) एक दांव जिस में हरीफ़ के पीछे आकर अपने दाहिने हाथ से हरीफ़ की दाहिनी रान का जांघिया पकड़ लेते हैं और अपना दाहिना पैर हरीफ़ के पैरों के दरमयान लगाए रहते हैं और बायां हाथ जो हरीफ़ ने ज़मीन पर टेक रखा है अपने बाएं पैर से हरीफ़ का बाज़ू अपनी तरफ़ को खींचते हुए और दाहिने हाथ से जांघिया ज़ोर से खींच कर अपनी बाएं तरफ़ को मा हरीफ़ के गिरते हैं और दाहिनी टांग दोनों टांगों में से हरीफ़ के सीना पर रख देते हैं जिस से हरीफ़ चित्त गिर पड़ता है
टँगी
एक दांव का नाम जिस में बाएं हाथ से हरीफ़ की गर्दन पर थपकी दे कर अपने दाएं हाथ की बग़ल में हरीफ़ का सर दबाया जाता है और बाएं हाथ से हरीफ़ का दाहिना बाज़ू पकड़ कर अपनी दाहिनी टांग हरीफ़ की दाहिनी टांग में बाहर से मार कर चित्त करदेते हैं
ढेक्ली
सिंचाई आदि के लिए कुएँ से पानी निकालने का एक यंत्र जिसमें एक ढाँचे पर बंधे ऊँचे बाँस के सिरे पर पानी भरने के लिए कोई पात्र विशेषतः डोल बंधा रहता है।
तैयारी बनाना
(पहलवानी) घटा हुआ या छूटा हुआ अभ्यास बढ़ाकर एक विशेष सीमा तक ले जाना और शरीर को अपने अनुकूल उद्दिश्ट एक विशेष सीमा पर पहुँचाना
देव-गीर
(क्षति) एक दान जिस की सूरत ये होती है कि जब हरीफ़ नीचे होता है तो इस के दाहिनी जानिब बैठ कर सांडी निकालते हैं और अपने बाएं पैर में आगे से डाल कर रान और घुटने से दबा लेते हैं फिर बाएं हाथ से हरीफ़ की बाएं तरफ़ का हफ़्ता चढ़ा कर ज़ोर करते हैं हरीफ़ चित्त हो जाता है
दुश्मन-कुश
(क्षति) कुस्ती में हरीफ़ के गुर जाने पर इस की गर्दन में टांगों का फंदा डाल कर मड़ोड़ी देने का दांव जिस से इस का दम घुट जाये, देवबंद
दस्ती खींचना
(कुश्ती) पहलवानों का प्रारंभिक दाँव करना जिसमें हाथ में हाथ दे कर एक दूसरे को अपनी ओर खींचते हैं, कुश्ती आरंभ होती है, हाथ से हाथ मिलाना
दो-हफ़्ते
(क्षति) एक दांव जिस में जब हरीफ़ नीचे होता है हरीफ़ की दोनों बग़लों में से अपने दोनों हाथ डाल कर गर्दन पर मिलाकर एक तरफ़ ज़ोर दे कर चित्त कर देते हैं
नाली
(जल्द साज़ी) किताब के मुँह पर वर्क़ों का तदरीजी नशेब-ओ-फ़राज़ जो पुश्ते को उभारने और गोलाई देने के लिए बनाया जाता है
पकड़ना
कोई चीज इस प्रकार दृढ़तापूर्वक हाथ में थामना कि वह गिरने, छूटने hos 4ur या इधर-उधर न होने पावे। थामना। धरना।
पेचवान
एक प्रकार का हुक्का, बड़ी सटक जो फर्शी या गुड़गुड़ी़ में लगाई जाती है, बड़ा हुक्का, हुक्का का पाइप, हुक्के का एक भाग
पैर-उठान
(कुश्ती) कुश्ती का एक पेच जिसमें बायाँ पैर आगे बढ़ा कर बाएँ हाथ से जोड़ की छाती पर दिखा देते हैं और उसी समय सीधे हाथ से उसके पैर के घुटने को उठा कर बायाँ पैर उसके दाहिने पैर में अड़ा कर फुर्ती से उसे अपनी तरफ़ खींच कर चित्त कर देते हैं)
पूरबी
(क्षति) एक दांव, जब हरीफ़ नीचे हो तो इस के दाहिनी तरफ़ बैठ कर अपना बायां हाथ हरीफ़ के पेट की तरफ़ और अपना दाहिना हाथ हरीफ़ की पुश्त के ऊपर से ला कर मिलाए और अपना दाहिना घटना हरीफ़ की गर्दन पर रख कर पलट दे, हरीफ़ चित्त हो जाएगा
परी-बंद
स्त्रियों के कलाई पर पहनने का एक आभूषण जिसमें छिद्रित जालियाँ बनी होती है, भुजबंध, बच्चों के पाँव में पहनाने का एक आभूषण जिसमें घुँघरू होते हैं
पुश्तक
घोड़े की कमर का आख़िरी अर्थात कोल्हू के ऊपर का भाग (जिसको घोड़ा उपद्रवी या नटखट प्रवृत्ति का होने के कारण सवारी के समय उचका देता है), पुट्ठा
पहलवानी
पहलवान होने का भाव, बल की अधिकता और दावँ पेंच आदि में कुशलता, शरीर, बल और दावँ पेंच आदि का अभ्यास, व्यायाम, वरज़िश
बलथम
कुश्ती का एक दांव जिस में हरीफ़ के दाएं हाथ की कलाई पकड़ कर कहनी के अंदर हाथ का अड़ंगा दे कर मरोड़ दिया जाता है
बाँह-तोड़
कुश्ती का एक पेंच जिस में मुक़र्रर तरीक़े से एक हाथ हरीफ़ की जांघ में और दूसरा उस की पीठ पर ले जाकर टंगड़ी मार्के गिरा देते हैं
रूमाली में हाथ डालना
(पहलवानी) प्रतिद्वंद्वी को कमर के पास से पकड़ना जिससे उसकी रुमाली में हाथ पड़ जाए
रूमाली-हाथ
(पहलवानी) मुगदरों को सर के गिर्द घुमाने के बाद सीधा कर के हाथ नाफ़ तक (जो रोओ माली बांधने की हद होती है) उतार लाते हैं
लंगर के हाथ
(कुश्ती) मुकदरों की एक विशेष व्यायाम जिसमें मुकदरों को सर के चारों ओर घुमाने के बाद सीधा करके हाथ नाभि तक (जो रूमाल बाँधने की सीमा होती है) उतार लाते हैं
लंगर जमाना
(कुश्ती) पहलवान का इस तरह मज़बूती से खड़ा होना कि उसका प्रतिद्वंद्वी उसे उसकी जगह से हिला न सके
लपेट
(क्षति) ख़ुद हरीफ़ के ऊपर होने की हालत में इस के दाहिनी तरफ़ बैठ कर अपने दाहिने हाथ से इस का बाज़ू लपेट कर अपना बायां पैर उस की पुश्त की तरफ़ लंबा कर के एक दम ज़ोर से खींचते हुए पीछे मुड़ कर उसे चित्त करना और दाहिना पांव इस के सीने पर रख देना
लोकान
(क्षति) एक दांव जिस में जब हरीफ़ सामने खड़ा हो कर बायां हाथ कंधे पर रखे तो ज़फ़र को चाहिए कि अपना भी बायां हाथ हरीफ़ के कंधे पर रखे और दाहिना हाथ हरीफ़ के बाएं बाज़ू के के ऊपर से ले जा कर बग़ल के क़रीब बाज़ू अंदर से पकड़े और हरीफ़ को ज़ोर दे कर आगे को बढ़ावे या अपनी तरफ़ खींचे ताकि हरीफ़ का बायां पैर आगे हो जाये है फ़ौरन अपने दाहिने हाथ से हरीफ़ का बाज़ू जो पकड़े हुए है किसी क़दर ऊपर को ओठाए और बाएं तरफ़ को खींचे और अपनी गर्दन बाएं तरफ़ मुनह कर के मोड़े और दाहिने खोई से हरीफ़ की कलाई को हटाए ताकि हरीफ़ का हाथ गर्दन पर से उतर जाये तब फ़ोज़न हरीफ़ के पीछे जाकर दूसरे दांव पर चित्त करदे
शेर-झपट
(क्षति) एक दांव जिस में एक पहलवान अपने दाहिने हाथ को मद्दिमक़ाबल की बाएं तरफ़ से कमर पर ले जा कर हरीफ़ का दाहिनी तरफ़ का जांगया पकड़ कर उसे सामने की तरफ़ खींचता है ताकि इस का बायां पैर आगे को आ जाये तो फ़ौरन अपना बायां हाथ हरीफ़ के बाएं पैर के बाहर की तरफ़ से यानी घुटने के पीछे ला कर कलाई से उठाता हुआ अपना खोह अवसर जो मद्दिमक़ाबल की छाती के नीचे है ज़ोर दे कर अपनी दाहिनी जानिब घूमता है और मद्दिमक़ाबल चारों ख़ाने चित्त गिर जाता है
शेर-डपट
(क्षति) फ़न क्षति का एक दांव जिस में पहलवान ठाठ पर खड़ा हो के अंदर का काट बताता हुआ और पलटे का हाथ दिखाता हुआ सामने हाथ को ऊंचा करके दाहिनी तरफ़ पलट कर सीधा काट मारे और दाहिना पांव आगे बढ़ा के अनी मार के सीधा काट मारे इस तरह से बढ़ता और घटता चारों तरफ़ करे
शेर-थाप
(क्षति) एक दांव जिस का तरीक़ा ये होता है कि एक पहलवान अपने मद्दमक़ाबल को जो दाहिने पैतरे पर खड़ा हो अपना बायां क़दम बढ़ा कर अपने अपने हाथ से इस की दाहिनी रान, घुटने के क़रीब से अपनी तरफ़ खींचता है और फ़ौरन अपने बाएं हाथ की कलाई मद्दिमक़ाबल के गले पर ज़ोर से जमा कर रेल देता है जिस से मद्दिमक़ाबल चित्त गिर जाता है
शेर-पैकर
(क्षति) मुक़ाबले के वक़्त हरीफ़ के सामने खड़े होने को उस्ताद इन फ़न का मुक़र्रर करदा ढंग जो वार करते और रोकते वक़्त चलित फुरत में बिल या रोक ना पैदा होने दे
संग-तोला
(पहलवानी) चक्की के पाट की शक्ल का पत्थ्াर, पच्चीस, तीस सैर या हसब-ए-ज़रूरत वज़नी पाट या चकला जो कलाई और हाथ की क़ुव्वत के मयार की आज़माईश के लिए पहलवान से उठवाया जाता है - अगर वो एक हाथ से इस को सीधा ऊओपर उठा ले तो इस की ताक़त मयारी समझी जाती है - बाअज़ पहलवान संग तोले को नाल भी कहते हैं, रुक : संतोला
सुजूद-ए-समदी
ख़ुदा की बारगाह में सजदा करने का अमल (पहलवानी) पहलवान लोग अपनी इस्तिलाह में इस सजदा को कहते हैं जो वो या तो कुश्ती लड़ने से पहले करें या कुश्ती लड़ने के बाद
सैना
(पहलवानी) लड़ाई के वक़्त पहलवान का अपने हरीफ़ को गिराने के लिए उस की टांगों मैन टांग डाल देने या टांग की आड़ लगा कर धक्का देने का दांव, अड़ंगा
सलामी-पेच
(क्षति) क्षति का एक दांव जिस में एक पहलवान जब सलामी को दाहिना हाथ बढ़ाता है तो मद्द-ए-मुक़ाबिल अपने दाहिने हाथ से सलामी के तौर पर इस का दाहिना हाथ पकड़ के खींचता है और बाएं बाज़ू से इस का दाहिना बाज़ू लपेट कर फ़ौरन क़दम बढ़ा कर अपनी बाएं टांग उस की बाएं टांग में बाहर से मार कर चित्त गिरा देता है
हड्डा
पहलवानी: कुश्ती के एक दांव का नाम जिसमें प्रतिद्वंदी को गिरा कर उसकी छाती पर घुटना रख दिया जाता है और इस तरह ज़ोर किया जाता है कि वो हार मान जाये
हड्डा करना
(कुश्ती) प्रतिद्वंद्वी को गिराकर उसकी छाती पर घुटना रखकर ज़ोर देना ताकि प्रतिद्वंद्वी हार मान ले
हफ़्ता
सप्ताह, शनिवार, सनीचर, सात दिनों का समय, सनीचर, शंबा, यौम-उस-सबत, जुमे के बाद का और इतवार से पहले का दिन
हल्क़ून
(क्षति) एक दांव पेच का नाम जिस में हर्फ़ की गर्दन दबा कर उसे पीठ पर ले जाते और इस के दाएं बाएं पीर को पीछे से अड़ंगा लगा कर रान पर चित्त कर देते हैं
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