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आठ बार नौ त्योहार

सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता

चमनिस्तान

ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़

'औरत

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

ताग़ूत

शैतान, अत्यन्त निर्दय और अत्याचारी व्यक्ति

मन-भावन

मन को भाने या अच्छा लगने वाला

दादरा

संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल

मज़दूर

शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर

ख़ैर-अंदेश

भलाई की बात सोचने वाला, वह शख़्स जो किसी की भलाई चाहे, शुभचिंतक

दूध-शरीक बहन

ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन

रिसाई

दुख और मौत से संबंधित, शोकयुक्त

ज़र्फ़

बर्तन

तिहाई

किसी वस्तु के तीन समान भागों में कोई एक भाग, तीसरा अंश, भाग या हिस्सा, तीसरा हिस्सा

ला'नत

धिक्कार, फटकार, भर्त्सना, अभिशाप, शाप

क़हर ढाना

किसी के लिए संकट पैदा करना, संकटग्रस्त बनाना, किसी पर कोई आफ़त लाना, ज़ुल्म करना, क़हर तोड़ना

चले न जाए आँगन टेढ़ा

काम में कुशल न होने पर दूसरे पर आरोप मढ़ना

आगे नाथ न पीछे पगा

जिसके आगे-पीछे कोई न हो, जिसका अपना कोई न हो, असहाय, लावारिस, अकेला

साहिर

जादूगर, वह व्यक्ति जो जादू दिखाता हो

कुड़माई

शादी के पूर्व रिश्ता पक्का करने के लिए की जाने वाली रस्म, सगाई, शादी तै करना, रिश्ता करना

नज़र-भर देखना

पूरी तरह से देखना, ध्यान से देखना

ख़्वाजा-ताश

एक स्वामी के दास, जो आपस में ख्वाजःताश कहलाते हैं

"भौतिक खगोलिकी" टैग से संबंधित शब्द

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अक़्ताब

(खगोल-शास्त्र) पृथ्वी की धुरी के वह उत्तरी और दक्षिणी बिंदु जो पृथ्वी के साथ घूमने में हमेशा अपने-अपने स्थान पर स्थिर रहते हुए घूमते रहते हैं, दक्षिणी और उत्तरी ध्रुव

'अक़रब

बिच्छू, वृश्चिक राशि, लड़ाई झगड़ा करने वाला, झगड़ालू, घड़ी की सोई

'अनाक़

बक्री का महिला बच्चा

'अर्क़ुवा

(ज्योतिर्विद्या) आसमान के ग्यारवें कुंभ-राशि के ऊपर स्थिर दो तारों के नाम

'अर्श-सिमाक

(हैयत) सात सितारों का मजवा जो कवाकिब बातया की पुशत पर सिमाक-ए-आज़ाल के जुनूब में वाक़्य है, हम्माल

असाबे'

उँगलियाँ

इक़्तिरान

शादी, विवाह, दूल्हा-दुल्हन की निकटता

इन'इकासी-दूरबीन

(हैयत) न्यूटन की ईजाद की हुई दूरबीन की एक क़िस्म जो इन्हिराफ़ी दूरबीन से क़ुव्वत में बहुत बढ़ी हुई होती है और जिस में मिरआत उल-नज़र के महदबी आईने की जगह क़लईदार या मादिनी मकमरी आईना हैं।

इब्ति'आद

(हैयत) वो ज़ावीया जो ज़मीन पर सूरज और किसी सय्यारे के मर्कज़ से खींचे हुए ख़ुतूत से बने

इर्तिफ़ा'

वह रेखा जो आधार से स्पर्शरेखा की बिंदु तक लंबवत खींची गई रेखा

इस्तिक़बाल

क़रीब आने देना, निकट पहुँचना, निकटता पाना

इस्तिक़बाल-ए-ए'तिदालैन

(हैयत) वो निहायत हल्की हरकत स से नुक़्ता-ए-एतिदाल हर साल पच्चास सानीए आगे बढ़ता जाता है और जिस की वजह से एतिदाल रबीअई बुरज-ए-हूत में और एतिदाल ख़रीफ़ी बुरज-ए-संबुला में मुंतक़िल हो गया है (जब पहले पहल जंत्री बी थी तो ये नुक़्ते बुरज-ए-हमल और बुरज-ए-मीज़ान में थे

'उक़्दा

मुश्किल काम, बहुत दुशवार

'उक़्दा-ए-रास-ओ-ज़नब

(भौतिक खगोलिकी) चाँद की परिधि और ज़मीन की परिधि का केंद्र जो दो स्थान पर होता है और जहाँ पहुँचने पर चाँद ग्रहण होता है

'उदूली-तक़्वीम

(हैयत) तक़वीम जो वस्त गरमाई (२१ जूनता २१ जून) या आकास बेली (२१ दिसंबरता २१ दिसंबर) यानी वस्त साल पर मबनी है

उफ़ुक़

क्षितिज, दृष्टि की अंतिम सीमा का वह गोलाकार स्थान जहाँ आकाश और पृथ्वी दोनों मिले हुए दिखाई पड़ते हैं, आसमान का किनारा जो ज़मीन से मिला हुआ दिखाई देता है

'उमूदी

ऊपरी स्तर से समकोण बनाने वाला

उरैरी

(हैयत ) एक सदी आला जिस से आफ़ताब के गर्द सितारों की गर्दिश मालूम की जाती है

ए'तिदाल

गर्मी-सर्दी या तरी-खुश्की में बराबर होना, संतुलन, बराबरी, मध्यम, न अधिक न कम

ऐन

दर्शन शास्त्र: किसी वास्तु की क्षमता

औज

= ओज

कूज़-पुश्त

कुबड़ा, कुब्ज। ।

कुंडली

जन्म-पत्री का मुख्य और मूल भाग जो गोलाकार या वर्गाकार होता है, ज़ाइचा, छोटा हलक़ा, दायरा, किसी प्रकार की गोल आकृति, रचना या रेखा, साँप के गोलाकार बैठने की मुद्रा

क़त्ब-ए-समावी

आसमान का मौर्या वो नुक़्ता जिस के गर्द इन सितारों और उन अज्राम की यौमिया गर्दिश होती है जो निसबतन इतना छोटा दूर बनाते हैं कि उफ़ुक़ तक कभी नहीं पहुंचते

कन्दर

(भौतिक खगोलिकी) खगोल विद्या की गणना की एक मंज़िल, चरण

कन्या-रासी

जिसके जन्म के समय चंद्रमा कन्याराशि में हो

कफ़-उल-ख़ुज़ीब

नक्षत्र: एक सितारे का नाम जो लाल रंग का, रोशन और उत्तर दिशा में होता है

कफ़-ए-ख़ुज़ीब

रँगा हुआ हाथ।

कुंभ

बौद्धों के अनुसार बुद्धदेव के गत चौबीस जन्मों में से एक जन्म का नाम

क़लब-उल-असद

सिंह राशि के नक्षत्र में एक चमकीला तारा

कल्ब-ए-अकबर

(खगोल शास्त्र) अट्ठारह सितारों का संग्रह (जो कुत्ते के आकार में स्थिर है) इसका सबसे बड़ा और सबसे प्रकाशमय सितारा सीरियस है ये दक्षिण दिशा का सबसे अधिक प्रकाश्मय सितारा है

कल्ब-ए-असग़र

(खगोल शास्त्र) आकाश के अतिप्रकाशमय तारों के समूह लुब्धक तारा (उत्तरी गोलार्ध का एक बहुत तेजवान तारा) (आधुनिक) के निकट स्थित दो तारों का समूह

कल्ब-ए-जब्बार

(खगोल शास्त्र) तारों के बड़े झुंड का नाम जिसकी सूरत कुत्ते की जैसी है जो जाड़े के मौसम में भली-भाँति दिखाई देता है

कवाकिब

तारे, उडुगण, सितारे

कवाकिब-ए-'इल्विया

(हईयत) जिन सी्यारों के मदार ज़मीन के बाहर वाक़्य हूँ जैसे मिर्रीख़ और मुशतरी वग़ैरा , नेक सितारे, साद सितारे जिन के असरात अच्छे ख़्याल किए जाते हैं

कवाकिब-ए-दजाजा

मृगशिरा नक्षत्र, आकाश मंडल में 5वां नक्षत्र

कवाकिब-ए-सब'अ

(भौतिक खगोलिकी) सात सितारे

क़ाइद

फ़ौज का सरदार, सेनाध्यक्ष

कास्मोग्राफ़ी

(हैयत) सी्यारों और सितारों से मुताल्लिक़ इलम, फ़लकियात-ओ-नुजूम

क़ियासी

कयास या अनुमान के आधार पर स्थिर किया हुआ

किरितिका

(हैयत) सत्ताईस नछत्तरों में से तीसरा नछत्तर, सरिया

कौकब-ए-दुमदार

धूमकेतु, झाड़ू सितारा, दुमदार सितारा

कौकबी-दिन

(हैयत) वो दिन जो उस वक़्त शुरू होता है जब कि रास अलहमल निस्फ़ अलनहार पर हो इस लिए उस वक़्त घड़ी, घंटे, मिनट, सैकिण्ड पर सही होनी चाहिए, रोज़ फ़लकी

कौकबी-मुद्दत

(आकृति) एक सितारे से चल कर फिर उसी सितारे तक पहुँचने की अवधि को नक्षत्र अवधि कहते हैं

कौकबी-माह

(हैयत)-ओ-मुद्दत या अर्सा जिस में चांद सवाबित के लिहाज़ से अपने असली मुक़ाम पर वापिस आजाता है, वो मुद्दत जिस में चांद का सऊद मुस्तक़ीम बक़दर, ३६० डिग्री बढ़ जाता है

खड़ी-छाया

(भौतिक खगोलिकी) दुम वाले सितारे का सिर

खरी

(मजाज़न) सीधी, ख़ूबसूरत तसना और बनावट से पाक

ग़ैन

(हैयत) चवीसवीं कौन अर विजी ''ज़ाहिर'' से मंसूब

गर्दिश-ए-दौरी

(हैयत) अजराम-ए-फ़लकी का किसी करा के गिर्द घूमना

गर्दिशी-दिन

(हैयत) ज़मीन की गर्दिश के हिसाब से पूरा होने वाला दिन जो शमसी दिन चार दक़ीक़ा कम होता है शमसी दिन ग्रदशी दिन से ४ दक़ीक़ा ज़्यादा तवील होता है

ग़ुर्नूक़

लंबी गर्दन वाला काले रंग का एवं सारस से मुलता जुलता एक जल पक्षी

गृह-दशा

ज्योतिष के अनुसार ग्रहों के किसी विशिष्ट स्थिति में होने के फलस्वरूप मनुष्य की होनेवाली अवस्था (प्रायः कष्टप्रद या दुःखद अवस्था)

गृह-पत्र

(हैयत) गिरह कुंडली, बर्क फल, बरस रोज़ तक अच्छे बुरे फलों का ज़ाइचा, लगन कुंडली

गाव-बादशाह

(हैयत) एक बुरज का नाम है जो बैल की शक्ल से मुशाबेह ख़्याल किया जाता है, बुरज स्वर

गिरह-कुंडली

ग्रह-कुंडली, जन्म-कुण्डली, जन्मपत्रिका

ग़िशावा

दे. ‘गिशावः।।

चिड़ी का बादशाह

(ताश) चिड़िया के पत्तों में वह पत्ता जिस पर बादशाह की तस्वीर बानी होती है; अजीब सी बनावट

चिड़ी तन का ग़ुलाम

(ताश) चिड़ी के पत्तों में वो पता जिस पर ग़ुलाम की तस्वीर बनी हो, चिड़िया का ग़ुलाम, कम हैसियत-ओ-बद हैयत शख़्स

चित्रा

एक नक्षत्र का नाम

ज़नब

इन दो नुक़्तों में से दूसरा नुक़्ता जहां सय्यारों के मदार मंतिक़ अल्बर विज को क़ता करते हैं और जहां ज़ेली सय्यारों (चांद) के मदार अपने बड़े सय्यारे के मदार को क़ता करते हैं

ज़नब-उल-'अक़रब

(हैयत-ओ-नुजूम) एक सितारे का नाम

ज़नब-उल-'असद

(हईयत-ओ-नुजूम) मंतक अल्बर विज की बारह शक्लों में से पांचवीं शक्ल असद (शेर) के एक सितारे का नाम

ज़नब-उल-जदी

(हईयत-ओ-नुजूम) मंतक अल्बर विज की बारह शक्लों में से दसवीं शक्ल जद्दी के एक सितारा का नाम

ज़नब-ए-दुल्फ़ीन

(हईयत-ओ-नुजूम) वो रोशन सितारा जो कोकब अलदलफ़ीन की दम पर है . को कब अलदलफ़ीन के दस सितारे हैं जो नस्र ताइर के पीछे वाक़्य हैं

ज़नबैन

(हैयत वंजूम) को कब अलतनीन के दो रोशन सितारे जो आख़िर में वाक़्य हैं

जब्बार

(हैयत) बुरज-ए-जौज़ा

ज़ुबाब-ए-जनूबी

(हईयत-ओ-नुजूम) यूरोप के हकमाए मुताख़रीन के दरयाफ़त करदा सितारों की नौ शक्लों में से आठवीं शक्ल

ज़ाविया-ए-इन'इकास

(हईयत) वो ज़ावीया जो किसी चीज़ जैसे करण के अक्स और इस के अमूद के दरमयान बने, ज़ावी-ए-मुराजअत

ज़ाविया-ए-इन्हिराफ़

(हईयत) वो ज़ावीया जिस पर शुआ वाक़्य का रुख़ मुड़ जाता है

ज़िरा'

कोहनी से लेकर मध्य उँगली के किनारे तक का हिस्सा, एक हाथ की नाप

ज़िरा-उल-'असद

(हैयत-ओ-नुजूम) चांद की सातवें मंज़िल का नाम

डोल

अंदाज़

तनाज़ुर

(हैयत) अव्वल बुरज-ए-सर्तान या अव्वल बुरज-ए-हमल में दो सितारों का इस तरह जमा होना कि दोनों का फ़ासिला अव्वल सुरतान या अव्वल हमल से बराबर हो

तल'अत करना

उदय होना, निकलना, प्रकट होना

ता'दील

गवाही देना

तालि' का घर

(हैयत) ताला के सितारे के बारह दर्जों में से हर एक दर्जा जहां वो सितारा मौजूद हो

तिलाई-'अदद

(हैयत) एसटर का जश्न, जो हर साल २१ मार्च के बाद के पहले पूरे चांद के मुतआक़िब इतवार को मनाया जाता है ये मालूम करने के लिए कि किसी ख़ास साल में किस तारीख़ को वाक़्य होता है, १ से १९ तक के १९ अददों को तिलाई आदाद कहते हैं, किसी ख़ास साल के तिलाई अदद से मुराद वो फ़ाज़िल अदद है जो सन के अदद में एक इज़ाफ़ा कर के इस को १९ पर तक़सीम करने से हासिल होता है. मसलन १९०१ -ए-के लिए तिलाई अदद २ है क्योंकि १९०२ -ए-को १९ पर तक़सीम करने से २ बाक़ी बचता है, अगर बाक़ी कुछ ना बच्चे तू १९ ही को तिलाई अदद समझा जाता है

दजाजा

मुर्ग़ी

दबरान

चौथा नक्षत्र, रोहिणी ।

दैमोस

(हईयत) मिर्रीख़ के दूरी मयालान के दो नुक़्तों में से एक का नाम, देमोस (Demos) देमोस जिस का मदार फ़ोबास के बाहर है मिर्रीख़ के गर्द एक गर्दिश ३० घंटे १८ मिनट में पूरी करता है

दो पहर पर आना

(हईयत) किसी रसदगाह के ख़त-ए-निस्फ़ अलनहार पर से किसी जुर्म फ़लकी का गुज़रना, उबूर-ए-क़मर

दौर-ए-ज़ुहल

(हैयत) निज़ाम-ए-शमसी का दूसरा बड़ा सी्यारा जो सूरज के गिर्द चक्कर उनतीस साल में मुकम्मल करता है, फ़लकी असरात के एतबार से ये बहुत ताक़तवर है, सनीचर तारा

धन-रास

(हैयत) बुरज फूस का नाम

धन-रासी

(ज्योतिश-शास्त्र) धनु राशि का स्थान

धी

बुद्धि। अकल। समझ।

न'आइम

बीसवाँ नक्षत्र, पूर्वाषाढ़।।

नुक़्ता-ए-'अक़रब

(खगोल शास्त्र) किसी ग्रह या पोंछल तारे आदि की धुरी का सूरज से सबसे निकट बिंदु, सूर्य का निचला भाग

नुक़्ता-ए-इंक़िलाब-ए-शितवी

(खगोल शास्त्र) वह स्थान या जगह जहाँ से सूर्य 'अर्ध दक्षिणी बिंदु' पर पहुँचता है, जिससे जाड़े के मौसम का प्रारंभ होता है

नुक़्ता-ए-इंक़िलाबैन

(खगोलशास्त्र) राशिचक्र पर वो दो बिंदु जहाँ शीतकालीन अयनांत वृत्त और कर्कराशि स्थिर हैं

नुक़्ता-ए-ए'तिदाल

(हैयत) वो जगह जहां ख़त इअसतवाई और तरीक़ अश्शम्स एक दूसरे को क़ता करते हैं (जब आफ़ताब यहां पहुंचता है तो शब-ओ-रोज़ बराबर हो जाते हैं), ख़त एव एतिदाल

नुक़्ता-ए-ए'तिदाल-ए-ख़रीफ़ी

(खगोल शास्त्र) वह बिंदु जहाँ शरत ऋतु की शुरुआत में कांतिवृत्त और भूमध्य रेखा प्रतिच्छेद करते हैं

नुक़्ता-ए-ए'तिदाल-ए-रबी'ई

(खगोल शास्त्र) वह बिंदु जहाँ वसंत ऋतु के प्रारंभ में सूर्य-रेखा और भूमध्य रेखा एक दूसरे को प्रतिच्छेद करें

नुक़्ता-ए-ए'तिदालैन

(खगोल शास्त्र) वो दोनों घेरे जिन पर मध्यरेखा और रविरेखा एक दूसरे को काटें

नुक़्ता-ए-औज

(खगोलशास्त्र) सूर्य की सटीक ऊँचाई की अवस्था, (सूर्य और ग्रहों का) चरम ऊँचाई, किसी ग्रह के कक्षा का उच्चतम बिंदु

नुक़्ता-ए-सुकून

(खगोल शास्त्र) वो जगह जहाँ ग्रह ठहरा हुआ या स्थिर नज़र आता है

नुक़्ता-ए-हज़ीज़

किसी चीज़ का निचला भाग; (खगोल शास्त्र) किसी ग्रह की कक्षा का अत्यंत निम्न बिंदु, शिखर के विपरीत बिंदु

नज़्म-निगारी

कविता लिखना, कविता पाठ करन

नज्म-साबित

(हैयत) वो जुर्म फ़लकी या वो सितारा जो किसी मदार पर गर्दिश ना करे, ग़ैर मुतहर्रिक सितारा

नज्मी-साल

(हैयत) क़दीम मिस्री तक़वीम का साल जिस में ३६० दिन (३६ हफ़्ते दस दिन फ़ी हफ़्ता) के हिसाब से होते थे

नज़र होना

मस्ती में होना, मतवाला होना, नशे में चूर होना

नज़र-मुक़ाबला

(हैयत) दो सय्यारों की एक दूसरे से १८० दर्जे पर होने की कैफ़ीयत, दो सय्यारों का मुक़ाबिल आना, मुनज्जमों के मुताबिक़ ये नज़र दुश्मनी की है

नज़रिय्या-सदीमिय्या

(हैयत) ये नज़रिया कि निज़ाम-ए-शामसी और अज्राम समावी इबतिदाई तौर पर एक सहा बीए से वजूद में आए (Nebular Theory

नज़रिय्या-सहाबी

(हैयत) कायनात के वजूद में आने के बारे में एक ख़्याल कि निज़ाम-ए-शामसी और तमाम अजराम-ए-फल्की इबतिदा में एक सहाबिया थे और इसी से वजूद में आए हैं (Nebular Theory)

नज़ीर

उदाहरण; मिसाल; दृष्टांत, मिसाल, नमूना, सदृश, समान, किसी मुकदमे में दावे की पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया गया उच्च या सर्वोच्च न्यायालय का पूर्व फ़ैसला

नज़ीरुर्रास

(हैयत) रुक : नज़ीर मानी नंबर

नज़ीरुस्समत

(हैयत) सिम्त अलरास की ज़िद, फ़लक का वो ख़्याली नुक़्ता जो सिम्त अलरास के मुक़ाबिल और किसी मुक़र्ररा मुक़ाम या शख़्स के ऐन नीचे हो, सिम्त उल-नज़ीर, (मजाज़न) सब से पस्त दर्जा । ए

नेबूला

(हैयत) सितारों के दरमयान नज़र आने वाला मद्धम रोशन और गेसों या छोटे जर्रात से बना हुआ बैन अल्को अक़बी बादल (उस की आम मिसाल जौज़ा में घोड़ा नुमा सहाबिया है) , गैस और गुबार का बादल जो गाहे रोशन और गाहे तारीक होता है, सहाबिया, सदीम , नबोला

नेबूलाई

(हैयत) नीबोला (रुक) से मंसूब या मुताल्लिक़

नूर-साल

(भौतिक खगोलिकी) वह प्रकाश जो रोशनी एक साल में तय करती है जो लगभग अट्ठावन खरब अस्सी अरब मील है ये दूरी ज़मीन और सूरज के बीच की दूरी से तिरसठ हज़ार गुना ज़्यादा है, प्रकाश वर्ष

नुह-बहरात

(हैयत) हर बुरज के नौ मुसावी हिस्से

नाजिद

(खगोल विद्या) जेमिनी के बायीं तरफ़ के एक चमकीले सितारे का नाम

नातेह

(हैयत) चांद की पहली मंज़िल । तुम आज रात को सफ़र ना करो क्योंकि आज चांद मंज़िल नाता में है

ना'श

शव, लाश, मृत शरीर, मुर्दा इंसान, अरथी, जनाज़ा

निज़ाम-ए-कशिश

(मजाज़न) तवाज़ुन

निज़ाम-ए-फ़लकी

(खगोल विद्या) आकाशीय पदार्थों को चलाने का तरीक़ा

निबूला

(हैयत) हल्की सय्यद हिंद, आसमान पर नज़र आने वाला एक बारीक गुबार जो बहुत दूर वाक़्य सितारों के झुरमुट से या तहलील शूदा गैस से बनता है, सहाबिया

नोकें

चाक़ू, छुरी आदि के चुभने वाले बारीक सिरे

नौ-बाज़ार

(हैयत) नवग्रह, नौ सियार गान फ़लक

नौ-रतन

एक क़िस्म (उमूमन नौ जवाहर)का ज़ेवर जो ख़ुसूसन बाज़ूओं पर पहना जाता है नीज़ क़ीमती हार

पट्टी

(बनाई) ताना बनने का अड्डा

फ़त्ह-ए-बाब

(हैयत) दो सितारों का इसतरह नज़र आना कि बाहम मुक़ाबिल हूँ और जब ऐसा वाक़्य होता है तो बारिश होती है , (मजाज़न) बारिश, माशूक़ हुस्न की वजह से ज़ुहरा जमाल और रक़ीब मनहूस होने के बाइस-ए-ज़ुहल शमीम है इन दोनों की नज़रें अगर बाहमदिगर मुक़ाबिल हो गईं तो आशिक़ को डर है कि पानी के बदले ख़ून के नाले बह जाऐंगे

फ़रस-ए-आ'ज़म

(खगोल शास्त्र) बीस सितारों का समूह जो घोड़े की आकृति के समान प्रतीत होता है

बुर्ज

मठ जिसमें प्रायः फ़क़ीर इत्यादि रहते हैं, कुटिया, मठ, ख़ानक़ाह

बुर्ज-ए-अक़रब

वृश्चिक राशि, आठवाँ बुर्ज

बुर्ज-ए-असद

सिंहराशि, पाँचवाँ बुर्ज ।।

बुर्ज-ए-आतिशी

अग्नि तत्त्व से सम्बन्ध रखनेवाली तीन राशियाँ, मेष, सिंह, धनु

बुर्ज-ए-आबी

जल तत्त्व से सम्बन्ध रखने वाली तीन राशियाँ, कर्क, वृश्चिक, मीन

बुर्ज-ए-औजी

(हैयत-ओ-नुजूम) इन छः बुर्जों में से हो एक जो ख़त उस्तिवार के शुमाल में वाक़्य और बाक़ी बुर्जों से बुलंद हैं (ऊर्जो ये : हमल, स्वर, जौज़ा, जद्दी, दिलो, हूत

बुर्ज-ए-क़ौस

धनु राशि, नवाँ बुर्ज ।।

बुर्ज-ए-ख़ाकी

(खगोल विद्या एवं भौतिक खगोलिकी) पृथ्वीतल से सम्बन्ध रखनेवाली तीन राशिायाँ, वृष, कन्या, मकर

बुर्ज-ए-जदी

मकर राशि, दसवाँ बुर्ज

बुर्ज-ए-जौज़ा

मिथुन राशि, तीसरा बुर्ज

बुर्ज-ए-दलव

कुंभराशि, ग्यारहवाँ बुर्ज

बुर्ज-ए-बादी

(हैयत-ओ-नुजूम) तीन बुर्जों (जौज़ा, दिलो मीज़ान) में से हर एक जो (हुआ) से ताल्लुक़ रखते हैं

बुर्ज-ए-मीज़ान

तुलाराशि, सातवाँ बुर्ज

बुर्ज-ए-शरफ़

(मजाज़न) ख़ुशहाली और तरक़्क़ी का बड़ा दर्जा , बारगाह आली, बड़े और मुअज़्ज़िज़ घराने का साकन

बुर्ज-ए-सुंबुला

कन्याराशि, छठा बुर्ज

बुर्ज-ए-सर्तान

कर्कराशि, चौथा बुर्ज

बुर्ज-ए-सौर

वृषराशि, दूसरा बुर्ज।

बुर्ज-ए-हज़ीज़ी

(हैयत वंजूम) इन छः बुर्जों में से हर एक जो ख़त-ए-इस्तिवा के जुनूब में वाक़्य और बाक़ी बुर्जों से पस्त हैं (और जो ये हैं : असद, सुरतान, सुंबुला, मीज़ान, अक़्रब, क़ौस

बुर्ज-ए-हूत

मीनराशि, बारहवाँ बुर्ज

बुर्ज-ए-हमल

(ज्योतिष शास्त्र) मेष राशि, आकाशीय घेरे के बारह भागों में से वह भाग जिसमें चाँद-तारे मिल कर भेड़ या हिरन के बच्चे की आकृति में होते हैं, (जब २१ मार्च को सूर्य इस राशि में प्रवेश करत है उस दिन वर्षा, वसंत और बहार शुरू होती है और ईरान वाले नौरोज़ मनाते हैं)

बसीता

(हैयत) अजराम-ए-फल्की की वो हालत जब वो एक दूसरे से ९० दर्जे के फ़ासले पर हूँ

भूम

ज़मीनी, अर्ज़ी, मुल्की

मु'अद्दिल

(तिब्ब) अख़्लात को एतिदाल पर लाने वाला

मु'अद्दिलुन्नहार

(भुगोल) वह वृत्त जिस पर सूर्य के पहुँचने से दिन-रात बराबर होते हैं, नाडीवृत्तं

मु'अल्लक़

(नबातीयात) वो बैज़ा दान जो बैज़ा ख़ाने के रास से नमूदार हो कर इस के कहफ़े में लटकता हुआ वाक़्य हो

मुक़द्दम-मंज़िल

(हैयत) रुक : मुक़द्दम मानी नंबर ७

मुक़न्तरा

(खगोल) वो छोटा वृत्त जो क्षितिज के समानांतर है

मकर

मगर या घड़ियाल नामक प्रसिद्ध जल-जंतु जो कामदेव की ध्वजा का चिह्न और गंगा जी तथा वरुण का वाहन माना गया है।

मकर-रास

(हैयत) बुरज-ए-जदी, बुज़ग़ाला

मुंक़लिब

पलटने वाला, उलटने वाला, उलटा, औंधा, जिस का मुँह या सर नीचे और पुश्त या पांव ऊपर हो, अस्त-व्यस्त, उथल-पुथल, फिर जाने वाला, बदलने वाला, बदला हुआ, फिरा या पलटा हुआ

मुंक़लिबात

(खगोलशास्त्र) वृष, कर्क, तुला और मकर यह चार राशियाँ, क्योंकि इनमें काम उलटा होता है

मुक़ाबला

(लाक्षणिक) मुलाक़ात

मक़ाम-ए-शरफ़

ऊंचा दर्जा, ऊंची जगह , (हैयत) वो जगह जहां सितारों का मिलना साद समझा जाता है

मुक़ारना

(भौतिक खगोलिकी) दो नक्षत्रों का एक रास-मंडल में इकट्ठा होना

मृग

(मजाज़न) हर वहशी जानवर

मंगल

(सालो तिरी) घोड़ों का एक रंग

मघा

२७ नक्षत्रों में से दसवा नक्षत्र जो पाँच तारों का है। (हिं० में यह प्रायः पुंलिंग की तरह प्रयुक्त होता है)

मंज़ूर

स्वीकृत, क़ुबूल

मजर्रा

आकाशगंगा

मंज़िल

(हैयत) दुब अकबर की दम के तीन सितारे

मुतहय्यरा

'मुतहय्यर' का स्त्रीलिंग

मंद

वाला अर्थात रखने वाला, जैसे: ज़रूरतमंद’ ‘ज़रूरत वाला, एहसानमंद, अक़लमंद आदि, (समास में द्वितीय अंश के रूप में प्रयुक्त)

मुदब्बिरान-ए-फ़लक

सात ग्रह, सात सितारे, सूर्य, चंद्रमा, शनि, बुध, शुक्र, बृहस्पति, मंगल

मुदय्यर

घुमाया हुआ , (हैयत) अतारिद के एक फ़लक का नाम जिस के अंदर फ़लक मुमस्सिल और फ़लक हामिल वाक़्य हैं

मंदा-तारा

शनि ग्रह

मनाज़िल-ए-क़मर

नक्षत्र, जिनकी संख्या 28 है; 1. अश्विनी (शुर्तन-नत्ह), 2. भरणी (बुतैन), 3. कृत्तिका (सुरैया), 4. रोहिणी (दबरान), 5. मृगशिरा (हक़अः), 6. आर्द्रा (हनअः), 7. पुनर्वसु (ज़िराअ), 8. पुष्य (नस्रः), 9. श्लेषा (तर्फः), 10. मघा (जब्हः), 11. पूर्वा फाल्गुनी (जुब्रः), 12. उत्तरा फाल्गुनी (सर्फः), 13. हस्त (अव्वा), 14. चित्रा (सिमाक), 15. स्वाती (अफ़रः), 16. विशाखा (जुबाना), 17. अनुराधा (इक्लील), 18. ज्येष्ठा (क़ल्ब), 19. मूल (शौलः), 20. पूर्वापाढ़ा (नआइम), 21. उत्तराषाढ़ा (बल्दः), 22. श्रवण (सा'-देज़ाबेह), 23. धनिष्ठा (बुला'), 24. शतभिषा (आबियः), 25. पूर्वा भाद्रपद (सऊद), 26. उत्तरा भाद्रपद (मुक़द्दम),27. रेवती (मुअख्खर)

मुमास

छूने वाला, छूता हुआ, प्रतीकात्मक: लगा हुआ, क़रीब, मिला हुआ

मर्सद

इंतिज़ार या निगरानी करने की जगह , (हैयत) रसद गाह

मैल

कोई ऐसी चीज जिसके पड़ने या लगने से दूसरी चीजें खराब, गंदी या मैली होती हों अथवा उनकी चमक-दमक, सफाई आदि कम होती या बिगड़ जाती हो। मलिन या मैला करने वाला तत्त्व या वस्तु। जैसे-किट्ट, गर्दा, धूल आदि। पद-हाथ-पैर की मैल = बहुत ही उपेक्ष्य और तुच्छ वस्तु। जैसे-वह रुपए-पैसे को तो हाथ-पैर की मैल समझता था।

मैल करना

(फ़िक़्ह) रुजू होना

मैल-मरकज़ी

(हैयत) मर्कज़ी फ़ासिला

मैलान-उफ़ुक़

(हईयत) उफु़क़ी झुकाओ (ज़ावीए या ख़त वग़ैरा का) झुकाओ जो उफ़ुक़ की सिम्त नज़र आए

मुश्तरी

(ग्रह) सौर जगत का पाँचवाँ और सबसे बड़ा ग्रह, बृहस्पति ग्रह

मस'ऊद-मंज़िल

(भौतिक खगोलिकी) शुभ घर या मकान अथवा भवन, मुबारक मंज़िल, धन्य स्थान और समय, मुबारक मक़ाम और वक़्त

मुस्तक़ीम

(हैयत) मशरिक़ से मग़रिब (या मग़रिब से मशरिक़) की जानिब चलने वाला (स्यारा या हरकत वग़ैरा)

मुस्तक़ीम-हरकत

(हैयत) सय्यारे की वो हरकत जो सूरज के मुवाफ़िक़ सिम्त में हो, हरकत रास्त

मुस्तक़ीमी-हरकत

(हैयत) मशरिक़ से मग़रिब (या मग़रिब से मशरिक़) की जानिब होने वाली हरकत, मुस्तक़ीम में होने वाली हरकत

मुसम्मन

(उरूज़) वो बैत जिस में आठ रुकन हूँ, हश्त रुकनी बहर

मुसल्लसा

मसल्स (रुक) की तानीस , (हैयत) दूसरे सितारे से सलस दायरे का बाद रखने वाला सितारा

मुहलिफ़ैन

(हैयत) कौकब कलब इल्ला किबर में शामिल दो सितारों (हुज़्ज़ार और वज़न) के नाम, सितारा सुहेल से पहले तलूअ होने वाले दो सितारों के नाम

मेहवर

(लाक्षणिक) केंद्र

मेहवर-ए-अकबर

(हैयत) रुक : महवर आज़म

मेहवर-ए-असग़र

(हैयत) छोटा महवर, ज़िमनी या तहती महवर, महवर अकबर या महवर आज़म की ज़िद

मेहवर-ए-आ'ज़म

(हैयत) बड़ा महवर, वो बड़ा ख़त-ए-मुसतक़ीम जो किसी जिस्म के एक सिरे से हो कर दूसरे सिरे तक गुज़रे

माह-दर-'अक़्रब

चंद्रमा का वृश्चिक राशि में प्रवेश जो बहुत अशुभ होता है, ऐसे अवसर पर कोई काम करना शुभ नही माना जाता

माही

एक नदी जो खंभात की खाड़ी में गिरती है

मिक़दार-ए-माद्दा

(हैयत) इस्तिदाद या सलाहीयत की मिक़दार

मिथुन

स्त्री और पुरुष का युग्म, नर और मादा का जोड़ा

मिर्ग-साल

बरसात का मौसम; (ज्योतिष विद्या) नक्षत्र, पाँचवा नक्षत्र

मिर्ग-सिरा

(भौतिक खगोलिकी) हिरन के सर की सी शक्ल वाला एक नक्षत्र

मीन

मछली, राशि का नाम, ऐब, त्रुटी

यौम-ए-कौकबी

(हैयत) किसी सय्यारे के किसी निस्फ़ अलनहार से गुज़रने और दूसरे दिन इसी निस्फ़ अलनहार को पहुंचने तक का ज़माना, वो अर्सा जिस में अपने महवर के गर्द चक्कर पूरा करती है, एक दिन और एक रात का अर्सा, रोज़ कौकबी (अंग : Sidereal Day

यौम-ए-मनाज़िली

(भौतिक खगोलिकी) वह अवधि या समय जिसके अंदर चाँद अपनी सत्ताईस मंज़िलें तय करता है

रज'अत

(तसव्वुफ़) रजत कहते हैं बसबब-ए-कहर-ए-इलहा के मुक़ाम-ए-वसूल से बितरीक़-ए-इन्क़िता फिर जाना

राक़िस

(शाब्दिक) नाचने वाला, (खगोल शास्त्र) सितारों के एक झुरमुट (अट्ठाईस सितारे) का नाम जो सर्प नक्षत्र में विराजमान है

राबि'अ

(हैयत) वक़्त की एक इकाई, वक़्त का बहुत छोटा हिस्सा

रामेह

बरछा चलाने वाला, बरछाबाज़

रास

(वनस्पति विज्ञान) पौधे आदि का ऊपरी एवं आख़िरी सिरा, ऊपर का भाग

रासिद

ज्योतिषी, नुजूमी, प्रहरी

रोज़-ए-कौकबी

(खगोलशास्त्र) किसी तारे के किसी मध्याह्न रेखा से गुज़रने और दूसरे दिन उसी मध्याह्न रेखा को पहुँचने तक की अवधि, वह समय जिसमें पृथ्वी अपने ध्रुव के आस-पास चक्कर पूरा करती है, एक दिन और रात का अंतराल

रोज़-ए-हक़ीक़ी

(खगोल शास्त्र) सूर्य चक्र की वो अवधि जिसमें सूर्य मध्याह्न रेखा से गुज़रते हुए और दूसरे दिन ठीक उसी मध्याह्न रेखा पर पहुँचता है, जो प्रायः चौबीस घंटे का होता है

रोज़-ए-हिक्मती

(खगोल शास्त्र) सुर्योदय से सुर्यास्त तक की अवधी

वक़्त-शुमारी

समय गिनने की क्रिया, समय का अंदाजा लगाना, वक़्त का अंदाज़ा करना

वज़्न

(हैयत) कौकब कलब अकबर के अठारह सितारों में से एक सितारे का नाम

वतद-उल-अर्ज़

(हईयत) वो मुक़ामात जो एक दूसरे के बिलकुल मुक़ाबिल हूँ ख़ुसूसन वो जो हमारे कुर्रा-ए-ज़मीन के मुक़ाबिल हैं , तहत-ऊल-अर्ज़ नीज़ मशरिक़ी उफ़ुक़

शम्स-पैमा

(हैयत) सूरज या शुआ का ज़ावीया या सिम्त नापने का आला

शिहाब

 

शिहाब-ए-साक़िब

(भौतिक खगोलिकी) वह छोटे-छोटे अजराम या शहाब जिनकी रफ़्तार बहुत तेज़ होती है, पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए पृथ्वी के वायुमंडल से टकरा जाते हैं तो उनकी रफ़्तार इतनी तेज़ हो जाती है कि हवा की मुज़ाहमत से जो तापमान पैदा होता है वह उनको जला कर ख़ाक कर देती है

शिहाब-चा

(खगोल-शास्त्र) उल्का का टुकड़ा जो राख बनने से पहले जमीन पर पहुँच जाता है और धमाके के साथ फट जाता है

शिहाबी-बौछार

(हैयत) इन छोटे छोटे अज्राम या शहाब साक़िब का झुंड जो अगस्त और नवंबर की रातों में कर्राह हवाई में से निहायत स्रात के साथ गुज़रने हुए रोशनी की धारी की शक्ल में दिखाई देते हैं

शोला

शोला, पतली खिचड़ी

सुक़ूत

गिरना, पात, पतन

संजोग मिलना

(हैयत) साद सितारों का बाहम इत्तिसाल होना, क़ुरआन अल-सादैन होना

सत्र

पर्दा डालना, ढकना, छुपाना

सदीम

(भौतिक खगोलिकी) रात को आकाश पर कोहरे या बादल के समान नज़र आने वाली रौशनी की पट्टियाँ या धब्बे जो सितारों के बहुत से समूहों या गैसीय पदार्थ पर आधारित होते हैं

सदीमी-नज़रिय्या

(हैयत) ये नज़रिया कि निज़ाम-ए-शमसी-ओ-निज़ाम-ए-कौकबी सदीमी अलासल हैं

सम

ध्वनि, सुर, ताल

समावी तूल-ए-बलद

(हैयत) किसी जुर्म फ़लकी का तूओल-ए-बलद यानी तरीक़ शमस की वो क़ौस जो हमल के पहले नुक़्ता और इस क़ौस के पाइं के दरमयान हो जो जिस्म-ए-मज़कूरा में से तरीक़-ए-शमस पर अमूदन खींची गई हो

सुवाँत

(भौतिक खगोलिकी) एक तारे का नाम

सहाब

बादल, घटा, अब्र

सहाब-नजमी

(हैयत) कहकशां के दोनों जानिब एक किस्म का दरख़शां मादा है जिसे सहाब-ए-नजमी कहते हैं. दूरबीन से ये सितारे और गैस की क़सम का चमकदार सहाब मालूम होता है

सहाब-फ़लकी

(हैयत) मिटते वक़्त सितारा फटता है . फटने से गैस और ज़र्रात की गर्द पैदा होती है इस गैस और गर्द को कोई बड़ा सितारा अपनी तरफ़ कशिश से खींच लेता है . इस को बनेवला या सहाब-ए-फ़लकी कहते हैं

सहाबिया

गुच्छा

सिंघास-जोग

(भौतिक खगोलिकी) शुभ घड़ी, मुबारक घड़ी

सितारा भारी होना

(हैयत) अज़रूए नुजूम किसी सितारे का किसी दूसरे सितारे की निसबत किसी शख़्स के लिए मनहूस होना, नहूसत का ज़माना आना

सितारा-ए-दुमदार

(ज्योतिष विद्या) पूँछ वाला तारा, झाड़ू तारा, दुमदार तारा, पुच्छल तारा

सिमाक

चौदहवाँ नक्षत्र, चित्रा

सिमाक-ए-आ'ज़ल

चौदहवें नक्षत्र का एक सितारा, जिसके पास दूसरा तारा नहीं है।

सिमाक-ए-रामेह

चौदहवें नक्षत्र का एक तारा, जिसके पास एक तारा और है।

सिंह

बब्बर शेर

हैअत-ए-बसीत

(हैयत) वो मालूमात या तहक़ीक़ात जो अजराम-ए-फल्की की तादाद, फ़ासलों और मदारों तक फैली हुई हूँ

हैआत

किसी चीज़ की बैरूनी या ज़ाहिरी हालतें सूरतों, बनावटें, शक्लें, ढाँचे नीज़ शक्ल ओ-सूरत, हुल्या, वज़ा, साख़त (हैयत (रुक) की जमा)

हज़ीज़

किसी चीज़ का निचला भाग

हुबूत

(तिब्ब) दफ़्फ़ातन गिरना (सेहत का) , कमज़ोरी, नक़ाहत, इज़मिहलाल

हुबूत करना

۱۔ (हैयत) किसी सय्यारे का दूसरे सय्यारे से पीछे रह जाना । क़मर ।।।।

हय्या

सांप

हरकत -ए-वापसीं

(हैयत) रुक : हरकत रजई (मानी नंबर १)

हरकत-ए-दूलाबी

वो गर्दिश जो कोई चीज़ अपने महवर पर करती है, (हैयत) सय्यारों की मिहवरी गर्दिश

हरकत-ए-रज'ई

(नफ़सियात) रुक : हरकात रजई (जिस का ये वाहिद है)

हरकत-ए-रास्त

(हैयत) जब कोई सी उसी सिम्त में हरकत करता हुआ मालूम हो जिस में कि सूरज अपने तरीक़ पर हरकत करता हुआ मालूम होता है तो सी्यारे की इस हरकत को हरकत रास्त कहते हैं

हरकत-ए-रोज़ाना

(हैयत) किसी सी्यारे की अपने महवर पर एक पूरी गर्दिश जो इस का एक मुकम्मल रोज़ शुमार हो

हरकत-ए-सालाना

(हैयत) सूरज के गर्द किसी सी्यारे की साल भर में पूरी होने वाली गर्दिश

हामिल

उठाने वाला, बोझ उठाने वाला, धारण करने वाला, भार या बोझ ढोने वाला, कोई चीज़ उठा ले जाने वाला, रखने वाला, मज़दूर, श्रमिक, कोई विशेष गुण रखेने वाला या वाली

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