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आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
दूध-शरीक बहन
ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन
"विधि" टैग से संबंधित शब्द
"विधि" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
'अतिया-दार
(क़ानून) वह व्यक्ति जिसे अंग्रेज़ी सरकार से विशेष अनुदान मिला हो और जिसका नाम सूचीबद्ध किया गया है, समनुदेशिती
अपील मंज़ूर करना
क़ानून: यह फ़ैसला करना कि अपील करने वाले को उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार हासिल है
अपील-ए-मुतख़ालिफ़
क़ानून: (पक्षों मुक़द्दमा का) एक दूसरे के विरुद्ध अपील, एक पक्ष के अपील के विरुद्ध दूसरे पक्ष का अपील
'अमल-ए-इस्तिद्लाल
(कानून) विशेष मामलों को छोड़कर, किसी निर्णयित मामले से कानून का नियम प्राप्त करने में उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया और तर्क की विधि
'आम-कारिंदा
(विधिक) उस व्यक्ति से तात्पर्य है जिसे किसी विशेष कार्यों के संबंध में सचीव के रूप में कार्य करने का अधिकार दिया गया हो, जैसे: किसी संस्था का प्रबंधक
'आरिज़ा-ए-हद्द-ए-समा'अत लाहिक़ होना
(क़ानून) वक़्त गुज़र जाने से समाअत का तर्क हो जाना, मीयाद गुज़रने से समाअत ना होना
इख़्तियार-ए-समा'अत
(क़ानून) न्यायपालिका के क़ानून के अनुसार किसी मामले को सुनने और तय करने का शासक का अधिकार, मुक़दमा सुनने का अधिकार
इंतिक़ाली-बही
संपत्ति के हस्तांतरण का रजिस्टर, (क़ानून) वह रजिस्टर जिसमें विवरण के साथ संपत्ति के हस्तांतरण के नोट दर्ज किए जाएँ
इंतिक़ाली-रुसूम
(कानून) अदालती कार्यवाही में संपत्ति के हस्तांतरण को दर्ज करने के लिए भुगतान किया जाने वाला शुल्क
इब्तिदाई-रुसूम
(क़ानून) अदालती मसारिफ़ जो किसी मुआमले के शुरू ही में अदा करने पड़ें, कोर्ट फ़ीस, पहला सरकारी हक़ , पहला मेहनताना, नज़राना , हक़ ज़मींदारी
इबरा-नामा
एक निर्दोष-पत्र जिसके द्वारा किसी को बरी या छूट दी जाती है, लिखित-पत्र का अप्रमाणित हो जाना, विशेषाधिकार या दावे से त्याग का प्रमाण-पत्र
'इबारत-ए-ज़हरी
(क़ानून) वो इबारत जो किसी तहरीर की पुश्त पर लिखी जाती है जो हुंडी सुमन वग़ैरा की पुश्त पर लिखते हैं . इस से वो इबारत भी मुराद है जो किसी ओहदादार रजिस्टी की तरफ़ से ऐसे पर्चा पर लिखी जाये जो ऐसी दस्तावेज़ के साथ बतौर ज़मीमा मुंसलिक हो या जिस में वो दस्तावेज़ मलफ़ूफ़ हो
इस्तिक़ाला
(शाब्दिक) वादे से फिरना, (क़ानून) किसी से वचन को छोड़ देने का निवेदन करना, अनुबंध को ख़त्म करना
कच्ची-क़ुर्क़ी
वह क़ुर्क़ी, जो प्रायः महाजन लोग अपने मुक़दमे का फ़ैसला होने से पहले ही इस आशंका से जारी कराते हैं कि कहीं मुक़दमे के फ़ैसला होने तक प्रतिवादी अपना माल-असबाब इधर-उधर न कर दे
क़त्ल-ए-'अमद
जान-बूझकर हत्या, प्रयतित वध, वध करने के निश्चय से वध, जानबूझ कर किसी हथियार से मार डालना,
क़ुर्क़-अमीन
वह शासनिक कर्मचारी जो न्यायालय के आदेशानुसार अपराधियों, देनदारों आदि का माल कुर्क करता हो
काग़ज़ जम'-बंदी
(क़ानून) निकासी का काग़ज़, वो काग़ज़ जिसमें कृषक और खेत की हालत और मूल्य और भुगतान योग्य राशी की प्रविष्टी होती है
क़ानून-ए-मी'आद-ए-समा'अत
(क़ानून) वो क़ानून जो इस मुद्दत का तई्ान करता है जिस के गुज़रने के बाद कोई मुक़द्दमा या और कार्रवाई अदालत में समाअत के लिए पेश नहीं होसकती
किफ़ालत-ए-ख़ास
(क़ानून) वो कफ़ालत है कि जब कोई शख़्स किसी शैय के ना देने पर रख छोड़ने का दावादार इस वजह से हो कि इस ने शैय मज़कूरा पर मेहनत या रुपया सिर्फ़ किया है
ख़ुद-हाकिमी
सत्ता की सारी शक्तियाँ और न्याय व्यवस्था किसी एक शख़्स का अपने हाथ में लेना, आप ही हाकिम होना
ख़फ़ीफ़ा
छोटी, अदना, हल्की, कम वज़न, माममूली, एक दीवानी न्यायालय, जिसमें छोटे केस सरसरी सुने जाते हैं, जिनकी अपील नहीं होती
गवाह-ए-'ऐनी
(क़ानून) गवाह-ए-रवैय्यत, चशमदीद गवाह, वो गवाह जिस ने किसी बात (वाक़िया) को अपनी आँख से देखा हो
जुर्म
(क़ानून) ऐसा अनुचित कार्य जो विधिक दृष्टि से दंडनीय हो, वह कार्य जिसके दंड का बिधान राजनियम के अनुसार हो, असंवैधानिक कार्य, अपराध
जवाब-ए-दा'वा
(क़ानून) नालिश के दावे का उत्तर, जिसमें यह दिखाया जाता है कि वाद अमुक कारणों से झूठा है, वह लिखित पत्र जो वादी के अभियोगों के उत्तर में प्रतिवादी न्यायालय में देता है, प्रतिवादी द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया प्रत्युत्तर, दावे का क़ानूनी जवाब
ज़िला'-जज
न्याय विभाग का वह अधिकारी जिसे ज़िले भर की दीवानी और फ़ौजदारी मुकदमों की अपील सुनने का अधिकार होता है
डकैती
संपत्ति लूटने के लिए अकेले या दल-बल के साथ किया जाने वाला सशस्त्र धावा, डाका, लूटपाट करने का काम
डाकरिया
(क़ानून) बाहन, एक मज़बूत ज़रख़ीर मटेली सतह ज़मीन जो बड़े बड़े ढीलों में से तोड़ी ग़नी हो जो बौने के लिए बहुत बारिश चाहती हो
तक़्सीम-ए-ग़ैर-मुकम्मल
(क़ानून) नाक़िस तक़सीम, वो तक़सीम जो मुकम्मल ना की गई हो जैसे शामलात जो कई मालिकान में मुश्तर्क होती है और इस का महसूल सब शुरका मिल कर अदा करते हैं
तक़्सीम-ए-महाल
(क़ानून) मुहाल की तक़सीम-ए-मुहाल वो क़ताह-ए-ज़मीन है जो अजज़ए मौज़ा से बनाया गया हो और जिस की जमा जुदागाना मुशख़्ख़स हुई हो
तम्लीक-ए-कुल्ली
क़ानून: सम्पूर्ण संपत्ति, किसी चीज़ का पूर्ण स्वामी होना, पूर्ण स्वामित्व प्राप्त करना
तलब-ए-इस्तिश्हाद
(क़ानून) गवाह करने या हाज़िर करने की तलब, वो तलब जो शिफ़ा वग़ैरा का दावा करने में मल्हूज़ रखी जाती है, लोगों को गवाही में बुलाने में मुद्दई या शफ़ी इस का लिहाज़ या रियायत करता है, गवाही तलबी
तहक़ीर-ए-'अदालत
न्यायालय की अवमानना, कोई ऐसा कार्य जिससे न्यायालय की अवहेलना हो और न्यायालय की प्रतिष्ठा एवंं उसकी गरिमा के विरुद्ध हो
ता'सीब-ए-महज़
(क़ानून) बाप का असबा (मर्दे का सब से क़रीबी रिशादार) की हैसियत से वारस्त का मुस्तहिक़ होना जब मय्यत का बेटा या पोता परोता और बेटी या पोती मौजूद ना हो
तौहीन-ए-'अदालत
कोई ऐसा शब्द कह देना या ऐसा काम करना जिससे न्यायालय का अपमान हो एवं उसकी गरिमा को ठेस पहुँचे, न्यायालय की अवमानना
दख़्ल-दिहानी
(क़ानून) अदालती आदेश द्वारा किसी को किसी संपत्ति पर कब्ज़ा या अधिकार दिलाने का काम; दाख़िल-ख़ारिज; (डिलेवरी ऑव पज़ेशन), कब्ज़ा दिलाना, किसी जायदाद आदि पर किसी एक की जगह दूसरे को हक़दार और मालिक बनाना
दख़्ल-नामा
अधिकार प्राप्त करने का सरकारी आदेश, क़ब्ज़े का प्रमाण पत्र, क़ाबिज़ होने का सरकारी हुक्म, परवाना
नज़र-ए-सानी
सुधार के उद्देश्य से दोबारा देखना, कोई किया हुआ काम इस दृष्टि से दोबारा देख जाना कि उसमें कहीं कोई त्रुटि या भूल तो नहीं रह गई है, पड़ताल करना, संशोधन एवं रद्दीकरण,
नज़ीर
उदाहरण; मिसाल; दृष्टांत, मिसाल, नमूना, सदृश, समान, किसी मुकदमे में दावे की पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया गया उच्च या सर्वोच्च न्यायालय का पूर्व फ़ैसला
नंबरी नालिश
नियमित नालिश (शिकायत, मुक़द्दमा दायर करना, अदालत में दावा करना), वह नालिश जो अलग-अलग बिखरी हुई न हो
निशान-ए-तिजारत
(क़ानून) कोई निशान (अलामत,नक़्श, ठप्पा, महर वग़ैरा) जो ये ज़ाहिर करने के लिए मुक़र्रर किया जाये कि ये माल किसी ख़ास शख़्स या कारख़ाने का बनाया हुआ है या किसी ख़ास शख़्स की तिजारत के लिए मख़सूस है , किसी इदारे या माल इतजारत का शनाख़ती निशान जो बिलउमूम रजिस्टर्ड होता है, ट्रेड मार्क
पंच-ए-सुलतानी
(क़ानून) वो सालस जो बादशाह (या अदालत) की तरफ़ से मुक़र्रर कर दिया जाये, बादशाही फ़ैसलाकुन
फ़र्ज़-ए-अस्ली
(क़ानून) फ़र्ज़-ए-असली से वो फ़र्ज़ मुराद है जो बुला ताल्लुक़ किसी और फ़र्ज़ के वजूद पज़ीर होता है
फ़र्ज़-ए-इज़ाफ़ी
(क़ानून) फ़र्ज़-ए-इज़ाफ़ी से वो फ़र्ज़ मुराद है जो किसी दूसरे फ़र्ज़ की ख़िलाफ़वरज़ी की वजह स वजूद में आता है
फ़र्द-ए-क़रार-दाद-ए-जुर्म
क़ानून: वो काग़ज़ जिसमें जुर्म ठहराने का शीर्षक और वो धारा या फौजदारी वो धारायं वर्णित होती हैं जिसकी निसबत बयानात से आरोपी को अपराधी होना समझा जाता है, धाराएं लगाने के पश्चात अपराधी से जवाब और सफ़ाई ली जाती है, अभियोगपत्र, चार्जशीट, आरोप पत्र
बुझौता
(क़ानून) सालाना हिसाब का औसत जो पटवारी ग के मालिकों से करते हैं, देही मिल्कियत का गोशवारा, हिसाब
बंद-ओ-बस्त-ए-इस्तिमरारी
(क़ानून) खेतों और ज़मीनों को वह बंदोबस्त जो एक बार निश्चित हो जाए और फिर कभी न बदले, जैसे: बंगाल का बंदोबस्त
मु'आहदा-ए-इब्रा
(क़ानून) वह अनुबंध जिसके तहत एक पार्टी दूसरे को नुक़सान से आज़ाद करने का निश्चय करे जो कि उसको स्वयं मामले के काम से या किसी और व्यक्ति के काम से पेश आया हो
मुंतक़ल-इलैह
कानून: जिसकी ओर हस्तान्तरि किया गया हो जिसके नाम कोई वस्तु लिखी हो या दी हो, वह व्यक्ति जिसके नाम कोई चीज़ मुंतक़िल की जाए
मुद्द'आ-'अलैह-तरतीब
(क़ानून) जब कई मुद्दआलैह होते हैं तो उन के नाम यके बाद दीगरे बिलतर्तीब दर्ज होते हैं नंबर १, २, ३ और वक़्त तहरीर फ़ैसला के सिर्फ़ नंबरों से पुकारे जाते हैं, नाम वग़ैरा की चंदाँ ज़रूरत नहीं होती
मदयून-ए-डिग्री
(क़ानून) जो फ़ैसले में क़र्ज़दार क़रार दिया गया हो, वो शख़्स जिस पर डिग्री या हुक्म सादर हुआ हो
मुंसिफ़
(क़ानून) दीवानी विभाग का एक न्यायाधीश जो छोटे छोटे मुकदमों का निर्णय करता है और जो सब जज से छोटा होता है
मालिक-ए-अद्ना
(क़ानून) वो शख़्स जो रिवाजी लगान मालिक आला को देता है, ये क़ाबिज़ अराज़ी होता है या ख़ुद काशत करता है या मज़ारा से करवाता है, छोटा मालिक
मालिक-ए-अराज़ी
(क़ानून) वो शख़्स जिस का मुवाख़िज़ा अदाए लगान मालिक-ए-अदना या रईयत पर आयद होता है, ज़मींदार, जागीरदार
रुसूम-ए-'अदालत
वह धन जो न्यायालय में कोई मुक़दमा आदि दायर करने अथवा कोई अपील देने के समय विधि के अनुसार सरकारी कोष में दिया जाता और जिसकी प्राप्ति के प्रमाण स्वरूप टिकट आदि मिलते हैं, सरकारी व्यय, कोर्ट-फ़ीस, न्यायलय शुल्क, स्टैंप ख़र्च
वकील-सरकार
सरकारी वकील, वो वकील जो सरकार की तरफ़ से मुक़द्दमों की (फ़ौजदारी) पैरवी करे, सरकारी मुकद्दमों में पैरवी करनेवाला वकील
वतन
(विधिक) जीविका, जो पुराने समय में सरकारी सेवा के बदले में पटवारी, माली और कोतवाल अदि को पैसे और ज़मीन के रूप में मिलता था, एक तरह की सरकारी भेंट
वॉरन्ट-गिरफ़्तारी
गिरफ्तारी वारंट, गिरफ़्तार करने या पकड़ने का हुक्मनामा, गिरफ्तारी वारंट एक आधिकारिक दस्तावेज़ है, जिसे जज (या मजिस्ट्रेट) द्वारा हस्ताक्षरित किया जाता है, जो एक पुलिस अधिकारी को वारंट में नामित व्यक्ति या लोगों को गिरफ्तार करने के लिए अधिकृत करता है।
शख़्स-ए-हक़ीक़त-दार
(क़ानून) हावी तमाम अश्ख़ास-ए-दावे दारान इस्तिहक़ाक़ मुआवज़ा पर है, ये ऐक्ट हुसूल अराज़ी में दर्ज है, हक़ीक़त रखने वाला शख़्स
शरीक-ए-जुर्म
जो किसी अपराध में अपराधी का सहायक हो, अपराध में साथी, (क़ानून) जुर्म में शामिल, अपराध करने में में मदद देने वाला, वो व्यक्ति जिस ने जुर्म में किसी का साथ दिया हो
शहादत-ए-ज़बानी
(क़ानून) तमाम बयानात गवाहों के जो अदालत की इजाज़त या हुक्म से उमूर वाक़ाती तहक़ीक़ तलब के बाब में इस के रूबरू किए जाएं नीज़ वो गवाही जो तहरीर या इशारात की मदद से दी जाये
शहादत-ए-मा'हूदा
(क़ानून) इस्लाम धर्म में बनाई गई ऐसी गवाही जो दो मर्दों की हो या एक मर्द और दो औरतों की हो
सनद-ए-ख़ून-बहा
(क़ानून) क़ातिल की तरफ़ से जायदाद वग़ैरा की रसीद जो मक़्तूल के वारिसों को बतौर तावान दी गई हो
सरकारी-वकील
क़ानून: हुकूमत के कार्यों में बचाव करने का सदस्य, वो क़ानूनदां और वकील जो सरकार की तरफ़ से किसी मुक़द्दमे में बचाव की भूमीका अदा करता है
सवारी-ए-'आम
(क़ानून) वो सवारी जिस पर मुसाफ़िर रोज़मर्रा चढ़ते उतरते हूँ और जिस की बाबत ज़ाद-ए-राह का दावा हो सके
साहिब-ए-ज़मीन
(क़ानून) इस से हर ऐसा शख़्स मुराद है जिस के तहत में कोई रईयत ज़मीन पर क़ाबिज़ हो और जिस को रईयत मज़कूर इस ज़मीन की बाबत लगान अदा करने की ज़िम्मेदार हो या बसूरत ना मौजूद होने किसी ख़ास मुआहिदे के ज़िम्मेदार अदाए लगान मज़कूर होती
साहिब-ए-दस्तख़त
(क़ानून) वो मआशदार जो अपने शिकमी दारों की मआश भी अपनी महर-ओ-दस्तख़त से उन की इजाज़त से उठाता हो
हुक़ूक़-ए-ज़ौजिय्यत
वह अधिकार जो पत्नी को पति पर और पति को पत्नी पर प्राप्त है, वह हुक़ूक़ जो बीवी या शौहर होने से पैदा होते हैं, दाम्पत्य अधिकार
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