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आठ बार नौ त्योहार

सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता

चमनिस्तान

ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़

'औरत

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

ताग़ूत

शैतान, अत्यन्त निर्दय और अत्याचारी व्यक्ति

मन-भावन

मन को भाने या अच्छा लगने वाला

दादरा

संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल

मज़दूर

शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर

ख़ैर-अंदेश

भलाई की बात सोचने वाला, वह शख़्स जो किसी की भलाई चाहे, शुभचिंतक

दूध-शरीक बहन

ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन

रिसाई

दुख और मौत से संबंधित, शोकयुक्त

ज़र्फ़

बर्तन

तिहाई

किसी वस्तु के तीन समान भागों में कोई एक भाग, तीसरा अंश, भाग या हिस्सा, तीसरा हिस्सा

ला'नत

धिक्कार, फटकार, भर्त्सना, अभिशाप, शाप

क़हर ढाना

किसी के लिए संकट पैदा करना, संकटग्रस्त बनाना, किसी पर कोई आफ़त लाना, ज़ुल्म करना, क़हर तोड़ना

चले न जाए आँगन टेढ़ा

काम में कुशल न होने पर दूसरे पर आरोप मढ़ना

आगे नाथ न पीछे पगा

जिसके आगे-पीछे कोई न हो, जिसका अपना कोई न हो, असहाय, लावारिस, अकेला

साहिर

जादूगर, वह व्यक्ति जो जादू दिखाता हो

कुड़माई

शादी के पूर्व रिश्ता पक्का करने के लिए की जाने वाली रस्म, सगाई, शादी तै करना, रिश्ता करना

नज़र-भर देखना

पूरी तरह से देखना, ध्यान से देखना

ख़्वाजा-ताश

एक स्वामी के दास, जो आपस में ख्वाजःताश कहलाते हैं

"इस्लाम" टैग से संबंधित शब्द

"इस्लाम" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची

अकबर

पद या उम्र या क़द-काठी आदि में बड़ा, बहुत बड़ा, सबसे बड़ा

अदयान

धर्म, मज़हब

अम्र-ए-मा'रूफ़

(धर्मशास्त्र) धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने का हुक्म देना

अम्र-बिल-मा'रूफ़

(धर्मशास्त्र) धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने का हुक्म देना

अमीर-ए-नह्ल

हज़रत अली की एक उपाधि

अल-'अज़मतु-लिल्लाह

(लफ़ज़न) बड़ाई अल्लाह तआला के लिए है, (मुरादन) किसी हालत या कैफ़ीयत की शिद्दत ज़ाहिर करने के मौक़ा पर बतौर ताकीद मुस्तामल, मुतरादिफ़ : अफ़्वाह ! क्या ठिकाना है, कुछ ना पूछो, कितना शदीद है, बेहद-ओ-बेइंतिहा है , ख़ुदा महफ़ूज़ रखे

अल-ख़फ़िज़

(अर्थात) इस्लाम धर्म के अनुसार ईश्वर का एक नाम

अल-ख़ालिक़

(अर्थात) इस्लाम धर्म के अनुसार ईश्वर का एक नाम

अल-ग़नी

(अर्थात) ईश्वर का एक नाम

अल-जलील

(अर्थात) इस्लाम धर्म के अनुसार ईश्वर का एक नाम

अल-जामे'

(अर्थात) इस्लाम धर्म के अनुसार ईश्वर का एक नाम

अल-फ़त्ताह

(अर्थात) ईश्वर का एक नाम

अल-बदी'

(अर्थात) इस्लाम धर्म के अनुसार ईश्वर का एक नाम

अल-बसीर

(अर्थात) इस्लाम धर्म के अनुसार ईश्वर का एक नाम

अल-बारी

(अर्थात) इस्लामिक धर्म के अनुसार ईश्वर का एक नाम

अल-बासित

(अर्थात) इस्लामिक धर्म के अनुसार ईश्वर का एक नाम

अल-मु'ईद

(अर्थात) इस्लाम धर्म के अनुसार ईश्वर का एक नाम

अल-मजीद

(अर्थात) ईश्वर का एक नाम

अल-मुजीब

(अर्थात) ईश्वर का एक नाम

'अलम-दार

सेना के आगे झंडा लेकर चलने वाला, फ़ौज का कमानादार, ध्वजावाहक, पताकिक

'अलम-बरदार

किसी आंदोलन या उद्देश्य या परियोजना का प्रस्तावक, किसी आंदोलन या विचारधारा का कट्टर समर्थक, प्रचारक, मार्गदर्शक

अल-मुसव्विर

(अर्थात) इस्लाम धर्म के अनुसार ईश्वर का एक नाम

अल-मोमिन

(अर्थात) इस्लाम धर्म के अनुसार ईश्वर का एक नाम

अल-लतीफ़

(अर्थात) ईश्वर का एक नाम

अल्लाह का घर

पवित्र काबा

अल्लाह का महबूब

पैग़म्बर मोहम्मद साहब जो ईश्वर के अंतिम देवदूत हैं, ईश्वर मित्र

अल-हकीम

(अर्थात) इस्लाम धर्म के अनुसार ईश्वर का एक नाम

'अलैहिमुस्सलाम

उन सब पर ईश कृपा हो

अशहदो-अन-ला-इलाह

कलमा-ए-तुय्यबा के इबतिदाई अलफ़ाज़, मुराद पूरा कलिमा यानी अश उन लिऐ अल्लाह अल्लिअ अल्लाह मुह्हिमदौ र्रिसूओ॒लु अल्लाह (= में गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और मुहम्मद (सलाम) इस के रसूल हैं

अशा'इरा

मशहूर मुतकल्लिम अबुलहसन अली अशअरी (८७३ - ह९३ए) के मुक़ल्लिद और उन के मसलक पर चलने वाले मुतकल्लिमीन का एक गिरोह (जिस ने दलायल के साथ फ़िर्क़ा मोतज़िला के बुनियादी अक़ाइद वसाइल का रद्द किया) , अशअरीया, मा तुरीदी (फ़िरक़े) की ज़िद

अहल-ए-'इरफ़ान

बुद्धिजीवी लोग

अहल-ए-शर'

इस्लामिक धर्म-शास्त्र के अनुसार कार्य करने वाले, धार्मिक व्यक्ति

अहल-ए-शरी'अत

इस्लामिक धर्म-शास्त्र के अनुसार कार्य करने वाले, धार्मिक व्यक्ति

अहल-ए-सुन्नत

(शाब्दिक) सुन्नत वाले लोग, वह जो विधि और नियम का पाबंद हो

अहलुस्सुन्ना वल-जमा'अत

मुसलमानों का एक समुदाय जो पैग़म्बर मोहम्मद के बाद चार ख़लीफ़ाओं को अतिप्रतिष्ठित मानता है और चार इमामों में से किसी एक का अनुसरण करता है, सुन्नी मुसलमान

आख़िर-चहार-शंबा

सफर के महीने के अंत से पहले का बुधवार (यह अधिक्तर मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है क्योंकि कहा जाता है कि पैगंबर इस दिन बीमारी से उबरने के बाद बाहर आए थे), प्रायः 'आख़िरी चहार शंबा' प्रयोग होता है

आख़िरी चहार शंबा

सफर के महीने के अंत से पहले का बुधवार (यह अधिक्तर मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है क्योंकि कहा जाता है कि पैगंबर इस दिन बीमारी से उबरने के बाद बाहर आए थे)

आख़िरी-जुम'आ

रमज़ान के पवित्र महिने का ईद से पूर्व का जुमा (शुक्रवार)

आख़िरी-तलाक़

(धर्म शास्त्र) वह तलाक़ जिसमें विच्छिन्ना स्त्री जब तक दूसरे आदमी से विवाह न कर ले और उसके साथ सहवास न हो जाय, तब तक पहला आदमी उससे विवाह नहीं कर सकता

आतिश-ए-नमरूद

वह आग जो पैग़म्बर इब्राहीम को जलाने के लिए नम्रूद बादशाह ने जलवायी थी पवित्र क़ुरआन के अनुसार वह अग्नि इब्राहीम के लिए ठंडी हो गई और उद्यान में परिवर्तित हो गई

आतिश-ए-मूसा

दिव्य प्रकाश की वह रौशनी जिसको पैगंबर मूसा ने तूर पहाड़ पर दखने की इच्छा में ईशवर से प्रार्थना करते हुए कहा था कि (मुझे अपनी महिमा दिखाओ) मिन्नत करने के बाद उसे देखाया गया जिसे देखकर वह बेहोश हो गए

'आद

एक क़ौम जिसके मार्गदर्शन के लिए हज़रत हूद अलैहिस्सलाम को भेजा गया, जब उसने अवज्ञा की तो तूफ़ान का अज़ाब उतर आया और वह मिट गया

आयत-ए-करीमा

पवित्र क़ुरआन के सत्रहवें अंश में अध्याय शीर्षक 'अंबिया' का एक प्रसिद्ध वाक्य जो सामान्यतः शत्रुओं से सुरक्षा के लिए पढ़ी जाती है (वाक्य के शब्द यह हैं: ला इलाहा इल्ला अंता सुब्हानका इन्नी कुंतु मिनज़्वालिमीन)

आया-ए-करीमा

पवित्र क़ुरआन के सत्रहवें अंश में अध्याय शीर्षक 'अंबिया' का एक प्रसिद्ध वाक्य जो सामान्यतः शत्रुओं से सुरक्षा के लिए पढ़ी जाती है (वाक्य के शब्द यह हैं: ला इलाहा इल्ला अंता सुब्हानका इन्नी कुंतु मिनज़्वालिमीन)

'आशूर-ख़ाना

शोक घर, इमाम बारगाह, इमामबाड़ा

इफ़्तार

रोज़ा (व्रत) न रखना

इल्यास

पैग़म्बर हारून की नस्ल के एक पैग़म्बर जो सदैव जीवित रहेंगे, यह समुद्रों के संरक्षक हैं (इस्राईल की महारानी ईज़ाबेल के समय में एक इस्राईली पैगम्बर जो 9 वीं शताब्दी ईसा, पूर्व में थे)

इल्ला-माशा-अल्लाह

(मुरादन) सोए ख़ास ख़ास सूरतों के, किसी शख़्स, सूरत या चीज़, के इलावा, शाज़-ओ-नादिर, (बयान किए हुए कुल्लिया उसूल से बाअज़ सूरतों के मस्तिशना करने के मौक़ा पर मुस्तामल)

इशराक

(लफ़ज़न) शरीक करना, (मुरादन) ख़ुदा के साथ किसी को शरीक ठैराना

इस्तिस्क़ा

(अर्थात) (ईश्वर से) वर्षा की प्रार्थना करना, पानी बरसने की इच्छा, वर्षा चाहना

इस्मा'ईल

पवित्र हाजिरा की कोख से जनमे पैग़म्बर इब्राहीम के बड़े पुत्र और हमारे पैग़म्बर मोहम्मद की वंशावली-पुर्वज का नाम (उन्हीं के संबंध से अरब बनू इस्माईल(इस्माईल की संतान) कहलाए, ईश्वरीय नियति से उन्हें और उनकी माता को काबा (मक्का स्थित ईश्वर का घर) के निकट जो उस चटियल मैदान था छोड़ गए, वहाँ उनकी संतान नए अरब के नाम से आबाद हुई)

'ईद-ए-ग़दीर

शिया मुसलमानों का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्यौहार, जो अरबी पंचांग के महीने ज़िल-हिज्जा की 18 दीनांक को मनाया जाता है, इस दिन पग़म्बर मोहम्मद साहब ने 'ग़दीर-ए-ख़ुम' पर अली (पैग़म्बर मोहम्मद के दामाद और चौथे ख़लीफ़ा) की ओर संकेत करते हुए लोगों से कहा था 'मन कुंतु मौलाहु फ़-अलीयुन मौला'

'ईद-ए-मुबाहला

अरबी साल के अंतिम महीने (ज़िल-हिज्जा‌) का 24 दिनांक ख़ुशी और उत्साह का दिन है, इसी तारीख़ को पैग़म्बर मोहम्मद साहब ने ईश्वर की आज्ञा पर अपनी बेटी फ़ातिमा, दामाद अली, नवासे हसन और हुसैन को अपने साथ ले कर नजरान के ईसाइयों से मुबाहला (एक-दूसरे को अभिशाप देना) करने वहाँ पहुँचे, इन पाँचों लोगों को देख कर ईसाइयों ने मबाहला नहीं करने का निर्णय लिया और जिज़्या (कर) देना स्वीकार किया, इस विजय की ख़ुशी में शीआ लोग उत्सव मनाते हैं, इसी घटना के संदर्भ में 'पंजतन-पाक' की परिभाषा चलन में आई

'ईद-ए-मीलाद

पैग़म्बर मोहम्मद का जन्म दिन है, यह उत्सव अरबी पंचांग के तीसरे मास की 12 दिनांक (12-रबी-उल-अव्वल) को मनाया जाता है

'ईद-ए-मीलादुन्नबी

पैग़म्बर मोहम्मद का जन्म दिन है, यह उत्सव अरबी पंचांग के तीसरे मास की 12 दिनांक (12-रबी-उल-अव्वल) को मनाया जाता है

उम्म-उल-मोमिनीन

(अर्थात) पैग़ंबर मोहम्मद साहब की हर एक पत्नि का उपाधि

उम्महात-उल-मोमिनीन

पैग़ंबर मोहम्मद साहब की पत्नियाँ

औक़ात-ए-ख़म्सा

पाँच अनिवार्य नमाज़ों के समय

क़द्रिया

एक संप्रदाय जो अपने कार्यों में स्वतंत्र मानता है और प्रभु में विश्वास नहीं करता है

कुन-फ़काँ

हो, फिर वह हो गया, उर्दू और फ़ारसी में आख़िरी नून का प्रायः अनुस्वार के उच्चारण के साथ पढ़ते हैं, ईश्वर ने कहा 'कुन' अर्थात हो जा या अस्तित्व में आ जा 'फ़काँ' फिर हो गई या अस्तित्व में आ गई

क़ुम-बि-इज़निल्लाह

अल्लाह के हुक्म से खड़ा हौजा, ख़ुदा के हुक्म से जी उठ (हज़रत ईसा अस्सलाम मर्दों को ये कलिमा कह कर ज़िंदा किया करते थे)

क़ुरआन

इस्लाम की पाक किताब है और इसकी नींव है, मुसलमानों का धर्म ग्रंथ, जो उनके मतानुसार आस्मानी किताब है, जिसमें तीस 'पारे’, छोटी बड़ी एक सौ चौदह सूरते’, ६६४० ‘आयते’ और ५४० ‘रुकूअ' है

क़ुर्बानी

वह जानवर जो हज या बक़राईद के अवसर पर ईश्वर के नाम पर ज़बह किया जाये तथा उसकी क्रिया या भाव

क़ुरैश

अरब का एक प्रतिष्ठित वंश या जनजाति जिसमें पैग़म्बर मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था

क़ुरैशी

'कुरशी', शुद्ध है, परंतु, उर्दू में कुरैशी भी बोलते हैं, कुरैश समुदाय से संबंध रखने वाला

क़िब्ला-गाह

जिस ओर मुख करके मुसलमान लोग नमाज़ पढ़ते या प्रार्थना करते हैं, पूजा करने की दिशा, पश्चिम दिशा, मक्का

ख़त्ना

मुस्लमानों में पैग़म्बर इब्राहीम द्वारा प्रचलित प्रथा जिसमें पुरुष के लिंग का अतिरिक्त चमड़ा काट दिया जाता है

ख़ुदाई-रात

कोई कठिनाई आ जाए तो औरतें मन्नत मानती हैं और जब ये मुश्किल टल जाती है तो रात-भर जागती और नज़र-ओ-नयाज़ (पूजा-अर्चना) के लिए पकवान से मस्जिद का ताक़ भरती हैं, रत-जगा, रतजगा जागरण

ख़म्स-उल-औक़ात

पाँच वक़्त, पांचों वक़्त (नमाज़ के लिए)

ख़ुलफ़ा

प्रतिनिधि लोग, स्थानापन्न लोग, मुसलमान शासकगण

ख़ानक़ाह

मुसलमान फकीरों, सूफ़ियों, साधुओं, अथवा धर्म-प्रचारकों एवं धर्मशिक्षकों के ठहरने या रहने का स्थान, आश्रम, मठ (ख़ाना-गाह का अरबीकरण)

ख़ारिजी

परराष्ट्र संबंधी। पुं० १. इस्लाम का एक संप्रदाय जो अली की खिलाफत को न्याय. संगत नहीं मानता और इसी लिए इसके अनुयायी बहिष्कृत समझे जाते हैं। २. सुन्नी मुसलमानों के लिए उपेक्षासूचक शब्द।

ग़दीर-उल-ख़ुम

शिया मुसलमानों का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्यौहार, जो अरबी पंचांग के महीने ज़िल-हिज्जा की 18 दीनांक को मनाया जाता है, इस दिन पग़म्बर मोहम्मद साहब ने 'ग़दीर-ए-ख़ुम' पर अली (पैग़म्बर मोहम्मद के दामाद और चौथे ख़लीफ़ा) की ओर संकेत करते हुए लोगों से कहा था 'मन कुंतु मौलाहु फ़-अलीयुन मौला'

ग़दीर-ए-ख़ुम

मक्का-मदीना के मध्य एक जगह का नाम 'ख़ुम' है जहाँ एक तालाब है इस कारण यह ग़दीर-ए-ख़ुम कहलाता है, जब पैग़म्बर मोहम्मद साहब हज करके मदीने जा रहे थे तो उस जगह आप ठहरे थे और ज़िल-हिज्जा की 18 तारीख़ को हज़रत अली के संबंध में कहा था "जिसको मैं प्यारा हूँ अली भी उसको प्यारा होना चाहिए"

ग़िलाफ़-ए-का'बा

मख़्मली ग़िलाफ़ (आवरण) जिसे प्रत्येक वर्ष हज के अवसर पर पवित्र काबा पर चढ़ाया जाता है

चेहलुम

मुसलमानों में किसी की मृत्यु के उपरांत का चालीसवाँ दिन, किसी की पुण्यतिथी से चालीसवें दिन का समारोह, मुर्दे का चालीस दिन में होनेवाला संस्कार, चालीसवाँ

चार-यार

(इस्लाम) पैग़म्बर मोहम्मद साहब के चार निकटतम दोस्त जो पैग़म्बर मोहम्मद के बाद उत्तराधिकारी (ख़लीफ़ा) बने अर्थात अबुबकर, उमर, उसमान और अली

ज़ुन्नूरैन

पैग़ंबर मोहम्मद साहब के तीसरे ख़लीफ़ा हज़रत उसमान का उपाधि जिनके निकाह में पैग़ंबर मोहम्मद साहब की दो बेटियाँ हज़रत रुक़य्या और हज़रत उम्मे कुलसूम एक के बाद एक आइ थीं

जुम'अत-उल-विदा'

 

ज़ुल-क़ा'दा

इस्लामी चंद्रवर्ष का ग्यारहवाँ महीना

जामा-ए-एहराम

वह चादर जो हाजी लोग हज के समय बाँधते है जो बिना सिला होता है और स्त्रीयों को इसके धारण करने से स्वतंत्र रखा गया है

तलाक़

बोल-चाल में, किसी चीज़ को सदा के लिए छोड़ या त्याग देने की क्रिया या भाव, छोड़ना, त्यागना

तहज्जुद

रात्री प्रार्थना, आधी रात के बाद की नमाज़, रात को जागना, रात में सो कर उठना

तहरीमा

नमाज़ी की नीयत बांधने के वक़्त पहली दफ़ा हाथ उठा कर अल्लाह अकबर कहने का अमल

तौफ़-ए-का'बा

काबे का तवाफ़, बैतुल्लाह के गर्द फिरना

दाब्बत-उल-अर्ज़

वो अजीब अल जानवर जो क़ुरब-ए-क़ियामत कोह-ए-सफ़ा से पैदा होगा और लोगों से कलाम करेगा इस के पास हज़रत-ए-सुलेमान अलैहि अस्सलाम की मुहर और हज़रत मूसा अलैहि अस्सलाम का असा होगा (हज़रत-ए-सुलेमान अलैहि अस्सलाम की मुहर और हज़रत-ए-मूसा अलैहि अस्सलाम के उसे से निशान लगा कर मुसलमान और काफ़िर की निशानदही करेगा

दोगाना

वह फल जिसमें दो फल जुड़े हों, जुड़वाँ या दुहरी चीज़, जैसे, दोगाना आम

नक़ाब

स्त्रियों की साड़ी या चादर का वह भाग जिससे उनका मुख ढका रहता हैक्स

नख़ला

खजूर का माद्दा पेड़ जिस में फल आता है

नबी-ए-आख़िरुज़्ज़माँ

आख़िरी ज़माने का नबी, आख़िरी नबी, सब से आख़िर में आने वाला नबी, वो नबी जिस के बाद कोई और नबी नहीं आएगा, मुरादन: हज़रत मुहम्मद सिल्ली अल्लाह अलैहि वालहा वसल्लम

नमाज़-ए-आयात

सूर्य ग्रहन, चंद्र ग्रहन, काली या लाल आँधी और तूफ़ान आदि आने पर पढ़ी जाने वाली नफ़ली नमाज़

नमाज़-ए-'ईद

ईद की नमाज़ जो दो रकात होती है, वह नमाज़ जो ईद के दिन ईदगाह में अदा की जाए

नमाज़-ए-जनाज़ा

वह नमाज़ जो मुसलमानों के जनाज़े पर मृतक की आत्मा की शान्ति के लिए पढ़ी जाती है, अंतिम संस्कार के लिए प्रार्थना

नमाज़-ए-शब

रात की नमाज़ (इशा)

नमाज़ी-कपड़े

ऐसे कपड़े जिन से नमाज़ पढ़ सकें, पाक कपड़े, ऐसे कपड़े जिन को पहन कर नमाज़ पढ़ सकें

ना'त-ए-अहमद

प्रशंसा, स्तुति, हज़रत मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति

नामूस-ए-रिसालत

पैगंबर मोहम्मद साहब के ईशदूतता का सम्मान और आदर

पंज-अर्कान

(शाब्दिक) पाँच कृतियाँ

परचम-बरदार

किसी आंदोलन या उद्देश्य या परियोजना का प्रस्तावक, किसी आंदोलन या विचारधारा का कट्टर समर्थक, प्रचारक, मार्गदर्शक

फ़त्ताह

खोलने वाला, सर करने वाला, विजय करने वाला, विजयी

फ़त्ह-ए-मुबीन

खुली हुई और स्पष्ट जीत, कामयाबी

फ़ुर्क़ान

क़ुरआन शरीफ़ का अन्य नाम

बैतुल-'अतीक़

(अर्थात) ख़ाना-ए-काअबा जो सब से पुराना घर है

बैतुल्लाह

खुदा का घर, मुसलमानों का काबा तीर्थ, ख़ाना-ए-काबा, ईश्वर का घर

बनी-फ़ातिमा

हज़रत अली करम अल्लाह वजहा की वो औलाद जो बीबी फ़ातिमा की नसल से है, सादात

बहिश्त

स्वर्ग, जन्नत, बाग़, गुलशन, स्वर्ग जैसा सुखमय स्थान

बाद-ए-'ईसा

पैग़म्बर ईसा की फूक, जिससे मुर्दे जी उठते थे (फ़ारसी वाले चिकित्सा विशेष्यग्य के लिए इस शब्द का प्रयोग करते हैं)

बाद-ए-मसीह

पैग़म्बर ईसा की फूक, जिससे मुर्दे जी उठते थे (फ़ारसी वाले चिकित्सा विशेष्यग्य के लिए इस शब्द का प्रयोग करते हैं)

बानो-ए-'अजम

 

बा'स-ओ-नश्र

(संकेतात्मक) क़यामत (परलय) का दिन (जिसमें मृतकों में दोबारा जान डाल कर जीवित किया जाएगा और जो मैदान-ए-हश्र में फैल जाएंगे) क़यामत

बा'स-ओ-नुशूर

(शाब्दिक) (मृतकों) के उठाए जाने और फैल जाने की क्रिया

मु'अल्लिम-उल-मलकूत

फ़िरिश्तों को पढ़ाने वाला जिसके संबंध में यह प्रसिद्ध है कि वह बहिस्कृत होने से पूर्व फ़रिश्तों (देवदूतों) को शिक्षा दिया करता था, शैतान

मक्का

(शाब्दिक) निकाल फेंकना, दूर करना

मक़सूद-ए-कुन-फ़काँ

(संकेतात्मक) पैग़म्बर मोहम्मद साहब जो ब्रह्मांड रचना का मूल कारण है

मुजतबा

चयनित, चुना हुआ, विशेष रूप से चयनित,पसंदीदा

मदीनत-उल-'इल्म

ज्ञान का शहर

मन-कुंतु-मौला

(हदीस) (अरबी वाक्य उर्दू में प्रयुक्त) मैं जिसका मित्र हूँ, मैं जिसका स्वामी हूँ, अर्थात: अली (पैग़म्बर मोहम्मद साहब के दामाद)

मुनाफ़िक़

(लाक्षणिक) जिसकी देखने में मुसलमान लगे लेकिन वास्तव में मुसलमान न हो, जो धोका देने के लिए मुसलमान बनने का ढोंग करे (लाक्षणिक) इस्लाम का दुशमन

मनासिक

मूल तत्व

मय-ए-कौसर

स्वर्ग की मदिरा, अर्थात: कौसर कुएँ का पानी

मुरजी

मर्जिया संप्रदाय का या उससे संबंधित, मर्जिया संप्रदाय

मुर्तद

जो अपना धर्म छोड़कर दूसरे के धर्म में चला जाय, जो इस्लाम धर्म छोड़कर काफ़िर हो गया हो, इस्लाम से फिरा हुआ, विधर्मी

मर्द-ए-मोमिन

ईश्वर का उपासक, साधक, संत

मरदूदुश्शहादत

वह जिसकी गवाही स्वीकार योग्य न हो, वह व्यक्ति जिसकी गवाही मानी न जा सके

मश'अर-उल-हराम

मुज़दल्फ़ा, यह वह स्थान जहाँ पवित्र मक्का में हज के समय क़ुर्बानी करते हैं

मह्र

वह राशि या संपत्ति जो मुसलमान वर निकाह के समय वधू को देने का वचन देता है

महरम

विश्वासपात्र, भेद का जानने वाला, परिचित, पहचानने वाला, जिससे थोड़ी-सी जान-पहचान हो

मीज़ान-ए-'अद्ल

न्याय का तराज़ू, नयाय का पलड़ा, वह पलड़ा जिसमें क़ियामत (प्रलय) के दिन क्रियाओं को परखा जाएगा तथा सच्ची कसौटी

मीलाद

पैग़म्बर मोहम्मद साहब का जन्म

मोमिन

(उर्दू) उर्दू कवि हकीम मोहम्मद ख़ाँ का उपनाम

यहया

(शाब्दिक) जीता है, जीवित है

यार-ए-ग़ार

सच्चा मित्र, घनिष्ट मित्र, पक्का दोस्त, कठिनाई के समय का यार, ख़ैर ख़ाह, रफ़ीक़, वहमदम

या-हुसैन

इमाम हुसैन को पुकारने के लिए प्रयुक्त 'ऐ हुसैन' (आह्वान के रूप में या सहायता की प्रार्थना के रूप में)

रमज़ान

(इस्लाम) इस महीने में मुसलमान पूरे दिन का रोज़ा (व्रत) रखते और रात में तरावीह पढ़ते हैं

रोज़ा

रोज़ों का महीना, रमज़ान

लैलत-उल-इसरा

स्वर्गारोहण की रात जब पैगंबर मोहम्मद साहब स्वर्ग को गए थे

लैलत-उल-क़द्र

प्रायः यह माना गया है की वह रात रमज़ान के महीने की सात्ताइसवीं रात होती है, जिसमें जप-तप करना बहुत अच्छा माना गया है, रमज़ान के अंतिम 10 की विषम रात्री में भी माना गया है (जबकि इस रात के निर्धारण में मतभेद पाया जाता है)

लाहूती

आलम-ए-लाहूत अर्थात ब्रह्मलोक का, तल्लीनता के स्थान का, ब्रह्मलीन, फ़ना फ़िल्लाह

वफ़ा बिल-'अहद

(शाब्दिक) वचन का पूरा करना

शब-ए-इसरा

मेराज की रात

शब-बरात

(लोकमान्यता) उक्त रात को देवदूत लोगों को जीविका देते हैं, इसी ख़ुशी में लोगों द्वारा विशेष रूप से मुसलमानों द्वारा नमाज़, मज़ार का दर्शन, मिठाई बाँटना और आतिशबाज़ी आदि करते हैं तथा इसी रात में लोग मृत लोगों की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करते हैं, हिज्री पंचांग के शाबान महीने की पंद्रहवीं रात

शाफ़े'-ए-महशर

क़ियामत के दिन गुनाहों की बख़शिश के लिए शफ़ाअत करने वाला

शाफ़े'-ए-रोज़-ए-जज़ा

मुराद : हज़रत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम

शिर्क-फ़िज़्ज़ात

कई ख़ुदाओं पर यक़ीन रखना, तौहीद बारी से मुनहरिफ़ होना

शिहाब-ए-साक़िब

(भौतिक खगोलिकी) वह छोटे-छोटे अजराम या शहाब जिनकी रफ़्तार बहुत तेज़ होती है, पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए पृथ्वी के वायुमंडल से टकरा जाते हैं तो उनकी रफ़्तार इतनी तेज़ हो जाती है कि हवा की मुज़ाहमत से जो तापमान पैदा होता है वह उनको जला कर ख़ाक कर देती है

संग-ए-तुर्बत

वह पत्थर जो क़ब्र के सिरहाने लगाते हैं और जिसमें मृत का नाम और तारीख आदि लिखते हैं

सना

स्तुति, स्तवन, वंदना, हम्द (विशेष रूप से भगवान के लिए, तथा मुहम्मद साहब की गुणगाथा)

सूरा

पवित्र क़ुरान में कुल 114 अध्याय में से कोई एक, क़ुरान का कोई अध्याय

सहर-गही

वह भोजन जो किसी दिन निर्जल व्रत करने के पहले बहुत तड़के या कुछ रात रहे ही किया जाता है, सहरी

हक़्क़ुल्लाह

(धर्मशास्त्र) ईश्वर के अधिकार जो जनता पर है, जैसे: पूजा, व्रत और दूसरे धार्मिक कर्म

हज्ज-ए-अकबर

सामान्य हज (क्योंकि 'उमरा' को हज्ज-ए-असग़र' भी कहते हैं)

हज्जन

वो औरत जिस ने हज क्या हो, हज करने वाले औरत

हुदूद-ए-शर'इय्या

शरई सज़ाएं, वो सज़ाएं जो क़ानून इस्लाम के मुताबिक़ हूँ, रुक हद मानी नंबर १३

हन्नाना

वह स्त्री जो अपने पहले पति को याद कर-कर के विलाप और दुख प्रकट करती हो, बहुत रोने वाली, विलाप करने वाली, अतिविलापी

हव्वा

(शाब्दिक) लालिमा लिए हुए कालापन, काले होंटोंं वाली

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