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आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
दूध-शरीक बहन
ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन
"जुआ" टैग से संबंधित शब्द
"जुआ" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
इल्ली
जुआ: लड़कों का एक खेल जिसमें कुछ कौड़ियां लेकर तीन या चार लड़के एक दायरे में फेंकते हैं (एक लड़का फेंकता है बाक़ी लड़के अपनी मुट्ठी में हार जीत वाला धन गुप्त रखते हैं जो फेंकने वाला जीतता है उसे वो रक़म मिल जाती है)
क्यों नहीं
۔۱۔कलाम मनफ़ी के जवाब में आता है जिस में इस्तिफ़हाम हो। ख़ुदा ने अर्वाह से फ़रमाया क्या में तुम्हारा परवरदिगार नहीं हूँ। उनहोंने जवाब दिया क्यों नहीं। यानी क्यों नहीं से ख़ुदा के परवरदिगार ना होने से इनकार यानी परवरदिगार होने का इक़रार कियागया है। २। यहलफ़ज़ आम तौर पर भी इस्तिफ़हाम के जवाब में आता है ख़ाह कलाम मनफ़ी हो या मुसबत। क्या तुम सैर को नहीं चलोगे? जवाब क्यों नहीं। आप भी चलिएगा? (जवाब क्यों नहीं। ३। सवाल की हालत में लहजा का फ़र्क़ होजाता है तो क्यों पर ज़ोर दे कर बोलते हैं। इस स्वर में ज़रूर। बालज़रोर के मआनी है।
छक्का
(आतिशबाज़ी) एक आतिशबाज़ी का नाम जो मोटे मज़बूत बाँसों की लंबी लंबी पर यूं पर तांत लपेट कर ऊपर से झिल्ली चढ़ा और अंदर ख़ूब ठूंस ठूंस कर बारूद भर कर बनाई जाती है
छक्ड़ी
(क़िमारबाज़ी) चौसर का एक दांव, पाँसों में दो दो सिफ़र आना, चौपड़ खेल का एक दांव, वो छः घोड़े जो एक साथ गाड़ी में जुते हूँ
जोड़ू
(क़िमारबाज़ी) नौशा मार जवारीयों में से तीसरी कसम जो किसी दौलतमंद को फ़रेब दे कर लाता और झांसा दे कर अपने साथी के साथ जोह खुलवाता है, दौलतमंद को जोह खेलने के लिए घेर कर लाने वाला जवारी
जोश में आना
आपे से बाहर होना, (जवानी का) ज़ोर दिखाना, ग़ज़ब करना, गुस्से में आना, जोर दिखाना, ज़ोर पकड़ना, ज़ोरों पर आना, आवेश में आना, प्रोत्साहित होना, ताव देखाना, बल खाना, चढ़ाव पर होना
ठटेरे मारना
अशिक्षित औरतों का मानना है कि मंगलवार को ठटेरे (ज्वार या बाजरे की छड़ी) की मार से आदमी दुबला हो जाता है
ठोकर
ठेस, पाँव किसी चीज़ से टकरा जाना, किसी तरह का अनिष्टकारी आघात, ऐसी चीज़ जिससे चोट लग सकती हो, धक्का, रोड़ा, सड़क में उभरा हुआ पत्थर, पैर से किया गया आघात, ज़रब, धक्का, सदमा, सीधे रास्ते से बहकने का अमल, नाचने वाले का नाचने में क़दम मारने का अंदाज़, माशूक़ की नाज़ुक चाल
डोरा
(पटवा गिरी) ज़ेवर में डाला हुआ रेशमी या सोओती तागे का हिंद जिस की विजय से ज़ेवर गले में या कलाई में पहना जा सके
तोड़ू
(क़िमारबाज़ी) पेशावर क़िमार बाज़ों की वो क़सम जो अच्छी पोशाक और ज़ेवर से मलबूस हो कर दौलतमंद-ओ-साहूकार बिन जाता है और बंज़र फ़रेबदिही अपने दूसरे हमराही के साथ जोह खेलता और अपनी हक़ारत जतलाता है
दून
दुगुना या दूना होने की अवस्था या भाव, अपनी शक्ति, सामर्थ्य आदि के संबंध में बहुत बढ़-बढ़कर बातें करना, शेखी बघारना, दून की सूझना, ऐसी बात सूझना जो सहज में पूरी न हो सकती हो,मुहा०-दून की लेना या हाँकना,
पट्ठा
गोखरू वग़ैरा की तोई जो अत्लस या सासन लेट वग़ैरा की चौड़ी गोट पर बनी हुई हो जिसे दोपट्टे या करती पर टाँकते हैं
मूठ
किसी उपकरण, यंत्र, शस्त्र आदि का वह भाग जहां से उसे पकड़ा या उठाया जाता है, जैसे-छाता, चक्की या तलवार की मूठ
मुनाफ़िस
मुक़ाबला या सामना करने वाला; (जूआबाज़ी) इस्लाम से पूर्व अरब में दस तीरों से खेले जाने वाले जूए के सातवें तीर का नाम
मोड़ू
(जुआ खेलना) वह व्यक्ति जो किसी सीधे लालची और पैसे वाले को तलाश करके जुए के लिए अपने साथियों को सूचना देता है
लब्बैक
(अरबी का वाक्य है जो ऊर्दू में प्रचलित है) मालिक के पुकारने पर दास की ओर से दिया जाने वाला उत्तर, उपस्थित हूँ कहना
संगली
(जवाहरात) मर्वारीद, जौहरी हज़रात की मुरत्तिब करदा इक़साम के मुताबिक एक क़िस्म जो ग़ालिबन सिंगल दीप यानी श्रीलंका में दस्तयाब है, मशरिक़ी मोती
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