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कोशिश
कोई काम करने के लिए विशेष रूप से किया जानेवाला प्रयत्न, मेहनत, दौड़ धूप, प्रयत्न, प्रयास, चेष्टा, उद्योग, श्रम, उद्यम, उपाय, परिश्रम
आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
"त्योहार" टैग से संबंधित शब्द
"त्योहार" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
'ईद
मुसलमानों का प्रसिद्ध त्योहार; ख़ुशी का दिन; रमज़ान मास के रोज़े समाप्त होने पर चाँद दिखाई देने के दूसरे दिन मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार।
'ईद-उल-फ़ित्र
वह ईद.जो रोज़ा का महीना पूर्ण होने की खुशी में मनायी जाती है और जिसमें सिवैयाँ पकती हैं, यह शव्वाल की प्रथम दिनांक को होती है, चूँकी मुसलमान इस दिन फ़ित्रा (दान) जो निर्धन एवं दरिद्र को देते हैं इस्लिए इसे ईद-उल-फित्र भी कहते हैं, सदक़ा (भिक्षा) देने वाली ईद
'ईद-ए-ग़दीर
शिया मुसलमानों का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्यौहार, जो अरबी पंचांग के महीने ज़िल-हिज्जा की 18 दीनांक को मनाया जाता है, इस दिन पग़म्बर मोहम्मद साहब ने 'ग़दीर-ए-ख़ुम' पर अली (पैग़म्बर मोहम्मद के दामाद और चौथे ख़लीफ़ा) की ओर संकेत करते हुए लोगों से कहा था 'मन कुंतु मौलाहु फ़-अलीयुन मौला'
'ईद-ए-मुबाहला
अरबी साल के अंतिम महीने (ज़िल-हिज्जा) का 24 दिनांक ख़ुशी और उत्साह का दिन है, इसी तारीख़ को पैग़म्बर मोहम्मद साहब ने ईश्वर की आज्ञा पर अपनी बेटी फ़ातिमा, दामाद अली, नवासे हसन और हुसैन को अपने साथ ले कर नजरान के ईसाइयों से मुबाहला (एक-दूसरे को अभिशाप देना) करने वहाँ पहुँचे, इन पाँचों लोगों को देख कर ईसाइयों ने मबाहला नहीं करने का निर्णय लिया और जिज़्या (कर) देना स्वीकार किया, इस विजय की ख़ुशी में शीआ लोग उत्सव मनाते हैं, इसी घटना के संदर्भ में 'पंजतन-पाक' की परिभाषा चलन में आई
'ईद-ए-मीलाद
पैग़म्बर मोहम्मद का जन्म दिन है, यह उत्सव अरबी पंचांग के तीसरे मास की 12 दिनांक (12-रबी-उल-अव्वल) को मनाया जाता है
'ईद-ए-मीलादुन्नबी
पैग़म्बर मोहम्मद का जन्म दिन है, यह उत्सव अरबी पंचांग के तीसरे मास की 12 दिनांक (12-रबी-उल-अव्वल) को मनाया जाता है
क्रिसमस-डे
महान ईसाई दिवस, यीशु के जन्म का दिन, ईसाइयों का बड़ा दिन, हज़रत ईसा की पैदाइश का दिन, 25 दिसंबर
ग़दीर-उल-ख़ुम
शिया मुसलमानों का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्यौहार, जो अरबी पंचांग के महीने ज़िल-हिज्जा की 18 दीनांक को मनाया जाता है, इस दिन पग़म्बर मोहम्मद साहब ने 'ग़दीर-ए-ख़ुम' पर अली (पैग़म्बर मोहम्मद के दामाद और चौथे ख़लीफ़ा) की ओर संकेत करते हुए लोगों से कहा था 'मन कुंतु मौलाहु फ़-अलीयुन मौला'
जन्माष्टमी
कृष्ण के जन्म की याद में मनाया जाने वाला पर्व, भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी का त्योहार, कृष्ण-जन्माष्टमी
नौ-रोज़
साल का पहला दिन, ईरानियों में फ़र्वरदीन मास का पहला दिन जिसमें वह बहुत बड़ा उत्सव मनाते हैं, (फारसी पंचांग के अनुसार, जिस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है)
बक़र'ईद
मुसलमानों की वह ईद जो अरबी मास ज़ुलहिज्जा की दसवीं तारीख को होती है, जो पैग़म्बर इब्राहीम को अपने पुत्र इस्माईल को बलि देने के स्मृति में मनाया जाता है, जब्कि पैग़म्बर इस्माईल के स्थान पर ईश्वर ने स्वर्ग से एक मेंढा भेज उसको पैग़म्बर इस्माईल से परिवर्तित कर दिया था और उसकी बलि हुई थी
बकरा-'ईद
मुसलमानों की वह ईद जो अरबी मास ज़ुलहिज्जा की दसवीं तारीख को होती है, जो पैग़म्बर इब्राहीम को अपने पुत्र इस्माईल को बलि देने के स्मृति में मनाया जाता है, जब्कि पैग़म्बर इस्माईल के स्थान पर ईश्वर ने स्वर्ग से एक मेंढा भेज उसको पैग़म्बर इस्माईल से परिवर्तित कर दिया था और उसकी बलि हुई थी
यौम-ए-नह्र
दस ज़िल-हिज्जा का दिन जब हाजी मिना (अरब में एक स्थान) में कँकरीयाँ मारने के बाद पैग़म्बर इब्राहीम अनुकरण में पशु नह्र (क़ुर्बान) करते हैं, क़ुर्बानी का दिन
यौमुन्नह्र
दस ज़िल-हिज्जा का दिन जब हाजी मिना (अरब में एक स्थान) में कँकरीयाँ मारने के बाद पैग़म्बर इब्राहीम अनुकरण में पशु नह्र (क़ुर्बान) करते हैं, क़ुर्बानी का दिन
रक्षा-बंधन
हिंदुओं का एक त्यौहार जो श्रावण शुक्ला पूर्णिमा को होता है, और जिसमें बहन अपने भाई तथा पुरोहित अपने यजमान की कलाई पर रक्षा-सूत्र बाँधता है
राखी-बंधन
हिंदुओं का एक त्यौहार जो श्रावण शुक्ला पूर्णिमा को होता है, और जिसमें बहन अपने भाई तथा पुरोहित अपने यजमान की कलाई पर रक्षा-सूत्र बाँधता है
लोढ़ी
(पंजाब) मकर संक्रान्ति से पहले वाले दिन का एक त्योहार जिसमें रात के समय अग्नि की पूजा होती है, लोहड़ी
लोहड़ी
(पंजाब) मकर संक्रान्ति से पहले वाले दिन का एक त्योहार जिसमें रात के समय अग्नि की पूजा होती है, लोढ़ी
शब-बरात
(लोकमान्यता) उक्त रात को देवदूत लोगों को जीविका देते हैं, इसी ख़ुशी में लोगों द्वारा विशेष रूप से मुसलमानों द्वारा नमाज़, मज़ार का दर्शन, मिठाई बाँटना और आतिशबाज़ी आदि करते हैं तथा इसी रात में लोग मृत लोगों की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करते हैं, हिज्री पंचांग के शाबान महीने की पंद्रहवीं रात
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