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उसे

उस को

उसे क्या कहिए

what is this? what do you call it?

उसे क्या कहते हैं

what is this? what do you call it?

उसे छुपाओ तुम्हें निकालो

रुक : 'उसे छुपाओ उसे दिखाओ'

उसे छुपाओ तुम्हें दिखाओ

रुक : 'उसे छुपाओ उसे दिखाओ'

उसे तो धोनी भी नहीं आती

शौच के लिए पानी लेना भी नहीं जानता

उसे तो धोती बाँधनी भी नहीं आती

अनभिज्ञ या अनाड़ी है, बड़ा मूर्ख है

इसे छुपाओ उसे निकालो

the two look so identical that you can not tell one from that other

इसे छिपाओ उसे निकालो

इस मौक़ा पर कहते हैं जब दो शख्सों के दरमयान मुशाबहत बदरजा कमाल हो, मतलब ये कि गोया दोनों एक हैं

इसे छिपाओ उसे दिखाओ

इस मौक़ा पर कहते हैं जब दो शख्सों के दरमयान मुशाबहत बदरजा कमाल हो, मतलब ये कि गोया दोनों एक हैं

इसे छुपाओ उसे दिखाओ

the two look so identical that you can not tell one from that other

पानी गले उसे उतरना

۔ پانی کا حلق کے نیچے جانا۔ ؎

जिसे वो रखे उसे कौन चखे

रुक : जिसे अल्लाह रखे अलख

छुरी पाता हूँ तो उसे नहीं पाता, उसे पाता हूँ तो छुरी नहीं पाता

किसी के प्रति अपना तीव्र रोष और विद्वेष प्रकट करना

जिसे अल्लाह रखे उसे कौन चखे

no one can harm whom God protects

गुड़ से मरे तो ज़हर उसे क्यूँ दे

जो काम नरमी से निकले तो उस में सख़्ती क्यूँ की जाये अथवा मिठास से काम चल जाए तो सख़्ती क्यूँ की जाए

जिसे ख़ुदा रक्खे उसे कौन चक्खे

जिसे ईश्वर स्वस्थ रखना चाहते हैं, उसे कौन मार सकता है, कौन नुक़सान पहुँचा सकता है, ईश्वर की आज्ञा के बिना कुछ भी नहीं होता मौत और जीवन ईश्वर के अधिकार में हैं

जिसे अल्लाह रक्खे उसे कौन चक्खे

जिसे ईश्वर स्वस्थ रखना चाहते हैं, उसे कौन मार सकता है, कौन नुक़सान पहुँचा सकता है, ईश्वर की आज्ञा के बिना कुछ भी नहीं होता मौत और जीवन ईश्वर के अधिकार में हैं

खरे से खोटा उसे हमेशा 'अर्श का टूटा

बद नी्यत के काम में कभी बरकत नहीं होती, जो शख़्स नेक से बदी करे वो नुक़्सान उठाता है

ख़ुदा जिस को रक्खे उसे काैन चक्खे

अल्लाह की मदद शामिल हो तो कोई नुक़्सान नहीं पहुंच सकता

जो धरती पर आया उसे धरती ने खाया

जो पैदा हुआ वो मरेगा भी

जो धरती पे आया उसे धरती ने खाया

जो पैदा हुआ वो मरेगा भी

जो गुड़ दिए से मरे उसे ज़हर क्यूँ दे

जो काम नरमी से निकले तो उस में सख़्ती क्यूँ की जाये अथवा मिठास से काम चल जाए तो सख़्ती क्यूँ की जाए

इसे साई , उसे बधाई

promising things with one and dealing with the other, double-dealing, duplicity

जिस का यार कोतवाल उसे डर काहे का

जिस का संबंध अधिकारियों से हो, वह किसी चीज़ से भयभीत नहीं होता

काजल की कोठरी में जो जाएगा उसे टीका लगेगा

बुरी जगह या बदनामी की जगह जाने से बदनाम ही होगा

दिन का भूला रात को घर आया तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

फ़ज्र का भूला शाम को घर आवे तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति बिना कारण अनुचित काम करे और फिर उससे आलग हो जाए तो उस पर गुनाह साबित नहीं होता

जिस ने न पी गाँजे की कली , उसे बेटे से बेटी भली

निशा करने वाले गांजा पीने को मर्दानगी की निशानी समझते हैं और जो ना पीए इस के लिए ये फ़िक़रा बोलते हैं

शाम का भूला सुब्ह को आए तो उसे भूला नहीं कहते

जो आदमी थोड़ी सी ठोकर खाकर सँभल जाए तो उसे रास्ते से भटका हुआ नहीं समझना चाहिए

सुब्ह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

दमड़ी की हाँडी लेते हैं तो उसे भी ठोंक बजा कर लेते हैं

कोई साधारण वस्तु भी लो तो अच्छी तरह जाँच कर लो, हर काम सोच समझ कर करना चाहिए

सवेरे का भूला साँझ को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर ग़लती करने वाला जल्द ही उस की तलाफ़ी कर दे तो काबिल-ए-माफ़ी है, इंसान गुनाह करके तौबा करे तो ग़नीमत है, अगर बिगड़ने के बाद सुधर जाये तो बुरा नहीं

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे एहसास हो जाए और वह ग़लती छोड़ दे तो क्षमा के योग्य है

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

दिन का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

दिन का भूला रात को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

सुब्ह का भोला शाम को घर आ जाए तो उसे भोला नहीं कहना चाहिए

better late than never

जिस ने रंडी को चाहा उसे भी ज़वाल और जिस को रंडी ने चाहा उस की भी तबाही

तवाइफ़ का यार हर तरह ख़ार रहता है

उत दाता देवे उसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में उसे के अर्थदेखिए

उसे

useاُسے

वज़्न : 12

उसे के हिंदी अर्थ

सर्वनाम

  • उस को

शे'र

English meaning of use

Pronoun

  • him
  • that
  • that to him / her

اُسے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

ضمیر

  • اس کو

Urdu meaning of use

  • Roman
  • Urdu

  • is ko

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उसे

उस को

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उसे क्या कहते हैं

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उसे छुपाओ तुम्हें निकालो

रुक : 'उसे छुपाओ उसे दिखाओ'

उसे छुपाओ तुम्हें दिखाओ

रुक : 'उसे छुपाओ उसे दिखाओ'

उसे तो धोनी भी नहीं आती

शौच के लिए पानी लेना भी नहीं जानता

उसे तो धोती बाँधनी भी नहीं आती

अनभिज्ञ या अनाड़ी है, बड़ा मूर्ख है

इसे छुपाओ उसे निकालो

the two look so identical that you can not tell one from that other

इसे छिपाओ उसे निकालो

इस मौक़ा पर कहते हैं जब दो शख्सों के दरमयान मुशाबहत बदरजा कमाल हो, मतलब ये कि गोया दोनों एक हैं

इसे छिपाओ उसे दिखाओ

इस मौक़ा पर कहते हैं जब दो शख्सों के दरमयान मुशाबहत बदरजा कमाल हो, मतलब ये कि गोया दोनों एक हैं

इसे छुपाओ उसे दिखाओ

the two look so identical that you can not tell one from that other

पानी गले उसे उतरना

۔ پانی کا حلق کے نیچے جانا۔ ؎

जिसे वो रखे उसे कौन चखे

रुक : जिसे अल्लाह रखे अलख

छुरी पाता हूँ तो उसे नहीं पाता, उसे पाता हूँ तो छुरी नहीं पाता

किसी के प्रति अपना तीव्र रोष और विद्वेष प्रकट करना

जिसे अल्लाह रखे उसे कौन चखे

no one can harm whom God protects

गुड़ से मरे तो ज़हर उसे क्यूँ दे

जो काम नरमी से निकले तो उस में सख़्ती क्यूँ की जाये अथवा मिठास से काम चल जाए तो सख़्ती क्यूँ की जाए

जिसे ख़ुदा रक्खे उसे कौन चक्खे

जिसे ईश्वर स्वस्थ रखना चाहते हैं, उसे कौन मार सकता है, कौन नुक़सान पहुँचा सकता है, ईश्वर की आज्ञा के बिना कुछ भी नहीं होता मौत और जीवन ईश्वर के अधिकार में हैं

जिसे अल्लाह रक्खे उसे कौन चक्खे

जिसे ईश्वर स्वस्थ रखना चाहते हैं, उसे कौन मार सकता है, कौन नुक़सान पहुँचा सकता है, ईश्वर की आज्ञा के बिना कुछ भी नहीं होता मौत और जीवन ईश्वर के अधिकार में हैं

खरे से खोटा उसे हमेशा 'अर्श का टूटा

बद नी्यत के काम में कभी बरकत नहीं होती, जो शख़्स नेक से बदी करे वो नुक़्सान उठाता है

ख़ुदा जिस को रक्खे उसे काैन चक्खे

अल्लाह की मदद शामिल हो तो कोई नुक़्सान नहीं पहुंच सकता

जो धरती पर आया उसे धरती ने खाया

जो पैदा हुआ वो मरेगा भी

जो धरती पे आया उसे धरती ने खाया

जो पैदा हुआ वो मरेगा भी

जो गुड़ दिए से मरे उसे ज़हर क्यूँ दे

जो काम नरमी से निकले तो उस में सख़्ती क्यूँ की जाये अथवा मिठास से काम चल जाए तो सख़्ती क्यूँ की जाए

इसे साई , उसे बधाई

promising things with one and dealing with the other, double-dealing, duplicity

जिस का यार कोतवाल उसे डर काहे का

जिस का संबंध अधिकारियों से हो, वह किसी चीज़ से भयभीत नहीं होता

काजल की कोठरी में जो जाएगा उसे टीका लगेगा

बुरी जगह या बदनामी की जगह जाने से बदनाम ही होगा

दिन का भूला रात को घर आया तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

फ़ज्र का भूला शाम को घर आवे तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति बिना कारण अनुचित काम करे और फिर उससे आलग हो जाए तो उस पर गुनाह साबित नहीं होता

जिस ने न पी गाँजे की कली , उसे बेटे से बेटी भली

निशा करने वाले गांजा पीने को मर्दानगी की निशानी समझते हैं और जो ना पीए इस के लिए ये फ़िक़रा बोलते हैं

शाम का भूला सुब्ह को आए तो उसे भूला नहीं कहते

जो आदमी थोड़ी सी ठोकर खाकर सँभल जाए तो उसे रास्ते से भटका हुआ नहीं समझना चाहिए

सुब्ह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

दमड़ी की हाँडी लेते हैं तो उसे भी ठोंक बजा कर लेते हैं

कोई साधारण वस्तु भी लो तो अच्छी तरह जाँच कर लो, हर काम सोच समझ कर करना चाहिए

सवेरे का भूला साँझ को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर ग़लती करने वाला जल्द ही उस की तलाफ़ी कर दे तो काबिल-ए-माफ़ी है, इंसान गुनाह करके तौबा करे तो ग़नीमत है, अगर बिगड़ने के बाद सुधर जाये तो बुरा नहीं

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे एहसास हो जाए और वह ग़लती छोड़ दे तो क्षमा के योग्य है

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

दिन का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

दिन का भूला रात को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

सुब्ह का भोला शाम को घर आ जाए तो उसे भोला नहीं कहना चाहिए

better late than never

जिस ने रंडी को चाहा उसे भी ज़वाल और जिस को रंडी ने चाहा उस की भी तबाही

तवाइफ़ का यार हर तरह ख़ार रहता है

उत दाता देवे उसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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