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राजा

अधिपति। मालिक। स्वामी।

राजा-पाट

رک : راج پاٹ ، تخت و تاج .

राजा-प्रजा

सब, हर कोई, ख़ास और आम

राजा-भोज

ایک بادشاہ جو اپنی دولت کے سبب بہت مشہور ہے .

राजा-पति

(हिंदू) शादी का एक ढंग जिसके अनुसार औरत और मर्द को एकजा करके पति-पत्नी के रिश्ते से नामित कर देते हैं

राजा-पन

بادشاہی ، تاجداری ، رُتبۂ پادشاہی

राजा-हल

(زراعت) ایک بڑے ہل کا نام جو زیادہ گہرائی حاصل کرنے کے لیے اِستعمال کِیا جاتا ہے .

राजा-इंद्र

देवताओं और परीयों का राजा, प्रतीकात्मक: वो व्यक्ति जो सुंदर महिलाओं की भीड़ में सबसे प्रिय हो

राजा-मंदरी

(بُنائی) موٹی قِسم کا بنا ہوا کپڑا جو مدراس کے ایک مقام راجہ مندری کے نام سے مشہور تھا ، اُسکو کالیکو کہتے تھے

राजा-धिराज

राजाओं का राजा, शाह-ए-शाहाँ, शहंशाह

राजा-महरा

कहारों का चौधरी

राजा-अधीराज

राजाओं का राजा, शहंशाह

राजा रूठेगा अपनी नगरी लेगा

राजा क्रोधित होगा तो देश से निकाल देगा

राजा हुए तो क्या , वो ही जाट के जाट

माल-ओ-दौलत ज़ात और असल को नहीं बदलती

राजा राज प्रजा सुखी

जहाँ का शासक अच्छा होगा वहाँ के लोग सुखी होंगे

राजा की बेटी क़िस्मत की हेटी

अमीर की लड़की ग़रीब के घर ब्याही जाए तो कहते हैं

राजा की बेटी क़िस्मत की हेटी

उस व्यक्ति के लिए कहते हैं जो उच्च पद पर होते हुए भी कम भाग्यशाली हो

राजा जोगी, अग्नि जल उनकी उल्टी रीत

राजा, जोगी, आग और पानी का कोई एतबार नहीं करना चाहीए इन की मुहब्बत थोड़ी होती है ये किसी वक़्त भी नुकसान पहुंचा सकते हैं

राजा छुए और रानी होए

जिस पर राजा मेहरबानी करे वही हुकूमत करता है

राजा रूठें राज लें रानी रूठें सुहाग लें

ऐसे मौक़ा पर मुस्तामल जहां किसी के रूओठ जाने की कोई पर्वा ना हो

राजा के घर आई तुरत रानी कहलाई

ऐसे अवसर पर प्रयुक्त जब किसी ग़रीब घर की लड़की दौलतमंद के घर ब्याही जाए

राजा रूठें राज लें रानी रूठें भाग लें

ऐसे मौक़ा पर मुस्तामल जहां किसी के रूओठ जाने की कोई पर्वा ना हो

राजा जोगी किस के मीत

राजा और जोगी किसी के मित्र नहीं होते

राजा जोगी, अगन जल उनकी उल्टी रीत

राजा, जोगी, आग और पानी का कोई एतबार नहीं करना चाहीए इन की मुहब्बत थोड़ी होती है ये किसी वक़्त भी नुकसान पहुंचा सकते हैं

राजा किस के पाहूने, जोगी किस के मीत

(राजा और जोगी) दोनों की मुहब्बत और राह-ओ-रस्म का कोई एतबार नहीं

राजा किस के पाहुने, जोगी किस के मीत

राजा और जोगी दोनों के प्रेम और मेल-जोल का कोई भरोसा नहीं

राजा हुए तो क्या हुआ अंत जाट के जाट

कमीना कितने ही बलंद मर्तबा पर पहुंच जाये उस की फ़ितरत नहीं बदलती , दौलतमंद हो जाने के बावजूद पुरानी आदतें नहीं बदलतीं

राजा की सभा नर्क को जाए

चापलूस हाँ में हाँ मिलाते हैं उन्हें सच और झूठ से कुछ लेना-देना नहीं होता

राजा का दूजा, बकरी का तीजा, दोनों ख़राब

राजा का दूसरा बेटा और बकरी का तीसरा बच्चा दोनों ख़राब होते हैं क्यूँकि राजा का दूसरा राज्य नहीं और बकरी का तीसरा थन नहीं तो मानों यह सूरतें झगड़े एवं फ़साद की हैं

राजा क्या जाने भूके की सार

भूख की क़द्र अमीर आदमी नहीं जान सकता

राजा के घर मोतियों का काल

किसी चीज़ का उस स्थान पर उपलब्ध न होना जहाँ वह प्रचुर मात्रा में हो या जहाँ उसके प्रचुर मात्रा के साथ पाया जाना चाहिये

राजा भए तो क्या हुआ अंत जाट के जाट

कमीना कितने ही बलंद मर्तबा पर पहुंच जाये उस की फ़ितरत नहीं बदलती , दौलतमंद हो जाने के बावजूद पुरानी आदतें नहीं बदलतीं

राजा नल पियो बिपता पड़ी भूनी मछली जल में पड़ी

अपने काम बिगड़ जाने के वक़्त कहते हैं, बुरे दिन आएं तो हर नाम में नुकसान होता है कहते हैं कि जब राजा नल बनबास में थे तो उन की रानी ने एक दिन मछली भूओनी चूँकि उस को राख लग गई थी दरिया पर जा कर धोने लगी तो मछली ज़िंदा हो कर तैरने लगी

राजा रूठे गा अपनी नगरी लेगा

राजा नाराज़ होगा तो शहर से निकाल देगा, वहाँ कहते हैं जहाँ किसी की नाराज़गी की परवाह नहीं होती

राजा नल पर बिपता पड़ी, भूनी मछली जल में पड़ी

बुरे दिन आएँ तो हर नाम में हानि होती है

राजा क्या जाने भूके सार

जिसने भूख सही हो वही जानता है भूख की क़ीमत अमीर आदमी नहीं कर सकता दर्दमंद ही को दूसरे के दर्द का एहसास होता है और कोई नहीं हो सकता

राजा बुलावे ठारी आवे

राजा बुलाए तो जल्दी आता है हाकिम या ज़बरदस्त बुलाए तो लोग फ़ौरन आजाते हैं, हाकिम के हुक्म की बजा आवरी करनी ही पड़ती है

राजा भीम की क़ज़ा राम की रज़ा

जब मृत्यु आती है तो बड़े बड़े नहीं बच सकते

राजा रूठेगा नगरी लेगा

हाकिम नाराज़ होगा तो जिलावतन कर देगा और क्या करेगा (ऐसे मौक़ा पर मुस्तामल जहां किसी के नाराज़ हो जाने को कोई पर्वा ना हो

राजा रूठेगा अपना सुहाग लेगा , क्या कसी का भाग लेगा

राजा ख़फ़ा हो तो जो कुछ इस ने देव है वो वापिस ले लेगा, किस्मत पर तो इस का इख़तियार नहीं

राजा को मोती का दुख

प्रत्येक व्यक्ति किसी भी स्थिति में किसी न किसी अभाव का शिकार होता है

राजा घाइल का स्वाँग भरा

زخمْی ہوگیا ، خُونا خُون ہو گیا

राजा को मोती का दुख

जहाँ भरमार, प्रचुरता और रेल पेल होनी चाहिए वहाँ कोई चीज़ न मिले तो कहते हैं

राजा का दान प्रजा का अश्नान

ग़रीबों का परिश्रम और अमीरों की दानशीलता एवं उदारता बराबर है

राजा का परचाना और साँप का खिलाना बराबर है

राजाओं और हुकमरानों की संगत में हर समय ख़तरा होता है

राजा इंदर का अखाड़ा

ऐसी सभा जिसमें सुंदर औरतों की भीड़ हो

राजा आगे राज, पीछे छलनी न छाज

विधवा महिला कहती है कि पति के जीवन में ऐश नसीब था उस की मृत्यु के बा'द कुछ भी न रहा

राजा से प्रजा तक

حاکم سے رعایا تک ، امیر ، غریب ، ہر کوئی ، خاص و عام .

राजा से प्रजा तलक

حاکم سے رعایا تک ، امیر ، غریب ، ہر کوئی ، خاص و عام .

राजा रखे रानी खावे

कमाए कोई, उड़ाए कोई

राजाई

धनी, दौलतमंदी

राजा बुलावे ठारा आवे

राजा बुलाए तो जल्दी आता है हाकिम या ज़बरदस्त बुलाए तो लोग फ़ौरन आजाते हैं, हाकिम के हुक्म की बजा आवरी करनी ही पड़ती है

राजा रखे रानी खावे

कमाता कोई है, खाता कोई है

राजा के आई रानी कहलाई

रुक : राजा के घर आई रानी कहलाई

राजा बुलावे ठाड़े आवे

राजा बुलाए तो जल्दी आता है हाकिम या ज़बरदस्त बुलाए तो लोग फ़ौरन आजाते हैं, हाकिम के हुक्म की बजा आवरी करनी ही पड़ती है

राजा छोड़े नगरी जो भावे सो ले

राजा यदि राज्य छोड़ दे तो जो चाहे करे

राजाऊ

شاہانہ ، شاہی

राजा करे सो न्याव पासा पड़े तो दाँव

हाकिम जो फ़ैसला करे इंसाफ़ कहलाता है अगर बाज़ी जीते तो दाओ कहलाता है

राजा कहे सो न्याव पासा पड़े तो दाव

हाकिम जो फ़ैसला करे इंसाफ़ कहलाता है अगर बाज़ी जीते तो दाओ कहलाता है

राजा करे सो न्याव पासा पड़े तो दाव

हाकिम जो फ़ैसला करे इंसाफ़ कहलाता है अगर बाज़ी जीते तो दाओ कहलाता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में राजा के अर्थदेखिए

राजा

raajaaراجا

स्रोत: हिंदी

वज़्न : 22

टैग्ज़: पारिभाषिक

राजा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • अधिपति। मालिक। स्वामी।
  • वह जो किसी राज्य या भू-खंड का पूरा मालिक हो और उसमें बसने वाले लोगों पर सब प्रकार के शासन करता हो, उन्हें अपने नियंत्रण में रखता हो और दूसरे राजाओं के आक्रमणों आदि से रक्षित रखता हो। नृपति। भूप।
  • किसी देश का प्रधान शासक और स्वामी
  • नरेश; अधिपति; मालिक
  • धनी व्यक्ति; संपन्न व्यक्ति।

शे'र

English meaning of raajaa

Noun, Masculine

  • Raja, monarch, fanciful, generous, rich, expert
  • carefree
  • king, sovereign, prince, lord, master, governor
  • (Figurative) an extravagant and careless person

راجا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مذکر

  • فرماں روا، بادشاہ عموماً ہندو حکمران کے لیے مستعمل
  • نواب، والی ریاست
  • سب سے بڑا ہندوستانی خطاب
  • پنجاب میں راجپوت وغیرہ اپنے ناموں سے پہلے لکھتے ہیں
  • بے پروا، من موجی، فضول خرچ
  • سخی، فیّاض، بھولا بھالا
  • (کنایۃً) دولت مند، مالدار، امیر

Urdu meaning of raajaa

  • Roman
  • Urdu

  • farmaanrvaa, baadashaah umuuman hinduu hukamraan ke li.e mustaamal
  • navaab, vaalii riyaasat
  • sab se ba.Daa hinduustaanii Khitaab
  • panjaab me.n raajpuut vaGaira apne naamo.n se pahle likhte hai.n
  • beparva, manmaujii, fuzuulkharch
  • sakhii, fiiXyaaz, bholaa bhaalaa
  • (kanaa.en) daulatmand, maaldaar, amiir

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राजा

अधिपति। मालिक। स्वामी।

राजा-पाट

رک : راج پاٹ ، تخت و تاج .

राजा-प्रजा

सब, हर कोई, ख़ास और आम

राजा-भोज

ایک بادشاہ جو اپنی دولت کے سبب بہت مشہور ہے .

राजा-पति

(हिंदू) शादी का एक ढंग जिसके अनुसार औरत और मर्द को एकजा करके पति-पत्नी के रिश्ते से नामित कर देते हैं

राजा-पन

بادشاہی ، تاجداری ، رُتبۂ پادشاہی

राजा-हल

(زراعت) ایک بڑے ہل کا نام جو زیادہ گہرائی حاصل کرنے کے لیے اِستعمال کِیا جاتا ہے .

राजा-इंद्र

देवताओं और परीयों का राजा, प्रतीकात्मक: वो व्यक्ति जो सुंदर महिलाओं की भीड़ में सबसे प्रिय हो

राजा-मंदरी

(بُنائی) موٹی قِسم کا بنا ہوا کپڑا جو مدراس کے ایک مقام راجہ مندری کے نام سے مشہور تھا ، اُسکو کالیکو کہتے تھے

राजा-धिराज

राजाओं का राजा, शाह-ए-शाहाँ, शहंशाह

राजा-महरा

कहारों का चौधरी

राजा-अधीराज

राजाओं का राजा, शहंशाह

राजा रूठेगा अपनी नगरी लेगा

राजा क्रोधित होगा तो देश से निकाल देगा

राजा हुए तो क्या , वो ही जाट के जाट

माल-ओ-दौलत ज़ात और असल को नहीं बदलती

राजा राज प्रजा सुखी

जहाँ का शासक अच्छा होगा वहाँ के लोग सुखी होंगे

राजा की बेटी क़िस्मत की हेटी

अमीर की लड़की ग़रीब के घर ब्याही जाए तो कहते हैं

राजा की बेटी क़िस्मत की हेटी

उस व्यक्ति के लिए कहते हैं जो उच्च पद पर होते हुए भी कम भाग्यशाली हो

राजा जोगी, अग्नि जल उनकी उल्टी रीत

राजा, जोगी, आग और पानी का कोई एतबार नहीं करना चाहीए इन की मुहब्बत थोड़ी होती है ये किसी वक़्त भी नुकसान पहुंचा सकते हैं

राजा छुए और रानी होए

जिस पर राजा मेहरबानी करे वही हुकूमत करता है

राजा रूठें राज लें रानी रूठें सुहाग लें

ऐसे मौक़ा पर मुस्तामल जहां किसी के रूओठ जाने की कोई पर्वा ना हो

राजा के घर आई तुरत रानी कहलाई

ऐसे अवसर पर प्रयुक्त जब किसी ग़रीब घर की लड़की दौलतमंद के घर ब्याही जाए

राजा रूठें राज लें रानी रूठें भाग लें

ऐसे मौक़ा पर मुस्तामल जहां किसी के रूओठ जाने की कोई पर्वा ना हो

राजा जोगी किस के मीत

राजा और जोगी किसी के मित्र नहीं होते

राजा जोगी, अगन जल उनकी उल्टी रीत

राजा, जोगी, आग और पानी का कोई एतबार नहीं करना चाहीए इन की मुहब्बत थोड़ी होती है ये किसी वक़्त भी नुकसान पहुंचा सकते हैं

राजा किस के पाहूने, जोगी किस के मीत

(राजा और जोगी) दोनों की मुहब्बत और राह-ओ-रस्म का कोई एतबार नहीं

राजा किस के पाहुने, जोगी किस के मीत

राजा और जोगी दोनों के प्रेम और मेल-जोल का कोई भरोसा नहीं

राजा हुए तो क्या हुआ अंत जाट के जाट

कमीना कितने ही बलंद मर्तबा पर पहुंच जाये उस की फ़ितरत नहीं बदलती , दौलतमंद हो जाने के बावजूद पुरानी आदतें नहीं बदलतीं

राजा की सभा नर्क को जाए

चापलूस हाँ में हाँ मिलाते हैं उन्हें सच और झूठ से कुछ लेना-देना नहीं होता

राजा का दूजा, बकरी का तीजा, दोनों ख़राब

राजा का दूसरा बेटा और बकरी का तीसरा बच्चा दोनों ख़राब होते हैं क्यूँकि राजा का दूसरा राज्य नहीं और बकरी का तीसरा थन नहीं तो मानों यह सूरतें झगड़े एवं फ़साद की हैं

राजा क्या जाने भूके की सार

भूख की क़द्र अमीर आदमी नहीं जान सकता

राजा के घर मोतियों का काल

किसी चीज़ का उस स्थान पर उपलब्ध न होना जहाँ वह प्रचुर मात्रा में हो या जहाँ उसके प्रचुर मात्रा के साथ पाया जाना चाहिये

राजा भए तो क्या हुआ अंत जाट के जाट

कमीना कितने ही बलंद मर्तबा पर पहुंच जाये उस की फ़ितरत नहीं बदलती , दौलतमंद हो जाने के बावजूद पुरानी आदतें नहीं बदलतीं

राजा नल पियो बिपता पड़ी भूनी मछली जल में पड़ी

अपने काम बिगड़ जाने के वक़्त कहते हैं, बुरे दिन आएं तो हर नाम में नुकसान होता है कहते हैं कि जब राजा नल बनबास में थे तो उन की रानी ने एक दिन मछली भूओनी चूँकि उस को राख लग गई थी दरिया पर जा कर धोने लगी तो मछली ज़िंदा हो कर तैरने लगी

राजा रूठे गा अपनी नगरी लेगा

राजा नाराज़ होगा तो शहर से निकाल देगा, वहाँ कहते हैं जहाँ किसी की नाराज़गी की परवाह नहीं होती

राजा नल पर बिपता पड़ी, भूनी मछली जल में पड़ी

बुरे दिन आएँ तो हर नाम में हानि होती है

राजा क्या जाने भूके सार

जिसने भूख सही हो वही जानता है भूख की क़ीमत अमीर आदमी नहीं कर सकता दर्दमंद ही को दूसरे के दर्द का एहसास होता है और कोई नहीं हो सकता

राजा बुलावे ठारी आवे

राजा बुलाए तो जल्दी आता है हाकिम या ज़बरदस्त बुलाए तो लोग फ़ौरन आजाते हैं, हाकिम के हुक्म की बजा आवरी करनी ही पड़ती है

राजा भीम की क़ज़ा राम की रज़ा

जब मृत्यु आती है तो बड़े बड़े नहीं बच सकते

राजा रूठेगा नगरी लेगा

हाकिम नाराज़ होगा तो जिलावतन कर देगा और क्या करेगा (ऐसे मौक़ा पर मुस्तामल जहां किसी के नाराज़ हो जाने को कोई पर्वा ना हो

राजा रूठेगा अपना सुहाग लेगा , क्या कसी का भाग लेगा

राजा ख़फ़ा हो तो जो कुछ इस ने देव है वो वापिस ले लेगा, किस्मत पर तो इस का इख़तियार नहीं

राजा को मोती का दुख

प्रत्येक व्यक्ति किसी भी स्थिति में किसी न किसी अभाव का शिकार होता है

राजा घाइल का स्वाँग भरा

زخمْی ہوگیا ، خُونا خُون ہو گیا

राजा को मोती का दुख

जहाँ भरमार, प्रचुरता और रेल पेल होनी चाहिए वहाँ कोई चीज़ न मिले तो कहते हैं

राजा का दान प्रजा का अश्नान

ग़रीबों का परिश्रम और अमीरों की दानशीलता एवं उदारता बराबर है

राजा का परचाना और साँप का खिलाना बराबर है

राजाओं और हुकमरानों की संगत में हर समय ख़तरा होता है

राजा इंदर का अखाड़ा

ऐसी सभा जिसमें सुंदर औरतों की भीड़ हो

राजा आगे राज, पीछे छलनी न छाज

विधवा महिला कहती है कि पति के जीवन में ऐश नसीब था उस की मृत्यु के बा'द कुछ भी न रहा

राजा से प्रजा तक

حاکم سے رعایا تک ، امیر ، غریب ، ہر کوئی ، خاص و عام .

राजा से प्रजा तलक

حاکم سے رعایا تک ، امیر ، غریب ، ہر کوئی ، خاص و عام .

राजा रखे रानी खावे

कमाए कोई, उड़ाए कोई

राजाई

धनी, दौलतमंदी

राजा बुलावे ठारा आवे

राजा बुलाए तो जल्दी आता है हाकिम या ज़बरदस्त बुलाए तो लोग फ़ौरन आजाते हैं, हाकिम के हुक्म की बजा आवरी करनी ही पड़ती है

राजा रखे रानी खावे

कमाता कोई है, खाता कोई है

राजा के आई रानी कहलाई

रुक : राजा के घर आई रानी कहलाई

राजा बुलावे ठाड़े आवे

राजा बुलाए तो जल्दी आता है हाकिम या ज़बरदस्त बुलाए तो लोग फ़ौरन आजाते हैं, हाकिम के हुक्म की बजा आवरी करनी ही पड़ती है

राजा छोड़े नगरी जो भावे सो ले

राजा यदि राज्य छोड़ दे तो जो चाहे करे

राजाऊ

شاہانہ ، شاہی

राजा करे सो न्याव पासा पड़े तो दाँव

हाकिम जो फ़ैसला करे इंसाफ़ कहलाता है अगर बाज़ी जीते तो दाओ कहलाता है

राजा कहे सो न्याव पासा पड़े तो दाव

हाकिम जो फ़ैसला करे इंसाफ़ कहलाता है अगर बाज़ी जीते तो दाओ कहलाता है

राजा करे सो न्याव पासा पड़े तो दाव

हाकिम जो फ़ैसला करे इंसाफ़ कहलाता है अगर बाज़ी जीते तो दाओ कहलाता है

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