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हर-रोज़

रोज़ के रोज़, प्रतिदिन, बिना अंतराल, रोज़ाना, सदैव, हमेशा

हर-रोज़ा

हर दिन होनेवाला, हर दिन का, हर रोज़ का, बिला नाग़ा, मुसलसल

हर रोज़ रोज़-ए-'ईद हर शब शब-ए-बरात

رک : ہر شب شب برات الخ ۔

हर रोज़ का

بلاناغہ ، پیوستہ ، ہر روزہ

हर रोज़ 'ईद नीस्त कि हल्वा ख़ूरद कसे

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) हर रोज़ ईद नहीं है कि कोई हलवा खाए , रोज़ रोज़ उम्दा मौक़ा हाथ नहीं आता , हर रोज़ ख़ुशी हासिल नहीं होती, ज़माना एक सा नहीं रहता, (बिलउमूम ऐसे मौके़ पर मुस्तामल जब कोई एक बार कुछ पाने के बाद फिर फ़ायदे की उम्मीद रखे)

हर रोज़ नया कुँवाँ खोदना नया पानी पीना

रोज़ कमाना और रोज़ खाना

हर शब शब-ए-बरात हे हर रोज़ रोज़-ए-'ईद

ज़िंदगी मज़े से गुज़रती है, हर वक़्त ऐश ही ऐश है

सय्याद न हर रोज़ शिकारी बबुर्द

शिकारी को हर रोज़ शिकार नहीं मिलता, इंसान की हर कोशिश कामयाब नहीं होती

कौन हर रोज़ अतालीक़ हो समझाए गा

मूर्ख आदमी को समझाना बहुत कठिन है, कम समझदार को सिखाना कठिन काम है

क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना

familiarity breeds contempt

हर-कसे पंज-रोज़ नौबत-ए-ऊस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) हर किसी की बारी पाँच रोज़ की है अर्थात जीवन क्षणिक है स्थायी नहीं है

हर-कि-रा पंज-रोज़ नौबत-ए-ऊस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) हर किसी की बारी पाँच रोज़ की है यानी ज़िंदगी चंद रोज़ा है दाइमी नहीं है

अंधे के पाँव तले बटेर दब गई, कहा हर रोज़ शिकार खाएँगे

संयोग अथवा आकस्मिक बात पर भरोसा नहीं हो सकता, क्या जाने फिर संयोग हो या ना हो

'आरिज़ा-ए-हद्द-ए-समा'अत लाहिक़ होना

(क़ानून) वक़्त गुज़र जाने से समाअत का तर्क हो जाना, मीयाद गुज़रने से समाअत ना होना

'आरिज़-ए-हूर

cheeks of hourie or beautiful woman

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पीछे के अर्थदेखिए

पीछे

piichheپِیچھے

स्रोत: हिंदी

वज़्न : 22

टैग्ज़: धर्मशास्त्र

पीछे के हिंदी अर्थ

क्रिया-विशेषण, अव्यय

  • अनुपस्थित या अविद्यमान होने की अवस्था में। किसी के सामने न रहने की दशा में। जैसे-किसी के पीछे उसकी बुराई करना बहुत अनुचित है। पद-पीठ पीछे = दे० ' पीठ ' के अन्तर्गत यह पद।
  • जिस ओर या जिस दिशा में किसी का पीछा या पीठ हो, उस ओर या उस दिशा में। किसी के मुख या सामनेवाली दिशा की विपरीत दिशा में। ' आगे ' और ' सामने ' का विपर्याय। जैसे (क) हम लोग सभापति के पीछे बैठे थे। (ख) मकान के पीछे बहुत बड़ा मैदान था। विशेष-इस अर्थ में उक्त ओर या दिशा में होनेवाले विस्तार का भाव भी निहित है, और इसके अधिकतर महा० इसी आधार पर बने हैं। मुहा०-(किसी के) पीछे चलना = किसी का अनुगामी या अनुयायी बनना। अनुकरण करना। जैसे-आज-कल तो जो नेता बन सके, उसी के पीछे हजारों आदमी चलने लगते हैं। (किसी चीज या व्यक्ति का) पीछे छूटना = किसी की तुलना में या किसी के विचार से पीछे की ओर रह जाना। जैसे-(क) यात्रियों में से कुछ लोग पीछे छूट गये थे। (ख) हम लोग बातें करते हुए आगे बढ़ गए, और उनका मकान पीछे छूट गया। (किसी काम या बात में, किसी के) पीछे छूटना या रह जाना-उन्नति, गति, दौड़ प्रतियोगिता आदि में किसी से घटकर या कम योग्यता का सिद्ध होना। किसी की तुलना में पिछड़ा हुआ सिद्ध होना। जैसे-आणविक आविष्कारों के क्षेत्र में बहुत से देश अमेरिका और रूस से पीछे छूट गये हैं। (इस मुहा० में ' छूटना ' के साथ संयो० कि. ' जाना ' का प्रयोग प्रायः अनिवार्य रूप से है होता है। (किसी का किसी व्यक्ति के) पोछे छूटना या लगना = किसी भागे हुए आदमी को पकड़ने के लिए या किसी का भेद, रहस्य आदि जानने के लिए किसी का नियुक्त किया जाना या होना। जैसे-डाकुओं का पता लगाने के लिए बीसियों जासूस (या सिपाही, उनके पीछे छूटे (या लगे) थे। (किसी काम या बात में किसी को) पीछे छोड़ना = किसी विषय में औरों से बढ़कर इस प्रकार आगे हो जाना कि और लोग उसकी तुलना में न आ सकें या बराबरी न कर सकें। कौशल, योग्यता सामर्थ्य आदि में औरों से आगे बढ़ जाना। जैसे-अपने काम में वह बहुतों को पीछे छोड़ गया है। (किसी को किसी के) पीछे छोड़ना, भेजना या लगाना = (क) जासूस या भेदिया बनाकर किसी को किसी के साथ लगाना। भेदिया नियुक्त करना या साथ लगाना। (ख) भागे हुए व्यक्ति को पकड़कर लाने के लिए कुछ लोगों को नियुक्त करना। (किसी को किसी के) पोछे डालना = दे० ऊपर (किसी के) ' पीछे छोड़ना, भेजना या लगाना '। (धन) पीछे डालना भविष्यत् की आवश्यकता के लिए खर्च से बचाकर कुछ धन एकत्र करके रखना। आगे के लिए संचय करना। जैसे-हर महीने दस-पाँच रुपए बचाकर पीछे भी डालते चलना चाहिए। (किसी काम या व्यक्ति के) पीछे दौड़ना या दौड़ पड़ना = बिना सोचे-समझे किसी काम या बात में लग जाना या किसी का अनुगामी अथवा अनुयायी बनना। (किसी को किसी के) पीछे दौडाना = गये या जाते हए आदमी को बला या लौटा लाने या उसे कोई संदेशा पहुंचाने के लिए किसी को उसके पीछे भेजना। (किसी काम या बात के) पीछे पड़ना या पड़ जाना = किसी काम को कर डालने पर तुल जाना। किसी कार्य के लिए बहुत परिश्रमपूर्वक निरंतर उद्योग करते रहना। (कुछ कुत्सित या हीन भाव का सूचक) जैसे तुम्हारी यह बहुत बुरी आदत है कि तुम हर काम या बात) के पीछे पड़ जाते हो। (किसी व्यक्ति के) पीछे पड़ना = (क) कोई काम करने के लिए किसी से बहुत आग्रहपूर्वक और बार बार कहना। (ख) किसी को बहुत अधिक तंग, दुःखी या परेशान करने के लिए अथवा किसी का बहुत अधिक अपकार, अहित या हानि करने के लिए कटिबद्ध होना। (किसी के) पीछे लगना = (क) किसी का अनगामी या अनयायी बनना। किसी का अनुकरण करना। (ख) दे० ऊपर (किसी काम, बात या व्यक्ति के) ' पीछे पड़ना। (किसी व्यक्ति को अपने) पीछे लगाना = किसी को अपना अनुगामी या अनुयायी बनाना। (कोई काम या बात अपने) पीछे लगाना = कोई काम या बात इस प्रकार घनिष्ठ रूप में अपने साथ सम्बद्ध करना कि सहसा उससे बचाव, रक्षा या विरक्ति न हो सके। जान-बूझकर ऐसे काम या बात से सम्बद्ध होना जिससे तंग, दुःखी या परेशान होना पड़े। जैसे-तुमने यह व्यर्थ का झगड़ा अपने पीछ लगा लिया है। (किसी व्यक्ति को किसी के) पीछे लगाना = किसी का भेद या रहस्य जानने अथवा किसी को तंग, दःखी या परेशान करने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति को उत्साहित या नियत करना। जैसे वे तो चुपचाप घर बैठे हैं, पर अपने आदमियों को उन्होंने हमारे पीछे लगा दिया है। (कोई काम या बात किसी के) पीछे लगाना = कोई काम या बात इस प्रकार किसी के साथ सम्बद्ध करना कि वह उससे तंग, दुःखी या परेशान हो, अथवा सहज में अपना बचाव या रक्षा न कर सके। जैसे-बीड़ी पीने की लत तुम्हीं ने उसके पीछे लगा दी है।
  • पीठ की ओर
  • देश-काल आदि के विचार से किसी के पश्चात या उपरांत
  • घटना या स्थिति के विचार से किसी के अनंतर या उपरांत।

शे'र

English meaning of piichhe

Adverb, Inexhaustible

  • ago, at some time in the past, formerly, backside, behind, rear, subsequently, in consequence of, for the sake of, on account of, due to, after, in the rear, astern, afterwards, in the absence of,after the death of

پِیچھے کے اردو معانی

Roman

فعل متعلق

  • بعد (زمانے کے اظہار کے لیے) .
  • بعد کو ، پھر ، پس ازاں ، پہلے کا ضد .
  • بعد میں ، غیبت میں ، عدم موجودگی میں .
  • مرنے کے بعد .
  • عقب ، پچھلی طرف (سمت کے اظہار کے لیے) .
  • فی ، ہر ایک ، گنتی میں ایک .
  • واسطے ، لیے ، کی خاطر .
  • باعث ، سبب ، کارن .
  • ساتھ ساتھ .
  • . پر ، کسی کے لیے ، واسطے ، برائے .
  • کم ، خفیف ، کمتر .
  • آئندہ یا مستقبل .
  • (فقہ) کسی کی اقتداء میں ، امامت میں .
  • کرکے استمراری پٹے کردیئے (توبۃ النّصوح)۔ ۵۔ اخیر۔

Urdu meaning of piichhe

Roman

  • baad (zamaane ke izhaar ke li.e)
  • baad ko, phir, pis azaa.n, pahle ka zid
  • baad me.n, Giibat me.n, adme maujuudgii me.n
  • marne ke baad
  • aqab, pichhlii taraf (simt ke izhaar ke li.e)
  • fii, har ek, gintii me.n ek
  • vaaste, li.e, kii Khaatir
  • baa.is, sabab, kaaraN
  • saath saath
  • . par, kisii ke li.e, vaaste, baraa.e
  • kam, Khafiif, kamtar
  • aa.indaa ya mustaqbil
  • (fiqh) kisii kii iqatdaa-e-me.n, imaamat me.n
  • karke istimraarii paTTe karadi.e (tobৃ alannsoh)। ५। aKhiir

पीछे के पर्यायवाची शब्द

खोजे गए शब्द से संबंधित

हर-रोज़

रोज़ के रोज़, प्रतिदिन, बिना अंतराल, रोज़ाना, सदैव, हमेशा

हर-रोज़ा

हर दिन होनेवाला, हर दिन का, हर रोज़ का, बिला नाग़ा, मुसलसल

हर रोज़ रोज़-ए-'ईद हर शब शब-ए-बरात

رک : ہر شب شب برات الخ ۔

हर रोज़ का

بلاناغہ ، پیوستہ ، ہر روزہ

हर रोज़ 'ईद नीस्त कि हल्वा ख़ूरद कसे

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) हर रोज़ ईद नहीं है कि कोई हलवा खाए , रोज़ रोज़ उम्दा मौक़ा हाथ नहीं आता , हर रोज़ ख़ुशी हासिल नहीं होती, ज़माना एक सा नहीं रहता, (बिलउमूम ऐसे मौके़ पर मुस्तामल जब कोई एक बार कुछ पाने के बाद फिर फ़ायदे की उम्मीद रखे)

हर रोज़ नया कुँवाँ खोदना नया पानी पीना

रोज़ कमाना और रोज़ खाना

हर शब शब-ए-बरात हे हर रोज़ रोज़-ए-'ईद

ज़िंदगी मज़े से गुज़रती है, हर वक़्त ऐश ही ऐश है

सय्याद न हर रोज़ शिकारी बबुर्द

शिकारी को हर रोज़ शिकार नहीं मिलता, इंसान की हर कोशिश कामयाब नहीं होती

कौन हर रोज़ अतालीक़ हो समझाए गा

मूर्ख आदमी को समझाना बहुत कठिन है, कम समझदार को सिखाना कठिन काम है

क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना

familiarity breeds contempt

हर-कसे पंज-रोज़ नौबत-ए-ऊस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) हर किसी की बारी पाँच रोज़ की है अर्थात जीवन क्षणिक है स्थायी नहीं है

हर-कि-रा पंज-रोज़ नौबत-ए-ऊस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) हर किसी की बारी पाँच रोज़ की है यानी ज़िंदगी चंद रोज़ा है दाइमी नहीं है

अंधे के पाँव तले बटेर दब गई, कहा हर रोज़ शिकार खाएँगे

संयोग अथवा आकस्मिक बात पर भरोसा नहीं हो सकता, क्या जाने फिर संयोग हो या ना हो

'आरिज़ा-ए-हद्द-ए-समा'अत लाहिक़ होना

(क़ानून) वक़्त गुज़र जाने से समाअत का तर्क हो जाना, मीयाद गुज़रने से समाअत ना होना

'आरिज़-ए-हूर

cheeks of hourie or beautiful woman

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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