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पानी पी पी के कोसना

curse roundly or heartily

पानी पी पी के

خوش ہوکر.

पानी पी पी कर कोसना

۔ हरवक़त कोसना। बददुआ देना। दम लेकर बददुआ करना। यानी जब कोसते कोसते हलक़ ख़ुशक होजाए फिर कोसने लगना। बाअज़ जाहिलों का ख़्याल है कि निहार मुँह, बासी पानी पी कर कोसने से बददुआ बहुत जल्द असर करती है

पानी पी पी कर

خوش ہوکر.

पानी पी पी कर दु'आ देना

۔बहुत दुआएं देना। ख़ुश होकर दुआएं देना। बार-बार दुआ देना

पानी पी पी कर ज़ात पूछना

बात हो चुकने के बाद मालूम करना, काम करने के बाद लज्जित होना

अनोखी के हाथ आई कटोरी, पानी पी पी हुई अनोखे घर कटोरा

कमीने के हाथ कोई चीज़ आ जाए तो उसे दिखाने के लिए उस का बहुत प्रयोग करता है

लहू पी पी के रह जाना

۔(کنایۃً) ضبط کرنا۔ غم وغصّہ کا۔ ؎

हिल के पानी न पी सकना

۲۔ निहायत काहिल होना, इंतिहाई सुस्त और आरामतलब होना

ओछे ने कटोरा पानी पाया पी पी पेट फुलाया

कमज़र्फ़ को जब कोई नेअमत मिलती है तो वो ख़ुदनुमाई के लिए इस को जा बेजा इस्तिमाल करके अज़ाब में पड़ जाता है

आँसू पी के रह जाना

ضبط کرنا، رونے کو روکنا، آنسو آنکھ سے باہر نہ نکلنے دینا، صبر کرنا

पानी पी कर गुज़र करना

बेहद तंगदस्ती से गुज़ारा करना

पानी पी कर ज़ात पूछना

۔(मजाज़न) कोई काम कर के पछताना। बेवक़त अफ़सोस करना। बात हो चिकने केबाद उस की तहक़ीक़ात करना। (नोट) एक मुसाफ़िर ब्रहमन को राह में प्यास का ग़लबा हुआ। एक शख़्स कुँवें पर पानी भर रहा था इस ने पानी मांग कर पी लिया। फिर पूछा तेरी ज़ात किया है। इस ने कहा कोली तब ये ब्रहमन बहुत नादिम हुआ लेकिन अब क्या होसकता था

रूखी-सूखी खा के ठंडा पानी पी

हर हाल में ईश्वर का कृतज्ञ रहना चाहिए, हर आकार में प्रसन्न रहना चाहिए, हर हाल में अल्लाह का शुक्र अदा कर, हर हाल में ख़ुश रहना चाहिए

सुन के पी जाना

बुरा भला सुन कर कुछ ना कहना, बर्दाश्त करना, ज़बत से काम लेना

पानी पी कर ज़ात क्या पूछ्नी

एक काम या बात हो चिकने के बाद उस की तहक़ीक़ करनी बे फाएदा है

हिल कर पानी न पी सकना

۱۔ कमज़ोरी या बीमारी के सबब काम के काबिल ना होना, बहुत नातवां हो जाना, बीमार हो जाना

दाना खा मोठ का पानी पी सोंठ का

अगर मोठ खाओ तो सोंठ का पानी पीना चाहिए अर्थात सोच समझ कर काम करना चाहिए

लहू पी के रह जाना

अंदर ही अंदर घुटना, जी ही जी में जलना, गु़स्सा बर्दाश्त कर के ख़ामोश रहना

देख बेगानी झोपड़ी मत तरसाओ जी, रूखी सूखी खा के ठंडा पानी पी

यह कहावत लालची आदमी के प्रति कहते हैं

घोल के पी जाना

۔(کنایۃً) کسی کو ہیچ اور بے وقعت سمجھ کر نیست نابود کردینا۔ ؎ یہ محاورہ طنز کے طور پر مستعمل ہے۔ ؎

दाना खा मोठ का और पानी पी सोंठ का

अगर मोठ खाओ तो सोंठ का पानी पीना चाहिए अर्थात सोच समझ कर काम करना चाहिए

बात जो चाहे अपनी, पानी माँग न पी

सम्मान इसमें है कि हाथ फैलाकर किसी के सामने सवाल न किया जाए, संतोष और धैर्य मर्यादा और महानता का साधन है

लहू का घूँट पी के रह जाना

۔किनाया है ग़म-ओ-ग़ुस्सा ज़भ करने से।

देख बिगानी झोंपड़ी मत तरसावे जी, रूखी सूखी खा के ठंडा पानी पी

रुक : देख बग्गानी चमड़ी मत अलख

देख बेगानी चुपड़ी मत तरसाओ जी, रूखी सूखी खा के ठंडा पानी पी

यह कहावत लालची आदमी के प्रति कहते हैं

ज़हर के घूँट पी कर चुप रह जाना

बेचैन होना, चिंतित होना, चाहे न चाहे सहन करना

ग़ुस्से के घूँट पी कर रह जाना

बहुत मुश्किल से या मजबूरी में ग़ुस्सा पर क़ाबू पाना, मुश्किल से अपने आप पर क़ाबू रखना

देख पराई चोपड़ी मत ललचावे जी, मिस्सी कस्सी खाय के ठंडा पानी पी

यह कहावत लालची आदमी के प्रति कहते हैं

बात जो चाहे अपनी तो पानी माँग न पी

सम्मान इसमें है कि हाथ फैलाकर किसी के सामने सवाल न किया जाए, संतोष और धैर्य मर्यादा और महानता का साधन है

किस की हालत देख कर मत ललचावे जी, अजी रूखी सूखी खा कर ठंडा पानी पी

किसी की अच्छी चीज़ देख कर लालच नहीं करना चाहिए जो कुछ मिले इस पर क़नाअत करनी चाहिए

पीपल पूजन मैं चली निगम बोध के घाट, पीपल पूजत पी मिले एक पंथ दो काज

अच्छे काम करने में लाभ ही होता है पीपल को पूजने गई तो प्रीतम भी मिल गया

पीपल पूजन मैं चली गलम बोध के घाट, पीपल पूजत पी मिले एक पंथ दो काज

अच्छे काम करने में लाभ ही होता है पीपल को पूजने गई तो प्रीतम भी मिल गया

पी के पातन सर धरो धरो चरन पे सीस, बासा हो बैकुंठ में फिर तो बिसवा बीस

स्त्री बेटी को सदुपदेश देती है कि पति का कहा करना इस से स्वर्ग मिलेगा

भैंस कहे गुन मेरा पूरा मेरा दूध पी होवे सूरा, जिस के घर में बँध जाऊँ दूध दही की नाल बहाऊँ

भैंस की प्रशंसा है कि जिस घर में भैंस होती है वहाँ दूध दही की कमी नहीं होती

पिंडा-पानी

(हिंदू धर्म) श्राद्ध में पितरों को भेंट दिया जाने वाला पिंड और पानी

पिंड पानी देना

(हिंदू) परों (बुज़ुर्गों की आत्मा) के नाम पर आटे या चावलों के बने हुए आदि और जल की भेंट दना, श्राद्ध करना

पिंड पानी पड़ना

सब्र आना, संतोख होना, कलेजा ठंडा होना, दिल का गुबार मिटना, पुत्र पानी पड़ना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पानी पी पी के कोसना के अर्थदेखिए

पानी पी पी के कोसना

paanii pii pii ke kosnaaپانی پی پی کے کوسْنا

English meaning of paanii pii pii ke kosnaa

  • curse roundly or heartily

Urdu meaning of paanii pii pii ke kosnaa

  • Roman
  • Urdu

खोजे गए शब्द से संबंधित

पानी पी पी के कोसना

curse roundly or heartily

पानी पी पी के

خوش ہوکر.

पानी पी पी कर कोसना

۔ हरवक़त कोसना। बददुआ देना। दम लेकर बददुआ करना। यानी जब कोसते कोसते हलक़ ख़ुशक होजाए फिर कोसने लगना। बाअज़ जाहिलों का ख़्याल है कि निहार मुँह, बासी पानी पी कर कोसने से बददुआ बहुत जल्द असर करती है

पानी पी पी कर

خوش ہوکر.

पानी पी पी कर दु'आ देना

۔बहुत दुआएं देना। ख़ुश होकर दुआएं देना। बार-बार दुआ देना

पानी पी पी कर ज़ात पूछना

बात हो चुकने के बाद मालूम करना, काम करने के बाद लज्जित होना

अनोखी के हाथ आई कटोरी, पानी पी पी हुई अनोखे घर कटोरा

कमीने के हाथ कोई चीज़ आ जाए तो उसे दिखाने के लिए उस का बहुत प्रयोग करता है

लहू पी पी के रह जाना

۔(کنایۃً) ضبط کرنا۔ غم وغصّہ کا۔ ؎

हिल के पानी न पी सकना

۲۔ निहायत काहिल होना, इंतिहाई सुस्त और आरामतलब होना

ओछे ने कटोरा पानी पाया पी पी पेट फुलाया

कमज़र्फ़ को जब कोई नेअमत मिलती है तो वो ख़ुदनुमाई के लिए इस को जा बेजा इस्तिमाल करके अज़ाब में पड़ जाता है

आँसू पी के रह जाना

ضبط کرنا، رونے کو روکنا، آنسو آنکھ سے باہر نہ نکلنے دینا، صبر کرنا

पानी पी कर गुज़र करना

बेहद तंगदस्ती से गुज़ारा करना

पानी पी कर ज़ात पूछना

۔(मजाज़न) कोई काम कर के पछताना। बेवक़त अफ़सोस करना। बात हो चिकने केबाद उस की तहक़ीक़ात करना। (नोट) एक मुसाफ़िर ब्रहमन को राह में प्यास का ग़लबा हुआ। एक शख़्स कुँवें पर पानी भर रहा था इस ने पानी मांग कर पी लिया। फिर पूछा तेरी ज़ात किया है। इस ने कहा कोली तब ये ब्रहमन बहुत नादिम हुआ लेकिन अब क्या होसकता था

रूखी-सूखी खा के ठंडा पानी पी

हर हाल में ईश्वर का कृतज्ञ रहना चाहिए, हर आकार में प्रसन्न रहना चाहिए, हर हाल में अल्लाह का शुक्र अदा कर, हर हाल में ख़ुश रहना चाहिए

सुन के पी जाना

बुरा भला सुन कर कुछ ना कहना, बर्दाश्त करना, ज़बत से काम लेना

पानी पी कर ज़ात क्या पूछ्नी

एक काम या बात हो चिकने के बाद उस की तहक़ीक़ करनी बे फाएदा है

हिल कर पानी न पी सकना

۱۔ कमज़ोरी या बीमारी के सबब काम के काबिल ना होना, बहुत नातवां हो जाना, बीमार हो जाना

दाना खा मोठ का पानी पी सोंठ का

अगर मोठ खाओ तो सोंठ का पानी पीना चाहिए अर्थात सोच समझ कर काम करना चाहिए

लहू पी के रह जाना

अंदर ही अंदर घुटना, जी ही जी में जलना, गु़स्सा बर्दाश्त कर के ख़ामोश रहना

देख बेगानी झोपड़ी मत तरसाओ जी, रूखी सूखी खा के ठंडा पानी पी

यह कहावत लालची आदमी के प्रति कहते हैं

घोल के पी जाना

۔(کنایۃً) کسی کو ہیچ اور بے وقعت سمجھ کر نیست نابود کردینا۔ ؎ یہ محاورہ طنز کے طور پر مستعمل ہے۔ ؎

दाना खा मोठ का और पानी पी सोंठ का

अगर मोठ खाओ तो सोंठ का पानी पीना चाहिए अर्थात सोच समझ कर काम करना चाहिए

बात जो चाहे अपनी, पानी माँग न पी

सम्मान इसमें है कि हाथ फैलाकर किसी के सामने सवाल न किया जाए, संतोष और धैर्य मर्यादा और महानता का साधन है

लहू का घूँट पी के रह जाना

۔किनाया है ग़म-ओ-ग़ुस्सा ज़भ करने से।

देख बिगानी झोंपड़ी मत तरसावे जी, रूखी सूखी खा के ठंडा पानी पी

रुक : देख बग्गानी चमड़ी मत अलख

देख बेगानी चुपड़ी मत तरसाओ जी, रूखी सूखी खा के ठंडा पानी पी

यह कहावत लालची आदमी के प्रति कहते हैं

ज़हर के घूँट पी कर चुप रह जाना

बेचैन होना, चिंतित होना, चाहे न चाहे सहन करना

ग़ुस्से के घूँट पी कर रह जाना

बहुत मुश्किल से या मजबूरी में ग़ुस्सा पर क़ाबू पाना, मुश्किल से अपने आप पर क़ाबू रखना

देख पराई चोपड़ी मत ललचावे जी, मिस्सी कस्सी खाय के ठंडा पानी पी

यह कहावत लालची आदमी के प्रति कहते हैं

बात जो चाहे अपनी तो पानी माँग न पी

सम्मान इसमें है कि हाथ फैलाकर किसी के सामने सवाल न किया जाए, संतोष और धैर्य मर्यादा और महानता का साधन है

किस की हालत देख कर मत ललचावे जी, अजी रूखी सूखी खा कर ठंडा पानी पी

किसी की अच्छी चीज़ देख कर लालच नहीं करना चाहिए जो कुछ मिले इस पर क़नाअत करनी चाहिए

पीपल पूजन मैं चली निगम बोध के घाट, पीपल पूजत पी मिले एक पंथ दो काज

अच्छे काम करने में लाभ ही होता है पीपल को पूजने गई तो प्रीतम भी मिल गया

पीपल पूजन मैं चली गलम बोध के घाट, पीपल पूजत पी मिले एक पंथ दो काज

अच्छे काम करने में लाभ ही होता है पीपल को पूजने गई तो प्रीतम भी मिल गया

पी के पातन सर धरो धरो चरन पे सीस, बासा हो बैकुंठ में फिर तो बिसवा बीस

स्त्री बेटी को सदुपदेश देती है कि पति का कहा करना इस से स्वर्ग मिलेगा

भैंस कहे गुन मेरा पूरा मेरा दूध पी होवे सूरा, जिस के घर में बँध जाऊँ दूध दही की नाल बहाऊँ

भैंस की प्रशंसा है कि जिस घर में भैंस होती है वहाँ दूध दही की कमी नहीं होती

पिंडा-पानी

(हिंदू धर्म) श्राद्ध में पितरों को भेंट दिया जाने वाला पिंड और पानी

पिंड पानी देना

(हिंदू) परों (बुज़ुर्गों की आत्मा) के नाम पर आटे या चावलों के बने हुए आदि और जल की भेंट दना, श्राद्ध करना

पिंड पानी पड़ना

सब्र आना, संतोख होना, कलेजा ठंडा होना, दिल का गुबार मिटना, पुत्र पानी पड़ना

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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