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गए को

गए हुए, गुज़रे हुए, बीते हुए

गाय को अपने सींग भारी नहीं

(औरत) अपने परीवार के लोग किसी को बोझ नहीं मालूम पड़ते

गाय को अपने सींग भारी नहीं होते

मनुष्य को अपने सगे संबंधी और परिवार बोझ नहीं लगते

गाय को सींग दूभर नहीं होते

गाय को अपने सींग भारी नहीं होते, इंसान को अपनी अहल-ओ-अयाल बूओझ महसूस नहीं होते

गू का कीड़ा

वो कीड़ा जो गू में पैदा होता है, गंदगी में रहने वाला गंदा ही होता है

गू का कीड़ा गू ही में ख़ुश रहता है

जो आदमी जैसी संगत में पला होता है वैसी ही संगत उस को भली मालूम होती है

वहाँ गए को

having gone there

गाए का दूध सो माए का दूध

गाय का दूध माता के दूध के समान होता है

गए का ग़म, न आए की शादी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

गू का पूत नोसादर

۔मिसल दो बुरी बातों या दो बुरे शख्सों की मुसावात ज़ाहिर करने के लिए मुस्तामल है। देखो सग-ए-ज़र्द बर्मा दर शगाल

गू का टोकरा सर से फेंकना

बदनामी की बात दूर करना, बदनामी, रुस्वाई या ज़िल्लत से बचना, रुस्वाई का इमामा उतारना

गू का टोकरा सर से उतार फेंकना

बदनामी की बात दूर करना, बदनामी, रुस्वाई या ज़िल्लत से बचना

गू की तरह छुपाना

बहुत छुपाना, बहुत सावधानी से रखना, छुपाते फिरना

शिकार को गए ख़ुद शिकार हो गए

दूसरे का नुक़्सान करने की इच्छा थी, अपना ही नुक़्सान हुआ

गू का चोथ

میلے کا ڈھیر ، بد نُما ڈھیر ، گوبر گنیش

गू का टोकरा

गू से भरा हुआ टोकरा

गए का ग़म, न आए की ख़ुशी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

गू का टोकरा सर से उतारना

बदनामी की बात दूर करना, बदनामी, रुस्वाई या ज़िल्लत से बचना, रुस्वाई का इमामा उतारना

गू का टोकरा सर पर उठाना

अपने सर बुराई लेना, दूसरे की बुराई अपने सर लेना, किसी बदनामी और रुस्वाई का काम अपने ज़िम्मे लेना, कमीना काम इख़तियार करना

गू का पुतला है

अभी छोटा बच्चा है

गू की दारू मूत और गू की दवा मूत

अदले का बदला है, बुरे काम का बुरा नतीजा

नमाज़ को गए रोज़ा गले पड़ा

एक चिंता, एक काम तो पहले ही सामने था अब दूसरा भी सामने आ गया

रोज़े को गए नमाज़ गले पड़ी

रुक : रोज़े छुराने गए नमाज़ गले पड़ी

घोड़ी गए गधों को राज आया

अशराफ़ गए गुज़रे हुए, कमीनों या कम असलों ने इन की जगह ले ली

जौ को गए सत्वानी ले आए

काम कुछ करने गए थे कर कुछ और आए

त्रेता के बीजों को पहुँच गए

बहुत गिरे, बहुत पतन हुआ, त्रेता के युग में पहुँच गए अर्थात बहुत विश्वासपात्र और सच्चे बन गए

वो मर गए हम को मरना है

परिणाम स्वरूप हर एक को मरना है (क़सम के रूप में या सत्यता का विश्वास दिलाने के लिए) सबको एक दिन मरना है, मानव नश्वर है (पछतावे के प्रकटन के रूप में)

दाता दाता मर गए और रह गए मक्खी-चूस, लेन-देन को कुछ नहीं लड़ने को मौजूद

किसी याचक का कहना, जिसे कुछ मिला नहीं, दानशील मर गए और कंजूस रह गए, देते दिलाते कुछ नहीं लड़ने को तैयार रहते हैं

मियाऊँ को कौन पकड़े गा

बलशाली की आवाज़ से ही डर लगता है

सच्चे मर गए , झूटों को तप भी नहीं आई

जब कोई झूट बोलता है इस वक़्त कहते हैं कि उलटा ज़माना है झूओटे को कोई नुकंसान नहीं पहुंचता

रोने को थी ही इतते में आ गए भैया

रोने के लिए बहाना मिल गया, कोई काम पहले करने को थे कि बहाना भी मिल गया

कानी गाए बामन को दान

खोटे वस्तु या जिस वस्तु में कोई कमी हो उसको दान कर देते हैं

गू की दारू मूत और मूत की दारू गू

अदले का बदला है, बुरे काम का बुरा नतीजा

गाय क़स्सा बीच कूँ पतयावे

گائے قصّاب ہی پر اعتماد کرتی ہے ، اچھے آدمی کا کہیں ٹھکانا نہیں ، بُرا آدمی جس پر چاہے قبضہ کرلے.

ये भी सिक्शा नाथ जी कह गए ठीकम-ठीक, खो दें आदर मान को दग़ा लोभ और भीक

धोखा लालच और भीख मनुषेय के सम्मान को खो देते हैं

लातों का आदमी बातों से न मानेगा

रुक : लातों के भूत बातों से नहीं मानते जो ज़्यादा मुस्तामल है

हज़ार हाथी लुटेगा फिर भी सवा लाख का

धनी और संपन्न के निर्धन हो जाने पर कहते हैं, अमीर और मालदार के ग़रीब हो जाने पर बोलते हैं

जो औरों का बुरा चेते गा उस का पहले बुरा होगा

जो दूसरों का नुक़्सान चाहेगा इस का अपना नुक़्सान होगा

अल गई, बल गई, जलवे के वक़्त टल गई

प्यार और आवभगत की बातें करती है लेकिन समय पर ग़ायब हो जाती है

हीजड़े की कमाई मड़ौनी में गई

اسے منہ صاف رکھنے کیلئے روز حجامت کرانی پڑتی

मियाँ की दाढ़ी वाह वाह में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

मियाँ की दाढ़ी वाह वाही में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

दमड़ी की हाँडी गई , कुत्ते की ज़ात पहचानी गई

हानि तो हुई परंतु अनुभव तो प्राप्त हुआ, थोड़ी सी हानि हुईतो कोई बात नहीं है वास्तविक्ता का पता तो चला

'अक़्ल के तोते उड़ गए

होश जाते रेहे, बौखला जाना, सुध-बुध समाप्त हो जाना, समझ जाती रही

'अक़्ल के तोते उड़ गए

होश जाते रेहे, बौखला जाना, सुध-बुध समाप्त हो जाना, समझ जाती रही

दिमाग़ के कीड़े चाट गए

बकबक के भेजा ख़ाली कर दिया

गाएं गायों जमा' गाय का बछिया तले बछिया का गाय तले करना गाय का भैंस तले भैंस का गाय तले करना

गाय के दूध को जो बहुत सारा होता है बछिया का दूध बताना, और बछिया के दूध को जो थो ड़ासा होता है गाय का दूध बताना,रणनीतिक और चतुराई से कुछ करना, बड़ा जोड़-तोड़ करने वाले के लिए उपयोगित

क़ाज़ी की दाढ़ी तबरुक में गई

जब कोई अच्छी शैय देखते देखते या मुफ़्त में ख़राब हो जाती है तो ये मक़ूला कहते हैं

सौ के रह गए सठ अधे गए नट, दस देंगे दस दिला देंगे दस का देना ही क्या

بالکل نادہند کی نِسبت کہتے ہیں نادہند مقروض کے متعلق کہا جاتا ہے کہ وہ طرح طرح کے بہانے بناتا ہے .

क़ानून गो की मरी हुई खोपड़ी भी दग़ा देती है

قانون گو سے وفا کی امید نہیں ہوتی .

घोड़ी गए गधों का राज आया

अशराफ़ गए गुज़रे हुए, कमीनों या कम असलों ने इन की जगह ले ली

फ़क़ीर को जहाँ रात वो गई वहीं सराए

फ़क़ीर को किसी बात की पर्वा नहीं जहां रात हो जाये वहीं बसर कर लेता है

सर के बदले सर गया, दाढ़ी गई अलेट

एक नुक़्सान उठा चुके अब एक और हुआ

हाथों के मोर उड़ गए

ख़ौफ़ से बदहवास हो गए

हिरी फिरी बल गई, जलवे के वक़्त टल गई

प्यार और आवभगत की बातें करती है लेकिन समय पर ग़ायब हो जाती है

जहाँ तेल देखा वहीं जनने को बैठ गई

स्वार्थी व्यक्ति के संबंध में बोलते हैं

मेहर गई मोहब्बत गई गए नान और पान, हुक़्क़े से मुँह झुलस के विदा' किया मेहमान

मेहमान का आदर सम्मान कुछ नहीं किया, केवल बातों में टाल दिया

चिड़िया की जान गई खाने वाले को मज़ा न मिला

रुक : चिड़िया अपनी जान से गई अलख

छेली जान से गई , खाने वालों को स्वाद न आया

जब किसी की मेहनत की कोई दास ना दे तो कहते हैं, हमारी जान गई आप की अदा ठहरी

वो दिन गए कि ख़लील ख़ाँ फ़ाख़्ता उड़ाया करते थे

वह दिन निकल गए, जब ख़लील ख़ाँ मौज करते थे

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मुर्ग़ी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया के अर्थदेखिए

मुर्ग़ी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया

murghii jaan se ga.ii khaane vaale ko mazaa na aayaaمرغی جان سے گئی کھانے والے کو مزہ نہ آیا

अथवा : मुर्ग़ी अपनी जान से गई, खाने वालों को मज़ा न आया, मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वाले को स्वाद न आया, मुर्ग़ी अपनी जां से गई खाने वाले को स्वाद न आया, मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया, मुर्ग़ी अपनी जान से गई, खाने वालों को स्वाद न आया

कहावत

टैग्ज़: अवामी वाक्य

मुर्ग़ी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया के हिंदी अर्थ

  • जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं
  • किसी के आत्म-त्याग या परिश्रम की जब प्रशंसा न की जाए तो कहते हैं
  • अनादर करने के समय उपयुक्त

English meaning of murghii jaan se ga.ii khaane vaale ko mazaa na aayaa

  • sacrifice went unrewarded

مرغی جان سے گئی کھانے والے کو مزہ نہ آیا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ایک آدمی تو دوسرے کے لیے کوشش کرتا مر گیا لیکن اس کی قدر نہ کی، قربانی ضائع ہو گئی
  • کسی کی قربانی اور محنت کی جب قدر نہ کی جائے تو کہتے ہیں
  • ناقدری کرنے کے موقع پر مستعمل ہے
  • (عورت) اس محل پر بولتی ہیں جب کوئی شخص کسی کے ساتھ سلوک اور مدارات کرنے میں کمال کوشش کرے اور وہ شخص اس جاں فشانی کو کچھ خیال میں نہ لائے یا اس کا احساں نہ مانے

    مثال میں توحضور پر تصدق ہی ہوجاؤں گی مگر حضورکا کوئی کام نہ نکلے گا بقول شخصے مرغی اپنی جاں سے گئی کھانے والے کو سواد نہ آیا

Urdu meaning of murghii jaan se ga.ii khaane vaale ko mazaa na aayaa

  • Roman
  • Urdu

  • qurbaanii zaa.e ho ga.ii

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गए को

गए हुए, गुज़रे हुए, बीते हुए

गाय को अपने सींग भारी नहीं

(औरत) अपने परीवार के लोग किसी को बोझ नहीं मालूम पड़ते

गाय को अपने सींग भारी नहीं होते

मनुष्य को अपने सगे संबंधी और परिवार बोझ नहीं लगते

गाय को सींग दूभर नहीं होते

गाय को अपने सींग भारी नहीं होते, इंसान को अपनी अहल-ओ-अयाल बूओझ महसूस नहीं होते

गू का कीड़ा

वो कीड़ा जो गू में पैदा होता है, गंदगी में रहने वाला गंदा ही होता है

गू का कीड़ा गू ही में ख़ुश रहता है

जो आदमी जैसी संगत में पला होता है वैसी ही संगत उस को भली मालूम होती है

वहाँ गए को

having gone there

गाए का दूध सो माए का दूध

गाय का दूध माता के दूध के समान होता है

गए का ग़म, न आए की शादी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

गू का पूत नोसादर

۔मिसल दो बुरी बातों या दो बुरे शख्सों की मुसावात ज़ाहिर करने के लिए मुस्तामल है। देखो सग-ए-ज़र्द बर्मा दर शगाल

गू का टोकरा सर से फेंकना

बदनामी की बात दूर करना, बदनामी, रुस्वाई या ज़िल्लत से बचना, रुस्वाई का इमामा उतारना

गू का टोकरा सर से उतार फेंकना

बदनामी की बात दूर करना, बदनामी, रुस्वाई या ज़िल्लत से बचना

गू की तरह छुपाना

बहुत छुपाना, बहुत सावधानी से रखना, छुपाते फिरना

शिकार को गए ख़ुद शिकार हो गए

दूसरे का नुक़्सान करने की इच्छा थी, अपना ही नुक़्सान हुआ

गू का चोथ

میلے کا ڈھیر ، بد نُما ڈھیر ، گوبر گنیش

गू का टोकरा

गू से भरा हुआ टोकरा

गए का ग़म, न आए की ख़ुशी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

गू का टोकरा सर से उतारना

बदनामी की बात दूर करना, बदनामी, रुस्वाई या ज़िल्लत से बचना, रुस्वाई का इमामा उतारना

गू का टोकरा सर पर उठाना

अपने सर बुराई लेना, दूसरे की बुराई अपने सर लेना, किसी बदनामी और रुस्वाई का काम अपने ज़िम्मे लेना, कमीना काम इख़तियार करना

गू का पुतला है

अभी छोटा बच्चा है

गू की दारू मूत और गू की दवा मूत

अदले का बदला है, बुरे काम का बुरा नतीजा

नमाज़ को गए रोज़ा गले पड़ा

एक चिंता, एक काम तो पहले ही सामने था अब दूसरा भी सामने आ गया

रोज़े को गए नमाज़ गले पड़ी

रुक : रोज़े छुराने गए नमाज़ गले पड़ी

घोड़ी गए गधों को राज आया

अशराफ़ गए गुज़रे हुए, कमीनों या कम असलों ने इन की जगह ले ली

जौ को गए सत्वानी ले आए

काम कुछ करने गए थे कर कुछ और आए

त्रेता के बीजों को पहुँच गए

बहुत गिरे, बहुत पतन हुआ, त्रेता के युग में पहुँच गए अर्थात बहुत विश्वासपात्र और सच्चे बन गए

वो मर गए हम को मरना है

परिणाम स्वरूप हर एक को मरना है (क़सम के रूप में या सत्यता का विश्वास दिलाने के लिए) सबको एक दिन मरना है, मानव नश्वर है (पछतावे के प्रकटन के रूप में)

दाता दाता मर गए और रह गए मक्खी-चूस, लेन-देन को कुछ नहीं लड़ने को मौजूद

किसी याचक का कहना, जिसे कुछ मिला नहीं, दानशील मर गए और कंजूस रह गए, देते दिलाते कुछ नहीं लड़ने को तैयार रहते हैं

मियाऊँ को कौन पकड़े गा

बलशाली की आवाज़ से ही डर लगता है

सच्चे मर गए , झूटों को तप भी नहीं आई

जब कोई झूट बोलता है इस वक़्त कहते हैं कि उलटा ज़माना है झूओटे को कोई नुकंसान नहीं पहुंचता

रोने को थी ही इतते में आ गए भैया

रोने के लिए बहाना मिल गया, कोई काम पहले करने को थे कि बहाना भी मिल गया

कानी गाए बामन को दान

खोटे वस्तु या जिस वस्तु में कोई कमी हो उसको दान कर देते हैं

गू की दारू मूत और मूत की दारू गू

अदले का बदला है, बुरे काम का बुरा नतीजा

गाय क़स्सा बीच कूँ पतयावे

گائے قصّاب ہی پر اعتماد کرتی ہے ، اچھے آدمی کا کہیں ٹھکانا نہیں ، بُرا آدمی جس پر چاہے قبضہ کرلے.

ये भी सिक्शा नाथ जी कह गए ठीकम-ठीक, खो दें आदर मान को दग़ा लोभ और भीक

धोखा लालच और भीख मनुषेय के सम्मान को खो देते हैं

लातों का आदमी बातों से न मानेगा

रुक : लातों के भूत बातों से नहीं मानते जो ज़्यादा मुस्तामल है

हज़ार हाथी लुटेगा फिर भी सवा लाख का

धनी और संपन्न के निर्धन हो जाने पर कहते हैं, अमीर और मालदार के ग़रीब हो जाने पर बोलते हैं

जो औरों का बुरा चेते गा उस का पहले बुरा होगा

जो दूसरों का नुक़्सान चाहेगा इस का अपना नुक़्सान होगा

अल गई, बल गई, जलवे के वक़्त टल गई

प्यार और आवभगत की बातें करती है लेकिन समय पर ग़ायब हो जाती है

हीजड़े की कमाई मड़ौनी में गई

اسے منہ صاف رکھنے کیلئے روز حجامت کرانی پڑتی

मियाँ की दाढ़ी वाह वाह में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

मियाँ की दाढ़ी वाह वाही में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

दमड़ी की हाँडी गई , कुत्ते की ज़ात पहचानी गई

हानि तो हुई परंतु अनुभव तो प्राप्त हुआ, थोड़ी सी हानि हुईतो कोई बात नहीं है वास्तविक्ता का पता तो चला

'अक़्ल के तोते उड़ गए

होश जाते रेहे, बौखला जाना, सुध-बुध समाप्त हो जाना, समझ जाती रही

'अक़्ल के तोते उड़ गए

होश जाते रेहे, बौखला जाना, सुध-बुध समाप्त हो जाना, समझ जाती रही

दिमाग़ के कीड़े चाट गए

बकबक के भेजा ख़ाली कर दिया

गाएं गायों जमा' गाय का बछिया तले बछिया का गाय तले करना गाय का भैंस तले भैंस का गाय तले करना

गाय के दूध को जो बहुत सारा होता है बछिया का दूध बताना, और बछिया के दूध को जो थो ड़ासा होता है गाय का दूध बताना,रणनीतिक और चतुराई से कुछ करना, बड़ा जोड़-तोड़ करने वाले के लिए उपयोगित

क़ाज़ी की दाढ़ी तबरुक में गई

जब कोई अच्छी शैय देखते देखते या मुफ़्त में ख़राब हो जाती है तो ये मक़ूला कहते हैं

सौ के रह गए सठ अधे गए नट, दस देंगे दस दिला देंगे दस का देना ही क्या

بالکل نادہند کی نِسبت کہتے ہیں نادہند مقروض کے متعلق کہا جاتا ہے کہ وہ طرح طرح کے بہانے بناتا ہے .

क़ानून गो की मरी हुई खोपड़ी भी दग़ा देती है

قانون گو سے وفا کی امید نہیں ہوتی .

घोड़ी गए गधों का राज आया

अशराफ़ गए गुज़रे हुए, कमीनों या कम असलों ने इन की जगह ले ली

फ़क़ीर को जहाँ रात वो गई वहीं सराए

फ़क़ीर को किसी बात की पर्वा नहीं जहां रात हो जाये वहीं बसर कर लेता है

सर के बदले सर गया, दाढ़ी गई अलेट

एक नुक़्सान उठा चुके अब एक और हुआ

हाथों के मोर उड़ गए

ख़ौफ़ से बदहवास हो गए

हिरी फिरी बल गई, जलवे के वक़्त टल गई

प्यार और आवभगत की बातें करती है लेकिन समय पर ग़ायब हो जाती है

जहाँ तेल देखा वहीं जनने को बैठ गई

स्वार्थी व्यक्ति के संबंध में बोलते हैं

मेहर गई मोहब्बत गई गए नान और पान, हुक़्क़े से मुँह झुलस के विदा' किया मेहमान

मेहमान का आदर सम्मान कुछ नहीं किया, केवल बातों में टाल दिया

चिड़िया की जान गई खाने वाले को मज़ा न मिला

रुक : चिड़िया अपनी जान से गई अलख

छेली जान से गई , खाने वालों को स्वाद न आया

जब किसी की मेहनत की कोई दास ना दे तो कहते हैं, हमारी जान गई आप की अदा ठहरी

वो दिन गए कि ख़लील ख़ाँ फ़ाख़्ता उड़ाया करते थे

वह दिन निकल गए, जब ख़लील ख़ाँ मौज करते थे

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