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कहा

= कहा (उक्ति)

कहाँ

किधर, किस जगह, कब, एक प्रश्नवाचक अव्यय जिसका प्रयोग मुख्यतः स्थान के संबंध में जिज्ञासा या प्रश्न के प्रसंग में होता है

कहानी

कोई झूठी या मनगढंत बात। मुहा०-कहानी जोड़ना = आवश्यकता से अधिक और प्रायः अरुचि कर या निरर्थक वृत्तांत।। पद-राम-कहानी लंबा-चौड़ा वृत्तांत।

कहाना

کہانی ، ضرب المثل ، کہاوت.

कहाँ-की

کہاں کا کی تانیث، کیسی، تراکیب میں مستعمل

कहाँ-का

of what place? what type?

कहाँ है

(कलमा-ए-इस्तिफ़हाम-ए-इन्कारी) यानी इलम-ओ-फ़िक्र, दानाई, साज़ो सामान, ज़हानत, लियाक़त वग़ैरा कहाँ है, कहीं भी तो नहीं है

कहाँ से

किधर से, कैसे, किस तरह, क्यों कर

कहा-कही

कहा-सुनी, बात, गुफ़्तगु, बहस, झगड़ा, तकरार

कहानी है

ग़लत है, सिर्फ़ कहने की बात है, सब झूट है

कहा-सुनी

वाद-विवाद, उत्तर-प्रत्युत्तर, तकरार, हुज्जत, कहा-कही

कहाँ-कहाँ

(disapproving) where are you going?

कहा-सुना

अनजान में या भूल से कही हुई कोई अप्रिय या अनुचित बात या हो जानेवाला कोई अनुचित या असंगत व्यवहार, सूना हुआ, वाद-विवाद, झगड़ा, गिला शिकवा, जुर्म, कुसूर, जाना पहचाना, प्रसिद्ध

कहा-बदी

شرط کے مطابق ، طے شدہ ، قول و قرار و عہد و پیمان کے مطابق .

कहाँ पर

where? at what place? to what degree? how far?

कहारी

कहारन, कहार का पेशा या काम, कहार की मज़दूरी, डोली उठाने की उजरत

कहा चाहिए

۔کہنا چاہئے۔ ؎ اب اس جگہ کہنا چاہئے فصیح ہے۔

कहा चाहिये

कहना चाहिए

कहारनी

رک: کہارن.

कहानती

अनदेखी, अदृश्य चीज़ों से संबंधित

कहाँ तक

how far? how long? to what degree?

कहावंत

رک : کہاوت.

कहाँ जाऊँ

क्या ईलाज करूं, क्या तदबीर करूं

कहाँ के हैं

कौन सी भूमि और कौन से देश के निवासी हैं, किस गुप्त शहर के हैं, ऐसे कौन हैं

कहारिन

कहार का स्त्रीवाची रूप; पानी भरने वाली स्त्री; कहारी; किसी समय महरी या घरेलू नौकरानी के लिए प्रयुक्त शब्द।

कहाँ जाऊँ

۔کیا علاج کروں۔ کیا تدبیر کروں۔

कहाँ-लग

رک : کہاں تک.

कहा न अबला कर सके न सिंधू समाए, कहा न पावक में जड़े कहा काल न खाए

कौन सा काम है जो औरत नहीं कर सकती और कौन सी चीज़ में जो समुंद्र में नहीं समा सकती, कौन सी चीज़ है जिसे आग नहीं जला सकती, और कौन चीज़ है जिसे मौत नहीं आती

कहाँ चले

जब कोई व्यक्ति लंबे समय के बाद या अनुचित समय पर आता है तो उस से कहते हैं, किस उद्देश्य से आए, किस कार्य से परेशानी की, अनुचित समय पर कहाँ आए

कहाँ मुँह

किसी योग्य नहीं, किसी भी प्रकार की योग्यता नहीं, साहस या हिम्मत नहीं

कहानी-गो

कहानी सुनाने वाला, कहानी कहने वाला, दास्तानगो (कहानी कहना भी एक कला थी और इसके भी नियम और विनियम होते थे, उनके अनुसार कहानी कहने वाला कहानीगो कहलाता था, जो प्रायः मंत्री एवं रईसों के हाँ कार्यरत होते थे, अपनी रुचि के आधार पर कहानी कहने वाले भी कहानीगो कहल

कहा सुना मु'आफ़ करना

रुक: कहा सुना बख़्शना

कहा सुना बख़्शना

ग़लती माफ़ करना (किसी से विदा होते समय या मरते समय कहते हैं)

कहा सुना बख़्शवाना

किसी से अपना क़सूर माफ़ करवाना, गलती बख़्शवाना (विदा होते समय या मरते समय)

कहा सुना मु'आफ़ कराना

रुक : कहा सुना बख़्शवाना

कहा सुना मु'आफ़ करवाना

रुक : कहा सुना बख़्शवाना

कहानी-पन

(साहित्य) कहानी की विशेषता होना, कहानी का होना

कहाँ का रहा

नाकारा हो गया, बेकार हो गया, किसी काम का न रहा

कहाँ तलक

कब तक, कितनी देर तक, किस समय तक, यहाँ तक कि

कहाँ-कहाँ की

۔کس کس جگہ کی۔ بنات النعش) اس لڑکے کی خاطر نہیں معلوم میں نے کہاں کہاں کی خاک چھانی۔

कहाँ ये कहाँ वो

इन का क्या मुक़ाबला, उन का कोई मुक़ाबला नहीं

कहानी-कार

वह जो प्रायः कहानियाँ रचता या लिखता हो

कहानी आना

۔ کوئی حکایت یاد ہونا۔ ؎

कहाँ का कहाँ

बे-ठिकाने, काले-कोसों

कहाँ भूल गए

कैसे आना हुआ, जब कोई दोस्त अर्सा के बाद इत्तिफ़ाक़न आ जाता है तो अज़राह-ए-शिकायत कहते हैं

कहानी रहना

वर्णन शेष रहना, व्याख्यान जारी रहना

कहाँ से कहाँ

بہت دور ، نامعلوم جگہ.

कहाँ के इरादे हैं

किधर जाते हो, कहाँ का इरादा है

कहाँ गए थे , कहीं नहीं , कहाँ से आए , कहीं से नहीं

करना ना करना सब बेकार हो गया, ना कहीं आए और ना कहीं गए, वहीं के वहीं रहे

कहाँ जाऊँ, चूहे का बिल नहीं मिलता

सख़्त नाचारी ज़ाहिर करने को कहते हैं, कभी भी पनाह नहीं मिलती

कहानी-नवीस

फिल्मों के लिए कहानी लिखने वाला, कहानिकार

कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली

उच्च कुल के व्यक्ति एवं तुच्छ व्यक्ति का क्या मुक़ाबला

कहाँ बी-बी कहाँ बाँदी

अदना को उच्च से क्या लेना-देना

कहाँ गंगू तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंवा तीली

कहाँ सो रहा

कहाँ देर लगाई, क्यों बेपरवाही की, क्यों देर की

कहां गांगला तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंग॒वा, तीली

कहाँ से आया

۔ بے وقعت ہے۔ ناچیز ہے کیا۔ وقعت رکھتا ہے۔ ؎

कहाँ राम राम , कहाँ टें टें

रुक: कहाँ राजा भोज कहाँ गंगा तीली

कहाँ से रंगा के आए हैं

(व्यंग्यात्मक) आप में कौन सी ख़ूबी है, आप में कौन सा गुण है

कहा करना

बात मानना, कहे पर अमल करना, कहने के अनुसार करना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कहा-कही के अर्थदेखिए

कहा-कही

kahaa-kahiiکَہا کَہی

स्रोत: हिंदी

वज़्न : 1212

कहा-कही के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

English meaning of kahaa-kahii

Noun, Feminine

کَہا کَہی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • بات، گفتگو، بحث، جھگڑا، تکرار

Urdu meaning of kahaa-kahii

  • Roman
  • Urdu

  • baat, guftagu, behas, jhag.Daa, takraar

खोजे गए शब्द से संबंधित

कहा

= कहा (उक्ति)

कहाँ

किधर, किस जगह, कब, एक प्रश्नवाचक अव्यय जिसका प्रयोग मुख्यतः स्थान के संबंध में जिज्ञासा या प्रश्न के प्रसंग में होता है

कहानी

कोई झूठी या मनगढंत बात। मुहा०-कहानी जोड़ना = आवश्यकता से अधिक और प्रायः अरुचि कर या निरर्थक वृत्तांत।। पद-राम-कहानी लंबा-चौड़ा वृत्तांत।

कहाना

کہانی ، ضرب المثل ، کہاوت.

कहाँ-की

کہاں کا کی تانیث، کیسی، تراکیب میں مستعمل

कहाँ-का

of what place? what type?

कहाँ है

(कलमा-ए-इस्तिफ़हाम-ए-इन्कारी) यानी इलम-ओ-फ़िक्र, दानाई, साज़ो सामान, ज़हानत, लियाक़त वग़ैरा कहाँ है, कहीं भी तो नहीं है

कहाँ से

किधर से, कैसे, किस तरह, क्यों कर

कहा-कही

कहा-सुनी, बात, गुफ़्तगु, बहस, झगड़ा, तकरार

कहानी है

ग़लत है, सिर्फ़ कहने की बात है, सब झूट है

कहा-सुनी

वाद-विवाद, उत्तर-प्रत्युत्तर, तकरार, हुज्जत, कहा-कही

कहाँ-कहाँ

(disapproving) where are you going?

कहा-सुना

अनजान में या भूल से कही हुई कोई अप्रिय या अनुचित बात या हो जानेवाला कोई अनुचित या असंगत व्यवहार, सूना हुआ, वाद-विवाद, झगड़ा, गिला शिकवा, जुर्म, कुसूर, जाना पहचाना, प्रसिद्ध

कहा-बदी

شرط کے مطابق ، طے شدہ ، قول و قرار و عہد و پیمان کے مطابق .

कहाँ पर

where? at what place? to what degree? how far?

कहारी

कहारन, कहार का पेशा या काम, कहार की मज़दूरी, डोली उठाने की उजरत

कहा चाहिए

۔کہنا چاہئے۔ ؎ اب اس جگہ کہنا چاہئے فصیح ہے۔

कहा चाहिये

कहना चाहिए

कहारनी

رک: کہارن.

कहानती

अनदेखी, अदृश्य चीज़ों से संबंधित

कहाँ तक

how far? how long? to what degree?

कहावंत

رک : کہاوت.

कहाँ जाऊँ

क्या ईलाज करूं, क्या तदबीर करूं

कहाँ के हैं

कौन सी भूमि और कौन से देश के निवासी हैं, किस गुप्त शहर के हैं, ऐसे कौन हैं

कहारिन

कहार का स्त्रीवाची रूप; पानी भरने वाली स्त्री; कहारी; किसी समय महरी या घरेलू नौकरानी के लिए प्रयुक्त शब्द।

कहाँ जाऊँ

۔کیا علاج کروں۔ کیا تدبیر کروں۔

कहाँ-लग

رک : کہاں تک.

कहा न अबला कर सके न सिंधू समाए, कहा न पावक में जड़े कहा काल न खाए

कौन सा काम है जो औरत नहीं कर सकती और कौन सी चीज़ में जो समुंद्र में नहीं समा सकती, कौन सी चीज़ है जिसे आग नहीं जला सकती, और कौन चीज़ है जिसे मौत नहीं आती

कहाँ चले

जब कोई व्यक्ति लंबे समय के बाद या अनुचित समय पर आता है तो उस से कहते हैं, किस उद्देश्य से आए, किस कार्य से परेशानी की, अनुचित समय पर कहाँ आए

कहाँ मुँह

किसी योग्य नहीं, किसी भी प्रकार की योग्यता नहीं, साहस या हिम्मत नहीं

कहानी-गो

कहानी सुनाने वाला, कहानी कहने वाला, दास्तानगो (कहानी कहना भी एक कला थी और इसके भी नियम और विनियम होते थे, उनके अनुसार कहानी कहने वाला कहानीगो कहलाता था, जो प्रायः मंत्री एवं रईसों के हाँ कार्यरत होते थे, अपनी रुचि के आधार पर कहानी कहने वाले भी कहानीगो कहल

कहा सुना मु'आफ़ करना

रुक: कहा सुना बख़्शना

कहा सुना बख़्शना

ग़लती माफ़ करना (किसी से विदा होते समय या मरते समय कहते हैं)

कहा सुना बख़्शवाना

किसी से अपना क़सूर माफ़ करवाना, गलती बख़्शवाना (विदा होते समय या मरते समय)

कहा सुना मु'आफ़ कराना

रुक : कहा सुना बख़्शवाना

कहा सुना मु'आफ़ करवाना

रुक : कहा सुना बख़्शवाना

कहानी-पन

(साहित्य) कहानी की विशेषता होना, कहानी का होना

कहाँ का रहा

नाकारा हो गया, बेकार हो गया, किसी काम का न रहा

कहाँ तलक

कब तक, कितनी देर तक, किस समय तक, यहाँ तक कि

कहाँ-कहाँ की

۔کس کس جگہ کی۔ بنات النعش) اس لڑکے کی خاطر نہیں معلوم میں نے کہاں کہاں کی خاک چھانی۔

कहाँ ये कहाँ वो

इन का क्या मुक़ाबला, उन का कोई मुक़ाबला नहीं

कहानी-कार

वह जो प्रायः कहानियाँ रचता या लिखता हो

कहानी आना

۔ کوئی حکایت یاد ہونا۔ ؎

कहाँ का कहाँ

बे-ठिकाने, काले-कोसों

कहाँ भूल गए

कैसे आना हुआ, जब कोई दोस्त अर्सा के बाद इत्तिफ़ाक़न आ जाता है तो अज़राह-ए-शिकायत कहते हैं

कहानी रहना

वर्णन शेष रहना, व्याख्यान जारी रहना

कहाँ से कहाँ

بہت دور ، نامعلوم جگہ.

कहाँ के इरादे हैं

किधर जाते हो, कहाँ का इरादा है

कहाँ गए थे , कहीं नहीं , कहाँ से आए , कहीं से नहीं

करना ना करना सब बेकार हो गया, ना कहीं आए और ना कहीं गए, वहीं के वहीं रहे

कहाँ जाऊँ, चूहे का बिल नहीं मिलता

सख़्त नाचारी ज़ाहिर करने को कहते हैं, कभी भी पनाह नहीं मिलती

कहानी-नवीस

फिल्मों के लिए कहानी लिखने वाला, कहानिकार

कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली

उच्च कुल के व्यक्ति एवं तुच्छ व्यक्ति का क्या मुक़ाबला

कहाँ बी-बी कहाँ बाँदी

अदना को उच्च से क्या लेना-देना

कहाँ गंगू तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंवा तीली

कहाँ सो रहा

कहाँ देर लगाई, क्यों बेपरवाही की, क्यों देर की

कहां गांगला तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंग॒वा, तीली

कहाँ से आया

۔ بے وقعت ہے۔ ناچیز ہے کیا۔ وقعت رکھتا ہے۔ ؎

कहाँ राम राम , कहाँ टें टें

रुक: कहाँ राजा भोज कहाँ गंगा तीली

कहाँ से रंगा के आए हैं

(व्यंग्यात्मक) आप में कौन सी ख़ूबी है, आप में कौन सा गुण है

कहा करना

बात मानना, कहे पर अमल करना, कहने के अनुसार करना

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