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जो हो वो थोड़ा है

जिस क़दर गति बने इस के काबिल हो

फ़रज़ंद वो है जो ख़लफ़ हो

जो सोता है वो खोता है

दर्द को वो समझे जो दर्दमंद हो

दूसरे की पीड़ा वही समझ सकता है जो स्वयं उसी पीड़ा से पीड़ित रहा हो, दूसरे की तकलीफ़ को वह आदमी समझ सकता है जो ख़ुद उसी तकलीफ़ में मुबतला रह चुका है

जो बरसता है वो गरजता नहीं

जो लायक़ होते हैं वह डींग नहीं मारते

जो गरजता है वो बरसता नहीं

जो लायक़ होते हैं वह इतराते या डींग नहीं मारते

जो कल होना है वो आज हो जाए

शीघ्रता के अवसर पर कहते हैं

दर्द को वो समझते जो दर्द मंद हो

दूसरे की तकलीफ़ को वो आदमी समझ सकता है जो ख़ुद तकलीफ़ में मुबतला रह चुका हो

साँच वो है जो आँच को सहे

सच्च बोल और किसी का ख़ौफ़ ना कर, सच्च को किसी आज़माईश का कूफ़ नहीं होता

जो हो सकता है

जो फल चखा नहीं वो सब से मीठा है

जो वस्तु मनुष्य को न मिले उस की बहुत इच्छा होती है

जो सादी चाल चलता है वो हमेशा ख़ुश हाल रहता है

सादा तौर पर रहने वाला आराम से रहता है, सादगी से रहने वाला सदा सुखी रहता है

जो काम हिकमत से निकलता है वो हुकूमत से नहीं निकलता

बुद्धि से जो काम बनता है, वह बल से नहीं बन सकता

वो राजा मरता भला जिसमें न्याव न हो, मरी भली वो स्त्री लाज न राखे जो

बे इंसाफ़ राजा और बेहया औरत का मर जाना बेहतर है

आग में जो चीज़ पड़ी वो आग है

संगत का प्रभाव बहुत अधिक होता है

वक़्त पर जो हो जाए सो ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

हाँडी में जो हो सो वही चमची में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

मुक़द्दर में जो कुछ है हो रहेगा

भाग्य में जो लिखा है ज़रूर होगा, टल नहीं सकता

हाँडी में जो हो सो वही डोई में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

टका हो जिस के हाथ में वो बड़ा है ज़ात में

मालदारी आदमी को बड़ी जाति का बना देती है, पैसे वाले का ही सम्मान सब जगह होता है

सुख मानो तो सुख है , दुख मानो तो दुख है , सच्चा सुखिया वो है जो सुख माने न दुख

अगर समझो तो ख़ुशी है अगर तकलीफ़ समझो तो तकलीफ़ ख़ुशी होती है . असल में ख़ुशी वो है जो आराम और तकलीफ़ की पर्वा ना करे क्योंकि आराम और ख़ुशी एतबारी कैफ़यात हैं

कल जो होना है आज हो जाए

जो चीज़ कल पर मौक़ूफ़ है वो आज हो जाये, काम की जल्द से जल्द तकमील कर ली जाये, किसी तरह ताख़ीर ना की जाये, ख़दशा जल्द से जल्द दूर कर लिया जाये

वो जो कहा है

۔ जो कोई मक़ूला या मिसल नक़ल करते हैं तो इस तरह कहते हैं।(रवयाए सादिका) वो जो कहा है नाच ना आए आंगन टेढ़ा ।तुम्हारे ऊपर सादिक़ है।

जो कोई कलपाय है वो कैसे कल पाय है

जो लोगों को सताता है उसे कभी शांति नहीं मिलती

साधू हो कर कपट जो राखे, वो तो मज़ा नरक का चाखे

वो जो साधू हो कर हसद और बुग़ज़ से काम ले दोज़ख़ में जाएगा

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

अगर तुम को इलम है तो ये बात याद रखू कि ख़ुदा जिस की तरफ़ है सारा जहां उस की तरफ़ है

बिद्दिया वो माल है जो ख़र्चत दुगना हो राजा रवा चोर ताछीन न साके को

इलम ऐसा माल है जो (ख़र्च करे) सिखाने से ज़्यादा होता है और उसे राजा राव या चोर कोई नहीं छीन सकता

जो आज करना हो वो कल पर न छोड़ो

जो काम आज करना है उसे दूसरे वक़्त पर नहीं टालना चाहिए

जिस पगड़ी में हो न चिल्ला पगड़ी नहीं वो फेंटी है

चिल्लद से अलबत्ता पगड़ी की ज़ेबाइश हो जाती है , हर चीज़ अपने औसाफ़ में पूरी होनी चाहिए

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

तिरया तू है सोभा घर की, जो हो लाज रखावा नर की

जो स्त्री अपने पति का सम्मान एवं गौरव स्थापित रखे वो घर की शोभा है

जो जान देता है वो नान भी देता है

अल्लाह ताला रज़्ज़ाक़ हक़ीक़ी है

जो गरजते हैं, वो बरसते नहीं

शोर करने वाला कोई काम नहीं कर सकता, जो लोग डींगें मारते हैं वो करते कुछ नहीं

जो चोरी करता है वो मोरी भी रखता है

परिणाम की चिंता पहले कर लेना चाहिए

जो बादल गरजते हैं वो कम बरसते हैं

रुक : जो अब्र गरजता है बरसता नहीं

मर्द वो है जो दे और न ले, और नीम मर्द वो है जो दे और ले, ना-मर्द वो है जो न दे और न ले

बुज़ुर्गों का क़ौल है कि बहादुर वो है जो देता है यानी सख़ावत करता है मगर किसी से लेता नहीं, नीम बहादुर वो है जो देता भी है और लेता भी, बुज़दिल और नालायक़ वो है जो लेता तो है मगर देता किसी को नहीं

जो कहते हैं वो करते नहीं

अपना वादा पूरा नहीं करते, अपने वचन पर टिकते नहीं, अपनी ज़बान पर क़ायम नहीं रहते

तिरया तुझ से जो कहे मोल न तू वो मान, तिरया मत पर जो चलें वो नर हैं निर्ज्ञान

स्त्री के कहने पर नहीं चलना चाहिए जो उन के कहने पर चले वो मूर्ख है

चूहिय्या को जो देना हो वो बिल्ली को दे दो

कोई ऐसा तरीक़ा जिस से नतीजा जल्दी निकले इख़तियार करने के मौक़ा पर कहते हैं

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो परेशानी आए उसे झेलना पड़ता है, ईश्वर की इच्छा पर सहमत होना बहुत अच्छी बात है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जो हो वो थोड़ा है के अर्थदेखिए

जो हो वो थोड़ा है

jo ho vo tho.Daa haiجو ہو وہ تھوڑا ہے

वाक्य

जो हो वो थोड़ा है के हिंदी अर्थ

  • जिस क़दर गति बने इस के काबिल हो

جو ہو وہ تھوڑا ہے کے اردو معانی

  • جس قدر گت بنے اس کے قابل ہو.

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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