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जिए

lived, live long

जिए

live

जिए मेरा काटने वाला मैं सिनकने से छूटी

यानी नुक़्सान हुआ मगर रोज़ के झगड़े से छोटी, किसी शख़्स ने अपनी बदकार औरत की नाक काट डाली इस ने तंज़न ये फ़िक़रा कहा था जब से ये ज़रब-उल-मसल हो गया

जिए मेरा भाई गली गली भौजाई

a Lothario has a wife in every street

जिए मेरा भाई गली गली भौजाई

यानी रुपया होगा तो ख़िदमतगुज़ार और हर किस्म की चीज़ मिल जाएगी या असल से नक़ल बहुत हो जाती है

जिए आसा मरे निरासा

उम्मीद पर जहां क़ायम है

हो जिए

हुँ के सेथान पर, हो जाये (आदर-सत्कार के रूप में प्रयुक्त)

जीए तक

زندگی بھر.

जिये मेरा भाई घर घर भौजाई

रुक: जुए मेरा भाई अलख

ज़ी-ए'तिबार

भरोसे के लायक़, विश्वसनीय

साईं जिए

(दुआइया कलिमा) सुहाग सलामत रहे

जुग जुग जिए

بڑی عمر ہو۔

दफ़' हो जिए

यहाँ से जाओ

आसा जिए निरासा मरे

امید سے دل کو سہارا ملتا ہے، اور نا امید مرتا ہے

नक्टा जिए बुरे अहवाल

बेग़ैरत, बदनाम और रुसवा शख़्स की ज़िंदगी ज़िल्लत और ख़सताहाली से बसर होती है, जिस की नाक कट जाये उस की ज़िंदगी ख़राब होती है, बेआबरु आदमी पर जीना वबाल है

फिर कौन मरे कौन जिए

ज़िंदगी का कोई एतबार नहीं काम फ़ौरन करना चाहीए ये काम अभी करना चाहिए फिर का क्या भरोसा क्या हो

आसा मरे निरासा जिए

प्रतीक्षा करने वाले का जीवन प्रतीक्षा के सदमे से कड़वा हो जाता है इस से तो प्रतीक्षा ना करने वाला अच्छा कि उस को प्रतीक्षा का सदमा नहीं उठाना पड़ता

कोसा जिए असीसी मरे

मरना जीना किसी की ख़ाहिश से नहीं बल्कि मुक़द्दर से होता है जिसे मरने की बददुआ दी जाये वो नहीं मरता जिस को जीने की दुआ दी जाये वो मर जाता है

फिर कौन मरे , कौन जिए

۔ مثل یعنی کام جلد ہونا چاہئے آئندہ نہیں معلوم کیا واقعہ پیش آئے۔

फिर कौन जिए किस का राज

۔ مثل (عو) دیکھو پھر کون مرے کون جئے۔

फिर कौन जिए किस का राज

ज़िंदगी का कोई एतबार नहीं काम फ़ौरन करना चाहीए ये काम अभी करना चाहिए फिर का क्या भरोसा क्या हो

गिरह का दीजिए पर ज़ामिन न हो जिए

۔मिसल। ज़मानत की मज़म्मत में बोलते हैं

सास मोरी मरे , सुसर मोरा जिए , नई बहूरिया के राज भए

सास मर जाये तो बहू के मज़े हो जाते हैं

कोई जिए कि मरे उन को अपने काम से काम

۔मक़ूला। ख़ुदग़रज़ आदमी की निसबत कहते हैं जिस को किसी के रंज विरह हित की पर्वा ना हो।

मरे न जिए बकर बकर करे

रुक : मरे ना पीछा छोड़े, जो आदमी हरवक़त तंग करे उसे भी कहते हैं, जब तक ज़िंदा है तंग करेगा

मरे न जिए हकर हकर करे

रुक : मरे ना पीछा छोड़े, जो आदमी हरवक़त तंग करे इस के मुताल्लिक़ कहते हैं, जब तक ज़िंदा है तंग करेगा

मर मर के जिए जाना

बड़ी मुश्किल से जीता रहना

तेरे जीए कुत्ता भी न जीए

(ओ) तेरी ज़िंदगी से कुत्ते की ज़िंदगी भी बेहतर है

लजाऊ मरे ढिटाऊ जिये गंगा जल चमारों पिये

ग़ैरत मंद मरते हैं और बेग़ैरत अपना काम बनाते हैं कमीनों के हिस्से में आजकल मुरातिब हैं, उलटा ज़माना है

लजाऊ मरे ढिटाऊ जिये गंगा जल चमार पिये

ग़ैरत मंद मरते हैं और बेग़ैरत अपना काम बनाते हैं कमीनों के हिस्से में आजकल मुरातिब हैं, उलटा ज़माना है

माँ मरे मौसी जिये

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

फिर कौन जीए , किस का राज

it should be done immediately because life is short and uncertain

मा मरे माैसी जिये

यानी मा मर जाएगी तो ख़ाला पाल लेगी यानी मा और ख़ाला में कुछ फ़र्क़ नहीं है

हम साँप नहीं हैं कि जीएँ चाट कर मिट्टी

हमें कुछ मिलना चाहिए, बहुत दिनों तक तनख़्वाह या मज़दूरी ना मिले तो कहते हैं

ज़च्चा और बच्चा दोनों जीएँ

دعا جو عموماً لوگ بچے پیدا ہونے پر دیتے ہیں

हो जीए

बजाय हूँ, हो जाये (एहतरामन मुस्तामल)

जम जम जिये

(दुआइया) हमेशा ज़िंदा रहो, सदा सलामत रहो, तवील उम्र पाओ

जम जम जिएँ

(दुआइया) हमेशा ज़िंदा रहो, सदा सलामत रहो, तवील उम्र पाओ

क़ब्र में रख के ख़बर को न आया कोई, मूए का कोई नहीं, जीए के सब कोई

मरने के बाद क़ब्र पर भी कोई नहीं जाता

उफ़ तेरा काटा न जिये

निहायत मुफ़सिद और दग़ाबाज़ है, जिस के फ़ित्ने से बच नहीं सकते

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में गिरह का दीजिए पर ज़ामिन न हो जिए के अर्थदेखिए

गिरह का दीजिए पर ज़ामिन न हो जिए

girah kaa diijiye par zaamin na ho jiyeگِرَہ کا دِیجِئے پَر ضامِن نَہ ہو جِئے

कहावत

गिरह का दीजिए पर ज़ामिन न हो जिए के हिंदी अर्थ

  • ۔मिसल। ज़मानत की मज़म्मत में बोलते हैं
  • किसी की ज़मानत नहीं देनी चाहिए, इस से बेहतर ये है कि अपनी जेब से रुपया दे दे, ज़मानत की मुज़म्मत में बोलते हैं

English meaning of girah kaa diijiye par zaamin na ho jiye

  • never be a guarantee to someone

گِرَہ کا دِیجِئے پَر ضامِن نَہ ہو جِئے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کسی کی ضمانت نہیں دینی چاہیے ، اس سے بہتر یہ ہے کہ اپنی جیب سے روپیہ دے دے ، ضمانت کی مذمت میں بولتے ہیں.
  • ۔مثل۔ ضمانت کی مذمّت میں بولتے ہیں۔

Urdu meaning of girah kaa diijiye par zaamin na ho jiye

  • Roman
  • Urdu

  • kisii kii zamaanat nahii.n denii chaahi.e, is se behtar ye hai ki apnii jeb se rupyaa de de, zamaanat kii muzammat me.n bolte hai.n
  • ۔misal। zamaanat kii mazammat me.n bolte hai.n

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lived, live long

जिए

live

जिए मेरा काटने वाला मैं सिनकने से छूटी

यानी नुक़्सान हुआ मगर रोज़ के झगड़े से छोटी, किसी शख़्स ने अपनी बदकार औरत की नाक काट डाली इस ने तंज़न ये फ़िक़रा कहा था जब से ये ज़रब-उल-मसल हो गया

जिए मेरा भाई गली गली भौजाई

a Lothario has a wife in every street

जिए मेरा भाई गली गली भौजाई

यानी रुपया होगा तो ख़िदमतगुज़ार और हर किस्म की चीज़ मिल जाएगी या असल से नक़ल बहुत हो जाती है

जिए आसा मरे निरासा

उम्मीद पर जहां क़ायम है

हो जिए

हुँ के सेथान पर, हो जाये (आदर-सत्कार के रूप में प्रयुक्त)

जीए तक

زندگی بھر.

जिये मेरा भाई घर घर भौजाई

रुक: जुए मेरा भाई अलख

ज़ी-ए'तिबार

भरोसे के लायक़, विश्वसनीय

साईं जिए

(दुआइया कलिमा) सुहाग सलामत रहे

जुग जुग जिए

بڑی عمر ہو۔

दफ़' हो जिए

यहाँ से जाओ

आसा जिए निरासा मरे

امید سے دل کو سہارا ملتا ہے، اور نا امید مرتا ہے

नक्टा जिए बुरे अहवाल

बेग़ैरत, बदनाम और रुसवा शख़्स की ज़िंदगी ज़िल्लत और ख़सताहाली से बसर होती है, जिस की नाक कट जाये उस की ज़िंदगी ख़राब होती है, बेआबरु आदमी पर जीना वबाल है

फिर कौन मरे कौन जिए

ज़िंदगी का कोई एतबार नहीं काम फ़ौरन करना चाहीए ये काम अभी करना चाहिए फिर का क्या भरोसा क्या हो

आसा मरे निरासा जिए

प्रतीक्षा करने वाले का जीवन प्रतीक्षा के सदमे से कड़वा हो जाता है इस से तो प्रतीक्षा ना करने वाला अच्छा कि उस को प्रतीक्षा का सदमा नहीं उठाना पड़ता

कोसा जिए असीसी मरे

मरना जीना किसी की ख़ाहिश से नहीं बल्कि मुक़द्दर से होता है जिसे मरने की बददुआ दी जाये वो नहीं मरता जिस को जीने की दुआ दी जाये वो मर जाता है

फिर कौन मरे , कौन जिए

۔ مثل یعنی کام جلد ہونا چاہئے آئندہ نہیں معلوم کیا واقعہ پیش آئے۔

फिर कौन जिए किस का राज

۔ مثل (عو) دیکھو پھر کون مرے کون جئے۔

फिर कौन जिए किस का राज

ज़िंदगी का कोई एतबार नहीं काम फ़ौरन करना चाहीए ये काम अभी करना चाहिए फिर का क्या भरोसा क्या हो

गिरह का दीजिए पर ज़ामिन न हो जिए

۔मिसल। ज़मानत की मज़म्मत में बोलते हैं

सास मोरी मरे , सुसर मोरा जिए , नई बहूरिया के राज भए

सास मर जाये तो बहू के मज़े हो जाते हैं

कोई जिए कि मरे उन को अपने काम से काम

۔मक़ूला। ख़ुदग़रज़ आदमी की निसबत कहते हैं जिस को किसी के रंज विरह हित की पर्वा ना हो।

मरे न जिए बकर बकर करे

रुक : मरे ना पीछा छोड़े, जो आदमी हरवक़त तंग करे उसे भी कहते हैं, जब तक ज़िंदा है तंग करेगा

मरे न जिए हकर हकर करे

रुक : मरे ना पीछा छोड़े, जो आदमी हरवक़त तंग करे इस के मुताल्लिक़ कहते हैं, जब तक ज़िंदा है तंग करेगा

मर मर के जिए जाना

बड़ी मुश्किल से जीता रहना

तेरे जीए कुत्ता भी न जीए

(ओ) तेरी ज़िंदगी से कुत्ते की ज़िंदगी भी बेहतर है

लजाऊ मरे ढिटाऊ जिये गंगा जल चमारों पिये

ग़ैरत मंद मरते हैं और बेग़ैरत अपना काम बनाते हैं कमीनों के हिस्से में आजकल मुरातिब हैं, उलटा ज़माना है

लजाऊ मरे ढिटाऊ जिये गंगा जल चमार पिये

ग़ैरत मंद मरते हैं और बेग़ैरत अपना काम बनाते हैं कमीनों के हिस्से में आजकल मुरातिब हैं, उलटा ज़माना है

माँ मरे मौसी जिये

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

फिर कौन जीए , किस का राज

it should be done immediately because life is short and uncertain

मा मरे माैसी जिये

यानी मा मर जाएगी तो ख़ाला पाल लेगी यानी मा और ख़ाला में कुछ फ़र्क़ नहीं है

हम साँप नहीं हैं कि जीएँ चाट कर मिट्टी

हमें कुछ मिलना चाहिए, बहुत दिनों तक तनख़्वाह या मज़दूरी ना मिले तो कहते हैं

ज़च्चा और बच्चा दोनों जीएँ

دعا جو عموماً لوگ بچے پیدا ہونے پر دیتے ہیں

हो जीए

बजाय हूँ, हो जाये (एहतरामन मुस्तामल)

जम जम जिये

(दुआइया) हमेशा ज़िंदा रहो, सदा सलामत रहो, तवील उम्र पाओ

जम जम जिएँ

(दुआइया) हमेशा ज़िंदा रहो, सदा सलामत रहो, तवील उम्र पाओ

क़ब्र में रख के ख़बर को न आया कोई, मूए का कोई नहीं, जीए के सब कोई

मरने के बाद क़ब्र पर भी कोई नहीं जाता

उफ़ तेरा काटा न जिये

निहायत मुफ़सिद और दग़ाबाज़ है, जिस के फ़ित्ने से बच नहीं सकते

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