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कासा

प्याला, बर्तन

कासा

प्याला, कटोरा, थाली, चषक

कासा-गर

प्याले बनाने वाला, कंसकार, मिट्टी के बर्तन बनाने वाला, कुंभकार, कुम्हार

कासा-बाज़

बाज़ीगर जो कासे से खेल करते हैं, जादूगर, बाज़ीगर

कासा-गरी

मिट्टी के पियाले बनाने का काम, मिट्टी के बरतन बनाने का काम

कासा-ए-गिल

a clay begging bowl

कासा-ए-सर

कपाल, खोपड़ी, सर का प्याला

कासा-लेसी

खुशामद, चापलूसी, चाटुकर्म

कासा-बाज़ी

छल कर्म, धोखे बाज़ी, धूर्तता, मक्कारी

कासा-ए-साइल

beggar's bowl

कासात

(طب) ایک بوٹی، جس کے پتے پیالہ نما خمدار ہوتے ہیں، جو مختلف امراض میں کام آتی ہے، سدا بہار

कासा-ए-लेस

(शाब्दिक) झूठे बरतन चाटने वाला, पेटू, भुक्खड़

कासा-ए-पुश्त

बहुत बूढ़ा जिसकी कमर झुक गई हो, बूढ़ा, वृद्ध, कुबड़ा

कासा-ए-दरयूज़ा

beggar's bowl

कासा-ए-गर्दूं

आसमान, आकाश गंगा जो प्याले के जैसा दिखता है

कासा-ए-ज़ानू

वो स्थान जहाँ घुटने का जोड़ है

कासा-ए-गदागर

beggar's bowl

कासा-ए-चशम

वह गढ़ा जिसमें आँखों के ढेले रहते हैं, चक्षुगोलक

कासा-ए-गदाई

भीख माँगने का ठीकरा, भिक्षापात्र

कासा-ए-दरयूज़ा

भीख मांगने का प्याला, भिक्षा पात्र

कासा-ए-सर-निगूँ

उल्टा प्याला, आकाश, आसमान

कासा दीजिए बासा न दीजिए

खाना खिला देना चाहिए मगर नावाक़िफ़ को ठहरने की जगह नहीं देनी चाहिए , एहतियात की बात है

कासात-ए-किराम

something valuable or beneficial, gentlemen's goblet or drinking cup

कासा भर खाना 'असा भर चलना

अपनी अधिकार क्षेत्र से बढ़कर काम न करना या अपनी अधिकार क्षेत्र से आगे न बढ़ना

काँसा

ताँबे और जस्ते या ताँबे और टीन के योग से बनी हुई एक मिश्र धातु; कसकुट

काँसा-गर

प्याला बनाने वाला व्यक्ति

क़ासातीर

(चिकित्सा) पेशाब खींचने का उपकरण, जिसके द्वारा पेशाब करने में परेशानी की स्थिति में पेशाब खींचा जाता है

क़ासातीर

(चिकित्सा) पेशाब निकालने की नली, पेशाब खोलने या निकलने की सलाई

जिंसियत-कासा

साथ खाने-पीने वाला, घनिष्ठ मित्र, यार, दोस्त

सियह-कासा

प्रतीकात्मक: आकाश जिसे कवि लोग, टेढ़ी चाल चलने वाला, कंजूस और निर्दयी मानते हैं

नीम-कासा

अर्ध-प्याले के समान

नौ-कासा

(लाक्षणिक) जिसके पास नया नया धन आया हो अर्थात जो नया धनी हो, नया धनाढ्य

हम-कासा

एक प्याले में साथ-साथ खानेवाले अर्थात घनिष्ठ मित्र

शह-कासा

شاہ کاسہ ، بڑا پیالہ ؛ چپٹے پیندے کا گلاس .

सियाह-कासा

(सांकेतिक) आकाश जिसे कवि लोग, कंजूस एवं निर्दयी मानते हैं

शाह-कासा

बड़ा प्याला, कटोरा, चौड़े मुँह और चिमटे पेंदे का पीने का बर्तन

कास्नी-पे-कासा

जाम पर जाम, पैमाने पर पैमाना, गिलास पर गिलास

भीक का कासा

वह बर्तन जिसमें फ़क़ीर ख़ैरात की चीज़ लेते हैं, कशकोल, कजकोल, भीक का प्याला

भीक का कासा

वह बर्तन जिसमें फ़क़ीर ख़ैरात की चीज़ लेते हैं, कशकोल, कजकोल, भीक का प्याला

हमूँ-आश-दर-कासा

रुक : हमाँ आश दर कासा , उस वक़्त मुस्तामल है जब पहली हालत में बावजूद कोशिश कुछ तबदीली ना हो

चर्ख़-ए-ज़र्रीं-कासा

चौथा आकाश, सौर क्षेत्र

चर्ख़-ए-रर्रीं-कासा

सुनहरा आसमान, ऊज्ज्वल आकाश, सूर्य से संबद्ध आकाश

हमाँ आश-दर-कासा

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रचलित) एक घटना का दूसरी बार घटित होना, मुआमला जैसे का तैसे रहे तो कहते हैं

वही कासा वही आश

हालत साबिक़ा में कोई तग़य्युर नहीं, नतीजा हसब-ए-साबिक़ निकला

वही कासा वही आश

फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रचलित, वह पिछली परिस्थिती जिसमें कोई अंतर न आया हो

वही कासा वही आश

हालत साबिक़ा में कोई तग़य्युर नहीं, नतीजा हसब-ए-साबिक़ निकला

आश-दर-कासा

(रूपकात्मक) पहले वाली बात, पहले वाली स्थिति या परिस्थिती

वही आश-दर-कासा

फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रचलित, वो पिछली परिस्थिती जिसमें कोई अंतर न आया हो

हुनूज़ हमूँ-आश-दर-कासा

अब भी प्याले में वही खाना है, जो हालत पहले थी अब भी है

हमाँ आश-दर-कासा शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) एक मुआमले का दूसरी बार पेश आना , मुआमला जूं का तूं रहे तो कहते हैं

आसा का कासा

ये एक मन्नत है मुराद पूरी होने पर लखनऊ में अक्सर औरतें पैग़म्बर मोहम्मद साहब पुत्री फ़ातिम के नाम का प्याला भर कर नज़्र दिलवाती हैं और परहेज़गार सय्यदानियों को खिलाती हैं

जब हाथ में लिया कासा तो रोटियों का क्या साँसा

जब निर्लज्जता अपनाई तो रोटी की क्या कमी

हाथ लिया काँसा तो रोटियों का क्या सासाँ

جب گدائی اختیار کی تو مانگنے کی کیا شرم

हाथ में लिया काँसा तो भीक का क्या साँसा

जब बेग़ैरती इख़तियार की तो फिर मांगने में क्या श्रम

हाथ में लिया काँसा तो भीक का क्या आँसा

जब बेग़ैरती इख़तियार की तो फिर मांगने में क्या श्रम

जहाँ काँसा वहाँ बिजली

۔مثل۔ جہاں مال ہوتا ہے وہاں چور آتے ہیں۔

हाथ में लिया काँसा तो पेट का क्या साँसा

जब बेग़ैरती इख़तियार की तो फिर मांगने में क्या श्रम

जहाँ काँसा वहाँ बिजली का साँसा

जहाँ धन-दौलत वहाँ चोर उचक्का

हाथ लिया काँसा तो भीक का क्या साँसा

۔मिसल।(ओ)जब गदाईआख़तयार करली तो फिर मांगने में क्या श्रम

हाथ में लिया काँसा तो पेट का क्या आँसा

जब बेग़ैरती इख़तियार की तो फिर मांगने में क्या श्रम

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में चित के अर्थदेखिए

चित

chitچِت

स्रोत: संस्कृत

वज़्न : 2

टैग्ज़: पहलवानी

चित के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • अंतःकरण की चार वृत्तियों में से एक जो अंतरिद्रिय के रूप में मानी गई है और जिसके द्वारा धारण, भाबना आदि की क्रियाएँ सम्पन्न होती है। जी। दिल। मुहा०-चित्त उचटना = किसी काम, बात या स्थान से जी विरक्त होना या हटना। दिल को भला न लगना। चित्त करना = जी चाहना। इच्छा होना। जैसे-उनसे मिलने को मेरा चित्त नहीं करता। चित्त चढ़ना = दे० “ चित्त पर चढ़ना '। चित्त चिहुँटना-प्रेमासक्त होने के कारण मन में कष्टदायक स्मृति होना। उदा०-नहिं अन्हाय नहि जाय घर चित चिहुँठयो तकि तीर। बिहारी। चित्त चुराना = मन को मोहित करना। चित्त देना ध्यान देना। मन लगाना। उदा० चित्त दै सुनो हमारी बात।-सूर। चित्त घरना = (क) किसी बात पर ध्यान देना। मन लगाना। (ख) कोई बात या विचार मन में लाना। उदा०-हमारे प्रभु औगुन चित न धरौ-सूर। चित्त पर चढ़ना = (क) मन में बसने के कारण बार-बार ध्यान में आना। (ख) स्मृत्ति जाग्रत होना। याद आन, या पड़ना। चित्त बॅटना = एक बात या विषय ओर ध्यान रहने की दशा में कुछ समय के लिए दूसरी ओर ध्यान जाना जो बाधा के रूप में हो जाता है। चित्त में जमना, धंसना या बैठना = अच्छी तरह हृदयंगम होना। दृढ़ निश्चय के रूप में मन में बैठना। चित्त में होना या चित्त होना = इच्छा होना। जी चाहना। चित्त लगना = किसी काम या बात में मन की वृत्ति लगना। ध्यान लगना। जैसे-चित्त लगाकर काम किया करो। चित्त से उतरना = (क) व्यान में न रहना। भूल जाना। जैसे-वह बात हमारे चित्त मे उतर गई थी। (ख) पहले की तरह आदरणीय या प्रिय न रह जाना। जैसे-अब तो वह हमारे चित्त से उतर गया है। चित्त से न टलना ध्यान में बराबर बना रहना। न भूलना।
  • नृत्य में, शृंगारिक प्रसंगों में अनुराग, प्रसन्नता आदि प्रकट करने वाली चितवन या दृष्टि। + वि० चित।
  • दिल
  • -प्रसादन-पुं० [प० त०] योग में चित्त का एक संस्कार जो करुणा, मैत्री, हर्ष आदि के उपयुक्त्त व्यवहार द्वारा होता है

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • चेतना। जान।
  • चिंतन।
  • चिंता।
  • सोची, विचारी या अनुभूत की हुई कोई बात। विचार। अनुभूति।

विशेषण

  • (व्यक्ति) जिसे कोई चिंता न हो। फलतः निश्चित या बेफिक्र
  • चुनकर इकट्ठा किया हआ। ढेर के रूप में लगाया हुआ।
  • जिसका चितन न हो सके।
  • ढका हुआ। आच्छादित। वि० [सं० चित्र] इस प्रकार जमीन पर लंबा पड़ा हुआ कि पीठ या CA पीछे की ओर के सब अंग जमीन से लगे हों और छाती, पेट, मुंह आदि ऊपर हों। पीठ के बल सीधा पड़ा हआ। ' औंधा ' या ' पट ' का विपर्याय। विशेष-प्राचीन काल में चित्र प्रायः कपड़ों पर बनाये जाते थे। इसी लिए उन्हें चित्र-पट कहते थे। जिस ओर चित्र बना रहता था उस ओर का भाग चित्र कहलाता था, और उसके विपरीत नीचेवाला भाग पट (कपड़ा) कहलाता था। इसी चित्र-पट में के चित्र और पट शब्द से विशेषण रूप में ' चित ' और ' पट ' शब्द बने हैं। मुहा०-(किसी को) चित करना = कुश्ती में पछाड़कर जमीन पर सीधा पटकना जो हराने का सूचक होता है। चित होना = बेसुध होकर या और किसी प्रकार सीधे पड़ जाना। जैसे-इतनी भाँग में तो तुम चित हो जाओगे। पद-चारों खाने (या शाने) चित = (क) हाथ-पैर फैलाये बिलकुल पीठ के बल पड़ा हुआ। (ख) लाक्षणिक रूप में, पूरी तरह से परास्त या हारा हुआ। क्रि० वि०पीठ के बल। जैसे-चित गिरना या लेटना। पुं० [हिं० चितवन] चितवन। दृष्टि। नजर। पुं० = चित्र।
  • पीठ के बल सीधा पड़ा हुआ; जिसका मुँह-पेट ऊपर की ओर हो।

शे'र

English meaning of chit

Noun, Feminine

Adjective

چِت کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مذکر

  • داغ ، دھبا ؛ عیب ، رک : چِت پِت
  • پشت کے بل پڑا ہوا ، اس طرح لیٹا ہوا کہ رخ اوپر ہو ؛ پٹ کا اُلٹ .
  • دل ، من ، نیت ، خیال ، دھیان ، ضمیر
  • سمجھ ، عقل ، دماغ ، دانائی ، شعور : ادراک
  • افقی طور پر پڑا ہوا
  • (کُشتی) پچھڑا ہوا ، شکست خوردہ
  • ذہن ، حافظہ ، یادداشت

اسم، مؤنث

  • نظر ، نگاہ ، جتون

Urdu meaning of chit

  • Roman
  • Urdu

  • daaG, dhabbaa ; a.ib, ruk ha chitt pat
  • pusht ke bil pa.Daa hu.a, is tarah leTaa hu.a ki ruKh u.upar ho ; piT ka ulaT
  • dil, man, niiyat, Khyaal, dhyaan, zamiir
  • samajh, aqal, dimaaG, daanaa.ii, sha.uur ha idraak
  • uphuqii taur par pa.Daa hu.a
  • (kshati) pichh.Daa hu.a, shikast Khuurdaa
  • zahan, haafiza, yaadadaasht
  • nazar, nigaah, jatuun

चित के पर्यायवाची शब्द

खोजे गए शब्द से संबंधित

कासा

प्याला, बर्तन

कासा

प्याला, कटोरा, थाली, चषक

कासा-गर

प्याले बनाने वाला, कंसकार, मिट्टी के बर्तन बनाने वाला, कुंभकार, कुम्हार

कासा-बाज़

बाज़ीगर जो कासे से खेल करते हैं, जादूगर, बाज़ीगर

कासा-गरी

मिट्टी के पियाले बनाने का काम, मिट्टी के बरतन बनाने का काम

कासा-ए-गिल

a clay begging bowl

कासा-ए-सर

कपाल, खोपड़ी, सर का प्याला

कासा-लेसी

खुशामद, चापलूसी, चाटुकर्म

कासा-बाज़ी

छल कर्म, धोखे बाज़ी, धूर्तता, मक्कारी

कासा-ए-साइल

beggar's bowl

कासात

(طب) ایک بوٹی، جس کے پتے پیالہ نما خمدار ہوتے ہیں، جو مختلف امراض میں کام آتی ہے، سدا بہار

कासा-ए-लेस

(शाब्दिक) झूठे बरतन चाटने वाला, पेटू, भुक्खड़

कासा-ए-पुश्त

बहुत बूढ़ा जिसकी कमर झुक गई हो, बूढ़ा, वृद्ध, कुबड़ा

कासा-ए-दरयूज़ा

beggar's bowl

कासा-ए-गर्दूं

आसमान, आकाश गंगा जो प्याले के जैसा दिखता है

कासा-ए-ज़ानू

वो स्थान जहाँ घुटने का जोड़ है

कासा-ए-गदागर

beggar's bowl

कासा-ए-चशम

वह गढ़ा जिसमें आँखों के ढेले रहते हैं, चक्षुगोलक

कासा-ए-गदाई

भीख माँगने का ठीकरा, भिक्षापात्र

कासा-ए-दरयूज़ा

भीख मांगने का प्याला, भिक्षा पात्र

कासा-ए-सर-निगूँ

उल्टा प्याला, आकाश, आसमान

कासा दीजिए बासा न दीजिए

खाना खिला देना चाहिए मगर नावाक़िफ़ को ठहरने की जगह नहीं देनी चाहिए , एहतियात की बात है

कासात-ए-किराम

something valuable or beneficial, gentlemen's goblet or drinking cup

कासा भर खाना 'असा भर चलना

अपनी अधिकार क्षेत्र से बढ़कर काम न करना या अपनी अधिकार क्षेत्र से आगे न बढ़ना

काँसा

ताँबे और जस्ते या ताँबे और टीन के योग से बनी हुई एक मिश्र धातु; कसकुट

काँसा-गर

प्याला बनाने वाला व्यक्ति

क़ासातीर

(चिकित्सा) पेशाब खींचने का उपकरण, जिसके द्वारा पेशाब करने में परेशानी की स्थिति में पेशाब खींचा जाता है

क़ासातीर

(चिकित्सा) पेशाब निकालने की नली, पेशाब खोलने या निकलने की सलाई

जिंसियत-कासा

साथ खाने-पीने वाला, घनिष्ठ मित्र, यार, दोस्त

सियह-कासा

प्रतीकात्मक: आकाश जिसे कवि लोग, टेढ़ी चाल चलने वाला, कंजूस और निर्दयी मानते हैं

नीम-कासा

अर्ध-प्याले के समान

नौ-कासा

(लाक्षणिक) जिसके पास नया नया धन आया हो अर्थात जो नया धनी हो, नया धनाढ्य

हम-कासा

एक प्याले में साथ-साथ खानेवाले अर्थात घनिष्ठ मित्र

शह-कासा

شاہ کاسہ ، بڑا پیالہ ؛ چپٹے پیندے کا گلاس .

सियाह-कासा

(सांकेतिक) आकाश जिसे कवि लोग, कंजूस एवं निर्दयी मानते हैं

शाह-कासा

बड़ा प्याला, कटोरा, चौड़े मुँह और चिमटे पेंदे का पीने का बर्तन

कास्नी-पे-कासा

जाम पर जाम, पैमाने पर पैमाना, गिलास पर गिलास

भीक का कासा

वह बर्तन जिसमें फ़क़ीर ख़ैरात की चीज़ लेते हैं, कशकोल, कजकोल, भीक का प्याला

भीक का कासा

वह बर्तन जिसमें फ़क़ीर ख़ैरात की चीज़ लेते हैं, कशकोल, कजकोल, भीक का प्याला

हमूँ-आश-दर-कासा

रुक : हमाँ आश दर कासा , उस वक़्त मुस्तामल है जब पहली हालत में बावजूद कोशिश कुछ तबदीली ना हो

चर्ख़-ए-ज़र्रीं-कासा

चौथा आकाश, सौर क्षेत्र

चर्ख़-ए-रर्रीं-कासा

सुनहरा आसमान, ऊज्ज्वल आकाश, सूर्य से संबद्ध आकाश

हमाँ आश-दर-कासा

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रचलित) एक घटना का दूसरी बार घटित होना, मुआमला जैसे का तैसे रहे तो कहते हैं

वही कासा वही आश

हालत साबिक़ा में कोई तग़य्युर नहीं, नतीजा हसब-ए-साबिक़ निकला

वही कासा वही आश

फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रचलित, वह पिछली परिस्थिती जिसमें कोई अंतर न आया हो

वही कासा वही आश

हालत साबिक़ा में कोई तग़य्युर नहीं, नतीजा हसब-ए-साबिक़ निकला

आश-दर-कासा

(रूपकात्मक) पहले वाली बात, पहले वाली स्थिति या परिस्थिती

वही आश-दर-कासा

फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रचलित, वो पिछली परिस्थिती जिसमें कोई अंतर न आया हो

हुनूज़ हमूँ-आश-दर-कासा

अब भी प्याले में वही खाना है, जो हालत पहले थी अब भी है

हमाँ आश-दर-कासा शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) एक मुआमले का दूसरी बार पेश आना , मुआमला जूं का तूं रहे तो कहते हैं

आसा का कासा

ये एक मन्नत है मुराद पूरी होने पर लखनऊ में अक्सर औरतें पैग़म्बर मोहम्मद साहब पुत्री फ़ातिम के नाम का प्याला भर कर नज़्र दिलवाती हैं और परहेज़गार सय्यदानियों को खिलाती हैं

जब हाथ में लिया कासा तो रोटियों का क्या साँसा

जब निर्लज्जता अपनाई तो रोटी की क्या कमी

हाथ लिया काँसा तो रोटियों का क्या सासाँ

جب گدائی اختیار کی تو مانگنے کی کیا شرم

हाथ में लिया काँसा तो भीक का क्या साँसा

जब बेग़ैरती इख़तियार की तो फिर मांगने में क्या श्रम

हाथ में लिया काँसा तो भीक का क्या आँसा

जब बेग़ैरती इख़तियार की तो फिर मांगने में क्या श्रम

जहाँ काँसा वहाँ बिजली

۔مثل۔ جہاں مال ہوتا ہے وہاں چور آتے ہیں۔

हाथ में लिया काँसा तो पेट का क्या साँसा

जब बेग़ैरती इख़तियार की तो फिर मांगने में क्या श्रम

जहाँ काँसा वहाँ बिजली का साँसा

जहाँ धन-दौलत वहाँ चोर उचक्का

हाथ लिया काँसा तो भीक का क्या साँसा

۔मिसल।(ओ)जब गदाईआख़तयार करली तो फिर मांगने में क्या श्रम

हाथ में लिया काँसा तो पेट का क्या आँसा

जब बेग़ैरती इख़तियार की तो फिर मांगने में क्या श्रम

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