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ऐसी-ऐसी

ایسا ایسا (رک) کی تانیث ۔

ऐसी

किसी वस्तु के जैसी या तुल्य

अपनी ऐसी

رک: اپنی سی

ऐसी-वैसी

तरह-तरह की

ऐसी-तैसी

ऐसा तैसा का स्त्रीलिंग, एक वाक्य जो सभ्य लोग गाली के रूप में उपयोग करते हैं, समानार्थक शब्द: लानत है, फटकार है, आदि

ऐसी तैसी की

रुक : ऐसी तैसी

ऐसी तैसी करना

बदसुलूकी करना, ज़लील-ओ-ख़ार करना, बरी गति बनाना, मारना

ऐसी-की-तैसी

कमीना, तुच्छ

ऐसी-तैसी कराना

बोलचाल में गाली के रूप में प्रयोग किया जाता है, जैसे: उन्हें बुला कर नहीं लाए तो फिर क्या वहाँ ऐसी-तैसी कराने गए थे

ख़ाक ऐसी ज़िंदगी पर

लानत है ऐसे जीने पर

ऐसी तैसी में गया

भाड़ में जाये, दोज़ख़ में जाये, हमारी तरफ़ से कहीं मारा मारा फिरे, कुछ भी करे हमें सरोकार नहीं

ऐसी तैसी में जाओ

भाड़ में जाये, दोज़ख़ में जाये, हमारी तरफ़ से कहीं मारा मारा फिरे, कुछ भी करे हमें सरोकार नहीं

आ तेरी ऐसी तैसी

बातचीत में अप्रसन्नता के अवसर पर एक तरह के व्यंग्य और कटाक्ष का वाक्य (अभागा, दुष्ट, निकम्मे की जगह)

इस की ऐसी तैसी

may he/ she come to a bad end, to hell with

अपनी ऐसी-तैसी कराना

अपना ही कुछ बिगाड़ना, किसी का अपमान करने की कोशिश में ख़ुद अपमानित हो जाना. जैसे : उसने मेरी शिकायत करके अपनी ऐसी तैसी करा ली

भला ऐसी बात थी

ऐसा नहीं हो सकता, यह संभव न था, ये साहस न थी

क्या ऐसी बला है

۔ ہیچ ہے۔ ناچیز ہے۔ کوئی چیز نہیں۔ ؎

ऐसी तैसी में जाए

भाड़ में जाये, दोज़ख़ में जाये, हमारी तरफ़ से कहीं मारा मारा फिरे, कुछ भी करे हमें सरोकार नहीं

ऐसी की तैसी में जाओ

رک : ایسی تیسی میں جائے۔

तोते की ऐसी आँखें फेरना

यकायक बेमुरव्वती का इज़हार करना, यकलख़त बेवफ़ाई करना

अपनी ऐसी तैसी में पड़े

नर्क में जाए, जहन्नम में पड़े, भाड़ में जाए, हमें क्या मतलब, चाहे जो हो

ऐसी की तैसी में पड़े

رک : ایسی تیسی میں جائے۔

भला ऐसी क्या बात थी

यह कौन सी मुश्किल बात थी

हवा ही ऐसी चली है

समय ही ऐसा है, वातावरण या समाज ही ऐसा है, रीति-रिवाज यही हैं

ऐसी कही कि छा गई

(किसी पर) ऐसी फब्ती कस दी जो चिपक कर रह गई

अपनी ऐसी तैसी में जाए

जहन्नुम में पड़े, भाड़ में जाये, हिमियायाँ क्या मतलब, चाहे जो हो

ऐसी की तैसी में जाए

go to hell, let it go to hell, I don't give a damn

कमा के खाया ऐसी तैसी जगत में आया

जो ले दे और कमा के खाए उसके दुनिया में आने का क्या फ़ायदा हुआ, अशिष्ट और अज्ञानी लोगों के बारे में कहा जाता है

ऐसी बहू सयानी कि पैंचा माँगे पानी

बहुत चालाक है, पत्नी ऐसी होशियार है कि पानी भी माँगती है तो उधार

ऐसी बहू सयानी कि पैंचा माँगे पानी

बहू ऐसी होशियार है कि पानी भी माँगती है तो उधार (इसलिए कि दूसरे लोग उससे कभी कोई वस्तु मुफ़्त में न माँगे और यदि माँगें भी तो तुरंत लौटा दिया करें)

ऐसी बहू सयानी जो पैंचा माँगे पानी

बहू ऐसी होशियार है कि पानी भी माँगती है तो उधार (इसलिए कि दूसरे लोग उससे कभी कोई वस्तु मुफ़्त में न माँगे और यदि माँगें भी तो तुरंत लौटा दिया करें)

ऐसी क्या क़ाज़ी की गधी चुराई है

कौन सा ऐसा बड़ा अपराध किया है, निर्दोष को किस का डर है

भला ऐसी मेरी क्या खाट कटी थी

क्या मजबूरी है? मुझे ऐसी क्या ज़रूरत थी

ऐसी मेख़ मारी कि पार निकल गई

बहुत चोट दी, बहुत हानि पहुँचाया

ऐसी कही कि धोए न छूटे

इतनी श्रमसाध्य या प्रभावशाली बात कह दी जिसका प्रभाव मिटाया नहीं जा सकता

ऐसी तेरे ही तले गंगा बहै है

तुझ में कौन सी ऐसी विशेषता है कि जो कुछ तू चाहे वही होगा, क्या तेरे अतिरिक्त कोई दूसरा नहीं कर सकता

कौन ऐसी किशमिश है जिस में डंडी नहीं

हर चीज़ में कोई ना कोई कमी या ख़राबी ज़रूर होती है

कौन ऐसी किशमिश है जिस में लकड़ी नहीं

हर चीज़ में कोई ना कोई कमी या ख़राबी ज़रूर होती है

ऐसी क्या क़ाज़ी जी की गधी चुराई है

क्या हम ने कुछ भूल की है, कोई अपराध या पाप नहीं किया तो फिर क्या डर है

ऐसी क्या तेरे ही तले गंगा बहती है

तुझ में कौन सी ऐसी विशेषता है कि जो कुछ तू चाहे वही होगा, क्या तेरे अतिरिक्त कोई दूसरा नहीं कर सकता

बाँदी जब शादी करती है तो ऐसी ही करती है

तुच्छ या डींगें मारने वाला व्यक्ति शादी आदि में अपनी स्थिति या क्षमता से अधिक काम करता है

बाँदी जब शादी करती है तब ऐसी ही करती है

तुच्छ या डींगें मारने वाला व्यक्ति शादी आदि में अपनी स्थिति या क्षमता से अधिक काम करता है

ऐसे पर तो ऐसी काजल दिए पर कैसी

बिना बनाव श्रंगार के तो ये 'आलम है अगर बनाव श्रंगार हो तो क्या ग़ज़ब ढाए

ऐसे पै तो ऐसी काजल दिए पै कैसी

बिना बनाव श्रंगार के तो ये 'आलम है अगर बनाव श्रंगार हो तो क्या ग़ज़ब ढाए

रोते क्यों हो ? कहा सूरत ही ऐसी है

इस में ये ऐब पैदाइशी है, या जो शख़्स हरवक़त चीं बजबें रहे और परेशान सूरत बनाए रखे इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

ऐसी होती कातनहारी, तो काहे फिरती मारी-मारी

ऐसी गुणवान या होशियार होती तो क्यूँ मारी-मारी फिरती

आप ऐसी ही बातों से मक़्बूल हुए हैं

किसी को साफ़-साफ़ मूर्ख और बेवक़ूफ़ कहने के अवसर पर प्रयुक्त

ऐसे पर तो ऐसी काजल डाले पर कैसी

बिना बनाव श्रंगार के तो ये 'आलम है अगर बनाव श्रंगार हो तो क्या ग़ज़ब ढाए

ऐसी क्या तेरे ही तले गंगा बहे है

तुझ में कौन सी ऐसी विशेषता है कि जो कुछ तू चाहे वही होगा, क्या तेरे अतिरिक्त कोई दूसरा नहीं कर सकता

मैं हूँ ऐसी चातुर ज्ञानी चातुर भरे मेरे आगे पानी

में इतनी चालाक हूँ कि दूसरे चालाक मेरी ख़िदमत करते हैं, अपनी होशयारी और चालाकी ज़ाहिर करने के मौके़ पर कहते हैं

टूम बिना बैर है , ऐसी बिन पानी के खेती जैसी

बगै़र गहने के औरत ऐसी जैसी खेती बला पानी

पाँव के नीचे की मिट्टी भी ऐसी न होगी

۔ مقولہ۔ عاجزی۔ خاکساری۔ حقارت ظاہر کرنے کے لئے کہتے ہیں۔ ؎

ले के दिया कमा के खाया ऐसी तैसी जगत में आया

जो ले के दे और कमा के खाए इस का दुनिया में आना फ़ुज़ूल है, बदमाश और नादहिंद लोगों के मुताल्लिक़ कहते हैं

वक़्त-ए-पीरी शबाब की बातें, ऐसी हैं जैसे ख़्वाब की बातें

बुढ़ापे के ज़माने में जवानी की बातें ख़्वाब की बातें मालूम होती हैं यानी अविश्वसनीय मालूम होती हैं

चौधरी हो या राव जब काम न दे ऐसी तैसी में जाओ

कोई बड़े से बड़ा हो जब काम ना आया तो निकम्मा है

बारू जैसी भुरभुरी धौली जैसे धूप मीठी ऐसी कुछ नहीं जैसे मीठी चूप

शुक्र जो रीत की तरह भर भरी और धूप की तरह सफ़ैद होती है, चुप से ज़्यादा मीठी नहीं होती, ख़मोशी की तारीफ़ के मौक़ा पर मुस्तामल

आठ गाँव का चौधरी और बारह गाँव का राव, अपने काम न आव तो ऐसी तैसी में जाव

چاہے کیسا ہی امیر ہو، اگر اپنے کام نہ آیا تو اس کا ہونا نہ ہونا برابر ہے

पीत तो ऐसी कीजिये जैसे रूई कपास, जीते जी तो संग रहे मुए पे होवे साथ

प्रेम ऐसा होना चाहिये जैसे रुई जीते जी पहनी जाती है और मरने पर कफ़न बनाया जाता है

पीत तो ऐसी कीजिये जूँ हिन्दू की जोय, जीते जी तो संग रहे मरे पे सती होय

प्रेम तो ऐसी होनी चाहिये जैसे हिंदू की पत्नी कि जीते जी साथ रहती है और मरने पर सती होती है

आठ गाँव का चौधरी और बारह गाँव का राव, अपने काम न आए तो ऐसी तैसी में जाओ

कोई कैसा ही धनवान अथवा धनी हो जब अपना काम उस से ना निकले तो ऐसे धन-धान्य से क्या लाभ, जिस से कोई लाभ ना हो उस का होना ना होना बराबर है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ऐसी-ऐसी के अर्थदेखिए

ऐसी-ऐसी

aisii-aisiiاَیسی اَیسی

اَیسی اَیسی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ایسا ایسا (رک) کی تانیث ۔

Urdu meaning of aisii-aisii

  • Roman
  • Urdu

  • a.isaa a.isaa (ruk) kii taaniis

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ऐसी-ऐसी

ایسا ایسا (رک) کی تانیث ۔

ऐसी

किसी वस्तु के जैसी या तुल्य

अपनी ऐसी

رک: اپنی سی

ऐसी-वैसी

तरह-तरह की

ऐसी-तैसी

ऐसा तैसा का स्त्रीलिंग, एक वाक्य जो सभ्य लोग गाली के रूप में उपयोग करते हैं, समानार्थक शब्द: लानत है, फटकार है, आदि

ऐसी तैसी की

रुक : ऐसी तैसी

ऐसी तैसी करना

बदसुलूकी करना, ज़लील-ओ-ख़ार करना, बरी गति बनाना, मारना

ऐसी-की-तैसी

कमीना, तुच्छ

ऐसी-तैसी कराना

बोलचाल में गाली के रूप में प्रयोग किया जाता है, जैसे: उन्हें बुला कर नहीं लाए तो फिर क्या वहाँ ऐसी-तैसी कराने गए थे

ख़ाक ऐसी ज़िंदगी पर

लानत है ऐसे जीने पर

ऐसी तैसी में गया

भाड़ में जाये, दोज़ख़ में जाये, हमारी तरफ़ से कहीं मारा मारा फिरे, कुछ भी करे हमें सरोकार नहीं

ऐसी तैसी में जाओ

भाड़ में जाये, दोज़ख़ में जाये, हमारी तरफ़ से कहीं मारा मारा फिरे, कुछ भी करे हमें सरोकार नहीं

आ तेरी ऐसी तैसी

बातचीत में अप्रसन्नता के अवसर पर एक तरह के व्यंग्य और कटाक्ष का वाक्य (अभागा, दुष्ट, निकम्मे की जगह)

इस की ऐसी तैसी

may he/ she come to a bad end, to hell with

अपनी ऐसी-तैसी कराना

अपना ही कुछ बिगाड़ना, किसी का अपमान करने की कोशिश में ख़ुद अपमानित हो जाना. जैसे : उसने मेरी शिकायत करके अपनी ऐसी तैसी करा ली

भला ऐसी बात थी

ऐसा नहीं हो सकता, यह संभव न था, ये साहस न थी

क्या ऐसी बला है

۔ ہیچ ہے۔ ناچیز ہے۔ کوئی چیز نہیں۔ ؎

ऐसी तैसी में जाए

भाड़ में जाये, दोज़ख़ में जाये, हमारी तरफ़ से कहीं मारा मारा फिरे, कुछ भी करे हमें सरोकार नहीं

ऐसी की तैसी में जाओ

رک : ایسی تیسی میں جائے۔

तोते की ऐसी आँखें फेरना

यकायक बेमुरव्वती का इज़हार करना, यकलख़त बेवफ़ाई करना

अपनी ऐसी तैसी में पड़े

नर्क में जाए, जहन्नम में पड़े, भाड़ में जाए, हमें क्या मतलब, चाहे जो हो

ऐसी की तैसी में पड़े

رک : ایسی تیسی میں جائے۔

भला ऐसी क्या बात थी

यह कौन सी मुश्किल बात थी

हवा ही ऐसी चली है

समय ही ऐसा है, वातावरण या समाज ही ऐसा है, रीति-रिवाज यही हैं

ऐसी कही कि छा गई

(किसी पर) ऐसी फब्ती कस दी जो चिपक कर रह गई

अपनी ऐसी तैसी में जाए

जहन्नुम में पड़े, भाड़ में जाये, हिमियायाँ क्या मतलब, चाहे जो हो

ऐसी की तैसी में जाए

go to hell, let it go to hell, I don't give a damn

कमा के खाया ऐसी तैसी जगत में आया

जो ले दे और कमा के खाए उसके दुनिया में आने का क्या फ़ायदा हुआ, अशिष्ट और अज्ञानी लोगों के बारे में कहा जाता है

ऐसी बहू सयानी कि पैंचा माँगे पानी

बहुत चालाक है, पत्नी ऐसी होशियार है कि पानी भी माँगती है तो उधार

ऐसी बहू सयानी कि पैंचा माँगे पानी

बहू ऐसी होशियार है कि पानी भी माँगती है तो उधार (इसलिए कि दूसरे लोग उससे कभी कोई वस्तु मुफ़्त में न माँगे और यदि माँगें भी तो तुरंत लौटा दिया करें)

ऐसी बहू सयानी जो पैंचा माँगे पानी

बहू ऐसी होशियार है कि पानी भी माँगती है तो उधार (इसलिए कि दूसरे लोग उससे कभी कोई वस्तु मुफ़्त में न माँगे और यदि माँगें भी तो तुरंत लौटा दिया करें)

ऐसी क्या क़ाज़ी की गधी चुराई है

कौन सा ऐसा बड़ा अपराध किया है, निर्दोष को किस का डर है

भला ऐसी मेरी क्या खाट कटी थी

क्या मजबूरी है? मुझे ऐसी क्या ज़रूरत थी

ऐसी मेख़ मारी कि पार निकल गई

बहुत चोट दी, बहुत हानि पहुँचाया

ऐसी कही कि धोए न छूटे

इतनी श्रमसाध्य या प्रभावशाली बात कह दी जिसका प्रभाव मिटाया नहीं जा सकता

ऐसी तेरे ही तले गंगा बहै है

तुझ में कौन सी ऐसी विशेषता है कि जो कुछ तू चाहे वही होगा, क्या तेरे अतिरिक्त कोई दूसरा नहीं कर सकता

कौन ऐसी किशमिश है जिस में डंडी नहीं

हर चीज़ में कोई ना कोई कमी या ख़राबी ज़रूर होती है

कौन ऐसी किशमिश है जिस में लकड़ी नहीं

हर चीज़ में कोई ना कोई कमी या ख़राबी ज़रूर होती है

ऐसी क्या क़ाज़ी जी की गधी चुराई है

क्या हम ने कुछ भूल की है, कोई अपराध या पाप नहीं किया तो फिर क्या डर है

ऐसी क्या तेरे ही तले गंगा बहती है

तुझ में कौन सी ऐसी विशेषता है कि जो कुछ तू चाहे वही होगा, क्या तेरे अतिरिक्त कोई दूसरा नहीं कर सकता

बाँदी जब शादी करती है तो ऐसी ही करती है

तुच्छ या डींगें मारने वाला व्यक्ति शादी आदि में अपनी स्थिति या क्षमता से अधिक काम करता है

बाँदी जब शादी करती है तब ऐसी ही करती है

तुच्छ या डींगें मारने वाला व्यक्ति शादी आदि में अपनी स्थिति या क्षमता से अधिक काम करता है

ऐसे पर तो ऐसी काजल दिए पर कैसी

बिना बनाव श्रंगार के तो ये 'आलम है अगर बनाव श्रंगार हो तो क्या ग़ज़ब ढाए

ऐसे पै तो ऐसी काजल दिए पै कैसी

बिना बनाव श्रंगार के तो ये 'आलम है अगर बनाव श्रंगार हो तो क्या ग़ज़ब ढाए

रोते क्यों हो ? कहा सूरत ही ऐसी है

इस में ये ऐब पैदाइशी है, या जो शख़्स हरवक़त चीं बजबें रहे और परेशान सूरत बनाए रखे इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

ऐसी होती कातनहारी, तो काहे फिरती मारी-मारी

ऐसी गुणवान या होशियार होती तो क्यूँ मारी-मारी फिरती

आप ऐसी ही बातों से मक़्बूल हुए हैं

किसी को साफ़-साफ़ मूर्ख और बेवक़ूफ़ कहने के अवसर पर प्रयुक्त

ऐसे पर तो ऐसी काजल डाले पर कैसी

बिना बनाव श्रंगार के तो ये 'आलम है अगर बनाव श्रंगार हो तो क्या ग़ज़ब ढाए

ऐसी क्या तेरे ही तले गंगा बहे है

तुझ में कौन सी ऐसी विशेषता है कि जो कुछ तू चाहे वही होगा, क्या तेरे अतिरिक्त कोई दूसरा नहीं कर सकता

मैं हूँ ऐसी चातुर ज्ञानी चातुर भरे मेरे आगे पानी

में इतनी चालाक हूँ कि दूसरे चालाक मेरी ख़िदमत करते हैं, अपनी होशयारी और चालाकी ज़ाहिर करने के मौके़ पर कहते हैं

टूम बिना बैर है , ऐसी बिन पानी के खेती जैसी

बगै़र गहने के औरत ऐसी जैसी खेती बला पानी

पाँव के नीचे की मिट्टी भी ऐसी न होगी

۔ مقولہ۔ عاجزی۔ خاکساری۔ حقارت ظاہر کرنے کے لئے کہتے ہیں۔ ؎

ले के दिया कमा के खाया ऐसी तैसी जगत में आया

जो ले के दे और कमा के खाए इस का दुनिया में आना फ़ुज़ूल है, बदमाश और नादहिंद लोगों के मुताल्लिक़ कहते हैं

वक़्त-ए-पीरी शबाब की बातें, ऐसी हैं जैसे ख़्वाब की बातें

बुढ़ापे के ज़माने में जवानी की बातें ख़्वाब की बातें मालूम होती हैं यानी अविश्वसनीय मालूम होती हैं

चौधरी हो या राव जब काम न दे ऐसी तैसी में जाओ

कोई बड़े से बड़ा हो जब काम ना आया तो निकम्मा है

बारू जैसी भुरभुरी धौली जैसे धूप मीठी ऐसी कुछ नहीं जैसे मीठी चूप

शुक्र जो रीत की तरह भर भरी और धूप की तरह सफ़ैद होती है, चुप से ज़्यादा मीठी नहीं होती, ख़मोशी की तारीफ़ के मौक़ा पर मुस्तामल

आठ गाँव का चौधरी और बारह गाँव का राव, अपने काम न आव तो ऐसी तैसी में जाव

چاہے کیسا ہی امیر ہو، اگر اپنے کام نہ آیا تو اس کا ہونا نہ ہونا برابر ہے

पीत तो ऐसी कीजिये जैसे रूई कपास, जीते जी तो संग रहे मुए पे होवे साथ

प्रेम ऐसा होना चाहिये जैसे रुई जीते जी पहनी जाती है और मरने पर कफ़न बनाया जाता है

पीत तो ऐसी कीजिये जूँ हिन्दू की जोय, जीते जी तो संग रहे मरे पे सती होय

प्रेम तो ऐसी होनी चाहिये जैसे हिंदू की पत्नी कि जीते जी साथ रहती है और मरने पर सती होती है

आठ गाँव का चौधरी और बारह गाँव का राव, अपने काम न आए तो ऐसी तैसी में जाओ

कोई कैसा ही धनवान अथवा धनी हो जब अपना काम उस से ना निकले तो ऐसे धन-धान्य से क्या लाभ, जिस से कोई लाभ ना हो उस का होना ना होना बराबर है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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