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आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
दूध-शरीक बहन
ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन
"मनोविज्ञान" टैग से संबंधित शब्द
"मनोविज्ञान" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
'अक़्ली-निज़ाम
लिम्बिक सिस्टम मस्तिष्क की संरचनाओं का एक समूह है जो ब्रेनस्टेम के ऊपर स्थित होता है और कोर्टेक्स के नीचे दब जाता है
'अताहत-ए-मुतबादर
(नफ़सियात) इंशिक़ाक़ अलज़हन, एक मर्ज़ जिस में बे इलतिफ़ाती और सुस्त ज़हनी का ग़लबा होता है और माहौल से दिलचस्पी उमूमन घट जाती है
इख़्वानी
(नफ़सियात) जो नौ इंसान के हर फ़र्द से ऐसी मुहब्बत रखता हो जैसी अपनी ज़ात से, जो अपनी जान माल सेहत वग़ैरा सब कुछ हम जिंसों पर क़ुर्बान करदे
इदराक-ए-मुरक्कब
(नफ़सियात) समझने या जानने का वो अमल जिस में कई हवास बरुएकार आते हैं, और इस का हासिल उन के मजमूई अमल से पेश होता है : इस मुरक्कब (इदराक) का तजज़िया इस के मुफ़रिदात (हिस) में नहीं किया जा सकता
इहतिसार
मनोविज्ञान: मनोग्रस्ति, ग्रस्तता, किसी मामले की अस्वस्थता की निश्चितता के बावजूद मन और विचार में बार-बार गुजरने और हावी होने की बीमारी
ईदाई
(नफ़सियात) नादानी या कम इलमी के बावजूद वो ग़ैरमामूली सोच या हाफ़िज़े की क़ुव्वत जो बाअज़ इंसानों में पाई जाती है (जिस के बाइस उन की फ़िक्र या याददाश्त हैरत में डाल देती है) तख़य्युल, हाफ़िज़ा
'उज़्वी-किरदार
(नफ़सियात) अज़वीह की माहौल से वो मुताबिक़त जो मुकम्मल तौर पर अज़वीह की साख़त से मुईन होती है
एहसास-ए-कमतरी
अन्य व्यक्तियों की तुलना में महत्व आदि की दृष्टि से अपने को हीन समझना, हीन भावना, हीनत्व
क़ानून-ए-इख़्तिलाफ़
(नफ़सियात) वो क़ानून जिस के तहत इंसान उस वक़्त ज़ी शऊर होता है जब इस में फ़र्क़ या इख़तिलाफ़ का शऊर पैदा होता है
कार-दस्ताना
(मनोविज्ञान) व्यवहार का, इस्तिमाल का, फुर्ती का, अपनी आवश्यकताओं के अनुसार बनाने का (कार्य का)
किरदारियत
(नफ़सियात) वो नज़रिया जिस से इंसान के कुल आमाल किसी मुहीज की जवाबी हरकत की सूरत में ज़ाहिर होते हैं और इस किरदार के पूरे मुताले से इस के अमल के मुताल्लिक़ पेशगोई की जा सकती है (अंग : Behaviorism)
ख़ुद-नवीसी
(मनोविज्ञान) आत्म लेखन की दशा, ख़ुदबख़ुद लिखने की कैफ़ियत, अचेतन प्रक्रिया, आत्म-विश्लेषण के माध्यम से एक उपचार
ख़ुद-पज़ीराई
(नफ़सियात) अपनी क़बूलीयत , इस्तिक़बाल , फ़र्द की बालिग़ होने के दौर की फ़ित्री तबदीली को तस्लीम करने का अमल
ख़ुद-मुकतफ़िय्यत
(मनोविज्ञान) ख़ुद-मुकतफ़ी का संज्ञा, अपने मामलात को स्वयं निवारण करने की योग्यता, आत्मनिर्भरता
ख़्वाब-ए-बेदारी
(नफ़सियात) अमल तनवीम के वजह से मामूल पर मस्नूई ख़ाब की हालत तारी होना जिस में हवास-ए-ज़ाहिरी बहालत ख़ाब होते हैं मगर हवास-ए-बातिनी बेदार होते हैं, नीज़ इस हालत में ऐसे क़ौल-ओ-फे़अल का इर्तिकाब जो जागिए की हालत में सरर्द होते हैं
ख़्वाब-कारी
(नफ़सियात) वो लाशऊरी अमल जो ख़ाब के बातिनी मिश्नमलात को नस्बता मासूम और काबिल-ए-क़बूल सूरत में ढालना है
ख़ाकिस्तरी-माद्दा
(मनोविज्ञान) ख़ाकी रंग का एक पदार्थ जो जीवधारी के शरीर का विशेष अंग है तथा यही पदार्थ मस्तिष्क में भी अपने स्वच्छ रूप में उपस्थित होता है
ख़ाज़िनिय्यत
(मनोविज्ञान) महफ़ूज़ रखने की सलाहियत, चीज़ों को दिमाग़ में याद रखने की क्षमत, याददाश्त, स्मृति
ख़ारिज-बीं
(नफ़सियात) अपनी ज़ात के बाहर अश्ख़ास-ओ-अश्या से ज़्यादा दिलचस्पी रखने वाला , जो अपनी ज़ात में घिरा हुआ ना हो. अंग : Extrovert का तर्जुमा
जुनूनी-बशाशत
(नफ़सियात) ख़ैर-ओ-आफ़ियत मुसर्रत और मुबालग़ा आमेज़ ख़ुद एतिमादी का ज़बरदस्त अय्यार ख़िलाफ़ी एहसास
ज़ेहनी-नक़्शा
(नफ़सियात) ख़्याली ख़ाका, इस में मारूज़ात की वो हमा इक़साम यादें शामिल हो सकती हैं जिन का इदराक हम ने अपने चलने फिरने के दौरान कभी एक मर्तबा क्यू हो
जिंसियत-गुदाज़ी
(नफ़सियात) इदराक या शऊर की एक हरकी जवाबी कैफ़ीयत या अमल जैसे मुक्केबाज़ी देखते हुए किसी शख़्स का ख़ुद भी मक्का मारने का अमल या मूसीक़ी सुनते हुए जिस्म के किसी हिस्से का नग़मे की पैरवी करना , किसी शख़्स या शए के एहसास का दूसरे की रूह में समा जाने का अमल, हम एहसासी, मुकम्मल ज़हनी हम आहंगी (अंग : Empatty)
त'आरुज़
आमने-सामने होना, मुंह आना, बराबरी करना, हस्तक्षेप करना, इख़तिलाफ़, विघ्न डालना, उलझना, कलह, झगड़ा, लड़ाई, वाद-विवाद, हुज्जत
तंक़ीही-तफ़क्कुर
(नफ़सियात ऐसा तफ़क्कुर जिस के दौरान में मारूज़ात और दूसरे आलात तफ़क्कुर की कार दस्तियों का एक सिलसिला जारी होता है
तजरिबी-दौर
(नफ़सियात) रुक : तजुर्बा मानी नंबर २, अमली जांच का वो मुक़र्ररा वक़्त जो तजुर्बा गाह में सिर्फ़ हो
तमसीली-मशीन
(नफ़सियात) इंसान की वो क़ुव्वत जो ख़्यालात-ओ-अफ़्क़ार वग़ैरा को मुशख़्ख़स करके पेश करती है, अंग : Ideational Mechanis
तलाज़िमिय्या
तलाज़ुमी (रुक) से मंसूब, (नफ़सियात) तलाज़ुमी नफ़सियात (रुक) का क़ाइल मानने वाला (फ़िर्क़ा वग़ैरा)
तवज्जोह का बटना
(मनोविज्ञान) एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया जिसमें किसी केंद्र या विचार से ध्यान हटाया जाता है ताकि इसके प्रभाव दूर किए जा सकें
तवाफ़ुक़
(हयातयात) मुवाफ़िक़त या मुताबिक़त का वो इंतिख़ाबी अमल जिस का इन्हिसार कश्मकश हयात पर होता है जिस में हर नसल में बैरूनी हालात का असर कमज़ोर को नीस्त वनाबूद करके गोया लाशऊरी तौर पर इन अफ़राद को मुंतख़ब कर लेता है जो किसी मुफ़ीद तग़य्युर की वजह से ज़िंदा रहने के ज़्यादा अहल होते हैं
तवाफ़ुक़ का क़ानून
(नफ़सियात) मुसलसल इमतिदाद की सूरत मी तमाम रंगों का ख़ाकसतरी की तरफ़ रुजहान रखना या होना
तस्वीक़
किसी को अपने काम का मालिक बनाना, ख़ुदमुख़तारी, (नफ़सियात) वो अंदरूनी तहरीक या उकसावा जो किसी काम की तरफ़ तवज्जा को मजबज़ोल-ओ-मर्कूज़ रखना है, ख़बत
तस्वीरी-तफ़क्कुर
(नफ़सियात) तख़य्युल में किसी चीज़ की तस्वीर इस शक्ल में क़ायम करना जिस में कि हम ने इस का अदारक किया है यानी उस को देखा सुना छुवा या किसी और तरह महसूस किया है
तह्लील-ए-नफ़्सी
ज़हनी अमराज़ के ईलाज का एक ख़ास तरीक़ा जिस में ज़हनों के हैजान का मुशाहिदा-ओ-तहक़ीक़ की जाती है
दाख़िली-इदराक
अंतःप्रज्ञा, सहजबुद्धि, अंतर्ज्ञान, मनोभाव या बुद्धि जो बिना तर्क किए किसी बात को सही माने
दौरानी
(नफ़सियात) शख़्सियत की एक क़िस्म जिस का हामिल दौरा दिमाग़ के सबब बैरूननी मुहीज का जवाबी अमल करने वाला और ना उस्तिवार मिज़ाजी कैफ़ीयत का हामिल होता है, मज़बूत, परागंदा दिमाग़, एक मरीज़ा ना कैफ़ीयत जिस में बारी बारी से इंबिसात-ओ-अफ़्सुर्दगी के दौरे पड़ते हैं
नक़ाब-पोशी
(नफ़सियात) निक़ाब पोशी वो इस्तिलाही नाम है जो इस जाने पहचाने वाक़े को दिया गया है कि एक आवाज़ दूसरी आवाज़ को दबा देती है
नफ़्स-कोरी
(नफ़सियात) एक नफ़सियाती मर्ज़ जिस में मरीज़ बस्री अरतसामात से मुताल्लिक़ मानी समझने से क़ासिर रहता है ।।।।। जैसे हम चीनी ज़बान का छिपा हुआ काग़ज़ देखते हैं यानी अलफ़ाज़ तो हम को नज़र आते हैं मगर उन को समझ नहीं सकते
नफ़्स-तहलीली
(नफ़सियात) ज़हनी अमराज़ के ईलाज का एक ख़ास तरीक़ा जिस में ज़हनों के हैजान का मुशाहिदा-ओ-तहक़ीक़ की जाती है, तहलील नफ़सी-नफ़सी तहलील
नफ़्स-शा'इरा
(नफ़सियात) वो कैफ़यात जिन में इंसान अपने पूरे शऊर-ओ-इरादे से पूरा काम लेता है, नफ़स ज़ाती, शऊर, एहसास, इदराक
नफ़सियात-ए-इंशि'आबी
किसी अमल या सोरतहाल पर असर डालने वाले ज़हनी या नफ़सी अस्बाब का इलम, इलम-ए-नफ़्सीयात की एक शाख़
नफ़्सियाती-तज्ज़िया
मनुष्य की मानसिक गतिविधियों और कामों की जाँच-पड़ताल; किसी लेख या भाषण की मनोवैज्ञानिक समीक्षा
नफ़सियाती-पेचीदगी
दबे हुए ख़्यालात या एहसासात जो ग़ैरमामूली ज़हनी कैफ़यात या ग़ैरमामूली तर्ज़ अमल का सबब बिन जाएं, ज़हनी उलझन या मुश्किल, ज़हनी पेचाक (Psychological Complex)
नफ़सियाती-लज़्ज़तिय्यत
(मनोविज्ञान) एक पुराना दृष्टिकोण जिसके अनुसार हर क्रिया का स्रोत या प्रेरणा आनंद और दुख होते हैं
नुमाइशियत
दिखाने या नुमायां करने की हरकत या अमल , ख़ुद को अपनी हरकात से नुमायां करना, ख़ुदनुमाई, आत्मा प्रदर्शन , (नफ़सियात) जिन्सी मरीज़ का बे सत्तर और सर-ए-आम जिस्मानी नुमाइश का मरीज़ा ना रुजहान (Exhibitionism
नौमियत
(नफ़सियात) एक तरीका-ए-ईलाज जिस में मामूल पर नींद की हालत तारी की जाती है ये हालत एक आमिल या माहिर-ए-नफ़सीयत अपनी मुकम्मल तवज्जा और असर आफ़रीनी से मामूल में पैदा करता है मौजूदा दौर में उसे नौमीयत या हपनाटज़म का नाम दिया जाता है लेकिन इस से पेशतर इस का नाम मसमरीज़म था, अमल तनवीम (अंग : Hypnotism
फ़ौक़-ए-अना
फ़्रायड की खोज के अनुसार आदमी का व्यक्तित्व तीन प्रकार से कार्य करता है, उनमें से एक (Super-ego) (मनोविज्ञान)
मेकानिकी-नफ़सियात
(नफ़सियात) इलम-ए-नफ़्सीयात की एक शाख़ जो ज़हनी आमाल की तवज्जीया ख़ालिसता मीकानिकी तरीक़े से करती है और इस में तबीअई और कीमियावी उसूल से मदद लेती है
मुताल'अ-ए-औक़ात
(मनोविज्ञान) किसी विशिष्ट कार्य के लिए प्रदर्शन मानकों को निर्धारित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक या विधि
मंफ़ी-इंतिक़ाल
(मनोविज्ञान) जब एक कार्य का प्रशिक्षण दूसरे कार्य के प्रशिक्षण को कठिन बना देता है तो उसे नकारात्मक स्थानांतरण कहते हैं
मंफ़ी-तहरीस
(नफ़सियात) ऐसी फ़ालीत या सूरत-ए-हाल जो किसी शख़्स में मनफ़ी किरदार को उभारती और इस का रुख़ मुतय्यन करती है
मुवाज़ियत
बराबरी, मुसावात, मतावाज़ीत, (नफ़सियात) ये उसूल कि ज़हनी और जिस्मानी तरीक़ा हाय अमल लाज़िम-ओ-मल्ज़ूम होते हैं, एक बदलता है तो दूसरा भी इस के साथ बदलता है
मुश्किल-बच्चा
किसी न किसी को लगातार मुश्किल या घबराहट और परेशानी या झुंझलाहट में डालने वाला बच्चा, एक ऐसा बच्चा जिसका विशेष रूप से आत्म-नियंत्रण और विघटनकारी और असामाजिक व्यवहार की कमी के कारण, उठाना या शिक्षित करना मुश्किल हो
मशरूतिय्यत
क़ानून की पाबंद हुकूमत, जिस की पार्लीमैंट हो और जिस के उमूर में बाशिंदगान मुलक को दख़ल हो, पारलीमानी हुकूमत, आईनी हुकूमत
मसाकियत
मनोविज्ञान: एक प्रकार की लापरवाही (विशेषता यौन) जिसमें आदमी अपने आप को तकलीफ़ पहुंचा कर या अपमानित कर के स्वाद हासिल करता है
मोहतसिब
मुफ्ती, क़ाज़ी, शेख़, कोतवाल, मजिस्ट्रेट, लोकपाल, अकाउंटेंट बाज़ार में नाप-तौल पर नज़र रखने वाला अधिकारी, जांच करने वाला अधिकारी, वह जो लोगों के सदाचार आदि पर विशेष ध्यान रखता हो
यक-'ऐनी-बसारत
(नफ़सियात) एक आँख से देखना, एक आँख की बसारत या देखने की क़ुव्वत (अंग : Monocular Vision)
रूहानी-ज़ात
(नफ़सियात) इंसान की बातिन तरीन ज़ात जो उस की इजतिमाई ज़ातों के लियए मर्कज़ की हैसियत रखती है
ला-शु'ऊरियत
(नफ़सियात) नफ़सियात का ये तसव्वुर कि बहुत सी बातें इंसान के लाशऊर में पिनहां या महफ़ूज़ होती हैं, शऊर ना होने की हालत इलम ना होने की सूरत
वहदियत
वहदत की हालत, एक होने की स्थिति, यक्ता अर्थात एक होने का भाव, यगानगत अथवा (दर्शनशास्त्र) यह दृष्टिकोण कि हक़ीक़त बुनियादी तौर पर एक ही है और पदार्थ का प्रकट होना कोवल आँखों का धोखा है (कसरतियत का विलोम)
वहम
भ्रम,वस्वसा, शक, कल्पना, डर, ख़ौफ़, भय, शंका, संदेह, भ्रांति, मिथ्या, सोच, विचार, राय, समझ, एहतिमाल, गुमान
शक़्क़-ए-ज़ेहनी
(तिब्ब-ओ-नफ़सियात) एक ज़हनी मर्ज़ जिस में ख़्यालात, एहसासात और आमाल के दरमयान रब्त टूट जाता है और मरीज़ अक्सर वहमों में मुबतला रहता है
शरह-ए-ज़िहानत
वह अंक जो सामान्य बुद्धि के के अनुपात में किसी व्यक्ति विशेष की बुद्धि सूचित करे, बुद्धिलब्धि
शा'इर
कवि, शा'इरी करने वाला, वो व्यक्ति को किसी भावना, विचार या घटना पर प्रभावित तरीक़े से काव्य करने वाला
सफ़ाई
साफ़ होने की अवस्था या भाव, स्वच्छता, निर्मलता, मेल कुचैल दूर करना या होना, साफ़ करना या होना, झाड़ पूंछ, सुथरापा, कूड़े-करकट, मैल आदि से रहित करने या होने की अवस्था या भाव, जैसे-कपड़े, बरतन या मकान की सफाई
साबित-तसव्वुरात
(नफ़सियात) अंग्रेज़ी Fixed ideas का उर्दू मुतरादिफ़, ग़ैर मुतग़य्यर तसव्वुरात, ज़हन में जमे हुए ख़्यालात
हैजानी-सबात
भावनात्मक स्थिरता, भावनात्मक प्रतिक्रियाओं में स्थिरता, तेजी से मूड परिवर्तन की अनुपस्थिति के साथ
हरकत-ए-रज'ई
(नफ़सियात) वो ग़ैर शऊरी और ग़ैर इरादी हरकात या आमिल जो मुनासिब मुहीज मिलने पर ख़ुदबख़ुद सादर होते हैं, इज़तिरारी या इनइकासी हरकात, जैसे पलक का झपकना
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