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आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
दूध-शरीक बहन
ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन
"पौधा" टैग से संबंधित शब्द
"पौधा" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
अक़ाक़िया
(अंग्रेज़ी शब्द acacia से अरबीकरण) बबूल और कीकर की फलियों का उसारा या उन के पत्तों का निचोड़ जो बतौर दवा इस्तिमाल होता है (इस से चमड़ा भी दब्बाग़त किया जाता है)
अख्वा
पहली रोईदगी (जो बीज डालने के बाद ज़मीन को शगाफ़ता कर के नमूदार होती है), पौदे का वो सिरा जो ज़मीन को फाड़ कर पहली बार उभरता है
अजमोद
अजवायन की तरह का एक पौधा जिसके फल जो मसाले के काम आते हैं, बड़ा अजवाइन, अजमोदा, अजमोद, ( इसके बीज या दाने मसाले और ओषधि के काम आते हैं, यह अजीर्ण, संग्रहणी तथा शरीर की पीड़ा दूर करने के लिये प्रसिद्ध है)
अजमोद-ए-हिंदी
अजवाइन की तरह का एक पेड़ और उसका फल, भारत में पाया जाता है, इसके बीज या दाने मसाले और ओषधि के काम आते हैं, यह अजीर्ण, संग्रहणी तथा शरीर की पीड़ा दूर करने के लिये प्रसिद्ध हैं, बड़ी अजवाइन
अजमोदा
अजवाइन की तरह का एक पेड़ और उसका फल, भारत में पाया जाता है, इसके बीज या दाने मसाले और ओषधि के काम आते हैं, यह अजीर्ण, संग्रहणी तथा शरीर की पीड़ा दूर करने के लिये प्रसिद्ध हैं, बड़ी अजवाइन
अजवान
इसके बीज जिनमें एक विशेष प्रकार की महक होती है और जो स्वाद में तीक्ष्ण होते हैं, मसाले और दवा के काम आते हैं । भभके पर उतारने से बीज में से अर्क (प्रायः का पानी) और तेल निकलता है इसका प्रयोग हैजा, पेट का दर्द, बात की पीड़ा आदि में किया जाता है, उक्त पौधे के बीज, अजवाइन, जवायन, यवानी
अजवायन
इसके बीज जिनमें एक विशेष प्रकार की महक होती है और जो स्वाद में तीक्ष्ण होते हैं, मसाले और दवा के काम आते हैं । भभके पर उतारने से बीज में से अर्क (प्रायः का पानी) और तेल निकलता है इसका प्रयोग हैजा, पेट का दर्द, बात की पीड़ा आदि में किया जाता है, उक्त पौधे के बीज, अजवाइन, जवायन, यवानी
अड़ूसा
एक बूटी जिस का गाँठदार पौधा ऊँचा फूल सफ़ेद और पत्ते आम के पत्तों से मिलते-जुलते हों (सामान्यत: दवा में प्रयुक्त) एक प्रकार का पौधा जो मालाबार में पैदा होता है और दवाइयों में काम आता है
अफ़संतीन
ऊँची डंडी और बहुत सी पत्तियों का एक पौधा जिस का फूल बाबूना के रंग रूप में समान और जिस के मध्य स्पंद के जैसे तेज़ बू और कड़वे बीज होते हैं (दवा में प्रयुक्त)
अंबूती
एक बूटी जो ज़मीन पर बिछी होती है और जो आर्द्र क्षेत्रों और सायादार स्थानों में उगती है (मेथी पत्ते से कुछ मिलते जुलते, फूल छोटा, रंग चाँदी, पतली फली स्वाद तिखा
असगंद
उंगली के बराबर किसी क़दर बारीक अंदर बाहर सफ़ैद ज़रदी माइल एक जड़ का नाम (जिस में घोड़े के पसीने की सी बू होती और दवा में काम आती है)
'इल्म-उल-हयात
वह ज्ञान जो जीवित चीजों और जान-दारों (पौधों और जानवरों) के शरीर की संरचना और उसके विकास की चर्चा की जाती है, जीवशास्त्र, जीव-विज्ञान
कपूरी
एक प्रकार की बूटी जो पहाड़ों पर होती है, इसकी पत्तियाँ लंबी-लंबी होती हैं जिनके बीच में सफ़ेद लकीर होती है, इसकी जड़ में से कपूर की सी सुगंध निकलती है
करील
एक प्रकार की प्रसिद्ध काँटेदार झाड़ी जिसमें पत्ते नहीं होते, ऊसर और कँकरीली भूमि में होनेवाली एक कँटीली झाड़ी
कुल्फ़ा
एक प्रकार का साग जिसके पत्ते दलदार डंठल के पास नुकीले और सिरे पर चौड़े होते हैं, इसके पत्ते दो अंगुल लंबे और डंठल में दो आमने सामने लगते हैं, इसके फूल पीले रंग के होते हैं
काला-दाना
एक पौधे का बीज जो बरसात में होता है जिसकी लता घुमावदार होती है डालियाँ पतली और हरी होती हैं बीज काला होता है, इसका बीज एक आवरण में होता है और प्रत्येक आवर्ण के अंदर तीन बीज होते हैं
कासनी
एक हाथ-डेढ हाथ लंबा पौधा जिसकी जड़ और बीज औषधि में काम आते हैं और जिसके हरे पत्तों का रस दवा में पिया जाता है और यह आंतरिक सूजन में लाभदायक है
ख़ुरफ़ा
एक मशहूर साग जिसके पत्ते अंडाकार गोलाई लिए हुए मोटे हैं, शाख़ें हरी लालिमा लिए, तरी से भरी हुई और जल्द टूट जाने वाली होती हैं, इसके फूल सफेद और बीज काले रंग के होते हैं तरकारी के तौर पर खाने और दवाओं में भी काम आता है, पोई का साग
घुँगची
एक प्रकार की मोटी बेल जो प्रायः जंगलों में बड़ी-बड़ी झाड़ियों के ऊपर फैली हुई पाई जाती हैं, फूलों के झड़ जाने पर मटर की तरह की फलियाँ गुच्छों में लगती हैं जो जाड़े में सूखकर फट जाती हैं और जिनके अंदर के लाल-लाल बीज दिखाई पड़ते हैं, इनका सारा अंग लाल होता है केवल मुख पर छोटा सा काला छींटा रहता है जो बहुत सुंदर लगता है, सफ़ेद रंग की घुँगची भी होती है, जिसके मुँह पर काला दाग़ नहीं होता, मुलेठी या जेठी-मघु इसी घूँघची की जड़ है, इससे सोना तौला जाता है, रत्ती, लाल रत्ती, गुँगची
चागा
एक रोईदगी जो घीगवार की तरह होती है, पते किसी क़दर कम जोड़े और कम मोटे होते हैं, इस में कांटे नहीं होते और पत्तों की पुश्त पर लबमी लकीरें होती हैं और एक जड़ से कई जड़ें पैदा होती हैं मज़ा शीरीं और तल्ख़ होताहै, शागा
जल-पिप्पली
जलपीपल नामक ओषधि, इसका पेड़ खड़े पानी में उत्पन्न होता है, यह खाने में तीख़ी, कड़वी, कसैली और गुण में मलशोधक, दीपक, पाचक और गर्म होती है, इसे 'गंगतिरिया' भी कहते हैं
झाव
आमतौर पर गंगा और जमुना नदियों के तट पर उगने वाली एक झाड़ी जिसका उपयोग टोकरियाँ बनाने के लिए किया जाता है
तालमखाना
गीली ज़मीन या दलदलों के आस-पास होने वाला एक पौधा जिसकी पत्तियों का साग बनता है, एक प्रकार का पौधा जिसके बीज गोल तथा सफ़ेद होते हैं
दिगर-ज़वाजी
(नबातीयात) बेक़ाइदा बकचा-ए-गुल और डंठल रखने वाला (पौदा) , तना सिल्ली अमल में एक बैज़ कुरा का किसी नर अंसर से बारवर होना
दोज़ा
एक ख़ारदार पौदा नट की जिन्स का बीज हासिल किया जाता है, सुलह हुआ लिबास, सुमग लाख जो तलवार और चाक़ू के दस्ते बांधने के काम आता है
नुक़्ता-ए-तमास
(नबातीयात (पौदे में दो ख़लीयों को मिलाने वाला नुक़्ता जहां ज़वाजों से मिलाप कर के जोग बज़र्रा तैय्यार होता है उन के तमास पर की दीवार के जज़ब होजाने पर एक छोटी सी संजोग नली बनती है
नबातिया
किसी ख़ास अह्द या इलाक़े के नबातात (सबज़ीयां, जड़ी ुबोटयां, पौदे), नबातात का मजमूआ या फ़हरिस्त (अंग : Flora)
नाग-फनी
थूहर की जाति का एक पौधा जिसमें टहनियाँ नहीं होतीं, इस पौधे में साँप के फन के आकार के गूदेदार मोटे दल एक दूसरे के ऊपर निकलते चले जाते है
नाहम-तौलीदी
(नबातीयात) जिन में नर और माद्दा ज़वाजे ग़ैर यकसाँ तौर पर अमल करते हैं (पौदों के लिए मुस्तामल)
निकलना
अंदर या भीतर से बाहर आना या होना। निर्गत होना। जैसे-आज हम सबेरे से ही घर से निकले हैं। संयो॰ क्रि०-आना।-जाना।-पड़ना। मुहा०-(किसी व्यक्ति का घर से) निकल जाना इस प्रकार कहीं दूर चले जाना कि लोगों को पता न चले। जैसे-कई बरस हुए, उनका लड़का घर से निकल गया था। (किसी स्त्री का घर से) निकल जाना पर-पुरुष के साथ अनुचित संबंध होने पर उसके साथ चले या भाग जाना। (कोई चीज कहीं से) निकल जाना = इस प्रकार दूर या बाहर हो जाना कि फिर से आने या लौटने की संभावना न रहे। जैसे-गली, मुहल्ले या शहर की गंदगी निकल जाना।
नीम-तुफ़ैली
के द्वारा, (वनस्पति विज्ञान) जो किसी दूसरे पर किसी हद तक निर्भर रहे, (आमतौर पर) दूसरों से थोड़ा बहुत भोजन लेने वाला (पौधा आदि)
परजाता
मझोले आकार का एक पेड़ जिसमें शरद ऋतु में छोटे-छोटे सुगंधित फूल लगते हैं, हरसिंगार का फूल, हर-सिंगार, पारिजात
परदेसी
परदेस से संबंधित, ग़ैर मुल्की, ग़ैर मुलक का, बाहरी, अपना घर छोड़कर दूसरे शहर में रहने वाला, देस देस घूमने वाला, मुसाफ़िर, अन्यदेशीय, अजनबी, बाहर से आया हुआ
पैवंदी
(फल) पैवंद लगाकर पैदा किया हुआ, क़लम और पैवंद द्वारा बड़ा और मीठा बनाया हुआ, जो क़लमी हो (फल), क़लमी, जैसे: पैवंदी बेर, पैवंदी आम
बंदाल
देवदाली (एक लता जो देखने में तुरई की बेल से मिलती जुलती होती है), एक बेल जो किसी पेड़ पर पान के पत्ते की तरह उगती है, डोंगर फल
बलेला
बड़े माज़ू के बराबर इस से किसी क़दर बड़ा फल जिस का रंग ज़र्द या मटियाला और ज़ायक़ा तल्ख़ और कसैला होता है, इस फल का पोस्त बतौर दवा इस्तिमाल होता है उमूमन चूर्ण वग़ैरा में, बहेड़ा
भोजपत्र
ऊँचे पर्वतों पर होने वाला मझोले आकार के एक वृक्ष की छाल जो प्राचीन काल में ग्रंथ और लेख आदि लिखने के काम आती थी, जिसे हुक़्क़े की नाल पर लपेटा जाता था
मरवा
(संग-तराशी) बड़े-बड़े पत्थर का बना हुआ मेहराबदार फाटकों के किवाड़ की चूल का घर (भेद), बना हुआ पत्थर का तोड़ा अर्थात वो पत्थर का तोड़ा जिसमें फाटक के किवाड़ की चूल बनी हो
मोथा
एक प्रकार की घास जिसकी जड़ में से सफ़ेद-सफ़ेद ज्वार के बराबर मीठे दाने से निकलते हैं जिन्हें भून कर खाते हैं
यकबारा
(नबातीयात) यक समुरा, सिर्फ़ एक बार फल देने वला, एक बार बीच पैदा कर के ख़स्ता या ख़राब हो जाने वाला (पौदा)
यक-साला
एक साल का, एक साल की उम्र का, एक साल की आयुवाला, एक वर्ष में एक बार होनेवाला, एक वर्ष में समाप्त होनेवाला
हरसिंगार
मंझोले कद का एक प्रकार का पेड़ जो शरद ऋतु में फूलता है और वह बहुत सुगंधित होते हैं, तथा उसका फूल, पारिजात
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