"कृषि विज्ञान" टैग से संबंधित शब्द
"कृषि विज्ञान" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
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(कृषि) घासफूस हटाने या समेटने का एक औज़ार जिसमें चार दाँते और एक बेंट लगा होता है
फाँदी
गन्नों का गट्ठा या बंडल, एक में बँधे हुए बहुत से गन्नों का बोझ (प्रायः पचास से सौ तक)
अकराया
ज़मीन जो बीज डालने के लिए अच्छी न हो
अगात
(बुवाई या कटाई) जो नियत समय से पहले हो
अगोरिया
(कृषि) फ़सल की निगरानी करने वाला, चौकीदार
अगौरी
(कृषि) अग्रिम लगान जो किसान ज़मींदार को जेठ और आषाढ़ के महीनों में देता है
अजगर
एक बहुत बड़ा एवं मोटा साँप जो प्राणियों को निगल जाता है
अटाला
सामान; असबाब, ढेर, राशि, अंबार
अड्डा
पालतू परिन्दों के लिए घर या पिंजरे में लकड़ी या धातु की बैठक या छतरी.
अध-मरजाई
(कृषि) जो पानी की कमी के कारण विकसित न हो पाए या मुरझा जाए
अहीटा
(कृषि) खेत या खलिहान का रखवाला जो खेत की रखवाली से किसी वक़्त न हटे अर्थात किसी को अपना स्थान दिए बिना अपनी जगह न छोड़े
आब-काश्त
(कृषि) निर्धारित ढंग से शीशे के इस्तवानों में पानी भर के बीज बोना
आब-पाश
पौधों और टहनियों वग़ैरा पर छिड़काव करने वाला व्यक्ति
आबी-ज़मीन
(वर्षा या कुँए आदि के अतिरिक्त) नहर, नदी, तालाब आदि से जलथल की जाने वाली भूमि
इकवाही
: (घुड़सवारी) खोड़े घोड़े की एक नुमाइशी चाल जिस में वो उगला एक पैर उठा कर तीन पैरों पर कूदता हुआ चलता है
उकसना
निकलना, उगना, अंकुरित होना
उकसा
(कृषि) एक प्रकार का रोग जो पौधों को गला देता है और सानान्तया पानी की अधिक्ता से उत्पन्न होती है
उखटना
(कृषि) एक पौधा जो हिलने-डुलने, जड़ या सिरे से उखड़ने से खड़ा नहीं होता
उपट
(ज़राअत) पानी ख़ुशक होने के बाद सतह ज़मीन की तड़ खिन्न
उलट-फेर
परिवर्तन;बदलाव, क्रांति, अदल-बदल, हेर-फेर, चाल बाज़ी, जालसाज़ी, दांव पेच, पेचीदगी
कन बटाई
(कृषि) फ़सल या पैदावार को अनुमान से भागीदारों में बाँटना
कुरंड
एक प्रकार का खनिज का पत्थर जो जमी हुई रेत की तरह कुछ कोमल होता है, यह कई रंगों में पाया जाता है, उसकी एक कृत्रिम प्रजाति भी होती है जो लाख और रेत इत्यादि से तैयार की जाती है, यह पत्थर नगीने इत्यादि के घिसने और छुरी और उस्तरे इत्यादि तेज़ करने के काम आता है
कुर्सी-नामा
ख़ानदान का शजरा, वंशवृक्ष, वशतालिका, वंशावली
कराह
(ज़राअत) एक किस्म का तख़्ता नुमा आहनी आला जिसे फेर कर ज़रई ज़मीन हमवार की जाती है
कँसुवा
(काशतकारी) जौ, ज्वार या गेहूँ के बीजों का नया फुटाव
काछ-पाछ
(कृषि) खेती की सुविधा के लिए बीज और क़लमें आदि
काँढ़
(ज़राअत) चिकनी मिटे का क़ताह-ए-अराज़ी जिस में संग रेज़ा ना हो (शुमाली हिंद में) दो आबे के इलाक़े की ज़मीन जो किस्म की पैदावार के लिए निहायत अच्छी है
काला-थोर
(ज़राअत) थौर की एक क़िस्म जिस में थौर के असर से कार्बोनेट बतौर सोडियम कार्बोनेट के ज़मीन के अंदर मौजूद होता है और फिर वो नामियाती माद्दे को हल कर लेता है और इस तरह ज़मीन स्याह नज़र आती है और कोई पौदा उगने के काबिल नहीं होता है
खेत निलाना
खेत को ख़ुद रौ घास से साफ़ करना, खेत में से जँगली बूटियाँ और घास निकालना
ख़ुद-तरद्दुद
(ज़राअत) वो ज़मीन जो पुश्तैनी ना हो और ख़ुद बराए काशत हासिल की हो
गंगाला
वह भूमि जहाँ तक गंगा के चढ़ाव का पानी पहुँचता है
गैंडा
खेत की ज़मीन समतल करने का लकड़ी का भारी बेलन
चक्कत
(काशतकारी) चक पर क़बज़ा करने का नज़राना जो मालिक को दिया जाए, चिकारा
चैल
ज़मीन जिस पर दो दफ़ा हल चला हो
चौमास
वर्षा से संबंधित, वर्षाऋतु के चार महीने-आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, और आश्विन
चौरस-ज़मीन
चारों दिशाएँ अर्थात सब ओर से समतल ज़मीन भरने और काटने की आवश्यकता के बिना एक वर्ग क्षेत्र, चौरस खेत जिसमें भराव और कटाव की आवश्यक्ता न हो
छिड़काव
जल या कोई तरल पदार्थ छिड़कने की क्रिया या भाव
ज़िरा'अती-बैंक
वो विशेष बैंक जो खेती-बाड़ी के लिए किसानों को ऋण देते हैं, कृषि बैंक
टरकनी
(कृषि) ईख या गन्ने की दूसरी बार की सिंचाई
ढैंचा
(कृषि) गर्मी के मौसम का बहुत उपयोगि फलीदार पौधा (चारा के रूप में उपयोगित)
तड़क
(ज़राअत) कपास के फूल का क़बल अज़वक़्त खुलना जिस से कपास की पैदावार पर असर पड़ता है
ताबी
(ज़राअत) आही के बिलमुक़ाबिल, वो ज़मीन जिस में झीलों तालाबों नहरों वग़ैरा से आबपाशी ना होती हो
तिकार
खेत की तीसरी जुताई, तीन बार हल चलाना
देव-धन
देवता के निमित्त उत्सर्ग किया गया या अलग निकाला हुआ धन
दामी-वासिलात
किसी गाँव की कुल आय और उत्पादन के व्यय इत्यादि का अनुमान, किसी गाँव की कुल आय का जोड़, गाँव का कुल लगान
दो-साखी
(कृषि) एक वर्ष में दो फ़सलों की उपज, दो फ़सलों वाली ज़मीन, वह ज़मीन जिस के नीचे सख़्त ज़मीन और ऊपर रेत हो
नबाताती-माद्दे
(ज़राअत) कीड़े मकोड़े, कीचवे, च्यूंटीयां, चूहे वग़ैरा के मुर्दा अजसाम जो मिट्टी का जुज़ु बिन जाते हैं
निड़ाना
(कृषि) ख़ुद बढ़ने वाली घास या पौधे निकालना, निराई करना, निकाई करना, निराना
पट्टू
एक किस्म का गठीला ऊनी कपड़ा (जो ओवर कोट और पतलून या शेरवानी बनाने में या कम्बल के तौर पर इस्तिमाल होता है)
पट्टा करना
(ज़राअत) किसी काश्तकार या ठेकेदार को काशत की ज़मीन लगान या ठेके पर देना
पट्टा ख़ींचना
(कृषि) क्यारी की घेराबंदी करना, मुंडेर बाँधना
पटमी लगाना
(कृषि) गन्ने बोना, गन्ने के पोरों को (कृषि के लिए) ज़मीन में दबाना
पठार
(ज़राअत) ऐसा क़ताह-ए-आराज़ी जिस की सतह की मिट्टी के क़रीब चट्टान हो और बड़ा दरख़्त ना लग सके
पत्तल
(हिंदू) एक आदमी की ख़ुराक जो ब्याह या दूसरी तक़रीबात में तक़सीम की जाती है
पैसा चलना
(कृषि) क़र्ज़ा या लगान का रुपया वसूल होना
पाखर
उक्त झूल के वे भाग जो दोनों ओर झूलते रहते हैं।
पानी देना
मौत के बाद मरे हुए का नाम लेकर इस के वारिस का मुक़र्ररा रस्म के मुताबिक़ ज़मीन पर पानी बहाना
पानी पिलाना
सिंचाई करना, खेत में पानी देना
बखार
दीवार या टट्टी आदि से घेर कर बनाया हुआ गोल और विस्तृत घेरा जिसमें अनाज रखा जाता है, यह कोठिले के आकार का होता है पर इसके ऊपर पाट नहीं होता और यह बिल्कुल खुले मुँह का होता है, जिसे बंडा, बक्खर, बाखर, बखरी भी कहते हैं
बेंगत
किसान को बुवाई के लिए पहले से दिया जाने वाला अनाज
बढया
(खेती-बाड़ी) जौ और बाजरे की एक बीमारी जिससे इन दोनों की फसलें कम या बर्बाद हो जाती हैं
बदारी-कंद
एक प्रकार का कंद जिसकी बेल के पत्ते अरुई के पत्तों के समान होते हैं
बल्कट
एक किस्म का हुजरा या कशती
बाखली
गाय या भैंस जो पाँच महीने से गर्भवती हो या पाँच महीने पूर्व बच्चा दे चुकी हो
बाड़
(ख़ैयाती) टोपी वग़ैरा की दीवार
बाह
खेत जोतने की क्रिया, खेत की जुताई
बाहरा
(कृषि) वह व्यक्ति जो चरस का पानी खेत में डालने के लिए कुँवें के किनारे पर खड़ा रहता है
बिज-मार
(ज़राअत) वो ज़मीन जिस में बीज ना उगे और गुल सड़ कर ख़राब होजाए, तुख़्म सोख़्त
बोझ-बटाई
(खेती-बाड़ी) बटाई का एक तरीक़ा जिसमें अनाज के गट्ठे बना कर बाँटे जाते हैं, किसान और ज़मीनदार के बीच में अनाज के गट्ठरों की शकल में पैदावार का बँटवारा
भस्म
लकड़ी आदि के जलने पर बची हुई राख
मज़रू'
बोया हुआ, जोता हुआ, खेती किया हुआ अर्थात जिस वस्तु की खेती की जाये
मुफ़स्सलात
किसी नगर के आस-पास की छोटी आबादियाँ, गाँव, खेत, देहात और क़स्बा आदि
मैरा
खेती: ऐसी ज़मीन जिसमें मिट्टी और रेत के कण बराबर हों (कपास आदि के लिए उपजाऊ समझी जाती है)
मैला
रुक: मेला, (ज़राअत) कूड़ा क्रिकेट, गंदगी वग़ैरा जो खाद में मिलाई जाती है
महसूली
(कृषि वो भूमी जिसकी सरकार में मालगुज़ारी अदा की जाती है, वह भूमि जिस पर लगान देना पड़ता हो, ख़राजी
मारू
(मूसीक़ी) सिरी राग की एक रागिनी जो अगन और बोस में तीसरे पहर गाई जाती है
मियाना
(चिनाई) किसी जगह को बीच से तक़सीम करने का अमल
रेत्वा
(कृषि) ऐसी भूमि जिसकी मिट्टी में रेत की मात्रा अधिक हो और पानी जल्दी बहुत नीचे उतर जाए, भूड़, रेतुआ
रूनी
(ज़राअत) ती्यार फ़सल को पानी लगाने का अमल जिस के बाद दूसरी ब्वॉय तक ज़मीन की नमी बाक़ी रहती है
राजा-हल
(ज़राअत) एक बड़े हल का नाम जो ज़्यादा गहराई हासिल करने के लिए इस्तामाल क्यू जाता है
राब
(ज़राअत) वो क़ता ज़मीन जो ख़ुद रो घास जला कर फ़सल के लीए तैय्यार की जाये
लठ-मार
जिसमें नम्रता, शालीनता, सौजन्य आदि का पूर्ण अभाव हो, (व्यक्ति) जो बहुत बड़ा उजड्ड और उद्दंड हो, कठोर, कड़ा
सुहुक़
(ज़राअत) दरख़्त-ए-ख़ुर्मा की एक क़िस्म जो दराज़ क़ामत हो
सहता
कृषि: चरखे के किनारे पर एक लकड़ी सवा बित्ते की लंबी और पौन बित्ते की ऊँची गाड़ी जाती है उसको सहता कहते हैं
सादिर
जारी , नाफ़िज़ (क़ानून हुक्म वग़ैरा)
सीलाई
(कृषि) एक कीड़ा होता है जो अनाज की बालियों या गन्ने को ख़राब करता है
हरकारा
संदेशवाहक, दूत, चिट्ठी पत्री ले जाने वाला, सँदेसा ले जाने वाला, डाकिया, धावक, चपरासी, पियादा, अर्दली, जासूस, मुख़्बिर
हल
ज़मीन नापने का पूरानी चाल का लट्ठा, ज़मीन नापने का लट्ठा
हलवाही
वह पैसा जो ज़मींदार कृषक को उधार दे बिना लाभ के और बिना कोई काम लिए हुए