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"कुछ न कुछ" शब्द से संबंधित परिणाम
कुछ न कुछ कहना
कोई बे-तुकी बात कहना, झूटी सची्य लगाना, लगाई बुझाई करना
कुछ न कुछ हो रहना
۔تھوڑی بہت کامیابی ہونا۔ ؎
कुछ न कुछ कह बैठना
कोई बे-तुकी बात कहना, झूटी सची्य लगाना, लगाई बुझाई करना
कुछ न किया
कोई काम न किया, कुछ भी नहीं किया, कोई उपाय न की, कोई प्रतिक्रिया नहीं की
कुछ न चली
۔زور نہ چلا۔ قابو نہ چلا۔ ؎
कुछ न निकला
۔بالکل ناکارہ اور نالائق ہوا۔ ؎
कुछ न पूछो
ये बात जवाब देने के काबिल नहीं, गफ़ती बात है, कुछ कहने का मुक़ाम नहीं
कुछ न निकलना
बेकार होना , ढोल का पोल होना , नाकारा साबित होना
कुछ न पूछ
ये बात जवाब देने के काबिल नहीं, गफ़ती बात है, कुछ कहने का मुक़ाम नहीं
कुछ न सुनना
किसी बात पर तवज्जो न देना, बात न मानना, अमल या पालन न करना
कुछ न उखाड़ना
۔ذرا صدمہ یا نقصان نہ پہونچانا۔ قابو نہ چل سکنا۔ ؎
خلاف تہذیب ہونے کی وجہ سے فصحا پشم کا لفط محذوف کرکے بولتے ہیں۔
कुछ न पूछिए
۔۱۔کہنے کی بات نہیں۔ قابل اظہار نہیں۔ جو جو تکلیفیں اس سفر میں ہوئی ہیں کچھ نہ پوچھو۔ ۲۔ تعریفب کے لئے۔ ؎
कुछ भी न हुआ
मतलब हासिल ना होना , कुछ हाथ ना आया
कुछ बन न पड़ना
कोई बात ना बनना , कोई तदबीर कारगर ना होना , कुछ और समझ में ना आना
कुछ भी न देना
ज़रा सी चीज़ ना देना , बिलकुल महरूम रखना
कुछ ज़ोर न चलना
बस ना चलना , काम बन ना पड़ना
कुछ न बन पड़ना
कुछ समझ में ना आना , कोई तदबीर ना सूझना, कोई हर्बा कारगर ना होना
कुछ न उखाड़ सकना
۔ذرا صدمہ یا نقصان نہ پہونچانا۔ قابو نہ چل سکنا۔ ؎
خلاف تہذیب ہونے کی وجہ سے فصحا پشم کا لفط محذوف کرکے بولتے ہیں۔
मुँह से कुछ न फूटना
(उपेक्षा की दृष्टी में) शांत रहना, कुछ न कह सकना
मुँह से कुछ न निकालना
कुछ ना कहना, बिलकुल चुप रहना
दिल में कुछ न आया
तरस नहीं आया, ईश्वर का भय पैदा नहीं हुआ
आँख से कुछ न सूझना
आँखों के सामने अँधेरा छा जाना, कुछ भी न देख पाना (किसी विशेष स्थिति की गंभीरता के कारण)
मुँह पर कुछ न कहना
سامنے کچھ نہ بولنا، زبان پر کچھ بھی نہ لانا
कुछ छीन झपट न की
बेहस और तकरार न की, हुज्जत न की
कमर में कुछ न होना
۔(دہلی) مذکر۔ کمر باندھنے کا تسمہ۔ چمڑے کا تنگ۔
कुछ पल्ले न पड़ना
fail to understand anything
कुछ तुम ने समझा, कुछ हम ने समझा, औरों को ख़बर न हुई
किसी बात का तुम्हें ख़याल हुआ किसी बात का हमें, इस प्रकार बात बन गई
कुछ करते बन न पड़ना
कोई उपाय कारगर न होना, कोई काम न हो सकना
कुछ न कहना
۔طرح دے جانا۔ خاموش رہنا۔ ؎
कुछ न जाना
कुछ ना बिगड़ना , कोई नुक़्सान ना होना
कुछ न चलना
बस ना चलान, बे-अख़्तियारी का आलम होना, पेश ना जाना , मकर-ओ-फ़रेब का असर करना
कुछ न ठहरना
फ़ैसला ना होना, बात ना बनना
सब कुछ गया मियाँ की टख़-टख़ न गई
कंगाल हो गए परंतु शेख़ी न गई
वो भी कुछ ऐसा तो न था
वह भी मज़बूत और हौसले वाला था, वह कोई ऐसा बुरा न था अथवा इतना अच्छा तो न था
कुछ बन न आना
कोई बात ना बनना , कोई तदबीर कारगर ना होना , कुछ और समझ में ना आना
कुछ आवे न जावे
अयोग्य है, निकम्मा है, काम से परिचित नहीं
सब को कहो , मेरी ज़हूरन को कुछ न कहो
कोई औरत नसीहत पर नाराज़ हो जाये तो कहते हैं कि ये बहुत नाज़ुक मिज़ाज औरत है
ता'वीज़-गंडे के भरोसे पर न रहना कुछ कमर का भी ज़ोर लगाना
काम मेहनत से होता है, ख़ुद भी प्रयास करना चाहिए, केवल भरोसे पर नहीं रहना चाहिए
कुछ आता है न जाता है
नालायक़ है , निकम्मा है , किसी काम का नहीं
झूटे की कुछ पत नहीं सजन झूट न बोल, लख-पति का झूट से दो कौड़ी हो मोल
झूठे का कोई सम्मान नहीं होता
झूटे की कुछ पत नहीं सजन झूट न बोल, लख-पति का झूट से दो कौड़ी का हो मोल
झूठे का कोई सम्मान नहीं होता
उत औखद कुछ काम न आवे, मौत पकड़ जी जिस का लेवे
मौत का कोई उपचार नहींं, मौत के आगे छोटे-बड़े किसी की नहीं चलती